Yashwant Singh : पहले वो पुलिस के पक्ष में बोलते दिखाते रहे क्योंकि पुलिस ने उन्हें पुचकारा था, अपने घेरे में रखते हुए आगे बढ़ाकर बबवा को बुरा बुरा कहलवाया दिखाया था… जब पुलिस को लगा कि भक्तों-समर्थकों को लतिया धकिया मार पीट तोड़ कर अंदर घुसने और बबवा को पकड़ कर आपरेशन अंजाम तक पहुंचाने का वक्त आ गया है तो सबसे पहले पुचकार के मारे तोते की तरह पुचुर पुचुर बोल दिखा रहे ‘मीडिया मीठूओं’ को लतियाना लठियाना भगाना शुरू किया ताकि उनके आगे के लतियाने लठियाने भगाने के सघन कार्यक्रम के दृश्य-सीन कैमरे में कैद न किए जा सकें… ये सब प्री-प्लान स्ट्रेटजी थी. सत्ताधारी राजनीतिज्ञों से एप्रूव्ड.
मोदी और भाजपा के बारे में दिखाते बताते जयगान करते कराते बेचारे इतने तल्लीन-लीन थे कि इन्हें तनिक अंदाजा भी न था कि मोदी-बीजेपी की कोई सरकार उन पर इस तरह जुलूम ढहवा सकती है… जब पिट पिटा कर बहुत दूर खदेड़ दिए गए तो एकाध घंटे अपने-अपने चैनलों पर अपना अपना जख्मी थोबड़ा टूटा-पिटा कैमरा आदि इत्यादि दिखाते गरियाते रहे और चौथा खंभा का नाम ले लेकर खंभे नोचने सा माहौल बनाते रहे लेकिन यह सब देर तक चल न सका… चुनावी मालपुआ से अभी तक घर उदर तर रखे हुए मालिकों ने कैमरों का मुंह ‘मीडिया मीठूओं’ के चीत्कार से हटवा कर आस्ट्रेलिया की तरफ करा दिया और इस प्रकार एक बार फिर से नमो-नमो जय-जय मोदी गान चालू हो गया… क्रिकेट, स्टेडियम और मोदी के मिक्सचर को मिलाकर सब फिर लाइव परोसने लगे… बेचारे हिसार वाले मीडिया मीठू.. वे अब भी सहला सेंक रहे हैं अपना-अपना अगवाड़ा-पिछवाड़ा… http://goo.gl/tzNxVl
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.