Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

कोरोना से मरे पत्रकारों को सरकारी मदद दिए जाने के प्रचार के पीछे का सच जानिए

संजय कुमार सिंह-

हींग लगी ना फिटकिरी पत्रकारों को प्रचारक बना लिया, साथी पत्रकारों के लिए काबिल पत्रकार भी प्रचारक बने हुए हैं

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रकार साथी जोर-शोर से यह सूचना साझा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने कोरोना के कारण असामयिक मृत्यु के शिकार हुए देश भर के पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की विशेष मुहिम शुरू की है। तमाम नामी-गिरामी और जिम्मेदार पत्रकार साथी ऐसे पत्रकारों की सूचना मांग रहे हैं, इकट्ठा कर रहे हैं ताकि मृतक पत्रकार के परिवार के राहत दिलाई जा सके। कहने की जरूरत नहीं है कि सूचना के साथ उक्त पत्रकार की मृत्यु कोरोना से हुई है, उसका सर्टिफिकेट, पत्रकार होने का पहचान पत्र और परिवार आय प्रमाण पत्र भी भेजा जाना है।

मांगी गई सूचनाओं से जाहिर है कि यह रिटायर पत्रकारों के लिए नहीं है (पत्रकार होने का सबूत कहां मिलेगा?) फ्रीलांसर के लिए नहीं है (प्रकाशित लेख प्रमाण माना जाएगा? फ्रीलांसर के पास और क्या सबूत हो सकता है), प्रेस क्लब के सदस्यों और पार्ट टाइम पत्रकारों के लिए नहीं है जो ठेकेदारी भी करते हैं। किसके लिए है यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है। सरकार चाहे तो पीआईबी के मान्यता प्राप्त या राज्य सरकारों से लेकर नगर निगम तक के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सहायता-सुविधा दे सकती है और सूचना सीधे उन्हें भेजा जा सकता है। व्हाट्सऐप्प ग्रुप सिर्फ अफवाह फैलाने और फॉर्वार्ड करने के लिए नहीं होता है। ऐसे में पत्रकार की परिभाषा स्पष्ट किए बगैर सूचना मांगना सहायता देने की योजना का अच्छा प्रचार है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुझे लगता है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए ऐसे सूचना मांगने की जरूरत नहीं है और अगर यह स्ट्रिंगर के लिए है तो अखबारों / चैनलों से मृत और पात्र पत्रकारों की सूचना मांगी जा सकती है। सरकार ने तो कितनी गंभीरता से मांगी है यह मैं समझ रहा हूं पर साथी पत्रकारों की गंभीरता चौकाने वाली है। आम परिभाषा में मान्यता प्राप्त पत्रकार के अलावा पत्रकार वही है जो नौकरी में है या स्ट्रिंगर है। नौकरी वालों को उसकी कंपनी को मुआवजा देना चाहिए। साथी पत्रकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए पर पहले के कई मामलों में नहीं हुआ है और अब सरकार ने साथियों को दूसरे काम में उलझा दिया है।

बात इतनी ही नहीं है। जीवन भर शोषण के शिकार स्ट्रिंगर और कॉलम सेंटीमीटर या मिनट-आयटम के हिसाब से पैसे पाने वाले ‘पत्रकार’ के कोरोना से मर जाने के बाद भारत सरकार उसके परिवार को क्या सहायता देगी यह पता नहीं है। पर भोले पत्रकार साथियों के शुभचिन्तक लगे हुए हैं। संबंधित नोटिस में इसका कोई जिक्र नहीं है। दिलचस्प यह भी है कि संबंधित पत्रकार के परिवार के आय का प्रमाणपत्र या आयकर रिटर्न भी मांगा गया है। इसमें परिवार की भी परिभाषा तय नहीं है। यह सूचना कब जारी हुई, कब तक आवेदन करना है और किसने जारी की कोई विवरण नहीं है। ईमेल आईडी जी-मेल की है जबकि गैर सरकारी पीएम केयर्स का तामझाम आप जानते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत में ठीक-ठाक नौकरी करने वाले हर आम और खास को मेडिकल सुविधा मिलती है। कोविड से मरने वालों का सरकार हिसाब रख रही है और इसमें पेशे की दी गई जानकारी पर भरोसा नहीं करके अलग से आवेदन मांगा जा रहा है। अगर परिवार का आय विवरण (आईटीआर) मांगा जा रहा है तो क्या मृतक की पत्नी, बच्चों के साथ माता-पिता भाई बहन का भी विवरण देना होगा। कमाने वाले बच्चों के माता-पिता पत्रकार को यह सुविधा मिलेगी कि नहीं बिना बताए जानकारी मांगने और साथी पत्रकारों द्वारा इकट्ठा करने का क्या मतलब है?

कुल मिलाकर, यह प्रचारकों की सरकार की ओर से फेंका ‘दाना’ है और पत्रकारों को तरह-तरह से बधिया कर चुकी सरकार ने इस सूचना के जरिए (जो बिल्कुल गंभीर नहीं है) पत्रकारों को व्यस्त रखने के साथ भक्ति मार्ग पर बढ़ने के लिए दाना डाला है। बहुत सारे लोग दाना चुग भी रहे हैं। मरने वाले को कुछ मिले या नहीं। पत्रकारों के हित में कदम उठाने के लिए सूचना मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद भी दिया जा रहा है। और माना जा रहा है कि दूर दराज के कस्बाई पत्रकारों, उनके परिजनों के लिए वाकई ये योजना वरदान साबित होगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक मित्र ने यह सुझाव भी दिया है कि सूचना आप के लिए हो सकता है महत्व की न हो, पर आपके शेयर करने से किसी एक जरूरतमंद पत्रकार साथी के परिजनों को भी योजना का लाभ मिलता है तो हमें आपको ज्यादा से ज्यादा शेयर/प्रसार करना चाहिए ताकि सब तक सूचना पहुंचे। बेशक यह सही है पर सरकार ने मुफ्त में कितने प्रचारक बनाए इसका हिसाब लगाना भी पत्रकारिता है। पर वह कौन करेगा?

https://youtu.be/Wm-MXlKWcSw
https://youtu.be/9FcX4cTg91o
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement