पत्रकार ने अमित शाह को मजीठिया वेज बोर्ड के सवाल पर घेरा तो बगले झांकने लगे

जयपुर में आज अमित शाह की प्रेस कांफ्रेंस में मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर कुछ पत्रकारों ने सवालों का ऐसा गोला दागा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बगले झांकने लगे और बड़ी बेशर्मी से अमित शाह ने कह दिया कि उन्हें मजीठिया वेजबोर्ड के बारे में कुछ नहीं मालूम। अमित शाह पर सवालों …

अमित शाह का केस लड़ ने वाला वकील सुप्रीम कोर्ट में जज बना, जिस जज ने शाह को बरी किया वह राज्यपाल बन गया

भारत में न्यायपालिका को लेकर बहस जारी है. सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने जो विद्रोह कर सुप्रीम कोर्ट के भीतर सब कुछ ठीक न चलने की जो बात कही है, उसके दूरगामी मायने निकाले जा रहे हैं. इसी दौर में कुछ लोगों ने कुछ घटनाओं की तरफ ध्यान दिलाया. जैसे अमित शाह का जो केस एक वकील लड़ रहा था, उसे सुप्रीम कोर्ट में जज बना दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने अमित शाह को बाइज्जत बरी किया, उसे रिटायरमेंट के बाद राज्यपाल बना दिया गया.

द वायर के खिलाफ स्टे लेने में जय शाह कामयाब, अब कोई कुछ न लिखे-बोले!

Om Thanvi : वायर, दायर और कायर… जय अमित शाह ने अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अनेक अतिरिक्त सिविल जजों में एक चौथे जज की अदालत में द वायर के ख़िलाफ़ दायर सिविल मुक़दमे में स्टे प्राप्त कर लिया है। कि वे रोहिणी सिंह वाली ख़बर के आधार पर आगे और कुछ किसी भी रूप में (प्रिंट, डिज़िटल, इलेक्ट्रोनिक, ब्रॉडकास्ट, टेलिकास्ट या किसी अन्य मीडिया में ख़बर, इंटरव्यू, बहस, टीवी परिचर्चा की शक्ल में, किसी भी भाषा में, न प्रत्यक्ष न अप्रत्यक्ष) मुक़दमे के अंतिम निपटारे तक कुछ भी नहीं लिखेंगे-बताएँगे।

एनडीटीवी और एबीपी न्यूज के अलावा बाकी सभी अखबार-चैनल करवा चौथ व्रत पर हैं!

Sheetal P Singh : सिर्फ एनडीटीवी और एबीपी न्यूज़ ही यह सूचना लोगों तकपहुंचा रहे हैं कि जय शाह की संपत्ति 16000 गुना बढ़ी| जबकि यह खुद जय शाह ने अपने रिटर्न में दाखिल किया है| बाकी सारे चैनल/ अखबारों के वेबपेज आज करवा चौथ के व्रत पर हैं!

अमित शाह की ओर से पीयूष गोयल ने ‘द वायर’ पर 100 करोड़ का आपराधिक मुकदमा ठोकने की बात कही

‘द वायर’ की पड़ताल ने कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक को हिला दिया है

Nitin Thakur : अमित शाह के बेटे की कमाई का हिसाब किताब जान लीजिए। जब आपकी नौकरियां जा रही थीं, तब कोई घाटे से 16 हज़ार गुना मुनाफे में जा रहा था। द वायर की पड़ताल ने कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक को हिला दिया है।

तुम्हारे पास रॉबर्ट वाड्रा है, हमारे पास जय शाह!

Atul Chaurasia : जिनको लगता है कि मोदीजी ने भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ सरकार दे रखी है देश को उसे अमित शाह के बेटे जय शाह का प्रकरण जानना चाहिए. साथ ही आनंदी बेन पटेल के बेटे और बेटी का भी मामला जोड़ लीजियेगा। पिछली सरकार में दामादों की चांदी थी इस बार गुजरातियों के हाथ सोना-चांदी है।

अमित शाह की संपत्ति और मीडिया का भय

Ravish Kumar : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति में तीन सौ फ़ीसदी की वृद्धि की ख़बर छपी। ऐसी ख़बरें रूटीन के तौर पर लगभग हर उम्मीदवार की छपती हैं जैसे आपराधिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की ख़बरें छपती हैं। कुछ मीडिया ने अमित शाह की ख़बर नहीं छापकर और कुछ ने छापने के बाद ख़बर हटा कर अच्छा किया। डर है तो डर का भी स्वागत किया जाना चाहिए। इससे समर्थकों को भी राहत पहुँचती है वरना प्रेस की आज़ादी और निर्भीकता का लोड उठाना पड़ता। जो लोग चुप हैं उनका भी स्वागत किया जाना चाहिए। बेकार जोखिम उठाने से कोई लाभ नहीं।

अमित शाह की संपत्ति और स्मृति इरानी की डिग्री वाली खबरें टीओआई और डीएनए से गायब!

Priyabhanshu Ranjan : स्मृति ईरानी भी कमाल हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव के वक्त अपने हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता B.A बताती हैं। 2017 के राज्यसभा चुनाव में अपने हलफनामे में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं। 2011 के राज्यसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने खुद को B. Com. Part 1 ही बताया था। बड़ी हैरानी की बात है कि 2004 में खुद को B.A बताने वाली स्मृति जी 2011, 2014 और 2017 में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं।

मीडिया हाउसों ने अमित शाह की 300 गुना संपत्ति बढ़ने वाली खबर डिलीट कर दी! (देखें मेल)

Sheetal P Singh : मीडिया दंडवत नहीं बल्कि “डागी” में बदल गया है. जी न्यूज़ चलाने वाले मैनेजमेंट को बाकायदा निर्देश मिले, जिसका उन्होंने बाकायदा पालन किया. बाद में सारे मीडिया ने किया.  निर्देश था कि काली दाढ़ी उर्फ़ अमित शाह की ३०० गुना संपत्ति वृद्धि की खबर तत्काल हर जगह (पोर्टल / टीवी आदि ) से हटा ली जाय.

अमित शाह की प्रेस कांफ्रेस में जूट बैग पाने के लिए भूखे नंगों की तरह टूट पड़े पत्रकार

Sandip Thakur : इन दिनों मोदी सरकार के तीन साल पूरे हाने के उपलक्ष्य पर जश्न का दौर चल रहा है। पीएमओ के निर्देश पर तमाम प्रमुख मंत्रालय के मंत्री और नेता अपन-अपने कामों के 3 साल का ब्यौरा देने के लिए संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं। आज यानी 26 मई को भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की प्रेस कांफ्रेंस थी। वहां मोदी सरकार की उपलब्धियों के बखान वाले उपहार को लेने की पत्रकारों में मची मारामारी के दृश्य पत्रकारिता की गिरती साख के प्रत्यक्ष गवाह थे। जूट के एक बैग जिसमें सरकारी घोषणाओं से भरे कुछ कागज और एलईडी बल्ब थे को हासिल करने के लिए पत्रकारों का हुजूम जिस तरह से एक दूसरे को धकिया मुकिया रहे थे उसे देख कर ऐसा लगा कि मानों भूखे-नंगों को खाने का पैकेट बांटने के लिए कोई गाड़ी आई हो।

बादशाह का शाह उर्फ पंचिंग बैग : इस ताजपोशी पर पुराने अध्यक्षों ने कसीदे क्यों काढ़े?

अमित शाह को दुबारा भाजपा अध्यक्ष बना दिया गया। यह क्या है? यह नरेंद्र मोदी की बादशाहत है। मोदी के बाद शाह और शाह के बाद मोदी याने मोदी की बादशाहत! अब सरकार और पार्टी, दोनों पर मोदी का एकाधिकार है। पार्टी-अध्यक्ष का चुनाव था, यह! कैसा चुनाव था, यह? सर्वसम्मत! याने कोई एक भी प्रतिद्वंद्वी नही। जब कोई प्रतिद्वंद्वी  ही नहीं तो वोट क्यों पड़ते? यह बिना वोट का चुनाव है। देश की सारी पार्टियों को भाजपा से सबक लेना चाहिए। याने कांग्रेस-जैसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को भी! अभी तो अमित शाह अधूरे अध्यक्ष थे। देर से बने थे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बने थे। उस समय के अध्यक्ष थे, राजनाथसिंह, जिनके नेतृत्व में मोदी जीते और प्रधानमंत्री बने।

पेशे व योग्यता से शेयर ब्रोकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भावनाओं से खेलने में उस्ताद हैं

Anil Singh :  राजनीति के दल्ले कहीं के! संसदीय राजनीति हो या मकान की खरीद, शेयर बाज़ार या किसी चीज़ की मंडी, दलाल, ब्रोकर या बिचौलिए लोगों की भावनाओं को भड़काकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। राजनीति में सेवा-भाव ही प्रधान होना चाहिए था। लेकिन यहां भी भावनाओं के ताप पर पार्टी या व्यक्तिगत स्वार्थ की रोटियां सेंकी जाती हैं। इसीलिए इसमें वैसे ही लोग सफल भी होते हैं।

‘आप’ को जिताने में जुटा है ‘आजतक’ : अमित शाह

अब तक आरोप यह लगता रहा है कि 90 फीसदी न्यूज चैनल भाजपा के पैरोल पर चल रहे हैं लेकिन अमित शाह ने ‘आजतक’ पर आरोप लगाया है कि वह ‘आप’ को जिताने में मदद कर रहा है. इस आरोप से संबंधित खबर प्रभात खबर और टाइम्स आफ इंडिया में छपी है. पटना डेटलाइन से प्रभात खबर और टीओआई की खबर यूं है….

रायपुर महोत्सव : रमन सिंह बोले- ये मेरे 11 साल पूरे होने का जलसा, अमित शाह बोले- बीजेपी सरकार ने खूब काम किया

Sharad Shrivastav : बीजेपी सरकार ने रायपुर मे हिन्दी साहित्य के एक उत्सव कराया है। रमण सिंह सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मे रायपुर साहित्य सम्मेलन रचाया गया है। इस सम्मेलन मे बहुत से मूर्धन्य साहित्यकार शामिल होने गए हैं, और बहुत से बड़े साहित्यकारों ने बुलावे के बावजूद शामिल होने से इंकार किया है। ये भी पता चला है की साहित्यकारों को उनकी हैसियत के मुताबिक आने जाने का किराया और शामिल होने की फीस भी दी गयी है। इस सम्मेलन के उदघाटन मे रमण सिंह और अमित शाह दोनों थे। हिन्दी के विद्वान लोग इसलिए गए थे की वो रमण सिंह सरकार का प्रतिकार करेंगे, मंच से उनके खिलाफ साहित्य के माध्यम से आवाज उठाएंगे। लेकिन रमण सिंह और अमित शाह ने मामला पलट दिया। उदघाटन भाषण मे इस समारोह को रमण सिंह ने अपने 11 साल पूरे होने का जलसा बना दिया और अमित शाह ने बीजेपी सरकार की उपलब्धि बताने का जरिया।

सहारा की लाल डायरी में अमित शाह का नाम!

तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम सहारा की डायरी में पाए जाने पर संसद भवन के गेट पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया. तृणमूल ने यह मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया. तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय से बरामद एक लाल डायरी में अमित शाह का नाम शामिल है. रॉय को 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी भी जेल में हैं. राज्यसभा की बैठक शुरू होने के साथ ही तृणमूल सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा उठाया और सहारा घोटाले में अमित शाह के खिलाफ सीबीआई जांच को लेकर चर्चा कराने की मांग की. सदस्यों ने अमित शाह से संबंधित सहारा की प्रतीकात्मक लाल डायरियां भी लहराई.

आईआईएमसी से निकलते ही होनहार पत्रकार हिमांशु ने ‘सही’ समय पर ‘सही’ कदम उठा लिया!

Abhishek Srivastava : स्‍वागत कीजिए Indian Institute Of Mass Communication(IIMC) से निकले इस होनहार पत्रकार Himanshu Shekhar का, जिसने ‘सही’ समय पर ‘सही’ कदम उठाते हुए पूरे साहस के साथ ऐसा काम कर दिखाया है जो अपनी शर्म-लिहाज के कारण ही सही, बड़े-बड़े पुरोधा नहीं कर पा रहे। मैं हमेशा से कहता था कि संस्‍थान में पत्रकारिता के अलावा बाकी सब पढ़ाया जाता है। बस देखते रहिए, और कौन-कौन हिंदू राष्‍ट्र की चौखट पर गिरता है।

हिमांशु शेखर की किताब ‘मैनेजमेंट गुरु नरेंद्र मोदी’ का विमोचन अमित शाह ने किया

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने डायमंड बुक्स से प्रकाशित हिमांशु शेखर की पुस्तक ‘मैनेजमेंट गुरु नरेंद्र मोदी’ का विमोचन किया. इस मौके पर श्री शाह ने ऐसी पुस्तक के प्रकाशन के लिए डायमंड बुक्स के निदेशक श्री नरेंद्र वर्मा को बधाई दी और कहा की आप आगे भी ऐसी पुस्तकों का प्रकाशन करें. अमित शाह ने कहा की यह एक ऐसी पुस्तक है जिसमें उनके मुख्यमंत्री  के कार्यकाल के अलावा बतौर प्रधानमंत्री  के कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए कार्यों का विस्तार से उल्लेख है. इन सबको उनके प्रबंधकीय कौशल के दृष्टिकोण से समझने की कोशिश की गई है. इस किताब का एक मकसद यह भी है कि लोगों के सामने उन बातों को लाया जाए, जो नरेंद्र मोदी से सीखी जा सकती हैं.