राणा यशवंत टीवी न्यूज इंडस्ट्री में पहले ऐसे मैनेजिंग एडिटर होंगे जिनकी रची ग़ज़लों का एलबम आ रहा है. राणा यशवंत इंडिया न्यूज चैनल में मैनेजिंग एडिटर पद पर कार्यरत हैं. राणा यशवंत टीवी न्यूज इंडस्ट्री में एक अलग मायने का नाम है. अलग सोच, अलग तबीयत, अलग फलसफा और कुछ अलग करने की धुन. …
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यूपी के इस सीनियर IAS अफसर को संगीत से है बेहद प्रेम, सुनिए ये ताजी पेशकश
नाम है डा. हरिओम. यूपी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं. पैशन है गायकी, संगीत, सुर, लय और ताल. कई एलबम आ चुके हैं. इनकी लिखी एक ग़ज़ल अभी हाल में ही इन्हीं की आवाज़ में संगीत प्रेमियों के सामने आई है जिसे बेहद पसंद किया जा रहा है.
सलिल सरोज की रचना पढ़ें- ”क़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा…”
क़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा अपनी बेबसी पर दिन-रात रोता रहा ।।1।।
सुदीप-आलोक का ‘नूर’ मुंबई में रिलीज़
‘नूर’ के साथ जुड़ी हैं कई नई बातें… नए दौर के ग़ज़ल-गायक सुदीप बनर्जी और कवि-पत्रकार आलोक श्रीवास्तव का नया ग़ज़ल सिंगल ‘नूर’ मुंबई में रिलीज़ हुआ. ए ग्रांड ग़ज़ल फ़ेस्टिवल ‘ख़ज़ाना’ में इस एलबम को ग़ज़ल-सम्राट पंकज उधास, तलत अज़ीज़ और गायिका रेखा भारद्वाज ने रिलीज़ किया.
पहले तो तू मेरी आँखों का पानी भी पढ़ लेता था….
-सलिल सरोज- क्या हुआ ऐसा कि इस कदर बदल गया है तू पहले तू मेरी आँखों का पानी भी पढ़ लेता था
प्रताप सोमवंशी के सौ शेर : एक पत्रकार का शायर बन जाना…
अम्मा भी अखबार के जैसी रोज सुबह
पन्ना-पन्ना घर भर में बंट जाती हैं
ये दो लाइनें किसी का भी मन बरबस अपनी ओर खींचने को काफी हैं। कितनी गहराई है इन दो लाइनों में। कोई गंभीर पत्रकार जब शायर या गज़लकार के रूप में सामने आता है तो कुछ ऐसे ही गजब ढाता है। गजल, शायरी में अपनी अलग किस्म की पहचान रखने वाले प्रताप सोमवंशी के सौ शेर प्रकाशित हुए हैं।
योगी को जेल भेजने वाले आईएएस अधिकारी हरिओम पर आज उनका ही अपना एक गाना एकदम फिट बैठ रहा
म्यूज़िक कंपनी ‘मोक्ष म्यूज़िक’ और संगीतकार राज महाजन के करीबी माने जाने वाले आईएएस अधिकारी डॉ. हरीओम से ऐसी क्या गलती हुई जिसका हर्जाना उन्हें आज 10 साल बाद भरना पड़ रहा है? आज के हालातों में गाया हुआ उनका अपना ही गाना ‘सोचा न था, जाना न था, यूँ हीं ऐसे चलेगी ज़िन्दगी’ उन पर एक दम सूट कर रहा है. आज से दस साल पहले IAS अधिकारी डॉ. हरीओम ने सांसद ‘योगी आदित्यनाथ को भेजा था जेल. बस… यही थी उनकी खता जिसे आज वह भुगत रहे हैं.
आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम ने रिकॉर्ड किया नया गाना ‘मजबूरियां’
आई.ए.एस डॉ. हरिओम एक बेहतरीन सिंगर होने के साथ-साथ कमाल के साहित्यकार भी हैं. कहा जाता है कि, कला की कोई सीमा नहीं होती और इसी सार्थक करते हुये डॉ हरिओम का एक छुपा रूप सबके सामने आ गया या यूँ कह लीजिये कि, अब पूरी दुनिया इनके साहित्यिक और गायक रूप को देख और सुन पायगी. हो सकता है निकट भविष्य में ये एक्टिंग में भी अपने हाथ अजमाते नजर आये. प्रशासनिक सेवा में कार्यरत होने के बाद भी एक इंसान में इतनी विविधताएं होना थोड़ा हैरत में डाल देता है. फिलहाल यहाँ हम बात कर रहे हैं उनके गायक रूप की. गाने का नाम है “मजबूरियां”. किशोर के लिखे इस गाने को संगीत से शानदार बनाया संगीतकार राज महाजन ने. एक इंसान में जीवन में क्या-क्या मजबूरियां हो सकती हैं जिनके चलते पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. इसी की झलक लिए यह गाना पछले दिनों रिकॉर्ड क्या गाया मोक्ष म्यूजिक में. राज महाजन के निर्देशन में गायक हरिओम की आवाज़ में ये गाना कुछ अलग ही बन पड़ा है.
गजलों की गूंज के बीच झांसी टाइम्स की रंगारंग लांचिंग
उरई (उ.प्र.) : बुन्देलखण्ड का पहला न्यूज पोर्टल झांसी टाइम्स रविवार को झांसी के मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित रंगारंग समारोह में लांच कर दिया गया। इस अवसर पर मण्डल मुख्यालय के सैकड़ों की संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक सपरिवार उपस्थित थे। दैनिक जागरण झांसी के सम्पादक यशोवर्धन ने भी इस अवसर पर झांसी टाइम्स की सफलता की शुभकामनायें कीं।

25 नवम्बर नजीर बनारसी की जंयती पर : …हम अपना घर न जलाते तो क्या करते?
हदों-सरहदों की घेराबन्दी से परे कविता होती है, या यूं कहे आपस की दूरियों को पाटने, दिवारों को गिराने का काम कविता ही करती है। शायर नजीर बनारसी अपनी गजलों, कविताओं के जरिए इसी काम को अंजाम देते रहे है। एक मुकम्मल इंसान और इंसानियत को गढ़ने का काम करने वाली नजीर को इस बात से बेहद रंज था कि…