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घुमंतू की डायरी अब बंद हो गयी क्योंकि इसे लिखने वाला फक्कड़ पत्रकार 19 जनवरी-2018 की रात ना जाने कब दुनिया छोड़ गया। दिल...
Jayram Shukla : एक आम आदमी का जननायक बन जाना... श्रीनिवास तिवारी रीवा से लेकर भोपाल दिल्ली तक यथार्थ से ज्यादा किवंदंती के जरिए...
Raghvendra Dubey : शेखर! आप बहुत याद आएंगे... बहुत बाद में आत्मीय रिश्ते बने भी तो सेतु स्व. मनोज कुमार श्रीवास्तव थे। वही मनोज...
Dayanand Pandey : संस्मरणों में चांदनी खिलाने वाला रवींद्र कालिया नामक वह चांद... आज रवींद्र कालिया का जन्म-दिन है... 'ग़ालिब छुटी शराब' और इस...
स्वर्गीय संजय त्रिपाठी होते हैं कुछ लोग जो सिर्फ़ संघर्ष के लिए ही पैदा होते हैं। हमारे छोटे भाई और फ़ोटोग्राफ़र मित्र संजय त्रिपाठी...
Yashwant Singh : गांव आया हुआ हूं. कल शाम होते-होते बिग्गन महाराज के गुजर जाने की खबर आई. जिस मंदिर में पुजारी थे, वहीं...
बड़ी ही मजेदार थी दिनेश ग्रोवर की जिन्दादिली… बहुत साल पहले की बात है। वयोवृद्ध पत्रकार एवं कवि-लेखक इब्बार रब्बी राजेन्द्र यादव की साहित्यिक...
एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग या दुर्योग, जो कहिए... मेरे ज्यादातर प्रिय पत्रकारों का समुदाय धीरे-धीरे सिकुड़ता छोटा होता जा रहा है... दो-तीन साल के भीतर...
मैं बनवारी जी से मिलने साढ़े चार सौ किमी की यात्रा तय कर दिल्ली आ गया वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल जब से विजुअल मीडिया...