सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए नया कानून चाहता है. अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार मकसद अपमानजनक संदेशों के ऑनलाइन प्रसार के कारण सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकना है.
Tag: SupremeCourt
ट्राई से नया टैरिफ आदेश सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विवाद निपटान व अपीलीय ट्राइब्यूनल (टीडीसैट) के उस आदेश पर स्टे देने से मना कर दिया है जिसमें भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा की गई मुद्रास्फीति से जुड़ी 27.5 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि को खारिज कर दिया गया था।
धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट, शर्मनाक सुब्रतो रॉय !
आज देश की सर्वोच्च अदालत ने ठीक वही कहा, जो हम शुरू से कहते आ रहे हैं. सहारा के मालिक सुब्रतो रॉय की सबसे बड़ी धूर्ततापूर्ण बात तो यही थी कि इतनी बड़ी कम्पनी का मालिक होते हुए भी अपने आप को सहारा परिवार का मुखिया कहता था और पूरे साम्राज्य का मनचाहा इस्तेमाल करता था.
होशियार ! साजिश का शिकार हो सकता है मजीठिया मामला
भरोसेमंद सूत्रों से पता चला है कि मजीठिया मामले में गंभीर साजिश रची जा रही है। समझ में नहीं आ रहा है कि किस पर भरोसा किया जाए और किस पर नहीं। कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए अखबार मालिकों के हाथों की कठपुतली बने हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में भ्रम पैदा कर सकते हैं और मजीठिया का केस खराब कर सकते हैं।
मजीठिया वेतनमान की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 03 अगस्त को
मजीठिया वेतनमान की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। 03 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिससे सिद्ध हो जाएगा कि किसी भी प्रिंट मीडिया संस्थान ने मजीठिया वेतनमान नहीं दिया है। अब आगे का कार्य वकीलों की बहस पर टिका होगा।
भास्कर के सताए हुए और श्रम विभाग से निराश नरेंद्र सर्वोदयी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
भास्कर प्रबंधन से परेशान नरेंद्र सर्वोदयी ने भड़सा4मीडिया को लिखे पत्र में बताया है कि किस तरह से भास्कर प्रबंधन ने उन्हें मजीठिया वेतनमान न देने के उद्देश्य से भारत की सीमा पर बाड़मेर कर दिया। उन्होंने अखबार प्रबंधन की तानाशाही और आपबीती इस प्रकार बयान की है –
मजीठिया : सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चंडीगढ़ श्रम विभाग के होश फाख्ता
अपने हक के प्रति सचेत होने, उसके लिए उठ खड़े होने और अंतत: जंग-ए-मैदान में उतर पडऩे के दौरान जितने तरह के अनुभव होते हैं, हैरानियां होती हैं, चौंकाने वाले वाकये होते हैं, विस्मय होते हैं, जितने तरह की शंकाएं-आशंकाएं घेरती-उपजती-डराती-परेशान करती हैं, मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों के मुताबिक वेतन एवं सुविधाएं पाने-हासिल करने के लिए चल रही कानूनी लड़ाई ने हमें तकरीबन इन सबसे परिचित-अवगत करा दिया है। इसने, खासकर व्यवस्था के उन सभी रंग-रूपों को देखने का मौका मुहैया करा दिया है, जिसे पत्रकार होने के बावजूद अब तक हम उन लोगों की जुबानी सुनकर शब्दाकार देते रहे हैं जो भुक्तभोगी-पीडि़त होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का झटका, जेल से बाहर नहीं आ सके सुब्रत रॉय, जमानत पर फैसला सुरक्षित
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को गुरुवार को भी कोई राहत नहीं मिल पाई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद की जा रही थी कि उनको जमानत मिल सकती है, क्योंकि ज़मानत के लिए पांच हज़ार करोड़ रुपये कैश और पांच हज़ार करोड़ रुपये की जो बैंक गारंटी मांगी गई थी, उसके लिए सहारा ग्रुप तैयार है।
मीडिया के खिलाफ दिल्ली सरकार के सर्कुलर पर सुप्रीम कोर्ट का ब्रेक
मीडिया पर अंकुश लगाने की कोशिश के तहत दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए एक सर्कुलर पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 6 मई को जारी इस सर्कुलर के जरिए अपने अधिकारियों को सरकार, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की छवि खराब करने वालों की खबरों की पहचान कर इसके लिए मीडिया के खिलाफ लीगल ऐक्शन लेने का निर्देश दिया था।
तीन महीने में जांच कर बताएं, मजीठिया लागू हुआ या नहीं !
वो बेदर्दी से सर काटें औऱ मैं कहूं उनसे, हुजूर आहिस्ता-आहिस्ता : यह खबर प्रिंट मीडिया से जुड़े तमाम पत्रकारों के लिए है जो पांच सौ, हजार, पांच हजार औऱ दस हजार की सैलरी में अपने जीवन के महत्वपूर्ण साल उन अखबारों के लिए खर्च कर रहे हैं, जिन्हें उनकी एक रत्ती परवाह नहीं. हम ऐसे पत्रकार हैं जो अपनी किस्मत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे की रिपोर्ट तक अपने अखबार में छाप नहीं सकते. न ही इलेक्ट्रानिक मीडिया के हमारे साथी हमारी इन खबरों को सामने लाने की हैसियत में हैं. इसके अलावा यह खबर उन तमाम लोगों के लिए भी है, जो समझते हैं कि हर मीडियाकर्मी लाखों में खेल रहा है और इतना पावरफुल है कि दुनिया बदल सकता है… उन साथियों के लिए तो है ही, जिनका बयान है… वो बेदर्दी से सर काटें औऱ मैं कहूं उनसे हुजूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता। यह खबर 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया आयोग के प्रस्तावों को लागू नहीं किये जाने के विरोध में हम पत्रकारों द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई की है। इसे यह जानने के लिए भी पढ़ा जा सकता है कि एक ओऱ जहां राहुल गांधी किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनकी पार्टी के कपिल सिब्बल, सलमान खुरशीद, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े-बड़े नेता अखबार कर्मियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अखबार मालिकों की पैरवी कर रहे हैं। यह खबर आइएफडब्लूजे के सचिव राम यादव ने लिखी है औऱ मैंने उसका हिंदी अनुवाद किया है।
Supreme Court setsup the special team to find out the status of Majithia implementation
The Supreme Court has virtually set-up a SIT (Special Investigative Team) to find out the status of the implementation of the Majithia Wage Awards by the newspaper proprietors and send it within three months to the court.
मीडियाकर्मियों के लिए ये रहा मजीठिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सम्पूर्ण आदेशपत्र
यहां समस्त मीडियाकर्मियों की सुविधा और जानकारी के लिए मजीठिया के मामले में 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी दी जा रही है। इस आदेश के बाद हम सभी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि मालिक हमारी असंगठित स्थिति का लाभ न उठा पाएं। आप सब से निवेदन है कि अपने हक …
मजीठिया: सुप्रीम कोर्ट के रुख पर मूंछ टेरने लगे जागरण के पालतू, मगर कर्मचारी भाव नहीं दे रहे
मजीठिया वेतनमान मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दैनिक जागरण प्रबंधन इतना कन्फ्यूजिया गया है कि वह यह तय ही नहीं कर पा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में करोड़ों खर्च करने के बाद उसकी जीत हुई है या हार। फिर भी इतना तो तय है कि इसमें जीत वीरेंद्र मिश्रा की ही हुई है। डीलिंग सेटिंग में उनका जो लाखों का वारा न्यारा हो गया है। शायद यही वजह है कि वह आजकल मूंछों पर ताव देते फिर रहे हैं। मूछें हों तो वीरेंद्र मिश्रा जैसी हों, वर्ना न हों। पूरा प्रबंधन उन्हीं की मूंछों पर ताव देता फिर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में 28 को 30 अवमानना याचिकाओं के साथ 6000 कर्मियों की ओर से यशवंत सिंह की भी याचिका पेश होगी
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के कोर्ट नंबर आठ में आगामी 28 अप्रैल को न्याधीश रंजन गोगोई और एनवी रमन के सामने करीब 30 अवमानना याचिकाएं प्रस्तुत होंगी। ये याचिकाएं क्रम संख्या-2 पर सुनवाई की लिए पेश होंगी। भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह की याचिका, जिसमें करीब छह हजार मीडिया कर्मचारियों की ओर से उन्हें अधिकार पत्र दिया गया है, वह भी उन्हीं के साथ प्रस्तुत की जाएंगी। जिन मीडिया कर्मचारियों को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना हो, वह एडिटर यशवंत सिंह से संपर्क कर सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश के लिए पास लेने की प्रक्रिया पहले समझ लें। 28 अप्रैल को मजीठिया से संबंधित 45 मामले सुनवाई के लिए पेश होंगे। इनमें सबसे अधिक 18 मामले आरसी अग्रवाल, दैनिक भास्कर के खिलाफ और नौ मामले संजय गुप्ता, दैनिक जागरण के खिलाफ हैं। दो मामले महेंद्र मोहन गुप्ता के खिलाफ भी हैं। प्रभात खबर के खिलाफ एक मामला है। इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस के तीन, राजस्थान पत्रिका के खिलाफ छह मामले हैं। एचटी मीडिया के खिलाफ तीन और इसी दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया के खिलाफ स्थगित मामले की भी सुनवाई होगी। ऊपर के सभी मामले 8 नंबर अदालत में सुने जाएंगे। ये सभी आइटम नंबर 2 के तहत सूचीबद्ध हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया का आइटम नंबर 3 है।