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सुख-दुख

अबे चिरकुट आपियों, खुद को अब मोदी-भाजपा से अलग कैसे कहोगे…

Yashwant Singh : चोरकट केजरी और सिसोदिया का असली रूप आया सामने.. दिल्ली में पानी के दाम में 10 परसेंट वृद्धि। अबे चिरकुट आपियों, मोदी-भाजपा से खुद को अलग अब कैसे कहोगे। सत्ता पाकर तुम लोग भी आम जन विरोधी हो गए! अरे करना ही था तो चोर अफसरों के यहाँ छापे मरवाकर उनकी संपत्ति जब्त कराते और उस पैसे को बिजली पानी में लगाते। जल बोर्ड के करप्ट अफसरों और पानी माफिया की ही घेराबंदी कर देते तो इनके यहाँ से हजार करोड़ निकल आता। पर अमेरिकी फोर्ड फाउंडेशन के धन पर करियर बनाने वाले इन दोनों नेताओं से अमेरिकी माडल के पूंजीवाद से इतर काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

Yashwant Singh : चोरकट केजरी और सिसोदिया का असली रूप आया सामने.. दिल्ली में पानी के दाम में 10 परसेंट वृद्धि। अबे चिरकुट आपियों, मोदी-भाजपा से खुद को अलग अब कैसे कहोगे। सत्ता पाकर तुम लोग भी आम जन विरोधी हो गए! अरे करना ही था तो चोर अफसरों के यहाँ छापे मरवाकर उनकी संपत्ति जब्त कराते और उस पैसे को बिजली पानी में लगाते। जल बोर्ड के करप्ट अफसरों और पानी माफिया की ही घेराबंदी कर देते तो इनके यहाँ से हजार करोड़ निकल आता। पर अमेरिकी फोर्ड फाउंडेशन के धन पर करियर बनाने वाले इन दोनों नेताओं से अमेरिकी माडल के पूंजीवाद से इतर काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

सिस्टम के कल पुर्जों- करप्ट अफसरों, करप्ट नेताओं, करप्ट मीडिया और करप्ट पूंजीपतियों के खिलाफ कारवाई ना कर, एक तरह से इन्हें साथ लेकर व संरक्षण देकर शासन करने की पद्धति अमेरिका मार्का पूंजीवादी लोकतान्त्रिक पद्धति है जिसे पहले कांग्रेस अपनाए थी, अब मोदी अपनाये हुवे है और इसी रास्ते पर केजरी चल रहा है। देखते जाईयेगा, ये आपी सारे वही कुतर्क पेश करेंगे जो मोदी भक्त पेश करते हैं।चिरकुटों, बता दो कितने भ्रष्ट अफसरों को जेल भेजा। पूर्ण स्वराज और लोकपाल के लिए क्या आगे काम किया। जिन वादों नारों के चलते राजनीति की टोपी पहनी वो सत्ता मिलने पर किधर हवा हो गए। सब के सब सत्ता मिलते ही कम्बल ओढ़ कर घी पीने में जुट गए हैं। जो कोई सवाल उठाएगा वो चोरों के चेलों के जरिये अपमानित करके पार्टी से बाहर फेंक दिया जाएगा। देखते जाइए, इन रंगे सियारों की असलियत एक एक करके सामने आएगी। इन पर सवाल उठाने और दबाव बनाये रखने की ज़रूरत है दोस्तों वरना इनके मोदी की तरह जन विरोधी बनते देर न लगेगी। अपना फंडा हमेशा एक रहा है- जो संघर्ष कर रहा है उसको सपोर्ट करो… जब सत्ता में आ जाए तो नकेल कसो।

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सरकार बनवा देना बड़ा काम होता है तो उससे भी बड़ा काम सरकार बन जाने के बाद उस पर दबाव बनाए रखना होता है. इसी के तहत केजरी और ‘आप’ की हरकतों पर जहां कहीं कुछ सार्थक कहा सुना लिखा जाता है, उसे हम लोग भड़ास पर प्रकाशित कर रहे हैं. मेरा निजी मत भी ये है कि केजरीवाल की अपनी निजी खेती है आम आदमी पार्टी. वो अपने इमोशन्स के हिसाब से पार्टी चलाता है. जब जी आए आम आदमी बन जाए. जब जी आए खास नजर आए. जब जी आए पार्टी के भीतर युद्ध छिड़वा दे. जब जी आए शांति का इशारा कर दे. जब जी आए चुप्पी साध ले. जब जी आए खूब बोले, लगातार बोले. मतलब ये कि आम आदमी पार्टी किसी विचारधारा और संगठन से निर्मित पार्टी नहीं बल्कि यह दूसरी पार्टियों जैसी व्यक्ति केंद्रित पार्टी है और व्यक्ति पूजक लोग इसके कार्यकर्ता. जैसे यूपी में सपा का जन्म पिछड़ी जाति के वोट बैंक के कारण हुआ और बसपा का दलित वोटरों के उठ खड़े होने के कारण, कुछ उसी तरह दिल्ली में ‘आप’ नामक परिघटना के पीछे पढ़ा-लिखा तबका है जो कांग्रेस-भाजपा से आजिज आने के कारण नई पार्टी नए व्यक्ति को खुदा मान लिया और जिता दिया. लेकिन ये पढ़ा लिखा तबका मूर्ख नहीं है. केजरीवाल अगर मुलायम या मायावती की स्टाइल में दिल्ली में राज करना चाहेंगे तो वो बुरी तरह से पिटेंगे. हर तरह से पिटेंगे. केजरीवाल कुछ अलग करते नहीं दिख रहे, उल्टे वे अपने अहंकार का बारंबार प्रदर्शन करते जा रहे हैं… हम लोगों का काम कमजोरों को सपोर्ट कर उन्हें जिताना, सफल बनाना होता है ताकि बदलाव चालू रहे. पर जब ये बदलाव अंततः यथास्थितिवाद का विस्तार समझ आने लगे तो सवाल करना और करवाना लाजिमी है. केजरीवाल, उनकी पार्टी और उनकी सरकार पर इन दो रिपोर्टों को पढ़िए…

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1-

‘आप’ की हरकतें कहीं से भी उसे देश की दूसरी पार्टियों से अलग नहीं करती है
http://goo.gl/mPl4h6

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2-
केजरीवाल सरकार भी बांटने लगी रेवड़ियां, संसदीय सचिव बनाकार 21 MLA को मंत्री पद का दर्ज़ा दिया
http://goo.gl/ICxbN5

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इस बहादुर लड़की को आप सभी का सपोर्ट चाहिए। दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपने झगड़ों से फुरसत कहाँ जो आम दिल्ली वालों की पीड़ा का संज्ञान ले। सत्ता में आकर सब एक जैसे हो जाते हैं, कोई खुला हरामी तो कोई छिपा हरामी। आईये हम आप इस लड़की को सपोर्ट करने जंतर मंतर पहुंचे और इसकी लड़ाई को सपोर्ट कर इसके हौसले को बुलंद करें… इस लिंक पर क्लिक करें: Bahadur Ladki

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से. संपर्क: [email protected]

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उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ प्रमुख कमेंट्स इस प्रकार हैं…

Binod Kumar Sir jee aapki astha har din badalti hai

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Yashwant Singh जो लड़ रहा है, उसको सपोर्ट करो। जब सत्ता में आ जाए तो नकेल कसो।

Binod Kumar Right sir, but image damage to hoti hai na apki

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Yashwant Singh बिनोद जी, मेरी इमेज पहले से ही बहुत डैमेज है। उसकी चिंता न करें। केजरी और सिसोदिया की इमेज की चिंता करें।

Rakesh Shukla Can’t believe a journalist is using great words like “chirkut” and “chorkat”. You can criticize them without being abusive. You lost my respect too like they did. Unfollowed you just like I unfollowed all AAP pages.

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Yashwant Singh राकेश जी। चिरकुट और चोरकट शब्द से नहीं, चिरकुटों और चोरकटों से पीड़ित महसूस करिये।

Binod Kumar Na sir jee aap ki image damage hokr bhi in politicicians se behtar hi rhegi jinki fitrat hi kursi aur dhokha hai

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Pralhad Giri Kya baat hai Yashwant ji.. Aap likhte bahut achha hain.

Shubh Narayan Pathak करप्ट अफसर, करप्ट नेता, करप्ट मीडिया, करप्ट पूंजीपति। करप्ट पब्लिक, करप्ट आम आदमी मैं इसमें जोड़ रहा हूं। करप्ट संविधान, करप्ट व्यवस्था हर चीज को करप्ट बना रही है, हर एक को करप्ट होने का अवसर दे रही है। एक वेश्या हर एक को एड्स बांट रही है।

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Virendra Rai मैं आपकी बात से सहमत हूँ । हम लोग जब स्वयं संघर्ष कर रहें रोज़ी रोटी के लिये तो स्वाभाविक है कि संघर्षशील लोगो के प्रति सहानुभूति लाज़मी हैं ।

Chandrabhan Singh पत्रकारिता में किसी व्यक्ति या विचार ,दलीय आस्था या निष्ठा का कोई स्थान नहीं होता । पत्रकारिता में साहित्य न खोजकर जन भाषा के प्रचलित शब्दों से भाव और विचारों पर जाना चाहिए । एक बात और कि भाई यशवंत सिह जैसे निष्पक्ष और वैचारिक रूप से निष्ठुर पत्रकार से किसी तरह की मानसिक गुलामी का मुगालता नहीं ही पाला जाना चाहिए ।

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Sanjay Sharma Bhopal काहे का लोकतंत्र, काहे का स्वराज, बसपा, सपा, लालू, जैसी अन्य पार्टियों की तरह सुप्रीमो पावर वाली स्थिति है, भ्रस्ट्राचार के खिलाफ जंग लड़ कर आये हो तो भ्रस्ट अफसरों के खिलाफ कार्यवाही करो, लोकायुक्त के छापे डालो, कुछ नहीं हुआ अभी तक…

Jayram Viplav कल जो चित्रगुप्त वाला जोक पोस्ट किये थे अब भी उसे एडिट कर यदि केजरीवाल का नाम लिख दें तो तथ्यों के साथ न्याय होगा ।
Yashwant Singh भाई Jayram Viplav जी. समझ रहा हूं. आपका भाजपा और मोदी प्रेम इतना ज्यादा है कि रह रह कर चित्रगुप्त वाली पोस्ट आपके दिल में हूक जगा रही है. पर ये सच है कि इस सदी का सबसे बड़ा झुट्ठा मोदी ही है. जनता से फर्जी वादे करके वोट लिया और अब काम कर रहा है पूंजीपतियों के लिए. पेट्रोल चोर मोदी के कितने काले कारनामे गिनाए जाएं भाई. आपमे अगर जरा भी नैतिकता हो तो भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए.

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Sanjay Sharma Bhopal एक आपिया ने मैसेज बाक्स में लिखा है की तू इतना बड़ा ज्ञानी और हिम्मती है तो फिर अपने गृहराज्य यूपी में क्यों नही रहता क्यों नही यूपी में जाकर वहां काम करता .. वैसे आपियो की चिंता जायज है .. क्योकि ये कभी अपनी बीबी की चिंता नही करते .. खैर जब मैंने उससे कुछ पूछा तो वो दूम दबाकर भाग गया .. इनका खुदा केजरीवाल खुद यूपी का निवासी है .. गाजियाबाद में उसका स्थाई पता है .. कुमार विस्वास और मनीष सिसौदिया दोनों हापुड़ के पिलखुवा के रहने वाले है .. गोपाल राय मऊ जिले के मधुवन के रहने वाले है … संजय सिंह सुल्तानपुर के रहने वाले है .. प्रशांत भूषण इलाहाबाद के रहने वाले है और वर्तमान में भी यूपी में ही नोयडा में रहते है ..सोमनाथ भारती बिहार के रहने वाले है .. दिलीप पांडे फैजाबाद के रहने वाले है .. आशीष खेतान राजस्थान के रहने वाले है … योगेन्द्र यादव हरियाणा के रहने वाले है .. इनका एक भी मंत्री दिल्ली का निवासी नही है … सिर्फ इनके दो विधायक ही ऐसे है जो दिल्ली में पैदा हुए है .. फिर क्या कोई आपिया बता सकता है की ये गैंग जो यूपी की रहने वाली है इसने यूपी में व्याप्त भ्रष्टाचार गुंडागर्दी आदि के खिलाफ आवाज कभी भी क्यों नही उठाई ? इस गैंग ने अपने ही राज्य यूपी को छोडकर दिल्ली में आकर राजनीती क्यों की ? copied frm jitendra pal singh,s wall.

Ahsän Kämrän शुरुआती 2 शब्द बिलकुल सटीक।

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Ramkishore Pathak YE TO HONA HI THA.JANTA HER BAR THAGI.

Km Madhavi Jab Yugpurush khud kahte hai ki haan mai Anarchist hun..phir kejariwal aur gang ki harkatein…..dimag ki battie jala de….

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Ahsän Kämrän you do good flip flop brothers!

Yashwant Singh पहले एक सूत्रीय अभियान रहा मेरा. दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस का विकल्प तैयार कराना व उसे सपोर्ट करना. अब जबकि भाजपा कांग्रेस का विकल्प आ गया तो फर्ज है कि इस विकल्प पर नजर रखते हुए इसके चरित्र का विश्लेषण किया जाए व इसके आगे की संभावना टटोली जाए.

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Ahsän Kämrän wo nhi…first u said kejriwal se mohbhang…then long report on yy n pb’s wrong doings…then again pro yy n pb n anti ak !
 
Prakash Bisht Yashwant Ji aap ki bebaak bol ko salaam hai.Aam Aadmi Party ko samay rhte hi sudhrna hoga. warna is party ko bhi baaki party jaaisa banane mai der nhi lagegi
 
Vinod Yadav धन्यबाद आपके लिए आपका यही रास्ता है
 
Jai Prakash Tripathi मैंने तो उसी समय कह दिया था ये सरकार भी बाबाजी का ठुल्लू, एक से एक अघोरी, बस मतदाताओंकी आंख में धूल झोकने के हथकंडे भर का फर्क

Ravi Rawat आप तो अब समझे, हम तो 2013 में 28 सीटें जीतकर ही इनकी हरकतों से समझ गए थे ।
 
Priydarshi Poojan यहां पिटेंगे नहीं, लोग पीटेगे । बस शुरुआत की देर हैं।

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Jayram Viplav मोदी सरकार के काम का फल 2019 में आयेगा। तब तक आपके बेवजह के आरोपों को कोई आधार नहीं मिलने वाला है। नैतिकता का प्रश्न मार्क्स-माओ स्कुल ऑफ़ थौट के लोगों को शोभा नहीं देता। राजनीति में आयाराम-गयाराम की तरह में मैं कार्य नहीं करता हूँ। ना ही आपकी तरह अति उत्साह में केजरीवाल क्रांति का हिस्सा बनने और फिर इस्तीफा और गलियाने का क्रम शुरू। इस प्रकार की हड़बड़ी वाली सतही राजनीति से कोई बदलाव नहीं आएगा। लगता है अब भी केजरीवाल के प्रति लगाव।

Yashwant Singh  जयराम जी. यही बात चुनाव के समय कहे होते मोदी जी की सारा फल हम इकट्ठा 2019 में हगेंगे तो जनता को उनकी इमानदारी पर बिलकुल शक नहीं होता. रही बाद राजनीति की तो राजनेता मूलतः चोर होते हैं. अगर उन पर लगातार दबाव न हो तो वो देश बेच खाएं. दिल्ली में दो परम चोट्टों कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ एक थर्ड लेकिन छोटा चोट्टा चाहिए था जिससे चोट्टई में एकता टूटे तो ‘आप’ को सपोर्ट किया और आप जब सत्ता में आई है तो हम लोग उस पर नकेल कसे हैं. आप की तरह नहीं कि जिनका नमक चाटेंगे उनके चोरी उचक्कई पर एक शब्द नहीं बोलेंगे. आखिर चोरी के माल का नमक चाटने का हक तो अदा करना ही पड़ता है न वैसे, आप लोग चोट्टई के अमेरिकी स्कूल के उपज हैं या ब्रिटिश संस्थान के?

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Jayram Viplav यशवंत जी। आपकी भाषा पढ़कर प्रतिक्रिया देने की इच्छा नहीं है।

Yashwant Singh जयराम विप्लव जी, आपको नहीं कह रहा हूं लेकिन आप ध्यान से देखिए सोचिएगा कि जो जितना बड़ा चोट्टा होता है उसकी भाषा उतनी ही सभ्या और एलीट होती है.

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