मनीष सिसोदिया ने पूछा- जय शाह मामले में महान पत्रकारों की ‘बहादुर पत्रकारिता’ मर गई या बिक गई?

Sheetal P Singh : मनीष का यह पूछना जायज क्यों नहीं है? वे शिक्षा व्यवस्था संबंधी अध्ययन के सिलसिले में स्कैंडनेवियाई देशों में दौरे पर थे । टाइम्स नाऊ के लिये अरनब गोस्वामी ने एक कैमरामैन किराये पर रक्खा था कि कुछ मसालेदार मिल जाय, आख़िर में आइसक्रीम खाते हुए एक वीडियो दिखाकर मनीष की निंदा स्टोरी चलाई गई थी! आज जय शाह के मामले में ये सारे चैनल सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के प्रवक्ता के रोल में हैं!

मनमोहना सुपर चीफ महाचोर था, मोदिया चीफ चोरकट है, लेकिन तू रे सिसोदिया… गली छाप चोरवा है का रे….

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक नए विवाद में फंस गए हैं। 12 जून को  ट्रैफिक पुलिस लगभग एक घंटे तक उनकी कार का पीछा करती रही थी। अंत में छह बजे के करीब भीड़ ने उनकी कार को घेर लिया जिसके बाद उनकी गाड़ी का चालान कर दिया गया। ट्रैफिक पुलिस ने मनीष सिसोदिया की कार को ओवर स्पीड के चलते खजूरी चौक पर रुकने का इशारा किया लेकिन, उनकी गाड़ी नहीं रुकी। कार उनका ड्राइवर चला रहा था जबकि मनीष सिसोदिया पीछे की सीट पर बैठे थे। जबकि इसी दौरान पुलिस ने अन्य लोगों को ओवर स्पीड के कारण न सिर्फ रोक रखा था बल्कि कई गाड़ियों के चालान भी काटे जा चुके थे।

केजरी और इसका गैंग इतने छोटे दिल दिमाग वाला होगा, मुझे उम्मीद नहीं थी

Yashwant Singh : प्राइम टाइम के दौरान जब एनडीटीवी पर कायदे की बहस ना चल रही हो तो मैं फोकस टीवी देखने लगता हूँ। संजीव श्रीवास्तव बेहद सहज और दिल में उतरने वाली एंकरिंग करते हैं। ज्ञान, भाषा और समझ का स्तर ठीकठाक होने के कारण संजीव बड़े प्यार से बहुत नयी नयी बातें निकालते और निकलवाते रहते हैं। साथ ही चीख चिल्लाहट और चीप एंकरिंग की जगह ताजगी भरी स्टाइल का विकल्प भी बाकी एंकर्स को अनजाने में बताते समझाते रहते हैं। 

अबे चिरकुट आपियों, खुद को अब मोदी-भाजपा से अलग कैसे कहोगे…

Yashwant Singh : चोरकट केजरी और सिसोदिया का असली रूप आया सामने.. दिल्ली में पानी के दाम में 10 परसेंट वृद्धि। अबे चिरकुट आपियों, मोदी-भाजपा से खुद को अलग अब कैसे कहोगे। सत्ता पाकर तुम लोग भी आम जन विरोधी हो गए! अरे करना ही था तो चोर अफसरों के यहाँ छापे मरवाकर उनकी संपत्ति जब्त कराते और उस पैसे को बिजली पानी में लगाते। जल बोर्ड के करप्ट अफसरों और पानी माफिया की ही घेराबंदी कर देते तो इनके यहाँ से हजार करोड़ निकल आता। पर अमेरिकी फोर्ड फाउंडेशन के धन पर करियर बनाने वाले इन दोनों नेताओं से अमेरिकी माडल के पूंजीवाद से इतर काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

पत्रकारों द्वारा सचिवालय में घुसकर दलाली करने के धंधे को बंद करेंगे : गोपाल राय

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने राज्य सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है और ‘आप’ नेता गोपाल राय ने पाबंदी को जायज ठहराया है. गोपाल राय ने मीडिया पर पाबंदी के बारे में कहा- ‘कुछ ऐसे पत्रकार हैं जो गलियारों में घुस कर दलाली करते थे. इनको अब दिक्कत हो रही है. दलाली के धंधे को सचिवालय में बंद करेंगे.’

”मनीष सिसोदिया और आशुतोष खुद पत्रकार रहे हैं और अब वही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटना चाहते हैं”

दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली सचिवालय में पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध की कड़ी निंदा करता है और साथ ही दिल्ली के उप-राज्यपाल से मांग करता है कि वह प्रेस की आजादी को बचाने के लिए हस्तक्षेप करें और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फौरन इस प्रतिबंध को हटाने का निर्देश दें। पिछली बार भी जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तब भी केजरीवाल सरकार ने पत्रकारों के सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन पत्रकारों के प्रबल विरोध और सचिवालय पर धरना प्रदर्शन के बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया था। इस बार भी पत्रकार इसके विरोध में मीडिया रूम में दो दिन से डटे हुए हैं।

मनीष सिसोदिया ने करप्ट और कार्पोरट मीडिया पर लगाया गंभीर आरोप

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने करप्ट और कार्पोरेट मीडिया पर गंभीर आरोप लगाया है. सिसोदिया का कहना है कि मीडिया काम नहीं करने देता है. घर से निकलते ही मीडिया परेशान करता है.

कार्पोरेट और करप्ट मीडिया को केजरी ने सबक सिखाना शुरू किया, सचिवालय में प्रवेश पर रोक, सिसोदिया पीसी से उठे

कार्पोरेट और करप्ट मीडिया के निशाने पर रहे केजरीवाल और ‘आप’ पार्टी ने मौका मिलते ही मीडिया को सबक सिखाना शुरू कर दिया है. मीडिया के लोगों के सचिवालय प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. इसी को लेकर काफी विवाद और बवाल हुआ. दिल्ली की केजरीवाल सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई सरकार की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में छोड़कर चले गए. दरअसल, उन्हें घेरकर पत्रकारों ने सवाल किया था कि आखिर सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर रोक क्यों लगाई गई है? इस सवाल पर सिसोदिया नाराज हो गए और कॉन्फ्रेंस बीच में छोड़कर चले गए. इससे पहले सुबह पत्रकार दिल्ली सचिवालय पहुंचे थे पर उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया.