लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में वाह्य सहायतित परियोजना व एनआरआई विभाग के सलाहकार पद पर तैनात दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री मधुकर जेटली ने दलाली के धंधे को चमकाने के लिए मीडिया में अपने संपर्कों का भरपूर सहारा लिया। मेट्रोमैन श्रीधरन की सीधी शिकायत पर कल ही बर्खास्त किए गए जेटली ने कई बार सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और सरकार के मुखिया अखिलेश यादव के सामने मीडिया में अपना रसूख दिखाने के लिए बड़े पत्रकारों की परेड करवाई थी। लखनऊ के मेट्रो के निर्माण कार्य में अपनी चहेती कंपनी को 1100 करोड़ का ठेका दिलाने के लिए मधुकर जेटली ने कई बार राजधानी के बड़े अखबारों में लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) प्रबंधन के खिलाफ खबरें भी प्लांट करायी थीं।
इतना ही नहीं, श्रीधरन व मेट्रो के एमडी केशव कुमार के चलते अपने मंसूबों को सफल न होता देख उसने उच्च न्यायालय में पीआईएल तक करवा कर चहेती कंपनी के पक्ष में काम दिलवाने की कोशिश की थी। मीडिया में अपनी धमक साबित करने के लिए मधुकर जेटली ने हाल में संपन्न हुए राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव में विजयी के एक गुट जिसमें कुछ बड़े नाम शामिल हैं को लेकर मुलायम सिंह यादव के दरबार में हाजिरी लगवाने पहुंच गया था। ढेरों बड़े पत्रकारों को मुलायम के सामने पेश कर मधुकर जेटली ने अपनी बड़ी पकड़ होने का नजारा पेश किया था। जाहिर है जेटली की कृपा के चलते मुलायम से मिलने वाले इन पत्रकार जनों ने उसकी तारीफ के पुल भी बांधे।
इसके कुछ साल पहले दर्जा प्राप्त मंत्री बनने पर जेटली ने गोल्फ क्लब में काकटेल पार्टी कर दिल्ली के बड़े पत्रकारों व लखनऊ के बड़े नामों को बुलाकर अखिलेश यादव के सामने अपनी धमक दिखायी थी। उक्त पार्टी की गेस्ट लिस्ट एक अंग्रेजी चैनल के पत्रकार की मदद से तैयार की गयी थी। सपा नेताओं का कहना है कि अमर सिंह के पार्टी से बाहर होने के बाद मधुकर जेटली मीडिया और विदेशों में अपने संबंध दिखा पार्टी और सरकार में अपना वैसा ही जलवा बनाना चाहते हैं। सीएम के कई विदेश दौरों में भी जेटली ने अपने फन का मुजाहिरा किया है। हालांकि जेटली की तेजी और मीडिया में संबंधों के भरोसे ने आखिर उनका साथ नही दिया। मेट्रोमैन की शिकायत के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें हटाने में एक मिनट की देर नही लगायी।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.