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सियासत

मोदी जी के पास डिग्री है तो सत्यमेव जयते के साथ ट्वीट क्यों नहीं कर दे रहे?

Sanjaya Kumar Singh : मोदी जी के पास डिग्री है तो सत्यमेव जयते के साथ ट्वीट क्यों नहीं कर दे रहे हैं। और नहीं कर रहे हैं तो भक्तों ने जैसे कन्हैया को नेता बनाया वैसे ही अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को पंजाब चुनाव जीतने का मौका क्यों दे रहे हैं। भक्तों के उछलकूद का लाभ अरविन्द केजरीवाल को मिल रहा है। अलमारी में रखी डिग्री अंडा-बच्चा तो देती नहीं। ना बीमार होकर अस्पताल जाती है। आमलोगों की डिग्री तो पत्नी कहीं रख देगी, चूल्हा जला चुकी होगी या बच्चों के टिफिन पैक करके दे देगी। मोदी जी के साथ तो ये सब लफड़ा भी नहीं है। फिर इतनी देर?

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Sanjaya Kumar Singh : मोदी जी के पास डिग्री है तो सत्यमेव जयते के साथ ट्वीट क्यों नहीं कर दे रहे हैं। और नहीं कर रहे हैं तो भक्तों ने जैसे कन्हैया को नेता बनाया वैसे ही अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को पंजाब चुनाव जीतने का मौका क्यों दे रहे हैं। भक्तों के उछलकूद का लाभ अरविन्द केजरीवाल को मिल रहा है। अलमारी में रखी डिग्री अंडा-बच्चा तो देती नहीं। ना बीमार होकर अस्पताल जाती है। आमलोगों की डिग्री तो पत्नी कहीं रख देगी, चूल्हा जला चुकी होगी या बच्चों के टिफिन पैक करके दे देगी। मोदी जी के साथ तो ये सब लफड़ा भी नहीं है। फिर इतनी देर?

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डिग्री के मामले में अरविन्द केजरीवाल के दावे में दम लगता है। रही सही कसर चुप्पी से पूरी हो जा रही है। रेत में सिर छुपाने से काम नहीं चलता है। जितनी देर करेंगे उतने फंसेंगे। फिर इस्तीफा देने से कम में बात नहीं बनेगी। केजरीवाल को एक और श्रेय मिल जाएगा।

नरेन्द्र मोदी की डिग्री पर उठ रहे सवाल भाजपा के लिए बहुत मामूली हैं और सोनिया गांधी के रिश्वत लेने का मामला बहुत बड़ा। छप्पन ईंची सरकार की सीमा खुद तय हो रही है। ना सोनिया के खिलाफ कार्रवाई करेंगे ना मोदी पर आरोप का जवाब देंगे। आम आदमी पार्टी को तो अपना ही स्तर नहीं पता है। जय हो। यही हाल रहा तो देश की राजनीति में मजा ही नहीं रहेगा। एकदम गोबर हो जाएगी।

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वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह के फेसबुक वॉल से.

Mukesh Kumar : इधर केजरीवाल बढ़-चढ़कर, ऐलानिया, खुल्लमखुल्ला, ताल ठोंकते हुए, डंके की चोट पर मोदी जी की डिग्रियों को फर्जी बता रहे हैंऔर उधर सरकार तथा बीजेपी दुबकी हुए है। वह चुप्पी धारण किए हुए है और इस कोशिश में है कि अगस्ता वेस्टलैंड के शोर-शराबे में केजरीवाल की आवाज़ दब जाए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। दूसरे इससे संदेह और भी पक्के होते जा रहे हैं कि मोदी ने फर्ज़ी डिग्रियाँ हासिल कीं और देश को उल्लू बनाया। प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में ऐसी राय बने ये न लोकतंत्र के लिए अच्छा है और न ही देश के लिए। ये उस हिंदुत्ववादी राजनीति पर भी कलंक होगा जो सदाचार को खुद की बपौती मानकर सबको दुषचरित्र साबित करने पर आमादा रहती है। इसलिए पार्टी और सरकार को सबूतों के साथ केजरीवाल के आरोपों का जवाब देना चाहिए, बल्कि उन पर क्रिमिनल डेफेमेशन का केस भी दायर कर देना चाहिए।

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मोदीजी को दिल्ली सरकार और केजरीवाल टीम से निपटने की अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने उनको काम न करने देने की चालें चलकर फुरसतिया बना दिया। अब ये तो सबको पता ही है कि खाली दिमाग़ शैतान का घर होता है। यही वजह है कि वे अपना वक़्त उनको परेशान करने के नए नए तरीके खोजने में लगा रहे हैं। अब अगर मोदीजी और उपराज्यापाल साहब इस रणनीति को उलट दें तो केजरीवाल सरकार काम में उलझकर रह जाएगी और उसके पास इतना समय ही नहीं रहेगा कि आपके खिलाफ़ खुराफ़ात में ही लगे रहें।

ये दिल्ली यूनिवर्सिटी भी केजरीवाल एंड कंपनी के साथ साज़िश में शामिल है। ये जान-बूझकर पीएम और आपकी डिग्रियों के बारे में भ्रम की स्थिति बनाकर अफवाहों और दुष्प्रचार को हवा दे रही है। स्मृति जी वीसी को तुरंत बर्खास्त करिए और न माने तो विवि ही बंद कर दीजिए। और अभी तक आपने सूचना आयुक्त को क्यों छोड़ रखा है? उसे भी उसके किए की सज़ा दीजिए। आरटीआई क्या इसी के लिए बनाई गई है कि आप हर कोई पीएम को बदनाम करने के लिए उसका इस्तेमाल करता फिरे। कड़ा सबक सिखाइए सबको।

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अब तो प्रधानमंत्री को अपनी डिग्रियां निकालकर इन स्यूडो सेकुलरिस्टों और आपवालों के मुँह पर मारकर दिखा देना चाहिए कि ये लोग उनके बारे में जो अनर्गल प्रचार करते रहते हैं वह कितना झूठा है, कितना दुराग्रहों से प्रेरित है। स्मृति ईरानी आप भी मत छोड़िए इन नामुरादों को। वैसे तो ये नरक में जाएंगे ही और इनको कीड़े भी पड़ेंगे मगर ज़रूरी है कि आप लोगों की उज्ज्वल छवि देशवासियों और दुनिया के सामने और भी निखर करआए। आखिर आप देश के दो महत्वपूर्ण पदों पर बैठी महान विभूतियाँ हैं और आप लोग देश का नया इतिहास लिख रहे हैं। आपसे देशभक्तों को कितनी आशाएं हैं। उन्हें आप पर कितना विश्वास है ये आपसे बेहतर भला कौन जानता है। वे आप पर उछाले जा रहे कीचड़ से बहुत आहत हैं और उद्वेलित भी हैं। अगर संविधान और कानून न होता इस देश में तो वे एक को भी न छोड़ते। उम्मीद है आप लोग उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और विरोधियों को धूल चला देंगे। उन सबकी और मेरी भी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.

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