Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

नोएडा पुलिस के बड़े अफसरों का ये ‘बड़ा खेल’ देखकर दंग रह जाएंगे!

पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद नोएडा पुलिस के दामन पर अब तक का सबसे बड़ा ‘दाग’…. जवाब कौन देगा?

पैसे वाले और रसूख वाले कुछ भी करा सकते हैं. जी हां, कुछ भी. जिस शख्स के लिए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया हो और उसे पकड़ कर बिना त्रुटि कोर्ट में पेश करने के लिए निर्देशित किया हो, उसी आदमी को गिरफ्तार करने के बाद, उसका मेडिकल कराने के बाद, कोर्ट में पेश करने और रिमांड पर लेने की सारी कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद नोएडा पुलिस ने अचानक आजाद कर दिया. उसे परसनल बांड पर रिहा कर दिया गया. छोटे लेवल के पुलिसकर्मी भी खुद दंग है कि आखिर गिरफ्तार किए गए इस फ्रॉड आदमी ने ऐसा क्या जादू कर दिया कि बड़े बड़े अफसर अचानक से द्रवित हो गए और रिहा करने के आदेश दे दिए.

भड़ास4मीडिया के पास इस प्रकरण से जुड़े ढेर सारे दस्तावेज हैं. कई कॉल रिकार्डिंग्स हैं. यह प्रकरण भविष्य में नोएडा पुलिस के अफसरों के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाला है. माना जा रहा है कि नोएडा पुलिस के बड़े अफसरों ने या तो कोई बड़ी डील की है या फिर इस मामले में हाई लेवल से दबाव डाला गया है. बावजूद इसके, तथ्य चीख चीख कर कह रहे हैं कि नोएडा पुलिस ने अपनी साख काफी गिरा दी है. वो भी तब जब नोएडा एक रुटीन जिला होने की बजाय पुलिस कमिश्नर प्रणाली के जरिए संचालित हो रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कहानी कुछ यूं हैं. देवेंद्र बंसल नामक आदमी को पुलिस गिरफ्तार कर ती है. उस पर करोड़ों रुपए गबन करने का आरोप है और इसी संदर्भ में उसे गिरफ्तार किया गया. नोएडा के सूरजपुर पुलिस स्टेशन में बीते बरस देवेंद्र बंसल के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था. उस पर आईपीसी की 420, 467, 468 और 471 धाराएं लगाई गईं. ध्यान रहे, इन धाराओं में अपराध साबित हो जाने पर आजीवन कारावस तक की सजा है.

जिस शख्स ने देवेंद्र बंसल के खिलाफ एफआईआर कराई, वह भी काफी पैसे वाला है. उसने पुलिस को एक्टिव मोड में रखने के लिए हर संभव प्रयास किया. ऐसे में नोएडा पुलिस को एक्टिव रहना ही था. पुलिस ने सर्विलांस और कई चीजों के आधार पर आरोपी देवेंद्र बंसल की लोकेशन ट्रेस कर उसे अरेस्ट कर लिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इससे पहले इसी मामले में कोर्ट ने देवेंद्र बंसल को अरेस्ट कर बिना त्रुटि कोर्ट में पेश करने संबंधी एनबीडब्ल्यू जारी किया था. देवेंद्र बंसल को अरेस्ट कर पुलिस ने दोहरा काम कर दिया. अपनी सक्रियता साबित की और कोर्ट के आदेश को पूरा करने की दिशा में कदम उठा दिया. देवेंद्र बंसल को अरेस्ट किया गया तो उसके पास से खुद के तीन तीन आधार कार्ड मिले. यह एक गंभीर मामला था. कई अन्य आपत्तिजनक और गड़बड़-घोटाले से जुड़े कागजात मिले. पुलिस ने सबको सील कर दिया.

इस मामले के आईओ यानि जांच अधिकारी लोकेश शर्मा हैं. उन्होंने आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने व रिमांड पर लेने के लिए कागजात तैयार कराए. जब्त की गई चीजों को कोर्ट में पेश करने के लिए उसे सील कराया. आरोपी देवेंद्र को कोर्ट में पेश करने से ठीक पहले उसका मेडिकल कराया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पर न जाने उपर से क्या आदेश आया कि आरोपी देवेंद्र बंसल को पुलिस ने रिहा कर दिया. आरोप है कि उससे बरामद आपत्तिजनक चीजों और अन्य प्रमाणों को नष्ट करने की कोशिश भी पुलिस ने की. देवेंद्र को दुबारा मेडिकल के लिए भेजा गया और सीने में दर्द की बात कहकर उसे भर्ती कराए जाने संबंधी एक लिखित दस्तावेज बना लिया गया. इसके बाद उसे छोड़ दिया गया.

नोएडा पुलिस के एक बड़े अधिकारी का इस बाबत कहना है कि ये मामला घरेलू विवाद का था. एक डीसीपी से इस मामले की जांच कराई जा रही है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पर बड़ा सवाल तो ये है कि जिस शख्स को कोर्ट में पेश करना था, जिसको रिमांड पर लेने की तैयारी कर ली गयी थी, जिसके पास से तीन तीन आधार कार्ड बरामद हुए और यह बात जीडी में दर्ज है, जिसके खिलाफ कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी कर रखा है, उसे अचानक क्यों छोड़ दिया गया?

सूत्रों का कहना है कि देवेंद्र बंसल पर तीन से पांच करोड़ तक के गबन का आरोप है. उसने जेल जाने और फिर सारे केस खुलने व नए मामले दर्ज होने से बचने के लिए एक बड़ा गेम खेला. इस गेम में नोएडा पुलिस इनवाल्व हो गई और अचानक ही जो आदमी जेल जा रहा था, उसे आजाद पंछी हो जाने दिया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

देखें इस केस के कुछ डाक्यूमेंट्स-

आरोपी देवेंद्र बंसल को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट.
गिरफ्तार किए जाने के बाद देवेंद्र बंसल को कोर्ट से रिमांड पर लेने के लिए तैयार किया गया प्रार्थना पत्र.
कोर्ट में पेश करने से पहले गिरफ्तार आरोपी का पहली दफे मेडिकल परीक्षण कराए जाने का प्रमाण.
गिरफ्तार आरोपी का दूसरी दफे मेडिकल टेस्ट कराने का प्रमाण जिसमें चेस्ट पेन की बात दर्ज कर अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई है.
गिरफ्तारी के वक्त देवेंद्र बंसल के पास से तीन तीन आधार कार्ड बरामद किया गया.
गिरफ्तारी के बाद देवेंद्र बंसल से जब्त कुछ संवेदनशील कागजात और दस्तावेज को पुलिस ने सील कर दिया ताकि कोर्ट में पेश किया जा सके.
बाद में पुलिस वालों ने देवेंद्र को रिहा करने के उपरांत सील तोड़ कर सुबूत नष्ट करने का प्रयास किया.
भड़ास के पास आई वो शुरुआती सूचना जिसके आधार पर ये खबर डेवलप की गई है.

अगर इस प्रकरण पर नोएडा पुलिस की तरफ से कोई अधिकृत बयान जारी किया जाता है तो उसे ससम्मान प्रकाशित किया जाएगा.

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट. संपर्क- [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement