मुजफ्फरनगर। गत वर्ष 7 सितम्बर को खालापार में साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गये आईबीएन7 के जुझारू पत्रकार राजेश वर्मा की पहली बरसी मनाते हुए जिले के सभी पत्रकारों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभी पत्राकारों ने राजेश वर्मा के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किये जाने की मांग भी की और उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। रविवार को दंगों का एक साल पूरा हुआ और इसके साथ ही इन दंगों में मारे गये लोगों के परिजनों का दिल दर्द से भर उठा। इसी दंगे में गत वर्ष 7 सितम्बर को मीडिया जगत को भी गहरा आघात पहुंचा था।
स्व. राजेश वर्मा की फाइल फोटो
न्यूज चैनल आईबीएन-7 के पत्रकार राजेश वर्मा को भी दंगाईयों ने खालापार में गोली मार दी थी, उनकी मौके पर ही मौत हो गयी थी। राजेश वर्मा की पहली बरसी पर मीडिया सैन्टर में पत्रकारों ने शोक सभा का आयोजन किया। सभी पत्रकारों ने राजेश वर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राजेश वर्मा के भाई संजय वर्मा व अन्य परिजन भी मौजूद रहे। सभी ने राजेश वर्मा को निडर व साहसी पत्रकार बताया। पत्रकारों ने राजेश वर्मा के हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग भी पुलिस प्रशासन से की। इस दौरान बडी संख्या में न्यूज चैनल व प्रिंट मीडिया के पत्रकार मौजूद रहे।
सात सितंबर 13 को दंगे में मारे गए पत्रकार राजेश वर्मा के घर शोक प्रकट करने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचे थे। 15 सितंबर को पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने की घोषणा की थी। अगले दिन 16 सितंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, तत्कालीन गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह, राज्यपाल बीएल जोशी सांत्वना देने पत्रकार के घर पहुंचे थे। तत्कालीन पीएम ने परिवार के दोनों बच्चों बेटा शशांक वर्मा व बेटी शिवानी की पढ़ाई व एक सदस्य को केंद्र सरकार में नौकरी देने का वायदा किया था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा के मुताबिक सभी मृतकों के एक-एक परिजनों को नौकरी दे दी। बेटा शशांक वर्मा तो मृतक आश्रित में नौकरी कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने परिजनों की गुहार के बावजूद आज तक इस पर गौर नहीं किया।
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