राम बहादुर राय को वोटिंग का अधिकार देना पड़ा, प्रेस क्लब प्रबंधन झुका, देखें वीडियो

प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव में राम बहादुर राय को वोट देने का अधिकार क्लब प्रबंधन को देने के लिए मजबूर होना पड़ा. ड्यूज न जमा करने का हवाला देकर राय साहब की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इसके खिलाफ राय साहब ने प्रेस क्लब चुनाव के दौरान विरोध का ऐलान कर दिया था. वे चुनाव के दिन मौके पर पहुंचे और वोट देने का अधिकार मांगा. इससे हड़बड़ाए क्लब प्रबंधन ने तुरंत उनका ड्यूज जमा कराने के बाद उन्हें वोटिंग का राइट दे दिया.

यशवंत जैसे जुझारू और क्रांतिकारी व्यक्तित्व का प्रेस क्लब में जीतकर आना बहुत जरूरी था

Ashwini Kumar Srivastava : अपने एक फेसबुक कमेंट में हमारे प्रिय सखा Satyendra PS जी ने इस बार के दिल्ली प्रेस क्लब के चुनाव को छात्र संघ चुनाव सरीखा करार दिया था। क्योंकि उनकी नजर में इस बार का चुनाव दरअसल, छात्र संघ चुनाव जैसा ही रोमांचक और हंगामाखेज था। इसकी वजह यह थी क्योंकि इस बार मीडिया के दो ऐसे अराजक मगर क्रांतिकारी साथी चुनाव मैदान में उतर गए थे, जिनका लोहा तकरीबन हर पत्रकार मानता है…चाहे वह उनका विरोधी हो या समर्थक। और ये दो अद्भुत खिलाड़ी हैं Abhishek Srivastava और Yashwant Singh.

प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव में यशवंत हारे, देखें नतीजे

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Yashwant Singh : टोटल 1750 वोट पड़े हैं जिनमें 500 वोटों की गिनती हो चुकी है। इस आधार पर कहें तो सत्ताधारी पैनल क्लीन स्वीप की तरफ है। मैनेजिंग कमेटी के लिए जो 16 लोग चुने जाने हैं उनमें 500 वोटों के आधार पर मेरी पोजीशन 23 नम्बर पर है। चमत्कार की कोई गुंजाइश आप पाल सकते हैं। मैंने तो हार कुबूल कर लिया है। प्रेस क्लब के इस चुनाव में शामिल होकर इस क्लब को गहरे से जानने का मौका मिला जो मेरे लिए एक बड़ा निजी अनुभव है। नामांकन करने से लेकर बक्सा सील होने, बैलट वाली मतगणना देखना सुखद रहा। अब साल भर तैयारी। अगले साल फिर लड़ने की बारी। सपोर्ट के लिए आप सभी को बहुत बहुत प्यार। इतना समर्थन देखकर दिल जुड़ा गया। ये अलग बात है कि जो क्लब के टोटल वोटर है, उनमें बड़ी संख्या में मुझसे और मैं उनसे अपरिचित हूं। साल भर में इन सबसे जुड़ने की कोशिश किया जाएगा और अगली साल ज्यादा प्रोफेशनल तरीके से लड़ा जाएगा।

कल मतगणना शुरू होने के ठीक बाद उपरोक्त स्टेटस यशवंत ने फेसबुक पर डाला था.

तस्वीरों की जुबानी प्रेस क्लब आफ इंडिया में हुए ‘विकास’ की कहानी…

प्रेस क्लब में सात वर्षों में विकास के नाम पर केवल कुर्सी मेज बदले जाने से लेकर बार-बार बाथरूम तोड़े जाने का काम किया गया. अब भी पूरे प्रेस क्लब कैंपस में यानि किचन से लेकर कामन हाल तक में चूहे क्राकोच दौड़ते रहते हैं. खाने का स्तर बेहद घटिया हो चुका है. क्लब में अराजकता का आलम दिखता है. जिम के सामान और इसके रूम को तो जैसे डस्टबिन में तब्दील कर दिया गया है. इसके बावजूद इस सत्ताधारी पैनल के लोग अपने राज में खूब विकास किए जाने बात कर सदस्यों को बरगलाते हैं. सच तो ये है कि इनके पास क्लब और इसके सदस्यों की बेहतरी को लेकर कोई आइडिया, विजन, प्लान नहीं है.

राम बहादुर राय ही नहीं, सैकड़ों पत्रकारों की सदस्यता इस साल सत्ताधारी पैनल ने खत्म कर दी, मीडियाकर्मियों में आक्रोश

Yashwant Singh : कल राम बहादुर राय जी की सदस्यता प्रेस क्लब से खत्म किए जाने की सूचाना थी। आज पता चल रहा है कि सैकड़ों पत्रकारों की सदस्यता खत्म की गई है। प्रिंट और टीवी के पत्रकार महेंद्र श्रीवास्तव की भी सदस्यता खत्म की जा चुकी है। इसी तरह सैकड़ों लोगों की सदस्यता बकाया जमा न करने के नाम पर खत्म कर दी गई। कल होने वाले चुनाव में सैकड़ों पुराने पत्रकारों को वोट नहीं डालने दिया जाएगा, सदस्यता खत्म होने का हवाला देकर। ये सिलसिला नया नहीं है।

पीसीआई चुनाव : यशवंत को आख़िर क्यों जितायें दिल्ली के पत्रकार!

Naved Shikoh : यशवंत को आख़िर क्यों जितायें दिल्ली के पत्रकार! क्योंकि ये ऐसा पत्रकार ने जो ब्रांड अखबारों की नौकरी छोड़कर शोषित पत्रकारों की लड़ाई लड़ रहा है। इस क्रान्तिकारी पत्रकार ने अपने कॅरियर को दांव पर लगाकर, वेतन गंवाया.. तकलीफें उठायीं. मुफलिसी का सामना किया.. जेल गये.. सरकारों से दुश्मनी उठायी… ताकतवर मीडिया समूहों के मालिकों /उनके मैनेजमेंट से टकराये हैं ये। छोटे-बड़े अखबारों, न्यूज चैनलों में पत्रकारों का शोषण /महीनों वेतन ना मिलना/बिना कारण निकाल बाहर कर देना.. इत्यादि के खिलाफ कितने पत्रकार संगठन सामने आते हैं? कितने प्रेस क्लब हैं जहां पत्रकारों की इन वाजिब समस्याओं के समाधान के लिए कोई कदम उठाया जाता है!

Jatin Gandhi बता रहे, वो पीसीआई में क्यों लड़ रहे हैं वाइस प्रेसीडेंट पद पर चुनाव


A PERSONAL MANIFESTO

(Or, why I am contesting for the post of vice-president in the Press Club of India on Saturday, November 25)

Friends,

The IWPC, that enviously cosy and clean club for women journalists down the road from us, will over the next weekend host a film appreciation course of the FTII, Pune, for its members. A few days ago, it had collaborated with the Indian Council for Cultural Relations to celebrate its annual day in one of the best auditoriums in Lutyens’ Delhi.

अनिकेंद्र-शाहिद पैनल से लड़ रहे जतिन गांधी, प्रवीण जैन और निर्मिमेष कुमार के बारे में जानिए

Vice President
Jatin Gandhi

Published author and journalist with 21 years in the profession across different media. At present Associate Editor with Hindustan Times. Before that Jatin worked with The Hindu, The Indian Express, India Today magazine, Open, Star News (now ABP), Times Now, NDTV convergence and wahindia.com.

प्रेस क्लब चुनाव : बैलट पेपर में सबसे आखिरी पायदान पर है यशवंत का नाम

प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव कल यानि पच्चीस नवंबर को होने वाले हैं. भड़ास के संपादक यशवंत भी मैनेजिंग कमेटी पद के लिए अनिकेंद्र सेन उर्फ बादशाह, शाहिद फरीदी और जतिन गांधी पैनल से चुनाव लड़ रहे हैं. यशवंत का बैलट नंबर 33 है. नाम अल्फाबेटिकली लिखा जाता है बैलट पेपर पर इसलिए यशवंत का नाम सबसे आखिर में है. मतदाताओं से अपील है कि वे बैलट पेपर के सबसे आखिरी नाम से मुहर मारना शुरू करें ताकि इस चुनाव में यशवंत और उनके पैनल को विजयी बनाकर प्रेस क्लब आफ इंडिया में बदलाव की मुहिम को अंजाम तक पहुंचाया जा सके.

प्रेस क्लब आफ इंडिया को निजी जागीर बनने से रोकें, बदलाव के लिए वोट करें

अब तो बदल ही जाना चाहिए PRESS CLUB of INDIA, DELHI की सत्ता और सूरत। पूरे सात साल हो गए लेकिन अभी तक पत्रकारों की हितैषी ये संस्था उन्ही के चंगुल में फँसी है जो इसको अपनी जागीर समझ कर चला रहे है. यहाँ की सदयस्ता के नियम भी ताक पर रख दिए गए है। जिन्होंने कभी एक पेज का लेख नहीं लिखा वो यहाँ के पदाधिकारियों की बदौलत सदस्य हैं और राम बहादुर राय जैसे पत्रकार बाहर.

प्रेस क्लब आफ इंडिया प्रबंधन ने वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय की सदस्यता सस्पेंड की

प्रेस क्लब आफ इंडिया का चुनाव बस दो दिन बाद है यानि पच्चीस नवंबर को. उसके ठीक पहले एक बड़ी खबर आ रही है. प्रेस क्लब आफ इंडिया के पदाधिकारियों ने वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय की सदस्यता सस्पेंड कर दी है. साथ ही उन्हें वोट न डालने देने का भी फैसला ले लिया है. इससे आहत जाने-माने पत्रकार और अपनी बेबाक बयानी के लिए मशहूर राम बहादुर राय ने घोषणा की है कि वह चुनाव के दिन प्रेस क्लब आफ इंडिया जाएंगे और अपना ड्यूज क्लीयर करने के बाद वोट देने की कोशिश करेंगे. अगर वोट देने से रोका गया तो वो विरोध स्वरूप वहीं पर खड़े रहेंगे.

पत्रकारों के सामने मौजूदा चुनातियों पर यशवंत लड़ते हैं, प्रेस क्लब पदाधिकारी दुम दबाए रहते हैं…

इन बातों से आप सहमत हों तो पीसीआई इलेक्शन में बैलट नंबर 33 पर मुहर मार कर यशवंत को सबसे ज्यादा वोटों से विजयी बनाइए…

अपनी प्रासंगिकता खो रहे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव में इस बार नई बयार देखी जा रही है. मैनेजिंग कमेटी मेंबर के लिए 33 नंबर पर चुनाव लड़ रहे यशवंत सिंह उन पत्रकारों के लिए आशा की नई किरण हैं, जो अपनी नौकरी के चक्कर में मीडिया मालिकों और कुछ कारपोरेट संपादकों की मनमानी सहने पर मजबूर रहते हैं. उनसे बातचीत के आधार पर यह लेख लिख रहा हूं…

अखिल भारतीय पत्रकार मोर्चा ने पीसीआई चुनाव में सेन-फरीदी-गांधी पैनल को जिताने की अपील की

Pradeep Mahajan :  प्रेस क्लब चुनाव में इस बार मिट्टी के माधवों को नहीं बल्कि जुझारू यशवंत सिंह और विकास मिश्रा को जितायें…  पीसीआई का चुनाव 25 नवंबर को है.. इस चुनाव में पीसीआई के सदस्य सेन-फरीदी-गांधी पैनल को वोट दें. इस बार चुनाव में इस पैनल से दो युवा फ्रेश जुझारू और पत्रकारों के लिए कुछ कर गुजरने वाले यशवंत सिंह और विकास मिश्रा भी चुनाव में खड़े हैं. ये पत्रकारिता के लिए और पत्रकारों के लिए नए नाम नहीं हैं.

प्रेस क्लब का विवादित सत्ताधारी पैनल जीतने के लिए हर किस्म के हथकंडे आजमाने को मजबूर

प्रेस क्लब आफ इंडिया में पच्चीस नवंबर को होने वाले चुनाव में आठवें बरस भी जीतने के लिए सत्ताधारी पैनल के लोग लगे हुए हैं और इन लोगों ने अब हर किस्म के हथकंडे आजमाना शुरू कर दिया है. सात साल पहले पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के साम्राज्य को उखाड़ फेंकने के लिए जिस किस्म की बड़ी गोलबंदी हुई थी, वैसी ही गोलबंदी इस दफे दिख रही है. विवादित और कदाचारी सत्ताधारी पैनल वालों को पत्रकार इस बार विराम देने के मूड में हैं.

कौन हैं शाहिद फरीदी, क्यों लड़ रहे प्रेस क्लब चुनाव, देखें ये वीडियो

प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव में शाहिद फरीदी सेक्रेट्री जनरल के पद पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके जीवन और करियर से लेकर प्रेस क्लब के तमाम मसलों पर विस्तार से बात की भड़ास के संपादक यशवंत ने. यशवंत भी इस चुनाव में मैनेजिंग कमेटी मेंबर के लिए मैदान में हैं. देखें वीडियो… नीचे …

प्रेस क्लब आफ इंडिया इलेक्शन में मैनेजिंग कमेटी मेंबर के लिए भड़ास वाले यशवंत ने भरा पर्चा

इसी नवंबर महीने की पच्चीस तारीख को होने वाले प्रेस क्लब आफ इंडिया के सालाना चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है.  भड़ास फॉर मीडिया के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह ने शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया. यशवंत मैनेजिंग कमेटी के सदस्य पद हेतु चुनाव लड़ेंगे. दैनिक जागरण, अमर उजाला और आई-नेक्स्ट जैसे अखबारों में सब एडिटर से लेकर चीफ रिपोर्टर और संपादक पद पर आसीन रह चुके यशवंत फिलहाल कई न्यूज चैनलों और अखबारों के सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं. साथ ही साथ वह दशक भर से भड़ास फार मीडिया के जरिए मीडिया इंडस्ट्री की अच्छी-बुरी हलचलों को जनता के सामने लाने का काम कर रहे हैं.

प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव घोषित, 13 तक नामांकन, 25 को पड़ेंगे वोट

प्रेस क्लब आफ इंडिया का चुनाव घोषित कर दिया गया है. 13 नवंबर तक नामांकन कर सकते हैं. 25 नवंबर को वोट पड़ेंगे और 26 नवंबर को नतीजे आएंगे. इस बारे में जो नोटिस पीसीआई के सूचना पट पर चिपकाया गया है, वह इस प्रकार है-

प्रेस क्लब आफ इंडिया के नाकारा प्रबंधन से नाराज भड़ास संपादक यशवंत ने चुनाव लड़ने का दिया संकेत

Yashwant Singh : गजब है प्रेस क्लब आफ इंडिया. दूर के ढोल सुहावने वाला मामला इस पर पूरी तरह फिट बैठता है. दिल्ली के रायसीना रोड पर स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया का नाम सुनने पर वैसे तो दिमाग में एक अच्छी-खासी छवि बनती-उभरती है लेकिन अगर आप इसके मेंबर बन गए और साल भर आना-जाना यहां कर दिया तो आपको यह किसी मछली बाजार से कम न लगेगा. हर साल चुनाव होते हैं. प्रेस क्लब को अच्छे से संचालित करने के वास्ते पदाधिकारी चुने जाते हैं लेकिन लगता ही नहीं कि यहां कोई संचालक मंडल भी है या कोई पदाधिकारी भी हैं. दो उदाहरण देते हैं. प्रेस क्लब आफ इंडिया का चुनाव डिक्लेयर हो गया है. इस बाबत कुछ रोज पहले प्रेस क्लब के सूचना पट पर नोटिस चिपका दिया गया. लेकिन यह सूचना मेल पर नहीं भेजी गई. मुझे तो नहीं मिली. अब तक नहीं मिली है.