नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर अन्ना हजारे के 2011 के उस आंदोलन का भी हिस्सा थीं, जिसमें अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी भी जुड़े हुए थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी से मुंबई से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन नाकाम रहीं. वह कहती हैं कि कुछ लोगों को शुरू से किरण बेदी के भाजपा में जाने का संदेह था. वह वैकल्पिक राजनीति के रूप में जनांदोलन को आज भी जरूरी मानती हैं. ऐसे समय जब अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो रही है, वह अन्ना हजारे के साथ 24 फरवरी को भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन की तैयारी कर रही हैं. इन सभी मुद्दों पर अमर उजाला के स्थानीय संपादक सुदीप ठाकुर ने बात कीः
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Will ’K’ factor be a boon for BJP in Delhi polls?
Delhi goes to the polls on February 7. The BJP is keen to win after 2013 loss when the AAP had formed a minority government and ruled the capital for 49 days before its leader Kejriwal resigned. Delhi has been under President’s rule since then. Manay political changes can be seen in the Delhi election. A desperate shift of the candidates fron one party to other is done. The major rivals are AAP and BJP.Congress is a distant third in the election. However, it pretends to be in the race. Above all, the entry of the first lady police officer Kiran Bedi into BJP has changed the whole political game, say the Delhites.
भारत की पहली महिला आईपीएस प्रकरण, ‘गूगल’ और खुद के ‘अल्प-ज्ञान’ पर शर्मिंदा हूं
: ‘गूगल’ भी हमारे ‘ज्ञान’ के रहम-ओ-करम पर हंसता-सिसकता है साहब! :
सवाल- भारत की पहली महिला आईपीएस कौन थी?
जबाब- ‘किरन बेदी’…..भारत सहित दुनिया भर में अबतक खिंचा चला आ रहा था…..
‘बिलकुल सही जबाब….’
लेकिन अब इस सवाल का सही जबाब ‘किरन बेदी’ गलत साबित होगा। सही जबाब होगा…मरहूम सुरजीत कौर।
हां, शर्मिंदा हूं मैं….
सच सामने आया : किरण बेदी नहीं, सुरजीत कौर आजाद भारत की पहली महिला आईपीएस अफसर
Sanjaya Kumar Singh : शीशे के घरों से चुनाव लड़ना… भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर पार्टी की ओर से दिल्ली की मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनना किरण बेदी के लिए काफी महंगा पड़ा। चुनाव अभी हुए नहीं है फिर भी उनके जीवन की दो प्रमुख कमाई इस चुनाव में खर्च हो गई। पहली कमाई थी इंदिरा गांधी की कार टो करने का श्रेय जो पिछले दिनों बुरी तरह खर्च हो गई। उनकी दूसरी कमाई थी – देश की पहली महिला आईपीएस होने का श्रेय। और अब यह कमाई भी खर्च होती दिखाई दे रही है।
जानिए, उन वजहों को जिसके कारण दिल्ली में किरण बेदी फैक्टर अरविंद केजरीवाल को बहुमत दिला रहा है
Yashwant Singh : भाजपाई दिल्ली में गड़बड़ा गए हैं. जैसे भांग खाए लोगों की हालत होती है, वही हो चुकी है. समझ नहीं पा रहे कि ऐसा करें क्या जिससे केजरीवाल का टेंपो पंचर हो जाए, हवा निकल जाए… रही सही कसर किरण बेदी को लाकर पूरा कर दिया.. बेचारी बेदी जितना बोल कह रही हैं, उतना भाजपा के उलटे जा रहा है… आखिरकार आलाकमान ने कह दिया है कि बेदी जी, गला खराब का बहाना करके चुनाव भर तक चुप्पी साध लो वरना आप तो नाश कर दोगी…
IN THE MATTER OF SURESH KHENDELWAL COMPLAINANT VERSUS KIRAN BEDI ACCUSED…
IN THE HON’BLE COURT OF CHIEF METROPOLITAN MAGISTRATE,(EAST) KARKARDOOMA COURTS, NEW DELHI
COMPLAINT NO. OF 2015
IN THE MATTER OF :
SH. SURESH KHENDELWAL
COMPLAINANT
VERSUS
MS. KIRAN BEDI
ACCUSED
THROUGH
LEGUM LAW FIRM
HIMAL AKHTAR
ADVOCATE
O-24-A, JUNG PURA EXTENSION,
NEW DEHI.
himalakhtarg@gmail.com
P.S. KRISHNA NAGAR
COMPLAINT AGAINST MS. KIRAN BEDI FOR PROMOTING ENIMITY THROUGH ILLEGAL VISIBLE REPRESENTATIONS
DATED:- 23/01/2015
To,
COMMISSIONER OF POLICE,
POLICE HEAD QUARTER,
I.T.O.
NEW DELHI.
D.C.P. OFFICE (EAST)
P.S. MANDAWALI
DELHI
S.H.O.,
P.S. KRISHNA NAGAR,
NEW DELHI.
OFFICE OF THE CHIEF ELECTORAL OFFICER
OLD ST. STEPHEN COLLEGE BUILDING
KASHMERE GATE
DELHI-110006
SUBJECT: – COMPLAINT AGAINST MS. KIRAN BEDI R/O 56, UDAI PARK, NEW DELHI, FOR PROMOTING ENIMITY AMONG THE RESIDENTS OF KRISHNA NAGAR THROUGH ILLEGAL VISIBLE REPRESENTATIONS.
लाला लाजपत राय को भाजपाई पटका पहनाने के मामले में कोर्ट ने किरण बेदी के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा मांगा
किरण बेदी अपनी मूर्खताओं, झूठ, बड़बोलापन और अवसरवाद के कारण बुरी तरह घिरती फंसती जा रही है. पिछले दिनों नामांकन से पहले किरण बेदी ने स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की प्रतिमा को भगवा-भाजपाई पटका पहना दिया. इस घटनाक्रम की तस्वीरों के साथ एक कारोबारी सुरेश खंडेलवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जाने-माने वकील हिमाल अख्तर के माध्यम से किरण बेदी को कानूनी नोटिस भिजवाया फिर कोर्ट में मुकदमा कर दिया. इनका कहना है कि लाला लाजपत राय किसी पार्टी के प्रापर्टी नहीं बल्कि पूरे देश के नेता रहे हैं. ऐसे में किसी एक पार्टी का बैनर उनके गले में टांग देना उनका अपमान है.
किरन बेदी का झूठ बोलना सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, भाजपा को तगड़ा झटका
किरन बेदी ने करीब साल भर पहले तक अपने ट्विटर प्रोफाइल पर लिख रखा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री की कार उठवाई थी. अब यह लाइन उन्होंने हटा दिया है. लेकिन पहले लिखे गए झूठ को लोगों ने शेयर करना शुरू कर दिया है और पूछ रहे हैं कि आखिर किरन बेदी इतने दिनों तक झूठ क्यों बोलती रहीं. दिल्ली में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी किरन बेदी के बारे में एक किस्सा प्रचलित रहा है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवाया था.
किरण बेदी का पुलिसिया अंदाज़ देखकर मैं हैरान था : रवीश कुमार
सुबह के 5 बज रहे थे तभी सुशील का फोन आया कि बैकअप प्लान किया है आपने। सुशील मेरे शो के इंचार्ज हैं। बैक अप प्लान? हो सकता है कि आधा घंटा न मिले। इंटरव्यू के लिए तैयार होकर चाय पी ही रहा था कि सुशील के इस सवाल ने डरा दिया। प्राइम टाइम एक घंटे का होता है और अगर पूरा वक्त न मिला तो बाकी के हिस्से में क्या चलाऊंगा। हल्की धुंध और सर्द भरी हवाओं के बीच मेरी कार इन आशंकाओं को लिए दफ्तर की तरफ दौड़ने लगी।
एनडीटीवी प्राइम टाइम में Ravish Kumar और अभय दुबे ने भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली को पूरी तरह घेर लिया
Shambhunath Shukla : एक अच्छा पत्रकार वही है जो नेता को अपने बोल-बचन से घेर ले। बेचारा नेता तर्क ही न दे पाए और हताशा में अंट-शंट बकने लगे। खासकर टीवी पत्रकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। बीस जनवरी को एनडीटीवी पर प्राइम टाइम में Ravish Kumar और अभय दुबे ने भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली को ऐसा घेरा कि उन्हें जवाब तक नहीं सूझ सका। अकेले कोहली ही नहीं कांग्रेस के प्रवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल भी लडख़ड़ा गए। नौसिखुआ पत्रकारों को इन दिग्गजों से सीखना चाहिए कि कैसे टीवी पत्रकारिता की जाए और कैसे डिबेट में शामिल वरिष्ठ पत्रकार संचालन कर रहे पत्रकार के साथ सही और तार्किक मुद्दे पर एकजुटता दिखाएं। पत्रकार इसी समाज का हिस्सा है। राजनीति, अर्थनीति और समाजनीति उसे भी प्रभावित करेगी। निष्पक्ष तो कोई बेजान चीज ही हो सकती है। मगर एक चेतन प्राणी को पक्षकार तो बनना ही पड़ेगा। अब देखना यह है कि यह पक्षधरता किसके साथ है। जो पत्रकार जनता के साथ हैं, वे निश्चय ही सम्मान के काबिल हैं।
बेचारे मनोज तिवारी सच बोलकर फँस गए… किरण बेदी की थानेदारी चल पड़ी…
Mukesh Kumar : बीजेपी में किरण बेदी की थानेदारी चल पड़ी है। बेचारे मनोज तिवारी सच बोलकर फँस गए। सांसदों से कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार करने वाली किरण बेदी ने उनकी शिकायत हाईकमान से कर दी और मनोज बाबू को झाड़ पड़ गई। बेदी के आने से दिल्ली बीजेपी में सिर फुट्व्वल का ये एक नमूना भर है। अभी बहुतेरे हैं जो नाखुश हैं और मौका मिलते ही हिसाब चुकता करेंगे।
IAC public notice about Kiran Bedi
Dear IAC Subscribers, The IAC non-political movement is outraged at the induction of Ms.Kiran Bedi into the Bharatiya Janata Party, apparently to portray in the media that there will be a battle between IAC versus IAC in New Delhi or that Ms. Bedi is BJP’s trump card to cut Arvind Kejriwal etc. IAC informs its subscribers that we do not know Ms. Kiran Bedi, who to the best of our personal knowledge was never in the “India Against Corruption”, leave alone being any kind of IAC core committee member. We recall that at Anna’s so-called fast near Jantar Mantar in April 2011 Ms.Kiran Bedi prominently publicised her own NGO “JNSS” or suchlike to promote it by association with Anna Hazare.