राम मंदिर कांग्रेस वाले बनवाएंगे! सुनिए ऐलान… नीचे देखिए वीडियो… ये हैं जनाब राजब्बर. अभिनेता रहे हैं. अब कांग्रेस के नेता हैं. मीडिया से देर तक बतियाते हैं. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अगर लोकसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आए तो राम मंदिर कांग्रेस बनवाएगी. यानि जिस राम मंदिर बनवाने को लेकर मोदी …
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राम जन्म भूमि विवाद में मोदी सरकार का नया पैतरा
अयोध्या में गैर-विवादित जमीन वापस करने की अनुमति सुप्रीमकोर्ट से मांगी केंद्र ने रामजन्मभूमि विवाद में एक नया मोड़ आया है।जो काम प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जा सकता उसे अप्रत्यक्ष रूप से करने का प्रयास केंद्र सरकार कर रही है। केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहित 67 …
जी न्यूज करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है
Sheel Shukla : ज़ी न्यूज़ से एक सवाल… आपको को कैसा लग रहा है जब आप अपनी बेइज्जती खुद ही कर रहे हैं? आजकल ज़ी न्यूज़ पर राम मंदिर निर्माण के सन्दर्भ में एक कार्यक्रम चल रहा है “ग्रेट डिबेट शो”. इसमें आम जनता के साथ कुछ राम मंदिर समर्थित राजनेता एवं कुछ राम मंदिर विरोधी राजनेता के साथ साथ प्रतीकात्मक तौर कोई व्यक्ति श्री रामचंद्र भगवान कोई सीता तो कोई हनुमान बनकर बैठा है। करोड़ों लोगो की श्रद्धा के ये भगवन बोलते भी हैं।
रामलला तक पहुंचने पर जो दृश्य देखा, वह हृदय विदारक था
आज लगभग 40 साल बाद मैं फिर से अयोध्या की राम जन्मभूमि पर गया जहां रामलला विराजमान हैं, उस जगह तक पहुंचने में लगभग आधा घंटा पैदल चलना पड़ा। जब पहली बार यहां आया था तो शायद पांच मिनिट भी नहीं चलना पड़ा था। पैदल चलना मेरे लिए आनंद की बात है लेकिन रामलला तक पहुंचने पर जो दृश्य मैंने देखा, वह हृदय-विदारक था। लोहे के पाइपों से घिरा रास्ता ऐसा लग रहा था, जैसे हम हिटलर के किसी यातना-शिविर में से गुजर रहे हैं। ऐसे कई शिविर मैंने यूरोपीय देशों में देखे हैं लेकिन यह दृश्य तो उससे भी भयंकर था।
नाकामी छुपाने के लिए 2019 चुनाव में राम मंदिर कार्ड खेलेगी भाजपा
राम मंदिर मुद्दे पर मोदी की गंभीरता को समझने में भारी भूल कर रहा मीडिया! 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से मीडिया में राम मंदिर पर चर्चा होती रही है। यूपी में बीजेपी की भारी जीत के बाद ये चर्चा आम हो गई है। अक्सर टीवी स्टूडियो में बैठे एंकर, पत्रकार, मुस्लिम धर्मगुरू, बुद्धिजीवी जब खुले तौर पर मंदिर कब बनेगा या निर्माण की तारीख बताने जैसे असहज सवालों पर सरकार के प्रवक्ताओ को घेरने की कोशिश करते हैं तो शायद इन सभी महानुभावों को ये समझ मे नहीं आता कि अगर वाकई में इन्हें तारीख बता दी गयी तो इन्हें न्यूज़रूम से सीधे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ेगा।
अयोध्या विवाद पर अंतिम फैसले की घड़ी!
अजय कुमार, लखनऊ
अयोध्या विवाद (बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद) फिर सुर्खिंया बटोर रहा है। देश की सर्वोच्च अदालत कल (11 अगस्त 2017) से इस एतिहासिक विवाद का हल निकालने के लिये नियमित सुनवाई करने जा रही है। अदालत जो भी फैसला करेगा उसे दोंनो ही पक्षों को मानना होगा, लेकिन देश में मोदी और प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद ऐसा लगने लगा है कि अब इस मसले पर सियासत बंद होगी और कोई फैसला सामने आयेगा। उक्त विवाद करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा हुआ मसला है तो कुछ मुस्लिम संगठन इस पर अपनी दावेदारी ठोेक रहे हैं। करीब पांच सौ वर्ष पुराने इस विवाद ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
त्रयंबकेश्वर मंदिर : 200 रुपये डोनेशन देकर वीआईपी दर्शन करने की बात लिखा देख मन बिदक गया
Yashwant Singh : आजकल नासिक में डेरा है. यहां चाचाजी की ओपन हॉर्ट सर्जरी हुई है. सब कुछ सकुशल रहा. वे अपने सुपुत्र और मेरे छोटे भाई Rudra Singh के यहां रहकर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. चाचाजी के कहने पर आज नासिक से कुछ दूर स्थित त्रयंबकेश्वर मंदिर गया, जिसकी हिंदू धर्म में बहुत महिमा है. पर मंदिर के गेट पर 200 रुपये डोनेशन देकर वीआईपी दर्शन करने की बात लिखा देख मन बिदक गया. भीतर नहीं गया. पूछा तो पता चला कि आम जनता लंबी लाइन लगाकर काफी समय गुजारने के बाद दर्शन लाभ पाती है लेकिन जो दो सौ रुपये दे देते हैं उन्हें तुरंत डायरेक्ट दर्शन करा दिया जाता है.
सोमवार तड़के झारखंड के देवघर मंदिर में भगदड़, 11 कावंड़ियों की मौत
रांची. सोमवार सुबह 5.45 के करीब देवघर शिव मंदिर परिसर में भगदड़ से 11 कावंड़ियों की मौत हो गई। 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसा हुआ था जिस वक्त सावन के दूसरे सोमवार के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी। देवघर एसपी ने 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इसी मंदिर परिसर में पिछली भगदड़ में 12 लोगों की जान चली गई थी।
राम मंदिर नहीं, राम राज्य की बात हो
हिन्दुस्तान में मंडल-कमंडल की सियासत ने कई सरकारों की आहूति ली तो कई नेताओं को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।मंडल के सहारे वीपी सिंह ने अपनी सियासी जमीन मजूबत की।समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव,राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव ने भी इस मुद्दे से खूब राजनैतिक रोटियां सेंकीं।राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद में मुलायम ने खुल कर मुसलमानों की पैरोकारी की जिसकी सहारे लम्बे समय तक मुलायम उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहे आज भी अगर सपा का जनाधार मजबूत है तो इसके पीछे अयोध्या आंदोलन की जड़े ही हैं। उधर कमंडल(राम मंदिर आंदोलन) के सहारे भाजपा भी लगातार बढ़ती गई।कमंडल के सहारे ही लाल कृष्ण आडवाणी,कल्याण सिंह,उमा भारती,विनय कटियार, जैसे नेता उभर कर सामने आये।1992 में जब तक विवादित ढांचा गिरा नहीं दिया गया तब तक यह नेता लगातार चमकते रहे,लेकिन विवादित ढांचा गिरते ही इन नेताओं की सियासत पर भी ग्रहण लग गया।विवादित ढ़ांचा गिरते ही इन नेताओं के ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के भी बुरे दिन आ गये।