यूपी में ग्राम्य विकास विभाग के विशेष सचिव हैं आईएएस एनपी सिंह उर्फ नागेंद्र प्रताप सिंह. कुछ चुनिंदा ईमानदार और सरोकारी अफसरों में इनकी गिनती होती है. इनके विभाग ने पिछले दिनों एक अचंभा किया. विभाग के करीब पांच दर्जन अफसरों को वरिष्ठता और परफारमेंस के आधार पर उनकी मनचाही जगह पर हाथोंहाथ तबादला किया गया. न कोई सोर्स, न सिफारिश, न रिश्वत.
ऐसा वो इसलिए भी कर सके क्योंकि उनके विभाग के मंत्री डा. महेंद्र सिंह और प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव भी तबादले और पोस्टिंग में ट्रांसपैरेंसी की एनपी सिंह की नीति से सहमत थे. इसीलिए रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में उन सभी अफसरों को एक काउंसिलिंग के लिए लखनऊ बुलाया गया जो वरिष्ठता और परफारमेंस के आधार पर इसके योग्य थे.
इस काउंसिलिंग के दौरान हर एक से पूछा गया कि वे कहां जाना चाहते हैं, उन्होंने जिस जगह का नाम लिया, वहां तैनाती दे दी गई. हाथोंहाथ मंत्री महेंद्र सिंह ने तबादला आर्डर उन्हें थमा दिया. विशेष सचिव एनपी सिंह बताते हैं कि इस कार्यशाला में उन अफसरों को नहीं बुलाया गया था जो दागी थे, जिन पर कोई जांच चल रही हो, जिनके खिलाफ चार्जशीट हो.
मंत्री डा महेंद्र सिंह ने भी तबादलों में सिफारिश और रिश्वत की प्रथा खत्म करने पर जोर दिया और अफसरों से कहा कि वे अपनी ईमानदारी और मेहनत से ग्राम्य विकास विभाग को नंबर वन बनाए. कुल मिलाकर योगी सरकार के एक इस ग्राम्य विकास विभाग की यह क्रांतिकारी तबादला नीति फिलहाल अफसरों और मंत्रियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. अगर ऐसा ही हर एक डिपार्टमेंट में हो जाए तो भ्रष्टाचार की आधी बीमारी दूर हो जाए.
ग्राम्य विकास विभाग के विशेष सचिव एनपी सिंह की ईमानदार और पारदर्शी कार्यशैली की कई अफसरों, मंत्रियों और पत्रकारों ने खुलकर तारीफ की. एनपी सिंह जहां भी रहे, अपनी सादगी, अपने नए प्रयोगों और जनप्रतिबद्ध कार्यशैली के लिए चर्चा में रहे. कवि हृदय एनपी सिंह का कविता संग्रह जल्द ही छपकर आने वाला है. नीचे के वीडियो के जरिए आप उनकी कुछ कविताएं उनकी जुबानी सुन सकते हैं….