Kashyap kishor mishra-
हमेशा सरकार ही गलत नहीं होती… इस तस्वीर का असल पहलू कहीं न नजर आ रहा न लिखा जा रहा। जैसी कि जानकारी इनके बगल के गाँव के अविनाश सिंह से मिली। पत्नी की मृत्यु के बाद ये बाडीपैक में बंद बाडी जिद कर के हस्पताल से अपनें गांव लाये यह कह के कि अंतिम क्रिया से जुड़े रीति रिवाज करनें हैं। अंबूलेंस से शव को उतारने के बाद इन्होंने बाडीपैक हटा दिया।
फिलहाल इनके गांव मे कोविड बुरी तरह फैला है इनके खानदान में 5 लोग खत्म हो चुके हैं तीन बीमार हैं लिहाजा किट व बाडीपैक हटा देने पर गाँव का कोई डर के मारे आया नहीं।
पर ये नहीं मानें। नहला धुला साईकिल पर पत्नी को लाद चल दिये। तब गाँव वालों व पटिदारी नें ही पुलिस बुलाई और पुलिस की देखरेख में प्रोटोकॉल के हिसाब से दाह संस्कार हुआ.
उपरोक्त तस्वीर पर आईं शुरुआती प्रतिक्रियाएँ यूँ हैं-
Mithilesh dhar- इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह तस्वीर यूपी के जिला जौनपुर, कोतवाली मड़ियाहूं के गांव अम्बरपुर की है। तिलकधारी सिंह की पत्नी की मौत कोरोना से हो गयी। गांव वालों ने उन्हें अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। बुजुर्ग शव साइकिल पर लेकर घूमता रहा। अंत में पुलिस की मदद से हुआ दाह संस्कार।
Shyam Meera singh- यूपी के जौनपुर जिले में ये बूढ़ा आदमी अपनी मृत पत्नी के शव को लेकर शवदाह करने के लिए घूम रहा है. यकीन मानिए ये तस्वीर साइकिल में झूलते हुए शव की नहीं है बल्कि कोरोना संकट में डगमगाते पूरे उत्तर प्रदेश की है. जहाँ का मुख्यमंत्री कहता है यूपी में कोई कमी नहीं है सब चकाचक है.
Sheetal P Singh- उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में इंसानियत शर्मसार! कोरोना के डर से गॉव वालों नें नहीं करने दिया अंतिम संस्कार, पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर घूमता रहा बुजुर्ग, आख़िर में पुलिस की मदद से बुजुर्ग पत्नी के शव की अंत्येष्टि कर सका ! जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अम्बरपुर गांव निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी देवी (55 वर्ष) की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।