सौमित्र रॉय-
ऐसा अपमान 70 साल में नहीं हुआ।
न्यूयॉर्क की ट्रकों पर नरेंद्र मोदी के लिए सवाल हैं। मोदी को अमेरिका के अखबार में पेज 9 पर जगह मिल रही है।
यही कोई विदेशी भारत में आता तो अखबारों में हेडलाइन बनती।
मोदीजी से गलती हो गई। भारत के करदाताओं के पैसे से उन्हें 72 घंटे के लिए सारा अमेरिकी मीडिया खरीद लेना था।
राजकीय यात्रा से पहले उन्हें अपने लंगोटिया यार जो बाइडेन से यह लिखित में वादा लेना था कि व्हाइट हाउस के सामने विरोध करने वालों को खदेड़ दिया जायेगा।
सवाल पूछने वालों को जेल में डाला जाएगा। उन पर राजद्रोह के मामले दर्ज होंगे। एक राजकीय अतिथि की खिलाफत पर इतनी सजा तो बनती ही है।
अमेरिकी सीनेट में मोदीजी के भाषण का बहिष्कार करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
कुछ पोटलियां उधर भी खिसकानी थी। प्रवासी भारतीयों को वहां गुजरात मॉडल की ट्रेनिंग देनी चाहिए, कि कैसे तंत्र का मुंह बंद कर प्रचार का तड़का लगाएं।
मानवाधिकारों को भारतवासी 2002 से भूल चुके हैं। यहां पीड़ित को ही जेल में डालने का रिवाज़ बन चुका है।
लेकिन, सब उल्टा हो गया। कल के न्यूयॉर्क टाइम्स में सीपीजे ने फुल पेज विज्ञापन दिया है। फिर सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री अपनी बिगड़ती छवि को लेकर इतने परेशान हैं कि कल यूएन में ठीक से योग भी नहीं कर पाए। शक्की आखें विरोधियों को तलाशती रहीं।
सवालों से भागने वालों को अंधेरी कोठरी पकड़नी चाहिए।
भारत में तमाशा चलता है। ये 12000 किमी दूर अमेरिका है।
R.c.vivek
June 24, 2023 at 8:29 pm
Fact is fact nobody can hide the facts either 20, years old or 100 years old hence facts remain facts,each and every person knows àbout Narendra Modi PM of the India,