विनोद भारद्वाज-
के डी हॉस्पिटल बृन्दावन , मथुरा में कोरोना मरीजों के साथ खुली डकैती हो रही है । डी एम और सी एम ओ आंख बंद कर मरीजों को लुटवा रहे हैं । कोरोना के गम्भीर मरीजों को बेड देने नाम पर छह लाख रुपए तक लिए जा रहे हैं । बांड भरवाकर जमा कराए जा रहे इन लाखों रुपयों की कोई रसीद भी नहीं दी जाती । अस्पताल में जहां ये रुपए जमा कराए जाते हैं , वहां से सी सी टी वी कैमरे भी हटा दिए गए हैं , जबकि पूरे अस्पताल में कैमरे लगे हैं ।
26 अप्रैल की शाम को के डी हॉस्पिटल में बल्केश्वर कॉलोनी निवासी विद्युत विभाग से रिटायर्ड संजय राज शर्मा को बमुश्किल भर्ती किया गया था । उनके दामाद से अस्पताल में उसी समय छह लाख रुपए नकद जमा कराके एक बांड पर दस्तखत करा लिए गए थे । दूसरे दिन 27 अप्रैल की सवेरे ही अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर डेड बॉडी परिजनों को दे दी गई । जब उन्होंने बाकी रुपए मांगे तो जवाब मिला कि वे रुपए तो बेड देने के लिए थे ।
रात भर अस्पताल में रखकर लाश लौटाने का ही इस अस्पताल ने छह लाख रुपए वसूल लिया । इस खुली लूट के बारे में सिर्फ प्रशासन ही नहीं , बल्कि पूरा मीडिया भी जानता है , लेकिन कहीं से इस खुली लूट के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठती । पीड़ित परिवार ने कहा है कि वे अस्पताल की इस लूट के मामले को हर स्तर पर उठाएंगे ।
के डी जैसे धन्धेखोर लालाओं के अस्पतालों ने हर जगह लूट मचा रखी है । राम किशोर अग्रवाल और इनका बेटा मनोज अग्रवाल कोरोना काल में लाशों के सौदागर बन गए हैं । ये भाजपा और संघ में अपनी पैठ का दम भरते हैं । मनोज अग्रवाल तो डंके की चोट पर जिलों से अटैचियाँ भरकर नोट वसूलने वाले बहु चर्चित नेता का दम भरता है । ये सब लाशों के सौदागर बने हुए हैं और प्रशासन आंख बंद कर इनका हिस्सेदार बन गया है । ऊपर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के झूंठे शर्मनाक बयान इन पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।
के डी हॉस्पिटल में कोरोना मरीज के परिजनों से छह लाख रुपए जमा कराने और मरीज की दूसरे दिन सवेरे ही मौत हो जाने की मेरी पोस्ट के बाद भारी उथल पुथल मच गई । मथुरा के साथी पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने ये मामला हॉस्पिटलके चेयरमेन राम किशोर अग्रवाल के सामने रखा तो उन्होंने कहा कि ये प्रकरण उनकी जानकारी में ही नहीं है ।
के के उपमन्यु के कहने पर मैंने जब राम किशोर अग्रवाल को पूरा मामला बताया तो उन्होंने आश्चर्य और अफसोस जताते हुए कहा कि यदि मेरे हॉस्पिटल ने ये किया है तो मैं पीड़ित परिवार को वह पैसा वापस कराऊंगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में किसी के साथ भी ना हो। उन्होंने कहा कि मैं खुद कोरोना पीड़ित होकर चुका हूँ, मैं ऐसा कोई अन्याय अपने यहां नहीं होने दूंगा ।
चेयरमेन राम किशोर अग्रवाल ने कहा कि वे विवादों से दूर रहना चाहते हैं अतः पीड़ित पक्ष की बात को सुनकर जो भी ज़रूरी व उचित होगा, वे ज़रूर करेंगे। उन्होंने सम्बंधित पोस्ट को हटाने और विवाद खत्म करने/करवाने की बात कही है/अनुरोध किया है ।
पीड़ित पक्ष एवँ राम किशोर अग्रवाल से हुई बातचीत को आप सभी मित्रों के सामने रखना व उचित जानकारी आप सबसे साझा करना आवश्यक लगा इसलिए यह सब आपके साथ साझा कर रहा हूँ ।
फिलहाल संकटकाल है , हम सभी को एक-दूसरे के लिये खड़े रहने व एक-दूसरे की ताकत बनने की ज़रूरत है । साथ रहेंगे…हर मुश्किल से लड़ेंगे और ईश्वर ने चाहा तो जीतते भी रहेंगे !!!
Neeraj Gupta
April 30, 2021 at 9:06 am
के डी मेडिकल कॉलेज वृंदावन । डेंटल कॉलेज गलत लिख गया है, हालाँकि है ये भी उसी समूह का