रायपुर : शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने सुकमा कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां के कलेक्टर भाजपा के पक्ष में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा सुकमा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिये भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिस पर कांग्रेस द्वारा आपत्ति भी लगाई गई है परन्तु कलेक्टर द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है जबकि कल 19 तारिख नामांकन वापसी का आखिरी दिन है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने प्रकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान लक्ष्मी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव निर्वाचन क्षेत्र बस्तर से चुनी गई थी। जिस समय लक्ष्मी द्वारा अनुसुचित जनजाति महिला के लिये इस जाति का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर 1994 में उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया था। इसके बाद लागातार वे इसी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करते रहीं हैं। परन्तु इस बार सुकमा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का पद अन्य पिछडा वर्ग के लिये आरक्षित हो गया तो इसी महिला लक्ष्मी द्वारा अन्य पिछडा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नामांकर भरी गई है। चूंकि लक्ष्मी भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी हैं इसलिये सुकमा के कलेक्टर द्वारा उनका बचाव किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा लक्ष्मी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति किये जाने पर भी कलेक्टर द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। इस तरह से सुकमा कलेक्टर भाजपा के पक्ष में कार्य कर चुनाव के पश्चात नक्सली क्षेत्र से मैदानी क्षेत्र में अपना स्थानांतरण करवाना चाह रहें हैं। विकास उपाध्याय ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से सुकमा कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग करते हुए कहा है कि उक्त कलेक्टर के रहते सुकमा में निश्पक्ष चुनाव की अपेक्षा नही की जा सकती। विकास उपाध्याय ने सभी समाचार पत्र को 1994 में लक्ष्मी द्वारा अनुसुचित जन जाति होने का प्रमाण निर्वाचन आयोग द्वारा जारी तात्कालीन पत्र भी जारी किया है। एवं पुछा है कि किसी व्यक्ति का एक समय के पश्चात जाति परिवर्तन होने का राज्य शासन के पास कोई नियम है यदि है तो उसे बताया जाना चाहिये।
भवदीय
ब्रजेश सतपथी
प्रवक्ता
प्रेस विज्ञप्ति