मथुरा : कल हमारे चैनल ‘समाचार 24’ ने तीन साल पूरे किये… ऑफिस में लोगों का आना-जाना लगा था.. जश्न का मौका था.. तभी खबर आयी कि जवाहर बाग प्रकरण को लेकर कलेक्ट्रेट पर उपद्रव हुआ है… मै अपने दो अन्य सहयोगी महेश व अमित को साथ लेकर वहाँ के लिए निकल लिया.. लेकिन शायद हमें सूचना देर से मिली क्योंकि जब हम जवाहर बाग़ पहुंचे तब वहां कोई भी पुलिस या प्रशासन का अधिकारी नहीं था…
सहयोगी महेश बोले कि अंदर देखते हैं क्या माहौल है… एक दो बार मना करने के बाद मुझे भी लगा कि इन कथित सत्याग्रहियों का भी पक्ष जान लेते हैं, सो पहुँच गए हम जवाहर बाग़ के अंदर… अंदर प्रवेश करते ही हमें बाइक साइड में लगाने का निर्देश मिला और दूसरी तरफ रजिस्टर में एंट्री करायी गयी… इसके बाद करीब 15-20 लोग (जिनके हाथ में डंडे लगे हुए थे जिन पर एक झण्डा भी बंधा हुआ था, कुछ के पास बन्दूक भी थी) हमें घेर कर चलने लगे… मैं उनसे वहां के बारे में बात करने की कोशिश कर रहा था लेकिन केवल एक जवाब मिलता, अंदर चलिए वहीँ बात करेंगे…. खैर अंदर जाने के बाद एक बड़े से तम्बू के आकार की बनी हुई जगह में बिठाया गया जहाँ कूलर भी लगे हुए थे… वहां भी हमसे किसी ने बात नहीं की…
दो तीन मिनट बाद उनके नेता आये… सफ़ेद कपड़े पहने, ढाढ़ी बढ़ी हुई… नाम था राम वृक्ष यादव… जमीन पर ही हमारे नजदीक आकर बैठ गए… बातचीत शुरू हुई… 100 के करीब लोगों के बीच में जिसमे कुछ बैठे थे, कुछ हथियार लेकर खड़े थे, महिलाएं भी थीं… उन्होंने अपनी बात कहना शुरू की…. बीच में चाय व नमकीन भी आयी..हाँ, एक लड़का खड़ा होकर सारी बातचीत को वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड कर रहा था… शुरू में तो उनकी बातें समझ से परे थीं फिर कुछ पल्ले पड़ने लगा लेकिन एक बात तो साफ़ थी उन्हें अपनी बात पर सहमति करवाने की जिद थी, जबरदस्त उग्रता थी उनकी बातों में… रूरल, रोम रोड जैसी कुछ बातें जो शायद आपकी समझ में आ जाएँ… पीएमओ, राष्ट्रपति कार्यालय को भेजे गए कुछ कथित पत्र भी दिखाए…. उन्होंने तो पूरे शासन प्रशासन को ही डुप्लीकेट बता दिया… साथ ही कोई रोम रोड के जरिये दिल्ली राजदरबार पर भी हमला करने की चेतावनी दे दी… इसी बीच उनके नेता के आदेश पर अंगूर व सेब भी हमारे लिए मंगाए गए और बताया कि यहाँ हर सामान बाजार भाव से सस्ता है जैसे रविवार को चीनी बांटी गयी 25 रुपये किलो…
अब वहाँ से चलने की बारी थी… उनके नेता ने आदेश दिया कि हमें बाहर तक छोड़ा जाए और इस बीच हमसे कोई भी बातचीत नहीं करेगा… हुआ भी वैसा ही… हमें बाहर तक छोड़ा गया… किसी ने कोई बातचीत नहीं की… बाहर आकर सबसे पहले मैने अपने सहयोगी से कहा कि आज पहली बार लगा कि मैने किसी नक्सली इलाके में रिपोर्ट करने की ट्रेनिंग ली हो… पर इतना तो साफ़ है कि प्रशासन और सरकार इस पूरे प्रकरण पर पूरी तरह से नाकाम रही है… अभी तक और आने वाले दिनों में ये खबर काफी बड़े रूप में सामने आ सकती है…
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मथुरा से मोहित गौड़ की रिपोर्ट. संपर्क : [email protected]