Connect with us

Hi, what are you looking for?

छत्तीसगढ़

पत्रकार उमेश राजपूत हत्या की होगी सीबीआई जांच

हाईकोर्ट ने पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। घटना के चार साल बाद भी आरोपियों की गिरफ्तार नहीं हो पाई है। गरीयाबंद जिला के ग्राम छूरा निवासी पत्रकार उमेश राजपूत 23 जनवरी 2011 की शाम अपने घर पर थे। उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने आवाज देकर उन्हें बाहर बुलाया। बाहर निकलते ही युवक उन पर गोली मार कर फरार हो गए। सूचना पर पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। हत्या के दो दिन पहले पत्रकार उमेश राजपूत का अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर नेत्र सहायक से विवाद हुआ था। उन्होंने मामले की थाना में शिकायत की थी। इसके अलावा क्षेत्र के कुछ खनिज माफिया ने भी उन्हें धमकी थी।

<p>हाईकोर्ट ने पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। घटना के चार साल बाद भी आरोपियों की गिरफ्तार नहीं हो पाई है। गरीयाबंद जिला के ग्राम छूरा निवासी पत्रकार उमेश राजपूत 23 जनवरी 2011 की शाम अपने घर पर थे। उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने आवाज देकर उन्हें बाहर बुलाया। बाहर निकलते ही युवक उन पर गोली मार कर फरार हो गए। सूचना पर पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। हत्या के दो दिन पहले पत्रकार उमेश राजपूत का अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर नेत्र सहायक से विवाद हुआ था। उन्होंने मामले की थाना में शिकायत की थी। इसके अलावा क्षेत्र के कुछ खनिज माफिया ने भी उन्हें धमकी थी।</p>

हाईकोर्ट ने पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। घटना के चार साल बाद भी आरोपियों की गिरफ्तार नहीं हो पाई है। गरीयाबंद जिला के ग्राम छूरा निवासी पत्रकार उमेश राजपूत 23 जनवरी 2011 की शाम अपने घर पर थे। उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने आवाज देकर उन्हें बाहर बुलाया। बाहर निकलते ही युवक उन पर गोली मार कर फरार हो गए। सूचना पर पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। हत्या के दो दिन पहले पत्रकार उमेश राजपूत का अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर नेत्र सहायक से विवाद हुआ था। उन्होंने मामले की थाना में शिकायत की थी। इसके अलावा क्षेत्र के कुछ खनिज माफिया ने भी उन्हें धमकी थी।

हत्यारों के गिरफ्तार नहीं होने पर उसके भाई परमेश्वर राजपूत ने अधिवक्ता सुधा भारद्वाज के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने मामले में विवेचना अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। प्रकरण में सीजेएम कोर्ट से संदेहियों के ब्रेनमैपिंग का आदेश दिया गया था। हाईकोर्ट ने ब्रेन मैपिंग रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। कोर्ट के कई बार नोटिस के बावजूद पुलिस प्रकरण में संतोषजनक जवाब पेश नहीं कर पाई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने मामले में प्रभावशाली लोगों का हाथ होने का संदेह व्यक्त करते हुए पुलिस कीबजाय किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट में डेढ़ वर्ष तक मामले में सुनवाई हुई। बुधवार को जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने हत्यारों को पकड़ने में पुलिस के असक्षम होने पर मामले की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement