सुधांशु माथुर-
वरिष्ठ पत्रकार अनिल वार्ष्णेय को भी कोरोना ने हम से छीन लिया। उन्होंने जयपुर के SMS हॉस्पिटल में आज सुबह अंतिम सांस ली।
अनिल जी को 25 अप्रैल को SMS में भर्ती कराया था। उस समय उनका सोडियम लेबल काफी डाउन था। बाद में अनिल जी की कोरोना जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। वे लगातार वेंटिलेटर पर थे।
अनिल जी ने 40 साल से ज्यादा समय तक पत्रकारिता धर्म निभाया। उन्होंने राजस्थान पत्रिका, दैनिक राष्ट्रदूत, समाचार जगत, महका भारत, दैनिक अम्बर समेत अनेक संस्थानों में अपनी सेवाएं दी।
इतवारी पत्रिका में उनके व्यंग कालम “गप्पी चाचा के गप्प सड़ाके” की आज भी चर्चा होती है।अनिल जी स्वतंत्रता सेनानी और मूर्धन्य पत्रकार स्व. चंद्रगुप्त वार्ष्णेय जी के सबसे छोटे पुत्र थे।