Avanindr singh Aman : वाराणसी। क्राइम ब्रांच की आंखों में धूल झोंक कर ज्योतिषाचार्य लक्ष्मणदास अपहरण के 11वें दिन अचानक अपने आवास पहुंच गए। ज्योतिषाचार्य की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम चंदौली, बिहार के विभिन्न जनपदों में खाक छान रही थी, मगर क्राइम ब्रांच के हाथ कुछ नहीं लगा। रविवार को ज्योतिषाचार्य ने अपने आवास पर पत्रकारवार्ता कर जो आपबीती बताई उसमे छेद ही छेद नजर आए। लक्ष्मणदास ने बताया कि तीन लोगों ने टेंगडा मोड़ पर भूमि पूजन की बात कहकर हमें सामने घाट साईं मंदिर से गाड़ी में बिठाकर ले गए। गाड़ी में बैठने के बाद ज्योतिषाचार्य ने प्यास लगने की बात कही और पानी माँगा जिस पर गाड़ी में बैठे एक व्यक्ति ने ज्योतिषाचार्य को पानी की बोतल पकड़ाई जिसके बाद ज्योतिषाचार्य अर्धमूर्च्छा की हालत में हो गए।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जब वह होश में आए तो अपने आंख पर पट्टी बधी पायी जिस पर ज्योतिषाचार्य ने बदमाशों से आंख पर पट्टी बंधने के बाबत पूछा तो बदमाशो ने उनका मोबाइल छिनते हुए उनसे कहा कि चुपचाप चलो भूमि पूजन कराओ या गोली खाओ। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि बदमाशो ने आंख पर पट्टी बांधकर ही नवरात्री के प्रथम व तृतीय दिन शक्ति आराधना का अनुष्ठान कराया। इसी बीच ज्योतिषाचार्य से बदमाशो ने धार्मिक ज्ञान भी लिया। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि बदमाशो ने मेरे शरीर मालिश से लेकर खूब सेवा की। उन्होंने कहा कि बदमाशो ने हमें खूब फल भी खिलाए उतने फल मै कभी अपने घर पर भी नहीं खाए हैं।
बार-बार अपहरण की बात पूछे जाने पर ज्योतिषाचार्य अपहरण की बात मानने से इनकार करते रहे। उनसे जब यह पूछा गया कि चौराहों पर यह चर्चा व्याप्त थी कि आप नवरात्री के बाद आ जायेंगे जैसा हुआ भी तो ज्योतिषाचार्य का कहना था कि यह कोई मेरी सोची समझी साजिश नहीं थी, बदमाशो ने पहले ही कहा था कि पूजा ख़त्म होने के बाद आप को वहीं छोड़ दिया जाएगा जहां से आप को उठाया गया है। जब उनसे यह पूछा गया कि आप का अपहरण जमीन के विवाद को लेकर हुआ है तो उनका कहना था कि मैं कोई भी जमीन का व्यवसाय नहीं करता।
जब उनसे यह पूछा गया कि आप अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत आप गायब थे तो उनका कहना था कि मै कोई कायर व्यक्ति नही मुझे कोई सुरक्षा की आवश्यकता नही है। उनसे जब यह पूछा गया कि आप उन बदमाशो के खिलाफ कोई क़ानूनी कार्यवाही करेंगे तो इस बात का जबाब देने से ज्योतिषाचार्य कन्नी काटते हुए बताया कि अपने दोस्तों से चर्चा करने के बाद कोई निर्णय लूँगा। बताते चलें कि 24 सितम्बर को शुकुलपुरा निवासी ज्योतिषाचार्य व सांध्यकालीन समाचार पत्र के संपादक लक्ष्मणदास दोपहर में अपने घर से लक्सा के लिए निकले थे। लक्सा में अपने अखबार के दफ्तर में तीन घंटे गुजारने के बाद वह सामनेघाट स्थित अपने साईं मंदिर चले गए।
इसी बीच रामकिशोर शर्मा के साले का फ़ोन भूमि देखने के लिए आया जिसके बाद ज्योतिषाचार्य लक्ष्मणदास ने अपने कार के ड्राइवर को गाड़ी घर ले जाने को कहा और खुद रामकिशोर शर्मा के साले की गाड़ी में बैठकर निकल लिए।
करीब साढ़े छह बजे जब एक कर्मचारी ने ज्योतिषाचार्य के मोबाइल पर फ़ोन कर बात करनी चाही तो उनका फ़ोन स्विच ऑफ़ मिला जिसके बाद लगातार देर रात तक उनका मोबाइल स्विच ऑफ़ आने लगे। अगले दिन 25 सितम्बर को ज्योतिषाचार्य की पत्नी पूनम दास ने लंका थाने पहुचकर लापता होने की रपट दर्ज कराई। जिसके बाद तो पुलिस महकमा हरकत में आ गया।
नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक हमारे देश में हर आठ मिनट में 1 बच्चा चोरी होता है लेकिन खबर के नाम पर 4 लाइन से अधिक कोई भी अखबार नही प्रकाशित करता मगर अखबारों के बड़े विज्ञापनदाता होने के कारण अखबारों के विज्ञापन बीट पर कार्य करने वाले कर्मचारी उनके लापता होने से हर छोटी-बड़ी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने लगा। प्रतिदिन खबर प्रकाशित होने से पुलिस महकमा भी हरकत में थी ही लेकिन पुलिस के हाथ खाली के खाली ही रहे।
ज्योतिषाचार्य अपहरण के शिकार हुए थे या फिर उनकी सोची समझी चाल थी इस पर हम मुहर नहीं लगा सकते परन्तु अपहरण से ज्योतिषाचार्य लक्ष्मणदास का जमकर प्रचार हुआ।
बनारस के युवा पत्रकार अवनींद्र सिंह अमन के फेसबुक वॉल से।
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