श्याम सिंह रावत-
जो लोग ईवीएम को बूथ लूटने का इलाज बताते हैं उन्हें असम से आई इस खबर से जरूर आघात लगा होगा। सिर्फ 90 मतदाताओं वाले बूथ में 171 वोट यानी लगभग दोगुने पड़ गये।
यह ‘चमत्कार’ कैसे हुआ? इस सवाल का जवाब तो केंचुआ को देना ही चाहिए लेकिन उसे यह भी बताना चाहिए कि इन 171 वोटों में से कितने सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में डाले गये क्योंकि हेराफेरी करने की पूरी सम्भावना उसके द्वारा ही है।
लेकिन क्या रीढ़विहीन हो चुका केंचुआ देश की जनता को यह बतायेगा? क्योंकि इसकी विश्वसनीयता दांव पर जितनी मोशा काल में लगी हुई है, इतनी पहले कभी नहीं रही।
देश के मुख्यधारा के मीडिया ने तो अपनी नाक कब की कटा ली है लेकिन क्या सुनील अरोरा चुनाव आयोग की साख बचाने की कोशिश करेंगे?