सौमित्र रॉय-
कोविड का ग्राफ आज फिर ऊपर गया है- 3.62 लाख से ज़्यादा मामले और पहली बार 3000 से ज़्यादा मौत।
पिछले दो दिन से महाराष्ट्र में मामले कम आने के बाद गोदी मीडिया भौंक रही थी कि कोविड की स्थिति में सुधार है। लेकिन महाराष्ट्र ने आज बता दिया कि यह ग़लत है।
असल में 1 अप्रैल से टेस्टिंग लगातार कम की जा रही है। खासकर बिष्ट के यूपी में, जहां कोविड गांव तक पहुंच चुका है। सरकारी आदेश से टेस्टिंग बंद है।
यूपी, बंगाल, केरल और कर्नाटक में हालात बेकाबू हैं, लेकिन मोदी सरकार अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए जानबूझकर टेस्टिंग कम कर रही है।
कोविड की पहली लहर में भारत की टेस्टिंग क्षमता 23-25 लाख प्रतिदिन की रही थी। कल 17 लाख से कुछ ज़्यादा टेस्ट किये गए।
अगर 25 लाख के आसपास टेस्टिंग की जाए तो रोज़ाना करीब 4 लाख मामले निकलेंगे। इतने मरीजों के लिए न अस्पताल हैं और न ऑक्सीजन।
टेस्टिंग न होने से मरीज़ बहुत ही बिगड़ी हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं और 24 से 72 घंटे में उनकी सांस थम रही है।
ये एक नरसंहार है, जो मोदी सरकार की अगुवाई में पूरा देश सामूहिक रूप से कर रहा है।
उस पर, मरने वालों के आंकड़े रोज़ छिपाए जा रहे हैं, जो नृशंस अपराध है। खुद विदेशी मीडिया ने भी भारत में रोज़ 15 हज़ार के आसपास मौत की आशंका जताई है।
आज कोविड से मरने वालों का सरकारी आंकड़ा 2 लाख को पार कर गया है।
अगले 20 दिन देश पर बहुत भारी हैं। रोज़ाना 5 लाख मरीज़ और 25 हज़ार मौत का गैर-सरकारी आंकड़ा देश नहीं झेल पायेगा।
इसलिए, कृपया कोई ढिलाई नहीं। डबल मास्क पहनें और भीड़ से बचें।

