अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
- मणिपुर में भाजपा सरकार के मुखिया बिरेन सिंह को राज धर्म निभाने की नसीहत देने वाला ही नहीं बचा देश में कोई
- गुजरात दंगों के समय तो तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने दी थी राजधर्म निभाने की नसीहत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मणिपुर हिंसा पर चुप्पी अभी तक टूटी नहीं और अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य की कानून व्यवस्था को राज्य सरकार के भरोसे ही रहने को जायज ठहरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई खेमे यानी राज्य के कुकी समुदाय के याचिकाकर्ता को ‘ फटकार‘ भी लगाते हुए साफ कर दिया है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का काम है इसलिए वह उसमें दखल नहीं देगा।
विपक्ष और देश दुनिया में एक खेमा मणिपुर हिंसा को गुजरात हिंसा जैसी बता रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी पिछले ही साल गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 60 लोगों को क्लीन चिट देते हुए सुनवाई और इससे जुड़े सभी मामलों की जांच तक को बन्द करने का आदेश दे दिया है।
गुजरात में हुए दंगों में उस वक्त राज्य की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी पर विपक्ष और मुस्लिम खेमे ने ऐसे ही आरोप लगाए थे , जैसे इस वक्त मणिपुर में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह पर लग रहे हैं। इन आरोपों पर ही उस वक्त भाजपा सरकार के मुखिया अटल बिहारी बाजपेई ने नरेंद्र मोदी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने लाइव ही दंगों पर राजधर्म निभाने की नसीहत दे दी थी, जिसमें मोदी ने उन्हें आश्वस्त भी किया था कि वह राजधर्म निभा रहे हैं।
अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने यह मुहर लगा दी है कि गुजरात दंगों में राज्य की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार की भूमिका में कोई दोष नहीं था तो यह माना जा सकता है कि अटल जी तब नाहक ही चिंतित थे।
मणिपुर में तो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह भी राजधर्म निभा रहे हैं या नहीं, इस पर सोचने विचारने से ही यह कहकर मना कर दिया कि यह उसका काम ही नहीं है। अब अटल बिहारी बाजपेई तो प्रधानमंत्री हैं नहीं अपने मोदी जी ही हैं, जिन्हें राजधर्म निभाने का अनुभव गुजरात से ही है इसलिए लगता है कि मणिपुर भी अब ‘ सुरक्षित‘ हाथों में है।
हालांकि मणिपुर हिंसा पर दाखिल याचिका में ईसाई खेमे का आरोप है कि राज्य सरकार ही इस हिंसा के पीछे है इसलिए कुकी समुदाय को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट कोई कदम उठाए। याचिका में कोलिन गोंसाल्वेस ने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा को भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर हिंसा में शामिल सशस्त्र समूहों का समर्थन करने का भी आरोप लगाया।
इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में उन्हें राज्य में हिंसा में दखल देने के लिए सुप्रीम कोर्ट आने पर ही फटकार लगा दी।