माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र…
सम्मानीय मोदी जी वैसे तो पहले ही बहुत देर हो चुकी है, लेकिन अब और देर मत करिए आप । कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जितने भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं आप जरूर उठाइए । संपूर्ण लॉकडाउन करना है, वो भी करिए । चुनाव रुकवाना है, तो रुकवाइए । राष्ट्रपति शासन लगवाना है, वो भी लगवाइए । देश में इमरजेंसी लगवानी है, तो वो भी लगवाए । कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए, दवाई के लिए, अस्पताल के लिए, वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी है तो देश भर से चंदा भी ले लीजिए, देशवासी जब मंदिर-मस्जिद के लिए दान दे सकते हैं, तो यकीन मानिए लोगों की जान बचाने के लिए जिससे जो बन पड़ेगा उतनी मदद भी ज़रुर करेगा । लेकिन पहल तो आपको ही करनी होगी ना मोदी जी ।
पिछले साल आप ही तो कहा करते थे कि, जान है तो जहान है । पूरा देश आपकी इस बात से सहमत था। आपने ताली-थाली, दीया-बाती जो-जो करने के लिए कहा सबने सबकुछ किया । आपने कहा जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं, लोगों ने कहा ठीक है। आपने कहा दवाई भी और कड़ाई भी, लोगों ने कहा ठीक है। पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर, साग-सब्ज़ी, राशन-पानी सबकी कीमतें बढ़ गईं, आपने कहा कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है, उसे ठीक करने के लिए ये सब ज़रुरी है, लोगों ने तब भी कहा चलो ठीक है । मतलब आपकी हर हां में हां और ना में ना मिलाया था सभी देश वासियों ने । फिर इसबार क्या हो गया प्रधानमंत्री जी आपको, क्यों मरने के लिए छोड़ दिया सबको आपने ।
हॉस्पिटल में जगह नहीं बची है सर । लोग अपनों को लिए-लिए एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल मारे मारे फिर रहे हैं और इसके बावजूद सिर्फ बेबस होकर उन्हें मरते हुए भी देख रहे हैं । श्म्शान घाटों पर शवों का ढेर लगा है। चिताओं की आग निरंतर जल रही है । क्या आपको इन सब बातों की जानकारी नहीं है ? या फिर सब कुछ जानते हुए भी अब आपने आंखे मूंद ली हैं । मोदी जी जब गुलाम नबी आज़ाद राज्यसभा से विदा हो रहे थे तो आप रो रहे थे, लेकिन अब जब देशभर में लोग तड़प-तड़प दुनिया से विदा हो रहे हैं, तो आप इतने पत्थरदिल कैसे हो सकते हैं ? आपकी आंखों के आंसू कैसे सूख सकते हैं मोदी जी ?
पिछले साल जब एक दिन मे 500 केस आ रहे थे तब आपने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था, आज जब एक दिन में साढ़े तीन लाख से ज़्यादा केस आ रहे हैं, तब आप बंगाल के चुनाव में और पीएमओ में मीटिंग्स लेने में व्यस्त हैं। हो सकता है आप पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यो में चुनाव जीत भी जाएं । लेकिन पूरा देश हार जाएंगे प्रधानमंत्री जी । देश के लोगों को हार जाएंगे आप। क्यों कि अब अति हो रही है और आम लोगो का आपसे भरोसा भी खोता जा रहा है अब इसलिए अभी भी देर नही हुई है ।
इससे पहले की हालात और बदतर हो जाये आप अपनी नेतृत्व क्षमता का बेस्ट परफॉर्मेंस दीजिये । अब जो बीमार है , बचे हुए है या आने वाले दिनों में हॉस्पिटल पहुंचने वाले है उन लोगो को बचा लीजिये प्लीज.
राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ नेशन
मो 9828171060