संजय कुमार सिंह-
भाजपा का आईटी सेल सोशल मीडिया पर गुंडों के गिरोह की तरह काम करता रहा है। इनमें कइयों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फॉलो करते रहे हैं।प्रधानमंत्री द्वारा फॉलो किया जाना उनकी विशेषता है। और यही परिचय है। इस पर पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी की एक किताब है और अब यह सारा मामला सर्वविदित है। खास बात यह भी कि ट्रोल सेना का आतंक अब पहले जैसा नहीं रह गया है। पर बात इतनी ही नहीं है।
ट्रोल सेना के लोग या उनके जैसे ‘स्वतंत्र’ ट्रोल अब मोदी जी को भी नहीं बख्शते हैं। आपने सुना होगा कि ट्वीटर के संस्थापक और पूर्व सीईओ ने कहा है कि भारत सरकार ने ट्वीटर को धमकाया था कि भारत में काम करना है तो कानून मानना होगा नहीं तो परेशान किया जाएगा और किया भी गया। सरकारी तौर पर इसका खंडन किया गया है लेकिन कई उदाहरणों से यह स्वमेव साबित हो चुका है।
अभी तो मुद्दा सिर्फ यह है कि सरकार क्यों चाहती है कि ट्वीटर पर उसका नियंत्रण हो और इसके लिए वह बदनामी का जोखिम भी क्यों उठाती है। कारण यह है कि ट्वीटर पर कई ऐसी चीजें फैल जाती हैं जो गैर कानूनी नहीं होती हैं पर सरकार, उसके नुमाइंदों या उसके काम का बदनाम करती हैं, सरकार या उसके काम को खराब या अपमान के रूप में फैला सकती हैं। यह सही तो होता ही है गलत भी हो तो अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा।
लाल आंखें दिखाने वाली 56 ईंची की हमारी सरकार नहीं चाहती है कि उसे इस तरह सही या गलत बदनाम किया जा सके। अगर उसकी नीयत ठीक रहती तो इसके उपाय कर सकती थी पर वह चाहती है कि उसके समर्थक ऐसा कर पाएं और उन्हें न रोका जाए पर विरोधियों को नहीं रोक पाने की कोई संभावना भी नहीं रहे। इसलिए सरकार चाहती है कि उसका कोई अधिकारी या प्रचारक ट्वीटर से कहे कि फलाने ट्वीट को हटा दिया जाए और ट्वीटर अच्छे बच्चे की तरह कहे, जी हुजूर।
भारतीय मीडिया को लगभग पूरी तरह नियंत्रण में लेने के बाद यह चाहत अनुचित हो पर बहुत बड़ी नहीं है और भारत में पैसा कमाने वाले कारोबारी को डरा-धमका कर रखना मुश्किल भी नहीं है। खासकर तब जब सरकार ने बीबीसी पर छापा मारने की कार्रवाई की है और उससे संबंधित फर्जी खबरें भी चल चुकी हैं। इसलिए, ट्वीटर सरकार की बात माने या न माने सरकार की चाहत ही अनुचित है। लेकिन जरूरी है क्योंकि दूसरों को बदनाम करने की उसकी यह चाल अब उसी पर उल्टा पड़ने लगी है।
ताजा मामला अमेरिका के एक पूर्व मेयर टिम बरचेट द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कथित रूप से शेमलेस (बेशर्म) कहा जाना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उसे रीट्वीट किये जाने से जुड़ा है जिसे प्रधानमंत्री की कथित मूर्खता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। मामला यह है कि ट्वीटर पर ‘शेमलेस शेल्फी’ पोस्ट करने का मतलब होता है, इसके प्रभाव की परवाह नहीं करना या उसे लेकर बेशर्मी की हद तक निश्चित होना।
टिम बरचेट ने यही किया है और शेल्फी में साथ वाला कौन है बताने के लिए नरेन्द्र मोदी के ट्वीटर हैंडल @narendramodi का उल्लेख किया है। इसे लोगों ने समझ लिया कि उन्होंने नरेन्द्र मोदी को शेमलेस कहा है और कुछ मूर्खों व कुछ असाधारण बुद्धिमत्ता के धनी लोगों ने यह मान लिया कि प्रधानमंत्री ने उसे खुद रीट्वीट किया है और जो कहा है वह इसके लिए शुक्रिया कहने की तरह है तब भी वे भी उन्हीं के जैसे हैं।
मुझे लगता है कि पहले ऐसा नहीं था और मूर्खों को यह कांफिडेंस 2014 के बाद मिला है। 2019 के चुनाव के बाद से नामुमकिन को मुमकिन होने लगे हैं और बहुत सारे लोगों ने अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करने में शर्माना छोड़ दिया है। बेशक कुछ लोग ऐसा भक्ति में या ईनाम पाने के लालच में करते हैं पर वह अलग मुद्दा है। इसके शिकार भाजपा नेता भी होते रहे हैं और इसी सब से निपटने के लिए सरकार की नजर में जरूरी है कि सोशल मीडिया अच्छे बच्चे की तरह स्टैंड-अप, सिट डाउन करे या हम्पटी-डंपी ही सुनाए।
वह हो नहीं रहा है और लोग अपनी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन खुल कर कर रहे हैं। कोई बता रहा है कि टिम बरचेट ऐसा पहले भी कर चुके हैं, कोई बता रहा है कि फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र के साथ भी कर चुके हैं जबकि वह उनके जैसा दिखने वाला कोई दूसरा विदेशी अभिनेता है और यह आसानी से जांचा जा सकता है। कहने की जरूरत नहीं है कि सबसे पहले खबर देने और इस मामले में आगे रहने की होड़ में ऐसा होता है और इसे ठीक करने के लिए कानून नहीं, संयम की जरूरत है।
इससे अगर चुनाव जीते जा सकते हों और एक बार मनमानी करके पांच साल का राजा बनना-बनाना हो तो नियंत्रण की जरूरत किसे महसूस होगी? ब्लूटिक वाले ट्वीटर हैंडल फैक्ट्स (तथ्य) @BefittingFacts (करारे तथ्य) ने भी नवसिखुओं के लिए टिम बरचेट के पुराने शेमलेस सेल्फी रीट्वीट किए हैं पर लोग समझ नहीं पाए। इन्हीं में एक स्टीववैनजैन्ड्ट के साथ है जो नेटफ्लिक्स पर लिलीहैमर की जोरदार भूमिका के लिए जाने जाते हैं पर लोग इन्हें धर्मेन्द्र पाजी समझ रहे हैं। अब
इंडिया पोस्टसेन की एक खबर के आधार पर जो मूल रूप में तमिल में है।
https://india.postsen.com/world/731676.html
https://janchowk.com/zaruri-khabar/us-mp-tim-burchetts-derogatory-tweet-on-modi/