डॉ अरविंद मिश्रा-
टाइटैनिक जहाज के नाम एक और हादसा दर्ज दर्ज हो गया है। टाईटैनिक के मलबे की खोज में “पनडुब्बी पर्यटन” के दौरान पांच यात्री काल के गाल में समा गये हैं। टाईटन नामक पनडुब्बी की निर्माता कंपनी ओशेनगेट ने हादसे में यात्रियों की मृत्यु की जानकारी देते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
पनडुब्बी में सवार सभी पांचो यात्री डूबे हुए टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गहरे समुद्र में चार किलोमीटर नीचे गये थे जहां सतह की तुलना में कई गुना अधिक दबाव होता है । यात्रा शुरु होने के चंद घंटे बाद टाईटन से संपर्क टूट गया था। अभी 18 जून को ही ओशेनगेट कंपनी की यह पनडुब्बी टाइटैनिक के मलबा दर्शन के अपने सफर पर रवाना हुई थी, लेकिन मुख्य जहाज (मदरशिप) से इसका संपर्क टूट गया था।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, टाइटन नामक पनडुब्बी के टुकड़े टाईटैनिक जहाज के मलबे के पांच सौ मीटर के इर्द-गिर्द दिखे हैं। खोजी टीम के अनुसार पनडुब्बी विध्वंसक अन्तर्स्फोट (इम्पलोजन) का शिकार हो गयी लगती है और कंपनी के सीईओ और पायलट सहित सभी पांचों यात्री काल के गाल में समा गये लगते हैं। समुद्र के इतने नीचे पहुंचना और बचाव कार्य को अंजाम देना आज की उन्नत प्रौद्योगिकी के बावजूद भी एक टेढ़ी खीर है। समानव बचाव अभियान तो असंभव ही था। मलबे की खोज का श्रेय एक कनाडाई जहाज में तैनात मानवरहित रोबोट को है।
इस दुर्भाग्यशाली पनडुब्बी के इस बार के सभी पांच यात्री अरबपति थे और इसमें ओशेनगेट कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश खुद थे जो पनडुब्बी के कैप्टन भी थे। साथ ही यात्रियों में शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग, और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट भी शामिल थे. पनडुब्बी की कुल क्षमता ही पांच यात्रियों की थी।
टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी अरबपति आज मृत घोषित कर दिए गए। उनके पास चाहे कितना ही पैसा था पर आखिरी समय मे केवल ‘जीवित रहने’ और धरती पर वापस आने के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे। जीवन अपने आप में कितना अनमोल है, इसे महत्व दें, इसके लिए आभारी रहें। जब आपके पास बहुत ज्यादा पैसा हो तो उलटी सीधी हरकतों के बजाय अपने जीवन का अधिकतम लाभ उठायें। -अनूप नारायण सिंह