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उत्तर प्रदेश

‘विषबाण’ की महफिल में सारी रात हंसी-ठहाके और वाह-वाह

मथुरा (उ.प्र.) : ‘विषबाण’ साप्ताहिक की ओर से प्रायोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में उमड़े सैकड़ों श्रोताओं ने पूरी रात हंसी-ठहाकों में गुजार दी। इस दौरान साप्ताहिक की ओर से कई हस्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जादूगर आकाश के हैरतअंगेज करतबों से हर कोई दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गया।

<p>मथुरा (उ.प्र.) : 'विषबाण' साप्ताहिक की ओर से प्रायोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में उमड़े सैकड़ों श्रोताओं ने पूरी रात हंसी-ठहाकों में गुजार दी। इस दौरान साप्ताहिक की ओर से कई हस्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जादूगर आकाश के हैरतअंगेज करतबों से हर कोई दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गया।</p>

मथुरा (उ.प्र.) : ‘विषबाण’ साप्ताहिक की ओर से प्रायोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में उमड़े सैकड़ों श्रोताओं ने पूरी रात हंसी-ठहाकों में गुजार दी। इस दौरान साप्ताहिक की ओर से कई हस्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जादूगर आकाश के हैरतअंगेज करतबों से हर कोई दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गया।

 

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मथुरा से प्रकाशित राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक ‘विषबाण‘ समाचार पत्र द्वारा कस्बा नौहझील स्थित रामलीला मैदान में श्री झाड़ी वाले हनुमान के चरणों में आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का शुभारम्भ आकाशवाणी के केन्द्र निदेशक यतेंद्र तिवारी, पूर्व सांसद एंव राष्ट्रीय कवि ओमपाल निडर, विश्व ओलम्पियन व तीन बार के गोल्ड मैडल विजेता अमित गुप्ता, एलडीबी बैंक के चेयरमैन चौधरी भगवती प्रसाद सिंह आदि ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जलित कर किया। इसके बाद इलाहाबाद से पधारीं सुनयना त्रिपाठी ने सरस्वती वन्दना के बाद ‘‘मैं नदिया तू समुन्द्र मेल कैसे होय, तू मीठा हो नहीं सकता मैं खारी हो नहीं सकती‘ पंक्तियां प्रस्तुत कर वाह-वाही लूटी।

आगरा से पधारीं मीना शर्मा ने ‘‘पीवे बलम हमारो, सखी री होय कैसे गुजारो, डोलत मारो-मारो सखी……‘‘ गीत गाकर दर्शकों को लोट-पोट कर दिया। हास्य कवि सबरस मुरसानी ने कहा- ‘‘मैंने पत्नी से कहा कि तवे की पहली रोटी गाय को, दूसरी रोटी कुत्ते को खिलाई जाती है लेकिन मेरी समझ में नहीं आता कि दोनों ही रोटियां मुझे ही क्यों खिलाईं जाती हैं। विनोद राजयोगी मैनपुरी ने ‘‘भगवान झुकाता उसको सिर है, जो सिर जंग लड़ा होता है, सब सम्बंध पिछड़ जाते हैं जब देश रंग चढ़ा होता है……‘‘ प्रस्तुत की। ओमपाल सिंह निडर ने राजनेताओं पर तंज कसते हु कहा- ‘‘मुम्बई के काण्ड में गिराया नहीं एक आंसू, पेशावर काण्ड पर विलाप करने लगे, भारतीय सैनिकों के कत्ल पर कराह नहीं, शत्रुओं के लिये शान्ति जाप करने लगे‘‘। इन्दौर से पधारे सत्येन वर्मा ‘सत्येन‘ ने- जानवरों के तर्क सुनने के बाद भगवान ने कहा कि ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुना रहा हूँ मैं, आदमी बनाने के अपराध में स्वयं जेल जा रहा हूँ मैं, रचना प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं।

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अलीगढ़ से पधारे मणि मधुकर ‘मूसल‘ ने पाकिस्तान पर कुछ इस तरह प्रहार किया- ‘‘ मारें-मारें, पीटें-पीटें, धड़धड़ करके तुझे घसीटें, तेरा भूत भगा देंगे मार-मार कर मुक्का, हिन्दुस्तान में क्यों घुस आया बनकर चोर उचक्का…..‘‘। ललित पुर से आये लाफ्टर फेम संजय पाण्डेय ने ‘‘अब तो चरित्र हीनों को भी चरित्र प्रमाण पत्र मिलने लगे, इस लिये कम्पनी मेड ताले लोकल चाबी से खुलने लगे‘‘ प्रस्तुत कर दर्शकों को लोट-पोट कर दिया। कवि सम्मेलन का संचालन जितेन्द्र विमल ने करते हुए रचना पढ़ी – ‘‘वो लाखों में एक अलग होकर दिखता है, सत्य ह्नदय वाला ही कविता लिखता है‘‘। मंगल पाण्डेय ने भी काव्य पाठ किया। 

इससे पूर्व जादूगर आकाश व उनकी टीम ने हैरतअंगेज करतब प्रस्तुत किये। मुंह में एक ब्लेड चबाकर सौ ब्लेड की माला बनाना, गायब अंगूठी को टमाटर से निकालना, खाली हाथों से नोटों की बरसात करना, पानी में फूलों की बरसात आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों की जमकर वाह-वाही लूटी। कार्यक्रम में ‘‘विषबाण‘‘ परिवार द्वारा विश्व ओलम्पियन अमित गुप्ता को खेल रत्न, जादूगर आकाश को कला रत्न, समाजसेवी तोताराम अग्रवाल को समाज सेवा रत्न, चिकित्सा के क्षेत्र में डा. भारती गर्ग को चिकित्सा रत्न, साहित्यकार मोहन स्वरूप भाटिया को बृज साहित्य रत्न, लोक संगीत कलाकार वन्दना सिंह को लोक संगीत रत्न, ‘‘विषबाण‘‘ का व्यंग्य कॉलम लिखने वाले स्व. डा. राकेश शरद को मरणोपरान्त हास्य व्यंग्य रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नेशनल कराटे खिलाड़ी निजाम के नेतृत्व में आत्मरक्षार्थ कराटे कार्यक्रम का भी प्रदर्शन किया गया।

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कार्यक्रम में प्रमुख व्यवसाई लोकेन्द्र वर्मा, प्रशांत गुप्ता, योगेश चौधरी यश, उमेश चन्द गर्ग, रवि गोयल, विनीत गुप्ता, गौरव अग्रवाल (कालू), प्रदीप अग्रवाल ‘‘सीटू‘‘, गोविन्द अग्रवाल, अजय अग्रवाल, राजू गुप्ता, राजकुमार बंसल, मोरध्वज अग्रवाल, गणेश जिन्दल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा. दीपक गोस्वामी ने किया तथा आभार व्यक्त ‘‘विषबाण‘‘ के संपादक मफतलाल अग्रवाल ने किया।

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