Avinash Pandey ‘Samar’ : एक संघी है। नाम में चौकीदार भी जोड़ रखा है। अभी तक।
दिन रात बाक़ियों को गाली देता था। उनके हांके के लिए ज़मीन बनाता था।
एक दिन पहले जीजा कोविद से मर गया।
बहन और दो बच्चे बिना टेस्ट अस्पताल अस्पताल भटक रहे, भगाए जा रहे।
गौतम बुद्ध नगर, माने राम राज वाले यूपी में रहता है।
रो रहा है। 17 घंटे पहले की ट्वीट पर कोई मदद ना मिली बेचारे को।
मैंने संदेश भेज दिया है।
पुरानी नफ़रत के लिए माफ़ी माँग ले तो मदद करूँगा। यूपी में नहीं तो दिल्ली भिजवाऊँगा। अच्छे संपर्क हैं- आपने देखा भी है।
पर माफ़ी नहीं माँगी तो लंबी तान सो जाऊँगा।
बाक़ी: मुझे राजनैतिक शुचिता ना समझाइएगा। ना ये कि गलती उसकी है- बहन और बच्चों की नहीं।
मैं बहुत थक चुका हूँ इन बेहयाइयों से।
जो भीड़ से मारे गए उनके भी बच्चे हैं, परिवार हैं। दर्द उन्होंने भी देखा है।
इन हरामख़ोरों को भी देखने दीजिए।
माफ़ी के पहले कोई मदद नहीं। सिर्फ़ जेएनयू की स्वेटशर्ट पहनने के लिए नफ़रत देखी है, मारा गया हूँ, पलट के मारा हूँ।
सारा मज़ा हम ही क्यों लें? ये तो ससुरा चौकीदार है।
इन्होंने ही पहुँचाया है हमें यहाँ तक। ये भी थोड़ा मज़ा लें।
देखें स्क्रीनशॉट-