Our PM has advised ‘Janta Curfew’ on Sunday 22/3/2020 let’s observe it in strict sense by following-
a) Give leave to your maids/drivers
b) Do not come down in the common area of Society between 7am to 9pm
c) Spend time in your own house with your family
d) Assist your spouse in daily routine
e) Don’t send children down for playing
f) Social Distancing for the time being is actually Social Bonding for ever.
Observing a days restrain will help everyone for a long. It will also test our patience and strengthen the society at large.
Let’s fight COVID 19 with Full Strength & Commitment.
Appreciate the services rendered by ‘Civil Servants who are risking themselves while serving the society at large.
If you are an Employer, Business Leader, Decision Maker be soft with your subordinate staff in accommodating them at this critical time.
Stay Safe and Be a Responsible Citizen.
Satendra Singh
Corporate Labour Law Consultant
एक दिनी जनता कर्फ्यू पर पत्रकार नदीम एस. अख्तर की टिप्पणी यूं है-
Nadim S. Akhter : जनता का अच्छा मनोरंजन हुआ। कोरोना जैसे गम्भीर मामले पर इतनी हल्की बातों की उम्मीद नहीं थी। फिर वही लफ्फाजी और देशवासियों से मांगना। एक दिन का जनता कर्फ्यू। क्या होगा इससे? बाकी दिन? कोई दीर्घकालिक योजना नहीं। बस हर चीज़ में तमाशा।
और ये शाम 5 बजे 5 मिनट तक थाली और ताली बजाकर क्या हासिल होगा? फिर वही नौटंकी। कौन कर रहा है देश सेवा? सब अपना पेट भरने की जुगत कर रहे हैं। तो जनता बालकनी में खड़ा होकर पागलों की तरह थाली पीटे। हो गया कोरोना वायरस से निपटने का इंतज़ाम। इसके बाद क्या?
और ये संकल्प व संयम क्या है? पहले ये बताइए कि सरकार का संकल्प क्या है? क्या तैयारी है? आपने ये तो बताया ही नहीं कि सरकार के पास जनता को देने के लिए मास्क और सैनिटाइजर हैं भी या नहीं? अस्पतालों में।isolation wards की व्यवस्था है या नहीं? बार-बार आप 130 करोड़ देशवासी कहकर संबोधित कर रहे हैं पर 130 करोड़ के लिए अस्पताल में व्यवस्था है आपके पास?? नहीं है। तो ये क्यों नहीं बताया देश को।
विदेशों में मास्क और सैनिटाइजर बनाने के लिए सरकार उद्योगपतियों से मदद ले रही है जबकि उनके यहां आबादी भारत की आधे से भी कम है। आपने अब तक अम्बानी, अडानी समेत कितने उद्योगपतियों से युद्ध स्तर पर मास्क और सैनिटाइजर बनाने का आह्वान किया है?? कुछ नहीं किया ना? तो सिर्फ लफ्फाजी से कोरोना से लड़ लेंगे भारतवासी?? थाली बजाकर???
और ये Covid19 आर्थिक टास्क फोर्स क्या है? इस पे विस्तार से कुछ बताया ही नहीं आपने? क्या कर लेगा ये? रुपया और इकॉनमी तो इसके बगैर भी ज़मीन सूंघ रहे हैं।
मतलब सर्फ लफ्फाजी, लफ़्फ़ाज़ी और गपोड़पन। कोरोना को भी एक event में बदलने की तैयारी। जनता कर्फ्यू और 5 बजे थाली पीटो। उसके बाद? कुछ पता नहीं। ये वायरस है हुज़ूर! नहीं जानता कि गपोड़ी के देश में हैं या अनाड़ी के वतन में। आपने ये तो माना कि अचानक से कोरोना के केस आसमान छूने लगते हैं, कुछ ही दिनों में। शुक्र है अफसरों को इसका पता है। तो लगे हाथ ये भी बता देते कि उससे निपटने की भारत सरकार की क्या योजना है? सच कहूं, जिसने भी आपका ये भाषण लिखा और अपने स्क्रीन पर देखकर जिसे पढ़ दिया, वह जनता और विज्ञान से कटा आदमी है। उसको पता ही नहीं कि कोरोना वायरस ISRO का मंगल मिशन नहीं है, जिसके फेल हो जाने पे कोई कांधे पे सिर रखकर रो देगा और जय जयकार हो जाएगी। दलाल मीडिया द्वारा। ये वायरस है जो 40 से सीधे 400 को इफेक्ट करेगा और मारेगा। हाथ-पांव नहीं फूलेंगे, सीधे हार्ट अटैक आएगा सरकार को। सो अब भी वक़्त है। भाषणबाजी से निकलिए और अफसरों को टाइट करिए। ये action का समय है, भाषणासन का नहीं।
संभलिए हुज़ूर। वायरस सेना नज़दीक आती जाती है।