मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हनी ट्रैप गिरोह के भंडाफोड़ के बाद राज्य में राजनीति में उबाल आ गया है और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस खुलकर आरोप लगा रही है की यह कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की साज़िश है। इस बीच हनीट्रैप मामले की जांच के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय ने आईजी (सीआईडी) श्रीनिवास वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी है। हनी ट्रैप मामले में कमलनाथ सरकार के 28 विधायकों को टारगेट किया गया था।
हनी ट्रैप मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हनी ट्रैप गैंग ने कमलनाथ सरकार के 28 विधायकों को टारगेट किया था। इन विधायकों में कई मंत्री भी शामिल थे। गैंग की महिला सदस्यों ने कई मंत्रियों और विधायकों से नजदीकियां भी बढ़ाई थी। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मौजूदा सरकार के मंत्री की सीडी चर्चा में आने के बाद एटीएस को पुख्ता इनपुट मिले थे कि हनी ट्रैप गिरोह के सदस्य कमलनाथ सरकार के विधायकों को टारगेट कर रहे हैं। एटीएस ने राज्य सरकार के निर्देश पर मामले की जांच शुरू की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में सामने आया कि हनी ट्रैप गैंग की 5 महिलाओं ने संगठित होकर कमलनाथ सरकार के 28 विधायकों को टारगेट किया था, जिनमें कई मंत्री भी शामिल थे।
इस मामले में कार्रवाई भले ही इंदौर पुलिस कर रही है, लेकिन हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश करने के लिए कई महीनों से पुलिस मुख्यालय में प्लान बनाया जा रहा था। इसी प्लान के तहत ऑपरेशन हनी ट्रैप चलाकर गैंग के सभी सदस्यों की डिटेल निकाली गई और समय आने पर गैंग के सदस्यों के ठिकानों पर दबिश देकर उन्हें पकड़ा गया। एटीएस की काउंटर इन्वेस्टिगेशन की 15 सदस्यीय टीम ने ऑपरेशन ‘हनी ट्रैप’ का पूरा प्लान तैयार किया था। एटीएस हनीट्रैप गैंग की कुंडली तैयार कर आरोपियों की शिकायत मिलने का इंतजार कर रही थी।
इस बीच एक सीनियर आईएएस और मंत्री की सीडी की चर्चा होने से कई बड़े नेताओं और अफसरों को अपना राज़ खुलने का डर सताने लगा। राजनेताओं और नौकरशाहों ने मिलकर इंदौर में नगर निगम के एक इंजीनियर से एफआईआर दर्ज कराई। केस दर्ज होने के बाद गैंग की पांच महिला और एक पुरुष के ठिकानों पर नजर रख रहीएटीएस ने ऑपरेशन ‘हनी ट्रैप’ का पर्दाफाश किया। एटीएस ने अपने स्तर पर कार्रवाई करने के बाद पूरे मामले को इंदौर पुलिस को सौंप दिया। जांच एजेंसी के पास तमाम राजनेताओं और नौकरशाहों के वीडियो मौजूद हैं जिनकी वजह से उन्हें गैंग के सदस्य ब्लैकमेल कर रहे थे।
कांग्रेस ने भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने भी पलटवार किया है और कहा है कि पुलिस पर हनी ट्रैप मामले को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस के हत्थे चढ़े हनी ट्रैप गिरोह के सदस्यों पर राज्य के कई राजनेताओं और आला सरकारी अधिकारियों समेत कई प्रभावशाली लोगों के सेक्स विडियो बनाकर उन्हें फंसाने का मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है।कानून मंत्री शर्मा ने क हाहै कि पूर्वभाजपा मंत्री शामिल हैं और कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों को फंसाने की साजिश थी। बीजेपी सरकार को हनी ट्रैप के जरिए फंसाने की साजिश रच रही है।
राज्य सरकार के एक अन्य मंत्री गोविंद सिंह ने मांग की है कि हनी ट्रैप केस में शामिल सभी लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाएं, चाहे वे कितने ही बड़े नेता और नौकरशाह क्यों न हों। उन्होंने कहा है कि लोकराज में लोकलाज भी होना चाहिए।दिग्विजय सिंह ने कहा है की पिछली सरकार के एक मंत्री का नाम सामने आया है, वर्तमान सरकार के एक भी मंत्री का नाम इसमें शामिल नहीं है।राज्य कांग्रेस मीडिया डिपार्टमेंट की चेयरपर्सन शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि भाजपा सात विधायकों को हनी ट्रैप में फंसाकर राज्य की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि साजिश विफल हो गई है। इस पूरी साजिश के पीछे पिछली बीजेपी सरकार के एक मंत्री का हाथ है।
मप्र सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि महिलाओं का दुरूपयोग कर सरकारों को गिराने का खेल लोकतंत्र की हत्या के समान है। विभिन्न स्तर पर हनी ट्रैप की जांच की जा रही है। सरकार गिराने के लिए भाजपा ने इसे प्रायोजित किया है। भाजपा के पूर्व मंत्री फंस चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के नाम भी है। भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों पर डोरे डालने का काम किया है। दो मंत्री और सात विधायकों के नाम आ रहे हैं। उन पर कोशिश की गई थी लेकिन वह बच गई। भाजपा शक्ति परीक्षण में इसका इस्तेमाल करती। हमारे दो मंत्री और सात विधायक बच गए। आप देखिए, किस तरह से जिन माननीय पूर्व मंत्री का नाम आ रहा है, जिन्होंने पिछली सरकार में खूब कमाया है।
हनी ट्रैप मामले में इस गिरोह की कथित रूप से सरगना श्वेता जैन को भाजपा विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह के भोपाल स्थित घर से गिरफ्तार किया गया था। श्वेता जैन एनजीओ के नाम पर हनी ट्रैप रैकेट चला रही थी। श्वेता ने सागर से टिकट लेने का भी प्रयास किया था लेकिन उसका एक एमएमएस वायरल होने के बाद टिकट कट गया।मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले में गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह लोगों को इंदौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह का विश्लेषण.