दिनकर कपूर-
हिंदुत्व की राजनीति, विदेशी पूंजी और कारपोरेट की लूट के खिलाफ देशभक्ति की भावना विकसित करने की जरूरत
आइपीएफ प्रदेश हेडक्वार्टर लखनऊकी बैठक का सारांश व निर्णय
बैठक में नोट किया गया कि वित्तीय पूंजी और कारपोरेट पूंजी के हित में उदार अर्थनीति के परिणामस्वरूप बेकारी, मंहगाई, कृषि संकट, विषमता आदि सवाल भयावह होते जा रहे हैं। इसके विरुद्ध जनता में विक्षोभ भी बढ़ता ही जा रहा है। चौतरफ़ा जारी हमलों से त्रस्त इन वर्गों की गोलबंदी रोकने के लिए कारपोरेट वित्तीय पूंजी ने हिंदुत्व से गठजोड़ किया है और हिंदुत्व को राजनीति का वाहक बनाया है। हिंदुत्व के पैरोकार भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा हिंदू भावना के दोहन को इसी संदर्भ में देखने की जरूरत है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हिंदुत्व की राजनीति, विदेशी पूंजी और कारपोरेट की लूट के खिलाफ देशभक्ति की भावना विकसित करने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि कारपोरेट वित्तीय पूंजी के हमलों से त्रस्त तबके भाजपा विरोध में मुखर थे लेकिन बेकारी, मंहगाई, किसानों व कर्मचारियों के सवालों पर प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने ठोस कार्यक्रम तक पेश नहीं किया और इसका फायदा भाजपा को मिला।
दरअसल मुख्यधारा के राजनीतिक दल वर्गीय सीमाओं की वजह से वित्तीय पूंजी और कारपोरेट के विरुद्ध नीतिगत स्तर पर सवाल खड़ा नहीं करते हैं, यही आज के दौर का प्रमुख अतंरविरोध है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा की निरंकुश और विभाजनकारी बढ़त की वजह है। इसलिए लोकतांत्रिक ताकतों को इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और असमानता को नीतिगत मुद्दा बनाकर वैश्विक पूंजी (ग्लोबल कैपीटल) के खिलाफ राष्ट्रीय भाव और राष्ट्रीय चेतना विकसित करने की जरूरत है।
किसान आंदोलन से मिले राजनीतिक अनुभव ने भी यह पुष्ट किया है कि महज एमएसपी, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को महज आर्थिक मुद्दा बनाकर कारपोरेट हिंदुत्व की राजनीति को परास्त नहीं किया जा सकता जब तक की जनता के अंदर विदेशी पूंजी और कारपोरेट के विरूद्ध देशभक्ति और राष्ट्रीय भाव की राजनीति नहीं विकसित की जाती।
बैठक में देश और प्रदेश में आरएसएस-भाजपा प्रायोजित बढ़ रही साम्प्रदायिक हिंसा और उन्माद के खिलाफ जनता के सभी समूहों और लोकतांत्रिक शक्तियों की एकता बनाने पर जोर दिया गया। बैठक में यह नोट किया गया कि यह जितनी भी हिंसात्मक कार्यवाहियां समाज के कमजोर तबकों और समुदायों के खिलाफ हो रही हैं उसमें सरकार की सक्रिय भागेदारी है। माफियाओं और अपराधियों से निपटने के नाम पर बुलडोजर की कार्यवाहियों का औचित्य सरकार साबित करने में लगी है उसका भंडाफोड किया जाना चाहिए।
दरअसल प्रदेश के हर जिले में माफियाओं का दबदबा बढ़ा है और कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो सरकार में उनकी पैठ है जो इस एमएलसी चुनाव में भी दिखा है। ऐसे में जनता को आगाह और सचेत करना होगा कि अगर एक बार दमन की बुलडोजर कार्यवाहियों को स्वीकृति मिली और कानून के राज की भावना का क्षरण हुआ तो आम जनता का जीवन और बदतर हो जायेगा। इसलिए हमें हर हाल में कानून के राज और लोकतंत्र के लिए जनता को खड़ा करना होगा।
बैठक में अखिलेन्द्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, डा. बृज बिहारी, राजेश सचान, शगुफ्ता यासमीन, उमाकांत श्रीवास्तव, आलोक राय, सुनीला रावत, रेखा सिंह, बबिता, कमलेश सिंह, दिनकर कपूर शामिल रहे।
दिनकर कपूर
प्रदेश संगठन महासचिव
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, उ0 प्र0।