चैनलों पर नजर रखने वाले केंद्र सरकार के दर्जनों मीडियाकर्मी उतरे सड़क पर (देखें वीडियो-तस्वीरें)

देश भर के चैनलों, खासकर न्यूज चैनलों पर नजर रखने के लिए सूचना एवं प्रसारम मंत्रालय के अधीन गठित इलेक्ट्रानिक मीडिया मानीटरिंग सेंटर (EMMC) में कार्यरत दर्जनों मीडियाकर्मियों की हालत पर किसी की नजर नहीं है. ये अन्याय और शोषण के शिकार हैं. इनकी नौकरी हर वक्त खतरे में रहती है क्योंकि इन्हें ठेके पर रखकर बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जाता है और हमेशा आतंकित रखा जाता है.

मीडिया का गला घोंटने पर उतारू हैं सीएम रमन सिंह

जेल, उत्पीड़न, राज्य निकाला- छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार आज़ाद पत्रकारों को आजकल यही इनाम दे रही है।  पत्रकार प्रभात सिंह, दीपक जायसवाल, संतोष यादव और सोमारू नाग जेल में हैं और कई पत्रकार बस्तर जैसे इलाकों से बाहर कर दिये गये हैं। एडिटर्स गिल्ड की रिपोर्ट आ चुकी है जो कहती है कि छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार के रुख से आज़ाद नज़र पत्रकारों का जीना हराम है। पुलिस की निगाह में जो सवाल नहीं उठाते वे ‘राष्ट्रवादी’ पत्रकार हैं और जो तथ्यों की पड़ताल के लिए मेहनत करके आज़ाद रिपोर्ट तैयार करते हैं, वे ‘राष्ट्रद्रोही’।

एमपी में पत्रकार ने पत्रकारिता की शुचिता के लिए और यूपी में मीडियाकर्मी के हत्यारे को पकड़ने के लिए परिजनों ने धरना शुरू किया

मध्य प्रदेश में वरिष्ठ पत्रकार ने पत्रकारिता की शुचिता के लिए धरना शुरू किया. उत्तर प्रदेश में एक मीडियाकर्मी के मारे जाने के बाद समाजवादी सरकार के जंगलराज में न्याय न मिल पाने के खिलाफ मीडियाकर्मी के परिजनों ने धरना शुरू किया है. मध्य प्रदेश की पत्रकारिता की शुचिता की रक्षा के लिए ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता जयंत सिंह तोमर ने बुधवार से ‘सत्याग्रह’ (आमरण अनशन) शुरू कर दिया. उनका आरोप है कि राज्य की पत्रकारिता में कारोबारियों व नेताओं की घुसपैठ बढ़ रही है.

विशाल प्रदर्शन कर सूफ़ियों ने आरएसएस के सियासी झांसे में आने से बचने की अपील की

तंज़ीम उलामा ए इस्लाम का अमित शाह के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन… सूफ़ी समुदाय को अपने पाले में लाने की बीजेपी की कोशिश को झटका… मोदी-शाह की जोड़ी को लेकर तंज़ीम ने फिर समुदाय को आगाह किया… उत्तर प्रदेश चुनाव में सूफ़ीवाद के झांसे से फ़ायदा उठाने की आशंका जताई…

दैनिक जागरण कर्मियों ने अपने मालिक और संपादक संजय गुप्ता के आवास के बाहर प्रदर्शन कर अपना हक मांगा

नई दिल्ली। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने बुधवार को अखबार के मालिक संजय गुप्ता के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने महारानी बाग से लेकर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी तक जुलूस निकाला और संजय गुप्ता के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

दैनिक जागरण के क्रूर उत्पीड़न के शिकार होकर अधनंगे हो चुके इन सैकड़ो मीडियाकर्मियों को आपके समर्थन की जरूरत है

Yashwant Singh : अदभुत वक्त है ये. अदभुत सरकार है ये. ताकतवर लोगों, कट्टर लोगों, पूंजीवादी लोगों, बाहुबली लोगों का राज चल रहा है. सरकार जनता के मसलों पर चुप है. महंगाई पर चुप है, उत्पीड़न पर चुप है, शोषण पर चुप है. बस केवल जो अनर्गल मुद्दे हैं, उनको हवा दी जा रही है, अनर्गल मुद्दों के आधार पर जनता का बंटवारा किया जा रहा है. मोदी से मीडिया वालों को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर कांग्रसी अराजकता का दौर जो खत्म हुआ था. लेकिन मोदी ने मीडिया वालों को यूं निराश किया और अराजकता की ऐसी कहानी लिखनी शुरू की है कि सब सकते में है.

जागरण कर्मियों का आंदोलन जारी, दूसरे दिन भी बैनर-पोस्टर के साथ बैठे धरने पर (देखें तस्वीर)

दैनिक जागरण धर्मशाला यूनिट के आंदोलनकारी जागरणकर्मियों ने दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा. मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी देने, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्गत आदेशों को मानने, कर्मचारियों को बहाल करने संबंधी कई मांगों को लेकर दैनिक जागरण धर्मशाला के मीडियाकर्मी इन दिनों हड़ताल पर चल रहे हैं. यह हड़ताल नोएडा से लेकर हिसार, पानीपत, जम्मू, जालंधर, धर्मशाला आदि जगहों पर है. प्रबंधन जैसे तैसे अखबार छाप पा रहा है.

आईपीएस अमिताभ ठाकुर हजरतगंज थाने के सामने धरने पर बैठे, मुलायम के खिलाफ एफआईआर लिखने की मांग

यूपी में जंगलराज चरम पर है. सीएम अखिलेश के पिताजी मुलायम सिंह यादव एक आईपीएस अफसर को फोन पर धमकाते हैं तो उस अफसर ने थाने में धमकी के मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अप्लीकेशन दिया. थाना पुलिस ने एफआईआर जब दर्ज नहीं किया तो आईपीएस अफसर कोर्ट जाता है और कोर्ट की तरफ से थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेशित किया जाता है. बावजूद इसके पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे बैठे रहता है. इन हालात से दुखी आईपीएस अफसर थाने के सामने धरने पर बैठ जाता है.

सहारा इंडिया के आफिस में जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगे, सेलरी के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम

: मांगें नहीं मानी तो मुंबई सहारा के सभी प्रतिष्ठानों के बाहर आंदोलन होगा : जो सहारा इण्डिया अपने आपको विश्व का विशालतम परिवार का दावा करता है और जिसके अनुशासन में सहारा प्रणाम जैसी प्रामाणिकता हैं उस संस्थान के गोरेगांव कार्यालय में ज़िदाबाद मुर्दाबाद के नारे बुधवार को दिन भर खूब गूंजे. सहारा कर्मचारी यूनियन के करीब तीन सौ कार्यकर्ताओं ने ऑल इण्डिया एचआरहेड अली अहमर ज़ैदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव कर लिया था और करीब सात घंटों के प्रबंधन के जद्दोजहद के बाद आंदोलन इस बात पर खत्म हुआ कि अड़तालिस घंटों में पिछले महीने की तनख्वाह और ६ महीनों की बकाया तनख्वाह का भुगतान करें.

लेखकों की हत्या के खिलाफ बनारस में प्रदर्शन

देश में अभिव्यक्ति और विविधता पर हो रहे लगातार हमलो के खिलाफ और हाल के वर्षों में मारे गए कई लेखकों, पत्रकारो और विचारकों को श्रद्धांजलि देने हेतु बुधवार 9 सितम्बर को सायं  “साझा संस्कृति मंच” से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शास्त्री घाट, वरुनापुल, वाराणसी पर बैठक की और उसके बाद कैंडिल मार्च किया. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक और विचारक तथा कन्नड़ साहित्यकार प्रो० एम.एम कलबुर्गी जो कि कन्नड़ विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे की कट्टरपंथियों द्वारा उनके घर में घुस कर गोली मारकर हत्या कर दी गयी जो यह बेहद ही कायराना हरकत है वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रकाश ने इसके विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.

पत्रकारों पर हो रहे हमले के विरोध में प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ कानपुर में पत्रकारों का हल्ला बोल

विगत एक वर्ष से लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर बढ़ रहे अत्याचारों और उत्पीड़न ने तोड़ा पत्रकारों के सब्र का बांध। कानपुर में आज कई पत्रकार संगठनों ने मंच साझा कर सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सपा सरकार और बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व को जमकर कोसा। कानपुर में विभिन्‍न पत्रकार संगठनों द्वारा आज फूलबाग स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना प्रर्दशन कर पत्रकारों का उत्पीड़न न रुकने पर बड़े आंदोलन का बिगुल फूंक दिया।

लखनऊ के नाराज पत्रकार आज काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे

: मीडिया कार्यालय पर हमले के विरोध में हुई बैठक में लिया गया फैसला : सभी हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी व उनपर रासुका लगाने की मांग : विधानभवन में बैठक कर पत्रकारों ने जताई नाराजगी :

लखनऊ : हिंदुस्तान व हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ और वहां कार्यरत मीडिय़ा कर्मियों पर कातिलाना हमले के खिलाफ एकजुट हुए पत्रकारों ने आज दिनांक 20 अगस्त को काली पट्टी बांधकर कार्य करने का एलान किया है। विधानभवन स्थित प्रेस रूम में कल हुई पत्रकारों की बैठक में इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए, सरकार से यह मांग की गई वह सभी आरोपियों को अविलंभ गिरफ्तार कर उनपर रासुका के तहत कार्रवाई करे। बैठक में यह तय किया गया कि घटना के विरोध में कल विधानसभा व विधानपरिषद की कवरेज के दौरान पत्रकार अपने हाथों पर काली पट्टी बांधेंगे।

अभिताभ ठाकुर के समर्थन में उमड़ा अलीगढ़, निलंबन वापसी की मांग

अलीगढ़ : सपा सुप्रीमो का कथित ऑडियो सार्वजानिक करने वाले आईपीएस अधिकारी अभिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई को अखिलेश सरकार की तानाशाही करार देते हुए अलीगढ़ के लोग अभिताभ ठाकुर के समर्थन में सड़कों पर उतर आये. 

पत्रकारों की लगातार जघन्य हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नोएडा से दिल्ली तक पैदल प्रोटेस्ट मार्च 8 जुलाई को, आप भी आइए

अब हमारे और आपके सड़क पर उतरने का वक्त है… पत्रकारों की लगातार जघन्य हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नोएडा से दिल्ली तक पैदल प्रोटेस्ट मार्च का कार्यक्रम तय किया गया है जो 8 जुलाई को यानि कल होना है. इसमें आप भी आइए. चुप रहने, घर बैठे का वक्त नहीं है अब. देश भर में पत्रकारों की लगातार जघन्य तरीके से हत्याएं हो रही हैं. जगेंद्र सिंह, संदीप कोठारी, अक्षय सिंह… समेत दर्जनों हत्या-उत्पीड़न के मामले हैं. यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.

बल्लभगढ़ में दंगे के खिलाफ़ हरियाणा भवन पर विरोध प्रदर्शन

बल्लभगढ़ (हरियाणा) में गत 25 मई को मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथियों द्वारा किये गये बर्बरतापूर्ण हमले और अमानवीय कृत्य के खि़लाफ़ दिशा छात्र संगठन, आईसा, आईपवा, जन हस्तक्षेप आदि संगठनों ने दिल्ली स्थित हरियाणा भवन पर विरोध प्रदर्शन किया।

दिल्ली में हरियाणा भवन पर प्रदर्शन करते दिशा छात्र संगठन के नौजवान एवं अन्य लोग

Six newspapers protest survey results

The Times of India published a public statement ”What’s new? certainly not IRS 2014”, challenging the correctness of the Indian Readership Survey (IRS) 2014 report. The statement is issued by six dailies Dainik Jagran, Dainik Bhaskar, Amar Ujala, Dharitri, TOI and The Hindu. The IRS 2014 report has been condemned for three reasons: One, for presenting skewed readership numbers (towards the higher side) of the above mentioned six dailies; two, for re-publishing three fourth of the ‘flawed’ IRS 2013 report; and three, having based the survey on a dated sample (January – February 2014).

That’s Called True Journalism… Salute to Mr Praveen Swami….

इंडियन एक्सप्रेस में कार्यरत वरिष्ठ और खोजी पत्रकार प्रवीण स्वामी ने अपनी एक इनवेस्टीगेटिव रिपोर्ट के जरिए बताया कि जिस नाव को उड़ाया गया, वह ड्रग तस्करों की नाव थी. जाहिर है, इससे मोदी सरकार का फर्जीवाड़ा खुलना था, जो दावे कर रही थी कि इस नाव में बारूद का जखीरा था और पाक प्रशिक्षित आतंकवादी थे, भारत का बहुत बड़ा नुकसान करने आ रहे थे, उन्हें उड़ा दिया गया ब्ला ब्ला ब्ला. प्रवीण स्वामी जब सच सामने ले आए तो यह दक्षिणपंथियों को बर्दाश्त नहीं हुआ और हिंदू सेना वालों ने प्रवीण स्वामी के खिलाफ इंडियन एक्सप्रेस आफिस के सामने नारेबाजी की और उनकी तस्वीरें जलाईं. इस मसले को लेकर सोशल मीडिया में लोग हिंदू सेना और केंद्र सरकार की निंदा कर रहे हैं और ऐसे कुकृत्य को सेंसरशिप से जोड़कर देख रहे हैं.

सेलरी न मिलने से पाकिस्तानी पत्रकार के आत्महत्या करने पर दुख जताया

The Delhi Union of Journalists (DUJ) is concerned over the reported suicide of a Pakistani journalist a few days back owing to financial problems following non-payment of his salary for four months by the Royal TV management. The DUJ also expresses support and solidarity with the Pakistan Federal Union of Journalists (PFUJ) which held countrywide protests today.

भ्रष्टाचार और तानाशाही के चंगुल में फंस कर कराह रहे UNI के कर्मचारियों के लिए आगे आएं

UNI को दलालों, भ्रष्टाचारियों, भू माफियाओं, यूनियन के ठेकेदारों के चंगुल से मुक्त कराने और इस संस्थान के कर्मचारियों को प्रताड़ित होने से बचाने के लिए आप सब आगे आयें… साथियों, देश की प्रमुख समाचार एजेंसी UNI यानि यूनीवार्ता आज जिस दौर से गुजर रहा है उससे आप सब भलीभांति परिचित है. इस संस्थान के चेयरमैन प्रफुल्ल माहेश्वरी जो कांग्रेस के पूर्व राज्य सभा सदस्य भी हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त होने और सेबी की तरफ से अपनी गिरफ्तारी की संभावनाओं को देखते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने के कोशिश कर रहा है. वो खुद को इस संस्था का चेयरमैन बताने से भी इनकार कर रहा है. ऐसे परिस्थिति में इतनी बड़ी और प्रतिष्ठित संस्था का चेयरमैन कौन है, माहेश्वरी को बताना होगा. उसने क्या किसी और को चेयरमैन बना दिया? यदि ऐसा है तो किस तरह यह धोखाधड़ी की गयी?

Delhi Journalists & Press Workers Protest Against Invisible Press Censorship

Journalists, press workers, and union leaders connected with the profession called for an end to invisible press censorship of trade union movements in general and even of struggles pertaining to court cases of journalists and press workers. The meeting called by the Delhi Union of Journalists and the Delhi Press Unity Centre 2014 expressed grave concern at the fact the curious happenings in the newspaper industry like mass scale victimization, non-implementation of statutory awards and even locking of union offices was becoming a pattern against a targeted witch hunt of union activists with the government central and labour departments remaining prisoners of indecision or acting in a stupor.

शिअद-भाजपा सरकार ने केबल माफिया से मिलकर नहीं लांच होने दिया एबीपी ग्रुप का पंजाबी न्यूज चैनल, विरोध में प्रदर्शन

: ब्लैकआउट के जरिए ‘एबीपी सांझा न्यूज’ चैनल बंद कराने वाले बादल सरकार और केबल माफिया के खिलाफ मीडियाकर्मियों का प्रदर्शन : पंजाब में मीडिया की हालत बहुत खराब है. केबल माफिया का काला साम्राज्य इस कदर फैला और मजबूत है कि अगर कोई नया चैनल सत्ता-प्रशासन के खिलाफ पत्रकारिता करता है तो उसे पूरी तरह ब्लैकआउट कर दिया जाता है जिसके कारण चैनल की पहुंच आम लोगों तक नहीं हो पाती. यही कारण है कि आनंद बाजार पत्रिका समूह के नए आने वाले पंजाबी न्यूज चैनल ‘एबीपी सांझा न्यूज’ को लांच से पहले ही बंद करना पड़ा. इस चैनल के कर्मियों को तीन महीने की सेलरी देकर चैनल बंद किए जाने की सूचना दी गई.

बटंग में महिलाओं का मोर्चा, गांव में शराबियों की खैर नहीं

बटंग से लौट कर अमरेन्द्र कुमार आर्य की रिपोर्ट

भिलाई। जागो युवा, जागो नारी, खत्म करो शराब की बीमारी… नारी शक्ति जाग गई… गांव की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे, हम करेंगे। बटंग गांव मेंरोज रात १० बजे यही सीन देखा जा सकता है। इस गांव में जब पुरुष सोने की तैयारी कर रही होती हैं, तब गांव की महिलाएं हाथों में लाठी लेकर शराबियों और शराब की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ मोर्चेबंदी की तैयारी करती हैं। हर रात महिलाएं बेखौफ होकर गांव में घूम घूम कर शराब माफिया को चुनौती दे रही हैं।

यूएनआई में सेलरी संकट, हालत बेहद दयनीय, एक दिसंबर को धरना-प्रदर्शन

संपादक, भड़ास4मीडिया, महोदय, UNI की दुर्दशा से आप भली भांति वाकिफ होंगे. इस मीडिया संस्थान में कार्यरत पत्रकार और गैर-पत्रकार  अत्यंत दयनीय स्थिति मैं हैं. विगत 14 महीने से तनख्वाह उन्हें नहीं दी गयी है. हर महीना सैलरी नहीं मिल रही. पत्रकारों का मनमाने तरीके से तबादला किया जा रहा है. वित्तीय संकट की स्थिति में स्थानान्तरण का बोझ पत्रकार सहन नहीं कर पा रहे हैं. उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है. UNI में   उर्दू के जानेमाने पत्रकार अलमगीर साहब की 8-9 जून को हुई मौत इसका जीता जागता उदाहरण है.