रायबरेली में एक थाना है- खीरो. इस थाने के थानेदार हैं मणिशंकर तिवारी. इन्होंने एक दिन अपने चौकी इंचार्जों, दरोगाओं की मीटिंग बुलाई. इसमें वो पैसे उगाहने का अपना इतिहास बताते हुए भ्रष्टाचार के भविष्य की प्लानिंग करने-कराने लगा. थानेदारा तिवारी जी बताने लगे कि हे मेरे दरोगाओं, तुम्हारा काम अपराध करना है, मेरा काम उस अपराध का मैनेजमेंट करना है.
इसी दरम्यान किसी दरोगा ने अपने मोबाइल फोन का आडियो आन कर बातचीत के एक हिस्से की रिकार्डिंग कर ली. बाद में ये आडियो लीक कर दिया गया. रायबरेली के एक स्थानीय यूट्यूब चैनल ने इस आडियो को अपने यहां अपलोड कर दिया. साथ ही साथ आडियो वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर पर भी शेयर फारवर्ड होने लगा.
थानेदार ने सच सच बोल दिया और सच रिकार्ड होकर समाज में घूम गया तो उन्हें सस्पेंड होना ही था… देखें रायबरेली पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट-
तो ये है योगीराज की अदभुत ईमानदार पुलिसिंग. थानेदार कह रहा है कि कोई कितना भी ईमानदार अफसर हो, उसके गनर, वाचक, चपरासी आदि को पैसा देना ही पड़ता है. एसओ साफ साफ कह रहा है अधिकारी नहीं भी लेते हैं तो उनके ड्राइवर गनर उनके वाचक सभी को देना पड़ता है. थानेदार के इस कथन के आधार पर एक गोपनीय जांच कराई जानी चाहिए. आखिर करप्ट पुलिस डिपार्टमेंट को सुधारने की पहल कोई तो करेगा, कभी तो करेगा… या यूं ही आम जनता पुलिस के उगाही रैकेट के तले प्रताड़ित पीड़ित होती रहेगी और पैसे देकर अपराधी गुंडे मवाली ब्लैकमेलर माफिया सबकी छाती पर मूंग दलते रहेंगे.
कहने वाले कहते हैं कि थानेदार तिवारी ने जो कुछ कहा, वो केवल एक थाने का मामला नहीं है बल्कि ये पूरे प्रदेश के हर जिले और हर थाने का हाल है. सुनें आडियो-