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सियासत

क्या योगीजी कानून के ऊपर हैं?

Nutan Thakur : प्रधानमंत्री जी ने कहा कोई भी घर से बाहर नहीं निकलेगा- प्रधानमंत्री से लेकर छोटा से छोटा नागरिक तक. ये भी कहा- जो पालन नहीं करेगा उस पर कानूनी कार्यवाही होगी. प्रधानमंत्री के ऐलान की अगली सुबह ही सीएम योगी आदित्यनाथ पूरे लाव लश्कर के साथ अयोध्या गए और दर्जनों लोगों के साथ मिलकर तमाम धार्मिक कार्यक्रम किये.

क्या यह कानून का खुला मजाक नहीं है? क्या योगीजी कानून के ऊपर हैं? क्या कानून उनके खिलाफ काम करेगा? या फिर देश में दो कानून है- एक हमारे-आपके लिए, एक श्री योगी जैसे लोगों के लिए?

एक अन्य घटना का जिक्र करती हूं. यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्री स्वाति सिंह के निजी सचिव को भ्रष्टाचार में हटाया लेकिन यह नहीं बताया कि उन्हें किस आरोप में और क्यों हटाया गया? साथ ही इस भ्रष्टाचार में मंत्री स्वाति सिंह की भूमिका होने या नहीं होने की स्थिति भी स्पष्ट नहीं की गयी.

यह आधी-अधूरी कार्यवाही है और मंत्री का बचाव दिखती है.

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अतः मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि कृपया सार्वजनिक करें कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्री स्वाति सिंह के निजी सचिव को भ्रष्टाचार के किस आरोप में और क्यों हटाया गया? साथ ही इस भ्रष्टाचार में मंत्री स्वाति सिंह की भूमिका की स्थिति भी सार्वजनिक की जाये, अन्यथा प्रथमद्रष्टया बड़े और छोटे में अलग-अलग किस्म की कार्यवाही की बात दिखेगी.

लखनऊ की सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की एफबी वॉल से.

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Yashwant Singh : कानून केवल छोटे लोगों के लिए क्यों होता है? घर से बाहर निकले आम लोगों को पुलिस वाले पीट पीट कर वीडियो बनाते हैं और वायरल करते हैं तो कई लोग इन वीडियोज को पोस्ट कर इस पिटाई को जायज बताते हैं.

लॉक डाउन सफल बनाने के लिए पुलिस के डंडे-लट्ठ के उपयोग को हर हाल में सही मानने वालों से पूछना चाहता हूं कि 8PM वाली PM की घोषण के बाद अगली सुबह योगी जी अयोध्या जाते हैं और वहां ढेर सारे पंडों पुजारियों साधुओं अफसरों के साथ रामलला का स्थानांतरण करते हैं, पूजा अर्चना आरती करते हैं, तो क्या ये जायज है?

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तस्वीरें बता रहीं कि एक मीटर के फासले वाले नियम को भी फॉलो नहीं किया गया.

आप प्रदेश के मुखिया है. अपने आचरण से जनता को क्या मैसेज दे रहे हैं? इनके मुकाबले पीएम मोदी की वो तस्वीर मुझे अच्छी लगी जिसमें वह कैबिनेट की मीटिंग में सबको एक एक मीटर के फासले पर बिठाए हैं.

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खैर, मीडिया वाले तो दुम दबाए हैं. उनकी औकात नहीं सीएम और पीएम पर सवाल उठाने की. ये भ्रष्ट और पतित मीडिया वाले पापी पेट व करियर के वास्ते जन सरोकार से तो कबका नाता तोड़ चुके हैं. अब ये पूरी तरह कंपनी पोषित व सत्ता आश्रित चारण भाट दलाल हैं. आम आदमी पार्टी में हाल में ही शामिल हुईं Nutan Thakur ने एक सही सवाल उठाया है- क्या योगीजी कानून के उपर हैं?

भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

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