प्रशांत के मिश्रा-
मायावती जी ने चुनावी नतीजों के बाद अपना बयान दिया. उस बयान में उन्होंने एक लाइन बोला …. ‘‘बीएसपी समर्थकों में ये डर फैल गया था कि सपा के सत्ता में आने से दोबारा यहां जंगलराज आ जाएगा.’…. बस इसी एक लाइन में पूरे चुनाव की समीक्षा है.
मायावती बड़ी नेता हैं तो सीधे एक जाति का नाम नहीं ले सकती. फेसबुक पर भी ज्यादातर लोगों को यह लिखने में लाज लगता है. लेकिन ये जमीनी सच है कि सपा के हारने की एक बड़ी वजह यादव हैं.
सवर्ण वोटर के बड़े हिस्से ने जितना भाजपा को जिताने के लिए वोट किया उतना ही यादव आतंक के खिलाफ सपा को हराने के लिए भी. दलितों का वोट बंटा तो भाजपा को क्यों ज्यादा गया. इसकी मुख्य वजह भी यादव थे.
यादवों के अलावा बाकी ओबीसी तो पहले से ही इनसे प्रताड़ित है. साल 2017 में ओबीसी का बड़ा वर्ग सपा को इसलिए हराया कि ओबीसी = यादव नहीं होता.
दिलीप मंडल जी Dilip C Mandal jee एक टर्म यूज किए हैं एंटी यादव वोट बैंक… जमीनी स्तर पर यह बहुत तगड़ा सेंटिमेंट है … एंटी यादव वोट बैंक…. फेसबुक पर बहुत सारी चीजें नहीं लिखी जा सकती लेकिन जो माहौल है वो तो है…
यूपी चुनाव में…. सपा मजबूत टक्कर दे रही है…. ये हवा जैसे जैसे आगे बढ़ी वैसे वैसे भाजपा का वोट बढ़ता गया… सवर्ण, ओबीसी, एससी में एक बड़ा तबका था जो नहीं चाहता है कि सपा का जंगलराज वापस आए…. क्योंकि उसने ये देखा है और झेला है….