Rajiv Nayan Bahuguna : दिल्ली प्रेस क्लब ऑफ इंडिया परिसर में एक उद्दाम पत्रकार यशवंत सिंह को दो “पत्रकारों” द्वारा पीटा जाना कर्नाटक में पत्रकार मेध से कम चिंताजनक और भयावह नहीं है। दरअसल जब से पत्रकारिता में लिखने, पढ़ने और गुनने की अनिवार्यता समाप्त हुई है, तबसे तरह तरह के सुपारी किलर और शार्प शूटर इस पेशे में घुस आए हैं। वह न सिर्फ अपने कम्प्यूटर, मोबाइल और कैमरे से अपने शिकार को निशाना बनाते हैं, बल्कि हाथ, लात, चाकू और तमंचे का भी बेहिचक इस्तेमाल करते हैं।
इस पेशे में इनकी उपस्थिति वास्तविक श्रम जीवी पत्रकारों के लिए राजनैतिक और आर्थिक धन पशुओं से अधिक भयावह है। इनकी रोकथाम न हुई, तो बारी बारी सबके हाथ, पाँव चश्मे तथा नाक तोड़ेंगे, जैसे यशवंत की तोड़ी है। इनका मुक़ाबला लिख कर, बोल कर तथा जूतिया कर करना अपरिहार्य है।
उत्तराखंड के वरिष्ठ और चर्चित पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा की एफबी वॉल से.
भड़ास संपादक यशवंत पर हमले को लेकर धीरेंद्र गिरी, पंकज कुमार झा और शैलेंद्र शुक्ला की प्रतिक्रियाएं कुछ यूं हैं…
Dhirendra Giri : बेबाक शख्सियत है Yashwant Singh जी…. फ़र्ज़ी लोग इस वज़न को सह नही पाते… खैर उन्होंने कई दफा टुच्चो को सहा है। आगे भी वह हमेशा की तरह मज़बूत ही दिखाई देंगे । इस आक्रमण की घोर निंदा पढ़ने लिखने और चिंतन करने वाली पूरी बिरादरी को करनी चाहिए।
पंकज कुमार झा : मीडिया के एजेंडा आक्रमण के हमलोग भी ऐसे शिकार हो जाते हैं कि कोई घोषित अपराधी की हत्या पर पिल पड़ते हैं जबकि अपने निजी सम्पर्क के लोगों, मित्रों तक के साथ हुए किसी आक्रमण तक पर ध्यान नही जाता. गौरी लंकेश की हत्या पर होते वाम दुकानदारी के बीच ही मित्र Yashwant Singh पर प्रेस क्लब में आक्रमण की ख़बर आयी. कोई भुप्पी और किसी त्रिपाठी ने दारू के नशे में इस करतूत को अंजाम दिया. दोनों शायद किसी ख़बर के भड़ास पर छापे जाने से नाराज़ थे. आइए इस हरकत की भर्त्सना करें और अगर कर पायें तो दोषियों को दंडित कराने की कोशिश हो. सभ्य समाज में ऐसा कोई कृत्य बिल्कुल भी सहन करने लायक नही होनी चाहिए.
ये हैं दोनों हमलावर…
Shailendra Shukla : यशवंत भाई पर हमला यानी लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के चौथे स्तम्भ पर हमला.. भारत वर्ष में ऐसा माना जाता है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। अगर ये सही है तो यशवंत भाई और भड़ास चौथे स्तम्भ के स्तम्भ है। भाई के ऊपर कुछ तथाकथित पत्रकारों ने हमला किया और वह भी भरोसे में लेकर। यशवंत भाई… यानी अगर मीडिया आपके साथ गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ खड़ा होने वाला एकमात्र इंसान… कुछ छुटभैये किश्म के तथाकथित फर्जी पत्रकारों ने उनके साथ जो गुस्ताखी की है उसकी सजा उन्हें कानून पता नहीं कब देगा लेकिन अगर मुझे भविष्य में ऐसा अवसर मिलता है जिसमें उन सज्जनों से मुलाकात होती है तो उनकी खातिरदारी मैं जरूर करूँगा… उसके बदले इस देश का कानून जो भी सजा मेरे लिए तय करेगा मैं उसे सत्य नारायण भगवान का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लूंगा। अब बात यशवंत भाई और उन तथाकथित पापी किश्म के पत्रकारों की… अगर उन्हें लग रहा है कि उन्होंने यशवंत भाई को धोखा दिया तो वे गलत हैं… उन्हें लग रहा है कि उन्होंने यशवंत भाई पर हमला किया तो भी वो गलत हैं … किसी दीवार पर मैंने लिखा हुआ एक वाक्य पढ़ा था ….
“अगर आप किसी को धोखा देने में कामयाब हो जाते हो तो ये आपकी जीत नहीं है… बल्कि ये सोचो सामने वाले को आप पर कितना भरोसा था जिसे आपने तोड़ दिया”
खैर यशवंत भाई से बात की मैन भावुक होकर बदले की भावना प्रकट की और मैं आज नहीं तो कल उस चूहे तक जरूर पहुँच जाऊंगा… लेकिन भैया हो सकता है आप राम हो पर मैं नहीं…. मैंने लक्ष्मण जी की एक बात बिलकुल गाँठ बांध रखी है….
“जो ज्यादा मीठा होता है.. वह अपना नाश कराता है।
देखो तो मीठे गन्ने को.. कोल्हू में पेरा जाता है।।”
मैं यशवंत भाई पर हुए हमले की निंदा नहीं करूंगा… भर्तसना नहीं करूँगा… लेकिन अगर मौका मिला तो “जैसे को तैसा” वाला मुहावरा हमलावरों के साथ जरूर चरित्रार्थ करूँगा। अगर मेरे फेसबुक वॉल या किसी अन्य माध्यम से ये मैसेज उन दुर्जनों तक पहुचता है तो वो खुलकर मेरे सामने आ सकते है। वह इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर वो धूर्त हैं… ठग हैं… मीठी मीठी बातों में मुझे फंसा लेंगे जैसे यशवंत भाई के साथ उन्होंने किया तो ऐसे मत सोचें… क्योंकि मैं वाकई में महाधूर्त… हूँ खासकर उन दुर्जनों से तो ज्यादा… पता नहीं मेरे इस पत्र को भड़ास अपने पास जगह देगा कि नहीं लेकिन अगर देता है तो अच्छा लगेगा… मेरा मैसेज दुर्जनों तक जल्दी पहुचेंगे.…. क्योंकि सफाई कर्मचारी से लेकर मुख्य संपादक तक सब भड़ास पढ़ते हैं… अगर हमलावर जरा सा भी मीडिया से जुड़े होंगे तो भड़ास जरूर पढ़ते होंगे…
पूरे मामले को समझने के लिए ये भी पढ़ें…
‘4पीएम’ में छपी भड़ास संपादक यशवंत सिंह के हमलावरों की गिरफ्तारी न होने की खबर
xxx
यशवंत सिंह की गुरिल्ला छापामार पत्रकारिता और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दो दलाल/भक्तनुमा पत्रकारों का जानलेवा हमला करना…
xxx
पढ़िए, यशवंत पर हमले को लेकर गीतकार नीलेश मिश्रा ने क्या कहा
xxx
शैतानी ताकतों के हमले में चश्मा टूटा… ये लो नया बनवा लिया… तुम तोड़ोगे, हम जोड़ेंगे.. : यशवंत सिंह
xxx
दो बददिमाग और मानसिक रूप से विक्षिप्त कथित पत्रकारों द्वारा यशवंत पर किये गए हमले पर हमारी बिरादरी को क्यों सांप सूंघ गया?
xxx
यशवंत किसी विचारधारा-गिरोहबाजी के आधार पर किसी को रियायत नहीं देते, इसलिए गिरोहबाजों ने चुप्पी साध रखी है!
xxx
हमलावर नंबर एक भुप्पी भी मिल गया फेसबुक पर, देखें-जानें इसकी हकीकत
xxx
भड़ास वाले यशवंत पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन चौंकाता नहीं : देवेंद्र सुरजन
xxx
क्या ‘न्यूजलांड्री’ वाले अपराधी और मानसिक रोगी पत्रकार अनुराग त्रिपाठी को नौकरी से निकालेंगे?
xxx
यशवंत पर हमला करने वाले भूपेंद्र नारायण सिंह भुप्पी और अनुराग त्रिपाठी सजा के पात्र हैं
xxx
यशवंतजी हमलावरों को अपनी कलम की ताकत से धूल चटा देंगे : अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
xxx
साहसी पत्रकार यशवंत सिंह पर हमला करने वालों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करे सरकार : शंभूनाथ शुक्ल
xxx
यशवंत पर हमला करने वाले इन दो अपराधियों को पत्रकार कहना ही गलत है : नितिन ठाकुर
xxx
यशवंत सिंह पर कैसे हुआ हमला, सुनिए उनकी जुबानी (देखें वीडियो)
xxx
गौरी लंकेश की हत्या और यशवंत सिंह पर हमले से भड़के बनारस के पत्रकार, किया प्रदर्शन
xxx
यशवंत पर हमले का मामला : अब तो प्रेस क्लब आफ इंडिया में ही पत्रकार सुरक्षित नहीं!
xxx