यादव सिंह जैसे दागी को बचाने के लिए तत्कालीन अखिलेश सरकार ने 21.15 लाख रुपये खर्च कर दिए थे!

उत्तर प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने नॉएडा के पूर्व चीफ इंजिनीयर यादव सिंह मामले में सीबीआई जाँच से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं पर 21.15 लाख रुपये खर्च किये थे. यह तथ्य आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त सूचना से सामने आया है.

यादवगेट में फंस रहे कुछ बड़े टीवी चैनल और पत्रकार, पीएमओ को रिपोर्ट भेजी गई

दलाली करते थे नोयडा-लखनऊ के कई मीडियाकर्मी

नई दिल्ली:  नोयडा के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह ने ठेकेदारी में कमीशनखोरी और कालेधन को सफेद करने के लिए कागज़ी कंपनियों का संजाल बिछाकर उसमें मीडिया को भी शामिल कर लिया था। इस राज का पर्दाफाश कर रही है, यादव सिंह से बरामद डायरी। यादव सिंह से तीन चैनलों के नाम सीधे जुड़ रहे हैं। एक में तो उनकी पत्नी निदेशक भी है। डायरी में मिले सफेदपोशों, नौकरशाहों और पत्रकारों के नामों को लेकर सीबीआई काफी संजीदा है और उसकी रिपोर्ट सीधे पीएमओ को भेजी जा रही है। इस सिलसिले में यादव सिंह और उसके परिवार से कई परिवार से कई बार पूछताछ हो चुकी है। समाज को सच का आईना दिखाने का दम भरने वाले ये पत्रकार अपने लिए मकान-दुकान लेने के अलावा ठेका दिलाने को भी काम करते थे और उसके लिए मोटी करम वसूलते थे।

यादव सिंह की काली कमाई से मुलायम खानदान हुआ मालामाल, सीबीआई का खुलासा

अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में संलिप्त नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ हो रही सीबीआई जाँच में नित नए खुलासे हो रहे हैं. ताजा खुलासा यादव सिंह से यूपी की सत्ताधारी पार्टी और मुलायम परिवार से कनेक्शन का हुआ है. मुलायम सिंह के भतीजे और समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के यादव सिंह से कारोबारी रिश्ते का पता चला है. अक्षय यादव फिरोजाबाद से सांसद भी हैं. अक्षय यादव ने यादव सिंह के सहयोगी से एनएम बिल्डवेल नाम की कंपनी ली थी. अक्षय ने सितंबर 2013 में एनएम बिल्डवेल कंपनी के 9 हजार 995 शेयर यादव सिंह के सहयोगी राजेश मनोचा से 10 रुपये के भाव पर खरीदे थे. पांच शेयर अक्षय की पत्नी ऋचा के नाम ट्रांसफर हुए थे. उस समय इस कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 2050 रुपये होनी चाहिए थी.

यूपी के दो परम भ्रष्टाचारियों यादव और प्रजापति को गुस्सा क्यों आता है?

Amitabh Thakur : मेरी पत्नी नूतन ठाकुर ने पिछले दिनों कई गलत काम किये हैं लेकिन उनमे सबसे गलत काम निश्चित रूप से नॉएडा के भले शेर अभियंता और देश के पूर्व युवराज के जिले के खनन बाबा के खिलाफ शिकायतें हैं. ये दोनों ऐसे लोग हैं जिनके सम्बन्ध में बच्चा-बच्चा यह मानता है कि उन पर साक्षात् लक्ष्मी की कृपा है, साथ ही यह भी मान्यता है कि इन दोनों ने तंत्र का मन्त्र पूरी तरह समझ लिया है और ऊपर से नीचे तक सभी जगह इनके पत्ते फिट हैं, और जो व्यवस्था में फिट है, जाहिर है वह हिट है. इसीलिए यादव प्रजापति बंधू पूरी तरह और बुरी तरह हिट हैं, सुपरहिट. इस तरह हिट कि इनके लिए स्वयं व्यवस्था खड़ी हो जाती है यह कहते हुए कि ये भोले हैं और भले भी.

हाई कोर्ट में यादव सिंह कहिन- कभी भ्रष्टाचार नहीं किया, मीडिया की बनाई सनसनी है सब कुछ

Yadav Singh to HC : Never involved in corruption, media scandalized issue

Suspended Noida engineer Yadav Singh says that he has never been involved in any corruption whatsoever and has performed his official duty with utmost honesty and dedication. He said this in his counter-affidavit presented before Allahabad High Court in reply to the PIL filed by social activist Dr Nutan Thakur. As per the reply, he has no association with any of the company alleged in the PIL. He said he got his promotions as per rules and regulations. He said the previous FIR against him was filed by Noida engineer R P Singh due to his personal grudge against Ramendra which CBCID closed as being incorrect.

यादव सिंह पीआईएल : हलफनामे से सीबीसीआईडी जांच की सच्चाई खुली

यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर की पीआईएल में देबाशीष पांडा, प्रमुख सचिव, गृह द्वारा दायर हलफनामे से श्री यादव के खिलाफ सीबीसीआईडी जांच की सच्चाई सामने आ जाती है. नॉएडा प्राधिकरण के आर पी सिंह ने सेक्टर-39, नॉएडा में दायर एफआईआर में श्री सिंह और श्री रामेन्द्र पर 8 दिनों में 954.38 करोड़ के बांड हस्ताक्षित करने के साथ तिरुपति कंस्ट्रक्शन और जेएसपी कंस्ट्रक्शन द्वारा 08 दिसंबर 2011 को भूमिगत 33/11 केवी केबल का 92.06 करोड़ का काम ठेका मिलने के पहले ही 60 फीसदी काम पूरा कर लेने में मिलीभगत का आरोपी बताया था.

Yadav Singh PIL : Affidavit exposes CBCID enquiry truth

The affidavit filed by Principal Secretary Home Debashish Panda before Lucknow bench of Allahabad High Court in the PIL filed by social activist Dr Nutan Thakur in Yadav Singh scam, exposes the truth about CBCID enquiry against Sri Yadav. R P Singh of Noida Authority registered an FIR in Sector 39, Noida against Sri Singh and Sri Ramendra for executing bonds worth Rs. 954.38 crores in merely 8 days and for colluding with Tirupati Construction and JSP Construction, who completed 60 percent of Rs. 92.06 crore underground 33/11 KV cable work before actual execution of contract on 08 December 2011.

Yadav Singh Enquiry Commission : No paraphernalia yet, witnesses to wait

The one man Justice A N Verma enquiry commission, formed in Yadav Singh case, is presently not in a position to begin its work. Social activist Dr Nutan Thakur, who has filed a PIL in this matter, today contacted Justice Verma to get her statement recorded before the Commission, but she was told to wait because he has not got anything other than the notification.

Yadav Singh PIL : State govt seeks more time, HC fixes 23 Feb

The UP government today sought more time to file its counter affidavit in the PIL filed by social activist Dr Nutan Thakur before Allahabad High Court in Yadav Singh case. Advocate General Vijay Bahadur Singh, personally present in the Court, requested for granting any date in first week of March which was objected by petitioner Dr Thakur as being far away. Hearing both the parties, the bench consisting of Justice S S Chauhan and Justice Rituraj Awasthi fixed 23 February as the next date of hearing.

Yadav Singh case : Noida Authority’s double face exposed

The counter affidavit filed by Noida Development Authority in the PIL filed by social activist Dr Nutan Thakur before Allahabad High Court in Yadav Singh case, completely exposes the leniency shown to him. The affidavit filed by General Manager Bipin Gaur tries to shield itself completely by stating that the PIL seeks steps solely from the State government and the Authority has nothing to do with it.

यूपी में जंगल राज : आप लोग इस यादव के खिलाफ कुछ लिखते क्यों नहीं?

Yashwant Singh : एक मेरे उद्योगपित मित्र कल मिलने आए. बोले- यार कुछ लिखते क्यों नहीं आप लोग इस यादव के खिलाफ?

मैंने पूछा- किस यादव के खिलाफ? उनका पूरा नाम पता तो होगा?

यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए पीआईएल में नोटिस जारी

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा यादव सिंह प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए दायर पीआईएल में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार तथा सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2015 को होगी. चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच ने डॉ ठाकुर के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय की दलील सुनने के बाद इनकम टैक्स विभाग और ईडी को भी अब तक की कार्यवाही का ब्यौरा देने को कहा है. साथ ही नॉएडा अथॉरिटी को अपना पक्ष रखने को कहा गया है. कोर्ट ने यादव सिंह को भी पार्टी बनाने के निर्देश दिए.

एकता कपूर की तिजोरी ठसाठस हो रही है तो यादव सिंह की तिजोरी खाली होने को है….

: सिंह इज किंग यानि यादव सिंह…. : बड़ा प्यारा नाम है इनका। लेकिन यादव का बाल टेडा करने की हिमाकत कौन कर रहा है. आम जनता में कन्फ्यूजन है. कन्फ्यूजन यादव शब्द को लेकर ज्यादा है. ये नाम एक आदमी का है या एक जाति का. यूपी में कोई फर्क नहीं पड़ता. आदमी हो या जाति. यादव तो यादव है.  कुछ लोग जातपांत की बात नहीं करते. जाति की बात सिर्फ राजनीति के लिए की जाये तो ही अच्छा. लालू भाई और मुलायम दादा उदाहरण हैं. राजनीति के पतित-पावन मचान को मजबूत करने के लिए जाति का खंभ काम आया. तेजप्रताप और राजलक्ष्मी के विवाह की रस्म मचान और खंभ को आपस मे बांधने वाली मजबूत रस्सी बन गई.

48वें हफ्ते की टीआरपी : सबसे ज्यादा फायदा आजतक को

48वें हफ्ते की टीआरपी में सबसे ज्यादा फायदा आजतक न्यूज चैनल को हुआ है. साथ ही नंबर दो पर मौजूद इंडिया टीवी ने भी अच्छी खासी टीआरपी बटोरी है. एबीपी न्यूज को काफी नुकसान हुआ है, बावजूद इसके यह नंबर तीन पर बना हुआ है. जी न्यूज को फायदा नहीं हुआ इस हफ्ते तो नुकसान भी बस मामूली हुआ है. न्यूज नेशन चैनल को टीआरपी भी ठीकठाक मिली है. यह चैनल इंडिया न्यूज से आगे निकल गया है. आईबीएन7 यथास्थान है और नीचे जाने के लिए उन्मुख दिख रहा है.

एक ‘नेशनल न्यूज’ चैनल में भी लगा है यादव सिंह का पैसा!

एक बड़ी खबर एक नेशनल न्यूज चैनल को लेकर आ रही है. पता चला है कि एक नए लांच हुए नेशनल न्यूज चैनल में यादव सिंह का पैसा लगा है. यादव सिंह ने अपनी पत्नी के माध्यम से अपनी काली कमाई के एक हिस्से को रियल स्टेट में लगाया तो कुछ हिस्सा इस नए नेशनल न्यूज चैनल में इनवेस्ट किया. कहा जा रहा है कि यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता इस चैनल में निदेशक या किसी अन्य भूमिका में हैं. चर्चा है कि यादव सिंह ने जानबूझ कर इस चैनल में अपनी पत्नी को सक्रिय किया ताकि वह खुद मीडिया की नजरों से बचा रहे. यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता से पूछताछ चल रही है. आरोपी नेशनल न्यूज चैनल पर भी छापा पड़ सकता है और यहां के एसेट जब्त किए जा सकते हैं.

यादव सिंह ने करीब 200 से ज्यादा कंपनियों में पैसा लगाया है

मौलिक भारत संगठन ने आरोप लगाया है कि यादव सिंह ने ठेकों से कमाए कमीशन अपनी पत्नी, बेटे, बेटियों और रिश्तेदारों के नाम से बनी कंपनियां में लगा दिए। इससे इन कंपनियों का टर्न ओवर और वैल्यू चंद सालों में ही कई लाख गुना तक बढ़ गया। मौलिक भारत संगठन के उत्तर प्रदेश प्रभारी और भाजपा नेता कैप्टन विकास गुप्ता ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता में कहा कि यादव सिंह प्रकरण में मीडिया जितने करोड़ रुपये या घोटाले की बात कर रही है, हकीकत में मामला इससे कई गुना ज्यादा है। मीडिया 40-50 कंपनियों की ही बात कर रही है जबकि यादव सिंह ने करीब 200 से ज्यादा कंपनियों में पैसा लगाया है।

कोर्ट खुद संज्ञान लेकर यादव सिंह और उसकी पत्नी को कठोर दंड दे और नजीर कायम करे

प्रिय यशवंत भाई,  पिछले कई महीनों से लिखने की सोच रहा था लेकिन काम की व्यस्तता के कारण लिख नहीं पाया और कई बार टाइम होने के बाद भी लिखने का मन नहीं किया क्योंकि सरकार, कर्मचारी, अफसर, राजनेता सब इतने ढीठ हो गए हैं कि तुम उनको कितना भी सुनाते रहो, लिखते रहो उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती क्योंकि वो करते वहीं हैं जो उनको करना है क्योंकि उनको पता है कि भारत का कानून इतना लचीला है कि उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता।

यादव सिंह ने समाजवादी नेता मुलायम और दलित नेता मायावती दोनों का साध लिया था

Nadim S. Akhter : असली शेर तो -यादव सिंह- निकले. एक साथ बहन मायावती और समाजवादी नेताजी मुलायम सिंह यादव, दोनों को साध लिया. अनेकता में एकता का -सूत्र- यादव सिंह जी से सीखिए. उनसे जानिए कि सरकार -दलितों- की हो, या -समाजवादियों- की या फिर किसी भी -वाद- वाले की, सबकी आंखों का तारा कैसे बना जाता है. आपके पास क्वालिफेकेशन हो ना हो, डिग्री हो ना हो, वैधानिक योग्यता हो ना हो, लेकिन अगर -जुगाड़ योग्यता- और -लक्ष्मी योग्यता- है तो इस सठिया चुके लोकतंत्र में और Media bombardment के युग में भी आप सबकी नाक के नीचे आराम से मलाई काट सकते हैं.

अखिलेश सरकार यादव सिंह सरीखे महाभ्रष्टों को महत्वपूर्ण पदों से लगातार नवाज़ रही है

यादव सिंह नोएडा अथॉरिटी ही नहीं बल्कि उन सभी सरकारी महकमों का एक चेहरा है जिसमे बैठे अफसरान और इंजीनियर्स हमारे और आपके पैसों से अपनी सात पुश्तों तक के कुछ न करने का इंतज़ाम कर रहे है. आखिर कुछ साल पहले तक महज़ एक जूनियर इंजीनियर रहे यादव सिंह ने हज़ारों करोड़ कैसे कमाए तब आयकर विभाग, ईडी जैसी जांच एजेंसियां कहां थी और अब यादव सिंह से आखिर क्या अनबन हो गयी जो पूरी खुन्नस निकाल ली.