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All posts tagged "poem"

साहित्य

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह की दो कविताएं ‘इंडिया इनसाइड’ मैग्जीन की साहित्य वार्षिकी-2018 में प्रकाशित हुई हैं. एक पत्रकार जो हर...

टीवी

कविता मैंने कभी लिखी नहीं . पता नहीं कुछ मिनटों पहले मन की बेचैनियों से कुछ लाइनें निकली हैं .. ये जीवन की पहली...

साहित्य

डॉ. अजीत तोमर किसी भी लिखने वाले के लिए सबसे मुश्किल होता है अपनी किसी चीज़ के बारे में लिखना क्योंकि एक समय के...

सियासत

मौसम एक है। उसे महसूस करने वाले बेहिसाब। मैं जो फील कर रहा हूं, पिछले तीन दिन से, वो यूं है...

सियासत

अबे ओ दल्लेसांप की केंचुली में छिपे जोंकतुम सबसे घिनौने तब नहीं होते जब बनते हो प्रहरीऔर हाथ में डेढ़ फुट का डंडाया वर्दी...

सुख-दुख

मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट से आए हालिया फैसले को लेकर बरेली के मजीठिया क्रांतिकारी मनोज शर्मा एडवोकेट की कविता पेश-ए-खिदमत है...

प्रिंट

अब जीत न्याय की होगी... -मनोज शर्मा एडवोकेट- आ गया समय निकट अब जीत न्याय की होगी इतिहास में दर्ज कहानी मजीठिया वीरों की...

सुख-दुख

मनोज शर्मा हिंदुस्तान बरेली के वरिष्ठ पत्रकार हैं. ये मजीठिया क्लेम पाने के लिए हिन्दुस्तान प्रबंधन से जंग लड़ रहे हैं. इन्होंने आज के...

इंटरव्यू

Yashwant Singh : गाज़ीपुर जिले के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर मुनि देवेंद्र सिंह उर्फ एमडी सिंह के कवि रूप को उनके ही जिले के बहुत...

साहित्य

बनारस के जंसा क्षेत्र के खेवली गाँव में कल दिन भर बड़ी चहल पहल रही. बड़ी संख्या में साहित्यकार, कवि, लेखक और सामजिक कार्यकर्त्ता...

साहित्य

‎जन संस्कृति मंच‬ ने हिंदी के अनूठे कवि Virendra Dangwal यानि वीरेनदा की उपस्थिति में एक आत्मीय आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते Asad...

साहित्य

भागी हुई लड़कियां -आलोक धन्वा- एक घर की जंजीरेंकितना ज्यादा दिखाई पड़ती हैंजब घर से कोई लड़की भागती है क्या उस रात की याद...

साहित्य

मदर्स-डे पर माँ के बारे में बहुत कुछ लिखा गया... माँ बहुत महान होती है, माँ की पूजा करनी चाहिए, माँ जैसी कोई नहीं...

उत्तर प्रदेश

हदों-सरहदों की घेराबन्दी से परे कविता होती है, या यूं कहे आपस की दूरियों को पाटने, दिवारों को गिराने का काम कविता ही करती...

उत्तर प्रदेश

आजकल बनारस सुर्खियों में है... बनारस को लेकर रोज कोई न कोई घोषणा सुनने को मिल रही है.... ऐसा होगा बनारस... वैसा होगा बनारस......

सियासत

यह कविता उन सभी पत्रकार भाइयों के लिए जो दिपावली में घर नहीं जा पाए... सेना, पुलिस, अस्पताल, फायर ब्रिगेड से जुड़े लोग भी...

Latest 100 भड़ास

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