ड्राइवर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियनों ने दिखार्ई डीबी कार्प को औकात, दफ्तर पर सरकारी रिकवरी नोटिस चपकाई गयी

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पहली बार किसी अखबार के कार्यालय के बाहर बिल्कुुल उसी तरीसे से रिकवरी नोटिस चपकायी गयी जैसे लोन लेने वाले लोन की राशि का भुगतान ना करें और उनकी प्रापर्टी सीज होने वाली होती है। जिद करो दुनिया बदलों का नारा देने वाले दैनिक भाष्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प के भोपाल कार्यालय में आज एक ड्राईवर की शिकायत पर रिकवरी नोटिस चपका दी गयी। 

शलभ मणि त्रिपाठी BJP के हुए, लड़ेंगे चुनाव

एक बड़ी खबर आ रही है लखनऊ से। ibn7 के यूपी ब्यूरो हेड शलभ मणि ज्वाइन करने जा रहे हैं बीजेपी। वे गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों का कहना है कि उनकी बीजेपी में ज्वायनिंग कल होगी। 

अपनी रिपोर्टर पूजा की आड़ क्यों ले रहे हो सुधीर चौधरी, साफ कहो नैतिक जिम्मेदारी मेरी है

Sanjaya Kumar Singh : गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर एफआईआर हुई तो पढ़िए सुधीर चौधरी का बचाव। संपादक जी कह रहे हैं कि रिपोर्टर पूजा मेहता सिर्फ 25 साल की है। पूजा को ममता बनर्जी की असहिष्णुता झेलना पड़ रहा है जबकि पूजा अपने संपादक की नालायकी झेल रही है। ज़ी न्यूज संतुलित खबरें कर रहा होता तो खिलाफ खबरों पर भी एफआईआर नहीं होती है और संपादकी झाड़ने वाले मौका मिलते ही फंसा दिए जाते हैं – ये कौन नहीं जानता है। पूजा नहीं जानती होगी सुधीर चौधरी को तो पता ही है। अब पूजा की आड़ क्यों ले रहे हो। कहो, नैतिक जिम्मेदारी मेरी है। पूजा का नाम एफआईआर से हटा दिया जाए। पूजा की आड़ में खुद बचने का रास्ता क्यों खोज रहे हो।

बीजेपी का दरबारी चैनल है ज़ी न्यूज, इसीलिए निकाल दिया सवाल पूछने वाले पत्रकार को

Sanjaya Kumar Singh : ज़ी न्यूज के एक रिपोर्टर के सवाल हरियाणा के मुख्यमंत्री को पसंद नहीं आए तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया। अब एक रिपोर्टर की खबर पश्चिम बंगाल सरकार को पसंद नहीं आई और एफआईआर हो गई तो ममता बनर्जी असहिष्णु हो गईं। इस मामले में सुधीर चौधरी ने जो दलील दी है उस पर मैं कल लिख चुका हूं। यह संपादक इस लायक भी नहीं है कि इस पर ज्यादा लिखा जाए। यह “बदनाम हुए तो क्या, नाम न हुआ” का जीता-जागता और फलता-फूलता उदाहरण है और सुभाष चंद्रा की मेहरबानी से फल-फूल रहा है। उन्हें मुबारक!! फिलहाल रिपोर्टर बर्खास्तगी प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार Umesh Joshi की ये पोस्ट पढ़ें….

51वें हफ्ते में ‘इंडिया टीवी’ को टीआरपी में सबसे ज्यादा फायदा

इस साल के 51वें हफ्ते के टीआरपी आंकड़े बताते हैं कि इंडिया टीवी को सबसे ज्यादा कुल 1.2 अंकों का फायदा टीआरपी में हुआ है और 15.2 अंक के साथ यह चैनल नंबर दो पर बना हुआ है. आजतक ने थोड़ी सी बढ़त के साथ ही नंबर वन पर कब्जा बरकरार रखा हुआ है. नंबर तीन पर है एबीपी न्यूज. जी न्यूज चौथे नंबर पर है. इंडिया न्यूज पांचवें स्थान पर कायम है लेकिन इसकी टीआरपी में बाकी चैनलों के मुकाबले काफी गिरावट देखी जा रही है. देखिए आंकड़े..

सिर्फ मायावती ही क्यों? सरकार में दम हो तो सभी पार्टियों के बैंक खाते चेक करवाए

डा. वेद प्रताप वैदिक
दिल्ली की एक बैंक में मायावती की बसपा का एक खाता पकड़ा गया है, जिसमें नोटबंदी की घोषणा के दो दिन बाद ही 104 करोड़ रु. जमा हुए। अब इस खाते की जांच होगी। क्या खाक जांच होगी? बसपा ही क्यों, सभी पार्टियां बिल्कुल स्वच्छंद हैं, अरबों-खरबों रु. अपने पास नकद या बैंकों में रखने के लिए! हमारी राजनीतिक पार्टियां भ्रष्टाचार की अम्मा हैं। आप अकेली मायावती को कैसे पकड़ेंगे? वह दिखा देंगी, कई हजार दानदाताओं के नकली नाम, जिन्होंने 20 हजार रु. से कम का चंदा दिया है।

पुण्य प्रसून ने पूछा- किसी पत्रकार ने इन दस्तावेजों को क्यों नहीं प्रकाशित या प्रसारित किया?

आडवानी 35.00, खुराना 3.00, एसएस 18.94, के नाथ 7.00, एनडीटी 0.88,बूटा 7.50, एपी 5.00, एलपीएस 5,50, एस यादव 5.00, ए एम 30.00, एएन 35.00, डी लाल 50.00, वीसीएस 47.00, एनएस 8.00…. और इसी तरह कुछ और शब्द, जिन के आगे अलग अलग नंबर। यानी ना तो इनीशियल से पता चलता कि किसका नाम और ना ही नंबर से पता चलता कि ये रकम है या कुछ और। लेकिन पन्ने के उपर लिखा हुआ पीओई फ्राम अप्रैल 86 टू मार्च 90। सारे नामों के आगे लिखे नंबर को जोडकर लिखा गया 1602.06800। कागज के एक किनारे तीन हस्ताक्षर। तीनों के नीचे तारीख 3/5/91. तो इस तरह के दो पन्ने जिसमें सिर्फ नाम के पहले अक्षर का जिक्र। मसलन दूसरे पन्ने में एलकेए या फिर वीसीएस। देखते देखते देश की सियासत गर्म होती चली गई कि जैन हवाला की डायरी का ये पन्ना है जिसमें लिखे अक्षर नेताओं के नाम हैं जिन्हें हवाला से पेमेंट हुई।

खुला पत्र : अखिलेश यादव जी, अवाम की नज़र में आपकी छवि एक कायर नेता की हो गई है

माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी के नाम खुला पत्र…..

समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र,

जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध…

सहारा की डायरी : नेताओं को अरबों रुपए रिश्वत देने वाले गलत तरीके से खुद कितने रुपए कमाते होंगे!

तोड़ना ही होगा सहारा व नेताओं का गठजोड़

कारपोरेट घरानों और नेताओं के गठजोड़ ने देश की राजनीति की ऐसी की तैसी कर दी है। कारपोरेट घरानों और नेताओं ने मिलकर व्यवस्था को ऐसे कब्जा रखा है कि आम आदमी सिर पटक-पटक कर रह जा रहा है। जनता के चंदे से चुनाव लड़ने वाले दल अब पूंजीपतियों के पैसों से चुनाव लड़ते हैं तथा चुनाव जीतकर उनके लिए ही काम करते हैं। जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने का खेल तो बहुत लंबे समय से चल रहा है पर सहारा की डायरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए पैसा लेने की लिस्ट में नाम आने से मामला गरमाया है।

मजीठिया मांगने के बाद हुआ है ट्रांसफर तो मीडियाकर्मी इस मेल पर सूचित करें

देश भर के मीडियाकर्मियों के लिए एक और अच्छी खबर आई है। जिन मीडिया कर्मियों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के तहत माननीय सुप्रीमकोर्ट में या देश के किसी भी कामगार न्यायालय अथवा कामगार आयुक्त कार्यालय में अपना क्लेम, मुकदमा या लिखित सूचना दिया है और लिखित सूचना देने, क्लेम लगाने या मुकदमा करने के बाद अखबार मालिकों ने उनका ट्रांसफर, टर्मिनेशन या सस्पेंशन किया है तो ऐसे सभी मीडियाकर्मी अपना नाम, पोस्ट, अखबार का नाम, अखबार की कंपनी का नॉम, क्लेम करने की तिथि या मुकदमा करने की तिथि, कहां से कहां ट्रांसफर किया गया और किस तारीख को ट्रांसफर या टर्मिनेशन या सस्पेंशन किया गया का पूरा विवरण जल्द से जल्द दें.

खबर छापी तो अंजाम बुरा होगा, भाजपा नेता ने दी पत्रकार को धमकी

मेरठ। नगर निगम का पार्षद एवं भाजपा कार्यकर्ता संजीव पुण्डीर ने डेयरियों पर खबर लिखने पर एक दैनिक अखबार के पत्रकार त्रिनाथ मिश्र को जान से मारने और भविष्य में खबर लिखने पर भुगत लेने की धमकी दी है। पत्रकार का कहना है कि अगर आस-पास के लोग उसे बचाने न आते तो वह अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मिलकर मार देता। गौरतलब है कि वार्ड-42 में डेयरियों की समस्या लेकर गोल मन्दिर-धनवन्तरि व्यापार संघ के व्यापारियों ने बैठक की और लामबंद होकर डीएम, नगरायुक्त और एडीएम सिाटी को ज्ञापन दिया था।

मथुरा के टीवी पत्रकार हरीश माहौर का निधन, परिजनों को शासन ने 20 लाख दिया

मथुरा। विगत २१ दिसम्बर को टीवी पत्रकार हरीश माहौर के आकस्मिक निधन पर शुक्रवार को जनपद भर के पत्रकारों ने शोक सभा आयोजित कर आत्मा की शांति एवं परिजनों को धैर्य बंधाने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। ब्रज प्रेस क्लब अध्यक्ष व उपजा प्रदेश उपाध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु एडवोकेट के नेतृत्व में पत्रकारों ने जिलाधिकारी नितिन बंसल से मिलकर मृतक पत्रकार के बच्चों व परिजनों को आर्थिक सहायता व आवास प्रदान किये जाने की मांग की।

केंद्र सरकार के आदेश के बाद आईपीएस अमिताभ ठाकुर को यूपी पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराया

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में सुरक्षा प्रदान किया गया है. मुलायम सिंह यादव द्वारा धमकी देने के बाद अमिताभ और उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर लगातार अपने लिए समुचित सुरक्षा की मांग कर रहे थे. उन्होंने इसके लिए कई बार उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों को पत्र लिख कर सुरक्षा की गुहार कर चुके थे लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा नहीं दिया जा रहा था.

वन अधिकारी के खिलाफ यह खबर लिखने पर ‘पर्वत जन’ पत्रिका से योगेश डिमरी की नौकरी गई

मैं विगत दस सालों से ‘पर्वत जन’ मासिक पत्रिका में पत्रकारिता और पत्रिका के प्रचार प्रसार का काम ब्यूरो गढवाल के पद पर रहते हुए करता आ रहा था. मैंने जुलाई माह में नरेंद्रनगर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डा. विनय कुमार भार्गव के खिलाफ एक खबर प्रकाशित होने के लिए पत्रिका में दी लेकिन पत्रिका के मालिक शिव प्रसाद सेमवाल ने खबर छापने की जगह पत्रिका में छप रहा मेरा नाम ही दिसंबर माह से हटा दिया. जो खबर प्रकाशन के लिए भेजा था, वह इस प्रकार है….

‘दबंग दुनिया’ को दबंगई से अलविदा कह गए संपादक विजय शुक्ला और सीईओ विजय गुप्ता

‘दबंग दुनिया’ नाम का अखबार निकालने वाला इंदौर का गुटका व्यापारी किशोर वाधवानी जाने कब किसे रखे, कब किसे निकाल दे, कब किस पर कौन सा प्रेशर बना दे, कुछ नहीं कहा जा सकता. ताजा मामला है दबंग दुनिया के संपादक विजय शुक्ला और उनके मार्केटिंग साथी सीईओ विजय गुप्ता का. इन दोनों पर दबंग दुनिया के आफिस में बैठकर दबंग दुनिया को तबाह करने का जो षड़यंत्र रचने का आरोप लगा किशोर वाधवानी ने निकाल बाहर कर दिया.

इन 19 लोगों में से कोई एक चुना जाएगा लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ (देखें लिस्ट)

लोकसभा टीवी को नए सीईओ और एडिटर इन चीफ की तलाश है. इसके लिए पिछले दिनों आवेदन मांगा गया था. उस आवेदन से कुल 19 लोगों के नाम इंटरव्यू के लिए छांटे गए हैं क्योंकि इनकी दावेदारी आवेदन के शर्तों के हिसाब से सही है. देखना है कि इन 19 में से सबसे ज्यादा बीस कौन पड़ता है. भाजपा की केंद्र में सरकार आने के बाद लोकसभा टीवी का एडिटर-इन-चीफ और सीईओ सीमा गुप्ता को बनाया गया.

गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर सुधीर चौधरी और उनकी रिपोर्टिंग टीम के खिलाफ मुकदमा

पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ में सांप्रदायिक हिंसा की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी, रिपोर्टर पूजा मेहता और कैमरामैन तन्मय मुखर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया है. मुकदमा 153(A) जैसी गैर जमानती धाराओं में लिखा गया है. सुधीर चौधरी ने एफबी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है- ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीडिया के दमन की कोशिश कर रही है, वो लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं. आगे से कोई भी मीडिया हाउस दंगों की कवरेज करने से बचेगा. ये पत्रकारिता पर अंकुश लगाने की साजिश है.”

ABVP की रैली में बंधक बना बीमार शिशु, कई किमी तक बुआ पैदल दौड़ीं तब बची जान (देखें तस्वीरें)

 

(साफ-साफ पढ़ने के लिए उपरोक्त न्यूज कटिंग पर क्लिक कर दें)

जनता जिये या मरे, नेता को फर्क नहीं पड़ता। वो सिर्फ खेद प्रकट करता है और अपने अगले काम में लग जाता है। सलमान खान की एक फ़िल्म आई थी “जय हो”। उसमें एक सीन में दर्शाया गया था कि कैसे नेता या उनके परिवारीजन अपनी सहूलियत के लिए जनता को तकलीफ देते हैं। वो सीन भले फ़िल्म का था लेकिन उसमें दर्शायी हकीकत आजकल के नेताओं और उनके दलों पर पूर्णतया सटीक बैठती है। अपनी ताकत दिखाने नेता / दल / पार्टियां अक्सर आम जनता को कष्ट देती हैं। यहां तक की उनकी जान भी ले लेती हैं।

न्यूज नेशन में बड़ा उलटफेर, यूपी चैनल के सीईओ और दो ब्यूरो चीफ कार्यमुक्त

नेशनल चैनल न्यूज नेशन के यूपी चैनल ‘न्यूज स्टेट’ के सीईओ पद से रंजीत कुमार कार्यमुक्त हो गए हैं. सूचना है कि उनके साथ यूपी के ब्यूरो चीफ उन्मुक्त मिश्रा और उत्तराखंड के राबिन सिंह भी हटा दिए गए हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि इन लोगों ने त्यागपत्र दिया है पर चर्चा है कि प्रबंधन को इनकी कारगुजारियों को लेकर कई तरह की सूचनाएं मिल रही थी, जिसके बाद प्रबंधन ने नाराजगी दिखाई तो इन लोगों ने एक-एक कर इस्तीफा दे दिया.

‘प्रातःकाल’ अखबार कर्मचारियों का नाम छिपा रहा है

मुम्बई से प्रकाशित गोयल फैमिली के अखबार प्रातःकाल में बड़े गड़बड़झाले की खबर सामने आ रही है। चर्चा है कि प्रातःकाल अखबार के सर्वेसर्वा गोयल फैमिली के चाचा- भतीजे ने अपने यहाँ कार्यरत मीडियाकर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ ना देना पड़े, इसके लिए दर्जनों मीडियाकर्मियों का नाम झटके से अपने रजिस्टर से बाहर कर दिया है। जब लेबर विभाग की ओर से दबाव पड़ा तो इन्होंने जो नाम दिया उसमे वर्किंग जर्नलिस्ट कैटेगरी में सिर्फ दो नाम हैं- पहला नाम था सुरेश गोयल जो कि मुख्य संपादक हैं और दूसरा महीप गोयल जो स्थानीय संपादक हैं।

हरियाणा में अमर उजाला ने मारा सर्वेयरों का वेतन!

नमस्कार सर

मैं अपना नाम पहचान छिपा कर यह पत्र लिख रहा हूं. मैं रोहतक हरियाणा का रहने वाला हूं. मैंने कई महीनों से अमर उजाला रोहतक का सर्वे ज्वाइन कर रखा था लेकिन पिछले तीन महीनों से सर्वे बंद है. वजह है कि अमर उजाला ने आखिरी दो महीनों का हमारा आधा आधा वेतन नहीं दिया. दरअसल अमर उजाला में सर्वेयर की सैलरी 7500 है, बिना किसी छुट्टी के. लेकिन अचानक से सितंबर महीने में हमारी सैलरी ये कहकर पूरी नहीं दी गई कि बाद में देंगे.

राहुल गांधी की ‘पप्पू’ छवि बनाने वाली भाषण कला के माहिर खिलाड़ी हैं मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कभी मजाकिया लहजे में तो कभी आक्रामक अंदाज में राहुल गांधी को हमेशा निशाने पर रखते हैं। दरअसल, राहुल गांधी के मामले में अपने भाषणों में मोदी इन दिनों बहुत आक्रामक दिख रहे हैं। मतलब साफ है कि माफ करना उनकी फितरत में नहीं है। और बात जब कांग्रेस और राहुल गांधी की हो, तो वे कुछ ज्यादा ही सख्त हो जाते हैं।

ईटीवी ने यूपी के ग्रामीण अंचलों में रखे गए अपने इनफारमरों को हटाने का आदेश दिया

लखनऊ में ईटीवी से यूपी के हेड बृजेश मिश्र के इस्तीफा देने और नया चैनेल लांच के बाद अब ईटीवी से ग्रामीण अंचलों में विधानसभा स्तर पर रखे गए इनफारमरों को हटाने की तैयारी की जा रही है। पता चला है कि ईटीवी प्रबंधन ने 30 दिसम्बर से अपने सभी इनफारर्मरों को हटाने का आदेश दे दिया है। इसके लिए जिले में ईटीवी के प्रतिनिधियों ने अपने इनफारमरों को सूचना भी दे दिया है।

सहारा प्रमाण, यहां आगे बढ़ने का एकमात्र फार्मूला चरणवंदना और वरिष्ठों को अय्याशी कराना है!

सहारा के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच बैठाएं प्रधानमंत्री : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता तथा सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते सहारा समूह से रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष भले ही इसे राजनीतिक स्तर पर देख रहा हो पर मेरा मानना है कि हम लोग इस मामले को इस तरह से देखें कि एक संस्था की वजह से हमारे देश के प्रधानमंत्री का नाम बदनाम हो रहा है।

मजीठिया मांगने पर अखबार ने अपने कर्मचारी को भेजा ऐसी जगह जहां दफ्तर ही नहीं

झारखंड के दो अखबारों के प्रबंधन से श्रम अधीक्षक ने मांगा स्टैंडिंग आर्डर : अपने कर्मचारियों का पोस्ट बदलकर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से बचने का जुगाड़ लगाने में लगे हिन्दुस्तान अखबार के मालिकान अब उन लोगों पर गाज गिराने की जुगत में लग गये हैं जिन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को सिर आखों पर रखकर अखबार प्रबंधन के खिलाफ श्रम विभाग में शिकायत कर रखा है कि अखबार प्रबंधन उन्हें जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ नहीं दे रहा है। झारखंड के हिन्दुस्तान अखबार और प्रभात खबर को दिन में तारे दिखाते हुये श्रम अधीक्षक ने उन्हे स्टैंडिग आर्डर की कापी देने को कहा है ताकि देखा जा सके कि स्टैंडिंग आर्डर अखबार ने प्रमाणित कराया है विभाग से या यहां भी जुगाड़ से मॉडल स्टैंडिंग आर्डर से काम चलाया जा रहा है।

‘दंगल’ बनाम ‘नोटबंदी’ : मूर्ख भक्तों को कोई कैसै समझाए….

सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की जमात ज्यादा है, जिन्हें मुद्दों की समझ कम है… या तो वे आंखों पर पट्टी बांधकर भक्तगिरी में लिप्त हैं और इसी तरह की पोस्टों को कॉपी कर-करके माथा पकाते हैं… जिस विषय से संबंधित बात है उस पर तर्क देने की बजाय बे सिर-पैर की पोस्ट डाली जाती है। अभी आमिर खान की फिल्म दंगल को लेकर ही ऐसी ही घासलेटी और बकवास पोस्ट पढऩे को मिल रही है। शाहरुख खान के साथ आमिर खान का भी विरोध असहिष्णुता के मामले में किया गया और धमकी भी दी गई कि उनकी फिल्मों को प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। शाहरुख खान की कमजोर फिल्म दिलवाने ने भी ठीकठाक बिजनेस किया और भक्तों ने इसे भी फ्लॉप बता दिया। अभी आमिर खान की फिल्म दंगल रिलीज होने से पहले कई प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया पर ही सबक सिखाने की बात कही, लेकिन सिनेमाघरों के सामने उनका छाती-माथा कूटन नजर नहीं आया।

भड़ास संपादक यशवंत के बड़े पिता जी श्रीकृष्ण सिंह का निधन

भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह के बड़े पिताजी श्रीकृष्ण सिंह का कल उनके जिले गाजीपुर स्थित पैतृक गांव में देहांत हो गया. उनकी उम्र 85 साल से ज्यादा थी. उन्हें कोई रोग / शोक नहीं था. उनका निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ. वे अपने पीछे चार बेटे, बहुओं और नाती-पोतों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. यशवंत कई रोज से अपने गांव में ही थे. सो, उन्होंने बड़े पिता जी के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में शिरकत किया. यशवंत ने फेसबुक पर अपने बड़े पिताजी को लेकर एक संस्मरणात्मक राइटअप लिखा है, जिसे नीचे दिया जा रहा है….

टर्मिनेट किए जाने के बाद IIMC के शिक्षक नरेंद्र सिंह राव ने डीजी केजी सुरेश को लिखा खुला पत्र

My Open Letter to the Director General, IIMC

To

Mr KG Suresh
The Director General
Indian Institute of Mass Communication
JNU New Campus, New Delhi-67

Dated: December 25, 2016

Dear Mr. KG Suresh,

सीएम से सवाल पूछने वाले रिपोर्टर को बर्खास्त करने प्रकरण पर एडिटर्स गिल्ड चुप क्यों?

सुभाष चंद्रा साहिब एक बहुत बड़े चैनल के मालिक हैं। राज्य सभा के सदस्य भी हैं। इंक गेट के कारण चर्चा में रहे। उनकी कंपनी ने सरकार से कोई ठेका भी ले रखा है। अब हिसार में उनके चैनल के रिपोर्टर महेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मामूली सा सवाल क्या पूछ लिया कि मनोहर गुस्से से लाल हो गए। सवाल था कि आपने कहा कि नोटों के लिए लाइन में लगे लोग धंधेबाज हैं। एक सवाल यह था कि आप सतलुज युमना नहर के लिए राष्ट्रपति से तो मिलते हो, प्रधानमंत्री से क्यों नहीं. सवाल जायज था। राष्ट्रपति तो ऑर्नामेंटल हेड हैं। प्रधानमंत्री से मिलें और वे कोई वायदा करें तो पंजाब  चुनाव में नुकसान। वायदा न करें तो तो खट्टर की किरकिरी. इसलिए सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे। राष्ट्रपति से मिलकर खानापूरी कर लो।

प्रकाश के रे बने प्रभात खबर दिल्ली के ब्यूरो चीफ

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे ने प्रभात खबर अखबार के दिल्ली ब्यूरो के प्रभारी के रूप जिम्मेदारी संभाल ली है. ब्यूरो के समाचार संपादक रंजन राजन को पिछले महीने पटना संस्करण का संपादक बनाया गया है. उसके बाद से यह पद खाली था. प्रकाश के रे 2014 में अखबार के दिल्ली ब्यूरो से जुड़े थे. अपने करियर में वे दूरदर्शन, यूएनआई और इंडिया टीवी में काम कर चुके हैं.

सीएम खट्टर से जनहित का सवाल पूछने वाले रिपोर्टर को जी न्यूज ने नौकरी से निकाला (देखें वीडियो)

हरियाणा के महेंद्र सिंह नामक जी न्यूज के रिपोर्टर की इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है और सब लोग इनकी सराहना कर रहे हैं. साथ ही जी न्यूज की तलवाचाट पत्रकारिता पर छी छी भी कर रहे हैं. दरअसल जी न्यूज के रिपोर्टर महेंद्र ने भाजपाई सीएम खट्टर से जनहित से जुड़े कुछ सवाल पूछ लिए तो खट्टर भन्ना गए और जी न्यूज के मालिक से शिकायत कर दी. इसके बाद जी न्यूज प्रबंधन ने महेंद्र को नौकरी से निकाल दिया.

कैंसर पीड़ित देवघर के वरिष्ठ पत्रकार आलोक संतोषी को मदद की जरूरत

झारखण्ड के देवघर जिला के एक वरिष्ठ पत्रकार आलोक संतोषी गंभीर रूप से बीमार हैं। कैंसर से पीड़ित हैं। साल भर पहले पैंक्रियाज कैंसर की सर्जरी हुई थी। उसके बाद रिकवर कर रहे थे। फिर यकायक बीमार ही गए। लखनऊ के पीजीआई में साल भर से ईलाज करा रहे आलोक संतोषी अब टूटने लगे हैं, हारने लगे है। अपनी उदासी और बेबसी को उन्होंने अपने फेसबुक के माध्यम से उकेरा है। साथ ही इस बुरे दौर में पत्रकारों के साथ नहीं देने का दुःख भी प्रकट किया है।

मोदी भी क्या सुब्रत राय के चंगुल में फंसे थे?

सहारा के चंगुल से कौन बड़ा राजनेता बचा है? कैश ही सहारा की सबसे बड़ी ताकत… मोदी भी क्या सुब्रत राय सहारा के चंगुल में फंसे थे? ये सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि देश भर के जब सारे चिटफंडियों जैसे रोजवैली की संपत्ति कुर्क की जा रही है, चिटफंड कंपनी के निदेशकों को जेल की सलाखों के पीछे डाला जा रहा है, निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी चिटफंडियों को जमानत तक नहीं दे रहा है तो सहाराश्री आखिर किस तरह रियायत पाते जा रहे हैं.

दैनिक जागरण प्रबंधन के इशारे पर क्लेमकर्ता को सहायक कामगार आयुक्त ने भगाया

कानपुर से खबर आ रही है कि यहाँ श्रम विभाग मीडियाकर्मियों के लिए नहीं बल्कि दैनिक जागरण प्रबंधन के लिए काम कर रहा है। हद तो तब हो गयी जब एक क्लेमकर्ता को मनबढ़ सहायक कामगार आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने काफी भला-बुरा कहा और सुनवाई के दौरान भगा दिया। कानपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 17(1) का वाद दाखिल करने वाले दैनिक जागरण कानपुर के ले आउट डिजाईंनर राजेंद्र वर्मा को जिला श्रम आयुक्त कार्यालय कानपुर में तैनात सहायक श्रम आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने जमकर गाली दी और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी भी दी। यह वाकया 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान हुआ।

फैजाबाद में दैनिक जागरण के चार पत्रकारों को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश

नोटबंदी के फैसले के बाद हो रही कैश की समस्या के चलते पत्रकारों को जिंदा जलाने की घटना सामने आई है। उत्तरप्रदेश के फैजाबाद में एक पेट्रोल पंप के कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने चार पत्रकारों को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की। ये चारों वहां के एक हिंदी अखबार दैनिक जागरण में काम करते हैं। पत्रकार पेट्रोल पंप पर झगड़ा होने के बाद पास ही में अपने दफ्तर में जाकर छिप गए थे। लेकिन पेट्रोल पंप का स्टाफ वहां भी पहुंच गया और ऑफिस के अंदर घुसकर पत्रकारों और बाकी स्टाफ से साथ भी मारपीट की। बाद में किसी ने पुलिस को सूचना दी। उसके बाद जाकर मामला शांत हुआ।

मोदी ने भाजपा जैसे दल में जो करिश्मा किया है, वह असाधारण है

मैं ही, मैं हूं दूसरा कोई नहीं! : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर अनेक राजनीतिक टिप्पणीकारों को इंदिरा गांधी की याद आने लगी है। कारण यह है कि भाजपा जैसे दल में भी उन्होंने जो करिश्मा किया है, वह असाधारण है। कांग्रेस में रहते हुए इंदिरा गांधी या सोनिया गांधी हो जाना सरल है। किंतु भाजपा में यह होना कठिन है, कठिन रहा है, मोदी ने इसे संभव किया है। संगठन और सत्ता की जो बारीक लकीरें दल में कभी थीं, उसे भी उन्होंने पाट दिया है। अटल जी के समय में भी लालकृष्ण आडवानी नंबर दो थे और कई मामलों में प्रधानमंत्री से ज्यादा ताकतवर पर आज एक से दस तक शायद प्रधानमंत्री ही हैं। खुद को एक ताकतवर नेता साबित करने का कोई मौका नरेंद्र मोदी नहीं चूकते। अरसे से कारपोरेट और अपने धन्नासेठ मित्रों के प्रति उदार होने का तमगा भी उन्होंने नोटबंदी कर एक झटके में साफ कर दिया है। वे अचानक गरीब समर्थक होकर उभरे हैं। यह अलग बात है कि उनके भ्रष्ट बैंकिग तंत्र ने उनके इस महत्वाकांक्षी कदम की हवा निकाल दी। बाकी रही-सही कसर आयकर विभाग के बाबू निकाल ही देगें।

अटल जयंती पर विशेष : कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है…

”भारतीय जहां जाता है, वहां लक्ष्मी की साधना में लग जाता है. मगर इस देश में उगते ही ऐसा लगता है कि उसकी प्रतिभा कुंठित हो जाती है. भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है. हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं. दिल्ली इसका दिल है. विन्ध्याचल कटि है, नर्मदा करधनी है. पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघाएं हैं. कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है. पावस के काले-काले मेघ इसके कुंतल केश हैं. चांद और सूरज इसकी आरती उतारते हैं, मलयानिल चंवर घुलता है. यह वन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है. यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है. इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है. हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए.”

इंदौर की लग्जरी होटलों में भाजपा की कैशलेस सादगी…

मितरों / नोटबंदी का इतना भयानक असर शायद ही देश के किसी शहर पर पड़ा हो… मगर मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में इसका असर यह देखा गया कि लाखों रुपए के किराए वाले लग्जरी होटल, मैरिज गार्डन और बैंक्वेट हॉल अत्यंत सस्ते हो गए। इंदौर के बायपास पर नवधनाढ्यों के तमाम आयोजन इन लग्जरी होटल-रिसोर्ट में होते रहे हैं, मगर मोदी जी ने नोटबंदी के ऐतिहासिक कदम से इन लग्जरी होटलों को समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों के लिए भी सुलभ करा दिया है। मोदी जी ने सही कहा कि उन्होंने गरीबों को अमीर बना दिया है और 50 तथा 100 रुपए के मामूली नोट की कीमत भी बढ़ा दी। मुझे पता नहीं इस बात का असर देश पर कितना पड़ा, मगर अपने शहर इंदौर में इसका साक्षात उदाहरण अभी देखने को मिला।

ये तीन नौजवान मौतें! आखिर क्यों दिल साथ छोड़ रहा युवाओं का!!

कुछ तो बात है, बता तो सही : पिछले एक महीने में तीन ऐसे जानकार लोगों की असामयिक मृत्यु की खबर सुन चुका हूं जिन्होंने अपने जीवन की युवावस्था भी पूरी तरह नहीं जी थी। जो अभी बस परिवार की जिम्मेदारियॉं उठाने लायक बनने की प्रक्रिया में ही थे। जिनका परिवार अभी-अभी शुरू ही हुआ था। जिनके मां-पिता अपनी जिम्मेदारी निभाकर वृद्धावस्था में बेटे का राज भोगना चाहते थे। लेकिन काल के क्रूर हाथों ने किसी के अरमान पूरे नहीं होने दिये। तीनों मृतकों में इन बातों के साथ एक बात और समान थी और वो था मृत्यु का कारण। तीनों जवान मौंते अचानक से हदृय गति रूक जाने के कारण हुईं।

चचा को अतीक और मुख्तार जैसे दंबग ही पसंद आते हैं!

अजय कुमार, लखनऊ

मकड़जाल जैसी यूपी की सियासत : उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। सबके अपनी-अपनी जीत के दावे हैं। दावों को मजबूती प्रदान करने के लिये तमाम तरह के तर्क भी दिये जा रहे हैं। इन तर्को के पीछे मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने का ‘खाका’ छिपा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप को चुनावी सीढ़ी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। आज स्थिति यह है कि सभी दलों के नेताओं के पास विरोधियों के लिये तो कहने को बहुत कुछ है,लेकिन अपने बारे में बोलते समय कहीं न कहीं इनकी जुबान अटक जाती है। कोई भी दल ऐसा नहीं है जिसे पाक-साफ करार दिया जा सकता हो।

भास्कर ने केंद्र सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए खुद को सबसे ज्यादा सर्कुलेशन वाला अखबार बताया

भास्कर समूह ने एक खबर का प्रकाशन किया है, केंद्र सरकार के एक आंकड़े का हवाला देते हुए. इसके जरिए कहा गया है कि दैनिक भास्कर देश का सबसे ज्यादा प्रसारित अखबार है. पढ़िए भास्कर में छपी पूरी रिपोर्ट….

तो अब प्रियंका गांधी के सहारे राहुल मजबूत होंगे?

कांग्रेस अब बदलाव की तैयारी में है। अपने 131वें स्थापना दिवस से पहले कांग्रेस प्रियंका गांदी को पार्टी में पद पर लाकर राहुल गांधी को मजबूत करने की कोशिश कर सकती है। इससे पार्टी से युवा तो जुडेंगे ही, महिलाएं भी मजबूती से जुड़ेगी। जो, कि बीते दस साल में पार्टी से दूर होते गए हैं। मगर, ऐसा नहीं हुआ, तो फिर कांग्रेस की दशा और दिशा किधर जा रही होगी, यह सबसे बड़ा सवाल है। मतलब साफ है कि नियुक्ति करे तो भी और नहीं करे तो भी, कांग्रेस फिलहाल सवालों के घेरे में है। वैसे, राजनीति अपने आप में एक सवाल के अलावा और है ही क्या?

मोदी के मंत्री का आरोप- 3000 करोड़ का मआवजा अखिलेश और उनके बाप मुलायम खा गए (देखें वीडियो)

मोदी सरकार के जल संसाधन राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने यूपी में सत्ता परिवर्तन की बजाय व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर आग बबूला आरोप लगाए है। कहा है कि लखनऊ से जिला बिकते हैं और ओलावृष्टि का मुआवजे का केंद्र का भेजा 3000 करोड़ रुपया अखिलेश और उनके बाप मुलायम खा गए है। हाथरस जिले के क़स्बा सादाबाद में पार्टी के पिछड़ावर्ग सम्मेलन में सिरकत करने आये केंद्रीय राज्य मंत्री श्री बाल्यान ने अखिलेश सरकार के कामकाज पर सबाल खड़ा करते हुए कहा है कि लखनऊ से दो- दो करोड़ में जिला बिकते है फिर यहां आकर एसपी दस- दस लाख बीस -बीस लाख में थाने बेचते है। सूबे में ऐसी सरकार होगी तो कैसे काम चलेगा।

बढ़ी है पत्रकारिता की लोकप्रियता : अच्युतानंद मिश्र

दिल्ली। पत्रकारिता में पूंजी और तकनीक के प्रयोग से उसकी लोकप्रियता बढ़ी है। इसके साथ ही पत्रकारिता में विश्वसनीयता की कमी भी आई है, जो चिंता का विषय है। यह बात वरिष्ठ पत्रकार और माखनलाल चतुवर्दी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अच्युतानंद मिश्र ने कही। श्री मिश्र विश्वविद्यालय की ओर से 17 दिसंबर को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन में बोल रहे थे।

अखबार के प्रबंध संपादक को हथकड़ी लगाना पुलिस वालों को पड़ा महंगा

मुंबई उच्च न्यायालय ने नुकसान भरपाई के लिए चार लाख रुपये मुआवजा देने और पुलिस वालों पर कारवाई का आदेश दिया : मुंबई उच्च न्यायायल ने गुरुवार को एक कड़ा कदम उठाते हुये एक अखबार के प्रबंध संपादक को हथकड़ी लगाने पर ना सिर्फ पुलिस वालों को जमकर फटकार लगायी बल्की चार लाख रुपये का नुकसान भरपाई और २५ हजार रुपये याचिका खर्च के रुप में याचिकाकर्ता को देने और पुलिस वालों पर कार्रवाई का आदेश दिया है।

सहारा पर मोदी की चुप्पी देशद्रोह! भड़ास के सवालों पर भी मौन है मोदी सरकार

राहुल गांधी ने सहारा पर मोदी से अपने सवालों का सीधा जवाब मांगा. भड़ास ने तो सबसे पहले यह सवाल उठाया था कि आखिर क्यों जब सारे चिटफंडिये जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं तो सहारा और एक-दो चिटफंडियों पर रियायत क्यों? गरीबों के मसीहा बने मोदी सरकार क्यों इस मामले में दरियादिली दिखा रहे हैं. जबकि सहारा मीडिया कर्मचारी भी अपनी सैलरी के लिए सहाराश्री की पोल खोलते हुए सत्ता के तमाम दरवाजों को खटखटा चुके हैं.

ये है सुप्रीम कोर्ट का स्टे आर्डर…. हर मीडियाकर्मी को इसे पढ़ना चाहिए

ऐसा पहली बार हुआ है जब मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे किसी पत्रकार का तबादला किये जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया हो और उसके तबादले पर रोक लगा दी हो. सुप्रीम कोर्ट का यह कदम उन बहुत से मीडियाकर्मियों के हित में है जो मजीठिया वेज बोर्ड का हक पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और इसके बदले में प्रबंधन द्वारा तरह तरह से उत्पीड़ित किए जा रहे हैं. इस स्टे आर्डर का हवाला देकर अदालत में मीडियाकर्मी अपने उत्पीड़न के खिलाफ वाद दायर कर सकते हैं. देखें स्टे आर्डर की कापी…

सुप्रीम कोर्ट ने प्रभात खबर के आरा ब्यूरो चीफ के तबादले पर लगायी रोक

देश भर के मीडियाकर्मियों में खुशी की लहर :  जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले की लड़ाई लड़ रहे देश भर के मीडियाकर्मियों के पक्ष में माननीय सुप्रीमकोर्ट ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रबंधन के खिलाफ जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ रहे प्रभात खबर के रांची (झारखंड) के के ब्यूरो …

मोदी भक्त दैनिक जागरण को इस पेड न्यूज के लिए भाजपाइयों ने कितने दिए?

शर्मनाक हिंदी मीडिया… तभी लोग हिंदी मीडिया पर नहीं करते गर्व : देश के बड़े चिंतक जब हिंदी मीडिया पर कटाक्ष करते हैं तब इससे जुड़े लोगों को दर्द होता है मगर इसके लिए कोई और नहीं खुद हिंदी मीडिया ही जिम्मेदार है। न अपना कोई स्टैंड क्लियर कर पाता है और न ही खुद को निष्पक्ष साबित कर पाता है। घटना बुधवार की है। एआईसीसी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात की एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उसके समर्थन में सबूत भी प्रस्तुत किये।

एफबी पर ठगी : डाक्टर का दिल बिदेसिन पर आया, उसने डेढ़ लाख का चूना लगाया

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शहर के एक डॉक्टर को फेसबुक पर विदेशी महिला से चैटिंग करना महंगा पड़ गया। पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट, फिर दोस्ती, फिर चैटिंग। इसके बाद करीबियां देखते ही देखते विश्वास में बदल गई। बाद में इसका अंत यूं हुआ कि बुरी तरह फंसे डॉक्टर साहब को डेढ़ लाख रुपये का चूना लग गया। डाक्टर को चैटिंग से महिला पर इतना विश्वास हो गया कि उसके अकाउंट में भारी भरकम रकम जमा कर दी।

मजीठिया के लिए रिकवरी लगाने वाले साथी लापरवाही बरत अपना ही कर रहे नुकसान

नोएडा डीएलसी के यहां रिकवरी लगाने वाले बहुत से साथी लापरवाही बरत कर अपना ही नुकसान कर रहे हैं। इनमें से कई साथियों को बार-बार सूचित किए जाने पर भी वे अपनी डेट पर नहीं पहुंचते और जिससे उनकी लगातार अनुपस्थिति दर्ज हो रही है और प्रबंधन की उपस्थिति। यदि वे इसी तरह अनुपस्थिति रहे तो नुकसान उनका ही होगा। इनमें से कई कर्मियों की रिकवरी का रिज्वाइंडर दो डेट पहले ही प्रबंधन ने दाखिल कर दिया है और वह डीएलसी में उनकी ही फाइल में लगा हुआ है। कम से कम वे उसे लेकर उसका जवाब तो दे दें। जिससे कार्रवाई आगे चल सके।

कई ऐसे मीडिया मालिक हैं जिनके पास कालाधन है लेकिन उन पर छापा नहीं पड़ा

नई दिल्ली, दिसंबर 22, 2016 : ‘‘मीडिया का काम है कि वह समस्याओं को सामने लाए लेकिन वह पूर्वाग्रह से ग्रस्त न हो।’’ यह बात नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली पत्रकार संघ द्वारा बुधवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं आऊटलुक हिंदी के संपादक आलोक मेहता ने कही। संगोष्ठी का विषय था ‘नोटबंदी का सच और मीडिया की भूमिका।’

ठंढ के मौसम में ‘आजतक’ सबसे तेज, ‘डीडी न्यूज’ को कंपकंपी छूटी

इस साल के 50वें हफ्ते की टीआरपी में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं है. केवल ‘आजतक’ पर निगाह जा टिकती है जो सबसे ज्यादा टीआरपी हासिल करने में सफल हुआ, पूरे 1.1 पाकर उल्लेख के लायक बन सका है. बाकी किसी चैनल ने एक प्वाइंट क्या आधा प्वाइंट तक की बढ़त हासिल कर पाने में सफल नहीं हो सके हैं. नुकसान की बात करे तो सबसे ज्यादा जी न्यूज गिरा है.

जगत शर्मा के ‘बाप की अदालत’ में ‘बहुते जुमला पार्टी’ के अध्‍यक्ष तड़ीपार भाई शाह ने जब से बताया है…

Anil Singh : बाप की अदालत में तड़ीपार भाई शाह…भेष बदल रहा है… जगत शर्मा के ‘बाप की अदालत’ में ‘बहुते जुमला पार्टी’ के अध्‍यक्ष तड़ीपार भाई शाह ने जब से बताया है कि विमुद्रीकरण से देश की हालत बदल जाएगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा, देश तरक्‍की की राह पर निकल पड़ेगा, आसामान में हर तीसरा उपग्रह अपना होगा, हर गांव में बिजली-पानी पहुंच जाएगा, तब से हमारी कल्‍पनाओं की उड़ान को ऐसे पर लग गए हैं कि अब वह जमीन पर उतरने को तैयार ही नहीं है. ढेला मार रहा हूं तब भी नहीं उतर रहा है.

उमेश चतुर्वेदी और रविशंकर को हनुमान प्रसाद पोद्दार सम्मान

नई दिल्ली। मीडिया और सोशल मीडिया के मोर्चे पर सक्रिय विचारशील संस्था नया मीडिया मंच  द्वारा गीता प्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार के नाम पर वर्ष 2016 का नया मीडिया सम्मान देने का ऐलान किया है। मंच ने इस सम्मान के लिए वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार उमेश चतुर्वेदी और राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक और लेखक रविशंकर का चयन किया है। दोनों हस्तियों को यह सम्मान दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में 24 नवंबर की शाम साढ़े पांच बजे एक समारोह में दिया जाएगा। इस समारोह की अध्य़क्षता भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक आलोक कुमार करेंगे, जबकि कॉर्यक्रम के मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति बी के कुठियाला होंगे।  कॉर्यक्रम के विमर्श का प्रसारण सहयोगी संस्था डायलॉग इंडिया व् ओपन कोर्ट द्वारा किया जाएगा।

अजयमेरु प्रेस क्लब के फिर अध्यक्ष बने डा. रमेश अग्रवाल

अजमेर। शहर के पत्रकार, अर्द्ध पत्रकार और गैर पत्रकारों की खिचड़ी बने अजयमेरु प्रेस क्लब के फिर से अध्यक्ष डा. रमेश अग्रवाल बन गए हैं। वैसे तो चुनाव 25 दिसम्बर को होने हैं लेकिन इससे पहले 21 दिसम्बर को पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल ने फिर से अध्यक्ष बनने की रजामंदी दे दी और एक रोचक चुनाव को टलवा दिया। अजमेर में तीन बड़े अखबार हैं। दैनिक भास्कर, पत्रिका और दैनिक नवज्योति। पत्रिका और नवज्योति इस प्रेस क्लब से दूर हैं। ऐसे में क्लब केवल भास्कर और अन्य छोटे अखबारों-चैनलों का क्लब है जिसमें आमंत्रित सदस्यों के रूप में शहरभर की भीड़ भी दखल रखती है।

सहारा समूह ने छह महीने में नौ बार दिए नरेंद्र मोदी को करोड़ों रुपये : राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार बम फोड़ ही दिया. उन्होंने आज मेहसाणा (गुजरात) में आयोजित एक रैली में कहा कि सहारा समूह पर पड़े छापे के बाद छह महीने में सहारा समूह के लोगों ने नरेंद्र मोदी को नौ बार करोड़ों रुपए दिए. मोदी को सहारा के बाद बिड़ला ग्रुप के लोगों ने भी पैसे दिए. इसकी पूरी जानकारी तारीख-दर-तारीख और विस्तार से मौजूद है.

सुला वाइन की तरफ से IWPC में नए साल की पार्टी, महिला पत्रकारों ने की जमकर डांस-मस्ती (देखें तस्वीरें)

इंडियन वीमेन्स प्रेस कॉर्प्स (India Women Press Corps)  की ओर से नए साल की पार्टी दी गई। यह पार्टी सुला वाइन (Sula Wine) की ओर से दी गई, जिसमें बहुत सी महिला पत्रकारों ने हिस्सा लिया और पार्टी में सुला वाइन के लुत्फ के साथ ही जमकर डांस और मस्ती की। इस पार्टी में महिला पत्रकारों के लिए गिफ्ट हैम्पर भी रख गए थे, साथ ही लेमन ट्री होटल में टू नाइट स्‍टे भी दिया गया।

‘आप’ बन सकती है मप्र में नकारा कांग्रेस का विकल्प!

लोकतंत्र में सशक्त विपक्ष का होना अत्यंत जरूरी है। इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा ने विपक्ष की भूमिका दमदार तरीके से निभाई। इसी कारण सत्ता में आने के बाद भी वह कई मर्तबा विपक्ष की भूमिका अदा करती नजर आती है। एक लम्बे समय तक यह धारणा भी रही कि कांग्रेस सरकार चलाने वाली पार्टी और भाजपा विपक्ष की पार्टी है। यही कारण है कि भाजपा का अदना-सा नेता और कार्यकर्ता भी भाषणवीर होता है और कांग्रेस कभी भी दमदारी से विपक्ष की भूमिका अदा नहीं कर सकी। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस की बुरी दुर्गति हुई और उसके बाद अधिकांश राज्यों के चुनावों में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।

अभिजीत मिश्रा ने नभाटा छोड़ जागरण ज्वाइन किया, बनेंगे लखनऊ के संपादक, ऐश्वर्य पहुंचे नभाटा

एक बड़ी खबर दैनिक जागरण लखनऊ से आ रही है. नवभारत टाइम्स दिल्ली में वरिष्ठ पद पर कार्यरत अभिजीत मिश्रा ने दैनिक जागरण ज्वाइन कर लिया है. उन्हें दैनिक जागरण लखनऊ का संपादक बनाए जाने की चर्चा है. अभिजीत मिश्रा इससे पहले अमर उजाला, दैनिक भास्कर समेत कई अखबारों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक जागरण लखनऊ के संपादक दिलीप अवस्थी रिटायर होने वाले हैं. उनकी जगह अभिजीत मिश्रा को स्थानीय संपादक बनाया जाएगा. स्टेट हेड का पद आशुतोष शुक्ल को दिए जाने की चर्चा है.

ग्राफिक एरा पर्वतीय विवि के चेयरमैन ने टीचर की जमकर पिटाई करवाई

गुन्डा चेयरमैन तो क्या करें टीचर : देहरादून से खबर है कि ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में चेयरमैन कमल घनशाला ने कम्यूटर साइंस विभाग के एक टीचर दिलीप गंगवार की जमकर पिटाई करवाई. इससे विश्वविद्यालय के टीचरों में दहशत फैल गयी. हुआ यह कि कम्यूटर साइंस का 20 दिसम्बर को सायं 4.30 बजे प्रैक्टिकल एक्जाम चल रहा था. विभाग के लेडीज और जेन्ट्स टीचर एक्जाम में व्यस्त थे. वीसी अवकाश पर थे. इसी बीच चेयरमैन घनशाला अपने सुरक्षा गार्डों के साथ कैम्पस दौरे पर पहुंचे.

पढ़े-लिखे और शहरी नौजवानों में आधे से ज्यादा भारत में नहीं रहना चाहते!

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में छपे एक सर्वेक्षण ने आज मुझे जरा चौंका दिया। इसके अनुसार देश के पढ़े-लिखे और शहरी नौजवानों में आधे से भी ज्यादा भारत में नहीं रहना चाहते। वे भारत को अपनी अटल मातृभूमि नहीं मानते। उन्हें मौका मिले तो वे किसी अन्य देश में जाकर हमेशा के लिए बसना चाहेंगे। उन नौजवानों में से 75 प्रतिशत का कहना है कि वे किसी तरह भारत में रह रहे हैं। 62.8 प्रतिशत युवतियों और 66.1 प्रतिशत युवकों का मानना है कि इस देश में निकट भविष्य में अच्छे दिन आने की संभावना कम ही है। उनमें से 50 प्रतिशत का कहना है कि भारत की दशा सुधारने के लिए किसी ‘महापुरुष’ का अवतरण होना चाहिए। उनमें से लगभग 40 प्रतिशत ने कहा कि यदि उन्हें पांच साल के लिए प्रधानमंत्री बना दिया जाए तो वे देश की दशा सुधार सकते हैं।

काशी के डा. लेनिन रघुवंशी को मिला एम.ए थामस नेशनल ह्यूमन राइट्स अवार्ड 2016

वाराणसी, 20 दिसम्बर 2016 : आप को बड़े हर्ष के साथ सूचित कर रहे है की काशी के जमीनीस्तर पर मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में संघर्षरत डा.लेनिन रघुवंशी को विजिल इण्डिया मूमेन्ट के अन्तर्गत एम.ए थामस नेशनल ह्यूमन राइट्स अवार्ड 2016 से 21 दिसम्बर 2016 को इयुमिनिकल ईसाई केंद्र बेंगलोर में सम्मानित किया जाएगा | अवार्ड को प्राप्त करने के लिए डा.लेनिन रघुवंशी बेंगलोर के लिए रवाना हो चुके है|

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि के मुताबिक भीख से चलते हैं मीडिया संस्थान!

रायपुर : काठाडीह स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि एक बार फिर अपनी हरकतों से सुर्खियों में हैं। इस बार वजह बना है एक प्रश्नपत्र। MSC इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के थर्ड सेमेस्टर के क्वेश्चन् पेपर के सवाल नम्बर 5 में विवि ने पूछा है कि मीडिया संस्थान के लिए धन की व्यवस्था कैसे होती है? और जवाब के विकल्प में भीख और दान जैसे शब्द शामिल हैं। आपको बता दें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पूर्व विभागाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी भी अपने चहेते छात्रों की फर्जी अटेंडेंस लगवाते कैमरे में कैद हुये थे जिसे न केवल खबर बनने से रोका गया बल्कि एक छात्र को गैर क़ानूनी तरीके से बिना कारण बताये मुख्य परीक्षा से वंचित भी कर दिया गया।

नासिक में सिर्फ 6 अखबार मालिकों ने दी बैलेंससीट, रिकवरी क्लेम एक भी नहीं

देश भर के मीडियाकर्मियों के वेतन, एरियर और प्रमोशन तथा अन्य सुविधाओं के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिर्फ 6 अखबार मालिकों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट के दिशा निर्देश का पालन करते हुए अपनी कंपनी का वर्ष 2007 से 2010 तक का बैलेंससीट दिया है। ये अखबार हैं- दैनिक भ्रमर नासिक, श्रीरंग प्रकाशन, गावकरी प्रकाशन नासिक, आपला महाराष्ट्र धुले, दैनिक वार्ता धुले और दैनिक तरुण भारत जलगांव। अन्य अखबारों के मालिकों ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया।

सुब्रत राय ये पैसा अपने पास से दे रहे हैं या गरीबों से वसूली गयी रकम से?

चिटफंडिये, मीडिया और मोदी सरकार, जवाबदेही किसकी…. : देश के गरीबों का पैसा मारने वाले चिटफंडियों के मसीहा बन चुके सुब्रत राय सहाराश्री जेल के बाहर हैं. रिहाई के बदले सहाराश्री से सुप्रीम कोर्ट सैकड़ों करोड़ जमा कराते जा रही है. बड़ा सवाल है कि ये पैसा क्या सुब्रत राय सहाराश्री अपने पास से दे रहे हैं या फिर गरीबों से ही नये तरीके से वसूली जा रही रकम में से ही एक हिस्सा जमा कराई जा रही है. बेल पर बाहर सहाराश्री फिर से अपना जाल बिछाने में लग गये हैं. जिसके लिए कई राज्यों की राजधानी में ग्लैमर शो आयोजित किये जा रहे हैं. नेताओं और अधिकारियों को इसमें मेहमान बनाया जा रहा है. खुलेआम ये खेल उस मोदी सरकार के नाक के नीचे चल रहा है, जो दावा करती है कि ना खायेंगे ना खाने देंगे. मोदी सरकार अदालतों को दोषी ठहरा कर पल्ला नहीं झाड़ सकती क्योंकि निचली से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की अदालतें चिटफंडियों को अब जमानत पर रिहा नहीं होने देती हैं.

पत्रकार और वकील स्वर्गीय राजेन्द्र हाड़ा को दी श्रद्धांजलि

19 दिसम्बर को अजमेर में गांधी भवन स्थित अजयमेरु प्रेस क्लब में स्वर्गीय राजेन्द्र हाड़ा को श्रद्धांजलि दी गई। स्व. हाड़ा वकील और पत्रकार थे। वे अंतिम समय तक प्रेस क्लब के सदस्य रहे थे। प्रेस क्लब के सदस्यों ने स्व. हाड़ा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी यादों को ताजा किया। स्व. हाड़ा ने अपने जीवन में जन सरोकारी पत्रकारिता के रास्ते को चुना और किसी भी किस्म के दबाव में नहीं आए। बाद में उन्होंने वकालत का भी रास्ता चुन लिया।

तो क्या राहुल गांधी ठिकाने लगा देंगे वरिष्ठ नेताओं को?

-निरंजन परिहार-
कांग्रेस के बड़े नेता भीतर ही भीतर भुनभुना रहे हैं। ये सब मान रहे है कि नोटबंदी के बाद राहुल गांधी की राजनीति तो चमकी हैं, लेकिन उन्हें यह भी लगने लगा है कि जल्दबाजी में राहुल गांधी नई आफत भी मोल लेते जा रहे हैं। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता राहुल के ताजा राजनीतिक रवैये से खुश नहीं हैं। मजबूरी यह है कि वे नाराजगी जाहिर नहीं नहीं सकते। अगर कर दें, तो राहुल गांधी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध भूचाल भले ही नहीं ला पाए, मगर राहुल के विरुद्ध पार्टी में भूकंप जरूर आ जाएगा। माना जा रहा है कि सही समय पर ये वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से इस मामले पर बात करेंगे। ये सारे पार्टी के बड़े नेता हैं, सो बाहर बोलें भी, तो बोलें कैसे। क्योंकि उनका यह आचरण पार्टी लाइन के विरुद्ध काम होगा।

जानिए उन ड्रग्स के बारे में जिन्हें खाकर सैनिक न सोते और न थकते…

युद्ध और ड्रग्स। पढ़े होंगे खूब, आर्यों और उनके प्रिय पेय सोमरस का जिक्र। सोमरस एक मादक द्रव्य, पिये और मस्तिष्क पर उन्माद का ज्वर। कई जगह जिक्र मिलता है कि इसके सेवन से लोगों में घोड़ो की ताकत आ जाती थी। तो इस द्रव्य का पान करके आर्य कूदते थे रणभूमि में और दुश्मनों को अश्वबल से रौंद डाला करते थे। इसी तरह वाइकिंग योद्धाओं के बारे में कहा जाता है कि वे जब लड़ते हैं, सब बर्बाद करते जाते हैं। हर योद्धा खून के प्यासे लोमड़ी की तरह होता है। दरअसल वाइकिंग लड़ाके विशेष मशरूम का सेवन करते थे। बाबर वाला प्रसंग भी काफी चर्चित है। बाबर की सेना भांग पीकर लडती थी। एक दम मस्त होकर। इब्राहिम लोदी की हार में बाबर के भांग का भी अहम् योगदान था। रोमन साम्राज्य की सेना में अफ़ीम का बहुत प्रचलन था। यूनान में पुजारी लोग राजाओं और उनकी सेना को विजयी होने के लिए प्रसाद के रूप में मादक पदार्थ ही दिया करते थे। मतलब बस यही कि युद्धों में ड्रग्स का इस्तेमाल कोई नयी बात नहीं है।

दीपक ने अमर उजाला को बोला बाय, भास्कर समूह से जुड़े

युवा पत्रकार दीपक कुमार तिवारी ने दैनिक भास्कर के डिजिटल विंग ‘मनी भास्कर’ से नई पारी की शुरुआत की है। यह जानकारी दीपक के फेसबुक पोस्ट के जरिये मिली। इससे पहले दीपक, अमर उजाला समाचार पत्र से करीब तीन साल तक जुड़े रहे। यहाँ उन्होंने खेल और फिल्म पत्रकारिता के लिए खासतौर पर काम किया।

शोकाज नोटिस देने के बाद भी जलगांव के किसी अखबार ने नहीं लागू किया मजीठिया

पत्रकारों ने भी मांगना उचित नहीं समझा अपना बढ़ा हुआ वेतन… आर टी आई से हुआ खुलासा… माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के जलगांव में एक भी अखबार ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। मुंबई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये जो जानकारी निकाली है उसके मुताबिक जलगांव के तीन अखबारों जलगांव तरुण भारत, दैनिक जनशक्ति और दैनिक साईंमत में से दैनिक जलगांव तरुण भारत तथा जनशक्ति का मुख्यालय जलगांव में है। इन तीनों अखबारों ने आज तक जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश तो छोड़िये, मणिसाना वेज बोर्ड भी लागू नहीं किया है।

पति ने बना ली पत्नी की अश्लील क्लीपिंग (देखें वीडियो)

आगरा में एक पति ने ही पत्नी को बदनाम करने की ठान ली। पत्नी के कमरे में cctv कैमरे लगा दिए और उसकी अश्लील क्लीपिंग को नेट पर अपलोड करने की धमकी भी दे दी। ये आरोप लगाया है खुद पत्नी ने। यही नहीं, जब पत्नी ने विरोध किया तो उसके साथ जमकर मारपीट की। अब पीड़िता ने आगरा एसएसपी से गुहार लगाई है। आगरा एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय पुलिस को कारवाही के आदेश दिए है।

नैनीताल बुला रहा आपको, 25 से 31 दिसंबर तक विंटर कार्निवाल में स्वागत है…

नैनीताल : अगर आप मैदानी इलाकों के कोहरे और ठिठुरन भरी ठंड से निजात पाना चाहते हैं तो सरोवर नगरी नैनीताल का रुख कर सकते हैं। अगर आप चाहें नैनीताल में दिसंबर के आखिरी हफ्ते में चुंबन भरी ठंड के बीच गुनगुनी घूप के साथ तमाम सांस्कृतिक, खेलकूद और साहसिक गतिविधियों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहाँ आने वाली 25 से 31 दिसम्बर तक भव्य एवं आकर्षक “नैनीताल विंटर कार्निवाल” का आयोजन होने जा रहा है। नैनीताल विंटर कार्निवाल में सैलानियों की रुचियों के मद्देनजर विभिन्न किस्म के कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटकों के अलावा माउन्टेन, बाइकिंग, फैन्सी ड्रेस, मैराथन, ट्रैकिंग, ग्राफिक पेटिंग, फोटोग्राफी, फूड फैस्टिबल, थियेटर प्ले, लघु फिल्म, बच्चो की पेंटिंग, फिसिंग, पतंग, बेबी शो, फैन्सी ड्रेस आदि तमाम प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर

नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा भोजपुरी के सुप्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर की जयंती के अवसर पर ’भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन अकादमी के उपाध्यक्ष, श्री कुमार संजॉय सिंह के सान्निध्य और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गोपेश्वर सिंह’ की अध्यक्षता में दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। वक्ता के रूप में डॉ. चन्द्रदेव यादव, डॉ.सुनील तिवारी, श्री रंजन कुमार त्रिपाठी, श्री उमेश चतुर्वेदी एवं डॉ. मुन्ना पाण्डेय उपस्थित थे। संचालन अकादमी के सदस्य डॉ. टी.एन.ओझा ने किया। अकादमी की ओर से धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ. जीत राम भट्ट ने किया। 

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का तांता : हमारे समय का अनुपम आदमी…

Om Thanvi : ”हमारे समय का अनुपम आदमी”. ये शब्द प्रभाष जोशीजी ने कभी अनुपम मिश्र के लिए लिखे थे। सच्चे, सरल, सादे, विनम्र, हँसमुख, कोर-कोर मानवीय। इस ज़माने में भी बग़ैर मोबाइल, बग़ैर टीवी, बग़ैर वाहन वाले नागरिक। दो जोड़ी कुरते-पायजामे और झोले वाले इंसान। गांधी मार्ग के पथिक। ‘गांधी मार्ग’ के सम्पादक। पर्यावरण के चिंतक। ‘राजस्थान की रजत बूँदें’ और ‘आज भी खरे हैं तालाब’ जैसी बेजोड़ कृतियों के लेखक।

पानीदार अनुपम के लिए भीगी आंखें

मीठे पानी की तरह अनुपम। अपने नाम को सार्थकता प्रदान करते हुए अनुपम ने 68 वर्ष की जिंदगी में सुप्त और लुप्त होते समाज में पानी के प्रति चेतना जागृत करने की जो कोशिशें की, उन कोशिशों के बीच अनुपम मिश्र नाम का यह व्यक्तित्व हमारे साथ रहेगा, चलेगा और हमें दिशा देता रहेगा। तालाब आज भी खरे हैं उनके नाम के अनुरूप अनुपम कृति है लेकिन पानी के प्रति लोगों में जागरूकता की उनकी हर कोशिश अनुपम रही है। गीतकार भवानीप्रसाद मिश्र और सरला ने बहुत समझ कर उनका नाम अनुपम रखा होगा। यह बात भी सच है कि भवानीभाई गीतफरोश लिख कर अमर हो गए तो उनका चिराग पानीदार समाज देखने की चिंता में एक उम्र गुजार गया। यह कहना गैरवाजिब होगा कि अनुपम के बाद पानीदार समाज की चिंता करने वाले नहीं होंगे बल्कि यह कहना वाजिब होगा कि उन्होंने पानीदार समाज की चिंता करने के लिए एक बड़ी फौज तैयार कर रखी है। ये लोग समूहों में बंटे  हुए हैं। अपने अंचलों और अपने लोगों के बीच, समुदाय के बीच काम कर रहे हैं। इनकी चर्चा नहीं होती है लेकिन इनके काम इनकी आवाज और पहचान है। इनके कामों में अनुपम बसे हुए हैं। आखिर अनुपम तो अनुपम ही हैं ना।

संजय कटियार, मधुकर पांडेय, पुनीत चौधरी, आलोक ओझा के बारे में सूचनाएं

हिंदुस्तान अखबार से अनिल भास्कर और रामकुमार शर्मा के बाद अब संजय कटियार ने भी इस्तीफा दे दिया है. संजय बरेली एडिशन संभाल रहे थे. उधर, सूचना है कि जीबीसी न्यूज़ नामक एक न्यूज चैनल लाया जा रहा है जिससे मधुकर पाण्डेय, पुनीत चौधरी और आलोक झा आदि जुड़े हैं. पुनीत चौधरी चैनल में मैनेजिंग एडिटर पद पर हैं. वे डेल्टा न्यूज़, पंजाब केसरी, सुदर्शन न्यूज़ में काम कर चुके हैं.

पानी और पर्यावरण के लिए लड़ने वाले संत पुरुष अनुपम मिश्र नहीं रहे

आज सुबह व्हाट्सएप पर सुप्रभात संदेशों के साथ एक दु:खद संदेश यह भी मिला कि जाने-माने पर्यावरणविद् और गांधीवादी अनुपम मिश्र नहीं रहे… जिस देश में चारों तरफ पाखंड और बनावटीपन का बोलबाला हो वहां पर एक   शुद्ध खांटी और खरे अनुपम मिश्र का होना कई मायने रखता है। सोशल मीडिया से ही अधकचरी शिक्षित हो रही युवा पीढ़ी अनुुपम मिश्र को शायद ही जानती होगी। देश में आज-कल ‘फकीरी’ के भी बड़े चर्चे हैं। लाखों का सूट पहनने और दिन में चार बार डिजाइनर ड्रेस पहनने वाले भी ‘फकीर’ कहलाने लगे हैं, मगर असली फकीरी अनुपम मिश्र जैसे असल गांधीवादी ही दिखा सकते हैं। उनका अपना कोई घर तक नहीं था और वे गांधी शांति फाउंडेशन नई दिल्ली के परिसर में ही रहते थे।

सहारा में मीडियाकर्मियों के शोषण के खिलाफ सहारियन कामगार संगठन हुआ सक्रिय

सहारियन कामगार संगठन (ट्रेड यूनियन रजिस्टर्ड संख्या-10063) द्वारा सहारा इण्डिया में कार्यरत कर्मचारियों के आर्थिक एवं मानसिक शोषण के विरोध में अपर श्रम आयुक्त लखनऊ को एक मांग पत्र दिनांक 01.12.2016 को दिया गया। इसको संज्ञान में लेते हुये इस गम्भीर विषय अपर श्रम आयुक्त द्वारा सहारा प्रबन्धन को एक नोटिस जारी कर उपरोक्त यूनियन के पदाधिकारियों से स्वयं के समक्ष वार्ता करने हेतु दिनांक 08.12.2016 को सहारा प्रबन्धन के अधिकृत अधिकारी को तलब किया था। परन्तु सुनवाई की तिथि पर सहारा इण्डिया के अधिकृत अधिकारी के दिनांक 15.12.2016 तक शहर से बाहर होने का हवाला देकर अपर श्रम आयुक्त से अगली तिथि की मांग की गयी।

लोकसभा टीवी पर अब आरएसएस को महान बताने का कार्यक्रम चलता रहता है…

Dilip Khan : लोकसभा टीवी मुझे साल भर पहले तक अच्छा लगता था। मैं दूसरों को सजेस्ट करता था कि देखा करो। लेकिन इन दिनों ये चैनल बीजेपी भी नहीं बल्कि संघ का मुखपत्र बन गया है। जब-तब RSS को इस पर महान बताने का कार्यक्रम चलता रहता है।

नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल : इन दो नेताओं का घमंड तो देखो…

Sheel Shukla : ये घमंडी! अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि अभी नरेंद्र मोदी इतने शिक्षित नहीं है कि देश के अर्थ शास्त्र को समझ सके। अरविन्द केजरीवाल के ऐसा बोलते समय एक बू आ रही थी कि मैं तो IRS रहा हूँ और मेरी किताबी शिक्षा की कोई तुलना नरेंद्र मोदी की शिक्षा से नहीं है। यह कोई राष्ट्रहित या नोटबंदी के खिलाफ दिया गया बयान नहीं था बल्कि ये अरविन्द केजरीवाल का दम्भ था, घमंड था।

न्यूज चैनल और अखबार वाले रामदेव की धोखेबाज कंपनी पतंजलि पर जुर्माने की खबर पी गए

Samar Anarya : हरिद्वार की अदालत ने सेठ रामदेव की पतन-जलि आयुर्भेद पर भ्रामक विज्ञापनों के लिए 11 लाख का जुर्माना। 2012 में पतन-जलि के सरसों तेल, नमक, अनानास जैम, बेसन और शहद के घटिया स्तर का पाए जाने पर ज़िला खाद्य सुरक्षा विभाग ने दर्ज किया था मामला!

नोटबंदी से उद्योगों का दिवाला निकलना शुरू

Sanjaya Kumar Singh : इंडियन एक्सप्रेस ने आज पहले पन्ने पर (लीड के साथ) यह खबर Slowdown signal…. 16 top firms show sharp dip in advance tax छापी है। स्थिति की पुष्टि Peri Maheshwer की इस पोस्ट से भी होती है। और ये शुद्ध आंकड़े हैं। इंडियन एक्सप्रेस और पेरी महेश्वर स्थिति का आकलन करने के लिए ये आंकड़े दे रहे हैं तो जानकारों को पता ही होगा। बकलोली तो होती रहेगी। 

मोदी से मिलकर राहुल ने अपनी रही-सही इमेज का भी सत्यानाश कर लिया

Om Thanvi : राहुल अपनी पार्टी के नेताओं के साथ जाकर मोदी से मिल आए। संसद में पंद्रह विपक्षी दलों के सहयोग से पनपी एकता टूट गई। मुलाक़ात का फ़ायदा मोदी ने अपने हक़ की ख़बरों के प्रसार (‘हमें मिलते रहना चाहिए, राहुलजी’!) से उठाया है, जिसमें उनका प्रचार-तंत्र माहिर है। इससे कांग्रेस को क्या हासिल हुआ? क्या राहुल मोदी के ग़ुब्बारे की हवा निकालने जा रहे हैं? या अगले संसद सत्र (और फिर उससे अगले) का इंतज़ार करेंगे? तब तक तो मोदी कई ग़ुब्बारे और फुला चुके होंगे। भोले जन-मानस को ग़ुब्बारे पसंद हैं, जब तक वे फुस्स न हों।  अगर राहुल गांधी के पास ठोस तथ्य हैं तो संसद के कवच की परवाह न कर उन तथ्यों को जनता के सामने अविलंब रख देना चाहिए। भूचाल न सही, आँधी-तूफ़ान सही! वरना इतना शोर उठाकर अब ग़ुब्बारे से कतराना उनके ही गले की घंटी बन जाएगा।

Maloy Jain का उपन्यास ‘ढाक के तीन पात’ : कितनी ही बार पढ़ो, पुरानी नहीं लगती

Hareprakash Upadhyay : कुछ किताबें ऐसी होती हैं, जिन्हें कितनी ही बार पढ़ो, पुरानी नहीं लगतीं, बल्कि हर बार पढ़ते हुए ऐसा लगता है, जैसे पहली ही बार पढ़ रहे हों। वही रोमांच, वही उत्सुकता, वही नवीनता। ऐसी ही एक किताब कल रात दुबारा पढ़ा। Maloy Jain का उपन्यास ‘ढाक के तीन पात’। राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास को साल भर पहले इसी महीने में पढ़ा था। अब तो इसका दूसरा संस्करण भी आ गया है, पर जैसी यह किताब है, इसके अभी कई संस्करण आएंगे। है तो यह मलय जैन की पहली ही कृति, मगर इतनी परिपक्व रचना है कि इस पहले ही उपन्यास से वह हिन्दी के श्रेष्ठ उपन्यासकारों की श्रेणि में आ विराजे हैं। मगर मुझे नहीं लगता कि रेवड़ी बाँटने वाले अंधे हिंदी आलोचकों की नजर इस उपन्यास पर गयी है। इसे पाठकों ने जरूर हाथोंहाथ लिया है। वैसे भी हिंदी में हाल यह है कि जिस कृति को आलोचक हाथोंहाथ लेते हैं, उसे पाठक हाथ नहीं लगाते और जो कृति पाठकों के हाथों में होती है, उसे देखकर आलोचक नाक चढ़ाये बैठे रहते हैं, पर अंतत: पाठक ही तय करते हैं और विवश आलोचक कुछ वर्षों बाद झख मारकर उस कृति की व्याख्या के लिए विवश हो जाता है। खैर।

राजनीतिक दलों पर कृपा करके नोटबंदी की ऐसी तैसी कर दी मोदी जी ने

Padampati Sharma : राजनीतिक दलों पर कृपा से तो नोटबंदी की ऐसी तैसी हो जाएगी मोदी जी.. राजनीतिक दलों पर कृपा क्यों ? राजनीति से जो थोड़ी जानकारी रखता है उसे पता है कि राजनेताओं के यहां नोट गिनने की मशीने लगी है . वहां गिन कर रखे लाल – पीले बापू पार्टी के नाम से बैंकों में जमा हो जाएंगे और चूंकि जांच भी नहीं होनी है इसलिए कमीशन पर काले का सफेद धंधा चमक उठेगा. काला धन रखने वालों की तो इससे बांछें खिल उठी हैं. नेताओं को पूरा मौका दे दिया है सरकार ने. कुछ कीजिए मोदीजी ताकि इन लुटेरों पर अंकुश लगे. राजनीतिक दलों को भी जांच के दायरे में लाइए अन्यथा बहनजी, भाई जी, नेताजी, कुनबे वाले एंड संस और एंड ब्रदर्स तो रातों रात अकूत संपत्ति के मालिक हो जाएंगे. हवााला कारोबारियों की भी मौज हो गयी.सरकार के इस कदम से तो नोट बंदी की ऐसी-तैसी हो जाएगी.

डरे हुए लोग जाते हैं ज्योतिषियों के पास!

ज्योतिषियों के पास कोई आध्यात्मिक पुरुष थोड़े ही जाता है। ज्योतिषियों के पास तो संसारी आदमी जाता है। कहता है : भूमि-पूजा करनी है, नया मकान बनाना है, तो लगन-महूरत; कि नई दुकान खोलनी है, तो लगन-महूरत; कि नई फिल्म का उद्घाटन करना है, लगन महूरत; कि शादी करनी है बेटे की, लगन-महूरत। संसारी डरा हुआ है : कहीं गलत न हो जाए! और डर का कारण है, क्योंकि सभी तो गलत हो रहा है; इसलिए डर भी है कि और गलत न हो जाए! ऐसे ही तो फंसे हैं, और गलत न हो जाए!

बेटा, यह है पत्रकारिता, जो हमारे जमाने में व्हाट्सएप, फेसबुक से नहीं होती थी…

Riyaz Hashmi : हर जगह यह स्थिति है। जिलों में तो हालात भयंकर हैं। समझाने की कोशिश भर की है कि पत्रकार को क्या बात अलग करती है। संदेश पहुंचे तो वरिष्ठजन आशीर्वाद दें। कहानी कुछ यूं है। क्लास रूम में एक वरिष्ठ पत्रकार पत्रकारिता के विद्यार्थियों से एक सीरियस टॉपिक पर चर्चा करने पहुंचा, तभी एक शरारती छात्र ने सीटी बजाई।

ईमानदारी के इस पर्व में सबसे ज्यादा नकदी भाजपाइयों के पास पकड़ी गई

Sanjaya Kumar Singh : भ्रष्टाचार दूर करने और देश में ईमानदारी स्थापित करने के भाजपाई राष्ट्रवादी त्यौहार के 50 दिन जैसे-जैसे पूरे होने के करीब आ रहे हैं इसका क्रूर और असली चेहरा सामने आ रहा है। यह रंगपोत कर चेहरा चमकाने की कोशिश का वीभत्स रूप था। लोगों की जान लेकर भी छवि बनाने का क्रूर खेल। भक्तों और सरकार के हिसाब से ईमानदारी स्थापित हो चुकी है और कालाधन लगभग खत्म हो गया है।

नोटबंदी के शोर में खो गया एक क्रान्तिकारी फैसला

नोटबंदी! नोटबंदी! और नोटबंदी! आठ नवम्बर की रात आठ बजे से देश में यदि किसी बात की चर्चा है, तो सिर्फ नोटबंदी की.और हो भी क्यों नहीं! नोट के लिए बैंकों और एटीएमों के सामने पहले जहां एक समय में दस-पांच लोग नजर आते थे वहां अब पांच-पांच सौ तक लोग खड़े दिख रहे हैं. इस क्रम में शताधिक लोग प्राण गवां चुके हैं. उद्योग-धंधे उजड़ रहे हैं और गाँव छोड़कर दो पैसा कमाने के लिए शहर आये लोग बेरोजगार हो होकर पुनः गाँव की ओर रुख कर रहे हैं.यह सब नोटबंदी की वजह से हो रहा है, जिसकी चपेट में आने से आम से लेकर खास,कोई भी नहीं बच पाया है. ऐसे में जाहिर है नोटबंदी को छोड़कर और किसी बात की चर्चा हो ही नहीं सकती.बहरहाल नोटबंदी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित और उद्योग- धंधे ही चौपट नहीं हो रहे हैं, इसकी शोर में दूसरे जरुरी मुद्दे भी खो गए हैं, जिनमें शीर्ष पर है ‘समान काम के लिए समान वेतन’ का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला.

भारत गौरव से सम्मानित हुए आजमगढ़ के पत्रकार अरविन्द कुमार सिंह

यूपी के जनपद आजमगढ़ के रामपुर जहानागंज निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं शार्प रिपोर्टर, मनमीत पत्रिकाओ के संपादक अरविन्द कुमार सिंह को विक्रमशिला हिंदी विदयापीठ भागलपुर ने विगत दिन 13 दिसंबर को महाकाल की नगरी उज्जैन में अपना प्रतिष्ठित सम्मान उपाधि “भारत गौरव” प्रदान किया। भारत गौरव सम्मान से सम्मानित होने वाले अरविंद कुमार सिंह आजमगढ़ के पहले युवा पत्रकार हैं। यह सम्मान उनके एक दशक की रचनात्मक पत्रकारिता और विशिष्ट शोध कार्यों में गोल्ड मैडल विजेता बनने पर मिला है। जनपद के पत्रकार को मिले इस सम्मान पर जिले भर के पत्रकार , साहित्यकार, कलाकार, रंगकर्मी और बौद्धिक समाज ने शुभकामना दी है।

रामगढ़ के नए एसपी आलोक प्रियदर्शी ने फोटो ले रहे पत्रकारों को डांटा और मौके से भगाया

रामगढ़ के नए आलोक प्रियदर्शी ने भदानीपुर ओपी क्षेत्र स्थित अमझरिया में रेलवे कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान एसपी के आने की सूचना पर विभिन्न अखबारों के पत्रकार भी मौके पर पहुंचे। पत्रकारों ने जैसे ही कैमरे निकाल कर फोटो लेना शुरू किया, एसपी की नजर पड़ गई। इसके बाद एसपी ने डांटते हुए सभी को बुलाया और फोटो तुरंत डिलीट करने को कहा। इस पर पत्रकारों ने अपना परिचय दिया, लेकिन एसपी ने एक न सुनी और कहा कि अब हवा का रुख बदल गया है। एसपी ने डांटते हुए कहा कि बिना इजाजत से फोटो क्यों ली?

हादसे की तस्वीर लेने गये भास्कर के फोटोग्राफर की सड़क दुर्घटना में मौत

दैनिक भास्कर के फोटोग्राफर आदित्य कुमार सिंह की मौत। भीषण कोहरे में बिहार के हाजीपुर में हुए सड़क हादसे का कवरेज करने जा रहे आदित्य को मुर्गी लदे वाहन ने कुचल दिया। वे हाजीपुर ब्यूरो में कार्यरत थे। फोटो पत्रकार आदित्य कुमार सिंह को मंजन नाम से भी जाना जाता था। उनकी उम्र मात्र 25 साल थी। घटना हाजीपुर में मुजफ्फरपुर जाने वाले वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या­77 पर सदर थाना क्षेत्र में एकारा गुमटी के पास हुई।

जेटली जी तो अब ‘इंटायर जर्नलिज्म’ भी पढ़ाने लगे!

Vishnu Rajgadia : जेटली जी तो अब ‘इंटायर जर्नलिज्म’ भी पढ़ाने लगे। कह रहे हैं राजनीतिक दलों को मिली छूट पर लिखने से पहले तथ्य जान लें। तो तथ्य यह है कि सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिससे राजनीतिक दलों के काले धन पर मामूली सी भी चोट हो। जब यह बात सामने आ गई तो जेटली जी तर्क दे रहे हैं कि राजनीतिक दलों को छूट देने का कोई नया नियम अभी नोटबंदी के बाद नहीं बनाया गया है।

संपादक के तबादले से खुश होकर पत्रकार ने बांटी मिठाई!

हिंदुस्तान अखबार के मेरठ संस्करण के संपादक सूर्यकांत द्विवेदी का तबादला मुरादाबाद संस्करण किए जाने पर मवाना में पत्रकार संदीप नागर ने खुश होकर मिठाई बांटी. असल में संदीप नागर कभी इस अखबार में मवाना के रिपोर्टर हुआ करते थे. सूर्यकांत द्विवेदी ने अपने संपादकत्व काल में संदीप का इतना शोषण किया कि आखिरकार इस पत्रकार को बगावत का रास्ता अख्तियार करना पड़ा. संदीप ने सूर्यकांत द्विवेदी का पूरा कच्चा चिट्ठा खोला और अपने उत्पीड़न के खिलाफ कोर्ट का रास्ता अपनाया. संदीप को कोर्ट में सफलता मिली.

राजनीतिक दलों के खाते में पड़े काले धन का क्या कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी!

यह देश का दुर्भाग्य ही है कि काले धन के लिए सड़क से लेकर संसद तक बवाल काटने वाले राजनीतिक दलों के खाते में पड़े काले धन का कुछ बिगड़ता नहीं दिख रहा है। सरकार हर जगह बिना हिसाब-किताब वाले धन पर जुर्माना लगाने की बात कर रही है पर राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1, 000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगाएगी।  इसका मतलब है कि आप किसी भी नाम से राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेसन करा लीजिये और फिर इसके खाते में चाहे कितना काला धन दाल दीजिए। कोई पूछने वाला नहीं है। देश में हजारों राजनीतिक दल हैं। कितने दल चुनाव लड़ते हैं, बस नाम मात्र के।  अधिकतर दल तो काले धन का सफेद करने तक सीमित हैं। ऐसा नहीं कि चुनाव लड़ने वाले दलों के खाते में काला धन नहीं हैं। आज की तारीख में तो राजनीतिक दलों के खाते में अधिकतर धन तो काला ही है। चाहे किसी कारपोरेट घराने ने दिया हो या फिर किसी प्रॉपर्टी डीलर ने या फिर किसी अधिकारी ने। यही हाल देश में कुकुरमुत्तों की तरह खुले पड़े एनजीओ का है।

अमर उजाला मुरादाबाद में भारी चूक, एक खबर को दो बार अलग-अलग हेडिंग से लगाया गया

ऐसा लग रहा है कि अमर उजाला मुरादाबाद संस्करण को खबर की कमी हो रही है. तभी तो एक ही खबर को अलग अलग हेडिंग से और अलग फोटो के साथ प्रकशित किया गया है. 15 दिसम्बर के पेज नंबर दो पर अमर उजाला ने एक ही खबर को कॉपी कर के अलग अलग हेडिंग “पुलिस ने पकडे जुआरी, 3 को छुड़ा ले गए नेता जी” और “30-50 रूपये में आपका कूड़ा कूड़ा उठायगी हरी भरी” से लगा दिया है.

भ्रष्टाचारियों के लिए वरदान साबित हुई नोटबंदी

कालाधन पर अंकुश के लिये लागू की गई नोटबंदी योजना आम जनता, मजदूर, साधारण व्यापरी, किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रही है, वहीं भ्रष्ट व्यवस्था के चलते बैंक अफसरों, दलालों, माफियाओं के लिये यह योजना भी सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी साबित हुई है। जहां आम जनता को कई-कई दिनों तक लाइनों में लगने के बाद भी बैंक और एटीएम से हजार रूपये भी नसीब नहीं हो रहे हैं वहीं दलाल-माफियाओं तक करोड़ों की नई करेंसी भण्डार के रूप में जमा हो गई है जो छापेमारी के दौरान जगह-जगह से बरामद हो रही है। जिससे मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है।

ये सहारा वाले कब से देशभक्त हो गए!

सहाराकर्मी इस ढकोसले का विरोध करें : सहारा का नाम सामने आते ही संस्था के चेयरमैन सुब्रत राय का चेहरा सामने आने लगता है। यह वह शख्स है जिसने जनता, बॉलीवुड, विधायिका, कार्यपालिका, मीडिया सबको छकाया और अब न्यायपालिका का बेवकूफ बनाने चला था कि आ गया गिरफ्त में। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद अपनी मां के निधन पर पैरोल पर बाहर आया हुआ है। जनता से ठगे पैसे वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट थोड़ी बहुत राहत भी दे रहा है। अगले माह फिर से 600 करोड़ रुपए देने हैं नहीं तो फिर से जेल जाना पड़ेगा। इतना सब कुछ होने पर यह शख्स अपनी ऐबदारी से बाज नहीं आया। जिन कर्मचारियों ने इसकी तानाशाही का विरोध कर अपना हक मांगा, उन्हें या तो नौकरी से निकाल दिया या फिर हतोत्साहित करने के लिए कहीं-दूर स्थानांतरण करवा दिया।

यूपी इलेक्शन : वोटर का इरादा क्या है, कोई दल थाह नहीं पा रहा

लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। सबके अपनी-अपनी जीत के दावे हैं। दावों को मजबूती प्रदान करने के लिये तमाम तरह के तर्क भी दिये जा रहे हैं। इन तर्को के पीछे मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने का ‘खाका’ छिपा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप को चुनावी सीढ़ी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। आज स्थिति यह है कि सभी दलों के नेताओं के पास विरोधियों के लिये तो कहने को बहुत कुछ है,लेकिन अपने बारे में बोलते समय कहीं न कहीं इनकी जुबान अटक जाती है। कोई भी दल ऐसा नहीं है जिसे पाक-साफ करार दिया जा सकता हो। समाजवादी पार्टी कुनबे के झगड़े में उलझी हुई है तो अखिलेश पर सरकार के समानांतर गुंडाराज को पालने-पोसने का आरोप लग रहा है।सपा राज में गुंडागर्दी पर लगाम लगाया जाना मुश्किल है, इसका ताजा उदाहरण है बाहुबली अतीक अहमद के गुर्गो द्वारा इलाहाबाद के एक शिक्षण संस्थान में जाकर सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट और शिक्षको साथ अभद्रता किया जाना। अतीक के गुर्गे उत्पात मचाते रहे और पुलिस घटना स्थल पर तब पहुंची जब अतीक अपने समर्थकों के साथ चला गया। अखिलेश को अतीक पंसद नहीं हैं, लेकिन वह चचा के चलते मजबूर हैं। अखिलेश के हाथ बांध दिये गये है तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर चुपी साधे हुए जांच के बाद कार्रवाई का ड्रामा कर रहा है। 

राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, इंडिया टुडे चैनल और ‘रेप’!

इंडिया टुडे नामक अंग्रेजी टीवी चैनल, जो नाम से ही जाहिर है कि इंडिया टुडे समूह यानि आजतक वाले अरुण पुरी का अंग्रेजी न्यूज चैनल है, आज दिन भर चर्चाओं में रहा. यह चर्चा इसकी एक भयंकर गलती के कारण हुई. इसने गलती क्या की है, उसे आप खुद इन उपर-नीचे दिए गए स्क्रीनशाट्स के जरिए देख जान सकते हैं…

वसुंधरा राजे ने हाइवे पर हर दो किमी के फासले पर शराब ठेके खुलवा दिए थे!

क्या सचमुच टूट जाएगा हाइवे पर शराब का सपना… हाइवे पर अब शराब की दुकानें नहीं दिखेंगी। लेकिन यह तभी होगा, जब राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट की बात मान ले। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि अप्रैल महीने से हाइवे पर शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाना चाहिए। फैसला जनहित में है। वास्त में देखा जाए, तो हाइवे हमारे विकास के रास्ते हैं। उन रास्तों पर खुले आम शराब के ठेके खुलने से हमारे हाइवे विकास के बजाय विनाश के रास्ते बनते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला देश के सभी राज्यों के सभी हाइवे पर लागू होगा। हमारे हिंदुस्तान में देखें, तो हर हाइवे पर भगवान के मंदिरों की भरमार है। ड्राइवर अगर अपनी जिंदगी की दुआ के लिए हर भगवान को हाथ जोड़ने लगे, तो अगला मंदिर आने से पहले उसका एक्सीडेंट तय है। इतने सारे मंदिर। कदम कदम पर मंदिर। लेकिन उन्हीं हाइवे पर शराब के ठेके मंदिरों से भी ज्यादा।

कॉमरेड फिदेल कास्त्रो : एक क्रांतिकारी जीवन का उत्सव

फिदेल कास्त्रो 90 वर्ष की उम्र में एक दीर्घ सक्रिय जीवन जीने के बाद २५ नवम्बर २०१६ को इस दुनिया से रुखसत ज़रूर हुए लेकिन वे करोड़ों – अरबों दिलों में हमेशा के लिए बसे रहेंगे। वे बेशक दुनिया के दूसरे सिरे पर मौजूद एक छोटे से देश के शासक थे लेकिन उन्होंने अनेक देशों की आज़ादी की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभायी और बेहतरीन मानवीय गुणों वाले मनुष्य समाज को बनाया। कहा जा सकता है कि अगर फिदेल न होते तो अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के अनेक देशों के  मुक्ति संघर्षों का नतीजा बहुत अलग रहा होता। उनके निधन के उपरान्त इंदौर में उनके प्रशंसकों ने तय किया कि फिदेल की याद में कोई कार्यक्रम शोक या श्रद्धांजलि का नहीं किया जाएगा बल्कि उनकी याद में एक क्रांतिकारी जीवन का उत्सव मनाया जाएगा।

मजीठिया वेज बोर्ड के लिये यूपी में भी गठित हुई त्रिपक्षीय कमेटी, कई पत्रकार भी बनाए गए सदस्य

देश भर के मीडियाकर्मियों के वेतन, एरियर और प्रमोशन तथा अन्य सुविधाओं को दिलाने के लिये गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को सुचारू रूप से क्रियान्यवयन कराने के लिये भारत सरकार के आदेश पर अब देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में भी त्रिपक्षीय समिति का गठन किया गया है। यह गठन उत्तर प्रदेश शासन की अधिसूचना पर किया गया है। इसी तरह की त्रिपक्षीय समिति इसके पहले महाराष्ट्र में बन चुकी है। जानकार बताते हैं कि यह त्रिपक्षीय समिति सिर्फ नाम के लिये बनायी जाती है।

अरनब गोस्वामी के नए चैनल का नाम ‘रिपब्लिक’ होगा

अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ के साथ 10 साल तक रहने के बाद एडिटर इन चीफ पद से इस्तीफा देने वाले अर्नब गोस्वामी ने खुद का चैनल लाने की जो घोषणा की थी, वह अब मूर्त रूप लेने लगा है. चैनल के नाम की घोषणा कर दी है. चैनल का नाम ‘रिपब्लिक’ होगा. अरनब गोस्वामी के नए वेंचर का नाम होगा Republic जो यूपी चुनाव से पहले लांच हो जाएगा. चर्चा है कि रिपब्लिक चैनल की लांचिंग रिपब्लिक डे के दिन की जाएगी. ज्ञात हो कि टाइम्स नाऊ छोड़ने के पूरे एक महीने बाद अरनब गोस्वामी ने अपने नए वेंचर के नाम की घोषणा की है.

टाइम्स नाऊ के नए मुख्य संपादक बने राहुल शिवशंकर

अरनब गोस्वामी के टाइम्‍स नाऊ से जाने के बाद नए एडिटर इन चीफ की तैनाती हो गई है. न्यूज एक्स से इस्तीफा देने वाले राहुल शिवशंकर को टाइम्स नाऊ का मुख्य संपादक बना दिया गया है. अर्नब गोस्‍वामी के इस्‍तीफा देने के बाद राहुल को ही नया एडिटर-इन-चीफ बनाने की चर्चाएं थी. अब इसकी विधिवत घोषणा कर दी गई है.

संजय राजन ‘के न्यूज’ से इस्तीफा देकर ‘इंडिया वॉच’ के बने संपादक, कई अन्य भी जुड़े

लखनऊ से खबर है कि पत्रकार संजय राजन ने ‘के न्यूज़’ से इस्तीफा देकर ‘इंडिया वॉच’ न्यूज चैनल के साथ अपनी नई पारी शुरू की है. उन्हें ‘इंडिया वॉच’ का एडीटर बनाया गया है. संजय राजन लखनऊ में ही बैठेंगे. संजय राजन ‘ईटीवी’ की लान्चिंग टीम का हिस्सा रहे हैं. बाद में वो ‘सहारा समय’ से जुड़ गये. वे फिर से वापस ‘ईटीवी’ में आए. बीते डेढ़ सालों से संजय ‘समाचार प्लस’ के साथ थे. इसके बाद ‘के न्यूज’ में कुछ समय तक रेजीडेन्ट एडीटर रहे.

ईटीवी एमपी/छत्तीसगढ़ डेस्क के सीनियर कापी एडिटर प्रदीप मिश्रा का इस्तीफा

खबर है कि ईटीवी हैदराबाद से एमपी/छत्तीसगढ़ डेस्क के सीनियर कापी एडिटर प्रदीप मिश्रा ने UPTV लखनऊ में ज्वाइन कर लिया है। ईटीवी के सीनियर संपादक रहे बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में UPTV चैनल लखनऊ से पूरे जोर-शोर से लांच होने जा रहा है।

लखनऊ में नाराज पीसीएस अफसर हड़ताल पर गए

लखनऊ से खबर है कि सभी पीसीएस अफसर हड़ताल पर गए. ये PCS अफसर सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देने डीएम आवास पहुंचे हैं. दरअसल कलेक्ट्रेट में वकीलों ने पीसीएस अफसर के साथ मारपीट की थी. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने 3 सीनियर अफसरों के खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी. इससे नाराज यूपी के 1100 पीसीएस अफसरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी. पीएसएस अफसरों ने प्रदेश में सारा काम ठप करने की चेतावनी दी.

माखनलाल विवि के पूर्व विद्यार्थियों का सम्मेलन 17 दिसम्बर को दिल्ली में

भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय अपने रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में देश की राजधानी नईदिल्ली में पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन 17 दिसम्बर को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में होगा। सम्मेलन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व कुलपति अच्युतानंद मिश्र उपस्थित होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे। इस अवसर पर विद्वानों से संवाद के साथ ही पूर्व विद्यार्थी भी अपनी सफलता की कहानी सबके साथ साझा करेंगे। सम्मेलन का शुभारम्भ सुबह 11 बजे से होगा। सम्मेलन में शामिल होने के लिए पूर्व विद्यार्थी ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। आयोजन स्थल पर भी पंजीयन की सुविधा रहेगी।

मोदी के पीएम पद पर बने रहते हुए सबूत कैसे जुटाए जाएंगे माई लॉर्ड!

Sanjaya Kumar Singh : मामला पर्याप्त सबूत होने या न होने का नहीं है… मामला देश की सर्वोच्च अदालत में है और बड़े-बड़े लोग जुड़े हैं। मेरी कोई औकात नहीं कि इस मामले में टिप्पणी करूं पर जैन हवाला मामले को अच्छी तरह फॉलो करने के अपने अनुभव से कह सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट की चिन्ता जायज है। लेकिन यहां मामला पर्याप्त सबूत होने या न होने का नहीं है। मामला ठीक से जांच कराए जाने का है।

‘इंडिया न्यूज’ से प्रतिबंध हटा, नंबर पांच पर पहुंचा, ‘एबीपी न्यूज’ ने ‘इंडिया टीवी’ को धक्का दिया

अपनी गलत हरकतों के कारण कई हफ्तों से टीआरपी प्रतिबंध झेल रहा इंडिया न्यूज इस हफ्ते जब तय अवधि के बाद प्रतिबंध मुक्त हुआ तो सीधे नंबर पांच पर पहुंचा. इस कारण बाकी सभी चैनलों की टीआरपी में भारी गिरावट आई है. सबसे ज्यादा आजतक की टीआरपी गिरी है, पूरे दो अंक. एबीपी न्यूज डेढ़ अंक और इंडिया टीवी 1.8 अंक नीचे गिरा. एबीपी न्यूज ने अपनी बहुप्रतीक्षित नंबर दो की कुर्सी हासिल कर ली है, इंडिया टीवी को धक्के मार कर नंबर तीन पर कर दिया है. देखें बार्क के 49वें हफ्ते के आंकड़े…

IIM Lucknow में दाखिला लेकर IPS अफसर अमिताभ ठाकुर ने ‘पुलिसिंग और टेंशन’ पर शोध कार्य पूरा किया

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने पुलिस में लीडरशिप स्टाइल, संगठनात्मक तनाव तथा मानव प्रबंधन नीति का कार्य परिणाम पर पड़ने वाले प्रभाव के सम्बन्ध में अपना शोधकार्य आज आईआईएम लखनऊ में प्रस्तुत कर दिया. अमिताभ ने उत्तर प्रदेश सरकार से अध्ययन अवकाश ले कर आईआईएम लखनऊ में दाखिला लिया था, जहाँ उन्होंने 02 वर्षों तक रेगुलर कोर्स किये. सेवा में आने के बाद भी वे लीडरशिप, तनाव और प्रबंधन का यूपी पुलिस के कार्य परिणाम, कार्य प्रदर्शन और कार्य संतोष पर पड़ने वाले प्रभाव के सम्बन्ध में प्रो० पंकज कुमार, प्रो० हिमांशु राय और प्रो० पुष्पेन्द्र प्रियदर्शी के अधीन अपना शोध कार्य जारी रखा था.

धंधेबाज शाहरुख खान की मजबूरी समझिए….

Chandan Pandey : शाहरुख़ खान की शिकायत बेवजह हो रही है। मैं जिस गली में रहता हूँ उसमें अगर कोई गुंडा आ जाए और नए नियम बना दे तो शुरुआती विरोध के बाद मैं भी उसकी जी हुजूरी  में जाऊँगा ही जाऊँगा। गुंडों से डरना चाहिए। गुंडों के साथ सत्ता हमेशा रहती है। आप एक बार को गुंडे को हरा भी दें तो उसके साथ जो सत्ता है, जैसे भक्त पब्लिक, पुलिस, नेता-पनेता, वो आपको तड़पा देंगे, तड़पा तड़पा कर सजा देंगे। शाहरुख की गलती रत्ती भर भी नहीं है।

आजतक, अमर उजाला, जनसत्ता, न्यूज़ एक्स आदि ने जो ब्लंडर किया, उसे बता रहे वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी

Om Thanvi : नोटबंदी से ये कमाल का भ्रष्टाचार उन्मूलन हुआ। लोग क़तारों में खड़े हैं, कुछ जान पर खेल रहे हैं और देश भर में जगह-जगह से नए नोटों की लाखों-करोड़ों में बरामदगी की ख़बरें आ रही हैं। हालात ऐसे हैं कि नए नोटों की बरामदगी की किसी भी रक़म पर लोगों को अविश्वास नहीं होता। कल जयपुर में 1.57 करोड़ के नोट (1.38 करोड़ के नए) पकड़े गए, दशमलव जाने कहाँ उड़ गया और आजतक, अमर उजाला, जनसत्ता, न्यूज़ एक्स आदि में 157 और 138 करोड़ की ख़बर शाया हो गई।

यूपी में शराब विक्रेता जमकर लूट रहे हैं खरीदारों को, भ्रष्ट आबकारी विभाग ने चुप्पी साधी

बिक्री मूल्य व वास्तविक दर में अंतर से ही रोजाना लाखों की उपरी कमाई…

बरेली | यूपी में जंगलराज हर फील्ड में है. शिक्षा, सेहत, आबकारी… कोई विभाग उठा लो, उसके पीछे एक लंबा चौड़ा घोटाला नजर आएगा जिसे शीर्ष लेवल के सत्ताधारियों द्वारा संरक्षण प्राप्त है. प्रदेश में शराब विक्रेती जमकर खरीदारों को लूट रहे हैं. निर्धारित रेट से बहुत ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. भ्रष्ट आबकारी विभाग सब जानकर भी चुप्पी साधे है. आबकारी विभाग उन सरकारी विभागों में से एक है जहां सब कुछ जानकारी में होने के बावजूद खुलेआम भ्रष्टाचार के कीचड़ में सना हुआ होने के कारण भयंकर चुप्पी साधी रखी जाती है. मामला नशे के विभाग यानी शराब से जुड़ा होने के चलते हर कोई इसके कीचड़ में ईंट मारने से बचता है कि कहीं कीचड़ की छीट उस पर ही न पड़ जाए. इसलिए सब कुछ जगजाहिर है फिर भी सुनवाई कहीं नहीं. हो भी कैसे. सीधे-सीधे देशी पव्वे पर पांच रुपये के ओवर रेट से आने वाले रोजाना लाखों रुपयों की रकम की महक व जायका उपर तक सभी इमानदारों को हिस्सानुसार पहुंचा दिया जाता है शिकायतों पर पर्दा डालते रहने के नाम पर.

नीरज चौधरी बने हिंदुस्तान अलीगढ़ के संपादक, रामकुमार शर्मा के इस्तीफे की चर्चा, कई अन्य बदलाव

अलीगढ़ से सूचना है कि दैनिक हिंदुस्तान के संपादक रामकुमार शर्मा ने प्रबंधन को नोटिस दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि वे इस्तीफा दे रहे हैं. प्रबंधन ने उनकी जगह दैनिक हिंदुस्तान, सहारनपुर के ब्यूरो चीफ नीरज चौधरी को संपादक बनाकर भेजा है. सहारनपुर में अब हिंदुस्तान, मेरठ के सिटी इंचार्ज निशांत कौशिक को भेजा गया है. चर्चा है कि मेरठ सिटी टीम के रिपोर्टर राकेश प्रियदर्शी को निशांत कौशिक की जगह नया सिटी चीफ बनाया जाएगा.

सहारा-बिड़ला से मोदी द्वारा रिश्वत लेने मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजे आदेश पर उठने लगे सवाल

Priyabhanshu Ranjan : पिछले दिनों प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल ने ‘आरोप’ लगाया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने सहारा और बिडला ग्रुप से करोडों रूपए की कथित रिश्वत ली। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग भी की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका दाखिल करने वाले को पहले पर्याप्त सबूत लाने होंगे, तभी एसआईटी जांच के आदेश दिए जाएंगे। अगर याचिकाकर्ता को ही सबूत लाना है जज साहब, तो एसआईटी जांच के आदेश क्यों दीजिएगा आप? फिर सीधा फैसला ही सुना दीजिएगा तो अच्छा रहेगा। क्यों?

बैंक-एटीएम की क़तार में मरने वाले भारतीयों में से 91 वरिष्ठ नागरिक थे

Uday Prakash : अभी जानकारी मिली कि नोटबंदी के बाद एटीएम और बैंकों के सामने क़तार में खड़े लोगों में से जो १२०-१५० की मौत हुई है, उनमें से ९१ वरिष्ठ नागरिक थे। यानी वे नागरिक जिनकी उम्र ६० वर्ष से ऊपर थी। मैं और मेरी पत्नी, दोनों, वरिष्ठ नागरिक हैं। क्या प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्तमंत्री वग़ैरह और उनकी पार्टी कभी इस देश के वृद्धजनों के लिए भी कभी सोचती है?

भास्कर राजस्थान के कई संपादक हुए इधर उधर

दैनिक भास्कर समूह से सूचना है कि राजस्थान के कई संपादकों को इधर उधर कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक किरण राजपुरोहित को नागौर से सीकर भेजा गया है। सीकर से बिजेंद्र शेखावत को कोटा के लिए रवाना किया गया है। गंगानगर के अरविन्द चोटिया का जोधपुर तबादला किया गया है। गंगानगर में राजेंद्र बत्रा को प्रमोट किया गया है। जोधपुर से मुकेश माथुर को सूरत (गुजरात) भेजा गया है। कोटा वाले को कहाँ भेजा गया है, यह पता नहीं चल पाया है। चर्चा है कि अगले निशाने पर अब पाली और बांसवाड़ा के संपादक हैं।

दीवाल पेंट करने वाले मजदूर का यह गाना हुआ वायरल (देखें वीडियो)

एक अनजान मजदूर इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचाए हुए है. यह मजदूर दीवाल पेंटिंग का काम करता है. वीडियो में मजदूर एक घर में पुताई का काम करके बैठा आराम फरमा रहा है और एक ग़ज़ल गुनगुना रहा है. दूसरा मजदूर दीवाल सफाई के काम पर लगा हुआ है. पेंट करने वाला मजदूर यानि पेंटर जो शायरी गा रहा है उसे शायर नाज़िम अली ने लिखा है. पेंटर की जादू भरी आवाज़ दिल में उतर जाती है. पेंटर का इतने प्यार से गाना इस शायरी को चार चांद लगा गया है.

इंदौर : ‘स्वदेश’ हुआ कंगला… मैनेजर कर रहा मनमानी… श्रम अधिकारियों पर मीडिया मालिकों का पूरा असर..

‘स्वदेश’ अखबार में कुछ दिन पहले लाखों रुपए खर्च कर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। ये कैमरे कर्मचारी के हर वर्ष होने वाली वेतनवृद्धि में कटौती कर इसलिए लगाए कि मजीठिया मामले में कोई कार्यालय से सबूत न ले जा सके। सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन दी जाने वाले एक चाय पर भी मैनेजर ने प्रतिबंध लगा दिया है। स्वदेश घाटे में चल रहा है, यह कहकर एक तरफ चाय बंद कर रहे हैं दूसरी तरफ अखबार में गले-गले तक विज्ञापन भरे रहते हैं। सूत्र बताते हैं कि मैनेजर ने कर्मचारी को प्रतिदिन दिए जाने वाला अखबार भी बंद कर दिया है।

दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में यूपी के इलाहाबाद, कानपुर, फिरोजाबाद और लखनऊ भी!

उत्तर प्रदेश में वायु की गुणवत्ता – एक परिचय…  उत्तर प्रदेश जनसंख्या के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। गंगा के मैदानों में स्थित यह राज्य करीब 20 करोड़ लोगों का घर है और यहां देश का सबसे पवित्र आध्यात्मिक शहर वाराणसी भी स्थित है। दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में गिना जाने वाला ताजमहल भी इसी राज्य का गौरव है। इस ऐतिहासिक महत्ता के साथ-साथ यह राज्य अत्यन्त सघन औद्योगिक बनावट के लिये भी जाना जाता है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में उद्योगों के समूह फैले हुए हैं। ऊपरी दोआब से लेकर दक्षिण-पूर्व में पूर्वांचल तक मध्यम तथा भारी उद्योगों की पूरी श्रंखला इन क्षेत्रों के शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में छितरी हुई है। यह ध्यान देने योग्य है कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर से लेकर मध्य प्रदेश की सीमा से लगे सोनभद्र तक राज्य के सम्बन्धित प्रमुख औद्योगिक केन्द्रों में भारत में उत्पादित तापीय बिजली के करीब 10 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन होता है। ये सभी औद्योगिक केन्द्र गंगा के प्रमुख नदी बेसिन में स्थित हैं।

राजस्थान पत्रिका अखबार की सीएम वसुंधरा राजे से जंग जारी है…

राजस्थान के चर्चित न्यूजपेपर राजस्थान पत्रिका का विज्ञापन राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बंद कर रखे हैं। इसीके चलते पिछले लगभग सालभर से भी ज्यादा समय से पत्रिका अखबार मुख्यमंत्री का नाम अपने पेपर में नहीं छाप रहा है। ना ही उनकी किसी फोटो या घोषणाओं को अपने अंकों में स्थान दे रहा है। इतना ही नहीं, पत्रिका मालिकों ने अपने रिपोर्टरों और संपोदकों को भी साफतौर पर कह रखा है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कम से कम कवरेज दे।

‘प्रतिनिधि’ छोड़ ‘यूपी टीवी’ से जुड़े अमित साहु

खबर है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार अमित साहु ने प्रतिनिधि टीवी छोड़ कर ब्रजेश मिश्रा द्वारा लाए जाने वाले चैनल यूपी टीवी को ज्वाइन कर लिय है. इससे पहले वह लाइव इंडिया में दो साल तक असाइनमेंट में रह चुके हैं. अमित साहु ने भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई की है. इससे …