विनय कुमार, मनीषा, अखिलेश सोलंकी, शैलेंद्र आजरिया, गणेश वर्मा के बारे में सूचनाएं

हरियाणा न्यूज से सूचना आ रही है कि रन डाउन प्रोड्यूसर विनय कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. चैनल की मैनेजिंग एडिटर नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी अफवाहों का दौर चल रहा है कि लेकिन उनका कहना है कि वे चैनल से जुड़ी हुई हैं, कुछ समय के लिए विदेश जा रही हैं छुट्टी लेकर. इससे कुछ समय पहले प्रोग्राम प्रोड्यूसर मनीषा ने भी हरियाणा न्यूज़ में दो साल के सफर पर रोक लगाई, और नई पारी जनता टीवी के साथ शुरू की.

हिंदुस्तान बरेली से तीन लोगों ने उप श्रमायुक्त के कोर्ट में किया मजीठिया का क्लेम

बरेली से खबर आ रही है कि हिंदुस्तान अखबार के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा ने 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला ने 32,51,135 रुपये और चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा ने 25,64,976 रुपये का मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर का क्लेम उप श्रमायुक्त बरेली के यहाँ ठोंक दिया है। तीनों ने उपश्रमायुक्त बरेली से शिकायत की है कि हिंदुस्तान प्रबंधन मजीठिया के अनुसार वेतन और बकाया देय मांगने पर उनको प्रताड़ित कर रहा है। साथ ही आये दिन धमका रहा है।

छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की आड़ में कैसा खेल, बिना वेतन जिलों में काम कर रहे पत्रकार

चैनल की माइक आईडी की लग रही बोली, वसूली और धमकी का चल रहा खेल, अनशन-शिकायतों का लगा अंबार, सोशल नेटवर्क का बेजोड़ इस्तेमाल, पीएमओ तक हो रही शिकायत

इस आडियो टेप के कारण चली गई अंकित पांडेय की नौकरी, आप भी सुनें

दैनिक जागरण कानपुर में कार्यरत अंकित पांडेय की नौकरी चली गई, वजह बना एक आडियो टेप. इस टेप में अंकित बहुत सारी बातें करते हुए दिख रहे हैं. हालांकि ये बातें कुछ भी अलग नहीं है क्योंकि आमतौर पर रिपोर्टर अपने बासेज के बारे में फील्ड में अपने भरोसेमंद लोगों से ऐसे ही बतियाता है, भड़ास निकालता है.

उफ्फ… कोई क्यों करे न्यूज चैनलों में नौकरी… सुन लीजिए ये टेप…

Sadhna PRIME News ke HR, input Prashant Aur Assignment desk se assistant producer Ajay Saxena ke beech jo kaha suni huyi hai wo es es audio clip mei hai. Notebandi ke dauran ki recording hai ye. Job to gayi hi sath hi dhmki bhi di ja rahi hai.

पत्रिका, मंदसौर आफिस में कार्यरत मुरली मनोहर शर्मा की अमानवीय और घटिया हरकत

Shri Maan ji, mei Mandsaur Patrika me circulation back office or account ka work dekhta thha. 25.01.2016 Ko muje Murli Manohar Sharma davra cabin me Bulaya Gaya. Khaa Gaya ki kal se aap Ko nokari par nahi aana he. Mene uska reson puchha to bole koi reson nahi hei. Mene Khaa thik hei, mujhe letter de do aap to me kal se office nahi ayunga. Lekin letter Dene se bhi Mana kar diya.

नेशनल वॉयस, नोएडा के असाइनमेंट हेड विनय का इस्तीफा, महिंदर सिंह बोहरा ईटीवी से जुड़े

नोएडा : ‘नेशनल वॉयस’ न्यूज़ चैनल से विनय कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। विनय कुमार चैनल के शुरुआत से नोएडा ऑफिस में कार्यरत थे और यहाँ असाइनमेंट हेड के तौर पर काम कर रहे थे। ख़बरों के मुताबिक, ‘नेशनल वॉयस’ का प्रसारण अब लखनऊ से हो रहा है, जिसके बाद पुरानी टीम के काफी लोगों ने इस्तीफा दिया है। इनका इस्तीफा भी उसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है।

काम बोलता है : चार घंटे तक इमरजेंसी में कराहती रही बूढ़ी मां, बेटे को जबरन थाने में बिठाये रखा

वाराणसी। यूपी में चल रहे चुनावी दंगल में भले ही ‘काम बोलता है’ का धुन आम मानुष के लिए सुशासन होने का दावा भर रहा हो पर जमीन पर थानों में वर्दी की दबंगई के आगे आम आदमी का गूंगापन और लाचारी बोल रहा है। बीते रविवार यही नजारा देखने को मिला जब अपनी 92 वर्षीय बूढ़ी मां माया देवी को उन्हीं की बहू कंचन और उसके मामा मंगला प्रसाद ने मार-पीट कर घायल कर दिया। बेटा घनश्याम जायसवाल ने तत्काल इसकी सूचना 100 नम्बर पर डायल कर दी और पुलिस से मदद मांगी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने समझौते की बेशकीमती सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। 

TOI का पेड न्यूज : इससे ज्यादा बिकी हुई राजनीतिक खबर आज तक नहीं पढी

Chandan Srivastava : कुछ पैसे लेकर The Times of India ने आज एक पेड न्यूज अयोध्या विधानसभा से बसपा प्रत्याशी के समर्थन में छापी है। इस पेड न्यूज में मतदाताओं के बयान कुछ इस प्रकार छपे हैं-

मथुरा की मीडिया शहर के कोतवाल पर मेहरबान है या वाहन चोर गैंग पर?

अब तक आपने पुलिस की कार्यप्रणाली के खट्टे-मीठे अनुभव बहुत देखे और सुने होंगे किन्तु लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया के अनुभव शायद कभी-कभी महसूस किये होंगे या सुने होंगे लेकिन मेरे साथ घटी घटना को सुनकर शायद लोकतंत्र शर्मिंदा हो जाये लेकिन दोलत के भूखे भेड़ियों की सेहत पर इसका कोई असर पड़ेगा इसकी मुझे भी कल्पना नहीं है। वैसे मैने ढ़ाई दशक के पत्रकारिता के कार्यकाल में अपनी कलम के माध्यम से हजारों पीड़ितों की निस्वार्थ मदद कर उन्हैं राहत दिलाई है लेकिन पिछले दिनों 20 फरवरी को मेरे कार्यालय के बाहर से मेरी बाइक न. यूपी 85 यू 5666 चोरी हुई तो मुझे पुलिस के साथ-साथ मीडिया के सहयोग की जरूरत महसूस हुई। जिसमें पहले तो मुझे पुलिसिया कार्यशैली का सामना करना पड़ा और मथुरा कोतवाल से तड़का-भड़की हुई और जिसके चलते तहरीर लेने से इंकार कर दिया गया।

‘झारखंड मजीठिया संघर्ष समिति’ का गठन, 10 मार्च को रांची में धरना

झारखंड की राजधानी रांची से खबर आ रही है कि यहां उत्साही मीडियाकर्मियों ने ‘झारखंड मजीठिया संघर्ष समिति’ का गठन कर लिया है। इस बाबत बैठक रातू रोड, न्यू मार्केट स्थित राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘पूरी दुनिया’ के कार्यालय में हुई। डेढ़ दर्जन से अधिक मजीठिया कमियों की उपस्थिति में समिति की ओर से 27 फरवरी को डोरंडा स्थित श्रमाधीक्षक रांची-1 को ज्ञापन सौंपा गया है।

झंडा लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ता को पुलिस ने बुरी तरह पीटा (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश में बेलगाम पुलिस के जंगलराज का एक और वीभत्स घटनाक्रम सामने आया है. मथुरा में भाजपा के एक जुनूनी कार्यकर्ता प्रदीप बंसल को कृष्णानगर पुलिस चौकी इंचार्ज ने बुरी तरह पीटा. सिर्फ इसलिए कि वे मोटर साइकिल पर भाजपा का और राष्ट्र का झंडा लगा कर घूम रहे थे.

JFA condemns bomb threats to Manipur editors

By NJ Thakuria

Guwahati: Journalists’ Forum Assam (JFA) has expressed serious concern
over the bomb threats to two Manipur editors. The JFA condemns the
militants for their misdeeds and argues that targeting media persons
by triggering explosions would not serve any purpose, ‘rather it will
complicate the situation’.

Doordarshan has implemented the BATS

BROADCAST AIR TIME TRAFFIC SCHEDULER (BATS)

New Delhi : Doordarshan has implemented the Broadcast Air Time Traffic Scheduler (BATS) for online commercial scheduling & billing as well as for payment through SBI gateway. This is a major initiative for bringing transparency and credibility in Doordarshan operations. In Phase-I BATS has been made operational for DD National channel and DD Kisan channel.

विमलेश चमकती हुई भाषा और अलहदा मुहावरे के कवि हैं : केदारनाथ सिंह

नीलांबर कोलकाता द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 11 फरवरी को चर्चित युवा कवि कथाकार विमलेश त्रिपाठी की वाणी प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित नई कविता पुस्तक ‘कंधे पर कविता’ का विमोचन वरिष्ठ कवि  केदारनाथ सिंह के हाथों शरत सदन में संपन्न हुआ। उक्त अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि खंडवा से प्रताप राव कदम, वाराणसी से डॉ. शिवानी गुप्ता, भुवनेश्वर से डॉ. राकेश कुमार सहित कोलकाता से डॉ. शंभुनाथ, डॉ. अभिज्ञात, शैलेन्द्र शांत, डॉ. मीरा सिन्हा, डॉ. आशुतोष, पीयूष कांत राय, निशांत एवं अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।

अखिलेश यादव सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलती विष्णु गुप्त की नई किताब बाजार में आई

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमनिष्ट विष्णुगुप्त की पुस्तक धमाल मचा रही है। विष्णुगुप्त की पुस्तक का नाम ‘अखिलेश की गुंडा समाजवादी सरकार’ है। इस पुस्तक में अखिलेश यादव की सरकार के पांच वर्ष का लेखा-जोखा है वह भी भ्रष्टाचार की कहानी और वंशवाद के विस्तृत विवरण के साथ में है। पुस्तक लखनउ के साथ ही साथ वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, कानपुर, मेरठ सहित सभी जगहों पर उपलब्ध है और तेजी से आम जन तक पहुंच रही है।

‘हिन्दुस्तान’ के अधिकारियों का तानाशाह रवैया

कर्मी को नौकरी से हटाने की दी धमकी, कर्मी ने भी दिया मुंहतोड़ जवाब.. अधिकारी को दलाल बनाकर हित साधने की फिराक में प्रबंधन के होने की चर्चा जोरों पर.. रांची हिन्दुस्तान अखबार में आए दिन माहौल खराब होता जा रहा है। संपादकीय विभाग के कुछ अधिकारियों के तानाशाह रवैये के कारण माहौल खराब होने की बात कही जा रही है। तीन दिन से प्रादेशिक डेस्क का एक कर्मी अवकाश पर था। उसे एक अधिकारी ने फोन करके कहा कि अवकाश खत्म कर काम पर आओ, नहीं तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी। इस पर कर्मी ने कहा कि आप तो मुझसे बात ही मत कीजिए। आपके तानाशाह रवैये के कारण ही चार कर्मियों ने पहले ही दफ्तर आना छोड़ दिया है।

अंबाला के APRO हरदीप सिंह ने दी ट्रिब्यून के फोटोग्राफर प्रदीम मैनी को दी गाली और की बदसलूकी (सुनें टेप)

प्रदीप मैनी

प्रदीप मैनी दैनिक ट्रिब्यून अम्बाला के फोटो जर्नलिस्ट हैं. उन्हें अम्बाला के एपीआरओ हरदीप सिंह ने 14 फरवरी को अम्बाला अनाज मंडी में अम्बाला विधायक असीम गोयल जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बदसलूकी की और गाली दी. हरदीप ने आरोप लगाय कि यह पत्रकार उसके कहने पर कोई प्रोग्राम अटेंड नहीं करता. हरदीप ने सबके सामने कहा- ” साले, तेरी मान्यता रद्द कराता हूँ अभी, लेटर लिखता हूं.”

पत्रिका में शत्रुघ्न गुप्ता, आलोक पांडेय, ऋषि जैसवाल, शिवमंगल समेत कई के तबादले

शत्रुघ्न गुप्ता

पत्रिका मध्य प्रदेश में कई लोगों को इधर से उधर किया गया है। ग्वालियर पत्रिका से सिटी डेस्क इंचार्ज शत्रुघ्न गुप्ता का ट्रांसफर लखनऊ कर दिया गया है। शत्रुघ्न पिछले साढ़े तीन साल से ग्वालियर में थे। इससे पहले वह दैनिक भास्कर भोपाल, नवदुनिया भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल और दैनिक आज समेत कई अखबारों में काम कर चुके हैं। शत्रुघ्न को डेस्क का माहिर माना जाता है। लखनऊ में भी उन्हें डेस्क पर ही भेजा गया है। वह जनरल, सिटी, रीज़नल आदि डेस्क पर काम कर चुके हैं। उन्हें रिपोर्टिंग का भी काफी अनुभव है। शत्रुघ्न बनारस के रहने वाले हैं।

हिंदुस्तान से दैनिक जागरण पहुंचे मनीष शर्मा और दृगराज मद्धेशिया

हिंदुस्तान अलीगढ़ में प्रादेशिक डेस्क का काम देख रहे मनीष शर्मा ने दैनिक जागरण ज्वाइन कर लिया है. उन्हें ग़ाज़ियाबाद ब्यूरो में चीफ़ रिपोर्टर की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. काव्य प्रतिभा के धनी मनीष के करियर की शुरुआत दैनिक जागरण मेरठ से हुई थी. एक साल पूर्व वो हिंदुस्तान चले गए थे. डेस्क और रिपोर्टिंग दोनों में ही मनीष की अच्छी पकड़ मानी जाती है.

हे बाहरवीं में पढ़ने वालों, सब कुछ बनना लेकिन पत्रकार मत बनना

हे बारहवीं पास करने वाले या बारहवीं में पढ़ने वाले बच्चों, अपना कॅरियर चुनते समय तुम्हे कन्फ्यूजन हो रही होगी, सब कुछ चुनना पत्रकारिता मत चुनना. खासकर हिंदी की तो बिलकुल नहीं. इसलिए नहीं कि स्कोप नहीं है. बल्कि इसलिए कि यहाँ तुम्हारी कोइ कद्र नहीं है. ग्लैमर की दुनिया तुम्हें अपनी ओर खींचेगी…लेकिन बाहर से ये दुनिया जितनी खूबसूरत है, अन्दर से उतनी मैली. तुम्हें सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्लों में दलाल कहा जाएगा.

ये शिक्षा माफिया तो मीडिया को आइना दिखाने लगा (देखें वीडियो)

मैनपुरी के आदर्श राष्ट्रीय आवासीय विद्यालय से 10 वर्ष का छात्र सुबह 4 बजे स्कूल की 15 फ़ीट ऊँची दीवार कूद कर भाग गया. सुबह सड़क पर उसे कुत्तों ने घेर लिया. तभी राहगीरों ने उसकी मदद की और गंतव्य तक पहुंचाया. बाद में छात्र ने अपनी पीड़ा को मीडिया और परिजनों के सामने बयान किया.

राम कृष्ण ने आजतक डिजिटल और अरविंद प्रताप ने कशिश न्यूज का दामन थामा

राम कृष्ण ने अमर उजाला से इस्तीफा दे दिया है. वे यहां साढ़े तीन वर्षों से कार्यरत थे. उन्होंने नई पारी की शुरुआत आजतक डिजिटल में की है. राम कृष्ण अमर उजाला में जूनियर सब एडिटर हुआ करते थे. उन्होंने आजतक में सीनियर सब एडिटर के बतौर ज्वाइन किया है.

इन पांच गांवों के लिए ताजमहल अभिशाप, नहीं होती हैं शादियां (देखें वीडियो)

इनके लिए ताजमहल है अभिशाप, कहते हैं इसे कुवारों का गांव… बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताज 400 सालों से पर्यटकों को दीवाना बना रहा है। यहां आने वाले पर्यटक इसे प्यार की सबसे बड़ी सौगात मानते हैं। पर यही ताजमहल करीब दो हजार युवक-युवतियों के लिए अकेलेपन का सबब बन गया है। ताजमहल के पूर्वी गेट के पास स्थित गांव अहमद बुखारी, नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला तल्फी के युवक-युवतियां को कुदरत से शिकायत है कि उन्हें ताजमहल के पास के गांव में क्यों पैदा किया। यहां कुवारों की फौज तैयार हो चुकी है। ताज इस गांव के लिए अभिशाप बन गया है।

‘गधों’ के इस मौसम में गधों को महिमा-मंडित करती कुमार विश्वास की यह कविता सुन कर बिना हंसे न रह पाएंगे

अब कुमार विश्वास बोले ‘गधे’ पर…  सियासी घमासान के बीच पिछले कुछ दिनों में चंद बड़े नेताओं के ‘गधों’ से संबधित बयान पर अब आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो से ज़ाहिर है कि इसमें नेता डा कुमार विश्वास नहीं, बल्कि कवि कुमार विश्वास बोल रहे हैं। शनिवार शाम को कुमार विश्वास के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो लोड किया गया।

मजीठिया वेज बोर्ड से डरे अमर उजाला प्रबंधन ने भी डंडा चलाना शुरू किया

मजीठिया वेज बोर्ड का खौफ अखबार मालिकों पर इस कदर है कि वह सारे नियम कानून इमान धर्म भूल चुके हैं और पैसा बचाने की खातिर अपने ही कर्मचारियों को खून के आंसू रुलाने के लिए तत्पर हो चुके हैं. इस काम में भरपूर मदद कर रहे हैं इनके चमचे मैनेजर और संपादक लोग. खबर है कि अमर उजाला प्रबंधन ने मजीठिया वेज बोर्ड से बचने की खातिर कर्मचारियों का तबादला करना शुरू कर दिया है. साथ ही इंप्लाइज की पोस्ट खत्म की जा रही है.

भुलक्कड़ नितिन गडकरी (देखें वीडियो)

BALLIA में नितिन गडकरी भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र तिवारी की सभा में प्रत्याशी का नाम बार बार वीरेंद्र तिवारी लेते रहे। और, देखिए, भाषण के आखिर में कितना हवाई टाइप का वादा करते हैं गड़करी। इसी को कहते हैं चुनावी भाषण। कुछ भी बोल जाइए, कुछ भी पेल जाइए।

इंडिया टीवी के पत्रकार अभिषेक उपाध्याय के नाम खुला ख़त…

जमशेद क़मर सिद्दीक़ी


प्रिय अभिषेक उपाध्याय

बीते एक हफ्ते में आपने फेसबुक पर जो कुंठा ज़ाहिर की है, उससे अब घिन आने लगी है। सुना है आपने खाना-पीना छोड़ दिया है। खुद को संभालिये, आप ‘वो’ नहीं बन सकते इस सच को जितनी जल्दी स्वीकार लेंगे आपको आराम हो जाएगा। लकीर को मिटाकर बड़ा नहीं बन सकते आप, आपको बड़ी लकीर खींचना सीखना होगा, अपने सीनियर्स से सीखिये उन पर कीचड़ मत उछालिये। हालांकि इस मामले में आपकी चुस्ती देखकर मुझे अच्छा भी लग रहा है, ऐसा लग रहा है जैसे ‘स्वर्ग की सीढ़ियां’, ‘नाग-नागिन का डांस’ और ‘क्या एलियंस गाय का दूध पीते हैं’ जैसी स्टोरीज़ में अब आपकी दिलचस्पी कम हो गई है। ये अच्छा संकेत है, मुबारकबाद।

नेशनल वायस चैनल के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्र के पिता अवध नारायण मिश्रा का निधन

नेशनल वायस न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्र के पिता अवध नारायण मिश्र का बीते दिनों निधन हो गया. उनके निधन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों, गणमान्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है. अवध नारायण मिश्र भी पत्रकारिता के पेशे से लम्बे समय तक जुड़े रहे हैं और अपने लेखन के ज़रिये उन्होंने समाज की तमाम विसंगतियों के खिलाफ संघर्ष किया. उनका कौशाम्बी के कड़ा घाट पर बड़ी संख्या में संभ्रात लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया. मुखाग्नि उनके बड़े शैलेश मिश्र ने दी.

पीएम मोदी के घर पर एसपीजी की महिलाएं रात में ड्यूटी क्यों नहीं करना चाहतीं?

Sanjaya Kumar Singh : प्रधानमंत्री के घर और निजता से संबंधित ये कैसी खबर? इस बार के “शुक्रवार” (24 फरवरी – 02 मार्च 2017) मैग्जीन में एक गंभीर खबर है। पहले पेज पर प्रमुखता से प्रकाशित इस खबर का शीर्षक है, “फिर विवादों में घिरी एसपीजी” लेकिन यह प्रधानमंत्री निवास से संबंधित विवाद खड़ा कर रही है। खबर के मुताबिक एसपीजी की महिला सुरक्षा कर्मियों ने अपने आला अफसरों से गुहार लगाई है कि उन्हें रात की ड्यूटी पर न रखा जाए।

रवीश को रवीश में उलझाना एक साज़िश है!

Sheeba Aslam Fehmi : जबकि पत्रकारिता पर गहरा नैतिक संकट आया हुआ है और मौजूदा दौर के लिए ज़रूरी हैं रवीश कुमार, तो सत्ता यही चाहेगी की रवीश खुद खबर बन जाएं और सफाई देने में उलझे रहें. लेकिन हमें सतर्क रहना होगा. इस मामले में रवीश खुद बेहद सतर्क हैं. अपने काम में निजी जीवन का कोई पहलू कभी आड़े ना आये इसके लिए उनके कई नियम और त्याग तो मैं भी जानती हूँ.

मीडिया में एकाधिकार और मीडिया हाउसों का कारपोरेट घरानों द्वारा अधिग्रहण भी पेड न्यूज की कैटगरी में शामिल

पेड न्यूज अर्थात प्रायोजित समाचार। इस गम्भीर मसले पर अंकुश लगाने के लिए  सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश में राजनैतिक दलों या व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा सभी विज्ञापनों के मीडिया के जाने के पहले पूर्व दर्शन, संवीक्षण तथा सत्यापन के लिए एक समिति का गठन किया गया है जिसका नाम है ‘‘मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति’’ जिसे संक्षेप में एम0सी0एम0सी0 के नाम से कहा जा सकता है। पेड न्यूज पर नियंत्रण के लिए इस समिति के गठन के निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए। 

तोड़ डालो कॉलर पकड़ने वाले बदतमीज प्रबंधन का हाथ!

हाथ तोड़ दो जो तुम्हारा कॉलर पकड़े। मुंह तोड़ दो जो तुमको गाली दे। मैं यह बात हिन्दुस्तान अखबार के उन कर्मियों से ही नहीं कह रहा हूं, जिनके साथ उनके प्रबंधन ने बदतमीजी की है। मैं उन सभी मीडियाकर्मियों से कह रहा हूं, जिनके साथ उनका प्रबंधन बदतमीजी कर रहा है। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा जेल ही तो जाना पड़ेगा। जेल तो भगत सिंह भी गए थे। दमन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेल तो जाना ही पड़ता है।

‘बागों में बहार है’ के लिए रवीश को सज़ा..?

टीवी एंकर रवीश कुमार के भाई पर यौन शोषण का आरोप क्या लगा मानों कुछ गुमनाम पत्रकारों को अपने नाम को सुर्खियों में लाने का मौका मिल गया…रवीश कुमार पर इन पत्रकारों के हमले से मुझे जलन की बू आ रही है…वो इसलिए कि… शायद रवीश के साथ जिन पत्रकारों ने अपना सफर तय किया था उन्हें वक्त के साथ उतनी शोहरत नहीं मिली जितनी उन्होंने ख्वाहिश पाल रखी थी… और रवीश ने रोज नए- नए मकाम हासिल कर अपनी एक अलग पहचान बनाई…

हिंदुस्तान, मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह का सड़क हादसे में निधन

Sami Ahmad : भाई विजय सिंह कल रात सड़क हादसे में हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। ज़िंदादिल इंसान। हौसला हमेशा साथ। जब मोतिहारी के ‘तास’ की बात निकलती फ़ौरन दावत देते, आइये ना भैया। मैं भी भैया ही कहता। लेकिन ऐसी खबर पर अब मैं चौंकता नहीं क्योंकि मुज़फ्फरपुर के साथ यह बदकिस्मती बहुत पुरानी हो गयी है। एक तो इस पेशे की मजबूरी है, देर रात लौटने की। जो बचे बस उनकी किस्मत है वरना अपने इलाके में कौन कब सड़क हादसे का शिकार हो जाए और किस पर कब बिजली का तार गिर जाए, कहा नहीं जा सकता। वैसे भी हमारे समाज में ऐसी मौतों को कभी गम्भीरता से नहीं लिया जाता।

रवीश कुमार सब करने ही लगेगा तो नंगों के बीच बदनाम कब होगा!

प्राइम टाइम को रामजस कॉलेज में बदलना खेल नहीं था -रवीश कुमार- गुरुवार सुबह नौ बजे जब हम मूलचंद फ्लाईओवर से एंड्र्यूज गंज केंद्रीय विद्यालय की तरफ उतर रहे थे, तभी कार की खिड़की से देखा कि थोड़ी दूर एक बुज़ुर्ग अपना नियंत्रण खोते हैं और स्कूटर से गिर जाते हैं। टक्कर कैसे लगी, यह …

अखिलेश यादव जी, कहां हैं हत्यारे?

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कार्यकाल लगभग समाप्ति के दौर में है। अगली सरकार के लिए जद्दोजहद अंतिम चरण मे है। अखिलेश यादव पूरे पांच वर्ष तक सूबे की सत्ता पर निष्कंटक राज करते रहे लेकिन इस दौरान उन्होंने एक बार भी डॉ. योगेन्द्र सिंह सचान हत्याकाण्ड को लेकर किए गए वायदों को याद करने की कोशिश नहीं की। बताना जरूरी है कि अखिलेश यादव ने (डॉ. सचान हत्याकाण्ड के दो दिन बाद 24 जून 2011) पत्रकारों के समक्ष डॉ. सचान की मौत को हत्या मानते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। डॉ. सचान के परिवार से भी वायदा किया था कि, उन्हें न्याय दिलाने के लिए किसी भी हद तक जाना पड़े, वे और उनकी समाजवादी पार्टी पीछे नहीं हटेगी। लगभग छह साल बाद की तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि अखिलेश यादव ने अपना वायदा पूरा नहीं किया। डॉ. सचान का परिवार पूरे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से न्याय की आस लगाए बैठा रहा। शायद डॉ. सचान की आत्मा भी मुख्यमंत्री  से यही पूछ रही होगी कि, कहां हैं हत्यारे!!

कर चोरी करने वाले मीडिया हाउस के साथ खड़ी है मप्र सरकार!

भोपाल भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे एक बड़े मीडिया हाउस के एक प्रोग्राम में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का पूरा का पूरा मंत्रिमंडल ही शिरकत करते नजऱ आया। कांग्रेस के भी कई विधायक वहां मौजूद थे। इस कार्यक्रम के लिए पूरे भोपाल को अवैध तरीके से लगाये गये चौराहों, खम्बों, दिवालों को पोस्टर होर्डिंग से पाट दिया था। पिछले छह दिन से नगर निगम देखकर भी अंधा हो गया था।

मजीठिया मामले में काश सुप्रीमकोर्ट ऐसा कर देता!

देश के अधिकांश अखबार मालिकों के खिलाफ माननीय सुप्रीमकोर्ट में अवमानना का केस चल रहा है। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में अभी डेट नहीं पड़ पा रही है। अगर माननीय सुप्रीमकोर्ट कुछ चीजें कर दे तो सभी अखबार मालिकों की नसें ना सिर्फ ढीली हो जायेंगी बल्कि देश भर के मीडिया कर्मियों को इंसाफ भी मिल जायेगा। इसके लिये सबसे पहले जिन समाचार पत्रों की रिपोर्ट कामगार आयुक्त ने सुप्रीमकोर्ट में भेजी है उसमें जिन अखबार मालिकों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू किया है या आंशिक रुप से लागू किया है ऐसे अखबारों के मैनेजिंग डायरेक्टर, डायरेक्टर, पार्टनर और सभी पार्टनरों को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुये उनके खिलाफ कामगार आयुक्त को निर्देश दें कि उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा दें और सभी जिलाधिकारियों, तहसीलदारों को निर्देश दें कि उनके खिलाफ रिकवरी कार्रवाई शुरू की जाये। उनको जमानत भी माननीय सुप्रीमकोर्ट से तभी प्राप्त हो जब वे मीडियाकर्मियों को उनका पूरा बकाया एरियर वेतन तथा प्रमोशन दें।

हिमगिरि एक्सप्रेस के सेकंड एसी में comesum catering ने परोसा सड़ा खाना, चोरों ने ब्रीफकेस उड़ाया

हावड़ा से लखनऊ जाने वाली गाड़ी हिमगिरि एक्सप्रेस के सेकंड एसी के A1 कोच में comesum catering द्वारा मुग़लसराय स्टेशन पर सड़े खाने की सप्लाई की गई। इस सड़े खाने के बारे में पूछने पर वेंडर ने बदतमीजी की। श्री संजीत कुमार, जो कि देवघर में एक सीमेंट व्यवसायी हैं, का 26″ का VIP का मैरून रंग का ब्रीफ़केस क्विल जं. और पटना के बीच में चोरी हो गया। बक्सर में GRP ने आकर खानापूरी करते हुवे फॉर्मल FIR लॉज कर लिया है।

पांडे जी पांडे जी… गो माता को कटवाता जी…

Yashwant Singh : पुलिस अफसर अगर इमानदार बन जाएं, सत्ताधारियों की परवाह करना बंद कर दें और अपना दायित्व निभाते हुए काले कारनामे वालों का स्टिंग करना शुरू कर दें तो बस हफ्ते भर में सारी बुराइयां दूर हो जाएंगी… एक आईपीएस अफसर ने एक स्टिंग किया.. नतीजा हुआ, तबादला.. पुरानी लेकिन रोचक कहानी है… …

अविनाश दास की फिल्म ‘आरा वाली अनारकली’ का प्रोमो / ट्रेलर रिलीज

Harsh Vardhan Tripathi : हम और अविनाश दास विचार के दो छोरों पर ज्यादातर खड़े रहे। वेबसाइट, ब्लॉगिंग के शुरुआती दिनों में जब हम मुंबई में थे और अविनाश दिल्ली में, तब हमारी जान-पहचान-झूमाझटकी हुई थी। हम सीएनबीसी आवाज मुंबई में थे और अविनाश एनडीटीवी दिल्ली में। अब अविनाश मुंबई में हैं और हम दिल्ली में। मुंबई जाकर अविनाश फिल्म निर्देशक हो गए हैं। उनकी फिल्म आ रही है, ये आरा वाली अनारकली की कहानी है। प्रोमो भर देख लीजिए, फिल्म देखने खुद जाइएगा। पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने अविनाश की सफलता की ये शुरुआत है। प्रोमो देखते मुझे इस फिल्म पर कुछ-कुछ गैग्स ऑफ वासेपुर की छाप दिखी।

बालभोगी बनाम भुक्तभोगी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे एक छात्रनेता पर छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन (NSUI) से जुड़े छात्रनेता ने एक नारा उछाला। बालभोगी, बालभोगी। विद्यार्थी परिषद के लोगों ने दूसरा नारा निकाल लिया। भुक्तभोगी, भुक्तभोगी। जब तक बालभोगी का आरोप था वो मजे का विषय था। परिषद में काम करने वाले उस समय के हर कार्यकर्ता का मजाक ये कहकर उड़ाया जा सकता था।

पत्रकारिता की राह पर शंभूनाथ शुक्ला का सफर… कुछ यादें, कुछ बातें

मैं बनवारी जी से मिलने साढ़े चार सौ किमी की यात्रा तय कर दिल्ली आ गया वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल जब से विजुअल मीडिया का दौर आया है पत्रकारिता एक ग्लैमरस प्रोफेशन बन गया है। पर हमारे समय में दिनमान ही पत्रकारिता का आदर्श हुआ करता था और रघुवीर सहाय हमारे रोल माडल। लेकिन उनकी …

किसी को यकीन नहीं हो रहा युवा पत्रकार राजुल निगम अब नहीं रहे

स्व. पत्रकार राजुल निगम की विभिन्न तस्वीरें…

सुल्तानपुर के पत्रकार जगत के महानायक थे राजुल निगम… महान व्यक्तित्व के धनी पत्रकार थे राहुल निगम। इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य तो किया ही, पत्रकारिता की लाज बचाने के लिए अतुलनीय कार्य किया। सुल्तानपुर का पत्रकार जगत आज अपने एक महानायक राजुल निगम को खो कर एक खालीपन अधूरेपन अपूर्णता का एहसास कर रहा है। राजुल निगम जी न्यूज सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहे और अपने कार्यों की बदौलत समाज में अपनी एक प्रतिष्ठित जगह बनायी, साथ ही पत्रकारिता की शुचिता और पत्रकारों के सम्मान के लिए सदैव आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी।

क्या संभावना तलाशने को होली बाद यूपी में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के 7 चरणों में से 4 चरण पूरे हो चुके हैं, शेष तीन चरण भी डेढ़ सप्ताह में निपट जायेंगे और ठीक पन्द्रहवें दिन (फाल्गुन शुक्ल चौदस) 11 मार्च को परिणाम आ जायेगा। फिलहाल सत्ता के तीनों दावेदार भाजपा, बसपा व सपा-कांग्रेस गठबंधन एक स्वर में 300 सीटें जीतने का दावा कर रही हैं। चूंकि मतदान प्रक्रिया के बीच किसी तरह हवा के रुख को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, किन्तु नेताओं के भावात्मक आवेश, अमर्यादित शब्दाबली एवं सत्ता के तीनों दावेदारों के निरंतर बनते-बिगड़ते  आन्तरिक हालात निश्चित रूप से ‘‘त्रिशंकु विधानसभा’’ के संकेत जन-जन की जुवां से सुने जा सकते हैं।

भाजपा का मुद्दा हिन्दू-मुस्लिम पर आकर क्यों अटक जाता है?

…आखिर कब तक काटोगे नफरत की राजनीति की फसल? उत्तर प्रदेश में चुनावी घमासान चल रहा है। वैसे तो कई संगठन चुनावी समर में हैं पर असली मुकाबला सपा-कांग्रेस गठबंधन, बसपा और भाजपा के बीच है। बसपा भापजा पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था पर उंगली उठा रही है तो सपा सरकार की उपलब्धियां गिना रही है और कांग्रेस केंद्र सरकार की खामियां गिनाकर अपने को साबित कर रही है। इन सबके बीच भाजपा केंद्र में ढाई साल से ऊपर हो जाने के बावजूद भावनाओं का सहारा लेकर वोटों का ध्रुर्वीकरण करने का खेल खेल रही है।

पत्रकारिता में शौक से आये हो या इसे अपना करियर बनाना चाहते हो?

‘भ्रष्ट इंडिया कंपनी’ से मुक्ति का मार्ग ‘आजादी का दूसरा संघर्ष’ है…  छब्बीस जनवरी बीते एक माह गुजर गया है और पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव का अंतिम दौर चल रहा है। इस एक महीने के अंतराल में भारतीय लोकतंत्र के मौजूदा स्वरूप को लेकर अनेक तरह के विचार हवा में तैरते रहे। यह पहला मौका है जब चुनाव में न तो राष्ट्रीय फलक पर और न क्षेत्रीय या स्थानीय स्तर पर ही कोई मुद्दा चर्चा में है। इसके बरअक्स निचले स्तर के सामान्य चुनावी प्रचारकों से लेकर राष्ट्रीय स्तर के बडे़ नेताओं, यहाँ तक कि प्रधानमंत्री की भी, भाषा-शैली के घटते स्तर को लेकर हर जागरूक व्यक्ति चिंतित और शर्मसार नजर आ रहा है।

नोएडा में नए लाईव वेब पोर्टल का आगाज़

साईबर युग में पत्रकारिता के बदलते स्वरुप और नई चुनौतियों के बीच नोएडा फिल्म सिटी में लाईव वेब न्यूज पोर्टल ने आगाज़ किया है। शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर देश के कई प्रमुख लोगों ने अपनी ऊंगलियों से की-बोर्ड पर क्लिक मार कर बालाजी ग्रुप के लाईव वेब पोर्टल 24×7 Live इंडिया को लाँच किया। इस अवसर पर ग्रुप के चेयरमैन राघवेंद्र गौड़ा और सीइओ गंगेश गुंजन भी मौजूद थे।

मजीठिया वेज बोर्ड से घबड़ाये हिन्दुस्तान प्रबंधन ने कर्मचारियों से लिया त्यागपत्र

एक नयी कंपनी एच टी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड में कराया गया ज्वाईन

देश के प्रतिष्ठित अखबार हिन्दुस्तान से खबर आ रही है कि जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अवमानना मामले से घबड़ाये प्रबंधन ने संपादकीय विभाग में कुछ संपादक लेबल के या पुराने लोगों को छोड़कर बाकी सभी से त्यागपत्र ले लिया है और इन सभी को एक नयी कंपनी एचटी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड में ज्वाईन करा दिया गया है। साथ ही जितने भी हिन्दुस्तान के संपादकीय विभाग के कर्मचारी हैं, अधिकांश से जबरी इस्तीफे पर साईन करा लिया गया है।

भाजपा के पक्ष में प्रायोजित तरीके से लिखने वाले प्रदीप सिंह कोई अकेले पत्रकार नहीं हैं

संजय कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

Sanjaya Kumar Singh : चुनाव जीतने की भाजपाई चालें, मीडिया और मीडिया वाले… उत्तर प्रदेश चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं। भक्त, सेवक, कार्यकर्ता, प्रचारक सब अपनी सेवा भक्ति-भाव से मुहैया करा रहे हैं। इसमें ना कुछ बुरा है ना गलत। बस मीडिया और मीडिया वालों की भूमिका देखने लायक है। नए और मीडिया को बाहर से देखने वालों को शायद स्थिति की गंभीरता समझ न आए पर जिस ढंग से पत्रकारों का स्वयंसेवक दल भाजपा के पक्ष में लगा हुआ है वह देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। कहने की जरूरत नहीं है कि भाजपा एक सांप्रादियक पार्टी है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था का पालन मजबूरी में ही करती है।

आरोपी रवीश पांडे का भाई है तो क्या अपराध सिद्ध होने तक खबर भी न चलाओगे?

Abhishek Upadhyay : ये अखबार वाले भी न। ये भी नही समझते एनडीटीवी वाले रवीश पांडेय माफ़ कीजिएगा, रवीश कुमार के प्रताप को। अब कल मैंने जो लिखने से मना किया था। आज वही छाप दिए। दंग हूँ मैं आज का टाइम्स ऑफ़ इंडिया पढ़कर। ये तो खबर छाप दिए है बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष और बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बेहद करीबी ब्रजेश पांडेय सेक्स स्कैंडेल में फंसे। पद से इस्तीफ़ा दिए। रेप के साथ-साथ पॉस्को (बच्चों का शोषण वाली धारा) भी लगा। हाँ हाँ वही। एनडीटीवी वाले रवीश पांडेय (उफ़ ये आदत), माफ़ कीजिएगा, रवीश कुमार के सगे बड़े भाई ब्रजेश पांडेय।

उमाशंकर मिश्र ने ‘अमर उजाला’ को कहा गुडबॉय, ‘विज्ञान प्रसार’ में नई जिम्‍मेदारी

अमर उजाला अखबार में करीब साढ़े छह साल की लंबी पारी के बाद उमाशंकर मिश्र को विज्ञान प्रसार में नई‍ जिम्‍मेदारी दी गई है। इससे पहले उमाशंकर मिश्र ग्रामीण विकास पर केंद्रित इन्‍फोडर्स की पत्रिका सोपान स्‍टेप में पांच वर्ष तक कार्य कर चुके हैं। को‍टा स्थित वर्धमान महावीर खुला विश्‍वविद्यालय से हिंदी वेब पत्रकारिता पर शोध कर रहे उमाशंकर मिश्र को खासतौर पर ग्रामीण विकास, कृषि एवं पर्यावरण संबंधी विषयों की रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। फिलहाल उमाशंकर विज्ञान प्रसार की इंडिया साइंस वायर (आईएसडब्‍ल्‍यू) नामक परियोजना से जुड़े हैं, जो देश में विज्ञान सबंधी खबरें और फीचर्स देने वाली देश की एकमात्र एजेंसी बनने की अग्रसर है।

यह हमला रवीश पर नहीं, आलोचना का साहस रखने वाली पत्रकारिता पर है : ओम थानवी

Om Thanvi : आलोचक उनके लिए दुश्मन होता है; ‘दुश्मनी’ निकालने का उनके पास एक ही ज़रिया है कि आलोचक को बदनाम करो, उसका चरित्र हनन करो। भले वे विफल रहें, पर जब-तब अपनी गंदी आदत को आज़माते रहते हैं। उनकी आका भाजपा की वैसे ही रवीश से बौखलाहट भरी खुन्नस है। रवीश कुमार फिर उनके निशाने पर हैं। रवीश के भाई ब्रजेश बिहार में चालीस साल से कांग्रेस की राजनीति करते हैं।

भाई दोषी है तो कोर्ट सजा दे, इसमें मेरी क्या गलती है : रवीश कुमार

बिहार के टीवी पत्रकार संतोष सिंह से बातचीत में रवीश कुमार ने कहा कि अगर भाई दोषी है तो कोर्ट उन्हें सजा दे, इसमें मेरी क्या गलती है. पढ़िए संतोष सिंह की पूरी पोस्ट…

आगरा में कवरेज कर रहे पत्रकार फरहान खान के साथ पुलिस ने की हाथापाई (देखें वीडियो)

आगरा की पुलिस ने पत्रकारों को भी नही बख्शा. थाना एत्माउद्दोला ट्रांस यमुना के चौकी इंचार्ज ने की टीवी चैनल के पत्रकार से की हाथापाई. वर्दी के रोब में धमकाते हुये कहा कि तुझे लौटकर देखता हूं. पूरा नजारा हुआ कैमरे में कैद. आगरा के पत्रकार फरहान खान थाना एत्मादौला पर कवरेज करने के लिए गये थे. तभी अचानक वहां चौकी इंचार्ज मनोज भाटी आ गए और कवरेज कर रहे पत्रकार से हाथापाई शुरू कर दी. भद्दी भद्दी गालियां दी.

Oppose attempts at reducing the status of National languages to local languages

On the occasion of International Mother languages Day, today, we announce the inauguration of Bharatiya Bhasha Samooh and declare our intention to make people aware of the imminent threat to their languages. We will resist and expose every attempt  to downgrade Indian languages.

लड़कियों ने मजनू का यूं भगाया भूत (देखें वीडियो)

ताजनगरी में सरेराह युवतियों ने एक मजनू पर से प्यार का भूत उतार दिया. जमकर की मजनू की पिटाई. लाइव पिटाई कैमरे में हुई कैद. मामला आगरा के थाना एत्मादपुर के बरहन चैराहे के पास का है. एक युवक को चार लड़किया मिल कर मार रही हैं. युवक कई दिनों से एक युवती को परेशान कर रहा था. उससे आये दिन छेड़छाड़ करता था.

और अब दिल्ली विश्वविद्यालय… : ‘द क्विंट’ की तरुनी और ‘न्यूज़क्लिक’ की अपूर्वा समेत कई घायल

विश्वविद्यालयों में आरएसएस के विद्यार्थी विंग एबीवीपी की, सरकारी-पुलिसिया संरक्षण में चलने वाली गुंडागर्दी अपने चरम पर है. 3 फरवरी को जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में जेएनयू की प्रो. निवेदिता मेनन के व्याख्यान पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने हंगामा किया था और राष्ट्रद्रोह की शिकायत भी दर्ज कराई थी. विश्वविद्यालय ने एबीवीपी के फतवे को सरकारी हुक्म का दर्जा देते हुए 17 फरवरी को उस व्याख्यान की आयोजक, अंग्रेज़ी विभाग की प्रो. राजश्री राणावत को सस्पेंड कर दिया. अब दिनांक 20.02.2017 को दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में ‘कल्चर्स ऑफ़ प्रोटेस्ट’ पर आयोजित दो-दिवसीय सेमीनार में वक्ता के रूप में आमंत्रित जनेवि के उमर ख़ालिद और शहला रशीद को बोलने से रोकने के लिए एबीवीपी ने तोड़-फोड़ और हंगामा किया और अपने मकसद में कामयाब रही.

भक्तों की टोली को हुआं हुआं करने दो, रविश का बाल भी बांका न कर सकेंगे शिकारी

Sheeba Aslam Fehmi : बेदाग़ करियर वाले सेक्युलर बुद्धिजीवियों को घेरने के लिए एक ही रास्ता बचा है की यौन शोषण का आरोप लगा दो. जहाँ आरोप लगाने वाले को कुछ साबित नहीं करना पड़ता. अगर वो ख़ुद बेहद्द सतर्क हों तो कोई बात नहीं परिवार के किसी सदस्य पर लगा दो, और भक्तों की टोली हुआं हुआं करती सोशल मीडिया के ज़रिये जान ले लेगी. लेकिन रविश ने बीस साल के बेदाग़, रौशन करियर में घास नहीं छीली है, उन्होंने जो इज़्ज़त, भरोसा और समर्थन हासिल कर लिया है, उसके रहते शिकारी उनका बाल बांका नहीं कर सकेंगे.

रवीश कुमार को बिना सुनवाई के ही फांसी पर टांग देना चाहिए!

Nitin Thakur : मुझे बिलकुल समझ नहीं आ रहा है कि ये सरकार रवीश कुमार को इतनी मोहलत क्यों दे रही है। उन्हें तो बिना सुनवाई के ही फांसी पर टांगा जाना चाहिए। आखिर किसी पत्रकार के भाई का नाम सेक्स रैकेट चलाने में आए और फिर भी पत्रकार को खुला घूमने दिया जाए ऐसा कैसे हो सकता है? पहले तो उनके भाई ब्रजेश पांडे ने लहर के खिलाफ जाकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली.. ऊपर से टिकट लेकर विधायकी लड़ने का जुर्म किया.. इसके बाद भी ना ब्रजेश पांडे में राष्ट्रवाद ने उफान मारा और ना ही उन्हें देश के हिंदुओं की कोई फिक्र हुई.. कांग्रेस में ही उपाध्यक्ष का पद लेकर राजनीति जारी रखी।

DUJ CONDEMNS ATTACKS ON MEDIA, TEACHERS, STUDENTS IN DU

The Delhi Union of Journalists expresses its anger and anguish at the attacks on journalists, teachers and students on the Delhi University campus yesterday. There were several assaults on journalists covering the disturbances, by protesters as well as police who did not wear nametags. Phones were snatched, cameras grabbed and photographic evidence of the violence was destroyed. 

सातवें हफ्ते की टीआरपी : आजतक फिर बना नंबर वन, न्यूज18 इंडिया की उड़ान जारी

इस साल के सातवें हफ्ते की नेशनल न्यूज चैनलों की टीआरपी देखने पर पता चलता है कि आजतक फिर से नंबर वन चैनल बन गया है. दो हफ्ते तक इंडिया टीवी की मार खाने के बाद आजतक ने वापस अपनी जगह पा ली है और इंडिया टीवी को फिर से नंबर दो होने के लिए बाध्य कर दिया है.

पत्रकार अतुल सिंघल अंडमान के उप राज्यपाल डॉ. जगदीश मुखी के सूचना सलाहकार बने

पत्रकार अतुल सिंघल अंडमान के सूचना सलाहकार बनाये गये हैं। वे अंडमान के उपराज्यपाल डॉ. जगदीश मुखी के दिल्ली कार्यालय का कार्यभार संभालेंगे। 1993  में प्रिंट मीडिया से शुरुआत करने वाले अतुल कई वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रहे हैं।

मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई फिर टली

देश भर के प्रिंट मीडियाकर्मियो के वेतन, एरियर और प्रमोशन से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुनवाई  माननीय सुप्रीमकोर्ट में २३ फरवरी को होनी थी मगर  तकनीकि रीशैडेयुलिंग की वजह से अब आज २३ फरवरी को इस मामले की सुनवाई नहीं हो पायेगी। इस मामले की अगली डेट जल्द पड़ने की संभावना है।

ज्योति जासवाल ने एबीपी न्यूज़ को कहा अलविदा

एबीपी न्यूज़ के साथ साढ़े 3 साल काम करने के बाद ज्योति जायसवाल ने अब इस संस्थान को अलविदा कह दिया है। ज्योति अब इंडिया टीवी की वेबसाइट ‘खबर इंडिया टीवी’ के साथ नई पारी की शुरुवात कर रही हैं।

हिन्दुस्तान रांची के एचआर हेड हासिर जैदी के खिलाफ प्राथमिकी

मजीठिया मांगने पर मीडियाकर्मियों का कालर पकड़कर धमकी देने का मामला : झारखंड की राजधानी रांची से खबर आ रही है कि यहां हिन्दुस्तान के एचआर हेड हासिर जैदी के खिलाफ पुलिस महकमे में आनलाईन प्राथमिकी कराई गई है। उनके खिलाफ हिन्दुस्तान के दो कर्मियों मुख्य उप संपादक अमित अखौरी और वरीय उप संपादक शिवकुमार सिंह के साथ बदसलूकी और गाली गलौज करने का आरोप है।

अखबार मालिकों के दबाव में काम कर रहा है महाराष्ट्र का कामगार विभाग

मजीठिया वेज बोर्ड की त्रिपक्षीय समिति की दूसरी बैठक संपन्न : पत्रकार और पत्रकारेत्तर कर्मचारियों के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड को अमल में लाने के लिए महाराष्ट्र में गठित प्रबंधन, पत्रकारों और कामगार अधिकारियों की त्रिपक्षीय समिति की बैठक मुम्बई के कामगार भवन में सम्पन्न हुयी। इस दूसरी बैठक की अध्यक्षता कामगार उपायुक्त (ग्रामीण) तथा समिति सदस्य सचिव सुबा बागल ने की।

महाराष्ट्र में अखबारों के फर्जीवाड़े पर सुप्रीम कोर्ट में केस करने की तैयारी

महाराष्ट्र का कामगार विभाग कामगारों के लिये नहीं बल्कि अखबार मालिकों के हित में काम कर रहा है। जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त कार्यालय ने हाल में ही एक सूची जारी की है जिसमें उन अखबारों के नाम है जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया है।

हिन्दू और मुसलमान दोनों पानीपत की तीसरी लड़ाई के घाव आज तक सहला रहे हैं

किसी व्यक्ति परिवार या समाज में कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं कि वे सब कई पीढियों तक उस घटना से प्रभावित होते रहते हैं। ये प्रभाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी। ऐसी ही एक घटना है सन १७६१ में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई। इस लड़ाई के बारे में जानने से …

हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन रिलायंस से डील को लेकर अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहा?

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान टाइम्स के मिंट और दिल्ली एडिशन के रिलायंस के मुकेश अम्बानी को बेचे जाने से सम्बंधित डील को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं. हर कोई ये जानना चाहता है कि क्या वाकई हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन और रिलायंस के बीच कोई डील हुयी है? हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन इस पर कुछ बोल नहीं रहा है और ना ही अपना पक्ष रख रहा है। ना ही इस खबर का खंडन किया जा रहा है। यानि कुछ न कुछ तो शोभना भरतिया और रिलायंस के बीच खिचड़ी पकी है।

ज़बरदस्ती में भाई लोग एनडीटीवी वाले रवीश पांडेय के पीछे पड़ गए हैं!

Abhishek Upadhyay : ज़बरदस्ती में भाई लोग एनडीटीवी वाले रवीश पांडेय के पीछे पड़ गए हैं। अरे भई, हाँ। रवीश कुमार। अब खानदानी नाम रवीश पांडेय है तो क्या हुआ? सेक्युलर हैं। सर्वहारा समाज के प्रतिनिधि हैं। रवीश कुमार ही सूट करता है। अब क्या हो गया जो इन्ही रवीश पांडेय, माफ़ कीजिएगा रवीश कुमार के बड़े भाई ब्रजेश पांडेय बलात्कार के मुकदमे में हैं।

महानदी, पैरी एवं सोढूर नदियों के संगम स्थल पर राजिम कुंभ में आस्थावानों का मेला

रायपुर से करीब चालीस किमी दूर गरियाबंद जिले के राजिम कुंभ मेले में पहुंचकर जैसे आत्मा तृप्त हो गई.. छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निजी सचिव मनोज शुक्ला जी ने मेरे लिए कुंभ स्थल तक जाने का प्रबंध किया.. कुंभ मेले में पहुंच कर मैंने बेहद विहंगम दृश्य देखा..जिधर भी मेरी नजर गई साधू संत भक्ति में लीन मिले.. यही नहीं दूर दराज से आए आम जन भी धुनी रमाए हुए आस्था के सागर में गोते लगाते मिले..

अब हमारे जैसे लोगों के लिए मीडिया में कोई जगह नहीं बची है

मीडियाकर्मी इसे अच्छी तरह समझ लें कि उनकी कार्यस्थितियों को नर्क बनाने से लेकर उनका सीआर खराब करने और उसी के आधार पर उन्हें काम से निकालने में मीडिया के मसीहा तबके की शैतानी भूमिका हमेशा निर्णायक होती है। कारपोरेट हितों के मुताबिक अपनी चमड़ी बचाने और जल्दी जल्दी सीढ़ियां छलांगने के लिए यह तबका किसी की भी बलि चढ़ाने से हिचकता नहीं है।

Senior journalist O P Thomas Passed Away

Mumbai : Senior journalist and Press Club member O P Thomas passed away last night after putting up a valiant fight against cancer for over 6 months. He was 54. OP Thomas worked with several leading newspapers and agencies such as UNI, The Economic Times, Dow Jones, Financial Express, Times of India and DNA among others.

गलत जानकारी प्रकाशित कर रहा हिंदुस्तान अखबार

हिंदुस्तान अखबार गलत खबर छापकर लोगों को कर रहा है भ्रमित. मंगलवार को हिंदुस्तान अखबार ने मेरठ अंक के पेज तीन पर खबर छापी कि आज मेरठ से इलाहाबाद जाने वाली संगम एक्सप्रेस रद्द रहेगी।

रवीश के भाई बृजेश पांडेय पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप!

Dayanand Pandey : अब बताईए कि एनडीटीवी वाले अपने रवीश कुमार के भाई बृजेश पांडेय फ़रार हो गए हैं। सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में बिहार पुलिस उन्हें खोज रही है। बृजेश पांडेय बीते बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ कर हार चुके हैं।

अंधविश्वास फैलाते चर्च!

छत्तीसगढ़ का पिछड़ा और वनवासी इलाका है जशपुर। झारखंड और ओडिसा दोनों ही राज्यों की सीमाएं जशपुर से लगी हुई हैं। यहां पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, नगेशिया उरांव इत्यादि वनवासियों का संरक्षित जनजातियां निवास करती हैं। लीची, आलू, आम जैसे खाद्य पदार्थ यहां बहुतायात में होते हैं। लेकिन इनकी पैदावार का कोई खास फायदा यहां के वनवासियों को नहीं मिलता, यही कारण है कि यहां गरीबी, अशिक्षा, पलायन, मानव तस्करी जैसी समस्याओं से अमूमन हर वनवासी ग्रस्त है। उनकी इन्हीं परेशानी का फायदा यहां काम कर रही मिशनरीज़ उठाती हैं। धर्मांतरण यहां जोरों पर है। लेकिन इस बार मेरी जशपुर यात्रा में एक नया तथ्य सामने आया। वह यह कि चर्च यहां अंधविश्वास भी फैला रहे हैं।

नारद राय ने बसपा की रैली में सपा को जिताने की अपील कर दी (देखें वीडियो)

राय साहब अपने पुराने घर को नहीं भूल पा रहे हैं… बलिया में बसपा की रैली में सपा को जिताने की अपील कर दी. नारद राय हाल में ही सपा को छोड़कर बसपा में शामिल हुए. वे बसपा की चुनावी रैली में मंच से बोल गए कि सपा को जिताएं.

अखिलेश यादव संग साइकिल चलाते राहुल कंवल का चमचई भरा इंटरव्यू पेड न्यूज़ ही तो है!

अखिलेश यादव के साथ साईकिल चलाते हुए ‘आज तक’ के राहुल कंवल का आधा घंटे का चमचई भरा इंटरव्यू करना क्या पेड न्यूज़ में नहीं आता? साईकिल पर ही बैठे हुए डिंपल यादव का इंटरव्यू करना भी। गोमती रिवर फ्रंट का भी प्रचार। [वैसे गोमती रिवर फ्रंट बहुत सुंदर बना दिख रहा है।]

डीएलसी पाठक साहब, आखिर प्रकरण में बहस कराते क्यों हो?

डिप्टी लेबर कमिश्नर एल.पी. पाठक के कार्यालय में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप बकाया वेतन और एरियर की माँग कर रहे अनेक पत्रकारों और गैर-पत्रकार साथियों के प्रकरण इन निरन्तर सुनवाई चल रही है। केस की सुनवाई में आवेदक और अनावेदक पक्ष द्वारा जो जवाब लिखित में दिए जा रहे हैं, उन जवाबों को ही श्री पाठक अपने आदेश में शामिल कर अंतिम फैसला दे रहे हैं।

एक महान राष्ट्रवादी अंग्रेजी अखबार ने ये कैसा शीर्षक दिया!

दुनिया में सबसे ज्यादा शाकाहारी किस देश में रहते हैं? जाहिर है कि भारत में रहते हैं। दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं हैं, जिसके लाखों-करोड़ों नागरिकों ने अपने जीवन में मांस, मछली, अंडा जैसी कोई चीज़ कभी खाई ही नहीं। दुनिया का ऐसा कौन सा देश है, जिसमें इन पदार्थों को ‘अखाद्य’ (न खाने योग्य) माना गया है? भारत के अलावा कोई भी नहीं।

भुवेन्द्र त्यागी की पुस्तक ‘ये है मुंबई’ पर परिचर्चा

पत्रकार-लेखक भुवेन्द्र त्यागी की पुस्तक ‘ये है मुंबई’ पर डॉ. जयश्री सिंह ने मुंबई के मणिबेन नानावटी महिला कॉलेज में हुए एक समारोह में बहुत सार्थक चर्चा की। उन्होंने मुंबई के साहित्यप्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि  ‘ये है मुंबई’ भुवेंद्र त्यागी जी की आठवीं पुस्तक है। इसमें मुंबई की 50 लाइफलाइन कहानियाँ हैं, जो मुंबई तथा मुंबईकरों के ज़ज्बे से प्रेरित हो कर लिखी गयी हैं। इन कथाओं की घटनाएँ मुंबईकरों के विषम परिस्थितियों से जूझते रहने के हौसले को रेखांकित करती हैं।

न्यूज एजेंसी हिंदुस्तान समाचार में लॉ कुमार मिश्रा सलाहकार संपादक बने

‘हिंदुस्तान समाचार’ समाचार एजेंसी प्रबंधन ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार रहे लॉ कुमार मिश्रा को सलाहकार संपादक नियुक्त किया है. अपने चार दशक के पत्रकारिता काल में मिश्रा दस राज्यों, जिसमें जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, गुजरात, राजस्थान एवं झारखण्ड में शामिल हैं, में  पदस्थापित रहे हैं.

अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति की राष्ट्रीय बाल आयोग में शिकायत

एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आज राष्ट्रीय बाल आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ शिकायत भेजी है. ईमेल से भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रजापति द्वारा एक बच्ची के साथ दुराचार करने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं होने दिया.

जिंदा रहा तो जेटली और चिदंबरम को जेल जरूर भिजवाउंगा : राम जेठमलानी

विख्यात न्यायविद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने इरादा जाहिर किया है कि यदि वे कुछ साल और जिन्दा रहे तो आज के और पूर्व के केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली और चिदंबरम दोनों को जेल भिजवा कर मानेंगे. जेठमलानी ने कहा कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम किया और अब जेटली भी यही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ना तो कांग्रेस चाहती थी और अब ना भाजपा चाहती है काला धन रखने वालों के नाम उजागर हों.

Budget 2017-18: A Big Disappointment for School Education

20th February, 2017, New Delhi, RTE Forum. Shiksha Samvaad: A discussion on Education in Budget 2017 was organised by Delhi RTE Forum in Press Club of India, New Delhi on 20th February. As per the decision of the National Council Meeting in Lucknow on 21-22 Dec, 2017, RTE Forum had decided to observe 20th February, as a National Demand Day for complete implementation of RTE all over the country through State Forums operating in 20 states.

कौन करेगा बर्खास्त मीडियाकर्मियों के साथ न्याय?

क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पक्ष में आवाज उठाना गुनाह है? अमित नूतन की पत्नी की मौत है या हत्या?

भड़ास फॉर मीडिया पर पढ़ा कि राजस्थान पत्रिका से बर्खास्त अमित नूतन की पत्नी का निधन हो गया। अमित नूतन का दोष यह था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए प्रबंधन से मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन की मांग की थी। इस साहस की कीमत उन्हें पहले बखार्रस्तगी और अब अपनी पत्नी के निधन के रूप में चुकानी पड़ी। यह घटना भले ही लोगों को आम लग रही हो पर जिन हालातों में अमित नूतन की पत्नी का निधन हुआ है यह मामला बड़ा है। देश की सर्वोच्च संस्था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पक्ष में आवाज उठाना क्या गुनाह है ? जब अमित नूतन को बर्खास्त किया गया तो सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया?

राजिम कुंभ 2017 : चलो नहा आएं… समापन महाशिवरात्रि के दिन..

12 वर्षों के अंतराल में देश के चार प्रमुख तीर्थस्थानों पर कुंभ का आयोजन किया जाता है. छत्तीसगढ़ के राजिम में यह उत्सव हर वर्ष माघी पूर्णिमा से आरंभ होकर महाशिवरात्रि पर पूर्ण होता है. इस बार का राजिम कुंभ विशेष महत्व लिए हुए है इसलिए राजिम कुंभ कल्प-2017 का नाम दिया गया है.  राजिम कुंभ लोगों के मन की सहज श्रद्धा, उनके जीवन की सहज आस्था, सामान्य उल्लास लगने वाले जीवन को अद्भुत उल्लास और पूर्णता से भर देता है. एक ओर जहाँ श्रद्धा के भाव से भरे होते हैं तो दूसरी तरफ मेले के उल्लास के चटख रंग भी यहाँ मौजूद हैं.

हिन्दुस्तान रांची के हेचआर हेड ने मजीठिया मांगने वाले दो कर्मियों के साथ की बदतमीजी, कॉलर पकड़ हड़काया, गाली दी

हिन्दुस्तान अखबार प्रबंधन इन दिनों मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया मांगने वालों के खिलाफ लगातार दमन की नीति अपना रहा है और अपने ही किये वायदे से मुकर रहा है। रांची में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते मांगने वाले दो कर्मचारियों ने जब श्रम आयुक्त कार्यालय में क्लेम लगाया तो इनका ट्रांसफर कर दिया गया। जब ये लोग कोर्ट से जीते तो हिन्दुस्तान प्रबंधन को उन्हें वापस काम पर रखना पड़ा। तीन दिन बाद ही जब ये कर्मचारी कार्यालय आकर काम करने लगे तो उन्हें कार्मिक प्रबंधक ने कालर पकड़ कर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुये जबरी ट्रांसफर लेटर थमाने का प्रयास किया।

आउटलुक ने तो एबीपी समूह की कह के ले ली!

Braj Mohan Singh : OUTLOOK has shown real guts to publish this letter after 600-700 journalists were sacked in a very unethical manner @telegraph. In fact, how many did show this courage to highlight the plight of journalists? How many press clubs decided to take out protest rallies? And in which cities?

हिन्दुस्तान मुरादाबाद के संपादक भी आचार संहिता उल्लघंन के यादरे में!

जागरण के बाद अब हिन्दुस्तान भी आचार संहिता उल्लघंन के दायरे में आ गया है। हिन्दुस्तान मुरादाबाद के संपादक सूर्यकांत द्विवेदी इसकी चपेट में आ गए हैं। असल में सोमवार को संभल जिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली थी। हिन्दुस्तान ने इसकी कवरेज पेज एक पर प्रमुखता के साथ की। अंदर पेज तीन पर भी कई फोटो लगाए। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन हिन्दुस्तान वालों ने प्रत्याशियों से दस हजार कापी बुक करा ली कि हम आपकी कवरेज अच्छी करेंगे, आप हमारी कापी खरीद लो।

सिद्धार्थ वरदराजन की वेबसाइट दि वायर पर ‘जन की बात’ कर रहे विनोद दुआ

एक जमाने में विनोद दुआ का नाम चलता था। उनकी चुनावी रेल को एक दिन न देखिए तो लगता था ज़रूरी ख़ुराक छूट गई। उनकी सधी हुई भाषा, दो शब्‍दों के बीच का मौन, मीठा तंज और सहज विश्‍लेषण भारत में टीवी के इतिहास की विरल परिघटनाओं में से एक कहा जा सकता है। आज उनकी सांस उखड़ रही है, तंज गायब है, ओढ़ी हुई गंभीरता उनकी बात का वज़न कम कर रही है। सिद्धार्थ वरदराजन की वेबसाइट दि वायर पर मंगलवार से शुरू हुआ उनका वीडियो कार्यक्रम जन की बात दो दिन में ही हांफने लगा है।

इंडिया टीवी वाले शर्मा साहेब अखिलेश जी के पक्ष में पहला शब्द कब बोलेंगे?

Dilip Mandal : सपा के दोस्तों, इंडिया टीवी वाले जिस शर्मा साहेब को अखिलेश जी ने 11 लाख रुपए और 50,000 रुपए मासिक पेंशन वाली यश भारती दी, उनसे पूछिए कि वे अखिलेश के पक्ष में पहला शब्द कब बोलेंगे। ऐसे सैकड़ों उपकृत लोग हैं, उनसे बात कीजिए। दैनिक जागरण के मालिक को राज्यसभा भेजा था, उनसे पूछिए। विनीत जैन को नोएडा में 104 एकड़ ज़मीन दी है, टाइम्स ऑफ इंडिया से पूछिए। लखनऊ में जिन पत्रकारों को ज़मीन दी है, उनसे बात कीजिए।

मजीठिया वेतनमान : आगे से कौन डरेगा सुप्रीम कोर्ट से…

मजीठिया वेतनमान को लेकर भले ही देश की कानून व्यवस्था और उसका पालन आलोचनाओं के घेरे में हो लेकिन प्रिंट मीडिया में भूचाल देखा जा रहा है, एबीपी अपने 700 से अधिक कर्मचारियों को निकाल रही है, भास्कर, पत्रिका आधे स्टाफों की छंटनी करने जा रहा है, हिंदुस्तान टाइम्स बिक गया आदि बातें स्पष्ट संकेत दे रही हैं सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेतनमान को लेकर कुछ बड़ा फैसला आने वाला है। अब ये उठा पटक नोटबंदी के कारण हो रही है या किसी और कारण? यह तो समय बताएगा लेकिन मार्च-अप्रैल तक प्रिंट मीडिया में बड़े उलट फेर देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि डीएवीपी की नई नीति से उसी अखबार को विज्ञापन मिलेगा जो वास्तव में चल रहा है और जहां के कर्मचारियों का पीएफ कट रहा हो या फिर पीटीआई, यूएनआई या हिन्दुस्थान न्यूज एजेंसी से समाचार ले रहा हो। साथ ही लगने वाला समाचार कापी पेस्ट ना हो, कि बेवसाइट से उठाकर सीधे-सीधे पेपर में पटक दी गई हो। इसका असर प्रिंट मीडिया में पड़ेगा.

संजय गुप्ता समेत पूरी जागरण टीम गिरफ्तार न होने का मतलब चुनाव आयोग भी किसी दबाव में है!

Ram Janm Pathak : हेकड़ी, एक्जिट पोल और खानापूरी… चुनाव आयोग के स्पष्ट मनाही की जानकारी होने के बावजूद अगर दैनिक जागरण की आनलाइन साइट ने एक्जिट पोल छापने की हिमाकत की है तो यह सब अचानक या गलती से नहीं हुआ है, जैसा कि उसके स्वामी-संपादक संजय गुप्ता ने सफाई दी है। गुप्ता ने कहा कि यह ब्योरा विज्ञापन विभाग ने साइट पर डाल दिया। अपने बचाव में इससे ज्यादा कमजोर कोई दलील नहीं हो सकती। अखबार के बारे में थोड़ा -बहुत भी जानकारी रखने वाले जानते हैं कि समाचार संबंधी कोई भी सामग्री बिना संपादक की इजाजत के बगैर नहीं छप सकती।

आर्थिक संकट से जूझ रहे मजीठिया क्रांतिकारी अमित की पत्नी का निधन

पत्रिका ने सुप्रीमकोर्ट जाने पर कर दिया था अमित को टर्मिनेट

कविता ने कई सपने देखें होंगे कि पति अमित नूतन को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार उनका बकाया मिल जायेगा तो सुकून की जिन्दगी जीना शुरू कर देंगे मगर ऐसा हो ना सका और एक बेहतर जिन्दगी का सपना देखने वाली कविता नूतन ने सपना पूरा होने के पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया। राजस्थान पत्रिका के भोपाल एडिशन में असिस्टेंट बिजनेस मैनेजर पद पर कार्यरत अमित नूतन ने अप्रैल २०१६ में माननीय सुप्रीमकोर्ट में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने एरियर और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एक केस लगाया था। साथ भी अमित नूतन ने कामगार आयुक्त कार्यालय में भी गुहार की थी कि उन्हें मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया वेतन और एरियर दिलाया जाये।

होमशाप18 चैनल में छंटनी, 40 कर्मियों की छुट्टी

नोएडा फिल्म सिटी से संचालित चैनल होमशाप18 से खबर है कि यहां जमकर छंटनी की गई है. करीब 40 कर्मियों को बिना कारण बताए अचानक हटा दिया गया. छंटनी के पीछे कहा जा रहा है कि स्टाफ ज्यादा था और इधर चैनल की आमदनी गिरी है. जो लोग हटाए गए हैं उनमें से कुछ के नाम पता चले हैं जो इस प्रकार हैं-

इंडिया टीवी ने आजतक की बैंड बजा दी, अंबानी के चैनल के अच्छे दिन आए

इस साल के छठें हफ्ते की टीआरपी में कई बड़ी और नई बातें हैं. सबसे पहले ये कि अंबानी के चैनल के अच्छे दिन आ गए हैं. लगता है अंबानी की नजर टीआरपी मापने वाली संस्थाओं पर पड़ गई है जिसके कारण टीआरपी ने बंपर उछाल मारा है. पहले आईबीएन7 और आजकल न्यूज18इंडिया के नाम से चलाए जा रहे अंबानी के चैनल की टीआरपी इस कदर बढ़ी कि वह सीधे नंबर चार पर आ पहुंचा है. लगातार सात-आठ नंबर पर रहने वाला चैनल अगर अचानक चार नंबर पर आ जाए तो लगता है कि कुछ तो खेल है.

दैनिक जागरण के मामले में जल्‍दबाज़ी के चलते कहीं गलत कंपनी तो फंस नहीं रही?

Abhishek Srivastava : हर जगह सर्वेक्षण करने वाली कंपनी का नाम RDI (Resource Development International) चल रहा है, चुनाव आयोग ने भी इसी के खिलाफ़ एफआइआर करने का निर्देश दे डाला है जबकि कंपनी के मालिकान सिर पकड़ कर बैठे हैं कि ये क्‍या हो गया। बहुत संभव है कि सर्वेक्षण करने वाली कंपनी का नाम RDI (Research and Developmenr Initiative) है जिसने 2015 के दिल्‍ली विधानसभ चुनाव में भाजपा को 45 सीटें दी थीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि दैनिक जागरण के मामले में जल्‍दबाज़ी के चलते गलत कंपनी फंस रही है?

शमित भरतिया, राहुल पांडेय, चाणक्य भाटिया के बारे में सूचनाएं

एचटी समूह की मालकिन शोभना भरतिया के बेटे शमित भरतिया को हिंदुस्तान अखबार को संचालित करने वाली कंपनी एचएमवीएल यानि हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है. वे पांच साल तक इस पद पर बने रहेंगे. यह फैसला 4 फरवरी को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में लिया गया. हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर ने इसकी सूचना नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है.

दी टेलीग्राफ से इस्तीफे के बाद पत्रकार विश्वजीत ने लंबा खत लिख एबीपी समूह की पोल खोल दी

आनंद बाजार पत्रिका समूह यानि एबीपी समूह के अंग्रेजी अखबार का नाम दी टेलीग्राफ है. यहां से हटने के बाद पत्रकार विश्‍वजीत रॉय ने एक लंबा पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने दिल की बात लिखी है. उन्होंने 700 मीडियाकर्मियों की आनंद बाजार पत्रिका समूह से छंटनी का जिक्र किया है. साथ ही इस बहाने अंदरखाने चले घटनाक्रम का जिक्र कर कंपनी की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगाया है. पूरा पत्र इस प्रकार है…

हत्यारा ही नहीं, देशद्रोही भी है पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन

पटना के वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता

Vinayak Vijeta : शहाबुद्दीन का सच… हत्यारा ही नहीं, देशद्रोही भी है पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन… 2001 में रची थी तहलका के तत्कालीन संपादक और रिपोर्टर की हत्या की साजिश… वर्ष 2002 में पटना से प्रकाशित एक हिन्दी मासिक के संपादक कुणाल एवं वर्ष 2016 में सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या सहित 45 संगीन मामलों में आरोपित पूर्व बाहुबली सांसद के सिर पर सिर्फ हत्याओं का ही ठीकरा नहीं बल्कि वो देशद्रोही भी है।

दिल्ली में ‘आप’ सरकार को न कुचला गया तो बीस वर्षों तक भाजपा यहां सत्ता में न आ पाएगी!

Om Thanvi : दिल्ली में आप सरकार के दो वर्षों के कामकाज पर हिंदुस्तान टाइम्स में छपा वृहद सर्वे बताता है कि लोग मानते हैं राजधानी में भ्रष्टाचार घटा है और शिक्षा, चिकित्सा, जल-आपूर्ति और बिजली-प्रबंध के क्षेत्रों में बेहतर काम हुआ है। और, दिल्ली सरकार की यह छवि दो वर्षों तक नजीब जंग की अजीब हरकतों के बावजूद बनी है, जिन्होंने केंद्र सरकार की गोद में बैठकर निर्वाचित शासन के काम में भरसक रोड़े अपनाए।

शहाबुद्दीन ने तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की हत्या के जरिए तत्कालीन भाजपा सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी!

कई पत्रकारों का हत्यारा बिहार का बाहुबली शहाबुद्दीन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाना है तो इस मौके पर उसकी करतूतों की फिर चर्चा चहुंओर शुरू हो गई है. खासकर मीडियाकर्मियों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि दो-दो पत्रकारों की हत्या कराने वाले शहाबुद्दीन को आखिर क्यों राजनीतिक संरक्षण दिया जाता है और अभी तक उसके गुनाहों की सजा उसको क्यों नहीं दी गई. क्यों उसके सामने नेता, अफसर, जज समेत पूरा सिस्टम भय के मारे नतमस्तक हो जाता है.

तहसीन मुनव्वर बने ईटीवी उर्दू के सीनियर एडिटर

जाने माने युवा कवि, ग़ज़लकार, शायर और पत्रकार तहसीन मुनव्वर ने ईटीवी के साथ नई पारी की शुरुआत की है. उन्हें ईटीवी उर्दू में सीनियर एडिटर नियुक्त किया गया है. वे पहले भी ईटीवी के हिस्से रह चुके हैं. ईटीवी के ग्रुप एडिटर राजेश रैना ने तहसीन मुनव्वर को ईटीवी नोएडा आफिस में सारे स्टाफ से रूबरू कराया और उनकी तैनाती के बारे में जानकारी दी. इस मौके पर राजेश रैना ने तहसीन मुनव्वर और पूरे स्टाफ के साथ एक सेल्फी लेकर फेसबुक पर प्रकाशित किया.

निकाले गए दो कर्मियों को काम पर वापस बुलाने को मजबूर हुआ हिन्दुस्तान प्रबंधन

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में रांची हिन्दुस्तान के संपादकीय विभाग में कार्यरत मुख्य उप संपादक अमित अखौरी और वरीय उप संपादक शिवकुमार सिंह को श्रम अधीक्षक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल हिन्दुस्तान प्रबंधन को 13 फरवरी को दोनों कर्मियों को ज्वाइन कराने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि हाजिरी बनाने के बाद भी इनसे संपादकीय विभाग में काम नहीं लिया जा रहा है।

संजय गुप्त अखबार मालिक नहीं बल्कि एक पार्टी का प्रवक्ता है!

Praveen Malhotra जागरण और नई दुनिया (इंदौर) के मालिक और प्रधान संपादक संजय गुप्त एक पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। इस परिवार की यह खूबी है कि सत्ता के साथ निकटता स्थापित कर फायदा उठाया जाए और राज्यसभा की सीट भी प्राप्त कर ली जाये। पेड़ न्यूज़ छापने में भी इन्हें महारत हांसिल है। पत्रकारिता इनके लिए एक व्यवसाय से अधिक कुछ नहीं है।

भोंपू को अख़बार न कहो प्रियदर्शन… जागरण कोई अख़बार है! : विमल कुमार

Vimal Kumar : दो साल की सज़ा या जुर्माना या दोनों एक साथ का प्रावधान है। ये लोग अदालत को मैनेज कर केवल जुर्माना देकर बच जाएंगे। जिसने विज्ञापन दिया उसे भी जेल की सजा हो। जागरण कोई अख़बार है, भोंपू को अख़बार न कहो प्रियदर्शन!

यशवंत की जागरण कर्मियों को सलाह- संजय गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए चुनाव आयुक्त को पत्र भेजो

Yashwant Singh : दैनिक जागरण का संपादक संजय गुप्ता है. यह मालिक भी है. यह सीईओ भी है. एग्जिट पोल वाली गलती में यह मुख्य अभियुक्त है. इस मामले में हर हाल में गिरफ्तारी होनी होती है और कोई लोअर कोर्ट भी इसमें कुछ नहीं कर सकता क्योंकि यह मसला सुप्रीम कोर्ट से एप्रूव्ड है, यानि एग्जिट पोल मध्य चुनाव में छापने की कोई गलती करता है तो उसे फौरन दौड़ा कर पकड़ लेना चाहिए. पर पेड न्यूज और दलाली का शहंशाह संजय गुप्ता अभी तक नहीं पकड़ा गया है.

संपादक तो फ़िज़ूल में गिरफ़्तार हो गया, गिरफ़्तारी गुप्ता बंधुओं की होनी चाहिये : देवेंद्र सुरजन

Devendra Surjan : एक्ज़िट पोल छापने वाले जागरण परिवार की पूर्व पीढ़ी के दो और सदस्य सांसद रह चुके हैं. गुरुदेव गुप्ता और नरेन्द्र मोहन. यह परिवार सत्ता की दलाली हमेशा से करता आ रहा है. वर्तमान में जागरण भाजपा का मुखपत्र बना हुआ है. सत्ताधीशों का धन इसमें लगा होने की पूरी सम्भावना है. हर राज्य में किसी न किसी नाम से और किसी न किसी रूप में संस्करण निकाल कर सरकार के क़रीबी बना रहना इस परिवार को ख़ूब आता है. एक्ज़िट पोल छाप कर सम्पादक तो फ़िज़ूल में गिरफ़्तार हो गया जबकि गिरफ़्तारी गुप्ता बंधुओं की होनी चाहिये थी.

जागरण का मालिक और सीईओ संजय गुप्ता ने पेड न्यूज करने के धंधे को कुबूल कर लिया

Om Thanvi : इंडियन एक्सप्रेस में जागरण के सम्पादक-मालिक और सीईओ संजय गुप्ता ने कहा है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान से पहले जागरण द्वारा शाया किया गया एग्ज़िट पोल उनके विज्ञापन विभाग का काम था, जो वेबसाइट पर शाया हुआ। (“Carried by the advertising department on our website”) माने साफ़-साफ़ पेड सर्वे!

साधना न्यूज वाले ब्लैकमार्केटियर गुप्ताओं के घरों-आफिसों पर इनकम टैक्स छापे पड़े

साधना न्यूज नामक एक बहुधंधी चैनल से खबर आ रही है कि इसके मालिकों के घरों और आफिसों पर छापे पड़े हैं. इनकम टैक्स की कई टीमों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में साधना न्यूज के सभी तीन गुप्ताज मालिकों के यहां छापे डाले हैं. सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स को नोटबंदी के दिनों में काफी रकम इधर से उधर किए जाने की सूचना मिली थी और इसकी पुष्टि कई संदिग्ध बैंक एकाउंट्स के जरिए हुई.

दैनिक जागरण प्रबंधन ने अपने सभी संपादको को भूमिगत होने का निर्देश दिया!

खोज खोज कर जागरण सम्पादकों को पकड़ रही है पुलिस… चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में देश की सर्वोच्च चुनावी अथॉरिटी चुनाव आयोग द्वारा दैनिक जागरण के 15 जिलों के संपादकों सहित प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश का अनुपालन करते हुए यूपी पुलिस संपादकों को गिरफ्तार करने में जुट गई है. शेखर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई.

दैनिक जागरण के सम्पादक शेखर त्रिपाठी को मिली जमानत

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में देश की सर्वोच्च चुनावी अथॉरिटी चुनाव आयोग द्वारा दैनिक जागरण के 15 जिलों के संपादकों सहित प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के बाद दैनिक जागरण के संपादकों और प्रबंध निदेशक की अकल ठिकाने आ गयी है। खबर है कि दैनिक जागरण अखबार के ऑनलाइन सम्पादक शेखर त्रिपाठी को आचार संहिता का उल्‍लंघन करने पर गिरफ्तार किया गया। बाद में गाजियाबाद की जिला अदालत ने शेखर त्रिपाठी को जमानत दे दिया।

एग्जिट पोल छापने वाले जागरण के संपादक शेखर त्रिपाठी गिरफ्तार

दैनिक जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी को गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दैनिक जागरण की वेबसाइट पर यूपी चुनाव के पहले चरण के बाद ही एग्जिट पोल दे दिया गया. इस पर चुनाव आयोग ने दैनिक जागरण के  प्रबंध संपादक, संपादक और एग्जिट पोल कराने वाली संस्था रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड यानि आरडीआई के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे. इसी के बाद पहली गिरफ्तारी जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी के रूप में हुई है. कुछ लोगों का कहना है कि संभव है बीजेपी से खबर चलने के लिए पैसा लिया होगा मालिक ने, लेकिन जेल गए शेखर त्रिपाठी.

दैनिक जागरण पर चुनाव आयोग द्वारा मुकदमा कराए जाने की बड़ी खबर न्यूज चैनल दबा गए!

Priyabhanshu Ranjan : दैनिक जागरण ने कानून को ठेंगा दिखाकर अपनी वेबसाइट पर Exit Poll प्रकाशित किया, लेकिन चैनलों ने जागरण की खिंचाई करने वाली कोई खबर नहीं दिखाई। चुनाव आयोग ने जागरण की करतूत का ‘संज्ञान’ लिया, लेकिन चैनल चुप रहे।

एंकर निहारिका माहेश्वरी की जी न्यूज से विदाई

ज़ी न्यूज़ की एंकर निहारिका माहेश्वरी की जी न्यूज़ से विदाई. निहारिका यूपी केंद्रित रीजनल न्यूज चैनल ”इंडिया 24×7” देखती थी. चैनल हेड बाशिंद्र मिश्र और पूरे चैनल के स्टाफ ने निहारिका को विदाई पार्टी दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. 

एक्जिट पोल छाप कर दैनिक जागरण फंसा, आयोग ने कहा- FIR दर्ज करो

भारत के चुनाव आयुक्त ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 15 जिले के चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दैनिक जागरण के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में संपादकीय विभाग के मीडिया हेड के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करायें।

मीडिया हाउस प्रोफेशनल हुए हैं, पत्रकार नहीं

पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर ‘‘मीडिया : मिशन या प्रोफेशन‘‘ पर चर्चा

पटना। पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर रविवार को ‘‘मीडिया : मिशन या प्रोफेशन‘‘ विषय पर चर्चा करते हुए पत्रकारों ने कहा कि यह सच है कि आज मीडिया के मिशन से प्रोफेशन बन जाने की बात की जाती है लेकिन इसमें आज भी मिशन के तत्व शामिल है और यह लोकतंत्र के चौथे खम्भे की भूमिका में है। चर्चा में मीडिया के अंदर की छुपी हुई बहुत-सी बातें सामने आई।

मोदी के कार्यकाल में डर के साए में जी रहा मीडिया : चिदंबरम

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दावा किया कि न सिर्फ दलित और अल्पसंख्यक, बल्कि मीडिया भी नरेंद्र मोदी सरकार के दबाव-खौफ के साए में जी रहा है। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘दलित खौफ में जी रहे हैं, अल्पसंख्यक खौफ में जी रहे हैं, छात्र और विश्वविद्यालय खौफ में जी रहे हैं। मीडिया भी खौफ के साए में जी रहा है।’

यूपी में जंगलराज : पेड़ लगाने पर एसडीएम ने भेज दिया नोटिस!

माननीय महोदय

मैं सिंहासन चौहान इस शिकायत पत्र के द्वारा आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूँ कि जहां पूरी दुनिया बदलते पर्यावरण को बचाने में लगी हुई है और इसके लिए पूरी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के ऊपर जोर दिया जा रहा है वहीं हमारे बेल्थरा रोड (जिला-बलिया, उत्तर प्रदेश) के SDM ने हमें पेड़ लगाने को लेकर हमारे पिताजी के नाम से 58000 रूपये का जुर्माना लगाया है. वह भी तब जबकि हमने अपनी जमीन पर पेड़ पौधे लगाए हैं. सारा मामला यह है कि SDM बेल्थरा रोड बदले की भावना में मुझे परेशान करने के लिए मेरे पिता जी के नाम से नोटिस भेजा था.