गीतकार माया गोविन्द का अमृत महोत्सव : …मुझमें अब भी वही जोश-जज़्बा है जो 16 की उम्र में था

(बाएं से दाएं- प्रो.हूबनाथ पांडेय, शायर देवमणि पांडेय, डॉ.कुमुद शर्मा, व्यंग्यकार डॉ.अनंत श्रीमाली, डॉ.करुणा शंकर उपाध्याय, मा.कुलपति डॉ.संजय देशमुख, गीतकार माया गोविन्द, शायर रामगोविंद अतहर, हास्यकवि आशकरण अटल, शायर दीक्षित दनकौरी, गीतकार किरण मिश्र)

मुम्बई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और राजस्थानी सेवा संघ की ओर से आयोजित अपने अमृत महोत्सव के अवसर पर गीतकार माया गोविन्द ने कहा- ‘‘वैसे तो मैं पचहत्तर की हो गई हूँ लेकिन ख़ुद को सोलह साल की ही समझती हूँ। सोलह साल का इंसान उत्साह और ऊर्जा से लबालब होता है। मुझमें अभी भी वही जोश और जज़्बा है जो सोलह साल की उम्र में था।

लालू के बेटों तेजप्रताप और तेजस्वी की चुनावी सीट घोषित, मीसा भारती नहीं लड़ेंगी

लालू यादव से बातचीत के दौरान ब्रेक के वक्त वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह (बाएं से प्रथम) और अन्य वरिष्ठ मीडियाकर्मी.

लालू यादव ने अपने दो पुत्रों तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी है. ये दोनों क्रमश: महुआ और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. बेटी मीसा भारती चुनाव नहीं लड़ेंगी. वो अपना पूरा वक्त चुनाव प्रचार में देंगी. यह खुलासा लालू यादव ने वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह से एक विशेष बातचीत के दौरान किया. 

इस मान्यता प्राप्त महिला पत्रकार को वसूली में महारत हासिल है!

देहरादून : सूचना विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त एक महिला पत्रकार खुद ड्रग इंस्पेक्टर बनकर अवैध वसूली कर रही थी. विकास नगर इलाके में उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया. नाम है ममता थापा. यह देहरादून ज़िले से मान्यता प्राप्त पत्रकार है. कुल चार लोग अरेस्ट किए गए. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर इन्हें कोर्ट में पेश किया. ऐसा मामला अल्मोड़ा में भी पूर्व में सामने आया था. इसमें देहरादून के कुछ खबरनवीस अवैध वसूली करते गिरफ्तार हुए थे. वहां पर मीडिया के कथित लोगों का एक बड़ा गैंग मेडिकल स्टोरों से अवैध वसूली कर रहा था. उस गैंग का मास्टर माइंड देहरादून का था.

हिमाचल प्रदेश के पत्रकार अजय पठानिया का उनके ही दोस्त ने किया मर्डर

अजय पठानिया

कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) घाटी के कसोल के समीप जरी में पालमपुर के 30 वर्षीय पत्रकार अजय पठानिया का दोस्त ने ही मर्डर कर दिया. पेशे से इलेक्ट्रीशियन बताया जा रहा आरोपी सुभाष कौंडल उर्फ बंटू फरार है. इसकी तलाश नजदीक के जंगलों में की जा रही है. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पालमपुर से अजय, सुभाष व रमेश घूमने के लिए मणिकर्ण आए हुए थे. इसी दौरान कसोल के नजदीक होटल में कमरा बुक किया गया.

ईटीवी के पत्रकार ऋतुराज ने खून देकर आदिवासी भाई-बहन की जान बचायी

देवघर में ईटीवी बिहार के पत्रकार ऋतुराज सिन्हा ने रक्षाबंधन के दिन खून देकर आदिवासी भाई बहन की जान बचायी. प्राप्त सूचना के अनुसार देवघर के एक अस्पताल कुंडा सेवा सदन में एक आदिवासी भाई बहन जिनकी उम्र सात साल एवं नौ साल बतायी जा रही है, सेरेब्रल मलेरिया से ग्रसित होकर भर्ती थे. वहाँ उन बच्चों का हीमोग्लोबिन काफी नीचे गिर गया था. उन बच्चों की जान खून के अभाव में जा भी सकती थी. ईटीवी के पत्रकार ऋतुराज को इस संबंध में जानकारी मिली तो उन्होंने उन बच्चों को खून देने का निर्णय लिया.

कानपुर में दरोगा ने कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों पर तानी रिवाल्वर, सस्पेंड

कानपुर में कोतवाली थाना क्षेत्र के भागवत दास घाट में नाबालिग बच्ची के साथ उसके चाचा द्वारा किए गए रेप की घटना को कवर करने कोतवाली पहुंचे एक नेशनल टीवी चैनल के रिपोर्टर और कैमरा पर्सन को पहले तो कोतवाली में तैनात दारोग़ा अशोक कुमार ने बदसलूकी करते हुए कैमरा तोड़ने की धमकी दी और जब मीडियाकर्मियों ने विरोध किया तो रिवाल्वर तान दी. मीडिया कर्मी के साथ बदसलूकी की खबर पा कर कोतवाली पहुँचे सैकड़ों मीडिया कर्मियो ने जमकर पुलिस प्रशासन की गुंडई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोपी दरोगा के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की. इस पर सीओ कोतवाली ओपी सिंह ने घटना पर खेद जताते हुये आरोपी दरोगा के खिलाफ एसएसपी को रिपोर्ट भेजी. एसएसपी ने तत्काल दरोगा अशोक कुमार को निलंबित कर दिया है.

लोकसभा टीवी : सबसे कम सेलरी प्रोडक्शन स्टाफ की, सबसे ज्यादा काम इन्हीं से करवाया जाता है..

सरकारी चैनल यूँ भी अपने काम के रवैये को लेकर बदनाम है और उनमे होने वाली भर्तियां कैसे होती हैं यह आप सभी जानते हैं.. लोकसभा टीवी को लगभग 10 साल हो गए है लेकिन सीमित संसाधनों में लोगों ने अच्छा काम किया है.. मगर भर्ती प्रक्रिया हमेशा सवालों के घेरे में रही है और कार्य प्रणाली भगवन भरोसे.. बहुत से लोग हैं जो वहां पिछले 9-10 साल से प्रोडक्शन असिस्टेंट या असिस्टेंट प्रोड्यूसर का काम कर रहे हैं.. तजुर्बा अच्छा खासा है लेकिन नियमों के अभाव में शोषण के शिकार हैं..

UPSACC : रात भर चली मतगणना, आज सुबह आया रिजल्ट, प्राशु मिश्रा अध्यक्ष निर्वाचित (देखें लिस्ट)

उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता संवाददाता समिति का चुनाव हो गया. कल वोट पड़े और रात भर चली मतों की गिनती के बाद आज सुबह परिणाम घोषित कर दिया गया. राज्य मुख्यालय के 438 पत्रकारों ने अपने मतों का प्रयोग किया था. कल शाम से शुरू होकर आज सुबह 4 बजे तक चली मतगणना के बाद परिणाम आज सुबह घोषित हुआ. अध्यक्ष पद पर प्रांशु मिश्रा निर्वाचित घोषित किए गए हैं. नरेंद्र श्रीवास्तव और संजय शर्मा उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष बने हैं.

दैनिक भास्कर मजीठिया के डर से रात के अंधेरे में दिल्ली से फरार

दैनिक भास्कर प्रबंधन ने दिल्ली के राजेंद्र प्लेस में चल रहे अपने संपादकीय कार्यालय को रातोंरात बिना किसी को खबर किए बंद कर इसे 125 किमी. दूर रेवाड़ी पहुंचा दिया है. यहां तक कि उसने अपने कर्मचारियों तक को बताने की जरूरत नहीं समझी. इन कर्मचरियों का कसूर यह था कि ये मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने के लिए अपनी आवाज बुलंद किए हुए थे और इन्होंने प्रबंधन के दबाव में हलफनामा देने से इनकार कर दिया था.

सात सौ रुपये, हजार रुपये, ढाई हजार रुपये… ये है सेलरी… बदले में 50 लाख से अधिक की विज्ञापन की वसूली

दैनिक हिन्दुस्तान से जुड़े रामगढ जिला अन्तर्गत गोला संवाददाता मनोज मिश्रा ने हिंदुस्तान अखबार को अलविदा कह दिया है. श्री मिश्रा ने इस बाबत एक आवेदन प्रधान संपादक श्री शशिशेखर और झारखण्ड के वरीय संपादक श्री दिनेश मिश्र को प्रेषित किया है. मनोज ने कहा कि सन 2000 से हिन्दुस्तान से जुड़ा. पत्रकारिता में काफी उतार-चढ़ाव देखे. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले पत्रकारों का आज भी काफी शोषण किया जा रहा है. उन्हें अखबार प्रबंधन से सम्मानजनक पारिश्रमिक नहीं मिलता है. इस कारण पत्रकार आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं. सभी का परिवार है. खर्चे भी काफी हैं. पारिवारिक दायित्व होने और आर्थिक तंगी के कारण ही अखबार को अलविदा कह दिया.

आर्थिक तंगी से परेशान हिंदुस्तान अखबार के स्टिंगर मनोज मिश्र ने पत्रकारिता को गुडबाय कहा

झारखंड में हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान, रांची के स्थापना वर्ष से कार्यरत गोला-रामगढ़ से स्टिंगर मनोज मिश्र ने आर्थिक तंगी से जुझते हुए 28 अगस्त 2015 को पत्रकारिता क्षेत्र को अलविदा कह दिया है. अलविदा कहते हुए मनोज मिश्र ने स्टिंगर पद को छोड़ने के संबंध में संपादक के नाम पत्र में कहा है कि मैंने 15 वर्षों तक निष्ठापूर्वक, इमानदारी से समर्पित भाव से अखबार में काम किया. अब मैं काम करते हुए असहज महसूस कर रहा हूं. साथ ही स्टिंगर पद छोड़ रहा हूं.

नवभारत जबलपुर के संपादक पद से चैतन्य भट्ट का इस्तीफा, रवींद्र पाठक आई-नेक्स्ट गोरखपुर के इंचार्ज बने

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और नवभारत जबलपुर के संपादक चैतन्य भट्ट ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. चैतन्य ने पिछले साल फरवरी में नवभारत जबलपुर की बागडोर संभाली थी. नवभारत प्रबंधन जब उन पर अनुचित दबाव डालने लगा तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया. प्रबंधन तीन महीनों के भीतर रेवेन्यू और सरकुलेशन डबल चाहता था. अन्य एडिशंस के संपादकों ने तो हामी भर दी लेकिन चैतन्य भट्ट ने इस्तीफा देना उचित समझा. उन्होंने नवभारत के सीएमडी सुमित माहेश्वरी को अपना त्यागपत्र तुरंत भेज दिया. चैतन्य भट्ट इससे पहले राज एक्सप्रेस, पीपुल्स समाचार, हरिभूमि में संपादक रह चुके हैं.

उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के चुनावी महाभारत में जीत गया अहंकार, खंडित हो गयी पत्रकार एकता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनावी महाभारत के संग्राम में कोई अगर जीता तो वह है अहंकार। महाभारत की तरह उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के चुनावों में पत्रकारों की सेना दो खेमों में विभाजित हो गई। ऐसा सम्भवतःपहली बार हो रहा है जब एक ही समिति के लिए दो- दो जगह चुनाव आयोग का गठन होकर दो जगहों पर चुनाव सम्पन्न हुए। इन चुनावों में कोई गांधी जैसा भी सामने नही आया जिसने विभाजन को रोकने के लिए कोई व्रत, सत्याग्रह किया हो। इन घटनाओं से तटस्थ पत्रकार को झटका लगा है उनको लगता है पत्रकार एकता को गहरी चोट लगी है।

लो जी, हेमंत-कलहंस ने फर्जी चुनाव करा के खुद को विजयी घोषित कर दिया

(आज हुए मतदान का एक दृश्य)


Yashwant Singh : लखनऊ में पत्रकारों ने अपना नेता चुनने के लिए कल भी वोट दिया और आज भी दे रहे हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि मान्यताप्राप्त पत्रकारों के दो गुट हो गए हैं और एक गुट जो बेहद बदनाम, लालची, सत्तापरस्त रहा है, किसी भी कीमत पर अध्यक्ष व सचिव पद नहीं जाने देना चाहता, वे चाहते हैं ताउम्र इस पद पर बने रहें. इसी से साबित हो जाता है कि ये कितने बड़े अलोकतांत्रिक और कितने बड़े लायजनर हैं. क्या इससे अलग भी कोई प्रमाण चाहिए. ये दो सज्जन हैं हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस.

मजीठिया पर आरटीआई : गुड़गांव-फरीदाबाद की सूचना नहीं दी, पानीपत और अंबाला का हाल देखिए….

Dear All,

The undersigned sought information under RTI Act 2005 dated 31st July 2014 from Labour Commissioner, Haryana about the implementation of Majithia Wage Board Recommendations on journalists and employees of the Press which was constituted on 4th March 2009. The SPIO cum Deputy Labour Commissioner, Haryana provided the half baked, evasive reply on 23rd Jan 2015. No information about Gurgaon & Faridabad was provided.

ये है जवाब…

महाराष्ट्र में 13 साल पहले ही हो गयी थी मजीठिया मामले में अफसरों की तैनाती!

महाराष्ट्र सरकार और उसके कामगार आयुक्त कार्यालय ने लगता है यह तय मान लिया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पत्रकारों के भले के लिये दिये गये मजीठिया वेजबोर्ड मामले के फैसले को गंभीरता से नहीं लेना है और इसीलिये महाराष्ट्र सरकार का कामगार आयुक्त कार्यालय और खुद महाराष्ट्र सरकार ऐसी हरकत कर रही है कि किसी को भी हंसी आ जाये। मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में भले ही सर्वोच्च न्यायालय ने एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति का आदेश वर्ष २०१५ में दिया और स्पष्ट कहा कि यह अधिकारी रिपोर्ट तैयार करेंगे कि कहां कहां आदेश का पालन किया गया  और कहां कहां नहीं। इन विशेष अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में तीन महीने में रखना था। आप यह जानकर चौक जायेंगे कि भले ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष अधिकारी की नियुक्ति का आदेश वर्ष २०१५ में दिया मगर मुंबई के कामगार आयुक्त कार्यालय ने इन अधिकारियों की नियुक्ति माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आने के लगभग १३ साल पहले ही कर लिया था।

लखनऊ के रेलवे बीट देखने वाले पत्रकारों को नए आए रेल अफसर का सम्मान क्यों करना पड़ा?

Gulam Jeelani : How times change! There was a time when journalists would be known for stories and here we are felicitating a newly posted railway official in Lucknow. And don’t tell me you don’t know why.

गुलाम जिलानी के फेसबुक वॉल से.

चैनलों ने हमेशा साबित किया है कि वे सुधरते नहीं हैं : रवीश कुमार

: मीडिया के दरबार में इंद्राणी की फंतासी : इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी से जिस तरह से चैनलों और अखबारों में कवरेज हो रहा है, वो कोई पहली बार नहीं हो रहा। पहले भी इसी तरह के कवरेज को लेकर लंबे लंबे लेख लिखे जा चुके हैं। पत्रकारिता की सीमा और पीले रंग की महिमा का गान हो चुका है। लेकिन चैनलों ने हमेशा साबित किया है कि वे सुधरते नहीं हैं। दर्शकों ने भी उन्हें कभी निराश नहीं किया है। अब मैं भी मानने लगा हूं कि यह दर्शक इतना भी भोला नहीं है। उसे भी इंद्राणी मुखर्जी की तैरती रंगीन तस्वीरों से आंखें सेंकने का और तरह तरह के किस्सों से हाय समाज हाय ज़माना करने का मौका मिल रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार हितेन महंत नहीं रहे

वरिष्ठ पत्रकार हितेन महंत का संक्षिप्त बीमारी के बाद कल गुवाहाटी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 58 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार महंत पांच अगस्त को सड़क पर गिर गए थे और उनके सिर में कई जख्म आए थे। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

अरुण सिंह अमर उजाला में सलाहकार बने, दीपक पांडे और विनीत पांडे के बारे में नई जानकारी

दैनिक जागरण समेत कई अखबारों-संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके अरुण सिंह के बारे में सूचना मिल रही है कि उन्होंने नई पारी की शुरुआत अमर उजाला अखबार के साथ की है. उन्हें कामर्शियल प्रिंटिंग डिवीजन में सलाहकार बनाया गया है. उन्होंने अमर उजाला के साथ काम शुरू कर दिया है. अरुण सिंह जमीन से जुड़े बेबाक शख्सियत हैं. दैनिक जागरण में काम करते हुए 12 वर्षों में दस प्रमोशन उन्हें मिला और जनरल मैनेजर तक का पद मिला. बाद में किन्हीं बातों को लेकर उन्होंने संस्थान से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद वे नेशनल दुनिया, देशबंधु समेत कई संस्थानों में कार्यरत रहे. अरुण सिंह को प्रिंटिंग, प्रोडक्शन और अखबार से जुड़े अन्य प्री व पोस्ट प्रोडक्शन कार्यों के संयोजन में महारत हासिल है.

ओशो के आगे

Yashwant Singh : कुछ नए बदलावों को महसूस कर रहा हूँ। खुद के भीतर। बाहर की दुनिया के प्रति बहुत मामूली जुड़ाव लगाव द्वेष राग शेष है। अंदर की यात्रा शुरू हो गई है। जैसे कोई बीज वर्षों से यूँ ही पड़ा हो और अब अचानक वो धरती से बाहर निकलने को मचल रहा हो। न आगे दौड़ जाने की ख्वाहिश है न पीछे बीते हुए को पकड़े रहने ज़िद। जिस क्षण में हूँ उसी संग प्रवाहित होने की कोशिश है। पहले भागने की सोचता था। पहले गुरु की तलाश में परेशान था। अब सब नियति पर छोड़ दिया है। जाहे विधि राखे राम। लालसाएं कामनाएं इच्छाएं पक कर टपकने लगी हैं। अब कैसे किससे क्यों संवाद करूँ। जो खुद ब खुद मिल रहा है वो अद्भुत अव्यक्त है।

भड़ास में वैकेंसी, अप्लाई करें

भारत की चर्चित वेबसाइट भड़ास यानि www.Bhadas4Media.com को दो पत्रकारों की जरूरत है. हिंदी टाइपिंग स्पीड अच्छी होनी चाहिए. अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद ठीकठाक हो. खुद का लैपटाप हो. दो-चार साल कार्य का अनुभव हो. पत्रकारिता में डिग्री-डिप्लोमा न हो तो भी चलेगा लेकिन मीडिया की दुनिया की बारीक समझ हो. जरूरी नहीं कि दिल्ली में हों, देश के किसी भी कोने में हों, चलेगा. घर से भी काम कर सकते हैं. सेलरी कार्य और योग्यता के अनुसार.

दैनिक जागरण नोएडा में यूनियन ने सीजीएम को बता दी औकात, महिला कर्मियों को करना पड़ा बहाल

इसे कहते हैं यूनियन की ताकत. दैनिक जागरण नोएडा के चीफ जनरल मैनेजर नीतेंद्र श्रीवास्तव ने मार्केटिंग से दो महिला कर्मियों को निकाल बाहर किया तो ये महिला कर्मी दैनिक जागरण की नई बनी यूनियन तक पहुंच गईं और अपनी आपबीती सुनाई. यूनियन ने सीधे सीजीएम नीतेंद्र श्रीवास्तव की केबिन पर धावा बोला और नीतेंद्र को घेर कर दोनों कर्मियों को बहाल करने का आदेश जारी करने के लिए मजबूर कर दिया. नीतेंद्र को लोगों ने जमकर खरी खोटी सुनाने के बाद भांति भांति के विशेषणों से नवाजा. बस केवल मारा नहीं. उधर, नीतेंद्र भी कहां बाज आने वाला था. बहाली के अगले रोज दोनों कर्मी जब काम पर आईं तो इन्हें साइन यानि कार्ड पंचिंग करने से रोक दिया गया और इन्हें कैंपस में इंटर नहीं करने दिया गया. इसके बाद यूनियन की पहल पर दोनों कर्मियों ने नोएडा पुलिस स्टेशन और लेबर आफिस में शिकायत डाल दी है या शिकायत करने की तैयारी कर ली है.

पीटर को मार उसकी 150 करोड़ की सम्पति के साथ इंद्राणी का INX पार्ट-2 का ग्रैंड प्लान था!

Deepak Sharma : अपने देश के लिए मै किसी भी हद तक जा सकता हूँ. अगर किसी शत्रु की हत्या भी करनी पड़े तो मुझे अंतर मन में ज़रा भी अपराध बोध नही होगा . लेकिन अपने निजी जीवन में परिस्थियां बिलकुल विपरीत हैं. घर में तो मुझे पालतू कुत्ते को डांटने पर भी सोचना पड़ता है. और माँ से तो जब कभी विवाद होता था तो उस दिन तो दफ्तर में एक अपराध बोध के साथ काम करता था और रात में घर लौटकर जब तक माँ को मना न लेता तो मन को चैन नही आता था.

न्यूज़ चैनल और वेब पोर्टल के कर्मचारी भी श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के तहत लाए जाएंगे

: संशोधन की तैयारी, मिलेंगे वेजबोर्ड सहित सभी लाभ : न्यूज़ चैनल्स, वेब और अन्य तमाम डिजिटल मीडिया में कार्यरत मीडियाकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. प्रिंट मीडियाकर्मियों की तरह उन्हें भी जल्द ही श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा. साथ ही उन्हें भी पत्रकारों के लिए गठित वेजबोर्ड का लाभ मिलने लगेगा. 19 अगस्त को भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री श्री पवन कुमार के नेतृत्व में मप्र पत्रकार, गैर-पत्रकार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुचेंद्र मिश्रा और महामंत्री श्री तरुण भागवत ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर इस संबंध में मांगपत्र सौंपा।

राजदीप सरदेसाई ने अपना पैसा निकाल लिया पर मीडिया छोड़ नहीं रहे

Sanjaya Kumar Singh : मीडिया के कारनामे और मीडिया में एफडीआई… भारत को एफडीआई (विदेशी संस्थागत निवेश) तो चाहिए पर समाचार मीडिया में सिर्फ 26 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। दूसरी ओर, कोई भी (भारतीय नागरिक) मीडिया मंडी में दुकान खोल ले रहा है। यहां तक तो ठीक है – पर तुरंत ही टोकरी उठाकर हांफता-कांपता कभी जेल, कभी अस्पताल पहुंच जा रहा है। पर कोई देखने वाला नहीं है। ना अस्पताल में, ना जेल में। वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन तो पुराने संस्थान नहीं देते, नए और नौसिखुओं से क्या उम्मीद? कार्रवाई किसी पर नहीं होती।

Newspapers of Jharkhand have refused to cooperate with State Government about Majithia Award

All big newspapers coming out from the state of Jharkhand have not even bothered to reply to the queries of the Labour Department. The State Labour Commissioner Shri Praveen Kumar Toppo has filed the report on sworn affidavit. An advance copy of the report has been served on employees counsel Parmanand Pandey, which says that the notices were issued 93 newspapers they have refused to cooperate with required information.

जागरण प्रबंधन चाहता है किसी तरह पुराने कर्मचारियों से निजात मिल जाए!

Shrikant Singh :  जंग ‘जागरण’ ने शुरू की, समापन हम करेंगे… मित्रों, आज कल मैं फेसबुक पर दैनिक जागरण प्रबंधन की हरकतों के बारे में कुछ नहीं लिख रहा हूं। इस पर कुछ मित्रों ने शिकायत भी की है। क्‍या करूं, आप तो जानते ही हैं-सबसे बड़ा रुपैया। ऐसा न होता तो जागरण प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धता क्‍यों बताता। तमाम कर्मचारियों को बेवजह क्‍यों परेशान करता। कभी कचहरी का भी मुंह न देखने वाले लोग सुप्रीम कोर्ट में दस्‍तक क्‍यों देते। बेजुबान लोग क्रांतिकारी क्‍यों बन जाते।

आईआईएमसी के प्रोफेसर केएम श्रीवास्तव नहीं रहे, छात्रों संग यह तस्वीर आखिरी एफबी पोस्ट साबित हुई

मौत जाने कब कहां किस रूप में किसके पास आ जाए, कुछ पता नहीं. इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) के प्रोफेसर केएम श्रीवास्तव ने कल दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे फेसबुक पर एक फोटो अपलोड किया. फोटो में उनके साथ आईआईएमसी जम्मू सेंटर के करीब आठ-नौ छात्र हैं. उन्होंने फोटो के कैप्शन में इस बात का जिक्र भी किया है, यूं- ”With students at IIMC Jammu Centre”.

काश कि बीबीसी अच्युता जी की इस किताब को भी देख लेता

भारतीय जनसंचार संस्थान में हमारे सहपाठी रहे टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार अक्षय मुकुल ने गीता प्रेस पर किताब लिखी है. ‘गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ़ हिंदू इंडिया’….उसके आधार पर गीता प्रेस को बीबीसी ने उग्र हिंदुत्व का पैरोकार संस्थान बताया है… बीबीसी की रिपोर्ट में गीता प्रेस को गांधी का विरोधी भी बताया गया है… हालांकि हाल के दिनों में वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र के संपादन में गीता प्रेस के व्यवस्थापक-संपादक रहे हनुमान प्रसाद पोद्दार के पत्रों का संग्रह निकला है-पत्रों में समय-संस्कृति… उसमें शामिल पत्र कुछ और ही कहानी कहते हैं…

‘गीता प्रेस’ बंद नहीं हुआ, चैनल गलत दिखा रहा, सिर्फ हड़ताल के कारण काम बंद है : प्रबंधन

गोरखपुर के गीताप्रेस प्रबंधन ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि एक टीवी न्यूज चैनल में दिखाए गए समाचार ‘गीताप्रेस बंद होने के कगार पर’ भ्रामक व असत्य है। गीताप्रेस न तो बंद होने की स्थिति में है और न ही इसे बंद होने दिया जाएगा। प्रेस बंद नहीं हुआ है, केवल कर्मचारियों की हड़ताल के कारण काम बंद है। कर्मचारियों की उद्दंडता के कारण कुछ कर्मचारियों को निलंबित किए जाने से कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल का भी आशय यह नहीं है कि गीताप्रेस बंद कर दिया जाए। गीताप्रेस में किसी तरह की कोई आर्थिक समस्या नहीं है। प्रबंध तंत्र यह बताना चाहता है कि गीताप्रेस किसी तरह का कोई चंदा नहीं लेता है। प्रेस के नाम पर किसी को चंदा न दें। यदि कोई गीताप्रेस के नाम पर चंदा मांगता है तो वह ठगी करता है।

हेमंत और कलहंस ने मुझे तबाह-बर्बाद करने का संकल्‍प लिया… प्रभात त्रिपाठी भी मुझसे निपटेंगे…

दो गुटों में बंटे लखनऊ के पत्रकारों का एक चुनाव आज, दूसरा कल

Kumar Sauvir : पत्रकार समिति चुनाव में दलाल और प्रकाशक…. पत्रकार कहां हैं… गजब दौर है पत्रकारिता का, शर्म उन्‍हें बिलकुल नहीं आती… दोस्तों। सभी हमारे मित्र हैं और सभी लोग पत्रकार समिति की कार्यकारिणी पर कब्ज़ा करने की लालसा पाले हैं। गुड। वेरी गुड। इन सभी को जीत चाहिए। होनी भी चाहिए। गुड। वेरी गुड। लेकिन क्या किसी ने यह सोचा कि आपको और हम मित्रों को क्या चाहिये, जो मतदाता हैं। जिनके वोट से इन नेताओं की गिरी पीसने के सपने बुने जा रहे हैं। देखिये। इस सवाल का जवाब खुद में खोजिए कि हमारा नेता कौन होगा। कोई पक्का दलाल, झूठा, चाटुकार, दहशतगर्द, कोई मुनाफाखोर प्रकाशक, धंधेबाज, रैकेटियर, गिरोह की तरह कई कई अखबारों का धंधा करने वाला, विज्ञापन की खुली दलाली करने वाला या या या या फिर कोई, वाकई, पत्रकार। जिसके दिल में पत्रकारीय मूल्यों का जज़्बा हो, जूझने का दम हो, पत्रकार हितों के प्रति निष्ठां हो और सबसे बड़ी बात कि आप आदमी के प्रति समर्पण भी हो।

मेरी थाईलैंड यात्रा (1) : कृपया भगवान बुद्ध के मुखौटे वाली प्रतिमा न खरीदें!

(दाहिने से तीसरे नंबर पर लेखक पंकज कुमार झा)


इस पंद्रह अगस्त की दरम्यानी रात को बंगाल की खाड़ी के ऊपर से उड़ते हुए यही सोच रहा था कि सचमुच आपकी कुंडली में शायद विदेश यात्रा का योग कुछ ग्रहों के संयोग से ही बना होता है. मानव शरीर में आप जबतक हैं, तबतक लगभग आपकी यह विवशता है कि आप पृथ्वी नामक ग्रह से बाहर कदम नहीं रख सकते. हालांकि इस ग्रह की ही दुनियादारी को कहां सम्पूर्णता में देख पाते हैं हम? अगर भाग्यशाली हुए आप तब ज़रा कुछ कतरा इस धरा के आपके नसीब में भी देखना नसीब होता है.

संदर्भ मजीठिया वेज बोर्ड : नेहरु-इंदिरा से लेकर वाजपेयी-मोदी तक की सरकारें प्रेसपतियों के आगे नतमस्तक होती रही हैं

लोकायुक्त एक दंत विहीन शेर है। यह पीड़ा बातचीत के दौरान उत्तरांचल के पहले लोकायुक्त हैदर रजा जी कहा करते थे। यह स्थिति सिर्फ लोकयुक्त की ही नहीं। पत्रकारों के लिए गठित वेजबोर्डों की भी है। पहला वेज बोर्ड कब गठित हुआ, यह तो मालूम नहीं लेकिन अब तक छह वेजबोर्ड गठित हो चुके हैं लेकिन किसी एक की भी संस्तुतियां आजतक लागू नहीं हुईं। अब सवाल यह उठता है कि जब केन्द्र और राज्य सरकारें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू नहीं करा पातीं तो आयोग का गठन ही क्यों करतीं है? अखबार मालिकों की अब तक की भूमिका से तो ऐसा लगता है कि वेजबोर्ड गठित होता रहे हमारे ठेंगे से।

सहारा के कर्मचारियों ने मुंबई में गठित की यूनियन, नाम- ‘सहारा इंडिया कामगार संगठना’

हम सहारा इंडिया परिवार के पीड़ित कर्मचारी हैं जो मुंबई के गोरेगांव कार्यालय में कार्यरत हैं. सहारा के पीड़ित हम इसलिये हैं कि पिछले लंबे समय से हम आधी अधूरी तनख्वाह में निर्वहन कर रहे हैं और उसमें ६ महिनों का तनख्वाह बकाया है. सहारा इंडिया में पहली कर्मचारी यूनियन का गठन मुंबई में हो चुका है जिसका नाम सहारा इंडिया कामगार संगठना है. प्रबंधन के लाख दावों और झूठे आश्वासनों के बाद भूखे परिवार के दर्द ने हमें मजबूर कर दिया कि हम संगठन के तहत झूठ के पुलिंदों की खिलाफत करें. हमारे दर्द को दबाने के लिए मुंबई में प्रबंधन ने तथाकथित अधिकारियों की टीम खड़ी रखी है जो झूठे आश्वासन, धमकी देना और स्थानांतरण करने की बातें कहते हैं. लेकिन इस तानाशाही से पीड़ित करीब दो सौ लोगों का सब्र आखिरकार टूट गया और लोग गोरेंगाव पुलिस थाने में पहुंचे, चुंकि बातें तनख्वाह की थी इसलिए पुलिस ने हमारी शिकायत को श्रम आयुक्त के पास भेज दिया.

न्यूज एक्सप्रेस एमपी-सीजी का नाम अब स्वराज एक्सप्रेस हो गया

नवंबर 2014 में लांच किए गए न्यूज एक्सप्रेस एमपी-छत्तीसगढ़ टीवी चैनल का नाम अब बदल गया है. इस बदलाव से पत्रकार और अन्य स्टाफ परेशान हैं कि यह बदलाव कानूनी रूप से सही तरीके से किया गया है या फिर चैनल हेड ने अपनी मंशा के तहत किया है. ज्ञात हो कि न्यूज एक्सप्रेस के मालिकों ने अपने चैनल को मरने के लिए छोड़ दिया. पैसा देना बंद कर दिया. इससे यहां कार्यरत पत्रकारों के होश उड़ गए. यहां काम कर रहे पत्रकारों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी.

यूपी के हर जनपद में बनेंगे प्रेस क्लब… मुख्यमंत्री अखिलेश ने दिए निर्देश

अलीगढ़। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रत्येक जनपद में एक प्रेस क्लब भवन का निर्माण कराये जाने के दिये गये निर्देशों का स्वागत करते हुये मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष सुबोध सुहृद व महामंत्री आर.पी. शर्मा ने कहा है कि देर आये दुरुस्त आये। अलीगढ़ से उठी प्रेस क्लब निर्माण की मांग को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा पूरे प्रदेश के हर जनपद में लागू करना बेहद सराहनीय है और उन्होंने यह करके मीडिया के लिये बहुत अच्छा काम किया है।

गंभीर पत्रकारिता का एक ताजा नमूना देखिए

ये तस्वीर पिछले 12 घंटे से सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही है. इस तस्वीर के जरिए आजकल के न्यूज चैनलों की मूढ़ता फिर जगजाहिर हुई है. हालांकि इस तस्वीर में चैनल का नाम दिख नहीं रहा है लेकिन मीडिया में थोड़ी बहुत रुचि रखने वाला भी जान जाता है कि ये किस चैनल की ब्रेकिंग न्यूज है.

कुछ चैनलों ने इंद्राणी प्रकरण में किसी जासूसी कहानी की तरह रहस्य-रोमांच का ‘रस’ घोल दिया है

Om Thanvi : मेरी पत्नी प्रेमलताजी ने अजीब उलझन में डाल दिया है: कहती हैं समझाओ कि यह इंद्राणी मुखर्जी वाला मामला क्या है? शीना बेटी थी तो बहन क्यों बनी? विधि कौनसी बेटी है? कितने भाई-बहन थे? इंद्राणी का पहला पति कौन था? संजीव कितने नंबर का पति था, दूसरा या तीसरा? शीना का पिता कौन है? पिता की जगह वह नाना का सरनेम बोरा क्यों प्रयोग करती थी? पीटर की पहली और दूसरी बीवी कौन थी? राहुल कौनसी बीवी से है? पीटर के और कितने बच्चे हैं? पीटर की नजर में शीना साली थी तो अपने सास-ससुर या ससुराल में अन्य किसी निकट-पास के शख्स से बातचीत में यह बात पोशीदा कैसे रही, जो शीना को पीटर के सामने उसकी बेटी ही कहेंगे, साली तो नहीं?

HT, IE among 47 Delhi newspapers have dared not to implement Majithia Award

Except four newspapers namely; The Hindu, The Tribune, The Decan Herald and Bennet Coleman & Company (publishers of The Times of India, Economic Times and Navbharat Times) and one news agency i.e. the Press Trust of India no newspaper/news agency being published from Delhi has implemented the Majithia Award. This has been revealed in the affidavit of the Government of Delhi submitted by Dr. Madhu Teotia, Labour Commissioner of Government of NCT of Delhi.

दैनिक भास्कर होशंगाबाद यूनिट के बैतूल ब्यूरोचीफ व फोटोग्राफर की ग्रामीणों ने की जमकर पिटाई

बैतूल से खबर है कि दैनिक भास्कर बैतूल के ब्यूरोचीफ अनिल गोयरा और फोटोग्राफर अमिताभ तिवारी पर ग्रामीणों ने एकजु्ट होकर हमला बोल दिया। सबसे पहले दोनों की जमकर पिटाई की और कैमरा तोड़कर बाइक भी छीन ली। हमला 26 अगस्त 2015 को हिवरखेड़ी से आशापुर स्टेट हाईवे पर गोनीघाट गांव में किया। हमले के बाद दोनों जान बचाकर बैतूल भागे। लेकिन जख्म इतने हैं कि दोनों की हालात काम करने लायक नहीं है। पिटाई की वजह एक आदिवासी महिला प्रमिला को बाइक से टक्कर मारना है। महिला रोड किनारे हैंडपंप पर पानी भरकर वापस लौट रही थी। हमले के बाद पूरे मामले में चिचोली पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। बाइक जप्त की और 27 अगस्त को घायल महिला प्रमिला आदिवासी का जिला अस्पताल बैतूल में मेडिकल कराया है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि बैतूल दैनिक भास्कर ब्यूरोचीफ शराब के नशे में थे।

क्या मीडिया वाले इंद्राणी-पीटर कांड के इस पक्ष ‘shady ownership of News brands in India’ पर भी स्टोरी कर सकेंगे?

Dear Sir,

Hope you are doing great.

I just want to share some story idea with you on Ownership of News Brands. Below is the background on the same.

Background…  

The ongoing murder case involving Indrani & Peter Mukerjea has once again brought to discussion on the shady ownership of News brands in India. The duo owned NewsX. In addition a lot of other news brands have ownership by politicians, builders and others without much credibility in journalism.

इंद्राणी मुखर्जी ने पांच शादियां कीं… देह व्यापार में अरेस्ट भी हो चुकी हैं…

कभी आईएनएक्स मीडिया की संस्थापिका के तौर पर चर्चित रहीं और आजकल अपनी बेटी की हत्या के आरोपों में कुख्याति झेल रहीं इंद्राणी मुखर्जी उर्फ परी बोरा के बारे में पता चला है कि उन्होंने कुल पांच शादियां की हैं. स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी असल में इंद्राणी के पांचवें पति हैं. अब तक पीटर मुखर्जी को तीसरा पति बताया जा रहा था.  इंद्राणी ने पहली शादी खुद से दोगुनी उम्र के वकील से की थी. उस वक्त वो 16 वर्ष की थी और सेंट मेरीज स्कूल में पढ़ती थीं. 

मुनीर नियाजी, बोधिसत्व, संतोष, सौभिक, कंचन प्रसाद, देवप्रीत, विकास, राजेश के बारे में सूचनाएं

उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार मुनीर नियाजी का उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के काडसड़ा गांव में इंतकाल हो गया। वह 77 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार थे। उनके परिवार में पत्नी, तीन विवाहित बेटियां और तीन बेटे हैं। उनका अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव में कर दिया गया। नियाजी 20 साल तक कोलकाता के आजाद हिन्द अखबार से जुड़े थे और वे वहां कुछ दिन संपादक भी थे। उन्होंने कुछ दिन उर्दू यूएनआई में भी काम किया था। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत हिन्दी में की थी, पर बाद में वह उर्दू में पत्रकारिता करने लगे।

BARC India, TAM India join forces to supply raw data for ratings

Ending months of speculation, the country’s two television ratings providers, BARC India and TAM India, announced the formation of a new meter management company. With 34,000 meters covering the country, the entity will supply raw data to BARC India, which will use its own statistical processes and sampling design. Meters will be deployed based on BARC’s sample design and the ratings will be computed and disseminated through BARC India’s software. These data will give advertisers, broadcasters and agencies accurate and quality measurement.

अखिलेश ने रोका न होता तो आजम खान ने ‘आजतक’ के कई वर्तमान-पूर्व पत्रकारों को जेल भेजने की व्यवस्था कर दी थी

राहुल कंवल, पुण्य प्रसून, गौरव सावंत, दीपक शर्मा सहित कई पत्रकारों पर दंगा भड़काने की धाराएं लगाने की सिफारिश

यूपी सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री आजम खान बुधवार को इतिहास बनाते बनाते रह गये. अगर उनका बस चला होता तो देश के 10 से ज्यादा पत्रकार दंगे कराने के जुर्म में आज जेल में होते. इनमें राहुल कंवल, गौरव सावंत, पुण्य प्रसून बाजपेई, मनीष, दीपक शर्मा, हरीश शर्मा और अरुण सिंह प्रमुख हैं. आज़म खान नगर विकास के साथ साथ संसदीय कार्य मंत्री भी हैं. मुज़फ्फरनगर दंगों पर दिखाय गये एक स्टिंग ऑपरेशन में जब उनका नाम उछला था तो संसदीय कार्य मंत्री ने बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या से मिलकर एक जांच समिति बना दी थी.

एक पूर्व संपादक ने फैलाया झूठ!

आपके पीसी का विंडो करप्ट हो जाए तो अब आप कह सकते हैं कि यह आपके उस रिसर्च की वजह से हुआ जो आप ब्राम्हणवाद और केन्द्र सरकार के विरोध में कर रहे थे। आपके विंडो के करप्ट होने में सवर्णवादी साजिश है। दिलीप सी मंडल फेसबुक प्रकरण के बाद मुझे संदेह है कि इस तरह की बात कोई करे तो उसकी बात को सिरे से नकार दिया जाएगा। इस तरह के बिना सिर पैर की बात पर भी सहमति में सिर डुलाने वाले भक्तों की बड़ी संख्या है फेसबुक पर। मेरी आपत्ति इस तरह का झूठ फैलाने वालों से कम है क्योंकि उनके पास कथित तौर पर अभिव्यक्ति की आजादी है, आप जो चाहें लिखें लेकिन तमाम कथित समाजवादी से लेकर कथित सवर्ण-विरोधी मानसिकता रखने वाले लोग बिना तथ्यों की जांच पड़ताल किए जब इस झूठ को प्रचारित करने के औजार बनते हैं तो दुख होता है।  दिलीप सी मंडल के फेसबुक प्रोफाइल को लेकर जो भ्रामक प्रचार पिछले कुछ समय से लगातार किया जा रहा था, उसे लेकर यह पोस्ट सिर्फ इसलिए लिख रहा हूं ताकि सनद रहे।

नवभारत बस्तर के कर्मचारियों को दो महीने में एक दफे वेतन मिलता है!

नवभारत यूं तो एक प्रतिष्ठित अखबार समूह है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की दुर्दशा यह है कि यहां उन्हें दो महीनों में एक दफे वेतन मिलता है। आपको बता दें कि बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर दफ्तर से संचालित है। दूसरी ओर वेतन में भी भारी विसंगति ​की जानकारी मिली है। कुछ लोगों का कहना है कि अन्य अखबार समूहों के बनिस्बत यहां काफी कम वेतन मिलता है। और तो और, पिछले महीने का वेतन इस महीने की 25 तारीख को दी जाती है। ऐसे में अपने परिवार का पोषण करने वाले विशुद्ध पत्रकार किस तरह से अपने दायित्वों को निभाते होंगे, इसे लेकर सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है।

29 के चुनाव में हेमंत का अध्यक्ष और कलहंस का सचिव बनना फिक्स है!

लखनऊ के पत्रकार हिसाम सिद्दीकी ने एक पत्र के जरिए सभी को सूचित कर दिया है कि 29 अगस्त का चुनाव फिक्स है. इस चुनाव में हेमंत तिवारी का अध्यक्ष और सिद्धार्थ कलहंस का सचिव चुना जाना तय है. बाकी सब मतदान चुनाव वगैरह औपचारिकता है.

यूपी में मान्यता में खेल : अधूरी जानकारी मत दीजिए, ये है पूर्ण लिस्ट

उत्तर प्रदेश में मान्यता में खेल को लेकर जो खुलासा किया गया है, वह पूर्ण सच नहीं है. अधूरी जानकारी है. सूची में किसी को आपत्ति नहीं हो सकती, लेकिन अधूरी जानकारी घातक होती है. मैं भी लखनऊ का एक पत्रकार हूँ. मुझे भी इस बात की टीस है कि आखिर सही और ईमानदार पत्रकारों की पूछ क्यों नहीं हो रही है. आखिर क्या वजह है लखनऊ में दलाली और भोकाल के सहारे ही क्यों पत्रकारिता की जा रही है. इसी सदर्भ में मैं लिख रहा हूँ कि आखिर अधूरी सूची क्यों जारी की गयी है. यहाँ मैं साफ़ कर दूँ की सच कड़वा होता है. बहुतों को बुरा लगेगा, लेकिन ये ज़रूरी है. यह इसलिए भी ज़रूरी कि कहीं चंद नामों को जारी करने के पीछे कोई साजिश तो नहीं है.

आजतक, जी न्यूज और इंडिया न्यूज की बल्ले-बल्ले, न्यूज24 और आईबीएन7 के बुरे दिन जारी

33वें हफ्ते की बार्क की टीआरपी के आंकड़े बताते हैं कि आजतक और जी न्यूज को जबरदस्त फायदा पहुंचा है. दोनों ने लगभग डेढ़ अंक अपनी टीआरपी में जोड़कर क्रमश: पहला और चौथा स्थान हासिल कर लिया है.

मनोज टिबड़ेवाल ने डीडी न्यूज़ से दिया इस्तीफा, खुद का मीडिया समूह करेंगे लांच

वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने दूरदर्शन न्यूज़ से इस्तीफा दे दिया है। वे अपना खुद का मीडिया समूह लांच करने जा रहे हैं। इसके लिए वे काफी पहले से तैयारी कर रहे हैं। मनोज को पत्रकारिता का 15 वर्ष का अनुभव है। वे वर्ष 2006 से ही डीडी न्यूज़, दिल्ली में एंकर व सीनियर करस्पांडेट के रूप में जुड़े रहे हैं। मनोज ने लगातार पांच साल तक डीडी न्यूज़ पर ‘एक मुलाक़ात’ नाम के आधे घंटे का इंटरव्यू बेस्ड कार्यक्रम होस्ट किया है, जिसे देश औऱ दुनिया में काफी ख्याति मिली।

स्टार वालों के लिए नए सीरियल का आइडिया- ”क्यूंकि वह अपनी ही बेटी की सास कैसे बनती!”

Sanjaya Kumar Singh : स्टार टीवी और ऐसे दूसरे विदेशी चैनलों के भारत आने का विरोध करने वालों का सबसे मजबूत तर्क था – इससे भारतीय संस्कृति खराब होगी। चैनल आया, संस्कृति क्या खराब होती चैनल का चाल चलन और रूप रंग ही बदल गया। किसी को अनुमान नहीं रहा होगा कि भारतीय संस्कृति को खराब करने का आरोप जिस चैनल पर लगाया जा रहा है उसके कर्ता-धर्ता के जरिए भारतीय संस्कृति का छिपा हुआ रंग-रूप इस तरह दिख जाएगा।

शीना और इंद्राणी

दिल्ली पुलिस के जवानों ने आगरा में कैदी को कराई शापिंग, देखें वीडियो

दिल्ली पुलिस वैसे तो छोटे-मोटे मामलों में किसी को जेल भेजकर अपनी पीठ थपथपा सकती है, लेकिन जब खुद के गुनाहों की बारी आती है तो चुप्पी साध जाती है. इन दिनों भाजपा नेताओं के इशारे पर चलने वाली दिल्ली पुलिस के लिए आम आदमी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता सबसे बड़े दुश्मन हैं. थोड़ा भी आरोप लगा तो जांच शुरू और फौरन गिरफ्तारी. लेकिन यही दिल्ली पुलिस पेशेवर अपराधियों के साथ बेहद दोस्ताना व्यवहार करती है. इन अपराधियों को नियम-कानून तोड़कर शापिंग कराती फिरती है.

छंटनी के शिकार पत्रकार ने लाइव शो के दौरान चैनल के दो मीडियाकर्मियों को मार डाला

अमेरिका ढेर सारे अच्छे बुरे मामलों में दुनिया भर के देशों और जनता को रास्ता दिखाता है. उसने अब एक और रास्ता दिखा दिया है. छंटनी का शिकार बनो तो गोली मार दो! इस बुरे रास्ते पर जाने की सीख कोई नहीं देगा लेकिन अमेरिका में जो कुछ हुआ उसके बारे में बहस बात विमर्श जरूरी है. प्राइवेट न्यूज चैनल्स कभी भी किसी को फायर कर देने का जो कारनामा करते हैं, उससे आम मीडियाकर्मियों के मन में भारी गुस्सा रहता है. अमेरिका में गुस्से का प्रकटीकरण गोली मारने के रूप में हुआ लेकिन लोग यह सवाल कर रहे हैं कि छंटनी के शिकार पत्रकार का गुस्सा अगर चैनल मालिक से था तो उसने दो आम मीडियाकर्मियों को क्यों दंड दिया. यहां यह कहना जरूरी है कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है लेकिन कई बार कान आंख खोलने के लिए भगत सिंह की तरह धमाका करना पड़ता है ताकि शोषितों की कराह सुनाई पड़ सके.

छंटनी के शिकार चैनल के पूर्व कर्मी ने गोली मारने के दौरान जो वीडियो बनाया उससे ली गई एक स्टिल पिक्चर. इसमें वो रिपोर्टर पर पिस्तौल ताने हुए है.

धार्मिक जनगणना के डाटा पर टीओआई और द हिंदू के इन शीर्षकों को गौर से पढ़िए

See how two of India’s leading newspapers have today reported the same data (of the latest Census)

Nadim S. Akhter : इसे देखिए, पढ़िए और समझिए. देश के दो प्रतिष्ठित अखबारों निष्ठा. किसकी निष्ठा पत्रकारिता के साथ है और किसकी चमचई में घुली जा रही है, खबर की हेडिंग पढ़ के समझा जा सकता है. मैंने कल ही फेसबुक की अपनी पोस्ट में लिखा था कि अलग-अलग चम्पादक, माफ कीजिए सम्पादक धार्मिक जनगणना के इस डाटा का अपने अपने हिसाब से इंटरप्रिटेशन करेंगे. आज फेसबुक पर एक ही खबर के दो एंगल, बिलकुल जुदा एंगल तैरता हुआ देखा तो आपसे साझा कर रहा हूं.

हिसाम सिद्दीकी का खुला पत्र : समिति पर हर हाल में कब्जा जमाए रखने की चाहत क्यों है?

उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के संगठन के चुनाव को लेकर सिरफुटव्वल जारी है. हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसे ब्रोकर्स से आम पत्रकारों में जबरदस्त नाराजगी है. लेकिन हेमंत व कलहंस हर हाल में इस संगठन पर फिर काबिज होना चाहते हैं क्योंकि इस संगठन के नेता के बतौर उन्हें सत्ता से गलबहियां-हथबहियां करने के मौके ढेर सारे मिलते रहते हैं. हेमंत और कलहंस की लाख कोशिशों के बावजूद चुनाव की गाड़ी डिरेल नहीं हुई है.

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार स्वामी त्रिवेदी नहीं रहे

Alok Singhai : वरिष्ठ पत्रकार स्वामी त्रिवेदी नहीं रहे। कल रात्रि लगभग 9.30 बजे भोपाल की अरेरा कालोनी स्थित गेस्ट्रोकेयर अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित श्री त्रिवेदी पिछले तीन सालों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे।

खुला पत्र लिखकर वीर विक्रम बहादुर मिश्र ने खुद को यूपीएसएसीसी के मुख्य चुनाव अधिकारी पद से अलग किया

मेरे साथियों, राजनीति के क्षेत्र में न केवल हमारा प्रदेश उत्तर प्रदेश अगुआ है बल्कि पत्रकारिता जगत में भी यह अग्रणी रहा है। उत्तर प्रदेश ने देश को न केवल बड़़े-बड़े नेता दिए हैं बल्कि मूर्धन्य पत्रकार भी दिए हैं। पत्रकारिता की इस विरासत को सहेजने की जिम्मेदारी  हम साथी पत्रकारों के ऊपर है। अब लगता है कि हम अपनी इन जिम्मेदारियों से कुछ भटक गए हैं। जब उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से मुझे मुख्य चुनाव अधिकारी नामित किया गया था तो मुझे विश्वास था कि मैं सभी पक्षों से बातचीत कर सर्वसम्मत  और एक साथ चुनाव करवा लूंगा। परंतु मेरी कई कोशिशों के बाद भी जो परिस्थितियां बनी हैं उससे मैं स्वयं को विफल होता देख रहा हूं।

पत्रकारों का गुस्‍सा हेमंत तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसे नेताओं पर है

मान्‍यताप्राप्‍त पत्रकारों, जाओ मूली उखाड़ो, पेट साफ हो जाएगा… हेमन्‍त-कलहंस को धरचुक्‍क दिया तो नया पांसा पड़ा… तू डाल-डाल, मैं पात-पात कहावत सच… हेमन्‍त-कलहंस धड़ाम… 

Kumar Sauvir : आयुर्वेद में मूली का अप्रतिम व्‍याख्‍यान है। मूली के जितने गुण आयुर्वेद, यूनानी और ऐलोपैथी सभी पैथियों ने पहचाने हैं, वह अनिर्वचनीय है। लेकिन दिक्‍कत यह है कि लखनऊ और आसपास के जिलों में खेतों की जगह अब मकान उग चुके हैं। अगर ऐसा न होता दोस्‍तों, तो मैं आज मैं अपने सभी मान्‍यताप्राप्‍त पत्रकार भाइयों को ऐलानिया सुझाव देता कि:- दोस्‍तों। जाओ, जहां भी दिखे, मूली उखाड़ लो। पत्रकार नेताओं ने अपनी काली-करतूतों के चलते जो बदहजमी का माहौल किया है, उसे सिर्फ मूली ही निदान है।

शीना (खुद की बेटी) और राहुल (पति पीटर का बेटा) के बीच रिलेशनशिप से हत्यारिन बन गई इंद्राणी मुखर्जी!

स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी आईएनएक्स मीडिया की पूर्व सीईओ इंद्राणी मुखर्जी आखिर अपनी ही बेटी की हत्या कैसे करा सकती हैं? लेकिन ये खुलासा हो चुका है कि इंद्राणी ने अपनी ही बेटी शीना वोरा की हत्या की. बेटी शीना के बारे में इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी तक को बता रखा था कि वह उसकी बहन है. इंद्राणी ने पुलिस के सामने शीना को अपनी बेटी के रूप में कुबूल किया है. एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि शीना (इंद्राणी की बेटी) और पीटर मुखर्जी के बेटे के बीच रिश्ते थे. यानी पति-पत्नी के बच्चों के बीच आपस में संबंध थे.

(शीना की फाइल फोटो. इनसेट में शीना और राहुल की नजदीकी दिखाती एक फाइल फोटो.)

बेटी को बहन बताती थी इंद्राणी… तीसरी शादी की थी पीटर मुखर्जी से…

सास बहू की बजाय मां बेटी की इस उलझी कहानी की परतें जितनी खुल रही हैं, उतने ही नए नए खुलासे हो रहे हैं. स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी का कहना है कि इंद्राणी मुखर्जी ने उन्हें शीना को हमेशा बहन बताया. अब पता चल रहा है कि वो बहन नहीं बल्कि बेटी थी. उधर, यह भी पता चला है कि इंद्राणी ने पीटर मुखर्जी से तीसरी शादी की थी. उसने अपनी पहले की दो शादियों को भी छुपा रखा था. इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस लगातार नए खुलासे कर रही है.

((पहली और दूसरी तस्वीर में पीटर मुखर्जी व इंद्राणी मुखर्जी. तीसरी तस्वीर में पीटर मुखर्जी का बेटा रोहित मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना वोरा. चौथी तस्वीर में बेटी मां शीना वोरा और इंद्राणी मुखर्जी. आखिरी तस्वीर में इंद्राणी का बेटा मिखाइल वोरा.))

सहारा के मीडिया कर्मी अनिल चौधरी को चाकू मारकर लूटी स्विफ्ट कार

बीती रात एक्सप्रेसवे पर सहाराकर्मी अनिल चौधरी को चाकू मारकर स्विफ्ट कार लूट कर ले गये बदमाश. मिली जानकारी के अनुसार अनिल चौधरी सहारा मीडिया में कार्यरत हैं और ग्रेटर नॉएडा के सैक्टर अल्फा-1 में रहते हैं. ग्रेटर नॉएडा के सीओ- प्रथम अरुण कुमार ने बताया कि बीती रात अनिल चौधरी अपनी स्विफ्ट कार से नॉएडा से ग्रेटर नोएडा आ रहे थे.

असम के चैनल ‘प्रतिदिन टाइम’ ने शॉर्टस पहने वाली लड़कियों की तुलना बंदरों से की, एडिटर इन चीफ ने मांगी माफी

असम में एक खबरिया चैनल प्रतिदिन टाइम पर प्रसारित शॉर्टस पहनने वाली युवतियों का उपहास उड़ाने वाला वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला विवादों में आ गया है। यहां तक कि कुछ लोगों ने यह भी कह दिया कि मौजूदा समय में पुलिस से ज्यादा उन्हें मीडिया से डर लगने लगा है। असम को वैसे तो महिला सशक्तिकरण के उदाहरण के तौर पर देखा जाता है, लेकिन क्षेत्रीय खबरिया चैनल प्रतिदिन टाइम ने शॉट्र्स पहनने वाली युवतियों का उपहास उड़ाकर यह बताने की कोशिश की है कि फैशन का मतलब छोटे कपड़े पहनकर अंग प्रदर्शन करने से है। वीडियो में एक बंदर को पैंट पहने हुए दिखाया गया है और असमिया भाषा में पाश्र्व से आती आवाज में तंज है कि बंदर भी कपड़े पहनना और कपड़े धोना सीख गए हैं, लेकिन गुवाहाटी की युवतियों को अपने आराम के लिए शॉर्टस पहनना पसंद है।

अरुण पुरी के खिलाफ विहिप नेता द्वारा दायर मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

बिजनेस टुडे मैग्जीन के कवर फोटो पर महेंद्र सिंह धोनी को भगवान विष्णु के रूप में प्रकाशित करने के खिलाफ बेंगलुरु में एक विहिप नेता ने इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमें पर रोक के लिए अरुण पुरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अरुण पुरी को राहत दे दी है. पढ़िए इस संबंध में रिलीज हुई खबर….

हरिभूमि होशंगाबाद से हटाया गया आशीष दीक्षित को, पढ़ें पुलिस जांच रिपोर्ट

आठ माह पहले दैनिक भास्कर होशंगाबाद से कई आरोपों के बाद हटाए गए क्राइम रिपोर्टर आशीष दीक्षित को अब हरिभूमि से भी हटा दिया गया है। तीन माह पहले होशंगाबाद हरिभूमि में ज्वाइन करने के बाद वे यहां भी विवादों में रहने लगे थे। भास्कर में रहते हुए इन पर कई आरोप लगे थे और पूर्व एडीशनल एसपी अमृत मीना की जांच में आशीष पर कई आरोप सिद्ध हुए थे। इसमें पुलिस कर्मी से अभद्रता करने के बाद आशीष ने शहर के सभी मीडियाकर्मियों को झूठ बोलकर उन्हें देहात थाना परिसर में धरना पर बैठा दिया था। इसकी जांच श्री मीना ने की थी जिसकी जांच रिपोर्ट का खुलासा अब हुआ है।

राहुल मित्तल ने फिर सजाई दुकान, अबकी ‘इंडिया क्राइम’ नाम, संजय वोहरा और आलोक पांडे जुड़े

भास्कर न्यूज का हश्र सबने देखा. सैकड़ों मीडियाकर्मी परेशान हुए. अपमानित हुए. दुखी हुए. कानूनी लड़ाई अभी चल रही है. कइयों का करियर बर्बाद हुआ. उसी भास्कर न्यूज वाले राहुल मित्तल ने अब नई दुकान सजा ली है. नाम है ‘इंडिया क्राइम’. इस नाम से मैग्जीन लांच किया है और चैनल लाने जा रहे हैं, ऐसा दावा है. राहुल मित्तल यहां भी सीईओ हैं, बस कंपनी का नाम बदल गया है. अबकी कंपनी का नाम है बेरेट मीडिया.

याकूब मेमन फांसी कवरेज : चैनलों ने जवाब दाखिल किया, कहा- नियमों का उल्लंघन नहीं किया

याकूब मेमन की फांसी के घटनाक्रम की कवरेज को लेकर सरकार ने आजतक, एबीपी न्यूज और एनडीटीवी समाचार चैनलों को कारण बताओ नोटिस जारी किये थे. तीनों चैनलों ने अपना लिखित जवाब दाखिल कर दिया है. चैनलों ने अपने जवाब में अपने कार्यक्रमों का बचाव करते हुए कहा है कि वे नियमों के अनुसार थे और किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया.

जिंदल के दो नए चैनल लांच कराएंगे शैलेष, बने सीईओ और एडिटर इन चीफ

जी ग्रुप के सुभाष चंद्रा से लंबी लड़ाई लड़ रहे नवीन जिंदल का फोकस टीवी वाला प्रयोग फ्लाप रहा. इस कारण मतंग सिंह से लिए गए फोकस टीवी को बंद कर दिया जाएगा. इसके एडिटर इन चीफ संजीव श्रीवास्तव इस्तीफा दे चुके हैं. नवीन जिंदल ने नए सिरे से अपना मीडिया वेंचर खड़ा करने के लिए अबकी दाव शैलेष पर लगाया है. शैलेष ने न्यूज नेशन चैनल लांच किया और उसे टीआरपी में अच्छा खासा मुकाम दिलाया. शैलेष लंबे समय तक आजतक न्यूज चैनल में रह चुके हैं. वे कई चैनलों को लांच करा चुके हैं.

‘लखनऊ के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के कारण पूरे देश में हमारे यूपी के पत्रकारों की भद्द पिट रही है’

मेरे प्रिय साथियों

प्रभात कुमार त्रिपाठी का अपने सभी 614 मान्यता प्राप्त भाई और बहनों को नमस्कार…

मैंने कल दिन भर लखनऊ एनेक्सी से लेकर अपने सभी साथियों के बीच एक प्रस्ताव रखा जो पत्रकार एकता के लिये अहम प्रस्ताव था जिसे भारी मतों से देर शाम साथियों ने स्वीकार भी किया। प्रस्ताव था कि मै इस बात को लेकर दुखी हूं कि मुट्ठी पर वरिष्ठ पत्रकारों के जिद्द के चलते 40 सालों से चली आ रही पत्रकार कमेटी का दो जगह अलग-अलग चुनाव कराया जा रहा है जो अनुचित है। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के कारण पूरे देश में हमारे यूपी के पत्रकारों की भद्द पिट रही है। इसका लाभ नौकरशाह और राजनेता उठाने में लग गये हैं। चर्चाएं भी हो रही हैं।

प्रणब कुमार बोरा, अभिषेक पांडे, नमिता शुक्ला के बारे में सूचनाएं

असम के वरिष्ठ पत्रकार प्रणब कुमार बोरा का उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी उम्र 63 साल थी। वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं। बोरा असम के प्रमुख दैनिक जन्मभूमि, द सेंटीनल समूह, दूरदर्शन और बिश्मोई से जुड़े रहे थे। नगांव में 1978 में पहली बार पुस्तक मेला का आयोजन कराने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अंतिम संस्कार से पहले उनके शव को नगांव प्रेस क्लब ले जाया गया। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत, मंत्री रकीबुल हुसैन, पूर्व विधायक गिरिंद्र कुमार बरूआ और अन्य लोगों ने शोक जताया।

इंद्राणी मुखर्जी अपनी बहन की हत्या के आरोप में अरेस्ट

स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इंद्राणी पर आरोप है कि उन्होंने अपने ड्राइवर के साथ मिलकर अपनी बहन की हत्या कर दी थी और उसे महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के जंगल में गाड़ दिया था। वर्ष 2012 में इंद्राणी की बहन शीना बोरा की हत्या हुई थी। शोना आईएनएक्स मीडिया कंपनी की सीईओ भी रह चुकी था। तब से यह मामला सुलझ नहीं पाया था।

फोकस टीवी बंद होगा, संजीव श्रीवास्तव ने दिया इस्तीफा

फोकस टीवी से संजीव श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया है. वे एडिटर इन चीफ हुआ करते थे. संजीव करीब दो साल से इस ग्रुप के साथ थे. बताया जा रहा है कि फोकस टीवी को बंद कर दिया जाएगा. मतंग सिंह के पाजीटिव मीडिया ग्रुप से नवीन जिंदल का जो करार था, वो खत्म हो चुका है. जिंदल अब खुद की तरफ से नया चैनल लाएंगे और फोकस के अधिकतर स्टाफ को उसमें एकोमोडेट करेंगे. संजीव श्रीवास्तव के विदा होने के बाद जिंदल अब मीडिया की कमान किसी दूसरे वरिष्ठ पत्रकार को सौंप सकते हैं. इसको लेकर कई नामों की चर्चा है.

आजतक से अनिल सिंह पहुंचे न्यूज24, दीप उपाध्याय के अंडर में काम करेंगे

आजतक चैनल में एक्जीक्यूटिव एडिटर के रूप में कार्यरत अनिल सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. वे न्यूज24 ज्वाइन करेंगे. चर्चा है कि वे अपने से जूनियर रहे दीप उपाध्याय के अंडर में न्यूज24 में काम करेंगे. दीप उपाध्याय को न्यूज24 का मैनेजिंग एडिटर बना दिया गया है. अनिल सिंह एबीपी न्यूज में भी काम कर चुके हैं. अनिल काफी समय से आजतक छोड़कर किसी दूसरे चैनल में जाने के लिए प्रयासरत थे.

रोहन जगदाले हाजिर हों…

जिया नामक चैनल और मैग्जीन लांच करने वाले रोहन जगदाले लापता हैं. तभी तो वो मीडियाकर्मियों के बकाये को लेकर लेबर आफिस में चल रही लड़ाई में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं. मीडियाकर्मियों ने उदारता दिखाते हुए उन्हें खुद मेल और पत्र के जरिए सूचित किया है कि वे अगली तारीख पर नोएडा लेबर …

जिवेश रंजन और ब्रजेंद्र दुबे का तबादला, गितेश त्रिपाठी को नया कार्यभार

प्रभात खबर, भागलपुर के स्थानीय संपादक जिवेश रंजन सिंह का तबादला रांची कर दिया गया है. वे सेंट्रल डेस्क पर भेजे गये हैं, जबकि यहां सेंट्रल डेस्क का काम देख रहे ब्रजेंद्र दुबे को रेजीडेंट एडीटर बनाकर भागलपुर भेजा गया है. श्री दुबे अगले कुछ दिनों में पदभार ग्रहण करेंगे.

प्रेस क्लब फ़िरोज़ाबाद जनपद की नवीन कार्यकारणी घोषित, सुधीर शर्मा अध्यक्ष बनाये गए

प्रेस क्लब फ़िरोज़ाबाद की एक बैठक कार्यालय पर संपन्न हुई जिसमें सर्वसम्मति से नवीन कार्यकारणी की घोषणा की गई. बनारसीलाल भोला (पंजाब केसरी), रूपेश चौधरी (दैनिक जागरण) को सरंक्षक बनाया गया। सुधीर शर्मा (आजतक) को अध्यक्ष बनाया गया। मंटू उपाध्याय (मून टीवी), दिनेश वशिष्ठ (जागरण), राजकुमार (अमर उजाला), महेंद्र शर्मा बेबी (हिंदुस्तान) को उपाध्यक्ष बनाया गया।

भड़ास पर ब्लड डोनेशन संबंधी अपील प्रकाशित होने के बाद खून देने वालों की लाइन लग गई

Shravan Shukla : ये है सोशल मीडिया की ताकत। Ashwani Shrotriya के पिता जी का ऑपरेशन होना था। 10 यूनिट ब्लड की जरूरत थी। मैंने कल रात Bhadas4media पर पढ़ा, और उसे अपनी वाल पर शेयर किया। भाई Vinay Kumar Bharti जी जुटे और अपने साथिय़ों Atul Gera Kanudeep Kaur Rohit Gupta B Positive Vandana Singh AB Positive समेत तमाम अन्य साथियों को इकट्ठा कर अस्पताल पहुंच गए। उनका साथ दिया भाई आशुतोष कुमार सिंह ने। और तमाम जरूरतें उन सबके इकट्ठा होते होते पूरी हो गईं।  यहां तक कि कुछ लोगों को बिना रक्तदान के ही लौटना पड़ा, क्योंकि जरूरतों को पूरा करने के लिए सारा जहां वहां पहुंचा था। कौन कहता है सोशल मीडिया बकवास चीज है? जो ये कहते हैं, वो जरा इधर भी नजर घुमाएं, इधर ही क्यों…. मेरे ये साथी तमाम लोगों की मदद किया करते हैं, जो कहीं भी मुसीबत में होता है। जय हो मित्रों, जय सोशल मीडिया। जिंदगी जिंदाबाद…

जो छापने से रोकी जाये वही खबर है जो बिना रुकावट छप जाये वो विज्ञापन है

जो छापने से रोकी जाये वही खबर है… जो बिना रुकावट छप जाये वो विज्ञापन है… ये कहा करते थे मूर्धन्य पत्रकार अंबादत्त भारतीय जी। आज भारतीय जी को याद करते हुये यही वाक्य और ऐसे ही कई वाक्य दोहराये वरिष्ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने। अवसर था अंबादत्त भारतीय स्मृति समारोह का। सीहोर के रुकमणी गार्डन में आयाजित इस कार्यक्रम में श्री गोहिया ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण के बाद श्री भारतीय जी के जीवन पर प्रकाश डाला। उनके साथ बिताये हुये अपने पलों को साझा किया।

संवाददाता समिति चुनाव अब 30 अगस्त को, देखें प्रत्याशियों की लिस्ट

उ प्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव अब रविवार 30 अगस्त को होगा. चुनाव समिति के सदस्य किशोर निगम ने बताया कि आगामी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को देखते हुए तारीख बदली गयी है. श्री निगम के अनुसार उम्मीदवारों ने समिति का ध्यान आकृष्ट किया है कि जन्माष्टमी का पर्व पॉंच सितंबर को है. उस दिन लोग उपवास रखेंगे और देर रात तक जागेंगे. इसलिए दूसरे दिन 6 सितंबर को मतदान कराना मुश्किल होगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए समिति ने अब 6 सितंबर के बजाय 30 तीस अगस्त को मतदान कराने का फैसला किया है. मतदान सुबह दस से शाम पॉंच बजे तक होगा. सोमवार को नाम वापसी के बाद पंद्रह पदों के लिए 39 उम्मीदवार बचे हैं.

चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही हेमन्‍त-कलहंस की उछलकूद शुरू

Kumar Sauvir :  पहले दो महीने की मोहलत ली थी, अब बोले पांच को कराऊंगा चुनाव… मजाक बना दिया हेमन्‍त और कलहंस की जुगुलबंदी ने पत्रकरिता को… अभी दस दिन पहले ही हेमन्‍त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस की साजिशों से ऊबे पत्रकारोें ने अवैध कार्यकारिणी की जगह नयी कमेटी के चुनाव के लिए चुनाव-कार्यक्रम का ऐलान कर दिया था। इस कार्यक्रम के तहत पिछले22 तारीख तक 60 से ज्‍यादा लोगों ने अपना नामांकन दर्ज कराया था जो अब तक का एक रिकार्ड है। इसके तहत सितम्‍बर की छह तारीख को नयी कमेटी के लिए मतदान शुरू होगा और उसी दिन चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।

लोकायत मैग्जीन में पांच महीने से सेलरी नहीं

लोकायत मैग्जीन में पांच महीने से सेलरी नहीं मिल रही है. इस कारण वहां कार्यरत मीडियाकर्मी बेहद परेशान हैं. मैग्जीन के मालिक एमके तिवारी हैं. इनका साधना न्यूज चैनल में भी हिस्सा बताया जाता है. लोकायत मैग्जीन के संपादक बलराम मलिक नामक कोई सज्जन है जो मालिक के आगे अपने कर्मियों की समस्याओं परेशानियों को नहीं उठाते, सिर्फ और सिर्फ मीडियाकर्मियों से काम करवाने में जुटे रहते हैं.

28 अगस्त के दिन इंटरनेट का इस्तेमाल बिलकुल न करें

आओ आज एक संकल्प लें। 28 अगस्त के दिन इन्टरनेट का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेंगे। हाल ही में टेलीफोन कम्पनियों के द्वारा मोबाइल डाटा के दाम बढा दिये गये हैं। जो इन्टरनेट पैक पहले 58 रुपये में 2GB मिलता था, वो अब 155 में 1GB रह गया था और अब पिछले हफ्ते कम्पनी ने दाम फिर बढा दिये हैं। अब 155 रुपये में 500MB डाटा।

दिल्ली के साथियों से मदद की अपील : 10 यूनिट ब्लड की जरूरत है…

दैनिक भास्कर.काम भोपाल के पत्रकार अश्वनी श्रोत्रिय के पिताजी के बायें हाथ का ऑपरेशन मैक्स हास्पिटल पटपड़गंज (दिल्ली) में होने वाला है। इसके लिए 10 यूनिट ब्लड की आवश्यकता है। पेशेंट का नाम-नागेंद्र मोहन श्रोत्रिय और संपर्ककर्ता का नाम-अश्वनी श्रोत्रिय। मोबाइल नंबर 09826296819 है।

कैमरे से सच दिखाने वाले आजाद पत्रकार गौतम पर आज 15 केस हैं…

कैमरे पर सच दिखाने की हिमाकत का नतीजा यह रहा कि कोलकाता पुलिस गौतम कुमार विश्वास को बालों से नोचती हुई घसीट कर ले गई। उन्हें जहां चाहा मारा। लातें, घूसे सब। गौतम कोलकाता के फ्रीलांस पत्रकार हैं, जो पुलिस और प्रशासन की पोल खोलती फिल्में बनाते हैं। जान की परवाह किए बिना भ्रष्ट तंत्र से टकराने वाले गौतम के महीने के आधे से ज्यादा दिन अदालतों में जाते हैं। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा वकीलों को जा रहा है लेकिन फिर भी गौतम इस घुन लगी व्यवस्था के आगे न झुकते हुए बखूबी अपना काम कर रहे हैं।

जगेंद्र हत्याकांड मामले पर प्रेस काउंसिल ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस की कड़ी आलोचना की

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पत्रकार की हत्या पर जारी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की एक रिपोर्ट में यूपी पुलिस की और प्रशासन की भूमिका की निंदा की गई है। प्रेस काउंसिल ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गंभीर उपाय करने की भी मांग की है। 8 जून को शाहजहांपुर में एक स्वतंत्र पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के बाद पीसीआई ने जांच के लिए एक टीम का गठना किया था। पीड़ित पत्रकार ने मरने से पहले दिए गए अपने बयान में कहा था कि मंत्री राम मूर्ति वर्मा के खिलाफ लिखने के कारण स्थानीय पुलिस ने उन्हें जिंदा जला दिया। रिपोर्ट में राज्य सरकार से एक निष्पक्ष एजेंसी द्वारा मुकम्मल जांच करवाने की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में लिखा है-

‘‘दैनिक पूर्वोदय’’ के संपादक सत्यानंद पाठक का निधन

गुवाहाटी : एक स्थानीय हिन्दी दैनिक के संपादक सत्यानंद पाठक का आज यहां संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके परिजनों ने बताया कि वह 53 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। पाठक को 14 अगस्त को दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली।

पहले पत्रकारिता में सिर्फ चार पेपर पढ़ाया जाता था, अब 16 पेपर पढ़ना पड़ता है : डॉ. अर्जुन तिवारी

भारत में पत्रकारिता शिक्षा की नींव और पत्रकारिता शिक्षा को दिशा देने में डॉ. अर्जुन तिवारी की भूमिका महत्वपर्ण रही है। सही मायने में इन्हें पत्रकारिता गुरु कहा जाय तो गलत नहीं होगा। ‘‘हिन्दी पत्रकारिता का उदभव और विकास’’ पर पीएच.डी. करने के बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक पत्रकारिता की 20 से ज्यादा पुस्तकें लिखने वाले डॉ. तिवारी को नामित पुरस्कार, सम्पादन पदक, बाबूराव विष्णु पराड़कर पुरस्कार और पत्रकारिता-भूषण साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हाल में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने उन्हें तीन अगस्त 2015 को लोक साहित्य में महापंडित राहुल सांकृत्यान’’ पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार 14 सितंबर को दिया जाएगा। डॉ. अर्जुन तिवारी भाटपाररानी, देवरिया के मूल निवासी हैं। 1965 में भाटपाररानी से शैक्षणिक कार्य की शुरुआत की। इसके बाद 1994 में काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हुए और 2002 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद हिन्दी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष के रूप में दक्षिण भारत के 16 विश्वविद्यालयों में हिन्दी विभाग की स्थापना कराई। साथ ही इन्होंने रांची, चित्रकूट, मुजफ्फरपुर और गोरखपुर में पत्रकारिता संस्थान शुरू किया जो आज भी अनवरत चल रहा है। वर्तमान में भोजपुरी-हिन्दी-अंगेजी शब्दकोश पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में कार्य कर रहे हैं।

पुलिस विभाग में करप्शन का मुद्दा उठाने वाले सिपाही को एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल भेज दिया

यूपी के जंगलराज की ढेरों कहानियां हैं. जिधर देखो उधर एक कहानी मिलेगी. ताजा मामला मेरठ का है. एक सिपाही अपने एसपी के पास जाकर कहता है कि हे एसपी महोदय, तुम समेत तुम्हारे सीओ से लेकर बाबू तक रिश्वत लेते हैं, कदम कदम पर. जो सस्पेंड हुआ उसकी बहाली से लेकर ड्यूटी लगाने तक में पैसे लिए जाते हैं. अपने मुंह पर आरोप सुनते ही एसपी साहब के भीतर का सिपाही जग गया और उन्होंने थानेदार को बुलवा कर सिपाही को उठवा लिया. अगले रोज सिपाही को एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल भेज दिया गया. है न पूरी फिल्मी सी कहानी. लेसन ये कि अगर आप सच बोलेंगे, न्याय की बात करेंगे, साहस दिखाएंगे तो मारे जाएंगे, जेल जाएंगे, दुख उठाएंगे.

“खबर विजन” दैनिक समाचार पत्र का बनारस में हुआ विमोचन

वाराणसी। जनपद के नगर-निगम स्थित प्रेक्षा गृह में समाज परिवर्तन सेवा समिति के बैनर तले राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अख़बार “खबर विजन” और पत्रिका “पूर्वांचल संघर्ष” का विमोचन जिलाधिकारी राजमणि यादव ने किया। विमोचन के बाद उक्त संस्था के निदेशक डा. रमाशंकर प्रसाद सिंह ने महिला सशक्तिकरण के तहत सौ लड़कियो को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु चेक वितरण किया। कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने विचार रखे और साथ ही कुछ स्कूली बच्चों ने अपनी कलाओ का प्रदर्शन किया।

देखिए सुमित्रा महाजन जी क्या हो रहा है लोकसभा टीवी में…

अगर मैं आपसे ये कहूं कि सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के सामने सदन में मंत्री जी से सवाल पूछ रही हैं तो शायद आप मुझे पागल या दिवालिया बता दें…. लेकिन ये मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि ऐसा दिख रहा है लोक सभा टीवी की आधिकारिक वेबसाईट पर.. वेबसाईट पर डाले गए ‘हाउस हाइलाइट’ के कार्यक्रम में साफ-साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सुमित्रा महाजन लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के सामने तबके मंत्री अजित सिंह से जवाब मांग रहीं है. यह लिंक जरुर देखे…

http://loksabhatv.nic.in/House.aspx?catid=12

अंधेर नगरी चौपट राजा… टका सेर भाजी टका सेर खाजा, जैसी कहावत लोकसभा टीवी के अधिकारियो पर बिल्कुल सटीक बैठती है… यूपीए कार्यकाल को खत्म हुए साल भर से अधिक का समय हो गया है लेकिन खुलेआम वेबसाइट पर ऐसी चीजें बनी रहना अंधेरगर्दी को बखूबी दर्शाता है…. मजेदार बात है कि वही सुमित्रा महाजन आज लोकसभा अध्यक्ष हैं लेकिन उनका ही चैनल उन्हें अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं….. इतना ही नहीं जो एंकर आज लोकसभा टीवी का हिस्सा नहीं हैं उन्हीं के कार्यक्रम आज वेबसाइट पर मौजूद हैं…

हाय रे मजीठिया बहुते करे इंतजार….

हाय रे मजीठिया बहुते करे इंतजार, लेकिन तू फिर भी ना आया।
तेरे अंदर छुपे वैभव के सपने देख, हमने पत्रिकारिता के  कितने रावणों से लिया पंगा।
अपने भी हुए पराए, रिश्ते भी हुए धूमिल, लेकिन तू फिर भी न आया।
तेरे आश में हमनें खाई दर दर की ठोकर, भूल पत्रकारिता, बन बैठा गवांर।
करता रहा इंतजार कि, तू आएगा एक दिन
दिन बीते, महीना बीता, बीत गया पूरे साल, लेकिन तू फिर भी ना आया।
तेरे इंतजार में मैं भी पहुंच गया पानीपत से गंगा पार (पटना)
सोचा था कि एक दिन तुझे सुप्रीम कोर्ट पहुंचाएगा हम तक
लेकिन पत्रिकारिता के रावणों ने तुझे एसा जकड़ा, कि तू चल ना पाया एक पग
ना तू आया ना तेरा पैसा, मैं भी तेरे सपने देखते हुए हो गया बेरोजगार
अब तो आ जा, आश जगा जा, पत्रकारों के दुःख दर्द दूर भगा जा।…….

महाराष्ट्र में 121 अखबार समूहों ने नहीं लागू किया मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को महाराष्ट्र में समाचार पत्र मालिक बिलकुल गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और इस आदेश को साफ तौर पर ठेंगा दिखाया जा रहा है। यह राज खुला है एक आरटीआई के जरिये। खुद इस आरटीआई में मुंबई के कामगार आयुक्त कार्यालय ने बताया है कि मुंबई और आसपास में सिर्फ 27 समाचार पत्र प्रबंधन ने अपने यहां मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिश लागू किया है। पत्रकार शशिकांत सिंह द्वारा कामगार आयुक्त कार्यालय से आरटीआई के जरिये मांगी गयी सूचना में मुंबई के कामगार आयुक्त कार्यालय ने शशिकांत सिंह को सूचना उपलब्ध करायी है।

हरिभूमि की जूठन परोस रहा है दैनिक भास्कर रायपुर!

खुद को देश का सबसे तेज समाचार पत्र होने का दावा करने वाला दैनिक भास्कर पुरानी व प्रकाशित खबर फ्रंट पेज पर छाप रहा है। ताजा मामला दैनिक भास्कर के रायपुर संस्करण के फ्रंट पेज पर 20 अगस्त, 2015 को प्रकाशित समाचार शीर्षक- ‘एसीबी की छापेमारी के खिलाफ आईएएस एसोसिएशन का मोर्चा’ है। यही समाचार दैनिक भास्कर में प्रकाशित होने से एक दिन पूर्व 19 अगस्त, 2015 को हरिभूमि के फ्रंट पेज पर ‘आईएएस अफसरों ने दी सीएम के दर पर दस्तक’ शीर्षक से प्रकाशित हो चुका था।

हेमंत तिवारी की इतनी बुरी हालत होगी, यह खुद हेमंत ने नहीं सोचा था

लखनऊ : हेमंत तिवारी की इतनी बुरी हालत होगी, यह खुद हेमंत ने नहीं सोचा था. लखनऊ के राज्य मान्यता समिति के चुनाव न करने के लिए परसों हेमंत ने जो साजिश की थी, कल उसकी धज्जियाँ उड़ गई. कल साठ लोगों ने अपना नामांकन कराया जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. 490 लोगों ने अपना नामांकन शुल्क 100 रुपया जमा कर दिया है. कल की घटना से हेमंत और उसके गुर्गों की बोलती बंद हो गई है. चुनाव 6 सितम्बर को होना है. पत्रकारों में हेमंत के लुच्चेपन को लेकर भारी गुस्सा है.

व्यापमं पर खुल गई दावों की पोलपट्टी… ये है हकीकत

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित उनकी पूरी पार्टी भाजपा लगातार ये दावे करती रही है कि व्यापमं कोई बहुत बड़ा महाघोटाला नहीं है और इसकी जांच खुद उन्होंने ही शुरू करवाई। मुख्यमंत्री तो खुद को व्हिसल ब्लोअर भी बताते रहे हैं और पहले सीबीआई जांच से बचते रहे और जब देखा कि सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले को सीबीआई को सौंपने जा रहा है तब आनन-फानन में सीबीआई जांच करवाने का अनुरोध-पत्र सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। सीबीआई ने हालांकि व्यापमं घोटाले की जांच शुरू कर दी है और सुप्रीम कोर्ट तो व्यापमं से अधिक बड़ा और गंभीर घोटाला डीमेट को बता रहा है और इसकी भी सीबीआई जांच होगी। इधर नगरीय निकायों के चुनाव में भाजपा को एक बार फिर जोरदार सफलता मिली, जिसे व्यापमं घोटाले की क्लीन चिट के रूप में भी जमकर प्रचारित किया जा रहा है।

(पढ़ने के लिए उपरोक्त न्यूज क्लीपिंग पर क्लिक कर दें)

 

 

लक्ष्य से भटकाव मीडिया को हितसाधन का औजार बना देता है

: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में आयोजित सेमिनार में मीडिया और आध्यात्मिकता के बिंदुओं पर हुई विस्तार से बात : देश भर के चर्चित विद्वानों व वक्ताओं ने लिया भाग, कई पुस्तकों का हुआ लोकार्पण : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में पिछले दिनों आध्यात्मिकता जैसे गंभीर, जरूरी व व्यापक फलक तथा सरोकार वाले विषय को केंद्र में रखकर एक विशिष्ट सेमिनार का आयेाजन हुआ. ‘आध्यात्मिकता, मीडिया और सामाजिक बदलाव’ विषय पर आयोजित इस सेमिनार में देश भर से कई चर्चित विद्वतजनों, विशेषज्ञों व मीडिया विश्लेषकों ने भाग लिया. विषय के अनुसार वक्ताओं ने अपने विचारों को साझा किया और सबने अपने-अपने वक्तव्यों के जरिये इस विषय के दायरे का विस्तार करते हुए बहस के नये आयाम खोले. आध्यात्मिकता जैसे विषय पर चर्चा के साथ ही मीडिया के दायित्वों व उसके बदलते स्वरूप पर भी गहराई से बात हुई.

दास्ताने स्टिंग ऑपरेशन : यूपी का मुगले आज़म तो बात बादशाह की करता है लेकिन भिड़ता प्यादों से है!

क्या यूपी में कोई आज़म खान की मर्ज़ी के बगैर उनके बारे में कोई खबर चला सकता है? इस सवाल का जवाब लखनऊ में आसानी से मिल सकता है लेकिन एक बात तो साफ़ है कि सत्ता में आने के बाद आज़म खान ने जितने मुकदमे पत्रकारों पर दर्ज कराये हैं उतने मुकदमे सरकार ने सूचीबद्ध माफिया सरगनाओं पर भी नही दर्ज कराए. सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक, आज़म खान अपने बारे में अखबार क्या, फेसबुक पर भी लिखी कोई तल्ख़ लाइन बर्दाश्त नही करते. और वो हर स्तर पर कार्रवाई करने को बेताब रहते हैं. उनकी पुलिस कभी उनकी खोई हुई भैंसों को या फिर खोई हुई प्रतिष्ठा के ज़िम्मेदार पत्रकारों को पकड़ने में मुस्तैद रहती है. लोहिया की खुली विचारधारा वाली समाजवादी पार्टी की ये प्रेस विरोधी नीति अभूतपूर्व विरोधाभास से भरी है.

दैनिक जागरण कर्मचारी यूनियन पंजाब का गठन

दैनिक जागरण में इन दिनों मजीठिया वेतन आयोग को लेकर जद्दोजहद जारी है। इस बीच दैनिक जागरण लुधियाना व जालंधर यूनिट के कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी यूनियन भी गठित कर ली है। दैनिक जागरण कर्मचारी यूनियन पंजाब का रजिस्ट्रेशन होने पर शुक्रवार को कर्मचारियों में खुशी का माहौल रहा।

यूपी राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की गरिमा का चीरहरण हो रहा है

मुँह में राम बगल में छुरी… इस कहावत पर उत्तरप्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव बेहद खरा उतरता है। पहली बार ‘निष्पक्ष प्रतिदिन’ और यूपी के सूचना विभाग के सौजन्य से राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार बनने का गौरव प्राप्त हुआ। अब इस जमात का नेतृत्व करने वाली मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव का बिगुल बज़ उठा है। चुनाव की इस म्यान में दो तलवारें हैं। कोई कहता है चुनाव खर्च 100 रुपइया जमा कराओ। आज समिति के चुने हुए नुमाइंदे बैठक कर दस रुपइया जमा करने का फरमान सुनाते हैं। हमारे जैसे पहली बार जमात के सदस्य बने बेचारे सिर्फ चुनावी जंग देख रहे हैं। समझ नहीं आ रहा इधर जाऊं या उधर जाऊं।

वाह रे यूपी का सूचना विभाग : जो चैनल वर्षों से बंद हैं उनके भी लोगों को दे रखी है राज्य स्तरीय मान्यता… देखें लिस्ट

इसे कहते सैया भै कोतवाल तो डर काहें का। उत्तर प्रदेश का सूचना विभाग असल पत्रकारों को मान्यता देने में आनाकानी करता है लेकन जो चैनल बंद हो गए हैं और उनके पत्रकारों का उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता से कोई वास्ता भी नहीं है, उसे भी उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त है। काम न काज़ ढाई मन अनाज वाली कहावत है।

बेलगाम एंकर अंजना ओम कश्यप

अभी-अभी आजतक बंद किया है। देख रहा था, इंडिया 360 डिग्री। होस्ट कर रही थीं बेलगाम एंकर अंजना ओम कश्यप। एक खबर आई। ब्रेकिंग न्यूज में। खबर थी, नीतीश का स्टेटमेंट। नीतीश कुमार ने कहीं स्टेटमेंट दिया था कि मैं अहंकारी हूं परंतु शिष्टाचार नहीं भूलता। जाहिर तौर पर नीतीश के तीर पर मोदी ही थे। यह सब चल ही रहा है। कई दिनों से। लेकिन एक पत्रकार होने के नाते अंजना ओम कश्यप से जो उम्मीदें थी, उसे उन्होंने न सिर्फ तोड़ दिया बल्कि मेरे मन में अपने लिए और ज्यादा नफरत भी पैदा कर दिया। अंजना ने पंच मारा-कितनी बेमानी हैं ये बातें। बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, सड़कें नहीं हैं और इस किस्म की बातें…लड़ाई, झगड़ा, चोरी और डकैती वहां पर हो रही है….यह सब कहते-कहते उनके चेहरे पर बेहद घटिया किस्म के भाव आए थे। आप लोग इसकी रिकार्डिंग मंगवा सकते हैं। आज तक से।

यूपी के मान्यता प्राप्त संवाददाताओं की आम सभा में चुनाव समिति घोषित, वीर विक्रम बहादुर मिश्र मुख्य चुनाव अधिकारी

: उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की आम सभा में 300 से ज्यादा सदस्यों की शिरकत : उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की आम सभा की बैठक आज दिनांक 21 अगस्त, 2015  को विधान भवन प्रेस रुम में आहूत की गयी. बैठक में राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त 300 से अधिक संवाददाताओं में हिस्सा लिया. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने की जबकि संचालन सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने किया.

दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट मदन मौर्य की ये तस्वीरें बहुत बड़ी खबर बन सकती थी लेकिन आफिस वाले मैनेज हो गए!

मेरठ में एक फोटोग्राफर हैं मदन मौर्या. सीनियर फोटो जर्नलिस्ट हैं. जमाने से दैनिक जागरण की ही सेवा में है. बेहद मुंहफट और बेबाक. चोर के मुंह पर चोर कह देना उनका रोज का नियम है. चोर चाहे सीनियर पत्रकार हो या सीनियर पुलिस / प्रशासनिक अधिकारी. मदन मौर्य की इमानदारी और मुंहफटई के कारण सब चुपचाप उनकी सुनते, उन्हें झेलते रहते हैं. दैनिक जागरण, मेरठ के मालिकान बहुत अच्छे से मदन के इमानदार स्वभाव को जानते हैं, इसलिए वो मदन के खिलाफ ढेर सारी प्रायोजित शिकायतों को डस्टबिन में डालते रहते हैं, मदन के आफिस के लोगों के बारे में कड़वे बोल को सुन कर अनसुना करते हुए भी उस पर चुपचाप अमल करते जाते हैं. मदन का काफी समय से सबसे बड़ा दुख ये कि जिनके कंधों पर सिटी की रिपोर्टिंग का जिम्मा है, उन्होंने निजी स्वार्थवश पूरे पत्रकारिता के तेवर को धंधेबाजी में तब्दील कर रखा है. मदन अपने कैमरे के जरिए जिस सरोकारी व तेवरदार पत्रकारिता को अंजाम देते हैं, उसे उनके आफिस वाले कुछ लोग बेच खाने को तत्पर हो जाते हैं. ये सारी बातें और भूमिका मदन के स्वभाव-संस्कार के बारे में बताने के लिए थीं. अब आते हैं असली खबर पर.

दैनिक जागरण मेरठ के सीनियर फोटो जर्नलिस्ट मदन मौर्य

अनामिका ने ‘स्पेशल स्टोरी’ शुरू की, प्रवीण बने ‘वीपीएल’ के संपादक

स्वतंत्र पत्रकार अनामिका ने एक नई वेबसाइट शुरू की है। अनामिका ने लखनऊ के जयपुरिया कॉलेज से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वक्त लखनऊ में पत्रकारिता की और फिर एक एनजीओ से जुड़ गईं जिससे वह काफी वक्त जुड़ी रहीं। 2012 में दिल्ली आने के बाद उन्होंने कुछ मैगजीन्स और अखबारों के लिए लिखना शुरु किया। न्यू मीडिया और सोशल मीडिया के क्षेत्र में आने वाली संभावनाओं को समझते हुए उन्होंने अपनी एक वेबसाइट www.specialstory.in शुरु की है। वह बताती हैं कि यह कोई खबरिया वेबसाइट नहीं है बल्कि देश के युवाओं के साथ रोचक जानकारियां साझा करने का एक प्रयास है। उनके मुताबिक इस वेबसाइट पर उन स्टोरीज़ को जगह दी जाएगी जो रोचक होने के साथ साथ जानकारी और ज्ञान से परिपूर्ण होंगी।

ब्रेन हैमरेज के बाद मेरठ के फोटोग्राफर राजन को नौकरी से निकाल दिया ‘हिंदुस्तान’ ने

दैनिक हिंदुस्तान मेरठ से खबर है कि यहां कार्यरत एक फोटोग्राफर को प्रबंधन ने इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उसे ब्रेन हैमरेज हो गया था. कारपोरेट मीडिया प्रबंधन अपने कर्मियों के प्रति कितना संवेदनहीन है, इसकी बानगी यह घटनाक्रम है. राजेंद्र सक्सेना उर्फ राजन दैनिक हिंदुस्तान, मेरठ में दस वर्षों से कार्यरत थे. फील्ड में घूम घूम कर वह फोटोग्राफी समेत अखबार के समस्त कार्य करते थे. सारे निर्देशों आदेशों का यस सर यस सर करते हुए पालन करते थे. एक दिन अचानक उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया. लंबा इलाज चला. जब वो ठीक होकर काम पर लौटे तो उन्हें एक लेटर थमा दिया गया कि आपकी नौकरी खत्म.

आसाराम से संबंधित गलत खबर छापने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने मांगी माफी

3 अगस्त को कई समाचार पत्रों में ये समाचार छपा कि आसाराम की तस्वीर NCERT की कक्षा 3 की पुस्तक में महान संतों के बीच में प्रकाशित है. इस खबर की सच्चाई की पोल तब खुली जब मानव संसाधन व विकास मंत्रालय (HRD Ministry) द्वारा हिंदुस्तान टाइम्स को इस बाबत नोटिस जारी हुआ कि इस प्रकार की कोई पुस्तक NCERT द्वारा नहीं छापी गई है.

पत्रकारिता के दौरान यह दिन देखना पड़ेगा, सोचा न था

एक सहाराकर्मी ने लगातार सेलरी न मिलने के कारण पत्र लिखकर बिना वेतन अवकाश की मांग की है ताकि वह बाहर किसी दूसरी जगह कुछ कामधाम करके पैसे कमा सके और अपने परिजनों का पेट पाल सके. सहारा मीडिया में काम करने वाले रवि कुमार (इंप्लाई कोड 054004) लखनऊ में राष्ट्रीय सहारा अखबार में वरिष्ठ उप संपादक के बतौर कार्यरत हैं. पढ़िए उनकी चिट्ठी और जानिए मीडिया के भीतर का एक खौफनाक सच.

पत्रकारिता के नाम पर सूदखोरी कर रहा डिंडोरी (एमपी) का नित्यानंद!

जिन सज्जन नित्यानंद के बारे में अखबार में खबर छपी है और उस खबर की कटिंग यहां लगाई गई है, उन्हें हरिभूमि अखबार का प्रतिनिधि भी बताया जा रहा है. सोचिए, पत्रकारिता क्षेत्र में कैसे कैसे लोगों को घुसाया गया है. मध्य प्रदेश के डिंडोरी की ये खबर है. नित्यानंद कटारे निगरानी शुदा बदमाश हैं. पढ़िए इनकी दास्तान…

(पार्ट तीन) मीडिया ने जिस बिजनेस माडल को चुना वह सत्ता के खिलाफ जाकर मुनाफा दिलाने में सक्षम नहीं : पुण्य प्रसून बाजपेयी

1991 के बाद राजनीतिक सत्ता ने जिस तेजी से अर्थव्यवस्था को लेकर पटरी बदली उसने झटके में उस सामाजिक बंदिशों को ही तोड़ दिया, जहां दो जून की रोटी के लिये तड़पते लोगों के बीच मर्सिर्डिज गाड़ी से घूमने पर अपराध बोध होता। बंदिशें टूटी तो सत्ता का नजरिया भी बदला और पत्रकारिता के तौर तरीके भी बदले। बंदिशें टूटी तो उस सांस्कृतिक मूल्यों पर असर पड़ा जो आम जन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिये बेचैन दिखती। लेखन पर असर पड़ा। संवैधानिक संस्थाएं सत्ता के आगे नतमस्तक हुईं और झटके में सत्ता को यह एहसास होने लगा कि वही देश है। यानी चुनावी जीत ने पांच साल के लिये देश की चाबी कुछ इस तरह राजनीतिक सत्ता के हवाले कर दी कि संविधान के तहत कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका जहां एक दूसरे को संभालते वहीं आधुनिक सत्ता के छाये तले सभी एक सरीखे और एक सुर में करार दे दिये गये। इसी कड़ी में शामिल होने में मीडिया ने भी देर नहीं लगायी क्योंकि सारी जरुरते पूंजी पर टिकी। मुनाफा मूल मंत्र बन गया।

(पार्ट दो) सत्ता-मीडिया गठजोड़ सांगठनिक अपराध में तब्दील हो गया : पुण्य प्रसून बाजपेयी

आजादी के तुरंत बाद देश को किसी पार्टी की सरकार नहीं बल्कि राष्ट्रीय सरकार मिली थी। इसीलिये नेहरु के मंत्रिमंडल में वह सभी चेहरे थे जिन चेहरों के आसरे आज राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिये टकराते हैं। यानी 68 बरस पहले 1947 में सवाल देश का था तो नेहरु की अगुवाई में देश के कानून मंत्री बीआर आंबेडकर थे। गृह मंत्री सरदार पटेल थे। तो शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद और इंडस्ट्री-सप्लाई मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। इसी तर्ज पर अठारह कैबिनेट मंत्री अलग अलग जाति-सप्रदाय-धर्म-भाषा-सूबे के थे। जो मिलकर देश को दिशा देने निकले। तो पत्रकारिता भी देश को ले कर ही सीधे सवाल नेहरु की सत्ता से करने की हिम्मत रखती थी।

(पार्ट एक) क्या वाकई मीडिया की आजादी का बोलने-लिखने से कोई वास्ता है : पुण्य प्रसून बाजपेयी

आजादी के 68 बरस बाद यह सोचना कि मीडिया कितना स्वतंत्र है, अपने आप में कम त्रासद नहीं है। खासकर तब जबकि सत्ता और मीडिया की साठगांठ खुले तौर पर या तो खुशहाल जिन्दगी जीने और परोसने का नाटक कर रही हो या फिर कभी विकास के नाम पर तो कभी राष्ट्रवाद के नाम पर मीडिया को धंधे में बदलने की बिसात को ही चौथा स्तंम्भ करार देने नहीं चूक रही हो। तो क्या सियासी बिसात पर मीडिया भी अब एक प्यादा है। और प्यादा बनकर खुद को वजीर बनाने का हुनर ही पत्रकारिता हो चली है। जाहिर है यह ऐसे सवाल है जिनका जवाब कौन देगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन सवालों की परतों पर परत उघाडें तो मीडिया का सच डरा भी सकता है और आजादी का जश्न सत्ता से मोहभंग कर भी सकता है। क्योंकि माना यही जाता है कि मीडिया के सामने सबसे बडी चुनौती आपातकाल में आई। तब दिखायी दे रहा था कि आपातकाल का मतलब ही बोलने-लिखने की आजादी पर प्रतिबंध है। लेकिन यह एहसास 1991 के आर्थिक सुधार के बाद धीरे धीरे काफूर होता चला गया कि आपातकाल सरीखा कुछ अब देश में लग सकता है जहां सेंसरशिप या प्रतिबंध का खुल्लम खुल्ला एलान हो।

‘रिलायंस जियो’ और नए न्यूज रूम के जरिए मोबाइल व टीवी समाचारों को एकीकृत करेंगे मुकेश अंबानी

पूंजीपति मुकेश अंबानी अपनी सबसे महत्त्वाकांक्षी कंपनी ‘रिलायंस जियो’ शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने धीरे-धीरे एकीकृत मोबाइल एवं टेलीविजन न्यूजरूम तैयार करने की पहल भी शुरू कर दी है। रिलायंस जियो के जरिये अंबानी 4जी दूरसंचार सेवा कारोबार में उतर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने त्रिआयामी रणनीति बनाई है जिसके तहत ब्रॉडबैंड नेटवर्क, सस्ते स्मार्टफोन एवं पर्याप्त सामग्री व ऐप्लिकेशन उपलब्ध कराने की योजना है।

सपा नेता खुद को पीसीआई का सचिव बताकर लाल बत्ती लगाए घूम रहा!

भदोही जनपद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला सचिव व सपा नेता अमजद अहमद खुद को भारत के प्रेस काउन्सिल ऑफ इंडिया का सचिव बताते हैं. एक मैरून कलर की टाटा मंजा कार में भारत सरकार का साइनबोर्ड और लाल बत्ती व हूटर लगाकर घूमते हैं। तीन दिन पूर्व उनकी कार की फोटो एक व्यक्ति ने खीच कर जिलाधिकारी के वाट्सएप पर भेज दिया. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कार से लाल बत्ती उतार कर मात्र एक हजार रुपये जुर्माना वसूलकर छोड़ दिया।

a new story of vartika nanda opportunism

A VITAL INPUT REGARDING POLITICAL ANTECEDENT OF VARTIKA NANDA : This is in connection with a proposal sent from Ministry of I & B to MHA regarding security clearance of Ms Vartika Nanda for being appointed as member of Prasar Bharati Board. These are links of the two videos which show Ms Vartika Nanda being firmly and publicly entrenched in Aam  Adami Party. These videos are not more than few months old (2th of May 2015) and they still are posted in the VIDEO gallery of the official website of Aam Adami Part (AAP).

लखनऊ के कपटी पत्रकार अब्दुल मुईज खान की मान्यता क्यों हो गई निरस्त, पढ़ें लेटर

लखनऊ के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की तरफ से एक लेटर जारी किया गया है जिस पर लिखा है कार्यालय आदेश. इस लेटर में लखनऊ के एक पत्रकार अब्दुल मुईज खान की मान्यता निरस्त करने का आदेश है और इस आदेश को पारित करने के पीछे के कारणों का उल्लेख है. आप भी पढ़िए लेटर… …

ध्रुव जैन बने दैनिक ट्रिब्यून के आगरा सवांददाता, गौरव धेंकला जी न्यूज मप्र छग से टर्मिनेट

प्रमुख हिंदी दैनिक ट्रिब्यून चंडीगढ़ ने आगरा में पहली बार सवांददाता नियुक्त किया है. यह जिम्मेदारी ध्रुव जैन को दी गई है. इससे पूर्व ध्रुव जैन जनसत्ता को अपनी सेवाएं देते रहे हैं. उधर, भोपाल के पत्रकार गौरव धेंकला को जी न्यूज़ मप्र छग से टर्मिनेट कर दिया गया है. इनको लेकर प्रबंधन के पास कई किस्म की शिकायत थी.

कांग्रेसी चैनल ‘जयहिंद’ पर आलोक मेहता भी नजर गड़ाए हैं!

कानाफूसी : केरल में कांग्रेस के टीवी चैनल ‘जयहिंद’ को राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी में लांच करने की खबरें आते ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े पत्रकारों में घमासान मच गया है। पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ला और पंकज शर्मा कांग्रेस की राजनीति में वर्षों से भीतर तक घुसे हुए हैं और आजकल पार्टी के पदों पर हैं। दोनों एक-दूसरे के विपरीत ध्रुव पर रहे हैं, लेकिन जयहिंद चैनल पर पकड़ बनाने के लिए दोनों में सुलह हो गई है। पहल शुक्ला ने की और संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिनों में केंद्रीय कक्ष में उनके और पंकज शर्मा के बीच बातचीत हुई और फिर दोनों तीन बार गीले रात्रिभोज पर पांच सितारा होटलों में मिले।

Signing of MoU between Prasar Bharati and Digital Television Russia

New Delhi, August 20th, 2015 – Two of the world’s leading broadcasters – Prasar Bharati, India’s public service broadcaster, and Digital Television Russia (DTR), Russia’s #1 Pay-TV programmer, today signed a Memorandum of Understanding (MoU) on cooperation that will set the stage for a new media era in both countries. This strategic alliance will focus on high quality production, marketing and distribution of content related to art, culture, trade & science, research and technology etc. Joint production and exchange of TV programs and related services will give audiences in both countries an unprecedented access to a rich variety of thematic entertainment and factual content.

बीवी राव और अजय सिंह ने फर्स्टपोस्ट डाट काम संग शुरू की नई पारी

बी.वी. राव को फर्स्टपोस्ट डाट काम का नया संपादक बनाया गया है. साथ ही अजय सिंह ने फर्स्टपोस्ट में बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर काम शुरू किया है. बीवी राव मिड डे, द इंडियन एक्सप्रेस, फ्री प्रेस जर्नल, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, डीएनए मुंबई, गवर्नेंस नाउ, रिलायंस में न्यूज व कम्युनिकेशन डायरेक्टर आदि में काम कर …

इंडिया टीवी और आजतक, दोनों ही खुद को बता रहे नंबर वन!

32वें हफ्ते की बार्क की टीआरपी ने नया सीन क्रिएट कर दिया है. आंकड़ों को अपने अपने हिसाब से पेश कर इंडिया टीवी और आजतक दोनों ही खुद को नंबर वन बता रहे हैं.

यूपी विधानसभा में पत्रकारों पर हमले का मामला जोर-शोर से उठा, तीन पार्टियों ने सदन से किया बहिर्गमन

लखनऊ : विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान पत्रकारों पर चौतरफा हो रहे हमलों का मामला जोर-शोर से उठा। मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने शुरुआत में ही प्रश्नकाल स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराये जाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह शून्यकाल में इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। बावजूद इसके बसपा अपनी मांग पर अड़ी रही। इस मामले में बसपा, कांग्रेस व रालोद ने सदन से बहिर्गमन किया।

खबर मंत्र के मालिक अभय सिंह, पत्रकार हरिनारायण सिंह समेत कइयों के यहां आयकर छापा

आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा ने गुरुवार को सुबह करीब 9.30 बजे रांची के बिल्डर अभय सिंह, आशीष सिंह, रिपुंजय सिंह और पत्रकार हरिनारायण सहित 10 लोगों के 18 ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी के दौरान भारी संख्या में अघोषित संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं. आयकर अपर निदेशक अनुसंधान अरविंद कुमार के निदेश पर आयकर अधिकारियों ने आज सुबह करीब 9.30 बजे छापामारी शुरू की.

बिहार में 141 साल पुराना अखबार ‘बिहार हेराल्ड’ फिर शुरू

बिहार की राजधानी पटना की खज़ांची रोड स्थित बिहार बंगाली एसोसिएशन के छोटे-से उमस भरे कमरे में बीते डेढ़ महीने से चहल-पहल बढ़ गई है. बिहार, बंगाल, लखनऊ, दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों से यहां बधाई संदेश आ रहे हैं. लोग अपनी समस्याओं का पुलिंदा भी एसोसिएशन के दफ़्तर भेज रहे हैं. एसोसिएशन के सदस्य ये तय करने में माथा पच्ची कर रहे हैं कि भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दों को आगामी बिहार चुनावों में कैसे उठाया जाए. दरअसल ये पूरी कवायद और बधाई संदेश ‘बेहार हेराल्ड’ के लिए है. ‘बेहार हेराल्ड’ पटना से निकलने वाला 141 साल पुराना साप्ताहिक अंग्रेजी अख़बार है.

मंत्रालय ने पूछा- रेप पीड़िता का चेहरा क्यों दिखाया? … चैनल बोला- गलती करने वाले पत्रकार से इस्तीफा ले लिया

: बलात्कार की शिकार बच्ची का चेहरा दिखाने पर चैनल को नोटिस : दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक निजी समाचार चैनल को बच्चों से संबंधित कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरतने के लिए एक चेतावनी जारी की है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक निजी समाचार चैनल को बच्चों से संबंधित कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरतने के लिए एक चेतावनी जारी की है। मंत्रालय की समिति ने पाया था कि इस चैनल ने ऐसी सामग्री के लिए मानकों का उल्लंघन किया था।