Nimish Kumar : आप जैसे गए Ajay N Jha sir, वैसे भी जाता है क्या कोई? रात सोते जाते वक्त जब मोबाइल पर नजर पड़ी तो फेसबुक देखकर बंद करना चाहा। सबसे ऊपर बैंगलोर से टीवी9 ग्रुप के अंग्रेजी चैनल न्यूज9 के एडिटर संदीप धर का स्टेटस था। अजय झा सर नहीं रहें। भरोसा नहीं हुआ, ये जानते हुए भी संदीप धर यदि एक वाक्य भी लिखते है, तो पूरी ईमानदारी से, जांच परख कर। ट्विट्रर पर न्यूज नेशन के बैंगलोर संवाददाता का ट्विट्ट था। फिर ट्विटटर पर मैसेज भेजा। वॉट्सअप पर मैसेज किए।
Month: October 2014
आलोक सांवल का मूड फिर बिगड़ा, मृदुल त्यागी को बाहर का रास्ता दिखाया
आई-नेक्स्ट में तीन महीने पहले चौथी बार इंट्री मारने वाले मृदुल त्यागी को एक बार फिर आलोक सांवल ने मूड खराब होने के कारण निकाल बाहर किया है. एक बार फिर से एसोसिएट एडिटर श्रमिष्ठा शर्मा को कंटेंट की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इस संबंध में जीएम पंकज पांडे ने मेल चलाकर पूरे ग्रुप को बताया है कि मृदुल को हटा दिया गया है, उनसे कोई संबंध न रखें. मृदुल त्यागी को इससे पहले भी तीन बार आई-नेक्स्ट से विभिन्न कारणों से बाहर का रास्ता दिखाया गया था.
औरैया के युवा पत्रकार 38 वर्षीय अनिल सिकरवार का निधन
पत्रकारों के बीच अपनी अलग पहचान और छाप रखने वाले हरदिल अजीज मस्तमौला शख्सियत अनिल सिकरवार नहीं रहे. 30 अक्टूबर गुरुवार की शुरुआत जिले के पत्रकारों के लिए बेहद टीस भरी रही. कानपुर से प्रकाशित एक समाचार पत्र से जुड़े युवा एवं नामचीन पत्रकार अनिल सिकरवार के निधन की सूचना मिली. दुखद खबर सुनते ही औरैया व दिबियापुर समेत पूरे जनपद से पत्रकार उनके कंचैसी स्थित आवास पर पहुंच गये. वहां पर वे उनके शव आने का इंतजार करने लगे.
बेहद पढ़े-लिखे और स्वाभिमानी अजय झा को कोई भी नेता या नौकरशाह ‘टेकेन फॉर ग्रांटेड’ नहीं लेता था
Pankaj Singh : The sudden death of Ajay N. Jha, a media person and much admired human being, has left me speechless. He was my junior in JNU and remained a brother all through. In JNU , he endeared himself to the entire community of students and teachers alike as a humble, affable and gregarious person who won hearts with his warmth and active interest in music.
क्या हिंदू ब्राह्मणों ने भी कर्बला की लड़ाई में हिस्सा लिया था ?
हिंदुस्तान के सभी धर्मों में हज़रत इमाम हुसैन से अकीदत और प्यार की परंपरा रही है. घटना कर्बला के महान त्रासदी ने उदारवादी मानव समाज हर दौर में प्रभावित किया है. यही कारण है कि भारतीय समाज में शहीद मानवता हज़रत इमाम हुसैन की याद न केवल मुस्लिम समाज में रही है बल्कि ग़ैर मुस्लिम समाज में मानवता के उस महान नेता की स्मृति बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है. भारतीय सभ्यता जिसने हमेशा मज़लूमों का साथ दिया है घटना कर्बला के महान त्रासदी से प्रभावित हुए बगैर ना रह सकी. भारतीय इज़ादारी एक व्यक्तिगत स्थिति रखता है, जो सांस्कृतिक परंपरा न केवल मुसलमानों में स्थापित है बल्कि हिन्दो हज़रात भी इसमें भाग लेते हैं. भारतीय पूर्व राजवाड़ों में हिन्दो हज़रात यहाँ इमाम हुसैन से अकीदत की ऐतिहासिक परंपरा मिलती हैं जिसमें राजस्थान, ग्वालियर “मध्य प्रदेश”, बंगाल मुख्य है.
बनारस के वरिष्ठ पत्रकार गोपाल ठाकुर खुले आसमान के नीचे मौत का कर रहे हैं इंतजार…
क्या पता कब मारेगी
कहां से मारेगी
कि जिदंगी से डरता हूं
मौत का क्या, वो तो
बस एक रोज मारेगी
कभी धर्मयुग जैसे प्रतिष्ठित पत्रिका से जुड़े रहे बुर्जुग पत्रकार गोपाल ठाकुर को जिदंगी रोज मार रही है, फिर भी जिंदा हैं… सिर पर छत फिलहाल नहीं है…. जो अपने थे, वक्त के बदलते रौ में वो अपने नहीं रहे… बेबसी, बेकारी हालात के शिकार गोपाल जी का नया ठिकाना फिलहाल रविन्द्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम आश्रम का चबूतरा है, जहां लेट कर आसमान को निहारते हाथों को ऐसे ही हिलाकर शायद अपने गुजरे वक्त का हिसाब-किताब करते मिले… लेकिन इतने बुरे वक्त में भी उनके चेहरे पर शिकन नहीं दिखी…
यस चौहान अंकल, डैडी इज नो मोर…
: मैं, अजय नाथ झा और पूर्वी दिल्ली में ईस्ट एंड अपार्टमेंट की वो शाम : तारीख तो याद नहीं…हां महीना यही रहा होगा मई या जून, सन् 2013 । भयानक गर्मी। वक्त शाम करीब सात बजे के आसपास। जगह नोएडा से सटा पूर्वी दिल्ली का ईस्ट एंड अपार्टमेंट। इसी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में रहते थे अजय नाथ झा, बेटे कैलविन और भाभी रीना के साथ। चाहे घर में कोई भी मेहमान हो। शाम के समय अजय झा का अपार्टमेंट के अंदर की सड़कों पर डेढ़ दो घंटा टहलना जरूरी था।
चिरनिद्रा में विलीन अजय नाथ झा की आखिरी तस्वीर.
ईटीवी रिपोर्टर के भाई ने हड़पी नाबालिग अनाथ बालक की जमीन, आठ साल का पीड़ित बच्चा न्याय के लिए भटक रहा
बाराबंकी : धोखाधड़ी और धांधली की ब्रेकिंग न्यूज दिखाने वाले ईटीवी न्यूज चैनल के एक रिपोर्टर की शह पर उसके सगे बेरोजगार भाई ने नाबालिग अनाथ बालक की जमीन हड़प ली है. पीड़ित बालक जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक न्याय की गुहार लगा चुका है. गरीब अनाथ 8 साल का नाबालिग मासूम बालक न्याय के लिए दर -दर भटक रहा है. जिले से लेकर राजधानी लखनऊ तक की दौड़ भी इसे न्याय नहीं दिला पा रही है. हर जगह इस नाबालिग के पहुंचने से पहले पत्रकार का रुतबा पहुँच जाता है जिससे उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है.
चुनाव खत्म, चैनल बंद, नौकरी गई : ‘खबरें अभी तक’ से है ये खबर, छंटनी-बंदी के लिए नोटिस जारी
हरियाणा में चुनाव क्या खत्म हो गया, हरियाणा केंद्रित न्यूज चैनलों में उलटफेर का तगड़ा दौर शुरू हो चुका है. ‘फोकस टीवी हरियाणा’ में छंटनी की सूचनाओं के बीच एक नई खबर ‘खबरें अभी तक’ चैनल से है. हरियाणा केंद्रित इस न्यूज चैनल के प्रबंधन ने एक नोटिस चस्पा कर दिया है कार्यालय में कि समस्त स्टाफ के लोग नवंबर के महीने को एक माह का नोटिस पीरियड समझें और चैनल को अलविदा कह दें. इस नोटिस के मिलने से चैनल में काम करने वाले परेशान हो गए हैं. हरियाणा प्रदेश की सियासत में आई भूचाल की आहट प्रदेश के न्यूज चैनलों में दिन-रात काम करने वाले पत्रकारों के घरों तक पहुँच रही है.
गोइन्का हिन्दी तेलुगु अनुवाद पुरस्कार 2015 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का जी ने एक विज्ञप्ति जारी कर सूचित किया है कि तेलुगु भाषी साहित्यकारों के लिए वर्ष 2015 के लिए “गीतादेवी गोइन्का हिन्दी तेलुगु अनुवाद पुरस्कार” की प्रविष्टियां आमंत्रित की जा रही हैं। तेलुगु भाषी हिन्दी साहित्यकार जिनकी पिछले 10 वर्षों में तेलुगु से हिन्दी में तथा हिन्दी से तेलुगु में अनुवादित कृति प्रकाशित हुई है, वे उपरोक्त पुरस्कार में भाग ले सकते हैं। इस पुरस्कार के अंतर्गत 31000/- (इकतीस हजार रुपये) नगद के साथ एक विशेष समारोह में शाॅल, स्मृतिचिन्ह व पुष्पगुच्छ प्रदार कर सम्मानित किया जायेगा।
एनडीटीवी की काली कथा को ईटी में विज्ञापन के रूप में छपवाया, आप भी पढ़ें
एनडीटीवी वाले खुद को साफ पाक और दूध का धुला की तरह पेश करते हैं लेकिन इनके दामन पर भी दाग कम नहीं हैं. एनडीटीवी के एक शेयरहोल्डर ने एनडीटीवी की पूरी कहानी बाकी शेयर होल्डर्स को सुनाई है, दी इकानामिक टाइम्स में विज्ञापन छपवाकर. आइए हम आपको भी पढ़ाते हैं इकानामिक टाइम्स में प्रकाशित एनडीटीवी की काली कथा…. इसे पढ़कर आप खुद दंग हो जाएंगे कि आखिर प्रणय राय, राधिका राय सरीखे ईमानदार कहे जाने वाले मीडिया मालिकान भी इतने बड़े चोर हैं….
मध्य प्रदेश में लैपटाप बना अधिमान्य पत्रकारों के लिए मुसीबत
भोपाल। २०१३ के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों को लैपटाप देने का वादा किया था। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुए चुनाव में पूर्णबहुमत से भाजपा सत्ता में आगयी , लेकिन भाजपा की घोषणा राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों के लिए मुसीबत बन गयी। प्रदेश में राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की संख्या लगभग १२०० है तथा सरकार ने पत्रकारों को लैपटाप देने की मंशा से पांच करोड़ रुपये देने का प्रबंध कर दिया।
ब्लैकमेलिंग मामले में ‘सुदर्शन न्यूज’ चैनल के मालिकान भी संदेह के घेरे में! लीपापोती के लिए सारे घोड़े खोले!!
जिन चार लोगों को ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है, उनसे पूछताछ और मोबाइल काल डिटेल चेक करने के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के शक के दायरे में सुदर्शन न्यूज चैनल के एक मालिकान भी आ गए हैं. चैनल के बड़े मालिक हैं सुरेश चह्वाणके. इनके छोटे भाई भी एक मालिक हैं जिनका नाम है राम चह्वाणके. सुदर्शन न्यूज की एसआईटी के लोग राम चह्वाणके के अधीन रहकर काम करते थे. सुदर्शन न्यूज के गिरफ्तार रिपोर्टरों ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में बताया है कि उगाही का एक हिस्सा वह चैनल के मालिक को देते थे.
अजय झा को श्रद्धांजलि अर्पित करना दुनिया का सबसे कठिन काम लग रहा है
Asrar Khan : प्रिय मित्र अजय झा के आकस्मिक निधन पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करना आज दुनिया का सबसे कठिन काम लग रहा। यारों के यार और JNU के दिनों में जब वे चुनाव आयुक्त बनाए जाते थे तो उनकी निष्पक्षता और उच्च एवं सभ्य स्वाभाव की हर कोई सराहना करता था। तस्वीर में वे मध्य में हैं ( 14 जनवरी 2013 खिचड़ी के त्यौहार पर ).
वरिष्ठ पत्रकार और राजनेता असरार खान के फेसबुक वॉल से.
इलाहाबाद के पूर्व मेयर रवि बधावन की कार यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाग्रस्त, निधन
इलाहाबाद के पूर्व मेयर रहे रवि बधावन के निधन की सूचना है. रवि बधावन सड़क मार्ग से दिल्ली से इलाहाबाद जा रहे थे. उनकी यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
रवि बधावन एक जमाने में अमिताभ बच्चन के काफी करीबी रहे और अमिताभ बच्चन फैंस क्लब भी बनाया था. रवि भूषण बधावन इन दिनों कांग्रेस पार्टी में हुआ करते थे. रवि बधावन की पत्नी शीरी बधावन भी इलाहाबाद के महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं. रवि की बेटी प्रेरणा बधावन हैं.
डा. सुब्रमण्यम स्वामी पर आंख मूंद कर भरोसा न करें, ये झूठ भी बोलते हैं, देखिए दो तस्वीरें
Sanjay Tiwari : पहला चित्र देखिए जिसमें एक यजीदी लड़की रोते हुए कह रही है कि कैसे आइसिस के मुस्लिम हत्यारों ने उसके साथ लगातार तीस बार बलात्कार किया और उसे खाना खाने तक की फुर्सत नहीं दी गई. अपने फेसबुक वॉल पर यह ‘शंखनाद’ करनेवाले कोई और नहीं बल्कि देश के ”महान हिन्दू राष्ट्रवादी नेता” डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी है. स्वामी जी के झूठ को सच मानने से पहले अब जरा दूसरी तस्वीर देख लीजिए.
वरिष्ठ पत्रकार अजय नाथ झा का हार्ट अटैक से बेंगलोर में निधन
दुखद खबर है. अजय नाथ झा नहीं रहे. बेंगलोर में उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया. कुछ समय पहले ही उनकी एंजियोग्राफी हुई थी. बेंगलोर किसी काम से गए थे. हार्ट अटैक के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका. अजय ने कई अखबारों और न्यूज चैनलों में वरिष्ठ पद पर काम किया. हाल-फिलहाल लोकसभा टीवी और डीडी न्यूज के कंसल्टेंट रहे. वे एनडीटीवी में लंबे समय तक रहे हैं. अजय करीब 31 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय थे. करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान टाइम्स से की थी. आजतक, बीबीसी, दूरदर्शन, एनडीटीवी आदि चैनलों में काम किया. जेएनयू से शिक्षा ग्रहण करने वाले अजय नाथ झा ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और चंदन तस्कर वीरप्पन का इंटरव्यू कर काफी नाम कमाया.
‘भास्कर न्यूज’ के कर्मियों को अब तक नहीं मिली सेलरी, पेमेंट न होने से बिजली भी कटी
‘भास्कर न्यूज’ नामक चैनल अस्तित्व में आने से पहले ही दम तोड़ता नजर आ रहा है. ताजी सूचना है कि पेमेंट न होने के कारण बिजली विभाग वालों ने चैनल की बिजली ही काट दी है. इससे कई दिनों से जनरेटर चलाकर चैनल का कामकाज हो रहा है.
सना खान और उनके ब्वॉयफ्रेंड ने मीडिया कंसल्टेंट को धमकाया
एक मीडिया कंसल्टेंट को धमकाने और उससे छेड़छाड़ करने के आरोप में बुधवार को बॉलीवुड अदाकारा सना खान, उनके बॉयफ्रेंड इस्माइल खान और उनके नौकर को गिरफ्तार कर लिया गया। अंबोली पुलिस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर रमेश खडतरे ने कहा, ‘मीडिया कंसल्टेंट पूनम खन्ना की शिकायत के बाद सना खान, इस्माइल खान और उनके नौकर रामू कनौजिया को आईपीसी की धारा 354 (शीलभंग करने के मकसद से हमला करना), 506 (धमकाना) और 34 (एक जैसी मंशा) के तहत गिरफ्तार किया गया।’
सुदर्शन न्यूज चैनल की असलियत सामने आई, ब्लैकमेलिंग में रिपोर्टर समेत चार गिरफ्तार
खुद को प्रखर राष्ट्रवादी बताने वाले न्यूज चैनल सुदर्शन न्यूज की असलियत सामने आ गई है. इस चैनल की एसआईटी यानि स्पेशल इवेस्टीगेटिंग टीम के चार लोगों को ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार किया गया है. ये सभी नर्सिंग होम व क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों व पैथोलॉजी लैब मालिकों को लिंग परीक्षण के नाम पर ब्लैकमेल करते थे. आरोपियों में सुदर्शन चैनल के दो रिपोर्टर, एक महिला जो एक रिपोर्टर की पत्नी है, शामिल हैं. चारों 50 से अधिक नर्सिग होम, लैब मालिक व डॉक्टरों को स्टिंग में फंसाकर करोड़ों रुपये की वसूली कर चुके हैं.
वरिष्ठ पत्रकार बहादुर सिंह सरूपरिया का निधन
उदयपुर : प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार बहादुर सिंह सरूपरिया का गुरुवार को निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे। सन् 1958 में उन्होंने जयपुर से प्रकाशित ‘गणराज्य’ से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा। इससे पूर्व उन्होंने भारतीय लोककला मण्डल, आयुर्वेद सेवाश्रम और गांधी सेवा सदन, राजसमन्द में भी विभिन्न पदों पर कार्य किया। 22 अगस्त, 1937 को एडवोकेट ख्यालीलाल सरूपरिया के घर जन्मे श्री सरूपरिया को स्कूली जीवन से ही साहित्य, कला एवं पत्रकारिता से गहरी रूचि थी। आगे चलकर उन्होंने पत्रकारिता को ही अपना कर्म-धर्म बनाया।
पत्रकार सतेन्द्र उपाघ्याय पर हमले के विरोध में ज्ञापन दिया
बैराड। नगर में दीपावली के दिन पत्रकार सतेन्द्र उपाध्याय पर हुए हमले को लेकर आज पत्रकारों ने मिलकर पुलिस अधीक्षक के नाम एएसपी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञात हो बैराड नगर में पत्रकार सतेन्द्र उपाध्याय अपने पैतृक गांव अमरपुर में त्यौहार के चलते गये हुए थे, जहां पर पूर्व में विवाद कर चुके देवेन्द्र पुत्र नारायण परिहार ने गाली गलौंच कर पत्रकार के साथ मारपीट कर दी। जिसके चलते पहले भी विवाद में सतेन्द्र उपाध्याय द्वारा उक्त लोगों पर प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया था, लेकिन अब पत्रकारों पर दबाव बनाने के चलते पुलिस द्वारा पत्रकार सतेन्द्र उपाध्याय पर प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया जिसके लेकर सभी पत्रकारों में काफी रोष व्याप्त है।
शेर की तस्वीर ले रहे प्रेस फोटोग्राफर योगेश भोजानी पर शेर ने किया हमला
गुजरात में राजकोट जिले के गोंडल तालुका के बिलड़ी गांव में कल एक शेर ने उसकी तस्वीर उतार रहे एक स्थानीय प्रेस फोटोग्राफर तथा उनके पत्रकार मित्र पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि स्थानीय प्रेस फोटोग्राफर योगेश भोजानी (40) तथा उनके पत्रकार मित्र चंद्रेश पंडया एक शेर द्वारा एक स्थानीय किसान के बैल को शिकार बनाए जाने की सूचना पर वहां पहुंचे थे।
प्रभात हिन्दी दैनिक के लखनऊ संस्करण ने सातवें वर्ष में रखा कदम
: बदलते दौर में खबर लिखने का अंदाज भी बदलना चाहिए : लखनऊ : प्रभात तीन पीढ़ियों का अखबार है। ये पूंजीपतियों का अखबार नहीं है। पैसा कमाना अखबार का उद्देश्य नहीं है। समाज को नयी दिशा दिखाना व जागरूकता फैलाना ही उद्देश्य है। सुभारती मीडिया लिमिटेड के गौरवशाली प्रकाशन हिन्दी दैनिक प्रभात के लखनऊ संस्करण की छठी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को स्थानीय संपादक पारस अमरोही ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि, पिछले एक वर्ष में अखबार का कलेवर और तेवर बदलने में पूरी टीम प्रयासरत है। जिसके सकारात्मक परिणाम धीरे-धीरे दिखने लगे हैं। सीमित साधनों व संसाधनों में धारदार व असरदार अखबार निकालना बड़ी चुनौती है। पर, छोटे-छोटे कदमों से चलकर ही लंबी दूरी तय करने का जज्बा पैदा करना होगा। संख्याबल से ज्यादा जज्बे की जरूरत है। परेशानियां आना स्वाभाविक है, पर सबसे खराब औजार से गड़बड़ी दूर करना ही हुनरमंदी है।
एबीपी न्यूज ने इंडिया टीवी को, इंडिया न्यूज ने जी न्यूज को और न्यूज24 ने न्यूज नेशन को धूल चटाया….
43वें हफ्ते की टीआरपी में कई बड़े उलटफेर देखने को मिल रहे हैं. नंबर दो पर कायम रहने वाला इंडिया टीवी नंबर तीन पर गिर गया है और उसे मात दी है एबीपी न्यूज ने. इसी तरह नंबर चार की पोजीशन पर काबिज रहने वाला जी न्यूज नंबर पांच पर गिर चुका है और उसे धूल चटाया है इंडिया न्यूज ने. न्यूज नेशन की हालत दिनोदिन बुरी होती जा रही है और अब फिर से न्यूज24 ने न्यूज नेशन को पछाड़कर बढ़त ले ली है.
जिंदल और कांग्रेस की हार के बाद फोकस टीवी में छंटनी, संपादक रितेश लक्खी हटाए गए
नवीन जिंदल का दिवाला निकल गया है… ज़ी न्यूज़ को धूल चटाने के लिए नवीन जिंदल फोकस टीवी लेकर तो आये, लेकिन जिंदल के परिजनों के हारने और कांग्रेस का सूरज अस्त होने के बाद इस चैनल का दिवाला निकलने लगा है… चैनल में छंटनी हो रही है…. रीज़नल टीवी इतिहास में पहली बार इतनी जल्दी और सबसे बड़ी छंटनी हो रही है….. जिंदल का चैनल ‘फोकस हरियाणा’ फोकस नहीं कर पाया और मैनजमेंट एक साथ सौ लोगों को निकाल रहा है…..
यूपी में जंगलराज : पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले को जान के लाले
मुंबई से अपने गाँव ओटिया, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी आये नफीस खान से आम का एक हरा पेड़ कटता नहीं देखा गया. उन्होंने 02 अक्टूबर 12 बजे एएसपी अमेठी मुन्ना लाल के सीयूजी नंबर 1977 पर इसकी सूचना दी और कोई कार्यवाही नहीं होने पर 03 तारीख को सुबह 10 बजे फिर से बताया. करीब 1.30 बजे पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज की पुलिस आई और ठेकेदार ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ को पकड़ कर ले गयी. तजऊ चौकी इंचार्ज महेश चंद्रा को 15,000 रुपये दे कर छूटा और उसने पुलिस द्वारा बताये नफीस के फोन पर उसे भला-बुरा कहा.
साथी की पिटाई के खिलाफ दिल्ली के पत्रकारों ने किया प्रदर्शन, थानेदार व अन्य आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
Habib Akhtar : वरिष्ठ पत्रकार राजेश सरोहा की विवेक विहार के थानेदार और पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बर पिटाई के खिलाफ दिल्ली के पत्रकारों ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया… पुलिस आयुक्त खुद आकर पत्रकारों और सिरोहा से मिले… पत्रकारों ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त भीम सैन बस्सी को हमने ज्ञापन देकर आरोपी एसएचओ राकेश सांगवान और अन्य पुलिस कर्मियों को डिमोशन के साथ निलंबित करने, एफआईआर दर्ज करने और निष्पक्ष जांच की मांग की.
19 साल पूरे होने पर आउटलुक ने शानदार विशेषांक निकाला
Vineet Kumar : रॉबिन जेफ्री की किताब मोबाईल नेशन के बाद सबसे बेहतरीन कंटेंट… आपने अभी तक आउटलुक का ये अंक नहीं खरीदा है तो खरीदकर रख लीजिए. आउटलुक पत्रिका की जिस साल शुरुआत हुई थी, उसी साल हिन्दुस्तान में मोबाईल आया था. पत्रिका ने ये बेहतरीन काम किया कि अपने 19 साल को लेकर ढोल-मंजीरा बजाने के बजाय 19 साल में बनती-बदलती हिन्दुस्तान की दुनिया पर अलग-अलग एंगिल से बेहतरीन लेख, इंटरव्यू और फीचर प्रकाशित किए हैं..इस पत्रिका को अगर किताबी शक्ल दे दी जाए तो हर लाइब्रेरी के लिए एक जरूरी किताब होगी.
फैजाबाद के हिंदुस्तान और दैनिक जागरण अखबार के ब्यूरो चीफों को साहित्य से इतनी घृणा क्यों है?
Anil Kumar Singh : कुछ दिनों पहले इलाहाबाद वि वि में मेरे प्राध्यापक रहे प्रो राजेंद्र कुमार जी का फैजाबाद आना हुआ. वे एक बेहद संजीदा इन्सान होने के साथ ही एक बहुत ही अच्छे शिक्षक भी हैं. एम् ए फाइनल में वे हम लोगों को उर्दू साहित्य का वैकल्पिक पेपर पढ़ाते थे. हमारी जो भी साहित्य, संस्कृति की समझ बनी उसमे गुरुदेव का बड़ा योगदान है. हम लोगों ने उनसे अनुरोध करके फैजाबाद प्रेस क्लब में मुक्तिबोध की ‘अँधेरे में’ कविता पर उनका व्याख्यान आयोजित किया.
सावधान रहें इस फर्जी कंपनी से… किराये के तीन कमरे में चल रही कंपनी में 1555 लोगों को रोजगार देने की कवायद
इंदिरानगर, लखनऊ में तीन कमरे किराये पर ले कर 1555 व्यक्तियों को रोजगार देने का दावा करने वाली एक कंपनी का मामला सामने आया है. प्रा कृषि विपणन विकास लिमिटेड नाम की इस कंपनी ने जिला विपणन अधिकारी, खंड विपणन अधिकारी, केंद्र प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पदनाम बना कर 4800 से 20900 रुपये वेतन के कुल 1555 पदों की भर्ती का विज्ञापन दिया है. विज्ञापन को यथासंभव सरकारी स्वरुप दिया गया है जिसमें पिछड़ी जाति, एससी/एसटी के लिए आरक्षण, आयु में छूट आदि की बात है.
अमर उजाला के पत्रकार दिलीप का लीवर ट्रांसप्लांट होगा, 25 लाख लगेंगे, मदद की अपील
अमर उजाला ग्रेटर नोएडा के ब्यूरो ऑफिस में तैनात मुख्य उपसंपादक दिलीप कुमार चतुर्वेदी लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। लम्बे उपचार के बाद भी उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार न देखकर अब डॉक्टरों ने उन्हें नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण की सलाह दी है। इसमें लगभग 25 लाख रुपए का खर्च आएगा।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार बजरंग शरण तिवारी नहीं रहे
लखनऊ। आपातकाल में अहम भूमिका निभाने वाले वयोवृद्ध पत्रकार बजरंग शरण तिवारी का बुधवार को लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नाकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में देर शाम इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। वह अपने पीछे अपने दो पुत्र एडवोकेट कृष्ण कुमार तिवारी व वरिष्ठ पत्रकार प्रदुम्न तिवारी समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार आज लखनऊ गोमती बैराज स्थित भैंसा कुंड श्मशान घाट पर किया गया।
Eminent Citizens Write to PM Calling for Review and Discussion on Sardar Sarovar Dam
New Delhi, October 29 : Former National Advisory Council Members, retd bureaucrats, academics, artists, activists and others led by Justice (Retd.) Rajinder Sachar, in an open letter to Prime Minister, Mr. Narendra Modi has urged him to call for a Review and Discussion on Sardar Sarovar Dam in the National Interest. Mr. Modi is scheduled to inaugurate the construction work at the Dam Site and Garudeshwar Weir on October 31, after the decision to raise the height of the dam was given on June 12th.
मीडिया वाली बाई
1975 से 1977 तक देश में आपात-काल था ! “दबंग” इंदिरा गांधी ने पत्रकारों को झुकने को कहा था , कुछ रेंगने लगे, कुछ झुके और कुछ टूटने के बावजूद झुकने से इंकार कर बैठे ! 2014 का नज़ारा कुछ अलग है ! भाजपा और आर.एस.एस. के नरेंद्र नरेंद्र मोदी और उनकी टीम दबंगई की जगह भय और अर्थ के ज़रिये कूटनीतिक रवैया अपना रही है ! ये टीम धौंस और धंधे की मज़बूरी को बख़ूबी कैश कराना जानती है ! परदे के पीछे की धौंस और पत्रकारिता का लेबल लगाकर धंधा करना, मोदी-राज में यही दो वज़ह है जो पत्रकार की खाल में (द) लाल पैदा कर रही है ! बारीक़ी से नज़र डालें, तो अब पत्रकार की जगह ज़्यादातर मैनेजर्स नियुक्त किये जा रहे हैं ! बड़े चैनल्स की सम्पादकीय कही जाने टीम पर गौर-फ़रमाएंगें तो पायेंगें कि निम्नतम-स्तर के ज़्यादातर पत्रकार और उम्दा कहे जा सकने वाले ये एजेंट ही सम्पादकीय लीडर बने फिर रहे हैं ! पत्रकारों की क़ौम को ही ख़त्म कर देने पर आमादा मोदी और उनकी टीम ने पत्रकारिता में शेष के नाम पर कुछ अवशेष छोड़ देने का बीड़ा उठाया है और इसे साकार कर के ही छोड़ने पर तुली है ! शर्म आती है ! मोदी और उनकी टीम को भले ही ना आये ! और आयेगी भी क्यों ? यही तो चाहत है !
नवादा में पेपर एजेंसी का मालिक राहुल सिंह लापता
वर्षों से नवादा में अखबार का एजेंसी देख रहे 36 वर्षीय राहुल सिंह मंगलवार को तड़के रहस्यमय ढंग से लापता हो गए। राहुल सिंह शहर के इज्जतदार परिवार से आने वाले स्व.उदयभान सिंह के इकलौते पुत्र हैं जो अपने पिता की मौत के बाद अखबार के एजेंसी का काम देख रहे थे। सूत्रों के अनुसार राहुल मंगलवार को तड़के नवादा के बुंदेलखंड से नवादा सरकारी बस स्टैंड जाने के लिए निकले थे जहां उनकी अखबार की एजेंसी है, पर वह एजेंसी नहीं पहुंचे। परिजनों ने राहुल के अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी।
जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेइमानों के साथ खड़े हो गए
Sanjay Sharma : जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेईमानों के साथ खड़े हो गए. कह रहे थे संधि के मुताबिक सूची नहीं दी जा सकती … सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा तो नानी याद आई.. आज 627 लोगों की सूची दी.. लिफाफा बंद है तो भक्त लोग इतना खुश हो रहे हैं मानो किला ही फतह कर लिया.. बात सही भी है… लिफाफा खुल जाता तो भक्तों और उनके आकाओं को मुंह दिखने लायक कुछ भी नहीं बचता… जिन तीन नाम को बता कर सरकार बहुत खुश हो रही थी उनमें से 2 नामों का खुलासा अरविन्द केजरीवाल एक साल पहले ही कर चुके थे… वैसे मोदी सरकार की भी मज़बूरी है और अब समझ आ रहा है कि नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही थी सरकार… दरअसल जिन तीन नामों का पता चला उनमें एक राधा ने कांग्रेस को पैसठ लाख और बीजेपी को एक करोड़ अठारह लाख रुपया का चंदा दिया था… इन बेशर्मों को शर्म भी नहीं आती ऐसे कालाबाजारियों से पैसा लेकर जनता को मूर्ख बनाते हुए…
तीन बड़ी आनलाइन दुकानों के बाद होमशाप18 ने भी किताबें बेचना बंद कर दिया
Shailesh Bharatwasi : किताबों की ऑनलाइन बिक्री के लिए बुरी ख़बरों के आने का दौर अभी थमा नहीं है। इस साल के शुरुआत से अब तक 4 बड़ी ऑनलाइन दुकानों ने किताबें बेचना बंद कर दिया है। ईबे, स्नैपडील, बुकअड्डा से किताबों की आलमारियाँ तो ग़ायब हो ही गई थीं, इस साल धनतेरस के दिन से होमशॉप18 ने भी किताबें बेचना बंद कर दिया। हम पाठकों के पास फ्लिपकार्ट, इंफीबीम और अमेज़ॉन जैसे गिने-चुने विकल्प ही बचे रह गए हैं। जिस तेज़ गति से ऑनलाइन मंडियों से किताबों का हिस्सा छिन रहा है, उससे तो यही लगता है कि ये कुछ विकल्पों के भी खत्म होने में ज़्यादा वक़्त शेष नहीं है। विशेषरूप से हिंदी किताबों के पाठकों के लिए किताबों की इन ऑनलाइन दुकानों ने जिस तरह से उम्मीद की फ़सल बोयी थी, लगता है उनको भी बुरे वक़्त का पाला मारता जा रहा है।
‘द गार्जियन’ अखबार ने मोदी के बड़बोलेपन की खिल्ली उड़ाई
Balendu Swami : दुनिया के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक “द गार्जियन” ने खिल्ली उड़ाने वाले अंदाज में लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री ने दावे किये है कि हजारों साल पहले भी भारत में कृत्रिम गर्भाधान और कॉस्मेटिक सर्जरी इत्यादि उपलब्ध थी! सबूत के रूप में उन्होंने महाभारत के मिथक कर्ण की उत्पत्ति और गणेश को हाथी का सिर लगाए जाने की घटना का उदाहरण दिया! उन्होंने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि चिकित्सा विज्ञान में हम कितनी तरक्की कर चुके थे! नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत ही वहीँ से हुई जब एक मनुष्य के धड़ पर हाथी का सिर लगाया गया!
‘हैप्पी न्यू इयर’ : लगता है कि यह किंग खान अब उन्हीं दो गलतियों के साथ रह जाएगा…
Ramji Tiwari : ‘हैप्पी न्यू इयर’ उतनी ही महान फिल्म है, जितनी कि ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘ओम शान्ति ओम’, ‘ डान’ और ‘रा.वन’। वैसे पचीस साल के कैरियर में इस किंग खान ने जो दो गलतियाँ (पूरा चक दे इंडिया- आधा स्वदेस और आधा देवदास ) की हैं, लगता है कि यह खान अब उन्ही दो गलतियों के साथ रह जाएगा।
सुरेन्द्र सोरेन और संजय ने खबर मंत्र छोड़ा, आनंद कुमार फिर मीडिया में सक्रिय होंगे
खबर मंत्र, रांची से दो लोगों के इस्तीफे की सूचना है. विशेष संवाददाता सुरेन्द्र सोरेन और सीनियर रिपोर्टर संजय कुमार ने अखबार को अलविदा कह दिया है. सुरेन्द्र कई चैनलों में काम कर चुके हैं. ईटीवी में क्राइम रिपोर्टर रहे हैं. उन्होंने चैनल न्यूज इंडिया के झारखंड ब्यूरो चीफ के रूप में नई पारी की शुरुआत की है. संजय कुमार ने भी उनके साथ ही चैनल में ज्वाइन किया है.
सुदर्शन न्यूज से मैनेजिंग एडिटर नवीन पांडेय का इस्तीफा, दैनिक भास्कर दिल्ली के संपादक राजेश उपाध्याय का तबादला
सुदर्शन न्यूज से मिली जानकारी के अनुसार नवीन पांडेय ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है. वे मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत थे. नवीन पांडेय कई अखबारों और चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं. सुदर्शन न्यूज से पहले वह चैनल वन और उससे पहले इंडिया टीवी में कार्यरत थे. सुदर्शन न्यूज में लगातार उठापटक चलता रहता है. यहां लोगों के आने और जाने का सिलसिला जारी रहता है. असल में प्रबंधन अपने पत्रकारों को बिजनेस टारगेट देता है, जिसके कारण यहां ठीकठाक लोग टिक नहीं पाते. साथ ही इस चैनल में अचानक किसी की भी सेलरी आधी कर दी जाती है ताकि वह इस्तीफा दे दे या फिर कम सेलरी में काम करता रहे. चैनल में सीईओ के रूप में आरपी सिंह के आने के बाद से नवीन पांडेय के जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थी.
ए सूर्य प्रकाश को प्रसार भारती का अध्यक्ष नियुक्त किया गया
वरिष्ठ पत्रकार ए सूर्य प्रकाश को प्रसार भारती का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे की जगह लेंगे, जिनका इस साल 30 अप्रैल को कार्यकाल समाप्त हो गया था. इसके बाद से ही अध्यक्ष पद खाली था. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर बताया कि सूर्य प्रकाश का कार्यकाल तीन साल का होगा.
प्रेस क्लब के नाम पर पत्रकारों ने की अवैध चंदा वसूली
राजगढ़ (म.प्र.) : जिला मुख्यालय पर प्रेस क्लब के नाम पर भोपाल के दैनिक अखबारों के पत्रकारों ने राजगढ़ में लंबे समय से जमे अधिकारियों से मनमाना चंदा वसूली कर प्रेस की छबि खराब की जिसकी शहर में चर्चा है. अधिकारियों से प्रेस क्लब के नाम पर कुछ पत्रकारों ने अवैध चंदा वसूली कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुति के नाम पर की गई. इसका समाचार-पत्रों के माध्यम से कोई प्रचार–प्रसार भी नहीं किया गया. इसकी गणमान्य नागरिकों एवं कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने भी निंदा की। भ्रष्ट अधिकारियों के साथ पत्रकारों की मिली भगत एवं चमचागिरी करने की चर्चा जोरों पर है.
दिल्ली के त्रिलोकपुरी में थानाध्यक्ष ने पत्रकार राजेश सरोहा को पीटा
त्रिलोकपुरी दंगे के दौरान पुलिसिया ज्यादाती की कहानी बाहर न आए इसके लिए पूर्वी जिला पुलिस अब पत्रकारों पर भी हमला करने से नहीं चूक रही है. ऐसे ही एक मामले में मंगलवार को विवेक विहार थानाध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ एक अखबार के वरिष्ठ संवाददाता राजेश सरोहा पर लाठियों से जमकर प्रहार किए. घायल पत्रकार ने किसी तरह मौके से हटकर डीसीपी को फोन किया और जान बचाई. सरोहा का कहना है कि वे दिन में करीब 12.30 बजे दंगा प्रभावित इलाके की स्थिति को देखने के लिए त्रिलोकपुरी ब्लॉक 5 और 6 से होते हुए ब्लॉक 11 पहुंचे थे.
म्यामार में मारा गया पत्रकार सूची का अंगरक्षक था
यंगूनः म्यांमार में सेना की हिरासत में इस महीने मारा गया पत्रकार लोकतंत्रक समर्थक और विपक्षी नेता आंग सान सूची का पूर्व अंगरक्षक था। दिवंगत पत्रकार की पत्नी ने यह जानकारी दी और बताया कि उसे इस बात का डर है कि उसके पति की मौत कैसे हुई, इसका पता कभी नहीं चल सकेगा। मारे …
काले धन से हरीश रावत का नाम जोडने पर पत्रकार गिरफ्तार
स्विस बैंक में काला धन जमा करने वालों की सूची में मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम नौवें नंबर पर होने का मैसेज वाट्सएप पर भेजना रुद्रपुर के एक तथाकथित पत्रकार को महंगा पड़ गया। वही दूसरी ओर हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह आरोप लगाया कि एक व्यक्ति जो कि उत्तराखण्ड सरकार में जिम्मेदार पठ पर बैठा है, उसका भी खाता स्विस बैंक में है, हालांकि हरिद्वार सांसद उस जिम्मेदार व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं हुए, सही समय आने पर इसका खुलासा करने की बात उन्होंने कही।
पत्रकार कार समेत दलपतसागर में गिरा, मौत
जगदलपुर। कोंडागांव निवासी पत्रकार धीरेंद्र दत्ता(43) की कार कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत दलपतसागर में रविवार देर रात कार असंतुलित होकर गिर गई। इससे कार चला रहे श्री दत्ता की मौके पर ही मौत हो गई। श्री दत्ता कोंडागांव में एक दैनिक के प्रतिनिधि थे। धीरेंद्र का विवाह धरमपुरा निवासी प्रशांत विश्वास के सुपुत्री दीपमाला से हुई थी। हाल में ही पहले ही उनकी पत्नी का प्रसव हुआ था। वह एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती हैं। श्री दत्ता बीते चार दिन से यहां आए हुए थे। रविवार रात वह शहर के किसी होटल भोजन करने गए थे।
‘प्रभात खबर’ ने छापा कुख्यात अपराधी का ‘शुभकामना संदेश’
पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘प्रभात खबर’ ने अखबार और विज्ञापन की सारी सीमाओं और मर्यादा को तोड़ते हुए बुधवार को प्रकाशित अंक में एक ऐसे विज्ञापन को प्रकाशित किया है जो हैरत में डाल देने वाला है। 28 अक्टूबर को प्रकाशित इस अखबार के 5वें पृष्ठ पर फतुहा के टुनटुन यादव की तस्वीर के साथ छठ पर्व के अवसर पर एक बड़ा सा शुभकामना संदेश छपा है जिसमें टुनटुन यादव को फतुहा विधान सभा क्षेत्र का समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता बताया गया है।
चम्पादक कथा : विकास की सेल्फी : डांडिया टीवी के चम्पादक हनुमानी मुद्रा में उनके चरणों में बैठे थे….
Mayank Saxena : माननीय ने तय किया था कि जिस चौथे खम्भे की रंगाई पुताई कर के उसका हुलिया ही बदल देने में उन्होंने (उनके प्रायोजकों ने) करोड़ों खर्च किए थे, उनसे भी मिल लेंगे। माननीय को देश का सबसे बड़ा वक्ता (भाषणबाज़) बनना था और वो चाहते थे कि वो हर कहीं से भाषण देते हुए, हर कहीं दिखाई दे। वो बचपन से ही वक्ता बनना चाहते थे, बनिए के यहां तेल भी लेने जाते थे तो भाषण कर के मुफ्त में ले आते थे, मतलब वो मुफ्त दे कर हाथ जोड़ लेता था कि भाई और ग्राहक भी हैं, तुम दो घेटे से बिज़नेस मॉडल पर बोल रहे हो, यहां बिज़नेस ठप हुआ जा रहा है। तो सबसे बड़ा वक्ता बनने का सपना इसी चौथे खम्भे ने पूरा किया था, क्योंकि खम्भे पर सैकड़ों टीवी लगे थे और वो हर वक्त माननीय को ही प्रसारित करते थे।
मोदी दिवाली मिलन वीडियो देखिए और लार टपकाने वाले पत्रकारों के नाम बताइए
Abhishek Srivastava : आज मैंने प्रधानजी का दिवाली मंगल मिलन वाला पूरा वीडियो तसल्लीबख्श देखा। एक नहीं, कई बार देखा। करीब पौन घंटे के वीडियो में कुछ जाने-माने लोग हैं, कुछ पहचाने हुए हैं जिनके नाम नहीं पता और अधिकतर अनजान हैं। दो-एक मित्र भी हैं संयोग से। उन्हें शायद न पता हो कि उनकी रेंगती हुई बेचैनी एएनआइ के कैमरों में कैद हो गई है। जो भ्रष्ट हैं, उनसे क्या गिला! जो धवल हैं, अपने किसिम के हैं, वे भी लटपटा रहे थे प्रधानजी के इर्द-गिर्द। ऐसा क्यों हुआ? क्या कोई मनोवैज्ञानिक दबाव था उनके ऊपर?
हमारे समाज में सांप्रदायिकता निहित है, जो बस किसी एक चिंगारी की बाट जोहती है
चुनाव आए और गए पर सवाल उन विवादास्पद सवालों का है जिनसे ‘हेट स्पीच’ के नाम से हम परिचित होते है। हेट स्पीच से हमारा वास्ता सिर्फ चुनावों में ही नहीं होता पर यह जरुर है कि चुनावों के दरम्यान ही उनका मापन होता है कि वो हेट स्पीच के दायरे में है। हम यहां इस पर कतई नहीं बात करेंगे कि ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई हुई? पर इस पर जरुर बात करेंगे कि उस हेट स्पीच का हम पर क्या असर हुआ, वहीं उनके बोलने वालों की प्रवृत्ति में क्या कोई बदलाव आया?
बेगम अख़्तर जितनी बड़ी गायिका थीं, उतनी बड़ी ही इंसान थीं
: संगोष्ठी में बेगम अख़्तर को याद किया… : नई दिल्ली : बेगम अख़्तर जितनी बड़ी गायिका थीं, उतनी बड़ी ही इंसान थीं. यह बात लेखक और फ़िल्मकार शरद दत्त ने बेगम अख़्तर को समर्पित सन्निधि की संगोष्ठी में अध्यक्षीय भाषण के दौरान कही. गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान की ओर से रविवार को सन्निधि सभागार में आयोजित संगोष्ठी में दत्त ने बेगम अख़्तर के साथ व्यतीत क्षणों का विस्तार से ज़िक्र करते हुए कहा कि वे अपने मिज़ाज से जीती थीं और कार्यक्रमों में शिरकत करने से इंकार तब भी नहीं करती थीं, जब वे बीमार रहती थीं. वे बड़ी कलाकार अपने प्रयासों के कारण बनीं, लेकिन उनमें अहंकार कभी नहीं रहा.
रेहाना ! हमें माफ़ करना…
एक लड़की जो जीना चाहती थी… अरमानों के पंखों के साथ आसमान में उड़ना चाहती थी, लेकिन हवस के भूखे एक वहशी दरिन्दे ने उसकी जान ले ली. एक चहकती-मुस्कराती लड़की अब क़ब्र में सो रही होगी… उसकी रूह कितनी बेचैन होगी… सोचकर ही रूह कांप जाती है… लगता है उस क़ब्र में रेहाना जब्बारी नहीं हम ख़ुद दफ़न हैं…
रेहाना ! हमें माफ़ करना… हम तुम्हारे लिए सिर्फ़ दुआ ही कर सकते हैं…
अभिनेत्री तनुजा ने किया मधुमती फ़िल्म पर किताब का लोकार्पण
मशहूर लेखिका रिंकी भट्टाचार्य की पुस्तक मधुमती (अनटोल्ड स्टोरीज़ फ्राम बिहाइंड दि सीन) का लोकार्पण 27 अक्टूबर की शाम को मुम्बई के रॉयल याट क्लब में अभिनेत्री तनुजा ने किया। तनुजाजी ने इस अवसर पर बिमल राय के निर्देशकीय कौशल और दिलीप कुमार की अभिनय प्रतिभा के साथ ही अभिनेता प्राण की ज़बरदस्त अदाकारी को भी याद किया। प्रतिष्ठित फ़िल्मकार बिमल राय की श्वेत-श्याम फ़िल्म मधुमती पर आधारित इस पुस्तक में उनकी सुपुत्री एवं लेखिका रिंकी भट्टाचार्य ने कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया है। रिंकीजी ने बताया कि उनके पिता बिमल राय हमेशा बाइंडेड स्क्रिप्ट पर काम करते थे। शूटिंग के दौरान सेट पर उन्होंने कभी पटकथा में एक शब्द की भी तब्दीली को मंज़ूर नहीं किया। उनके पास एक पारिवारिक टीम थी। इस टीम में असित सेन, ऋषिकेश मुखर्जी और सलिलदा जैसे लोग शामिल थे जो अक्सर उनके घर आया करते थे।
कमोडिटीजकंट्रोल को चाहिए वेबराइटर
कमोडिटीजकंट्रोल डॉट कॉम को अपनी हिंदी वेबसाइट के लिए वेबराइटर-रिपोर्टर की आवश्यकता है। यह नियुक्ति जयपुर के लिए होगी। कमोडिटी न्यूज में काम करने का अनुभव रखने वाले पत्रकारों को वरीयता दी जाएगी। अथवा बिजनेस डेस्क पर काम करने का अनुभव जरूरी है।
पत्रकार रामकुमार सिंह की कहानी पर बनी फिल्म ‘ जेड प्लस’ 21 नवम्बर को होगी रिलीज
राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ फिल्म समीक्षक और पत्रकार रामकुमार सिंह की कहानी पर (पिंजर फिल्म और चाणक्य धारावाहिक बनानेवाले) प्रसिद्ध निर्देशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी निर्देशित हिन्दी फीचर फिल्म ‘जेड प्लस’ 21 नवम्बर को रिलीज हो रही है। फिल्म की पटकथा और संवाद डॉ द्विवेदी के साथ मिलकर उन्होंने ही लिखे हैं। मुख्य भूमिका में है- आदिल हुसैन, मोना सिंह, संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी, कुलभूषण खरबंदा आदि।
शिक्षा अधिकार कानून, 2009 के तहत हर बच्चे के लिए शिक्षा की दावेदारी की मांग
: आरटीई फोरम द्वारा 150 डेज काउंटडाउन नेशनल कैम्पेन की घोषणा : नई दिल्ली : आज आरटीई फोरम द्वारा प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा अधिकार कानून, 2009 के तहत हर बच्चे के लिए शिक्षा की दावेदारी पेश करते हुए 150 डेज काउंटडाउन राष्ट्रीय अभियान की घोषणा की गई। 1 नवंबर, 2014 से 31 मार्च, 2015 तक चलने वाले इस देशव्यापी अभियान के तहत आरटीई फोरम शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे सभी सहभागियों को एक मंच पर लाने के साथ-साथ व्यापक जनगोलबंदी का प्रयास करेगा ताकि इस कानून को जमीनी स्तर पर लागू करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए सरकार को जवाबदेह बनाया जा सके। कांट्रैक्चुअल शिक्षकों के नियमितीकरण एवं प्रशिक्षण के लिए 31 मार्च, 2015 की समय-सीमा निर्धारित की गयी थी ताकि सरकारी स्कूलों की हालत में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास नहीं दिखता।
मोदी पुराणों की धूम : गिनती करिए, मोदी पर हिंदी अंग्रेजी में कुल कितनी किताबें आ गईं!
Arvind Mohan
अब यह समझना कुछ मुश्किल है कि नरेन्द्र मोदी व्यक्ति भर हैं या कोई परिघटना हैं. उनकी राजनीति, उनकी कार्यशैली, उनकी सोच और इन सबके बीच उनकी सफलताएं जरूर उन्हें सामान्यजन से ऊपर पहुंचाती हैं. और उनकी ही भाषा में कहें तो उन्हें इसका एहसास है कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने के लिए ही बनाया गया है. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कमल के निशान पर पड़े वोट सीधे उनको मिलने (उम्मीदवार, पार्टी और ग्ठबन्धन नहीं) और ईश्वर द्वारा इस काम अर्थात प्रधानमंत्री बनने के लिए चुने जाने की बात खुले तौर पर कही. कहना न होगा काफी कुछ उनकी इच्छा के अनुरूप ही हुआ. अब हम आप इसके अनेक कारण और उनके विरोधियों की कमजोरी या सीधापन को जिम्मेवार मानते रहें पर मोदी ने अपनी बड़ी इच्छा पूरी कर ली. हमें देवता के आशीर्वाद और आदेश की जगह उनकी तैयारियां, उनको उपलब्ध साधन, उनका अपूर्व प्रचार वगैरह-वगैरह नजर आता हो तो इसमें भी कोई हर्ज नहीं है. पर यह तो मानना ही पड़ेगा कि मोदी को चन्दा देने वालों ने चन्दे से ज्यादा हासिल किया होगा, उनका प्रचार करने वालों ने खर्च से ज्यादा पैसे निकाल लिए होंगे, उनका गुणगान करने वालों ने अपने-अपने यहां काफी कुछ हासिल कर लिया होगा- और यह सब इसी दरिद्रता के, इसी कमजोरी-बीमारी के, इसी पिछड़ेपन वाले भारत से निकाल लिया गया है. पर असली हिसाब यही है कि सबने छोटे-छोटे धन्धे करते हुए मोदी का मुख्य काम आसान कर दिया.
जिस चैनल का मालिक खुद हरियाणा की चुनावी रैली में एक पार्टी विशेष के लिए वोट मांग रहा हो उस चैनल से हम क्या उम्मीद करें
: चाय और चाटुकार : उनके श्रीमुख से हमारी तारीफ में निकले शब्द हमारे लिए गर्व का विषय हैं या नहीं इस पर चिंतन करना ठीक नहीं है. क्योंकि कलम झाड़ू का काम कर ही नहीं सकती. लेकिन श्रीजी के जीवंत विग्रह के साथ स्वयंचित्रकारिता ने पत्रकारिता को नया काम दिखा दिया. झाड़ू पर ध्यान दो. मुझे लगता है कि बेहतर राजनीतिक /व्यावसायिक/कूटनीतिक प्रबंधन के बल पर स्वयंभू महान जननायक बने आदरणीय अब जो कहेंगे, हमारे स्वघोषित चौथे खम्बे वाले वही सुनेंगे और सुनाएंगे. आज जो पीढ़ी आँखों में देश के लिए कुछ करने का जज्बा लिए पत्रकारिता की बारहखड़ी सीख रही है वह किसे आदर्श मानेगी? वे जो १०० करोड़ की वसूली के इल्जाम में जेल यात्रा कर बलिदानी पुरुष बने घूम रहे हैं या वे जो अपनी बेटी की उम्र की लड़की के साथ यौन दुराचार के आरोप का सामना कर रहे हैं.
आने वाले हैं कुछ नए न्यूज चैनल… बिड़ला टाइम, लाइव लूट, वोटशॉप18, चोरी ओके… (देखें पूरी लिस्ट)
दो कारणों से न्यूज़ चैनलों के नाम बदलने की ज़रूरत है : 1. चैनलों के मालिक नियमित रूप से बदलने लगे हैं और 2. न्यूज़ चैनलों पर न्यूज़ के नाम पर जो तमाशा दिखाया जा रहा है, उस कारण भी नाम बदल दिए जाने चाहिए. अगर आप नियमित न्यूज़ चैनल देखते हों तो यह बताने और समझाने की कोई ज़रूरत नहीं है कि किस तरह की खबरों को कौन सा चैनल किस तरह से दिखाएगा. पुरानी फिल्मों में जैसे जगदीश राज और ए के हंगल इंस्पेक्टर के रोल में ‘टाइप्ड’ हो गये थे, वैसे ही हमारे पत्रकार और मीडिया के पंच लोग भी ‘टाइप्ड’ हो गये हैं, और उनके मुँह खोलने से पहले ही बताया जा सकता है कि किस मुद्दे पर कौन सा व्यक्ति क्या बोलेगा।
नवभारत छत्तीसगढ़ कर रहा अपने कर्मचारियों के साथ छलावा
भले ही नवभारत छत्तीसगढ़ नियमित कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान देने का दावा करता हो लेकिन यह आधी सच्चाई है। दरअसल कर्मचारियों के साथ मजीठिया वेतनमान के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। नवभारत छत्तीसगढ़ को नवभारत रायपुर प्रेस व रामगोपाल इन्वेस्टमेन्टर्स प्रा. लि. नामक कंपनी संचालित करती है जिसके मालिक समीर माहेश्वरी हैं। हालांकि कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और उनका हर संभव सहयोग में नवभारत अव्वल नंबर का समाचार पत्र संस्थान है, अन्य समाचार पत्र संस्थानों को इससे सीख लेनी चाहिए। इसी कारण इसे लोग सरकारी प्रेस कहते हैं। लेकिन बनियावाद की दौड़ में अब नवभारत भी शामिल हो गया है और कर्मचारियों का हर संभव शोषण कर रहा है।
चार नवम्बर के बाद टूट जायेगा ‘अपना दल’
अजय कुमार, लखनऊ
अपना दल 04 नवंबर को वाराणसी में 19वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। स्थापना दिवस को लेकर तैयारी भी चल रही है, लेकिन अपना दल के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सोनेलाल पटेल की विरासत संभाले उनकी पत्नी और पुत्रियों के बीच मची राजनैतिक होड़ ने स्थापना दिवस का रंग फीका कर दिया है। कार्यकर्ता गुटों में बंट गये हैं। पारिवारिक झगड़े के कारण अपना दल के स्थापना दिवस समारोह की कामयाबी पर ग्रहण लग गया है। सोनेलाल पटेल की मौत के बाद काफी तेजी के साथ राजनैतिक क्षितिज पर उभरी उनकी तीसरे नंबर की पुत्री अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मॉ कृष्णा पटेल ने अपनी दूसरी बेटी पल्लवी पटेल को साथ लेकर बगावती रुख अख्तियार कर लिया है।
‘दबंग दुनिया’ ने एक्टर को पहले मरा बताया फिर दो दिन बाद छापा- तबियत स्थिर
मुंबई के दबंग दुनिया के बुरे दिन चल रहे हैं। साल पूरा होने के बावजूद न तो कर्मचारियों को कोई वेतन वृद्धि मिली है न दिवाली का बोनस। इसलिए कर्मचारी भी डेली वेतन भोगियों की तरह काम कर रहे हैं। संपादक अभिलाष अवस्थी को पता भी नहीं रहता कि अखबार में क्या कंटेंट जा रहा है। तभी तो ढेर सारी गल्तियां अखबार में प्रकाशित हो रही हैं।
‘पर्यावरण समाचार’ पत्रिका की तरफ से पर्यावरण बचाने के लिए कैंडल मार्च
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला मुख्यालय पर दीपावली की पूर्व संध्या पर प्रदेश से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका ‘पर्यावरण समाचार’ ने पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रही संस्था सहारा व चंद्रआभा महिला कल्याण मंडल के साथ मिल कर ‘दीपावली पर पटाखे न जलायें, पर्यावरण बचायें’ मसले को ले कर मौन कैंडल मार्च निकाला। इसमें पर्यावरण समाचार पत्रिका के संपादक धर्मचंद यादव व उपसंपादक किशन ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई।
‘मिथिला दर्पण’ का वार्षिक समारोह संपन्न
मैथिली भाषा के जागरूक बुद्धिजीवियों की द्विमासिक पत्रिका ‘मिथिला दर्पण’ का ९वां वार्षिक समारोह जी.डी. खेतान सभागृह, मालाड में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ, जिसमें भुवनेश्वर झा लेखनी पुरस्कार से लेखक-उपन्यासकार बिनयचंद्र झा को सम्मानित किया गया। सभी वक्ताओं ने मैथिली भाषा के विकास पर जोर देते हुए मिथिला दर्पण के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मिथिला दर्पण मातृभूमि से जोड़कर रखने का प्रयास है, जो प्रवासी मैथिली भाषिकों को जोड़ने का काम कर रही है।
संपादक है या जल्लाद : एक मिनट देर होने पर पैसे काट लेता है, देर तक काम करने के पैसे नहीं देता
वाराणसी। दिवाली थी। पूरा शहर रोशनी में डूबा हुआ था। पर मेरा मन किसी गहरे अंधेरे में दिशाहीन सा भटक रहा था। जेब में पैसे नहीं थे, और घर पर ढेरों उम्मीदें मेरा इन्तजार कर रही थी। ऐसे में घर कैसे जाता। बार-बार अपने होने पर रंज हो रहा था। खैर, किसी तरह से पैसों का इंतजाम किया और गोदौलिया से ठेले पर बिक रही मिठाई खरीद कर घर पहुंचा। बूढ़ी मां के हाथों पर मिठाई रखकर डबडबाई आखों से कहा- मां इस बार इतना ही कर पाया हूं। … और फिर उस संपादक का चेहरा जेहन में आया। जो एक मिनट आफिस देर से पहुंचने पर पैसा काट लेता था और तय समय के बाद भी घंटों काम करवाकर उसके पैसे नहीं देता था।
एक नामचीन अखबार के मालिक ने एक महिला को शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किया, फिर निकाल बाहर किया
Sumant Bhattacharya : चौबीस साल की पत्रकारिता में यही पाया कि सत्ता में बैठे ज्यादातर मर्दों के लिए अपनी ताकत और ओहदे का आखिरी मकसद सिर्फ औरत का जिस्म हथियाना ही है।सत्ता के ताकत का अंतिम लक्ष्य। यदि कोई आकर्षक महिला नज़र में उतर गई तो यकीन मानिए, बहुतेरे अधिकारी, मंत्री, सांसद, विधायक, संपादक, प्रोफेसर और सीइओ अपनी पूरी मेघा और समूचे कायनात की ताकत उस महिला को जिस्मानी तौर पर हासिल करने में लगा देगा। यहां रेखांकित कर दूं कि तमाम अच्छे इंसान भी इनमें। लेकिन वो नैतिक तौर पर पस्त समाज के सामने खामोश ही बने रहते हैं।
सुमंत भट्टाचार्य
Report of the Press Council on threats to media in Telangana
The Report of three-member Committee consisting of Shri Rajeev Ranjan Nag as Convenor and S/Shri Krishna Prasad and K. Amarnath as Members constituted on 12.9.2014 by the Chairman, Press Council of India to probe threats to the media in Telangana following remarks reported to have been made by the Chief Minister of the State, Shri K. Chandrasekhar Rao, in Warangal City on 9th September, 2014 was adopted by the Council in its meeting held on 27.10.2014 at New Delhi.
कोतवाल की कोतवाली बचाने मंत्री के दरबार में पहुंचा ‘आजतक’ और ‘समाचार प्लस’ चैनलों का स्ट्रिंगर उदय गुप्ता
जब पूरी पत्रकारिता ही स्खलन के दौर से गुजर रही है तो क्या आरोप और क्या प्रत्यारोप। बड़े पत्रकार जब सेल्फी खिंचाने में व्यस्त हैं तो जिलों के स्ट्रिंगर, संवाद सूत्र कहां पीछे रहने वाले हैं। बड़े पत्रकार मंत्रियों के पोर्टफोलियो तय कराते हैं तो जिले के पत्रकार कोतवाली चलाते हैं, कोतवाल का स्थानांतरण करवाने-रुकवाने में जी-जान लगा देते हैं। वह भी सारी पत्रकारिता की मान्यताएं ताक पर रखकर। उस पर आजतक जैसे चैनल का स्ट्रिंगर हो तो फिर क्या कहना!
अगर कोई खेमा था तो वह राजेंद्र माथुर का था और एसपी उसी के अंदर थे : कमर वहीद नकवी
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार और रंगकर्मी राजीव नयन बहुगुणा इन दिनों ‘मेरे संपादक – मेरे संतापक’ शीर्षक से एक सीरिज लिख रहे हैं, फेसबुक पर. इसमें अपने करियर के दौरान मिले संपादकों के बारे में अपनी समझ और अनुभव के हिसाब से रोचक तरीके से कथा लेखन कार्य करते हैं. इसी सीरिज के तहत वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी के बारे में वो आजकल लिख रहे हैं. राजीव ने अपनी ताजा पोस्ट में लिखा कि नकवी सुरेंद्र प्रताप सिंह खेमे के थे. इस बात पर खुद नकवी ने आपत्ति की और विस्तार से राजेंद्र माथुर व एसपी सिंह के बारे में लिखा. साथ ही खेमे को लेकर स्पष्ट किया कि कौन किस खेमे में था, अगर कोई खेमा था तो. राजीव नयन बहुगुणा और कमर वहीद नकवी के रोचक लेखन को आप यहां नीचे पढ़ सकते हैं. नकवी जी ने अपनी बात कई अलग-अलग टिप्पणियों के जरिए रखी है, जिसे एक साथ यहां जोड़कर दिया जा रहा है.
सीओ श्रीपाल यादव के तबादले पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कानपुर के पत्रकार
कानपुर । उत्तर प्रदेश सरकार ने कल पीपीएस अधिकारीयों के स्थानान्तरण की एक लंबी चौड़ी सूची जारी की। इस सूची से किसी को नुकसान या फायदा हुआ हो न हुआ हो लेकिन कानपुर की मीडिया को जरूर अपनी पीठ थपथपाने का मौका मिल गया। इस सूची से पता चलता है कि कानपुर से श्रीपाल यादव को हटाकर चित्रकूट भेज दिया गया। बस इसी स्थानान्तरण को लेकर कानपुर मीडिया के लोग आज निर्भय होकर अपनी बहादुरी के झण्डे गाड़ रहे हैं।
मोदी सरकार ब्लैकमनी वालों को बचाने के लिए हर (गैर)कानूनी हथकंडा इस्तेमाल कर रही है!
Vinod Sharma : The NDA seems to be be running it’s black money narrative as a television serial. It cannot script a single shot show for the climax it promised the people is a long distance away. In communication terms, it is called the teasing effect. But can boomerang if overused. The downside of it is that you keep reminding people of your inability to meet your own deadlines.
वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा के फेसबुक वॉल से.
रमेश चंद्र अग्रवाल के कुकर्मों पर रेप पीड़िता लिख रही हैं किताब, मामले की कोर्ट में सुनवाई 29 अक्टूबर को
शादी का झांसा देकर पहले पति से तलाक दिलाना फिर खुद लगातार बलात्कार करने वाले भास्कर समूह के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के कुकर्मों पर किताब लिखने की तैयारी कर रही है रेप पीड़िता. भड़ास4मीडिया से बातचीत में जयपुर निवासी 45 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि रमेश चंद्र अग्रवाल ने जो जो किया, कहा और जिया है, उस वह किताब में लिखेगी. पीड़िता का कहना है कि मीडिया का उसे बिलकुल सपोर्ट नहीं मिल रहा है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईटीवी से लेकर पत्रिका तक के लोग जाते हैं लेकिन कोई खबर छापता दिखाता नहीं है. साथ ही पूरे मामले में पुलिस प्रशासन का रोल भी नकारात्मक है.
दीपावली बोनस 5 रुपये की माजा बोतल!
पंजाब केसरी अखबार में पैसे बचाने के लिए एक से बढकर एक नायाब नुस्खे आजमाये जा रहे हैं। जालंधर से प्रकाशित होने वाले पंजाब केसरी ने जब इस बार अपने कर्मियों को दीपावली पर शगुन देने की बात कही तो कर्मचारियों की बांछे खिल गयी। देश भर के कार्यालयों में जब सगुन पहुंचा तो कर्मियों ने समझा कि पता नहीं क्या भेजा है। निकला बाबा जी का ठुल्लू। माजा की बोतल। हो गयी इति श्री। जालंधर कार्यालय से लेकर पूरे देश में पंजाब केसरी के अधिकत न्यूज एजेंटों की संख्या असंख्य है, लेकिन यह दिया भी उन्हीं को दिया गया जो कटिंग के आधार पर कार्य नहीं कर रहे हैं।
पत्रिका सतना से कई गए, कृपा, राखी की नई पारी, मुकेश का इस्तीफा, गोपी व वीरेंद्र जागरण गए
पत्रिका, सतना से खबर है कि आंतरिक राजनीति से दुखी रिपोर्टर गजराज सिंह और राकेश त्रिपाठी ने स्थानीय समाचार पत्र स्टार समाचार ज्वाइन कर लिया है. सब एडिटर अनुराग शुक्ला ने रोहतक में अमर उजाला के साथ नई पारी की शुरुआत कर दी है. हरिओम पांडेय ने इस्तीफा देकर रोहतक में दैनिक भास्कर के हिस्से बन गए हैं. चीफ सब एडिटर अंजनी सक्सेना ने भी इस्तीफा दे दिया है.
ऋतिक रोशन को पहचानने के लिए तीन लाख रुपए खर्च कर दिए!
Mohammad Anas : बैंग बैंग फिल्म में किसने निभाया है हीरो का किरदार. जल्दी से मैसेज करके बताइए और जीतिए एक टाटा सूमो कार. यह विज्ञापन एक चैनल पर आ रहा था. इलाहाबाद के एक लड़के ने खुद को महा ज्ञानी और सबसे झकास किस्मत का धनी समझ कर मैसेज किया- ऋतिक रोशन. कंपनी ने वापस फोन किया और कहा, मुबारक हो आप जीत गए टाटा सूमो. लेकिन उससे पहले आपको कागज़ी प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक लाख रुपए हमारे बताये बैंक अकाउंट में भेजना होगा.
लुटेरी मोबाइल कंपनियों को सबक सिखाएं, 31 अक्टूबर को मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल न करें
सोशल मीडिया पर इन दिनों के शानदार काम किया जा रहा है. एक कंपेन चलाया जा रहा है मोबाइल कंपनियों की मनमानी के खिलाफ. डाटा पैक यानि मोबाइल इंटरनेट पैक के रेट बढ़ाने के खिलाफ 31 अक्टूबर के दिन मोबाइल पर इंटरनेट न यूज करने का आह्वान किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अगर हम सब एक दिन भी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं तो मोबाइल कंपनियों दो अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा.
अभिसार आज आशुतोष की क्लास ले रहे थे…
Kumar Sauvir : पालतू कूकुर और सड़कछाप कूकुर की फितरतों में बड़ा फर्क होता है। ताजा-ताजा पालतु हुआ कूकुर बहुत भौकता है और ताजा-ताजा सड़कछाप हुआ कूकुर बहुत झींकता हैं, मिमियाता है और बगलेंं भी खूब झांकता है। यह हकीकत दिखाया एबीपी-न्यूज के एक कार्यक्रम में। मौका है दिल्ली के चुनावों को लेकर। एक दौर हुआ करता था जब वरिष्ठ पत्रकार रहे आशुतोष ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस के एक सांसद की इस तरह क्लास ली थी कि वह खुद ही कार्यक्र से भाग गया। ऐसे कई मौके आ गये हैं आशुतोष के कार्यक्रमों में जब उन्होंने बड़े-बड़े नेताओं की जमकर क्लास ली।
ऑफिसियल ट्रिप है, ऐश कीजिए कंपनी के खर्चे पर… कोई पत्रकारिता नहीं है यह सब…
Sanjaya Kumar Singh : भड़ास पर छपी ‘पुण्य प्रसून बाजपेयी, सुप्रिय प्रसाद, राहुल कंवल और दीपक शर्मा कल क्यों जा रहे हैं लखनऊ?‘ खबर को पढ़कर एक पुरानी घटना याद आ गई। जनसत्ता के लिए जब मेरा चुनाव हुआ उन्हीं दिनों जमशेदपुर से निकलने वाले एक अंग्रेजी अखबार के संवाददाता की हत्या हो गई थी। पत्रकारिता को पेशे के रूप में चुनने से पहले मुझे यह तय करना था कि कितना खतरनाक है यह पेशा। मैंने जमशेदपुर के एक बहुत ही ईमानदार पत्रकार से इस बाबत बात की। उनसे लगभग सीधे पूछा था कि जिस पत्रकार की हत्या हुई उसकी तो कोई खबर मुझे याद नहीं है। दूसरी ओर आप एक से बढ़कर एक खबरें लिखते हैं – क्या आपको डर नहीं लगता धमकी नहीं मिलती।
Qamar Waheed Naqvi अंध विश्वासी भी थे… तंत्र तो नहीं, पर मन्त्र पर विश्वास करते थे….
Rajiv Nayan Bahuguna : कमर वहीद नकवी के शुभ नाम से मैं विज्ञ था। लेकिन अखबार की नौकरी में आने के बाद जब भी कोई उनका ज़िक्र करता, तो नकवी – राम कृपाल कहता। इससे मुझे लगा की शायद यह कोई आधुनिक सेकुलर है, जो गुरमीत राम रहीम सिंह टाइप नाम मिक्स करता है। बाद में विदित हुआ की यह सलीम – जावेद या नदीम – श्रवण टाइप जोड़ी है, और नकवी तथा राम कृपाल दोनों भिन्न व्यक्ति हैं। नकवी छींट की शर्ट पहनने वाले, क्षीण काय लेकिन भारी आवाज़ वाले व्यक्ति थे। मुंह में खैनी दाब कर चुप रहने वाले लेकिन अपनी गतिविधियों से एक मुखर व्यक्ति थे। उनसे मिलने के कुछ ही मिनट बाद मैं समझ गया की यह मुसलमान राजेन्द्र माथुर की जाति का है।
Qamar Waheed Naqvi
पत्रकारिता के ‘सेल्फी कुमारों’ पर मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान की भी पड़ गई नजर, आप भी देखें
इन दिनों ‘सेल्फी पत्रकारिता’ का चलन है. सत्ता-सिस्टम जहां दिखे, वहां पत्रकार-संपादक लोग ‘सेल्फी कुमार’ बनकर सेल्फी बनाने उतारने लगते हैं. नरेंद्र मोदी ने मीडिया को बातचीत के लिए दिवाली मिलन के बहाने बुलाया तो पत्रकार लोग मोदी का भाषण चुपचाप सुनने के बाद मोदी से मिलने करने लगे और सेल्फियां बनाने लगे. यह प्रकरण चर्चा का विषय बना और सबने ‘सेल्फी कुमारों’ की निंदा, आलोचना की. कोई मुद्दा अगर जनमानस के बीच आ जाए तो भला कार्टूनिस्ट उससे कैसे बेखबर रह सकते हैं. जाने माने कार्टूनिस्ट इरफान की भी नजर इन ‘सेल्फी कुमारों’ पर पड़ गई तो उन्होंने पूरे वाकये पर कुछ कार्टून बना डाले.
हाईकोर्ट जज ने लीगल मैग्जीन छापने वाले विनय राय और राजश्री राय समेत पूरे संपादकीय व प्रकाशन स्टाफ को भेजा लीगल नोटिस
राजश्री राय और विनय राय एक मैग्जीन निकालते हैं. लीगल मामले की इस मैग्जीन में दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के बेटे के खिलाफ खबर छापी गई. जज ने इसे संज्ञान लिया और खबर को पूरी तरह गलत, निराधार और बेहूदा बताते हुए मैग्जीन के समस्त स्टाफ को लीगल नोटिस भेजा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि मैग्जीन को जब्त कर लिया जाए और इसके वितरण को रोका जाए. अपने आठ पेज के आदेश में जज ने झूठी स्टोरी को लेकर अपनी सफाई देते हुए न्यायपालिका की गरिमा का हवाला दिया है और कहा है कि मनगढ़ंत खबर छापकर उनकी और उनके परिवार की छवि तो धूमिल किया जा रहा है.
आम आदमी का आक्रोश फूटा ‘सरकारी दफ्तर’ में
आम दिनों की तरह ‘सरकारी दफ्तर’ में गहमा-गहमी का माहौल था। बाबू अपने ढर्रे पर काम कर रहे थे। तभी परेशानहाल एक आम आदमी आया। सरकारी दफ्तर का चक्कर काटते परेशान हो चुके इस आम आदमी आक्रोश अचानक फूट पड़ा। आम आदमी के इस तेवर को देखकर सरकारी दफ्तर के तमाम लोग भी सन्न रह गए। दरअसल यह एक छोटा सा दृश्य था छत्तीसगढ़ भिलाई में पले-बढ़े युवा निर्देशक केडी सत्यम की हिंदी फिल्म ‘मुंबई डायरी’ का।
बनारस में टीवी पत्रकार नितिन को पीएसी वाले ने पीटा
Avanindr singh Aman : शनिवार की देर शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान बनारस के दशाश्वमेघ के डेढ़सीपुल के समीप ऋषि सेठ अपनी पत्नी और बच्चे संग बाइक से घर जा रहे। भीड़ अधिक होने के कारण डेढ़सीपुल के करीब किनारे बाइक खड़ी कर मूर्ति देखने लगे। इसी बीच पी.ए.सी. का जवान राजाराम यादव वहा पंहुचा और भद्दी-भद्दी गालियां बकनी शुरू कर दी। आरोप है कि ऋषि को तीन-चार थप्पड़ भी जड़ दिया। जब KTV के पत्रकार नितिन ने विरोध किया तो पी.ए.सी. के जवान ने उससे परिचय पूछा।
भास्कर चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल पर शादी का झांसा देकर देश-विदेश में रेप करने का आरोप (देखें पीड़िता की याचिका)
डीबी कार्प यानि भास्कर समूह के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ एक महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. इस बाबत उसने पहले पुलिस केस करने के लिए आवेदन दिया पर जब पुलिस वालों ने इतने बड़े व्यावसायिक शख्स रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा लिखने से मना कर दिया तो पीड़िता को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. कोर्ट में पीड़िता ने रमेश चंद्र अग्रवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता का कहना है कि रमेश चंद्र अग्रवाल ने उसे पहले शादी का झांसा दिया. कई जगहों पर शादी रचाने का स्वांग किया. इसके बाद वह लगातार संभोग, सहवास, बलात्कार करता रहा.
छत्तीसगढ़ में डाक्टर ने पत्रकारों को पीटा
भोपालपटनम। सीएचसी में पदस्थ चिकित्सक डॉ. गोवर्धन द्वारा रविवार दोपहर स्थानीय मीडियाकर्मियों से मारपीट की गई। वहीं कैमरा छीनने का प्रयास किया गया। घटना के बाद पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने बीजापुर पहुंच कलेक्टर से मुलाकात की। कलेक्टर ने मामले की जांच उपरांत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मोदी मिलन पर बीबीसी में पत्रकार सौतिक बिस्वास की आंखो देखी रिपोर्ट पढ़िए- ”बुलाया था बात करने, पर सुनना पड़ा भाषण”
बीबीसी संवाददाता सौतिक बिस्वास को भी मोदी दिवाली मिलन कार्यक्रम में बुलाया गया था. सौतिक ने आंखों दिखी लिखा है बीबीसी की वेबसाइट पर. इस राइटअप की काफी चर्चा है क्योंकि अब ज्यादातर लोग कहने लगे हैं कि मोदी के सामने पत्रकारों ने अपनी शालीनता खो दी और मोदी का एकतरफा भाषण सुनकर, सेल्फी बनाकर लौट आए. लीजिए सौतिक बिस्वास का लिखा पढ़िए….
यूपी में जंगलराज : एएसपी के सामने कोतवाल ने कैमरा बंद कराया और पत्रकार को बेइज्जत किया
सेवा,
माननीय मुख्यमंत्री जी
श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश शासन (उ.प्र.)
पांच कालीदास मार्ग, लखनऊ
विषयः- कन्नौज सदर कोतवाली प्रभारी द्वारा पत्रकार से अभ्रदता करने के संबंध में
महोदय,
ठाकरे खानदान का सपना कल स्वाहा हो जायेगा!
: ठाकरे खानदान की सियासत हड़पना चाहेंगे अमित शाह और नरेन्द्र मोदी : बीते ४५ बरस की शिवसेना की राजनीति कल स्वाहा हो जायेगी। जिन सपनों को मुंबई की सड़क से लेकर समूचे महाराष्ट्र में राज करने का सपना शिवसेना ने देखा कल उसे बीजेपी हड़प लेगी। पहले अन्ना, उसके बाद भाई और फिर उत्तर भारतीयों से टकराते ठाकरे परिवार ने जो सपना मराठी मानुष को सन आफ स्वायल कहकर दिखाया, कल उसे गुजराती अपने हथेली में समेट लेगा। और एक बार फिर गुजरातियों की पूंजी, गुजरातियों के धंधे के आगे शिवसेना की सियासत थम जायेगी या संघर्ष के लिये बालासाहेब ठाकरे का जूता पहन कर उद्दव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे एक नये अंदाज में निकलेंगे। या फिर राज ठाकरे और उद्दव एक साथ खड़े होकर विरासत की सियासत को बरकरार रखने के आस्तित्व की लडाई का बिगुल फूंक देंगे।
वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम दुबे का निधन
पुराने कम्युनिस्ट, वरिष्ठ लेखक, पत्रकार, रेडियो प्रस्तोता, अनुवादक और विचारक राधेश्याम दुबे (91वर्ष) का देहान्त हो गया। दुबे जी की बेटी भारती मास्को से भारत आ गई हैं। मूल रूप से इटावा (उ.प्र.) के निवासी दुबेजी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम०ए० और एल०एल०बी० की पढाई की और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े।
चुनाव की घोषणा होते ही झारखंड में न्यूज इंडिया चैनल लांच
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया है. मीडिया की जिम्मेवारी अन्य सभी क्षेत्रों से अधिक है. यह समाज का आईना है. जनता की आवाज है. झारखंड की देश में सशक्त उपस्थिति के लिए मीडिया को अहम भूमिका निभानी चाहिए. श्री सोरेन शनिवार को चाणक्या बीएनआर होटल के सभागार में आयोजित न्यूज इंडिया चैनल के लांचिंग समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने वाराणसी स्थित श्री करपात्री धाम से आये ब्रह्म चारी अभिषेक जी महाराज के साथ संयुक्त रूप से चैनल की लांचिंग की.
जुआ खेले जाने की सूचना पर समाचार कवरेज करने गए दो पत्रकारों पर हमला
रामनगर। क्षेत्र में चल रहे जुए की सूचना पर समाचार कवरेज करने के लिए शनिवार को जब दो पत्रकार फड़ पर पहुंचे तो जुआ माफिया द्वारा उन पर हमला बोल दिया गया तथा उनके पास रखे कार्ड रीडर, डोंगल एवं नगदी राशि छीन ली। हमले की पत्रकार संघ ने कड़ी निन्दा करते हुए उक्त मामले की रिपोर्ट रामनगर थाने में हमले में शामिल पिंकू सिंह, मामू उड़िया, गुडडा शर्मा, राका सहित अन्य 10 लोगों के खिलाफ दर्ज कराया।
रूसी मोदी बड़े फख्र से कहते थे- मैं फोरमैन से चेयरमैन बना हूं…
Sumant Bhattacharya : अशोक तोमर भाई का एसएमएस आया, खबर बुरी थी, लिखा था सुमंत, रूसी मोदी नहीं रहे। आज की पीढ़ी रूसी मोदी से वाकिफ ना होगी..टाटा के चेयरमैन रहे रूसी जमशेद टाटा के बाद इंडियन एअरलाइंस और एअर इंडिया के ज्वॉइंट चेअरमैन भी रहे हैं। रूसी से मेरी पहली औपचारिक मुलाकात तब हुई, जब वो टाटा के चेयरमैन थे और कोलकाता के टाटा बिल्डिंग में रूसी ने चिलिका में झींगा मछली प्रोजेक्ट पर बुलाई थी….। रूसी दुबारा मिले जब रतन टाटा और जेजे ईरानी की वजह से रूसी को टाटा छोड़ना पड़ा और रूसी खुल्ला कहते थे, मुझे टाटा से किक आउट किया गया।
रूसी मोदी
पुण्य प्रसून बाजपेयी, सुप्रिय प्रसाद, राहुल कंवल और दीपक शर्मा कल क्यों जा रहे हैं लखनऊ?
मोदी अगर राष्ट्रीय मीडिया को पटाने-ललचाने में लगे हैं तो उधर यूपी में अखिलेश यादव से लेकर आजम खान जैसे लोग नेशनल व रीजनल को पटाने-धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े हुए हैं. आपको याद होगा मुजफ्फरनगर दंगों के बाद आजतक पर चला एक स्टिंग आपरेशन. दीपक शर्मा और उनकी टीम ने मुजफ्फरनगर के कई अफसरों का स्टिंग किया जिससे पता चला कि इस दंगे को बढ़ाने-भभकाने में यूपी के एक कद्दावर मंत्री का रोल रहा, इसी कारण तुरंत कार्रवाई करने से पुलिस को रोका गया.
यूपी में नौ महीने में 524 आईपीएस के तबादले
भारत सरकार ने 28 जनवरी 2014 को आईपीएस कैडर संशोधन नियम 2014 पारित कर आईपीएस अफसरों की न्यूनतम तैनाती 2 वर्ष तय कर दी लेकिन यूपी में इस नियम का रोजाना उल्लंघन हो रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार इस नियम के बनने के बाद 30 जनवरी के अमिताभ ठाकुर के तबादले आदेश से ले कर अब तक लगभग 9 महीने में 86 तबादले आदेश जारी किये जा चुके हैं. इन आदेशों के जरिये कुल 524 आईपीएस अफसरों का तबादला हुआ है. 07 जून के एक आदेश से 52 अफसरों का एक साथ तबादला किया गया था. इन आदेशों में तबादले का कारण नहीं बताया गया है जबकि नियम से यह अपेक्षित है.
ये देखिए… बरखा दत्त भी नरेंद्र मोदी की छतरी तले कल की चाय पार्टी में…
Dayanand Pandey : अब यह देखिए… एक साथ सेक्यूलर राजनीति और नीरा राडिया दोनों की पैरोकारी करने और तमाम-तमाम चीज़ें साधने वाली चिर कुंवारी बरखा दत्त भी नरेंद्र मोदी की छतरी तले कल की चाय पार्टी में, नरेंद्र मोदी का लुत्फ़ लेती हुई। पावर ब्रोकर कही जाने वाली यह वही बरखा दत्त हैं जो कभी मनमोहन सिंह सरकार के समय प्रधानमंत्री की शपथ के पहले ही ए राजा जैसों को कम्यूनिकेशन मिनिस्ट्री का पोर्टफोलियो मिलने का आश्वासन देती फ़ोन टेप पर पकड़ी गई थीं।
किसी पत्रकार ने कोई सवाल नहीं पूछा, सब के सब हिहियाते हुए सेल्फी लेते रहे…
Dayanadn Pandey : लोकतंत्र क्या ऐसे ही चलेगा या कायम रहेगा, इस बेरीढ़ और बेजुबान प्रेस के भरोसे? कार्ल मार्क्स ने बहुत पहले ही कहा था कि प्रेस की स्वतंत्रता का मतलब व्यवसाय की स्वतंत्रता है। और कार्ल मार्क्स ने यह बात कोई भारत के प्रसंग में नहीं, समूची दुनिया के मद्देनज़र कही थी। रही बात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की तो यह सिर्फ़ एक झुनझुना भर है जिसे मित्र लोग अपनी सुविधा से बजाते रहते हैं। कभी तसलीमा नसरीन के लिए तो कभी सलमान रश्दी तो कभी हुसेन के लिए। कभी किसी फ़िल्म-विल्म के लिए। या ऐसे ही किसी खांसी-जुकाम के लिए। और प्रेस? अब तो प्रेस मतलब चारण और भाट ही है। कुत्ता आदि विशेषण भी बुरा नहीं है।
उदय प्रकाश ने नाराज होकर मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट से निकाल दिया!
Roshan Premyogi : उदय प्रकाश और प्रभात रंजन में एफ़बी पर बहस चल रही थी, बहस में उदय प्रकाश हिंदी को भी गाली दे रहे थे. उन्होंने हिंदी के एक महान साहित्यकार के नाम पर मिले सम्मान के प्रमाणपत्र को शौचालय में फ़्लश करने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि हिंदी ने मुझे क्या दिया? जब दोनों के बीच यह चल रहा था तो उनके कुकुर झौं-२ को पढ़ते हुए मैं यह सोच रहा था कि जिस हिंदी लेखक उदय प्रकाश को पढ़ते हुए मैं बड़ा हुआ क्या यह वही व्यक्ति है. जिसकी हर कहानी पर हिंदी में गली-गली चर्चा होती थी, क्या यह वही लेखक है?
श्रद्धांजलि : न्यायमूर्ति मेरी प्यारी बहन शिप्रा… मौत के मामले में भी अव्वल रहकर मेरे साथ अन्याय कर गई
शिप्रा ने अचानक मुझे फोन किया- मैंने शंकराचार्य से दीक्षा ले ली है और उन्होंने कहा है तुम्हें इसी जन्म में मोक्ष मिल जाएगा. तुम्हारा अगला जन्म नहीं होगा. मैं सुनती रही और झिड़ककर कहा कि कि ऐसी ऊटपटांग बाते मुझे मत सुनाओ. पर मन माना नहीं. दिन भर रोती रही. पता नहीं कैसी बातें करती है शिप्रा. मेरे पति वरिष्ठ पत्रकार अनंत मित्तल ने समझाया कि तुमने उसका अगला जनम देखा है क्या, जो दुखी हुए जा रही हो. पर मन तो मन है. शिप्रा उन दिनों नरसिंहपुर की डीजे यानी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन्स जज थी. मेरी सगी बहन. मुझसे सवा साल छोटी, लिहाजा जमकर लड़ते अैर दोस्ती ऐसी कि कभी बड़ी-छोटी का लिहाज नहीं, परदा नहीं.
आज के टाइम्स ऑफ इंडिया में वित्त मंत्री का इंटरव्यू पढ़कर बहुत दुखी हूं…
Prem Chand Gandhi : लगता है महंगाई तो 16 मई के बाद गायब ही हो गई! आज के टाइम्स ऑफ इंडिया में वित्त मंत्री का इंटरव्यू पढ़कर बहुत दुखी हूं। विकास की चिंता में वे भूल ही गए कि इस देश में महंगाई को लेकर आदमी की भी कोई चिंता है। सारा एजेंडा उदारीकरण, डी-लाईसेंसिंग, भूमि अधिग्रहण, होम लोन की ब्याज दर में कटौती, कोल सेक्टर और कई कई सेक्टरों के नवीनीकरण यानी बेचान को लेकर है। एक बार भी नहीं कहा कि आम आदमी को राहत किससे मिलेगी…
मनोज भावुक मॉरिशस में भोजपुरी का प्रतिनिधित्व करेंगे
भोजपुरी कवि मनोज भावुक मॉरिशस में भोजपुरी का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह गिरमिटिया मजदूरों के आगमन के 180 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में वहां की सरकार द्वारा 30 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव में शामिल होंगे। 2 नवम्बर 1834 को भारत से गिरमिटिया मजदूरो की पहली खेप मारीशस पहुँची थी।इसी की याद मे मारीशस सरकार और वहाँ की जनता प्रतिवर्ष राष्ट्रीय समारोह और भोजपुरी महोत्सव आयोजित करती है। इस महोत्सव में भारत, ग्रेट ब्रिटेन, युनाइटेड स्टेट्स, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, हॉलैंड, थाईलैंड, सिंगापुर, त्रिनिदाद, गुयाना आदि देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
पांच महीने में मोदी के रेल मंत्री सदानंद गौड़ा की संपत्ति दोगुनी हो गई
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा पीएमओ में जमा किया है, उसमें चुनाव के वक्त से अब तक में कुछ मंत्रियों की संपत्ति बढ़ गई है, तो कई की घट भी गई है। इलेक्शन वॉच की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री सदानंद गौड़ा की संपत्ति पांच महीने में 10 करोड़ से ज़्यादा बढ़ गई है। हालांकि रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने सफ़ाई दी है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले उन्होंने लोन लेकर जो संपत्ति ख़रीदी उससे ये भ्रम हो रहा है। लोकसभा चुनावों के दौरान रेलमंत्री ने घोषणा की थी कि उनके पास कुल 9.88 करोड़ की संपत्ति है और अब पीएमओ को दिए ब्योरे में उनकी संपत्ति अब 20.35 करोड़ हो गई है। यानी पिछले पांच महीने में उनकी संपत्ति में 10.46 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।
पारदर्शिता का जमाना : संपादकों की पीठ पर मोदी का हाथ और मोदी की पीठ पर अंबानी का…
Om Thanvi : यह पारदर्शिता का जमाना है साहब। पत्रकार नेताओं के प्रति अपनी आसक्ति नहीं छुपाते, नेता पूंजीपतियों के प्रति। इनको उनका हाथ अपने सर पर चाहिए, उनको उनका हाथ अपने काँधे पर।
पत्रकारिता का सबसे यादगार दिन… काश मैं भी एक सेल्फी खिंचवा पाता…
Harsh Kumar : दोस्तों, प्रधानमंत्री की पत्रकारों के साथ मुलाकात की खबर सुर्खियों में है। जहां एक ओर पत्रकार इस बात से प्रफुल्लित नजर आ रहे हैं कि पीएम के साथ कुछ समय बिताने का अवसर उन्हें मिल गया वहीं कुछ लोग इसका बड़े ही नकारात्मक तरीके से आकलन करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ साथियों ने इसे पत्रकारिता के लिए काला दिन और न जाने क्या-क्या कह डाला है। मैं इस बारे में ये कहना चाहूंगा कि काश मुझे भी अपने देश के पीएम से मिलने का मौका मिल गया होता आज। पर कोई बात नहीं, कम से कम मुझे आज के वाकये के बाद ये दिलासा तो मिला कि देश के पीएम से कभी न कभी तो मिला जा सकता है। नहीं तो अब तक इस देश के पीएम आम आदमी की पहुंच से तो दूर थे ही बल्कि खास लोग भी आसानी से नहीं मिल पाते थे।
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ब्रेकिंग न्यूज… सुधीर चौधरी की सेल्फी… ब्रेकिंग न्यूज… दीपक चौरसिया का हालचाल …
मैं आज के दिन को मीडिया के लिहाज से शर्मनाक दिन कहूंगा. पत्रकारिता के छात्रों को कभी पढ़ाया जाएगा कि 25 अक्टूबर 2014 के दिन एक बार फिर भारतीय राजनीति के आगे पत्रकारिता चरणों में लोट गई. धनिकों की सत्ता भारी पड़ गई जनता की आवाज पर. कभी इंदिरा ने भय और आतंक के बल पर मीडिया को रेंगने को मजबूर कर दिया था. आज मोदी ने अपनी ‘रणनीति’ के दम पर मीडिया को छिछोरा साबित कर दिया. दिवाली मिलन के बहाने मीडिया के मालिकों, संपादकों और रिपोर्टरों के एक आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए. देश, विदेश, समाज और नीतियों पर कोई बातचीत नहीं हुई. सिर्फ मोदी बोले. कलम को झाड़ू में तब्दील हो जाने की बात कही. और, फिर सबसे मिलने लगे. जिन मसलों, मुद्दों, नारों, आश्वासनों, बातों, घोषणापत्रों, दावों के नाम पर सत्ता में आए उसमें से किसी एक पर भी कोई बात नहीं की.
यूपी में जंगलराज : बागपत में कार्यरत दरोगा को राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त शख्स के पिता से जान का खतरा
थाना बालैनी, बागपत के दारोगा अशोक कुमार द्वारा मवीकलां गाँव में गोवध अपराध में दी गयी दबिश में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त डा. कुलदीप उज्जवल के पिता धर्मपाल सिंह द्वारा दरोगा को धमकाने के मामले में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने धर्मपाल सिंह के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करने की मांग की है. डीजीपी यूपी को भेजे अपने शिकायती पत्र में उन्होंने कहा है कि दरोगा अशोक कुमार, इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह और एसपी बागपत जे के शाही से बात कर वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दरोगा को सरकारी काम से रोका गया और धमकी दी गयी जो धारा 353 (2 साल सजा), 504 (2 साल सजा) तथा 506 (2 साल सजा) आईपीसी का संज्ञेय अपराध है.
हिंदी को उसका स्थान आज तक नहीं मिला!
देश की आजादी के समय कहा गया था कि दस साल तक अंग्रेजी रहेगी उसके बाद हिंदी आ जाएगी लेकिन दुर्भाग्य से आज तक दस साल पूरे नहीं हुए। अभी तक हिंदी को उसका स्थान नहीं मिला। उक्त बात कुलदीप नैयर ने कुलदीप नैयर ने दिल्ली स्थित गांधी शांतिप्रष्ठिान में नवोदित लेखक जैनेन्द्र जिज्ञासु के …
टीआरपी का तमाशा : एनडीटीवी जैसे चैनल को दसवें नंबर का बना डाला…
: आजतक फिर नंबर एक पर, न्यूज24 फिर हुआ न्यूज नेशन से पीछे : इस बाजारीकृत व्यवस्था में सब कुछ पूंजी से तय होता है. चैनल कितने देखे गए, इसका आंकड़ा जुटाने वाली प्राइवेट संस्था ‘टैम’ में घपले-गड़बड़ियां खूब है पर इसकी जांच कराने की किसी में हिम्मत नहीं होती. जो ज्यादा आंख तरेरता है और सत्ता में अच्छा खासा दखल रखता है, टैम वाले टामी उसकी ‘मुराद’ पूरी कर देते हैं. या तो उसके या उससे जुड़े चैनल को ज्यादा टीआरपी देकर बड़ा कर देते हैं या फिर उसको किसी अन्य तरीके से ‘ओबलाइज’ कर देते हैं. यही कारण है कि टैम वाले उन न्यूज चैनलों को तो ज्यादा टीआरपी देते हैं जिनका कंटेंट बेहद पूवर यानि घटिया है, लेकिन जो अच्छे कंटेंट दिखाता है, यथा एनडीटीवी जैसे चैनल, उनको बिलकुल आखिरी पायदान पर डाल देते हैं.
रेल में खेल (2) : बैकडोर से पैसे लेकर पैन्ट्रीकार तक में ठूंसने का जो काम हो रहा है वो किस अच्छे दिन का नमूना है?
Vineet Kumar : स्लीपर की टॉयलेट में 12-14 लोग घुसे हैं… पैंट्री कार में 1500-2000 रुपए लेकर घुसाया जा रहा है…. आप कह सकते हैं कि इतनी भीड़ में क्या व्यवस्था होगी भला? लेकिन जिनकी टिकट बहुत पहले से कन्फर्म है, वो अन्दर तक नहीं जा सके और ट्रेन गुजर गयी? ये सिर्फ भीड़ है फिर इसमें भ्रष्टाचार के भी अंश घुले हैं? मोदी सरकार क्या, इससे पहले की भी सरकार नागरिक सुविधाओं में तेजी से कटौती करती आयी है. लेकिन ये मौजूदा सरकार जो नागरिक को ग्राहक मानती है, उनके बीच प्रशासन नहीं मार्केटिंग के जाल बिछाना चाहती है लेकिन ग्राहकों को चूसने के मामले में धंधेबाजों और कार्पोरेट से भी दो कदम आगे निकल जाए तो उसे आप क्या कहेंगे?
दिवाली की पूर्व संध्या पर विदर्भ के छह किसानों ने आत्महत्या की.. कहां है नेशनल मीडिया.. किधर हैं राष्ट्रीय नेता…
विदर्भ (महाराष्ट्र) में किसानों की आत्महत्याओं का दौर जारी है. कांग्रेस की सरकार से विदर्भ के लोग नाराज थे क्योंकि वह किसानों के राहत के लिए कुछ नहीं कर रही थी और ऋण जाल में फंसकर किसान लगातार आत्महत्याएं करते जा रहे थे. लोगों ने बड़ी उम्मीद से बीजेपी और नरेंद्र मोदी को वोट दिया था. लेकिन किसानों की समस्या जस की तस है. भाजपा और नरेंद्र मोदी को अभी बड़े-बड़े मुद्दों और बड़ी-बड़ी बातों से फुरसत नहीं है कि वे किसानों की तरफ झांकें. काटन और सोयाबनी की खेती-किसानी से जुड़े छह किसानों ने दिवाली की पूर्व संध्या पर खुदकुशी की है. कार्पोरेट मीडिया को नमो नमो करने से फुरसत नहीं है कि वह आम जन और आम किसान की खबरें दिखाए. किसी इलाके में खेती के संकट के कारण छह किसानों की आत्महत्या बड़ी खबर है और देश को हिलाने वाली है. लेकिन कोई मीडिया हाउस इन किसानों के घरों तक नहीं पहुंचा और न ही इनकी दिक्कतों पर खबरें दिखाईं. जिन घरों के मुखियाओं ने दिवाली से ठीक पहले आत्महत्या कर ली हो, उन घरों में दिवाली कैसी रही होगी, इसकी बस कल्पना की जा सकती है. विदर्भ खबर नामक एक ब्लाग पर विदर्भ जन आंदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने किसान आत्महत्याओं के बारे में विस्तार से लिखा है. इसे पढ़िए और सोचिए कि नेता जो बोलता है, मीडिया जो दिखाता है, क्या उतना ही देश है, क्या उतनी ही खबरें हैं, या बातें-खबरें और भी हैं जिन्हें लगातार दबाया, छुपाया, टरकाया जा रहा है.
-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया
पांच हजार रुपये के विज्ञापन के लिए जब अखबार के दो कर्मी आपस में भिड़ गए….
विज्ञापन को लेकर मारामारी में पत्रकार भी अपनी हदें पार कर रहे हैं। उत्तराखंड के पौड़ी में एक बड़े अखबार के प्रभारी का एक कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर पालिका पौड़ी ने हिन्दुस्तान अखबार के लिए पांच हजार रुपये का विज्ञापन जारी किया। नियमानुसार विज्ञापन प्रतिनिधि के पास यह विज्ञापन पहुंच गया। विज्ञापन के 15 प्रतिशत कमीशन के लालच में हिन्दुस्तान के पौड़ी प्रभारी ने पालिका अध्यक्ष पर दबाव बना कर इसे निरस्त करवा कर अपने नाम से आरओ जारी करा दिया।
श्री टाईम्स, लखनऊ के 30 पत्रकारों का दिपावली में निकला दिवाला
: लखनऊ के सैकड़ों पत्रकारों को पड़े वेतन के लाले : लखनऊ। राजधानी लखनऊ में हिंदी अखबार श्री टाईम्स के पत्रकारों का दिपावली का दिवाला निकल गया है। यह श्री टाइम्स अखबार की ही हालत नहीं बल्कि श्री न्यूज चैनल की भी दुर्दशा है। पत्रकारों का पिछले तीन से चार माह तक की तनख्वाह बकाया है। मगर अफसोस की बात कि उन्हें दिपावली के शुभ अवसर पर भी उनकी खुशियों को प्रबंधन द्वारा फीका करने का काम किया गया है। श्री टाईम्स अखबार की हालत यह कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला ब्यूरो कार्यालय पर ताला लग गया है।
‘Is it Vibrant Gujarat or Violent Gujarat’
“We are sensing an ‘Era of Terror’ coming back to Gujarat” feel Muslim professionals
“Is it Vibrant Gujarat or Violent Gujarat”
“Are we re-entering into the era of terror? Whether things are going out of control by Chief Minister Anandiben Patel? Why VHP is being given free hand and why is it that Gujarat police has started sheer discrimination against Muslims and turning a blind eye towards their pleas”?
डा. कविता वाचक्नवी को मिलेगा “हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान एवं पुरस्कार”
लंदन से खबर है कि इंडियन हाईकमीशन द्वारा समग्र एवं सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक अवदान हेतु हरिवंश राय बच्चन के शताब्दी वर्ष पर स्थापित “हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान एवं पुरस्कार” (2014) डा. कविता वाचक्नवी को देने की घोषणा की गई है. यह पुरस्कार समारोह 5 दिसम्बर 2014 को इण्डिया हाऊस, लन्दन में आयोजित होगा।
विनोद शर्मा की हार के कारण बिना सेलरी मनी ‘आज समाज’ अखबार के कर्मियों की दिवाली
चंडीगढ़। आज समाज अखबार के कर्मचारियों के लिए विधानसभा चुनाव आफत बन गया। हालात ये रहे कि आज समाज अखबार के मालिक विनोद शर्मा अंबाला सीट से हारे तो पत्रकारों को दिवाली पर सेलरी तक नहीं मिल पाई। पूरे ग्रुप में इस बात को लेकर तरह तरह की बातें हुईं। सूत्रों की मानें तो कंपनी के आला अधिकारियों ने इस बारे में मैनेजमेंट से बात की तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया।
‘प्रभात खबर’ अखबार के खिलाफ जदयू नेता के आंदोलन का सच
‘मुंगेर में प्रभात खबर की कॉपियां फूंकी जा रही है‘ शीर्षक से भड़ास पर श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट को देखने का अवसर मिला और इसके पीछे के सच को तलाशने की कोशिश एक पत्रकार निगाह से मैंने की. रिपोर्ट में जिस छाया चित्र का इस्तेमाल किया गया है, वे स्वयं इस बात का गवाह है कि इसमें दल के लोग शामिल नहीं हैं. बल्कि यह स्वयं उसका अभियान है और इसे वही पत्रकार तूल दे रहे हैं जिसे काफी पहले चुनाव के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्कालीन उपनिदेषक सुरेश पांडेय ने दूसरे के प्रेस प्राधिकार पत्र पर घूमते हुए पाया था.
राजस्थान पत्रिका ने दीपावली पर गिफ्ट नहीं दिया कर्मचारियों को, बोनस में हजार रुपये कटौती
जयपुर से खबर है कि राजस्थान पत्रिका ने इस बार दीपावली लक्ष्मी पूजन के बाद अपने अखबार के कर्मचारियों को कोई गिफ्ट नहीं दिया. इस कारण से सभी कर्मचारियों को निराश होकर लौटना पड़ा. दरअसल पत्रिका समूह अपने कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों में से लगातार कटौती कर रहा है. पिछले कई दिनों का सीसीएल काफी महीनों बाद जमा करवाया गया.
370 एकड़ वन जमीन सौंपकर उद्योगपति अडानी का कुछ एहसान चुका दिया मोदी जी ने
Yashwant Singh : मुंबई मिरर में आज खबर है कि मोदी की सरकार ने अपने प्रिय उद्योगपति मिस्टर अदानी के गोंडिया पावर प्रोजेक्ट के लिए 370 एकड़ वन जमीन की स्वीकृति दे दी है. यानि 370 एकड़ जंगल की जमीन पर अब अदानी का अधिकार होगा और उनका पावर प्रोजेक्ट चलेगा. अदानी को इस प्रस्ताव पर स्वीकृति पूरे छह साल तक इंतजार के बाद मिली है. यानि जब मोदी जी केंद्र में आए हैं तभी अदानी के प्रस्ताव पर ओके की मुहर लग गई है. और, इस प्रकार अदानी साब ने मोदी के लिए चुनाव में जो जो किया, उसका छोटा सा एहसान मोदी जी ने चुका दिया है. पावर प्रोजेक्ट चले, बिजली बढ़े, इस पर किसी को एतराज न होगा. लेकिन सवाल वही है कि आम जन का भला करने के नाम पर आई मोदी सरकार सबसे तेजी से उद्योगपतियों की जेब भरने में लगी है.
एबीपी न्यूज का घटियापना… एक अच्छे कैंपेन की घटिया हेडिंग….
Abhishek Mehrotra : कब तक हम पत्रकार इस तरह की बिकाऊ हेडिंग लगा लगा कर एक अच्छे कैंपेन को चीप बनाने की कोशिश करते रहेंगे। एक तर्क ये भी है कि चीप हेडिंग की वजह से ये खबर पढ़ी जाएगी, पर आज मुझे याद आ रही है नरेंद्र पाल सिंह NP Sir की वो बात कि ‘मर्डर’ जैसी फिल्में भी लोकप्रिय होती है और ‘तारे जमीं पर’ भी। पर ‘तारें जमीं पर’ कभी-कभी बनती है और ‘मर्डर’ जैसी कई फिल्में बन जाती हैं। इसलिए कम से कम सकारात्मक खबरों को हमें ‘मर्डर’ स्टाइल में नहीं बल्कि ‘तारे जमीं पर’ के स्टाइल में पेश करना चाहिए। साथीगण चाहे तो इस खबर के लिए अच्छी हेडलाइन उपलब्ध करा सकते हैं…
राजस्थान में ए1टीवी नामक चैनल की शुरुआत
जयपुर से सूचना है कि पत्रकार अनिल लोढ़ा के नेतृत्व में राजस्थान में एक नया न्यूज चैनल आने जा रहा है. न्यूज चैनल का नाम A1tv यानि ए1टीवी है. धनतेरस के शुभ अवसर पर अनिल लोढ़ा ने धार्मिक अनुष्ठान के साथ चैनल का काम शुरू किया. इस दौरान ईटीवी हिंदी न्यूज चैनल्स के हेड जगदीश …
रेल में खेल (1) : मोदी सरकार को इस ब्लंडर की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी
Priyanka Dubey : हम फ्रीलांसर होकर भी हर छोटी से छोटी पेमेंट का एक चौथाई टैक्स भरते हैं. आम लोगों के टैक्स से सरकार काम करती है. हमारे खून पसीने की कमाई से ट्रेन चलाएंगे. और बैठेंगे उसमें प्रीमियम लोग? पहले ही जनरल डब्बे कम कर दिए गए हैं. अब सरकार यह चाहती है की गरीब अपने घर पैदाइश और मौत में न जा पाए? धीरे धीरे जनरल डब्बे खत्म कर दिए जाएंगे और स्लीपर में तत्काल का टिकट आम इंसान खरीद नहीं पाएगा. पूरा भारत व्यापारियों और उद्योगपतियों से भरा गुजरात नहीं है जो जन सुविधा के हर साधन के निजीकरण पर तुले हुए हैं. उम्मीद है कि मोदी सरकार को अपने इस पोलिटिकल और स्ट्रेटेजिक ब्लंडर की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
पत्रकार प्रियंका दुबे के फेसबुक वॉल से.
आकाशवाणी, लखनऊ के महिला एनाउंसर का शव पंखे से लटकता मिला
लखनऊ से एक दुखद खबर आ रही है. आकाशवाणी में एनाउंसर के पद पर कार्यरत खुर्शीद अब्बास ने सुसाइड कर लिया है. वे इंदिरानगर के सेक्टर डी क्षेत्र में रहती थीं. उनका शव कल उनके कमरे से लटकता मिला. खुर्शीद कल सुबह अपनी बेटी हिबा को गोमतीनगर स्थित उसके स्कूल छोड़ने गई थीं. वापस आने के बाद उनका शव फंदे पर लटकता मिला. खुर्शीद के भाई ने हत्या की आशंका जताई है. उधर, पुलिस का कहना है कि महिला मानसिक रूप से परेशान थीं, नींद की गोलियां खाया करती थीं, संभव है उन्होंने सुसाइड किया होगा. बाकी कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगी.
हेमलता अग्रवाल को मीडियाकर्मी दे रहे बददुवाएं, पैसा है नहीं तो चैनल काहें को ले आए?
कई लाला लोग ऐसे होते हैं जो केवल उगाही और साजिश के दम पर पैसा बटारने की ख्वाहिश रखते हैं और इसी मकड़जाल के सहारे अपना वेंचर आगे ला देते हैं. कुछ इन्हीं हालात में ‘भास्कर न्यूज‘ नामक चैनल आ रहा है जो आने को तो कई साल से आ रहा है लेकिन अभी तक टेस्ट सिगनल पर ही है. इस चैनल से खबर है कि यहां सेलरी संकट लगातार जारी है. इस चैनल में कार्यरत करीब सत्तर फीसदी लोगों को सेलरी नहीं मिली है.