एक दिन, दो गम

अजय कुमार, लखनऊ

एक साहित्य जगत की महान विभूति थी तो दूसरा संगीत की दुनिया का सम्राट। एक कलम का उस्ताद था तो दूसरे की उंगलियों की थाप लोंगो को सम्मोहित कर लेती थी। दोनों ने एक ही दिन दुनिया से विदा ली। बात तबला सम्राट पंडित लच्छू महाराज और साहित्य की हस्ताक्षर बन गईं महाश्वेता देवी की हो रही है। भगवान भोले नाथ की नगरी वाराणसी से ताल्लुक रखने वाले लच्छू महाराज और बंगाल की सरजमी से पूरे साहित्य जगत को आईना दिखाने वाली ‘हजार चौरासी की मां’ जैसी कृतियां की लेखिका महाश्वेता देवी (90) ने भले ही देह त्याग दिया हो लेकिन साहित्य जगत और संगीत प्रेमिेयों के लिये यह हस्तियां शायद ही कभी मरेंगी। अपने चाहने वालों के बीच यह हमेशा अमर रहेंगी।

उत्तराखंड से लगी सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर सियासत का रंग चढा

उत्तराखंड से लगी सीमा में चीनी सैनिकों (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के सीमा उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद इस मुददे पर सियासत भी तेज हो गई है। पहले उत्तराखंड राज्य सरकार व केन्द्र सरकार आमने सामने थे अब संसद के अंदर भी घुसपैठ के मामले में विपक्षी दल केन्द्र सरकार को घेर रहे हैं। दरअसल यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब उत्तराखंड सरकार के राजस्व विभाग के कर्मचार व अधिकारी सीमा की स्थिति का मुआयना करने के लिए जुलाई महीने के दूसरे पखवाडे में वाडाहोती इलाके में गये थे। उसी दौरान इस इलाके में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की गयी।

भड़ुओं को छोड़ दें, जो पत्रकार हैं वो अपने हक की लड़ाई लड़ें

जरूरतमंदों की आवाज उठाने का दावा करने वाले पत्रकारों की हालत यह है कि वे लोग अपनी लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं। कुछ स्वार्थी, लालची व कायर पत्रकारों ने मीडिया में ऐसा माहौल बनाकर रख दिया है कि जो जितना बड़ा दलाल उतना ही बड़ा पत्रकार। स्वाभिमान, ईमानदार व कर्मठ पत्रकारों को या तो काम नहीं करने दिया जाता या फिर उनको नकारा साबित कर दिया जाता है। इन सबसे यदि ये लोग उबर गए तो इनका इतना दमन किया जाता है कि इन्हें इसका विरोध करना पड़ता है। विरोध का नतीजा यह होता है कि उन्हें नौकरी  से हाथ  धोना  पड़ता है।

लेबर कमिश्ररों से जिरह में मैनेजमेंट और श्रम विभाग की नंगई हो जाएगी बेपर्दा

मजीठिया वेज अवॉर्ड पाने की जंग लड़ रहे लोगों को निस्संदेह मिलेगा इंसाफ : न्याय में विलंब यानी न्याय नहीं – यह एक आम कहावत या कहें कि मुहावरा बन गया है, जो सिस्टम की न्यायिक व्यवस्था, न्याय की स्थिति, न्याय की दशा-दिशा से उपजा है। न्याय-इंसाफ की अतीत से लेकर वर्तमान तक की स्थिति, इसके मिलने में बेतहाशा विलंब, अनेक-अगणित उतार-चढ़ाव, अस्थिरता-अनिश्चितता और अन्यान्य बाधाएं-अड़चनें इंसाफ की जंग लड़ रहे लोगों के हौसले को पस्त कर देती हैं। उसे ऐसे मुकाम पर पहुंचा देती हैं कि वह निराश होकर बोल पड़ता है – छोड़ो यार! इस मुकदमेबाजी से कुछ नहीं होने वाला, कुछ नहीं मिलने वाला। इससे अच्छा है कि खामोश होकर-चुप होकर घर बैठें। या इसी तरह के न जाने कितने ख्याल, भाव-विचार मन में दंड-बैठक करते हैं, करते रहते हैं। इसी मनोदशा में कुछ लोग वास्तव में निष्क्रियता के शिकार हो जाते हैं और कुछ लोग, या कहें कि ज्यादातर लोग इस स्थिति में बहुत देर तक नहीं रह पाते। जल्दी ही बाहर निकल आते हैं, इससे उबर जाते हैं और फिर,  शुरू की गई लड़ाई को उसके मुकाम तक पहुंचाने के लिए नए संकल्प के साथ मैदान में कूद पड़ते हैं।

कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़क रहा है अमर उजाला!

नोएडा से एक साथी ने सूचना दी है कि अमर उजाला प्रबंधन अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी व बकाया तो दे नहीं रहा है ऊपर से जले पर नमक छिड़क रहा है। इस साथी ने सूचना दी है कि यहाँ अमर उजाला के नंबर वन होने का जश्न मनाया गया लेकिन अमर उजाला के नंबर 1 होने का जश्न सिर्फ बड़े लोगों ने ही जोर शोर से मनाया। संपादक, जनरल मैनेजर, मैनेजर जैसे खास लोग 10-12 दिन के विदेश टूर पर भेजे गए और वहां से मौज मस्ती करके लौट आए हैं।

यूपी में मंत्री ने अफसर को दी मां-बहन की गालियां (सुनें टेप)

यूपी में समाजवार्दी पार्टी की सरकार के मंत्री बेलगाम हैं और पूरा जंगलराज कायम कर रखा है. अखिलेश यादव अपनी इमेज के सहारे इलेक्शन जीतने की तैयारी में लगे हैं लेकिन उनके मंत्री उनकी लुटिया डुबाने के लिए कमर कसे हैं. तभी तो आए दिन मंत्रियों के कारनामों की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है. ताजा मामला सपा सरकार के एक राज्यमंत्री की दबंगई का है.

कोई पुरुष दिनभर में 5 बार से ज्यादा चाय पीता है तो उसे प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका!

Aaku Srivastava : कई लोग चाय को अपना लाइफ मान लेते हैं। उसके बिना वह अपने बेड से एक कदम बाहर नहीं रखते है। यहां तक कि अपनी आंखे भी नहीं खोलते हैं। इसका नाम सुनते ही हमारी आधी नींद खुल जाती है। सुबह-सुबह एक कप चाय मिल जाएं तो आपका पूरा दिन बन जाता है। दिन भर की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमें स्फूर्ति मिल जाती हैं। लेकिन शायद आपको यह बात नहीं पता है कि सुबह-सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से आपके शरीर के लिए कितना नुकसान दायक हैं। जानिए इसका सेवन करने से आपको क्या नुकसान हैं।

राष्ट्रभक्त चैनल की परिभाषा बता रहे हैं विनीत कुमार

Vineet Kumar : राष्ट्रभक्त चैनल वो है जो अपने देश के आईएएस ऑफिसर को आतंकवादी समर्थक बताये, स्कूल शिक्षिका को अपने छात्रों से देह व्यापार करनेवाली बताये और उसकी हत्या करने के लिए माहौल बनाये. राष्ट्र निर्माण के लिए खबर न चलाने की एवज में 100 करोड़ रुपये की मांग करे. आपकी टिप्पणी की शक्ल में गाली से गुजरें इससे पहले ये जोड़ता चलूँ कि ऐसे राष्ट्रभक्त चैनल के संपादक के वकील ने स्वीकार कर लिया है कि 100 करोड़ की मांग करने की जो बात कही गई, वो आवाज़ किसी और की नहीं, संपादक की ही है.

टीआरपी में नौवें स्थान पर रहने वाला एनडीटीवी इंडिया चल कैसे रहा है, पैसा कितना और कहां से आ रहा है?

Nadim S. Akhter : एक गंभीर बात. बार्क की तरफ से 29वें हफ्ते की टीआरपी के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वो इस प्रकार हैं. गौर से देखिए इनको और जरा अंदाजा लगाए कि कौन चैनल -सफलता- के किस पायदान पर खड़ा है. फिर आगे की बात करूंगा.

ओम थानवी ने टाइम्स नाऊ वालों के बुलाने पर भी डिबेट में न जाने के कारणों का किया खुलासा

Om Thanvi : पिछले कुछ हफ़्तों से टाइम्ज़ नाउ से फ़ोन आता है कि अर्णब गोस्वामी के ‘न्यूज़ आवर’ में शिरकत करूँ। पर मेरा मन नहीं करता। एक दफ़ा समन्वयक ने कहा कि आप हिंदी में बोल सकते हैं, अर्णब हिंदी भी अच्छी जानते हैं आपको पता है। मुझे कहना पड़ा कि उनकी हिंदी से मेरी अंगरेज़ी बेहतर है। फिर क्यों नहीं जाता? आज इसकी वजह बताता हूँ। दरअसल, मुझे लगता है अर्णब ने सम्वाद को, सम्वाद में मानवीय गरिमा, शिष्टता और पारस्परिक सम्मान को चौपट करने में भारी योगदान किया है।

फ्रांस के अखबारों और चैनलों ने लिया फैसला- आतंकियों के नाम और फोटो न दिखाएंगे

फ्रांस में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों के बीच वहां के कई प्रकाशनों और प्रसारणकर्ताओं ने निर्णय लिया है कि वे इस्‍लामिक स्‍टेट ग्रुप से जुड़े आतंकियों के नाम और फोटो का प्रकाशन नहीं करेंगे। ना ही आतंकियों की चर्चा करेंगे। इस नीति का पालन करने का निर्णय लेने वालों में फ्रांस के अखबार ‘Le Monde’ और टेलिविजन चैनल ‘BFM TV’ का नाम भी शामिल है। इस निर्णय को लेकर फ्रांस की संसद में भी बहस छिड़ गई है।

पत्रकार दिनेश मानसेरा के मीडिया में 25 साल पूरे, उनकी किताब ‘दाज्यू बोले’ और लघु फिल्म ‘मैं गौला हूँ’ का लोकार्पण

उत्तराखंड के एनडीटीवी पत्रकार दिनेश मानसेरा के मीडिया में पच्चीस साल पूरे होने के मौके पर मीडिया से जुड़े दिग्गज उनके गृह नगर हल्द्वानी (नैनीताल) में जुटे. इस मौके पर पर उनकी पुस्तक ‘दाज्यू बोले’ और लघु फ़िल्म ‘मैं गौला हूँ’ का लांच हुआ. इस समारोह में एनडीटीवी इंडिया के रवीश कुमार ने अपने शानदार अंदाज़ में कहा हरे भरे खेतों में उम्मीदवारों के नाम उग आए हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करो चुनाव आए हैं। गन्ने की तरह लोगों को काटने लोग आए हैं, पोस्टरों पर मुस्कुराने वाले नेता महान आए हैं। ट्विटर ने हमे लफंगा बना दिया, फेसबुक ने साहित्यिक।  लोग पहले नेताओ को ज्ञापन देते थे अब पत्रकारो को ज्ञापन देने लगे हैं। उम्मीदों का कितना बड़ा पहाड़ है। दाज्यू बोले किताब पढ़ कर मैं रास्ते भर हँसता रहा।

यूपी का वो कौन ईमानदार पत्रकार है जो विज्ञापन दिलाकर उसमें से तीस प्रतिशत कट लेता है?

Nadeem : ईमानदारी की जैकेट में बेईमीनी की जेब… लिखना नहीं चाह रहा था। अपनी ही ‘बिरादरी’ का मामला है, इसलिए दुविधा में था लिखा जाए या नहीं लेकिन उबाल मन में बार-बार इसलिए आ रहा था कि अगर किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कुछ पता चले जो खुले तौर पर ‘धंधे-पानी’ के खेल में हो और वह खुद भी कुछ न छुपाता हो तो उसके बारे में मिली कोई जानकारी न आश्चर्य पैदा करती है और न ही कोई गिला शिकवा। लेकिन अगर यही जानकारी ऐसे शख्स के बारे में हो जो जो ऊपर से ईमानदारी की जैकेट पहने हो लेकिन अंदर बेईमानी की जेब लगाए हो तब गुस्सा आना लाजिमी हो जाता है।

जोधपुर के पत्रकार डा. सैयद मोईनुल हक पर एक दर्जन हमलावरों ने किया कातिलाना हमला

जोधपुर। दैनिक ‘वाइस आफ हक’ के प्रधान संपादक डा. सैयद मोईनुल हक पर गत दिनों हथियारों से लैस करीब एक दर्जन हमलावरों ने उस वक्त कातिलाना हमला कर दिया, जब वे जालोरी गेट स्थित अपने कार्यालय से कमला नेहरु नगर अपने घर की तरफ जा रहे थे। रात करीब 12.30 बजे रवाना होकर डा. हक बाम्बे मोटर्स चैराहे के पास पहुंचे तो चार-पांच बाइक पर तलवारों, सरियों और बेस बाल के बल्लों से लैस हमलावरों ने उनकी इनोवा कार रुकवाने का प्रयास किया और हमला बोल दिया। हक ने सूझबूझ दिखाते हुए अपनी कार को यू-टर्न कर लिया और पुलिस कण्ट्रोल रूम पहुंच गये। उल्लेखनीय है कि डा. मोईनुल हक जोधपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष भी हैं।

बरखा ने अरनब से पूछा- मोदी से डरते हो?

बरखा दत्‍त ने अरनब गोस्‍वामी पर फिर हमला बोला है। एक लेख में बरखा ने लिखा कि अरनब उन्‍हें डरा न पाएंगे। उन्‍होंने अपनी फेसबुक पोस्‍ट का जिक्र करते हुए कहा कि कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए। कई लोगों ने जानना चाहा कि मैंने ऐसा क्‍यों कहा। कई लोगों ने साहस दिखाते हुए समर्थन दिया। वहीं ऐसे भी लोग थे जो जिन्‍होंने निराशाजनक रूप से चुप्‍पी ओढ़ ली। बरखा ने लिखा, ”ईमानदारी और आजादी से रिपोर्ट करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। इस दौरान यह भी ध्‍यान रखता होता है कि न तो हम भारतीय सेना के दुश्‍मन समझे जाएं और न आतंक के समर्थक। भारत के मीडिया इतिहास में यह अभूतपूर्व समय है जब एक बड़ा पत्रकार सरकार से कह रहा है कि अन्‍य पत्रकारों को उनकी कश्‍मीर पर अलग-अलग दृष्टिकोण से की गई रिपोर्टिंग के लिए ट्रायल चलाया जाए।”

जाकिर नाईक ने टाइम्‍स नाऊ और अरनब गोस्‍वामी पर मानहानि के एवज में 500 करोड़ रुपये मांगा

इस्‍लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाईक ने न्‍यूज चैनल टाइम्‍स नाऊ और उसके एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी को 500 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। नाईक ने यह नोटिस उनके खिलाफ हेट कैम्‍पेन और मीडिया ट्रायल चलाने के खिलाफ भेजा है। जाकिर नाईक के वकील मुबीन सोलकर की ओर से भेजे गए नोटिस में चैनल पर धार्मिक समुदायों के बीच वैर और घृणा फैलाने और नाईक व मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है।  नोटिस में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने की भी बात कही गई है।

यशस्वी संपादक गिरीश मिश्र के साठवें जन्मदिन पर उनकी किताब ‘देखी-अनदेखी’ का विमोचन

दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, लोकमत समेत कई अखबारों के संपादक रह चुके वरिष्ठ और यशस्वी पत्रकार गिरीश मिश्र ने बीते 16 जुलाई को अपना साठवां जन्मदिन सादगी के साथ मनाया. इस मौके पर उनके परिजन और चाहने वाले मौजूद थे. 16 जुलाई का दिन गिरीश मिश्र के लिए एक यादगार और दोहरी ख़ुशी का दिन था. इस दिन उनका जन्मदिन तो था ही, इसी दिन एक गरिमापूर्ण समारोह में उनकी पुस्तक ‘देखी अनदेखी’ का विमोचन भी किया गया.

सहारा प्रबंधन ने अपने स्थानीय संपादक मनोज तोमर को डिमोट किया

नोयडा : राष्ट्रीय सहारा प्रबंधन ने अपने लखनऊ एडीशन के स्थानीय संपादक मनोज तोमर को डिमोट कर दिया है. सहारा मीडिया के पूर्व सीईओ उपेन्द्र राय ने पांच माह पूर्व लखनऊ एडीशन के स्थानीय संपादक मनोज तोमर को दो रैंक पदोन्नति देकर सीनियर एक्जक्यूटिव से मैनेजर रैंक प्रदान करते हुए नोयडा स्थानांतरित कर दिया था. इस स्थानांतरण से दुखी श्री तोमर ने सहारा नोयडा में ज्वाइन तो किया, लेकिन कुछ ही दिन बाद सहारा से त्यागपत्र देकर वापस लखनऊ लौट आये. बाद में उन्होंनेललखनऊ में दूसरा मीडिया ग्रुप ज्वाइन कर लिया.

मजीठिया : क्या इन सवालों का जवाब देगा कॉन्फेडरेशन… अवमानना के मामले में सब चुप क्यों

कॉन्फेडरेशन ऑफ न्यूज पेपर एंड न्यूज एजेंसी एम्प्लाइज यूनियंस की बुधवार को हुई बैठक में पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए नए वेज बोर्ड के गठन और मजीठिया वेतनमान को सभी समाचार पत्रों एवं समितियों में लागू कराने के लिए दिल्ली में जल्दी ही एक विशाल रैली आयोजित करने का फैसला किया गया है। अच्छी बात है। अच्छा फैसला है। मगर इससे पहले कुछ सवाल हैं जिसका जवाब कॉन्फेडरेशन और इसके नेताओं व पदाधिकारियों को देना चाहिए।

इंडिया टुडे ग्रुप की वेबसाइट लल्नटॉप की शर्मनाक हरकत

इंडिया टुडे ग्रुप की बेवसाइट्स द लल्लनटॉप ने अपने एक आर्टकिल में मैग्सेसे विनर दलित समुदाय के बेजवाड़ा विल्सन को गू ढोने वाला बताया है। आर्टकिल का शीर्षक है- “गू उठाने वाला बंदा मैग्सेसे जीत लाया”। सब हेड है- “जन्म के बाद पता चला कि जिंदगी भर दूसरों की टट्टी फेंकनी है, पर इरादे थे कुछ और”। अब जानिए हकीकत क्या है। बेजवाड़ा विल्सन ने खुद कभी मैला नहीं ढोया और वे साल 1986 से मैला ढोने जैसे अमानवीय काम के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

बसपा नेता नसीमुद्दीन के काफिले पर क्षत्रिय समाज के लोगों ने पत्थर और डंडों से किया हमला (देखें वीडियो)

आगरा के कुबेरपुर में आज बहुजन समाज पार्टी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के काफिले पर हमला किया गया. नसीमुद्दीन सिद्दीकी के काफिले पर पत्थर और डंडों से हमले के दौरान डंडों में काले झंडे लगाए गए थे. नसीमुद्दीन के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी किया हमलावरों ने. कुछ लोगों ने सड़क पर लेटकर काफिला रोकने का प्रयास किया. नसीमुद्दीन सिद्दीकी का विरोध करने वाले स्वाति सिंह के समर्थक थे जो दर्जनों की तादाद में आगरा कानपुर हाई-वे पर सुबह आठ बजे से ही आकर जम गए थे.

आजतक के फिर सिर तक पहुंच गया इंडिया टीवी, न्यूज24 को सर्वाधिक फायदा, इंडिया न्यूज को सर्वाधिक नुकसान

बार्क की तरफ से 29वें हफ्ते की टीआरपी के जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें इंडिया टीवी बिलकुल सिर तक आ चुका है आजतक के. इस साल कई बार इंडिया टीवी नंबर वन बना और आजतक को नंबर दो पर खिसक कर संतोष करना पड़ा. इस 29वें हफ्ते Male 22+ कैटगरी में इंडिया टीवी नंबर वन है जबकि आजतक नंबर दो. 29वें हफ्ते में टीआरपी वाइज सबसे ज्यादा फायदा न्यूज24 को हुआ है जिसने कुल 1.2 की उछाल हासिल की है.

शिवराज चौहान पर लिखी किताब पर टाइटल चोरी का केस दर्ज कराने की तैयारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लिखी किताब ‘मोहि कहाँ विश्राम’ पर टाइटल चोरी का केस दर्ज कराने की तैयारी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लिखी किताब ‘मोहि कहाँ विश्राम’ भले ही लोगों को पढ़ने के लिए नहीं मिल पा रही है लेकिन अब इस किताब के प्रकाशक के विरुद्ध टाइटल चोरी का प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है। इसी शीर्षक से एक किताब स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बारे में छप चुकी है जिसका विमोचन पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया था।

डॉक्टर शकुंतला मिश्रा पुनर्वास राष्ट्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ : हिंदी विभाग में पीएचडी में हो रही धांधली

पीएचडी हिंदी में बिक्रय उपाध्याय का होना पहले से तय. निवेदन है कि दबे कुचले लोगों की आप आवाज बनें और असंतोष के विरुद्ध आवाज को बुलंद करें.  एक दलित और आँख से अंधे अंजेश पाल नामक स्टूडेंट ने दिसम्बर 2015 के नेट एग्जाम में जेआरएफ पास किया. डॉक्टर शकुंतला मिश्रा पुनर्वास राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी लखनऊ से एमए कर रहे अंतिम सेमेस्टर के एग्जाम में मार्च 2016 के रिजल्ट में एक पेपर में बैक लगा दिया गया. उसका आज कोई आवाज बनने को तैयार नहीं है.

महाराष्ट्र में नवभारत, हमारा महानगर और दैनिक भास्कर में नहीं हुआ सर्वे

मजीठिया की लिस्ट से नाम भी नदारत, आरटीआई से हुआ खुलासा

मुंबई : देश भर में भले ही दैनिक भास्कर समाचार पत्र की प्रकाशन कंपनी डी बी कोर्प के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायत की गयी है मगर मुंबई में दैनिक भास्कर के ब्यूरो कार्यालयों में मजीठिया जांच टीम नहीं पहुंची और यहाँ सर्वे तक नहीं किया गया। दैनिक भास्कर के मुंबई में दो कार्यालय है जिसमे एक माहिम में और दूसरा फोर्ट में। दैनिक भास्कर के जुझारू पत्रकार धर्मेंन्द्र प्रताप सिंह कई बार श्रम आयुक्त कार्यालय जाकर श्रम उपायुक्तों से निवेदन करते रहे कि उनके कार्यालय में सर्वे टीम नहीं पहुंची है मगर उनको हर बार सहायक कामगार आयुक्त नीलांबरी भोसले और सरकारी कामगार अधिकारी अतार मैडम ने झांसा दिया।

बिहार में मीडिया पर घोषित प्रतिबंध

Vinayak Vijeta : मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश, ईटीवी को कोई बाईट नहीं दें जदयू नेता… राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं और अपने प्रवक्ताओं को यह सख्त निर्देश दिया है कि वह ईटीवी को न तो कोई बाईट दें और न ही ऑन या ऑफ द रिकार्ड इस चैनल के किसी संवाददाता से बात करें। सुत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री का इस चैनल पर गुस्सा पिछले दिनों पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को लेकर था। बताया जाता है कि इस सम्मेलन के प्रचार के लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग ने पटना के तीन निजी चैनलों को विज्ञापन दिया था। पर ईटीवी ने इस विज्ञापन को इसलिए स्वीकार नहीं किया कि विज्ञापन का दर चैनल के निर्धारित दर से काफी कम था।

दलित उत्पीड़न घटना नहीं, विचारधारा है : अनिल चमड़िया

लखनऊ । रिहाई मंच ने ‘सामाजिक न्याय की चुनावी राजनीति और सांप्रदायिक गठजोड’़ विषय पर यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ में सेमिनार आयोजित किया। सेमिनार के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक अनिल चमड़िया थे। सूबे व देश के मौजूदा हालात पर बोलते हुए अनिल चमड़िया ने कहा कि बेटी का सम्मान महज नारा नहीं है यह भी विचारधारा है। यदि जेएनयू की बेटियों को वैश्या कहने की छूट दी जाएगी तो किसी भी महिला चाहे वो राजनेता ही क्यों न हो वह भी इस हमले से नहीं बच सकती है। हमारी लोकतांत्रिक व सामाजिक न्याय की चेतना को खंडों में विभाजित किया जा रहा है। इसलिए हम न केवल कश्मीर के मुद्दे पर बल्कि श्रमिकों, आदिवासियों आदि वंचित समुदाय के मुद्दों पर भी खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। युवा उम्र से नहीं होता, युवा का संबन्ध चेतना से है, एक युवक भी जड़ बुद्धि का हो सकता है और एक बुजुर्ग या उम्रदराज भी बुनियादी परिवर्तन के सपने तैयार कर सकता है।

लोकसभा की आज की कार्यवाही पर अजात अभिषेक की यह लाइव कमेंट्री पढ़ने लायक

Sanjaya Kumar Singh : लोकसभा की आज की कार्यवाही पर अजात अभिषेक की लाइव कमेंट्री पढ़ने लायक है। पूरा दिन लोकसभा की कार्यवाही देखा महंगाई पर चर्चा हो रही थी और सरकार के जितने भी नुमाइंदे थे सब मॉनसून के उपर सारी जिम्मेदारी डाल रहे थे, बता रहे थे कि दो साल पानी नहीं बरसा और इस साल बरसा है तो आगे सब ठीक हो जाएगा। शाम को ये लब्बोलुआब निकला की सरकार मुंह बाये बारिश के लिए आसमान की ओर ताक रही है और हम मुंह बाये सरकार की ओर ताक रहे हैं। चलो टीवी बंद करते हैं पहले भी हमारा कट रहा था आगे भी हमारा ही कटेगा।

जनमत तैयार कर बदलाव लाना ही पत्रकारिता का ध्येय : के.जी. सुरेश

भोपाल । जनमत को तैयार कर बदलाव लाना ही पत्रकारिता का ध्येय है। आज नागरिक पत्रकारिता बड़े स्तर पर पहुँच गई है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था बनाये रखने का काम मीडिया को करना है। आप खबर को किस दृष्टिकोण से देख रहे हैं यह आपके व्यक्तित्व को दिखाता है। समाज में विश्वासहीनता बढ़ रही है। एक पत्रकार को अपनी लक्ष्मण रेखा खुद तय करनी चाहिए। यह विचार आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सत्रारंभ कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में ‘एक पत्रकार का जीवन’ विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक श्री के.जी.सुरेश ने व्यक्त किए।

नोएडा के भड़ास आश्रम से बाबा भड़ासानंद यशवंत का प्रवचन आप भी झेलें

Yashwant Singh : आजकल नोएडा सेक्टर 70 में एक मित्र द्वारा बनवाए गए भड़ास आश्रम में हूं. क्या खूब जगह है. लग ही नहीं रहा कि दिल्ली एनसीआर के धूल भीड़ शोर में हूं. बेहद शांत और हरा भरा इलाका. हवादार और नेचुरल रोशनी से चमक रहे एक कमरे का यह फ्लैट एक अधिकारी मित्र …

जुझारू पत्रकार प्रवीण राय का निधन

Krishan Bhanu : पत्रकार प्रवीण राय को नमन! एक जुझारू और दमदार पत्रकार प्रवीण राय के असामयिक निधन की मनहूस खबर से मन-मस्तिष्क को कुछ देर के लिए मानो लकवा मार गया। शिमला से करीब दो सौ मील दूर धर्मशाला के कुछ पत्रकारों से प्रवीण की मौत का कारण जानना चाहा तो और भी झकझोर, झिंझोड़ देने वाले ऐसे कारण सुनने को मिले, जिन्हें मन सहज ही स्वीकार नहीं कर पा रहा है। प्रवीण जुझारू था, बला का साहसी था, दमदार था और अत्यंत विनम्र भी! वह कायर नहीं था, फिर यूं ही मौत को गले कैसे लगा लिया।

ब्राह्मण होकर शास्त्रीय संगीत में ब्राह्मणवाद को चुनौती देने वाले कृष्‍णा को मैग्सेसे अवार्ड

Abhishek Srivastava : बेजवाड़ा विल्‍सन को रेमन मैगसायसाय पुरस्‍कार मिला। उन्‍हें बधाई। मैला ढोने वालों के बीच उनके काम से मोटे तौर पर हम सब परिचित हैं। पिछले कुछ साल से वे लगातार दिल्‍ली में दिखते रहे हैं इसलिए हिंदी के तमाम लेखक उनसे परिचित हैं। क्‍या आप जानते हैं कि भारत में दूसरा मैगसायसाय पुरस्‍कार किसे मिला है? अफ़सोस है कि सवेरे से उस आदमी का किसी ने नाम नहीं लिया। इस आदमी का नाम है थोडुर मादाबुसी कृष्‍णा। मेरी इस शख्‍स में विशेष दिलचस्‍पी इसके काम को लेकर है।

नए वेज बोर्ड के लिए आंदोलन की तैयारी – Media Employees to Hold Rally for New Wage Board

‘कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ न्यूज़पेपर एंड न्यूज़ एजेंसी एम्प्लाइज यूनियंस’ के झंडे तले नए वेज बोर्ड के गठन, पत्रकारों की सुरक्षा और मजीठिया वेतनमान को सभी समाचार पत्रों एवं संवाद समितियों में लागू कराने के लिए दिल्ली में शीघ्र ही एक विशाल रैली आयोजित की जायगी। यह निर्णय सर्व सम्मति से कल पी.टी.आई. फेडरेशन के दफ्तर में हुई कॉन्फ़ेडरेशन की बैठक में लिया गया। पूरे देश के पत्रकारों एवं गैर-पत्रकारों से आह्वाहन किया गया है कि वे इस रैली में शामिल हों। रैली कि तिथि कॉन्फ़ेडरेशन के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श के बाद सूचित की जाएगी। 

प्रियंका टिक्कू को गद्दी पर बिठाकर पीटीआई की सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं एमके राज़दान!

यशवंतजी
नमस्कार,

आशा करती हूँ आप कुशल होंगे. Bhadas4media पर प्रकाशित PTI की एक स्टोरी पढ़ी. काफी सटीक थी, पर ये पूरी कहानी नहीं है. पूरी कहानी कुछ और है बल्कि यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि समझिए एक तरह से PTI की कब्र खोदी जा रही है और उसे सुपुर्दे खाक प्रियंका टिक्कू ही करेंगी. दरअसल प्रियंका टिक्कू पीटीआई के सीईओ और एडिटर इन चीफ एम के राज़दान की बहुत ख़ास हैं और ये कोई गुप्त बात भी नहीं है. राज़दान साहब पीटीआई को अपनी जागीर समझते हैं और जब पीटीआई बोर्ड ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया तो वे प्रियंका टिक्कू को वहां बिठाना चाहते है. ये बात पीटीआई में सबको पता है पर अपनी नौकरी किसको प्यारी नहीं होती. मैं ये सब आपको इसलिए लिख पा रही हूँ क्योंकि मैं वहां से अब इस्तीफ़ा दे चुकी हूं.

सौ करोड़ की उगाही वाली सीडी में सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की ही आवाज

सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मान लिया है कि स्टिंग वाले वीडियो में सुधीर और समीर की ही आवाज है. इससे पूर्व सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपी ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और ज़ी बिज़नेस के संपादक सीईओ समीर अहलूवालिया की परेशानी बढ़ सकती है. फोरेंसिक जांच प्रयोगशाला सीएफएल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी में चौधरी और अहलूवालिया की आवाज सही पाई है. उनके वकीलों, विजय अग्रवाल और अमन लेखी ने भी सीबीआई कोर्ट में स्वीकार किया कि इस मामले से जुड़े वीडियो में उनके मुवक्किलों की ही आवाज़ है.

पैसे लेकर पुरस्कार दे रहा पत्रिका!

‘गर्व’ के बहाने करा रहा छीछीलेदर : राजस्थान पत्रिका समूह द्वारा इन दिनों पूरे छत्तीसगढ में हर ब्लॉक में ‘गर्व’ नामक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। बड़े-बड़े दावे करने वाला समूह नीचपन पर उतर आया है। इस आयोजन में व्यवस्था इतनी घटिया होती है कि पूछिए मत। किसी गरीब के घर का छोटा कार्यक्रम भी इससे अच्छा होता है। अपने रसूख के बल पर सांसदों और विधायकों को बुला लिया जाता है जो ऊपरी तौर पर आयोजन की सराहना तो कर देते हैं लेकिन असलियत से वो भी बखूबी वाकिफ होते हैं. बेशर्मी की हद तो तब हो जाती है जब इस तरह के निहायत ही घटिया समारोह को पत्रिका फुल पेज कवरेज भी देता है.

गुड़गांव में हाकरों के आगे झुका जागरण, माफीनामा छापा, रिपोर्टर से लिया इस्तीफा

गुड़गांव से खबर है कि दैनिक जागरण में अपने खिलाफ खबरें छापे जाने से नाराज हाकरों ने दैनिक जागरण को बेचना बांटना बंद कर दिया. इससे दैनिक जागरण प्रबंधन परेशान हो गया और हाकरों को मनाने में जुट गया. हाकरों से हुई समझौता वार्ता के बाद 23 जुलाई को दैनिक जागरण ने हाकरों के पक्ष में खबर प्रकाशित की और 21 जुलाई को दैनिक जागरण में छपी हाकरों के खिलाफ वाली खबर के लिए माफी मांगी.

कोई पत्रकार खुद को राष्ट्रवादी कहे तो उसकी पत्रकारिता पर शक कीजिए!

Ashish Maharishi : यदि कोई पत्रकार खुद को राष्ट्रवादी कहे तो उसकी पत्रकारिता पर शक कीजिए। क्योंकि ऐसे लोग वास्तव में पत्रकार नहीं बल्कि सत्ता के दलाल होते हैं। शर्मनाक। ये लोग खुद को पत्रकार बताते हैं और सरकार की हर गलती पर पर्दा डालते हैं। इन्हें कभी शर्म नहीं आएगी।

एक समय था जब पत्रकार होने का मतलब एक तरह से जज होना होता था : हर्षा भोगले

अरनब-बरखा की लड़ाई के बीच क्रिकेट एक्‍सपर्ट हर्षा भोगले ने समझाया पत्रकारिता का मतलब : टीवी पत्रकार अरनब गोस्‍वामी और बरखा दत्‍त की लड़ाई में क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा है-

सुनील सिंह पौरुष, नरेंद्र एम चतुर्वेदी और हरि अग्रवाल ने दिया इस्तीफा

साधना न्यूज में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में लम्बे समय से कार्यरत एंकर हेड सुनील सिंह पौरुष ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने प्राइम न्यूज यूपी यूके ज्वाइन किया है. सुनील सिंह पौरुष के इस्तीफा देने के साथ ही उनके बाकी एंकरों ने भी संस्थान से इस्तीफा दे दिया है. सुनील सिंह पौरुष इसके पहले कई अन्य संस्थानों में अपनी सेवा दे चुके हैं.

बरखा दत्त ने अरनब गोस्वामी को मोदी सरकार का चमचा कहा!

Barkha Dutt : Times Now calls for gagging of media & for journalists to be tried &punished. This man is journalist?I am ashamed to be from same industry as him. What’s striking is his brazen and cowardly hypocrisy. So he drones on and on about Pro Pakistan Doves without one word on the JK alliance agreement that commits the BJP and PDP to talks with Pakistan and Hurriyat and is silent on Modi’s own Pakistan outreach- neither of which I object to- but since Arnab Goswami measures patriotism by such views why is he so silent on the government? Chamchagiri?

मोदी जी की सरकार बनने के बाद पूरी पत्रकार बिरादरी दो फाड़ हो चुकी है

Nadim S. Akhter : एबीपी न्यूज वाले पत्रकार अभिसार शर्मा ने शानदार-जानदार लिखा है. सच सामने लाना एक खांटी पत्रकार का अंतिम ध्येय होता है और अभिसार ने वही किया है. सारी मुश्किलों और चुनौतियों के बावजूद (Read between the lines- नौकरी पे खतरे के बावजूद !!) क्या आज हमें ये कहने में कोई हिचक होनी चाहिए कि देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है. जो दक्षिणपंथ और उसके सारे कुकर्मों-बचकाना हरकतों के साथ है (देश को नुकसान पहुंचाने की कीमत पर भी), वह -राष्ट्रप्रेमी- घोषित किए जा रहे हैं और जो मोदी सरकार को एक्सपोज कर रहे हैं, उनकी गलतियों और खामियों की ओर इशारा कर रहे हैं, उन्हें -राष्ट्रद्रोही- होने का तमगा दिया जा रहा है.

परदे के पीछे कुछ पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को निशाना बनाया जा रहा है : अभिसार शर्मा

राष्ट्रवाद सावधान! राष्ट्रवाद विश्राम!

अभिसार शर्मा

उस राष्ट्रवादी पत्रकार ने अंग्रेजी में दहाड़ते हुए कहा, “तो कहिये दोस्तों ऐसे पाकिस्तान प्रेमियों, आईएसआई परस्तों के साथ क्या सुलूक किया जाए? क्या वक़्त नहीं आ गया है के उन्हें एक एक करके एक्सपोस किया जाए?” मैंने सोचा के वाकई, क्या किया जाए? क्या इन तमाम छद्म उदारवादियों को चौराहे पे लटका दिया जाए? क्या उन्हें और उनके परिवारों को चिन्हित करके शर्मसार किया जाए? क्या? कुछ दिनों पहले एक अन्य चैनल ने एक प्रोपेगंडा चलाया था जिसे “अफ़ज़ल प्रेमी गैंग” का नाम दिया गया। इन्हें देश विरोधी बताया गया। इन तथाकथित अफ़ज़ल प्रेमियो में से एक वैज्ञानिक गौहर रज़ा की मानें तो इसके ठीक बाद उन्हें धमकियाँ भी मिलने लगी।

तो कभी भी रिटायर नहीं होता अखबारकर्मी!

चौंक गए होंगे आप कि अखबार में काम करने वाला कर्मचारी रिटायर क्यों नहीं होता जबकि हर पेशे में काम करने वाले कर्मचारी की नौकरी में आने की कोई उम्र हो या न हो, रिटायर होने की आयु तो होती ही है। अब दिमाग में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि यही एक ऐसा पेशा क्यों है जहां सेवा से निवृत्त होने की कोई सीमा क्यों नहीं है जबकि समाचार पत्रों में काम करने वाले कर्मचारी श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955-56 से आच्छादित हैं और इनके साथ श्रमजीवी शब्द जुडा होने के कारण ये अपने-अपने प्रदेशों के श्रम विभाग से नियंत्रित होते हैं।

प्रवचन नहीं दें, शासन करें

अनेहस शाश्वत

बहुत पहले किसी प्रसिद्ध भारतीय अंग्रेजी पत्रिका में एक इंटरव्यू छपा था, जिसमें इन्दिरा गांधी से उनके व्यक्तित्व से संबंधित सवाल पूछे गये थे। वैसा बेहतरीन इंटरव्यू न तो तब और न ही आज भी किसी हिंदी प्रकाशन में छपना सम्भव है। उसके बहुत से कारण हैं। बहरहाल ये स्यापा फिर कभी। इस इंटरव्यू की खासियत यह थी कि इंदिरा गांधी का पूरा व्यक्तित्व इसमें खुलकर सामने आया था। पूछने वाले की खूबी यह कि उसने ऐसे सवाल बनाए और इंदिरा गांधी का बड़प्पन ये कि उन्होंने सवालों के बेबाक और ईमानदार जवाब दिये। इन्दिरा गांधी से एक सवाल था कि जवाहर लाल नेहरू और इन्दिरा गांधी में बतौर प्रधानमंत्री क्या सबसे बड़ा अंतर है? थोड़ी विनोदी मुद्रा में इन्दिरा गांधी का जवाब था मेरे पिता संत थे और मैं राजनीतिज्ञ हूं। कितनी सच बात कही थी इंदिरा गांधी ने। नेहरू की मौत के जिम्मेदार माने जाने वाले चीन के चेयरमैन माओ-त्से-तुंग तब रुआंसे हो गए जब इंदिरा गांधी ने सिक्किम को हिन्दुस्तान का हिस्सा बना लिया। उस समय चीन सिक्किम पर कब्जा कर उत्तर पूर्व के राज्यों को अस्थिर बनाने की रणनीति पर काम कर रहा था कि इंदिरा गांधी ने बाजी पलट दी थी।

इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल के पत्रकार को पत्रकार नहीं मानता कानून!

भोपाल । दूरदर्शन सहित देश में चल रहे न्यूज चैनल जो हमें हर पल की खबर से रूबरू कराते हैं, इन चैनलों में काम करने वाले पत्रकार और कैमरामैन कानून की नजर में पत्रकार की श्रेणी में नहीं आते हैं। यह खुलासा हुआ प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जवाब में।

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद हरकत में गुजरात श्रम आयुक्त कार्यालय, डीबी कोर्प को भेजा नोटिस

माननीय सुप्रीमकोर्ट के 19 जुलाई को जारी मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पाँच पांच श्रम आयुक्तों को तलब करने के आदेश का असर  दिखने लगा है। इस आदेश के बाद गुजरात का सो रहा श्रम आयुक्त कार्यालय न सिर्फ जाग गया है बल्कि सरकार ने उसे 17 (1) के तहत कार्रवाई का अधिकार भी दे दिया है। गुजरात सरकार के श्रम आयुक्त कार्यालय ने ‘जिद करो दुनिया बदलो’ का नारा देने वाले डी बी कोर्प को वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17-1 के तहत नोटिस भी भेजा है।

मीडिया कर्मियों को जोड़ने का मंच है ‘पत्रकारिता कोश’

पत्रकारिता कोश – 2016 का विमोचन सम्पन्न

मुंबई : नवसाक्षरों में पढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ने से मीडिया भी तेजी से बढ़ा है और इसकी भूमिका में भी विस्तार हुआ है, ऐसी स्थिति में पत्रकारिता कोश पिछले 16 सालों से लगातार मीडिया कर्मियों को जोड़ने का मंच बना हुआ है। यह उदगार मुम्बई की हिंदी पत्रकारिता के गुरु के रूप में सुपरिचित व प्रथम सांध्य दैनिक निर्भय पथिक के सम्पादक अश्विनी कुमार मिश्र ने व्यक्त किए। वे मंगलवार दि. 26 जुलाई को केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान तथा श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज भारत की प्रथम मीडिया डायरेक्टरी- पत्रकारिता कोश के 16वें अंक के विमोचन समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक व समारोह अध्यक्ष डॉ. पी.जी.पाटील ने कहा कि पत्रकारिता कोश विशाल मीडिया की सूचनाओं के मामले में परिपूर्ण कोश है। 

बरखा दत्‍त ने अरनब गोस्‍वामी के लिए कहा- ”क्‍या यह आदमी पत्रकार है? शर्मिंदा हूं”

एनडीटीवी 24×7 की सलाहकार संपादक बरखा दत्‍त ने टाइम्‍स नाऊ के प्रमुख संपादक अरनब गोस्‍वामी के लिए एक ट्वीट में लिखा, ‘‘टाइम्‍स नाऊ मीडिया के दमन की बात करता है, वो जर्नलिस्‍ट्स पर मामला चलाने और उन्‍हें सजा दिलाने की बात करता है, क्‍या यह शख्‍स जर्नलिस्‍ट है? उस शख्‍स की तरह ही इस इंडस्‍ट्री का हिस्‍सा होने के लिए शर्मिंदा हूं.’’

मजीठिया के लिए लड़ रहे होशंगाबाद भास्कर के 3 कर्मचारियों का प्रबंधन ने किया ट्रांसफर

होशंगाबाद। सुप्रीम कोर्ट की लगातार फटकार के बाद भी मीडिया मालिकों के कानों पर जू नही रेंग रही है। कंपनी मालिक लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे है। मजीठिया वेज बोर्ड का केस लड़ रहे दैनिक भास्कर होशंगाबाद के कर्मचारियों को मालिकान तरह तरह से परेशान कर रहे हैं। इसके बाद भी कर्मचारी अपने हक़ के लिए खड़े हैं। परेशान कंपनी की हालात खिसयानी बिल्ली जैसी हो गयी है। पहले 5 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया। फिर उन्हें टर्मिनेट कर दिया। बाकी को 2 सालों से इन्क्रीमेंट नहीं दिया गया। काम का बोझ सिर पर डाल दिया।

सहारा मीडिया में अभिजीत सरकार, विजय राय और गौतम सरकार की ताकत बढ़ी

नोएडा : सुब्रत राय सहारा ने अपने मीडिया हाउस को एक बार फिर एक कमेटी बनाकर संचालित करने का प्रयास किया है. ऐसा शायद इसलिये कि सहारा में जो भी मीडिया हेड बनता है, वह सबसे पहले अपने रिश्तेदारों व बिरादरी के लोगों को ही नौकरी देकर समायोजित करने लगता है. इसके पहले उपेन्द्र राय ने भी मीडिया हेड बनते ही सेवा विस्तार पाकर कार्य कर रहे लगभग 90 लोगों को बर्खास्त करके कांट्रैक्ट पर अपने लोगों को नौकरी बांट दी थी. यही नहीं, अपनी बिरादरी को लगभग दो दर्जन रिपोर्टरों, सब एडीटरों व अधिकारियों की मनमानी सेलरी भी बढ़ा दी थी. हालांकि बाद में सुब्रत राय के आदेश पर सभी को हटाया गया और सेलरी बढ़ोत्तरी के आदेश पर भी रोक लगा दी गयी.

बेजवाडा विल्सन को रमन मैगसायसाय पुरस्कार मिलना लाखों सफाई कर्मी महिला और पुरुषों की जीत

Bhasha Singh : बधाई हो, बेजवाडा विल्सन को रमन मैगसायसाय पुरस्कार मिला है। यह जीत उन लाखों सफाई कर्मचारी महिलाओं और पुरुषों की है, जो देश के कोने-कोने में मैला प्रथा के खात्मे के लिए आंदोलन कर रहे हैं। यह पुरस्कार विल्सन और सफाई कर्मचारी आंदोलन के तीन दशक से लंबे अथक प्रयासों का सम्मान है। सफाई कर्मचारी आंदोलन के तमाम दोस्तों और शुभचिंतकों की जीत है। यह जातिगत उत्पाड़न और भेदभाव को खत्म करने के लिए चल रहे आंदोलन को संबल है…जय भीम, लाल सलाम…लड़ेंगे, जीतेंगे

आकाशवाणी के कैज़ुअल एनाउंसर जंतर-मंतर पर एक अगस्त से देंगे धरना, लोकसभा में भी मुद्दा उठा

जब उम्मीदें हांफने लगे, सपने चीख चीख कर आपको सोने न दें तभी होती है क्रांति, आकाशवाणी में पूरी ज़िन्दगी दे चुके कैज़ुअल एनाउंसर को जिस तरह से अंडरटेकिंग और रिव्यु के जाल में फंसा कर निकाला गया और निकाला जा रहा है, उसके विरोध में पिछले साल 3 और 4 अगस्त 2015 को दो दिवसीय धरना प्रदर्शन जंतर मंतर पर आयोजित किया गया था, उम्मीद थी कुछ अच्छा होगा या आकाशवाणी महानिदेशालय या प्रसार भारती कोई रास्ता इन कैज़ुअल एनाउंसर के लिए निकालेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि आकाशवाणी का व्यवहार कैज़ुअल एनाउंसर के प्रति और नफ़रत भरा तथा बदले की दुर्भावना से भर गया।

एबीपी न्यूज वाले चोरी की खबरें छाप रहे, खुलासा होने पर डिलीट कर दिया

Syed Irshad Hussain : आज देश के एक बड़े प्रतिष्ठा वाले संस्थान की हक़ीकत आपके सामने रखना चाह रहा हूं…उस संस्थान की जिसे ‘आपको आगे रखने’ के लिए देखिए क्या क्या करना पड़ता है…  ऐसा करने का सोचा नहीं था, इसलिए उन्हें बड़ी इज़्ज़त के साथ पहले बताया लेकिन जब वहां से कोई जवाब नहीं मिला तो यहां आपके सामने रख रहा हूं… हालांकि ये भी जानता हूं कि उस संस्थान को उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला, बल्कि मेरी आवाज़ कारख़ाने की तूती जैसी होगी… अब असल मुद्दे की बात 18 जुलाई को मैंने ‪#‎CPL‬ से AB de Villiers के बाहर होने की ख़बर अपने संस्थान Sportskeeda Hindi के लिए लिखी थी…

जब रिपोर्टर का बिहारीपन जागा और घटिया संपादक के छिछोरे दोस्त का गला पकड़ लिया…

संपादकजी नये—नये आये थे. राजधानी शहर का पहला अनुभव. पहले छुटकनिया शहर में संपादक थे. एक रोज उन्हें हल्के बुखार का अहसास हुआ. रिपोर्टर को उन्होंने फोन किया. रिपोर्टर ने अपने एक दोस्त से कुछ देर के लिए कार देने को कहा. आनन-फानन में डॉक्टर से बात की कि वह अपने संपादक को लेकर आ रहा है. डॉक्टर ने कहा कि आओ लेकर. रिपोर्टर उधार कार लेकर दरवाजे पर पहुंचा कि चलिए सर. संपादकजी हत्थे से उखड़ गये. उनका बुखार और बढ़ गया. बोले कि ठीक होने दो, कल तो बताते हैं तुमको. यही रिपोर्टरी करते हो कि डॉक्टर को घर नहीं बुला सकते. चूतिये होते हैं बिहार के रिपोर्टर. स्साले सब मउगा होते हैं. स्साले की दो कौड़ी की औकात नहीं यहां पत्रकारिता की. ननस्टॉप बकबकाये जा रहे थे संपादकजी.

हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्रा पर जनसंचार विभाग के पीएचडी दाखिले प्रक्रिया में धांधली का आरोप

सेवा में,
सम्मानीय श्री प्रकाश जावड़ेकर जी
माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री
भारत सरकार, नई दिल्ली
फैक्स-011-23382365

विषय : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के जनसंचार विभाग के पीएच.डी में दाखिले प्रक्रिया में कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्रा द्वारा धांधली करने के संबंध में।

महोदय,

अमर उजाला डाट काम में ड्रेस क्रांति!

अमर उजाला डॉट कॉम के अंदर की खबर… एक्सक्लूसिव… अगर आप चाहें तो क्रॉस चेक कर लें। कंटेंट का कोई भी बंदा बता देगा। एकदम सच्ची खबर है। हॉफ पैंट और सिर में सनी देओल की तरह रुमाल बांधकर ऑफिस आते हैं अमर उजाला डॉट कॉम के सलाहकार क्रिएटिव हेड… दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद, यहां तक कि गुड़गांव में भी शायद ही कोई ऐसा प्रोफेशन ऑफिस हो जहां लोग हॉफ पैंट पहनकर काम करते हों। लेकिन नोएडा स्थित अमर उजाला में ऐसा हो रहा है।

अखबार चलाने वाली चिटफंडिया कम्पनी ‘रियल इंडिया एग्रो प्रोडूसर’ के बक्सर ब्रांच में छापा, मैनेजर गिरफ्तार

बक्सर में बिना प्रशासनिक अनुमति के नन बैंकिंग को संचालित किया जा रहा था. इसका खुलासा जिला प्रशासन की छापेमारी के दौरान हुआ. इस मामले में प्रशासन ने कंपनी के ब्रांच मैनेजर जंगहादुर यादव को पकड़ लिया और सारे कागजात व कंप्यूटर सहित उपकरणों को जब्त कर लिया. ब्रांच मैनेजर से पूछताछ और कागजातों की पड़ताल की जा रही है. प्रशासन की इस कार्रवाई से गैरकानूनी ढंग से संचालित हो रही नन बैंकिंग कंपनियों में हड़कंप मच गया है. प्रशासन के द्वारा बक्सर में नन-बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ मुहीम छेड़ दी गयी है, अभी और कई कम्पनियों पर गाज गिरने वाली है.

मध्य प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर सत्ता के अहंकार का निर्लज्ज हमला

नईदुनिया समूह के भोपाल दैनिक नवदुनिया पर भाजपा पार्षद और उनके गुर्गों का हमला कहीं अभिव्यक्ति की स्वाधीनता पर पार्टी की अभिव्यक्ति तो नहीं है..! अपना मानना है की ऐसा नहीं है। यह दरअसल यह सत्ता के अहंकार का निर्लज्ज प्रदर्शन है जिसमे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार लोग भी आकंठ डूबे हुए हैं। जरा याद करें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का यह दंभी डायलाग –पत्रकार-वत्रकार क्या होता है ,हमसे बड़ा कोई है क्या..! चिंता की बात यह है की सरकार ने मीडिया मालिकों को तो खूब मैनेज कर रखा है जिससे इस भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ खबरें कभी-कभार ही छपती हैं। इसे भी सत्ताधीश और उनसे जुड़े लोग पचा नहीं पाते और उनके कोप का शिकार पत्रकारों को होना पड़ता है।

देश के 80 प्रतिशत पत्रकारों के पास दृष्टि नहीं, संपादक भी दृष्टिहीन : विमल कुमार

कविताओं के जरिए मोदी को लगातार एक्सपोज करने में जुटे हैं कवि और पत्रकार विमल कुमार : हिन्दी के वरिष्ठ कवि एवं पत्रकार विमल कुमार पिछले दो सालों से लगातार सोशल मीडिया पर मोदी शासन के खिलाफ कवितायें लिखते रहे हैं. उनकी यह रचनाशीलता भवानी प्रसाद मिश्र की याद दिलाती है जब वे रोज तीन कवितायें आपातकाल के विरुद्ध लिखते रहे और बाद में उनकी पुस्तक ‘त्रिकाल संध्या’ भी आयी. 56 वर्षीय विमल कुमार की गत दो सालों में लिखी गयी कविताओं की पुस्तक ‘हत्या से आत्महत्या’ छपकर आयी है. उनकी इन कविताओं ने फेसबुक पर सबका ध्यान खींचा है. आखिर विमल कुमार को किन परिस्थितियों ने इन कविताओं को लिखने के लिए मजबूर किया, इस भेंटवार्ता में जानिए यह खुलासा –

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि पैसा लेकर दे रहा पत्रकारिता की डिग्री!

रायपुर : छात्र- सर…सप्लीमेंट्री आई है पास होने का कितना चार्ज लगेगा?

बाबू- नम्बर के हिसाब से 3 हजार में पास हो जाओगे…

चौंक गये न?  यह कनवर्सेशन है छत्तीसगढ़ रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि के बाबू सुरेन्द्र यादव और सप्लीमेंट्री लाये एक छात्र की। इस स्टिंग में बाबू ने पास होने का तरीका और जितने नम्बर बढ़ाने हैं उसका चार्ज भी बताया है। दरअसल रिजल्ट से छेड़छाड़ की यह पहली घटना नहीं है। विवि द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना आम बात है। नेताओं के संरक्षण में चल रही इस यूनिवर्सिटी के मोटी चमड़ी वाला स्टाफ हद से ज्यादा भ्रष्ट है।

मजीठिया मामले में सभी साथी आरटीआई के जरिये स्टेटस रिपोर्ट, जरूरी कागजात और ट्रांसफर टर्मिनेशन के नियम मंगाएं

दोस्तों, मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 23 अगस्त तय की है। इस दिन माननीय सुप्रीम कोर्ट में उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों के श्रम आयुक्तों को तलब किया गया है। उसके बाद दूसरे राज्यों के श्रमायुक्त सुप्रीम कोर्ट में तलब होंगे। हमारे पास एक महीने से ज्यादा समय है। सभी साथी श्रम आयुक्त कार्यालय में एक आरटीआई लगायें और उसमें निवेदन करें कि इस कार्यालय द्वारा माननीय सुप्रीमकोर्ट में भेजी गयी मजीठिया वेजबोर्ड से जुडी स्टेटस रिपोर्ट की पूरी प्रमाणित प्रति दें। इसके साथ ही आप अपनी कंपनी द्वारा जमा कराये गए कर्मचारियों की पूरी सूची, अन्य दस्तावेज भी मंगाएं।

हे भड़ास वालों, कभी ठेके पर काम कर रहे मीडियाकर्मियों के बारे में भी बात कर लो

भड़ास के एक पाठक अभिषेक सिंह जी ने एक मेल भेजा है। इसमें पत्रकार बंधु अभिषेक ने बहुत अच्छा सवाल उठाया है जिसके लिए उनको धन्यवाद। अभिषेक जी ने इस मेल में लिखा है- ”आज मजीठिया को हव्वा बनाया जा रहा है। आज जितने पत्रकार पेरोल पर हैं? उससे कहीं ज्यादा ऐसे पत्रकार हैं जो पक्के नहीं हैं यानि वो ठेका पर हैं। ऐसे पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ तो मिलेगा नहीं। भड़ास पढ़ने के बाद दिल में एक ठसक सी हो जाती है क़ि हम पत्रकार हैं की नहीं।”

मध्य प्रदेश में परिवार की भयंकर आर्थिक तंगी से दुखी वरिष्ठ पत्रकार की बेटी ने आत्महत्या की

भोपाल के पत्रकार शिवराज सिंह की प्रतिभावान बेटी ने पिता की आर्थिक तंगी से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। वह आठवीं की छात्रा थी। पत्रकार शिवराज सिंह भोपाल के कई अखबारों में काम कर चुके हैं। कुछ दिन पहले प्रबंधन की मनमानी के चलते उन्हे भोपाल के एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र से नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद से वे भयंकर आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। स्कूल की टॉपर उनकी बेटी पिता की इस तंग हालत से परेशान थी। वो पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती थी, इसलिए उसने जान दे दी।

वरिष्ठ पत्रकार योगेंद्र कुमार लल्ला का निधन

Jaishankar Gupta : दुखद सूचनाओं का सिलसिला है कि टूटने का नाम ही नहीं ले रहा। अभी अपने से बड़े लेकिन इलाहाबाद के दिनों से ही मित्र नीलाभ अश्क के निधन से उबर भी नहीं सके थे कि लल्ला जी- योगेंद्र कुमार लल्ला उर्फ योकुल के निधन के समाचार ने भीतर से हिलाकर रख दिया। लल्ला जी को जानता तो था मैं उनके धर्मयुग के जमाने से ही, लेकिन उन्हें करीब से जानने- समझने का अवसर कलकत्ता, आज के कोलकाता में आनंद बाजार पत्रिका के हिंदी साप्ताहिक रविवार के साथ जुड़ने के बाद मिला।

योगेंद्र कुमार लल्ला

पत्रकार बिनोद रिंगानिया की नौ दिनी यूरोप यात्रा : चोर का उदाहरण देने के लिए नीग्रो की तस्वीर लगाई!

पोट्सडम की धूप में इतिहास की झलक

यूरोपीय शहरों में सैलानी के तौर पर घूमने वाले यूरोपीय या अमरीकी नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र वहां के दर्शनीय केंद्र होते हैं, जैसे म्यूजियम और पुराने ऐतिहासिक स्थल। लेकिन जहां तक मुझ जैसे भारतीय पर्यटकों का सवाल है तो सच्चाई यह है कि उनके लिए तो वहां की ट्रैफिक व्यवस्था, समाज व्यवस्था, वहां का आम वास्तुशिल्प, वहां का शिष्टाचार, वहां की ट्रेनें और बसें – ये सब अधिक आकर्षण का केंद्र होते हैं। अपनी नौ दिन की यूरोपीय यात्रा के दौरान वहां के तीन देशों के चार शहर मेरे लिए नमूने के तौर पर थे और इन शहरों के माध्यम से मैंने यूरोप का अधिक से अधिक अपने अंदर सोखने की कोशिश की।

भाजपा नेता ने पत्रकार पर किया जानलेवा हमला

मामला धार के धामनोद का है. स्थानीय पत्रकार सुनील उपाध्याय पर बीजेपी नेता रविराज वर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. सुनील उपाध्याय को धामनोद के अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और उनकी स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया. फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

भारत ने चीन के तीन पत्रकारों को निकाला

भारत ने चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के तीन पत्रकारों को निष्कासित कर दिया है। भारत में उनके काम करने के लिए जरूरी वीजा को आगे नही बढ़ाया गया है। इस कदम से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है। तीनों पत्रकारों को 31 जुलाई तक भारत छोड़ने को कहा गया है। ये शिन्हुआ के नई दिल्ली और मुंबई में कार्यरत हैं। तीनों पत्रकारों की वीजा अवधि न बढ़ाने का कोई कारण सरकार की ओर से नहीं बताया गया है। यह फैसले ऐसे वक्त आया है, जब मसूद अजहर और उसके बाद एनएसजी पर चीन के अड़ंगे से दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है।

रॉजर एलिस ने यौन शोषण का आरोप लगने के बाद ‘फॉक्स न्यूज’ प्रमुख का पद छोड़ा

न्यूयॉर्क। ‘फॉक्स न्यूज’ को बेहद लोकप्रिय और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली केबल नेटवर्क बनाने वाले रॉजर एलिस ने यौन शोषण का आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ‘फॉक्स न्यूज’ ने अमेरिका में टेलीविजन समाचार की दुनिया को बदलकर रख दिया था। उनकी जगह रूपर्ड मर्डेक ने ली है। वे इसकी पैरेंट कंपनी ’21 सेंचुरी फॉक्स’ के प्रमुख हैं और फॉक्स समेत बहुत बड़े साम्राज्य के संस्थापक भी हैं।

तीन हिंदी न्यूज चैनलों पर लगा एक एक लाख रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर.वी. रवींद्रन की अध्यक्षता वाली एनबीएसए यानि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने नियमों का उल्लंघन करने के लिए तीन हिंदी न्यूज चैनलों पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एनबीएसए ने एनडीटीवी के हिंदी और अंग्रेजी दोनों न्यूज चैनलों को हिमाचल प्रदेश के नाहन में एक आदमी की हत्या से संबंधित न्यूज रिपोर्ट के लिए ऑन एयर माफी जारी करने को कहा है. दोनों चैनलों ने अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने ‘कथित तौर पर’ शब्दों का इस्तेमाल किया था, पर एनबीएसए इस पर संतुष्ट नहीं है और उसने दोनों चैनलों से 25 जुलाई को रात 9 बजे के प्राइमटाइम न्यूज से पहले अपनी सभी खबरों पर माफीनामा दिखाने को कहा है.

एक बड़े मंत्री ने दी थी चैनल पर गुजरात दंगों की कवरेज बंद करा देने की धमकी : राजदीप सरदेसाई

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने पत्रकारिता से जुड़े अनुभवों को एक किताब ‘मोर न्‍यूज इज गुड न्‍यूज’ में बयान किया है। इस किताब में उन्‍होंने एक चौंकाने वाला दावा किया है। सरदेसाई के मुताबिक, उन्‍हें एक हाई प्रोफाइल मिनिस्‍टर ने गुजरात दंगों की कवरेज न करने की धमकी दी थी। ऐसा न करने पर चैनल बंद करवा देने की बात कही थी।

कुमार विश्वास ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, ज़मानत पर रिहा

सुल्तानपुर : आम आदमी पार्टी नेता और कवि कुमार विश्वास आज ज़िला न्यायालय पहुंचे और आत्म समर्पण कर दिया। इसके पहले पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं आगे भी आम आदमी के लिये शांतिभंग करता रहूंगा। ज्ञात हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आप नेता कुमार विश्वास ने अमेठी से दावेदारी ठोकी थी। इस बीच अमेठी के गौरीगंज थाने में श्री विश्वास के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत कई धाराओं में अभियोग दर्ज हुआ था।

मजीठिया : पत्रिका, मध्य प्रदेश के पदाधिकारियों आरआर गोयल और अरुण चौहान के खिलाफ वारंट जारी

बेतूल जिला सत्र न्यायालय ने मजीठिया मामले में पत्रिका के पदाधिकारियों आरआर गोयल और अरुण चौहान के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। दरअसल श्रम निरीक्षक ने पत्रिका से मजीठिया देने को लेकर जानकारी मांगी थी। पत्रिका ने जांच में भी सहयोग नहीं किया, जिसके बाद श्रम निरीक्षक ने जिला कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जांच में सहयोग न करने का केस लगाया। इस पर कोर्ट ने पत्रिका अखबार के मध्य प्रदेश के दो बड़े पदाधिकारियों आरआर गोयल और अरुण चौहान के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है। उधर, पत्रिका से ही मिली एक अन्य जानकारी के मुताबिक पत्रिका के एक कर्मचारी ने तबादला किए जाने के खिलाफ पत्रिका प्रबंधन पर केस कर दिया है।

मजीठिया मांगा तो ‘पत्रिका’ ने कर दिया दामाद की दुकान पर ट्रांसफर, बाद में किया टर्मिनेट

भोपाल : देश में हिंदी के नामचीन अखबारो में एक राजस्थान पत्रिका में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगना भोपाल के एक कर्मचारी के मानसिक तनाव का कारण बन गया है। इस कर्मचारी ने राजस्थान पत्रिका के प्रबंधन के खिलाफ मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और भत्ते न देने पर माननीय सुप्रीमकोर्ट में शिकायत की थी। भोपाल के महेंद्र नारोलिया का आरोप है कि उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में शिकायत करने के कारण उनका ट्रांसफर कोलकाता कर दिया गया। वह कोलकाता पहुंचे तो उन्हें राजस्थान पत्रिका के मालिक के दामाद की दुकान में काम पर लगा दिया गया। नरेंद्र का कहना है कि उनका 4 हजार रुपये वेतन भी कम कर दिया गया जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गए और वहां से वापस लौट आए।

रजनीकांत की ‘कबाली’ और इरफान खान की ‘मदारी’ देखने लायक है या नहीं, दो पत्रकारों की ये राय पढ़िए

Om Thanvi : ‘कबाली’ देख कर आए हैं। मैं समीक्षा नहीं कर रहा। पर इतना कहूँगा कि निहायत बेतुकी, बेसिरपैर फ़िल्म है। हिंदी में यह चलेगी, मुझे शक़ है। रजनीकांत भले आदमी हैं। दक्षिण – ख़ासकर तमिलनाडु – के दर्शकों के लिए देवता हैं। लेकिन अभिनय की वजह से उतने नहीं, जितने अपनी स्टाइल-अदाओं के कारण। हिंदी में भी ऐसे बहुत-से सुपरस्टार स्टाइल-अदाओं से चले हैं। पर उन फ़िल्मों की सफलता में कथा-सम्वाद, गीत-संगीत, सहयोगी अभिनेता-अभिनेत्रियाँ साथ देते रहे।

ब्राज़ील की संसद में डिबेट करते हुए बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिला सांसद की तस्वीर वायरल

Chandra Mohan : प्रस्तुत चित्र मित्र डा. विजय मलिक की वॉल से लिया हूँ। यह दृश्य ब्राज़ील के नेशनल एसेम्बली में बहस में हिस्सा लेते हुए एक महिला सांसद का है। सैल्यूट है मातृत्व भाव की पराकाष्ठा और नारी के इस कुंठामुक्त अस्तित्व को। सच है नारी को ख़ुद उस ज़ंजीर को तोड़ना होगा जिससे हज़ारों साल से पुरूष ने मर्यादा और संस्कार के नाम से उसे जकड़ रखा है। गंदगी उसके निगाह में है और वर्जना नारी के अस्तित्व पर।

शाज़ी ज़मा का प्रगतिशील होना, उस पर से मुसलमान होना, लंबे समय से बीजेपी-संघ को खल रहा था!

Abhishek Srivastava : जिस दिन शाज़ी ज़मा से एबीपी न्यूज़ की संपादकी छीने जाने की ख़बर आई उसी दिन यह लग गया था कि बीजेपी सिर्फ लोकसभा में मिले बहुमत का न्यूज़ रूम तक विस्तार करेगी। आगे के अभियानों के लिए उसे हर न्यूज़ चैनल में सुधीर चौधरियों, दीपक चौरसियाओं, उमेश उपाध्यायों, राहुल कंवलों, अर्णव गोस्वामियों और अमीष देवगनों की जरूरत है। शाज़ी का प्रगतिशील होना, उस पर से मुसलमान होना, लंबे समय से बीजेपी और संघ को खल रहा था। आनंद बाज़ार पत्रिका समूह में अवीक सरकार के हाथ से असित सरकार के हाथ में आई सत्ता को सबसे पहले बीजेपी सरकार ने समझा।

नीलाभ ने कात्यायनी से कहा था- निश्चिंत रहो, इतनी जल्दी हार नहीं मानूंगा, सेहत ठीक कर लूंगा…

Alok Paradkar : कल ही तो बात हुई थी नीलाभ जी से! नाटककार राजेश कुमार ने सूचना दी कि नीलाभ जी नहीं रहे तो यकीन ही नहीं हुआ। मैंने कल ही उनसे बातचीत की थी। इधर कई बार उनसे बातचीत हुई। वह ‘रंग प्रसंग’ के अपने आखिरी अंक को लेकर थोड़े हड़बड़ी में थे और मुझसे वरिष्ठ रंगकर्मी राज बिसारिया जी पर कुछ सामग्री चाहते थे। बात हुई कि एक आलेख और साक्षात्कार करना है। कल मैंने ये पूछने के लिए फोन किया था कि कब तक भेज सकता हूं तो बोले बस एक-दो दिन में भेज दीजिए। मैं इस जल्दबाजी को समझ नहीं सका।

जानिए, रोकने के बावजूद संजय सिन्हा को क्यों इस्तीफा सौंप गई यह महिला मीडियाकर्मी

Sanjay Sinha :  मेरे दफ्तर में काम करने वाली एक महिला ने कल अपना इस्तीफा सौंप दिया। वो मुझसे मिलने आई थी और बता रही थी कि उसे बहुत अफसोस है कि वो नौकरी छोड़ कर जा रही है, पर मजबूरी है। मैंने उससे पूछा कि ऐसी क्या मजबूरी है? महिला के साथ हुई बातचीत को मैं जस का तस आपके सामने रखने की कोशिश कर रहा हूं….

सबसे माफी मांगते अनंत की ओर चले गये नीलाभ जी

Hareprakash Upadhyay : सबसे माफी माँगते हुए अनंत की ओर चले गये नीलाभ जी। बेहद प्रतिभावान-बेचैन, सहृदय लेखक, कवि- अनुवादक! मुझसे तो बहुत नोक-झोक होती थी, मैं उन्हें अंकल कहता था और वे मुझे भतीजा! अंकल! अभी तो कुछ और दौर चलने थे। कुछ और बातें होनी थी। आप तो सबका दिल तोड़ चले गये। पर शिकायतें भी अब किससे और शिकायतों के अब मानी भी क्या! अंकल, हो सके तो हम सबको माफ कर देना। नमन अंकल! श्रद्धांजलि!

जाने-माने पत्रकार और ‘रंग प्रसंग’ के संपादक नीलाभ अश्क का निधन

नीलाभ नहीं रहे. नीलाभ यानि नीलाभ अश्क. आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे. नीलाभ ‘रंग प्रसंग’ के संपादक थे. फेसबुक पर नीलाभ के कई जानने वालों ने उनके निधन की खबर पोस्ट की है. पत्रकार और समालोचक संगम पांडेय ने लिखा है- ”अभी-अभी ‘रंग प्रसंग’ के संपादक नीलाभ जी के अंतरंग रूपकृष्ण आहूजा ने बताया कि नीलाभ जी नहीं रहे।”

इस दलित-स्त्री विमर्श के स्वर्णकाल ने एक 12 साल की बच्ची को डॉक्टर के पास पहुंचा दिया

12 साल की है ये बच्ची। लेकिन, दलित नहीं है। किसी राजनीतिक दल के समर्थक भी इसके पीछे नहीं हैं। इसके पिता दयाशंकर सिंह भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष थे। एक शर्मनाक बयान दिया। उस पर तय से ज्यादा प्रतिक्रिया हुई। संसद भी चल रही थी। मोदी के गुजरात में दलितों पर कुछ अत्याचार की घटनाएं आ रही थीं। मामला दलित विमर्श के लिए चकाचक टाइप का था। उस पर महिला विमर्श भी जुड़ा, तो चकाचक से भी आगे चमत्कारिक टाइप की विमर्श की जमीन तैयार हो गई। सारे महान बुद्धिजीवी मायावती की तुलना भर से आहत हैं। देश उबल रहा है। दलित-स्त्री विमर्श अपने स्वर्ण काल तक पहुंच गया है। इस दलित-स्त्री विमर्श के स्वर्णकाल में एक 12 साल की बच्ची को डॉक्टर के पास पहुंचा दिया।

मुंबई प्रेस क्लब चुनाव : जानिए कौन कितने वोट पाया और कौन जीता-हारा, देखें तस्वीरें

Om Prakash Tiwari :  मुंबई प्रेसक्लब में एक बार फिर हमारा पूरा पैनल (छह पदाधिकारी और 10 कार्यकारिणी सदस्य) चुनकर आया। पद्मश्री कुमार केतकर अध्यक्ष चुने गए। राजेश मैस्करन्हस चेयरमैन, अयाज मेमन उपाध्यक्ष, धर्मेंद्र जोरे सचिव, रजनीश काकड़े संयुक्त सचिव, और मैं स्वयं कोषाध्यक्ष। इस बार चुनाव थोड़ा मुश्किल था। भाषाई आधार पर ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया जोकि मुंबई जैसे बहुभाषी महानगर के पत्रकारिता जगत में बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

दूरदर्शन भोपाल से अजीत द्विवेदी का डिफेन्स कोरेस्पोंडेंट कोर्स के लिए चयन

दूरदर्शन समाचार भोपाल के संवाददाता अजीत द्विवेदी का चयन अगस्त में एक माह के लिए शुरू हो रहे रक्षा मंत्रालय में डिफेन्स कोरेस्पोंडेंट कोर्स के लिए हो गया हैं। अजीत पिछले कई वर्ष से इस कोर्स के लिए प्रयास कर रहे थे। अजीत के चयन पर दूरदर्शन भोपाल में एक तरफ जहाँ ख़ुशी का माहोल है वहीँ दूसरी तरफ एक माह के लिए परेशानी भी खड़ी हो गई है। कारण यह की अजीत दूरदर्शन भोपाल का मुख्य कार्यक्रम आमने सामने करते हैं। अजीत द्विवेदी के जाने से इस लोकप्रिय कार्यक्रम का क्या होगा ये सवाल प्रबंधन को परेशान कर रहा है क्योंकि अजीत द्विवेदी इस प्रोग्राम का चेहरा बन चुके हैं।

मजीठिया : एक्ट बड़ा ना कि वेजबोर्ड की सिफारिशें

नई दिल्ली। ‘एक्ट बड़ा है ना कि वेजबोर्ड की सिफारिशें’ ये बात माननीय सुप्रीम कोर्ट के 19 जुलाई 2016 के आदेश से साबित हो ही गई। कई दिनों से 20जे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अखबार मालिक 20जे का फायदा ले लेंगे। लेकिन अखबार के मालिक शायद ये भूल गए की 20जे का जनक कौन है? कहने का मतलब है कि 19 जुलाई के आदेश में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 20जे को लेकर जो बहस होगी वह Working Journalists Act -1955 में दिए गए संबंधित प्रावधानों के अनुसार ही होगी।

सही खबर लिखने वाले अपने कितने मीडियाकर्मियों को दंडित करेगा जागरण? दो अन्य की भी ली गई बलि

गैंगरेप के मामले में अकाली दल के पार्षद की खबर लगाने पर लुधियाना दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ़ अरविन्द श्रीवास्तव तथा चीफ़ फोटोग्राफर संजीव टोनी के निकाले जाने के बाद भी जागरण प्रबंधन का पेट नहीं भरा है. यह मामला अब भी गरम है. सूत्रों के मुताबिक 21 जुलाई को नगर निगम बीट देख रहे सुनील जैन तथा धार्मिक बीट देख रहे तपिन मल्होत्रा ने भी दैनिक जागरण लुधियाना से इस्तीफा दे दिया. खबर ये है कि दोनों से उसी गैंगरेप अकाली दल पार्षद वाली खबर के मामले में इस्तीफा लिया गया है. इस मामले में अरविन्द श्रीवास्तव तथा संजीव टोनी को पहले ही बलि का बकरा बनाया जा चुका है.

मजीठिया वेज बोर्ड : महज 20j ही नहीं और भी हैं खतरे

मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर 19 जुलाई को माननीय सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है, उसमें पांच राज्यों के बैच को विस्तृत सुनवाई के लिए चुना गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, नागालैंड और मणिपुर राज्य शामिल हैं। यहां असमंजस की स्थिति यह है कि इस आदेश में माननीय न्यायालय ने सिर्फ 20j को बहस का मुद्दा घोषित किया है। हालांकि अधितर बड़े अखबारों ने इसी 20j के सहारे अपने कर्मचारियों से जबरन हस्ताक्षर करवा कर मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने से बचने की नाकाम कोशिश की है। वहीं कई अखबारों ने इसके अलावा भी कई तरह के हथकंडे अपनाए हैं।

बस्तर के आईजी कल्लूरी ने जिस पत्रकार सोमारू नाग को नक्सली बताकर जेल में ठूंसा उसे कोर्ट ने बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया

Kamal Shukla : ब्रेकिंग न्यूज़ जगदलपुर… पत्रकार सोमारू नाग को न्यायालय ने किया बाइज्जत बरी। पत्रकार सोमारू नाग को फर्जी मामला बनाकर बस्तर आईजी शिव राम प्रसाद कल्लूरी ने था फँसाया। एक साल पहले किया था कल्लूरी ने फर्जी मामले में गिरफ्तार। केंद्रीय जेल जगदलपुर में थे एक साल से सोमारू नाग। कर रहे थे न्याय का इन्तजार।

झूठ पकड़े जाने पर जी न्यूज़ ने चुपचाप दोनों वीडियो हटा दिया!

Shikha : रहिमन जूता राखिये , कांखन बगल दबाए, जाने कब किस मोड़ पर, जी न्यूज़ रिपोर्टर मिल जाए…. मोदी के जबर भक्त और संघियों के आँखों के तारे, तारेक फतह ने ईराक के दो आइसिस वीडियो अपनी वेबसाइट पर चलाया यह कहते हुए कि यह कश्मीर की विडियो हैl वीडियो वायरल हुए तो जी न्यूज़ के दलालों ने भी वह विडियो उठा लिया और प्राइम टाइम पर चला दिया, साथ ही youtube पर भी अपलोड कर दियाl

कथित पत्रकार ने ‘इंडिया टीवी’ के नाम पर आधा दर्जन सरपंचों से लाखों रुपये की ठगी कर ली

अपने आपको पत्रकार बताने वाले एक व्यक्ति ने इंडिया टीवी के नाम पर आधा दर्जन सरपंचों को ठग लिया. छत्तीसगढ़ में जांजगीर-चांपा से खबर है कि अपने आपको इंडिया टीवी का पत्रकार बताते हुए शातिर ठग ने पहले सचिवों तथा सरपंचों से उनके गांव के विकास कार्यों के बारे में जानकारी ली. फिर कुछ दिनों बाद वो वापस पहुंचकर समाचार के बदले पन्द्रह पंद्रह सौ रुपए की मांग करने लगा. पन्द्रह सौ रुपए का चेक दिए जाने पर उस शातिर ठग ने उसमें कूटरचना कर आधा दर्जन सरपंचों से लाखों रूपए ठग लिए. निर्माण कार्यों के लिए राशि निकलवाने बैंक पहुंचने पर सरपंचों को खाते में राशि नहीं होने पर ठगे जाने का अहसास हुआ जिसके बाद सरपंचों ने मामले की शिकायत जांजगीर थाने में की है.

मजीठिया : सुप्रीम कोर्ट ने सही नब्ज पकड़ा है, यूपी-उत्तराखंड वालों के लिए आखिरी मौका, जानिए कैसे किया जाता है क्लेम

शशिकांत सिंह

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 19 जुलाई को माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश से देश भर के बेईमान श्रम आयुक्तों का उल्टा लटकना तय है। कितनी बार श्रम आयुक्तों को माननीय सुप्रीमकोर्ट ने साफ़ निर्देश दिया था कि आप स्टेटस रिपोर्ट भेजें। स्टेटस रिपोर्ट भेजी भी गयी श्रम आयुक्त कार्यालयों द्वारा लेकिन वही ढाक के तीन पात। दो-दो बार रिपोर्ट भेजी गयी लेकिन हर बार आंकड़ों का खेल किया गया। हर बार उल्टे आंकड़े दिए गए।

उत्तराखंड के एनडीटीवी के रिपोर्टर दिनेश मानसेरा की किताब ‘दाज्यू बोले’ की लांचिंग 23 जुलाई को

उत्तराखंड के एनडीटीवी के रिपोर्टर दिनेश मानसेरा के मीडिया में पच्चीस साल का सफ़र पूरा हो गया है। अब वो लेखक होने जा रहे हैं। उनकी किताब” दाज्यू बोले” को लांच करने 23 जुलाई को रवीश कुमार, अजीत अंजुम, गीता श्री, सुशील बहुगुणा, हृयदेश जोशी, सचिदानंद भारती, गोविन्द सिंह, प्रो अजय रावत, रणवीर सिंह आदि मीडिया हस्तियां हल्द्वानी (उत्तराखंड) पहुँच रही हैं।

नवीन मीडिया विभाग के प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम के दो विद्यार्थियों का एमपी प्रिंटर्स में प्लेसमेंट

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के नवीन मीडिया तकनीकी विभाग के बी.टेक. (प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग) पाठ्यक्रम के दो विद्यार्थियों का प्लेसमेंट प्रतिष्ठित एम.पी. प्रिंटर्स में हुआ है। चयनित विद्यार्थी महेन्द्र सिंह राजपूत और शिवम आर्य चार वर्षीय बी.टेक पाठ्यक्रम के पहले बैच के विद्यार्थी हैं। दोनों को एम.पी. प्रिंटर्स में बतौर जूनियर मैनेजमेंट एसोसिएट नियुक्त किया गया है।

टाइम्स समूह ने नहीं सौपा श्रम अधिकारी को कर्मचारियों की सूची और एरियर का डिटेल

शशिकांत सिंह

हो सकती है कानूनी कार्यवाई, आरटीआई से हुआ खुलासा…

मुंबई : देश के नंबर वन समाचार पत्र समूह बेनेट कोलमैन एन्ड कंपनी लिमिटेड अपने कर्मचारियों का ना सिर्फ जमकर शोसण कर रहा है बल्कि मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश को भी ठेंगे पर रखता है। इस समूह के समाचार पत्रों टाइम्स आफ इंडिया, मुम्बई मिरर, नवभारत टाइम्स और महाराष्ट्र टाइम्स में काम करने वाले हजारों लोग भले गर्व से कहते हों मैं टाइम्स समूह का कर्मचारी हूँ मगर इन्हें शायद ये जानकार काफी दुःख पहुंचेगा कि इस कंपनी ने श्रम अधिकारी को अपने कर्मचारियों की लिस्ट ही नहीं सौंपी है।

ओम थानवी बने केजरीवाल सरकार की विज्ञापन निगरानी समिति के अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत सरकारी विज्ञापनों की निगरानी के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन कर दिया है. कमिटी में थानवी के अलावा शैलेश कुमार और जगतीत सिंह देसवाल को सदस्य बनाया गया है. पिछले साल 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को छोड़कर बाकी सबके फोटो का सरकारी विज्ञापनों में इस्तेमाल रोक दिया था तो कितना हाहाकार मचा था. केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, असम, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को बदलने की अपील की थी.

शैलेष पाण्डेय स्वराज एक्सप्रेस, दीपांशु शुक्ला दैनिक जागरण और रवींद्र भाटिया अमर उजाला पहुंचे

ईटीवी के शैलेष पाण्डेय ने अब स्वराज एक्सप्रेस एमपी-सीजी ज्वाईन किया है। स्वराज में वे रायपुर ब्यूरो का काम देखेंगे। पता चला है वे स्टेट हेड संजय दीक्षित को रिपोर्ट करेंगे। शैलेष वहीं हैं, जो ईटीवी ब्यूरो प्रमुख रहने के दौरान उस समय के जनसंपर्क आयुक्त बैजेंद्र कुमार की विज्ञापन को लेकर हुई वार्तालाप को रिकार्ड कर लिया था। इससे नाराज होकर सरकार ने ईटीवी का विज्ञापन बंद कर दिया था। बाद में ईटीवी के खेद व्यक्त करने और शैलेष को बाहर करने के बाद ईटीवी का विज्ञापन चालू हो पाया था। शैलेष इसके बाद तीन साल तक खाली रहे। इसके बाद फिर ईटीवी में उनको इंट्री मिली। ईटीवी में प्रियंका कौशल के ब्यूरो हेड के रूप में ज्वाईन करने के बाद शैलेष की तकलीफें वहां बढ़ गई थी। उन्होंने स्वराज एक्सप्रेस का दामन थाम लिया।

आई-नेक्स्ट के 35 वर्षीय पत्रकार सुदीप सिन्हा का निधन

पटना : आईनेक्स्ट के वरीय पत्रकार सुदीप सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया। 35 वर्ष के सुदीप की मौत कंकड़बाग स्थित एक निजी अस्पताल में हुई। वे निमोनिया से पीड़ित थे और इनका इलाज चल रहा था। बांस घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 16 जुलाई को उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे मूल रूप से सहरसा के कायस्थ टोला के रहने वाले थे। माखनलाल विवि से एमजेएमसी करने के बाद सुदीप ने पत्रकारिता की शुरुआत भोपाल से की थी।

मजीठिया : पांच राज्यों में यूपी के अलावा उत्तराखंड भी, पढ़ें कोर्ट का पूरा आर्डर

UPON hearing the counsel the Court made the following

O R D E R

We have heard the learned counsels for the parties and perused the relevant material.

उज्जैन सिंहस्थ घोटाला : ऐसे-ऐसे कारनामे कि आप दातों तले उंगली दबा लेंगे

भोपाल : विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने मप्र में हुए सिंहस्थ घोटाले की डीटेल्स जारी की हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कुल 5000 करोड़ के सिंहस्थ आयोजन में करीब 3000 करोड़ का घोटाला किया गया है। 10 रुपए में बिकने वाली चीज को 20 रुपए में किराए पर लिया गया। हर चीज के नाम तीन गुने तक चुकाए गए। दागी अफसरों की पोस्टिंग की गई और विज्ञापन के नाम पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। अमेरिका में जहां से सिंहस्थ स्नान के लिए एक भी एनआरआई नहीं आया, 180 करोड़ का विज्ञापन किया गया।  इतने पैसे में तो भारतीय मूल के अमेरिकियों को फ्री हवाईयात्रा करवाकर सिंहस्थ दर्शन कराया जा सकता था। पढ़िए इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट जो मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है :

उरई में चावल के कालाबाजारियों से पत्रकारों ने 40 हजार वसूले!

जालौन : उरई के पत्रकार वसूली के लिए कभी पुलिस वाले बन जाते हैं तो कभी किसी अन्य सरकारी विभाग का मुलाजिम. 20 जुलाई की सुबह टोह लगाकर एक पत्रकार और उनके साथी पत्रकारों ने राठ रोड पर मारुति ओमिनी वैन यूपी 92 एल 6548 पर दबिश डाल दी। इसमें चोर बाजार में सप्लाई के लिए भेजा जा रहा राशन का चावल लदा था। पत्रकारों की छापामारी से ब्लैक मार्केटियर हड़बड़ा गये।

राज्यसभा टीवी की महिला पत्रकार के पिता की खून सनी नंगी लाश मयूर विहार के समाचार अपार्टमेंट में पड़ी मिली

Rajya Sabha TV journalist finds father’s naked body in pool of blood in Delhi

Rajya Sabha TV journalist Ambily Vijaykumar was looking forward to celebrate her father’s 65th birthday on Friday but as fate would have it, she found him in a pool of blood at his house in east Delhi’s Mayur Vihar area today. She said- I regularly called him on his mobile phone to check on him in the afternoon and he’d pick up my call instantly. But today the phone went unanswered. I then drove to his home and found the grilled door left ajar. I felt something suspect. I kept calling out for dad, but got no response.

प्रत्यूष रंजन एचटी डिजिटल से इस्तीफा देकर न्यूज नेशन डिजिटल में संपादक बने

Pratyush Ranjan quits Hindustan Times, joins News Nation as Editor – Digital… Pratyush Ranjan, News Editor at Hindustan Times Digital has left the Online wing of HT Media Ltd after five years. Pratyush Ranjan, who earlier worked with India Today Digital, Online wing of Bhaskar group, Instablogs network and ETV news, resigned from Hindustan Times in the first week of July to join the Online wing of News Nation channel.

मजीठिया वेतनमान : खुली आंख के सामने चोरी संभव नहीं

मजीठिया वेतनमान को लेकर आज एक-एक पत्रकार जागरुक है अपने अधिकारों को समझता है। ऐसे में खुली आंखों के सामने कोई चोरी कर ले यह संभव नहीं।  आज मजीठिया आंदोलन की मशाल कई वरिष्ठ पत्रकारों के हाथ में है। भले ही प्रेस मालिक शुरूआती आंदोलन झेल जाए लेकिन लंबे समय तक मजीठिया वेतनमान की राह रोकना मुश्किल होगा।

मिलीभगत का खेल तो नहीं बसपा-भाजपा का टकराव!

सोशल इन्जीनियरिँग का खेल खत्म समझो… जब जुल्म हमें कामयाबी का जायका दे और अपमान हमारे सम्मान के रास्ते खोले तब सुरक्षा और सम्मान किस काम का? आप ठीक कह रहे थे.. चुनावी तैयारियों की गहमागहमी में बसपा खामोश जरूर है, पर निष्क्रिय नहीं है। अंडरकरंट सब कुछ चल रहा है। सुरक्षा और सम्मान का पर्व नजदीक आ गया। गिफ्ट तो बनता है न! नरेंद्र मोदी जी के सबसे अहम सूबों यूपी और गुजरात की घटनाएँ बसपा के लिये रामबाण बन गयी है।

जॉब ढूंढते समय आपसे होने वाली 10 ग़लतियाँ

काफी समय से ढूंढ़ने के बावजूद भी कई सारे जॉब ढूँढ़ने वालों को जॉब नहीं मिलता और इसकी वजह है योजना बद्ध तरीके का अभाव, और, यह सब अच्छे प्रयासों के बावजूद होता हैं। हम लोग कुछ ऐसी आम गलतियाँ कर बैठते हैं जिससे की हम योजनाबद्ध तरीके से एवं उचित दृष्टिकोण रखकर बच सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे ही गलतियों का विवरण दिया हैं जिससे हम बच सकते हैं।

इंडिया न्यूज के बाद न्यूज नेशन से भी मात खा गया एबीपी न्यूज!

28वें हफ्ते की बार्क की टीआरपी के आंकड़े (TG: CSAB Male 22+) बताते हैं कि एबीपी न्यूज तो इंडिया न्यूज के बाद न्यूज नेशन से भी मात खा गया है. हालांकि TG:CS15+ के आंकड़े में एबीपी न्यूज अभी न्यूज नेशन से पिटने से बचा है लेकिन एबीपी न्यूज के पतन की जो रफ्तार है उससे यही संकेत मिल रहा है कि यह चर्चित व प्रतिष्ठित चैनल कहीं TG:CS15+ आंकड़े में भी न्यूज नेशन से पिट न जाए.

Snapdeal जैसी कंपनियां कैसे ठग रही हैं भारतीयों को, सुनिए एक पीड़ित पत्रकार की जुबानी

देश में कॉरपोरेट अंधेरगर्दी के जरिए अरबों का धन्धा ग्राहक से अपना पता, पहचान और चेहरा छिपा कर किया जा रहा है! क्या आपको पता है देश में ई-बिजनैस की दिग्गज कंपनी स्नैपडील अपना पता, पहचान और चेहरा छिपाते हुए सालाना अरबों रुपए का कारोबार कैसे कर रही है? कमाल तो यह कि इसके व्यापार …

कूड़े की तरह पड़ी मिली दो दिन की इस बच्ची के लिए है कोई इस धरती पर मददगार?

किस पत्थरदिल मां ने पैदा होते ही इस बच्ची को कूड़े की तरह छोड़ दिया!

देहरादून : लोग अपने बच्चों से इतना प्यार करते हैं कि उनके लिए जान न्योछावर कर लेते हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं कि जो नवजात के पैदा होने के बाद अगर बच्ची हो जाये तो उसे कूड़े की तरह एक किनारे पर रख लेते हैं.

ईटीवी के लखनऊ आफिस पहुंच गए राज्यपाल राम नाईक, देखें तस्वीरें

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक आज लखनऊ में ईटीवी के दफ्तर पहुंचे. वहां ईटीवी टीम के सभी सदस्यों ने राज्य संपादक ब्रजेश मिश्रा का अगुवाई में राज्यपाल का स्नेहासिक्त जोरदार स्वागत किया. ईटीवी के स्टेट हेड ब्रजेश मिश्रा ने राज्यपाल को प्रदेश में उनके दो वर्ष के सफल कार्यकाल की बधाई दी. इस अवसर पर राज्यपाल ने ब्रजेश मिश्रा से देश और प्रदेश के तमाम घटनाक्रमों पर चर्चा की.

उपमन्यु बोले- रेप केस झूठा था, एफआर कोर्ट में स्वीकृत, गलत तथ्यों पर हुई पीआईएल

मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने अपने पर लगे रेप केस को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कथित रेप केस में पुलिस ने उपमन्यु को निर्दोष माना और इस संबंध में भेजी फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाली युवती को चेतावनी दी कि तुम्हारे भविष्य को देखते हुए आईपीसी 182 की कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने युवती को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति न हो. कमलकांत उपमन्यु के मुताबिक एफआर लगने के बाद गलत तथ्य दर्शाकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. खुद पीड़िता भी इस पीआईएल से सहमत नहीं है.

यूपी में जंगलराज : पत्रकार को कालर पकड़ बाहर निकाला और बोला- ‘जहां चाहे शिकायत कर लो, कुछ न होगा’

यूपी में वास्तव में जंगल राज है। इलाहाबाद में एक पत्रकार को गरियाते धकियाते कालर पकड़कर गैस एजेंसी से बाहर कर दिया गया। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि जहां चाहो शिकायत कर दो कुछ नहीं होने वाला। भुक्तभोगी पत्रकार ने थाने जाकर घटना की तहरीर दी पर पांच दिन बाद भी मुकदमा दर्ज करने को कौन कहे, पुलिस प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कर सकी है। मामला इलाहाबाद के नवाबगंज थाना क्षेत्र का है। ‘पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं’ का जोर जोर से गाना गाने वाले ‘क्रांतिकारी पत्रकार’ हों या इलाहाबाद के पत्रकारीय संगठन इस मामले में बगल झांकने और आश्चर्यजनक हद तक चुप्पी साधे हुए हैं।

पीटीआई के एडीटर इन चीफ पद के लिए प्रियंका टिक्कू मुख्य दावेदार

समाचार एजेंसी PTI में लंबे अंतराल बाद सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है और उसका पहला चरण हो भी चुका है. PTI बोर्ड ने पहले ही हिंदुस्तान टाइम्स के चीफ लर्निंग ऑफिसर रहे वेंकी वेंकटेश को एमके राजदान की जगह नया सीईओ नियुक्त कर दिया है. अब एडीटर इन चीफ की तलाश की जा रही है. गौरतलब है कि एमके राजदान ही अब तक दोनों पद संभाल रहे थे. राजदान ने इन शीर्ष पदों समेत पीटीआई में 50 साल की अपनी लंबी पारी खेली है.

बलात्‍कार केस में पत्रकार उपमन्‍यु को हाईकोर्ट से झटका

मथुरा में एमबीए पास लड़की से रेप के मामले में पत्रकार कमलकांत उपमन्‍यु को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। न्‍यायाधीश अरुण टंडन तथा सुनीता अग्रवाल की डिवीजन बैंच ने इस मामले में मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के स्‍पेशल ऑफीसर इंचार्ज जगजीवन प्रसाद, डीजीपी तथा एसएसपी मथुरा को 25 जुलाई तक शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होनी है। कोर्ट ने 12 जुलाई के अपने आदेश में यह भी पूछा है कि बलात्‍कार पीड़िता का कोर्ट में बयान हो जाने के बावजूद जांच को दूसरे जिले में ट्रांसफर कराने को देखते हुए क्‍यों न यह मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए।

हल्द्वानी : अनूप बाजपेई का नोएडा तबादला, संजय देव नए संपादक, चंद्रशेखर बेंज्वाल ने दिया इस्तीफा

आजकल हल्द्वानी में अमर उजाला और दैनिक जागरण में हलचल मची है। अमर उजाला प्रबंधन ने हल्द्वानी के सम्पादक अनूप बाजपेई को नोयडा भेजा है और उनकी जगह संजय देव को नया सम्पादक बनाया गया है। बताया जा रहा है कि ये फेरबदल कुछ शिकायतों पर किया गया है। कुछ रिपोर्टरों के भी बदले जाने की सम्भावना है। उधर दैनिक जागरण हल्द्वानी के सम्पादक चन्द्र शेखर बेंज्वाल ने भी अचानक इस्तीफा देकर खलबली मचा दी है। उनके करीबी अब गाज गिरने को लेकर आशंकित हैं।

खोजी पत्रकार पंडित आयुष का खुलासा : पैसा लेकर यह डिप्टी डायरेक्टर किसी को भी निशानेबाजी का अभ्यास करा सकता है

कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, तुलगकाबाद, दिल्ली में पैसों के दम पर यह डिप्टी डायरेक्टर किसी को भी निशानेबाजी का अभ्यास करा सकता है। समाचार प्लस के अंडर कवर रिपोर्टर आयुष पंडित की मुलाकात शूटिंग रेंज के डिप्टी डायरेक्टर शिवदत्त बख्शी से अभ्यास के बहाने हुई। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर बख्शी ने तमाम नियमों और कानूनों को कुचलने में कोई देर नहीं की। अंडर कवर रिपोर्टर से 1 लाख रूपए और 1 शराब की बोतल लेने के बाद शिवदत्त बख्शी निशानेबाजी में लाइसेंस प्राप्त अपने बेटे के नाम पर मिलने वाले हथियार को सौंपने तक के लिए तैयार हो जाते हैं।

दलाली का एग्रीमेंट करवाता है साधना प्राइम न्यूज़!

नोएडा से प्रसारित चैनल ‘साधना प्राइम न्यूज़’ का काम करने का नजरिया तो बिलकुल बड़े चैनलों की तरह ही है। बाकायदा यह चैनल अपने रिपोर्टरों पर ख़बरें भेजने का प्रेशर देने के साथ ही डे प्लान व स्टोरी आईडिया का भी दबाव बनाता है। कोई खबर छूटने पर तुरंत ऑफिस से प्रेशर होना शुरू हो जाता है। लगातार नई और एक्सक्लूसिव ख़बरें भेजने का दबाव चैनल द्वारा पत्रकारों पर बनाया जाता है। कभी गलती से भी अगर कोई पत्रकार अपने मालिकान से मेहनताने की बात कर देता है तो उसे अपने मेहनताने के बदले इस चैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।

मजीठिया : पांच राज्यों में यूपी भी, सुप्रीम कोर्ट ने मालिकों और अफसरों को इन तीन सवालों से पूरा घेर लिया

The Supreme Court will hear the contempt petitions on the Majithia Wage Board in staggered manner. The bench of Justices Ranjan Gogoi and P.C. Pant decided today at the time of hearing of the Majithia Award case that only five states will be heard at a time. The Court also directed that all the Labour Commissioners of the concerned states will be present at the time of hearing in the Court room to reply to the queries. The next date of hearing has been fixed on 23rd of August 2016 at 2.00 PM.

न्यूज24 के आफिस में छाता लगा कर काम कर रहे कर्मी! (देखें तस्वीरें)

न्यूज24 के डिजिटल विंग में कर्मी छाता लगा कर काम कर रहे हैं. वजह है बिल्डिंग की छत में लीकेज शुरू होना जिसके कारण पानी टपक रहा है. नीचे तीन तस्वीरें हैं जो न्यूज रूम और प्रोडक्शन रूम में बारिश के बीच छाता लगाकर काम करते कर्मचारियों की है.

यूपी में सजने लगी मौसमी चैनलों की चुनावी दुकानें… मीडियाकर्मी रहें होशियार…

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जहां छोटी बड़ी सभी राजनैतिक पार्टियां सक्रिय हो गयी हैं, वही दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में हर बार की तरह पैसे कमाने की नीयत से आने वाले मीडिया हाउस की दुकानें भी सजने लगी हैं। ये चुनाव के वक़्त फुलफॉर्म में न्यूज़ चैनल को पूरे जोर शोर से लांच करते हैं जिसके लिए होर्डिंग बैनर तक शहर के नामी चौराहों पर लगाये जाते हैं। बड़ी संख्या में भर्तियां होती हैं और शुरू होता है अवैध रूप से धन उगाही का कारोबार। इसमें चैनल मालिक से ले कर प्रदेश की कमान संभाल रहे पदाधिकारी भी खूब जेब भरते हैं।

मीडियावालों को हड़का गए छग पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल!

अब इसे छत्तीसगढ़ में चल रही जोगी-भूपेश के बीच लम्बे समय की कड़वाहट के बाद भी जोगी की नई पार्टी को नियमित मीडिया कवरेज़ का कारण मान लीजिए, या फिर कथित तौर पर कांग्रेस बीट कवर करने वाले कुछ “ख़ास” पत्रकारों के कारण मीडिया बिरादरी के प्रति भूपेश का “हक़” मान लीजिये. पर रविवार को छग कांग्रेस के मुख्यालय में पीसीसी चीफ़ अपनी नाराज़गी से इस बात को ज़ाहिर कर दिया कि कुछ पत्रकारों से उनका “ख़ास” रिश्ता है.

मजीठिया पर आज के फैसले का निहितार्थ : सुप्रीम कोर्ट आरपार वाले एक्शन के मूड में, जो मीडियाकर्मी सोए हैं वो अब भी जग सकते हैं

देश भर के पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन प्रमोशन से जुड़े मजीठिया वेज बोर्ड मामले में आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन श्रम सचिवों / श्रम आयुक्तों को तलब करना शुरू किया है जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड मामले में या तो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करते हुए अपनी स्टेटस रिपोर्ट नहीं भेजी या जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया।

सावधान! प्राइवेट कंपनियों में लंबे समय का निवेश सुरक्षित नहीं

नई दिल्ली : कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटियों में लंबे समय तक के निवेश को ठीक नहीं बताया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि लगभग सभी सोसाइटियां अपने पंजीकरण के विरुद्ध कार्य कर रही हैं। नियमों की अवहेलना करने पर उन सोसाइटियों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है ऐसे में जिन निवेशकों का निवेश लंबे समय के लिए हुआ है, वो सुरक्षित नहीं है।

मजीठिया : बेहद सख्त सुप्रीम कोर्ट ने यूपी समेत पांच राज्यों के सचिवों को नए एक्शन रिपोर्ट के साथ 23 अगस्त को तलब किया

मीडिया मालिकों के कदाचार और सरकारी अफसरों की नपुंसकता से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अब एक एक को देख लेने का इरादा बना लिया है. अपना रुख बहुत सख्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों से आई रिपोर्ट को एक साथ एक बार में नहीं देखा जा सकता और इसमें बहुत सारी बातें स्पष्ट भी नहीं है इसलिए अब यूपी समेत पांच राज्यों की समीक्षा होगी और समीक्षा के दौरान संबंधित राज्यों के सचिव सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहेंगे. शुरुआत में नार्थ इस्ट के पांच राज्य हैं जिनके सचिवों को अपनी नवीनतम एक्शन रिपोर्ट तैयार करके 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हाजिर रहने को कहा है.

मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला दे, लड़ाई का असली मैदान होगा लेबर कोर्ट

Satya Prakash Chaudhary : मजीठिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना के मुकदमों पर कल से अंतिम सुनवाई हो रही है। भारतीय अदालतों में इतना वक्त लगता है की मुद्दई हार-जीत की तंगनज़री से ऊपर उठकर परमहंस हो चुका होता है। कुछ ऐसी ही परमहंसी मुद्रा में मैं भी आ चुका हूँ। इसलिए मुक़दमे के नतीजे जो हों, मुझे इससे पहले ही काफी कुछ मिल चुका है और उससे मैं संतुष्ट हूँ।

कश्मीर में मीडिया पर बैन का कोई तुक नहीं बनता : रवीश कुमार

कश्मीर में अख़बार बंद है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ आज दूसरा दिन है जब वहाँ किसी को अख़बार नहीं मिला है। राज्य सरकार ने अख़बारों के छपने और वितरण पर रोक लगा दी है। दिल्ली की मीडिया में ख़बरें आई हैं कि कर्फ़्यू के कारण वितरण रोका गया है। छपी हुई प्रतियाँ ज़ब्त कर ली गई हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट भी बंद है। कर्फ़्यू के कई दिन गुज़र जाने के बाद राज्य सरकार को ख़्याल आया कि अख़बारों को बंद किया जाए। क्या कर्फ़्यू में दूध,पानी सब बंद है? मरीज़ों का इलाज भी बंद है? आधुनिक मानव के जीने के लिए भोजन पानी के साथ अख़बार भी चाहिए। सूचना न मिले तो और भी अंधेरा हो जाता है। अफ़वाहें सूचना बन जाती हैं और फिर हालात बिगड़ते ही हैं, मन भी बिगड़ जाते हैं। खटास आ जाती है।