रायपुर बीस दिनों में ही बनारस चला आया… कोई जवाब है ज्ञानेंद्रपति, विमल कुमार और हरिश्‍चंद्र पांडे के पास?

Abhishek Srivastava : अगर रायपुर साहित्‍य महोत्‍सव में जाना गलत था, तो बनारस के पांच दिवसीय ”संस्‍कृति” महोत्‍सव में जाना सही कैसे हो गया? अगर रमन सिंह से हाथ मिलाना गलत था, तो नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए समारोह में कविता पढ़ना सही कैसे हो गया? अगर वहां कार्यक्रम राजकीय था, तो यहां भी यह संस्‍कृति मंत्रालय, भारत सरकार का है। दोनों आयोजक भाजपा की सरकारें हैं- रायपुर में राज्‍य सरकार और बनारस में केंद्र सरकार।

आंदोलनकारी पत्रकारों के जिद और जुनून की हुई जीत, फिर झुका धोखेबाज पी7 प्रबंधन

पिछले कई दिनों से 24×7 आंदोलन कर रहे पी7 न्यूज चैनल के कर्मियों को बड़ी जीत हासिल हुई है. पी7 चैनल के आफिस पर कब्जा जमाए आंदोलनकारियों के दबावों और चौतरफा प्रयासों को नतीजा यह हुआ कि पुलिस, प्रशासन, लेबर डिपार्टमेंट के दबाव के आगे चैनल प्रबंधन ढेर हो गया और सारा बकाया चुकाने के लिए राजी हो गया, वह भी नियत समय पर. नवंबर महीने की सेलरी तुरंत मिल जाएगी सभी को. 15 जनवरी को फुल एंड फाइनल पेमेंट देने का जो पूर्व का वादा था, वह कायम रहेगा और उसी रोज सारा हिसाब कर सभी के एकाउंट में डिपोजिट करा दिया जाएगा. साथ ही फुल एंड फाइनल पेमेंट होने तक पी7 चैनल प्रबंधन चैनल से जुड़ी कोई भी संपत्ति नहीं बेच सकेगा.

सुशील झालानी ने एक तरह से मेरा गरेबान पकड़ कर मुझे पत्रकार बना दिया

: मीडिया की मंडी में हम (1) : मेरे खानदान का पत्रकारिता से दूर- दूर तक लेना देना नहीं था और ना ही मेरा। मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि पत्रकार बनूंगा। पर वक्त ने बना दिया और ऐसा बना दिया कि चाह कर भी इस पहचान से मुक्त नहीं हो सका। राजस्थान के भरतपुर जैसे छोटे कस्बेनुमा शहर में पला बढ़ा मैं एक नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय कायस्थ परिवार का सदस्य। पिता जरूर परिवार की नौकरी परंपरा छोड़कर इंटक से जुड़कर लेबर लीडरी में सक्रिय हो गए थे। ताऊ कृषि वैज्ञानिक थे, तो एक चाचा हैडमास्टर थे तो एक डॉक्टर, एक फूफा तहसीलदार थे। हमारे तो करीब-करीब सभी मामा भी सरकारी नौकरियों में ही थे। हम नौ भाई थे और हमारे बीच पाँच बहनें।

बरेली में उपजा का असली अध्यक्ष कौन!

बरेली। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के दो अध्यक्ष मय कार्यकारिणी के यहां सक्रिय है और दोनों ही अपने को उपजा का असली अध्यक्ष बता रहे है। दबंग किस्म के एक पक्ष ने पत्रकारों के बैठने का स्थान पत्रकार संगोष्ठी भवन पर कब्जा कर लिया है जबकि दूसरे पक्ष के पदाधिकारी एवं अन्य सक्रिय पत्रकार सड़कों पर है। दूसरे पक्ष के अध्यक्ष ने बताया कि हमारा संगठन पत्रकारों के हित के लिए लम्बे समय से कार्य कर रहा है। पत्रकारों के बैठने के लिए जिला प्रशासन जो स्थान उपलब्ध कराया था उसे उपजा के तथाकथित पदाधिकारियों ने विभिन्न समाचार पत्र में कार्य कर रहे सक्रिय पत्रकारों के लिए पत्रकार संगोष्ठी भवन पर प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी है। पाबन्दी से पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है।

राजस्थान पत्रिका के इंप्लाई रहे सुमित ने मालिकों-संपादकों को पत्र लिखकर मजीठिया वेजबोर्ड के हिसाब से भुगतान मांगा

नैतिकता और नीतियों की दुहाई दे देकर खुद का घर भरने वाले अखबारों के मालिकों की चमड़ी इतनी मोटी हो गई है कि इन्हें अब किसी से भय नहीं लगता. राजनीति, नौकरशाही और न्यायपालिका को अपनी मुट्ठी में कर चुके ये लोग अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं. पर इनकी अकूत ताकत से हार न मानते हुए कुछ ऐसे वीर सामने आ जाते हैं जो इन्हें खुली चुनौती दे डालते हैं. ऐसे ही एक वीर का नाम सुमित कुमार शर्मा (मोबाइल- 07568886000) है.

 

राज्यसभा टीवी में जारी है फिक्सिंग का खेल

इन दिनों टीवी न्यूज़ चैनलों में राज्यसभा टीवी की चर्चा ज़ोरो पर है। बीते दिनों राज्यसभा टीवी में पत्रकारों की भर्ती के लिए हुए मेराथन इंटरव्यू के बाद इस चर्चा ने ज़ोर पकड़ा है। राज्यसभा टीवी पिछले दरवाज़े से पत्रकारों की इंट्री करवाने के लिए पहले ही बदनाम हो चुका है। लेकिन बीते दिनों राज्यसभा टीवी के रकाबगंज रोड स्थित ऑफिस में जो कुछ हुआ उसने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि राज्यसभा टीवी में सिर्फ नेताओं और अफसरों के रिश्तेदार ही पत्रकार बन सकते हैं।ये बात किसी से छिपी नहीं है कि वर्तमान में राज्यसभा टीवी में कार्यरत लगभग सभी पत्रकारों का किसी बड़े नेता या अफसर से रिश्ता रहा है। बीते दिनों इससे जुड़ी कुछ ख़बरें सार्वजनिक होने के बाद देश भर में चर्चा का विषय बनी थी। इस लिहाज़ से राज्यसभा टीवी जनता के बीच पहले ही अपनी ख़ास पहचान बना चुका है। लेकिन बीते दिनों वाक् इन इंटरव्यू के नाम पर हुए फिक्सिंग के खेल ने राज्यसभा टीवी के डायरेक्टर और सचिवालय के अफसरों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।

इलाहाबाद में ‘कविता 16 मई’ का आयोजन : लकीर तो खींचनी ही होगी…

लखनऊ । रविवार को इलाहाबाद में ‘कविता 16 मई के बाद’ का आयोजन हुआ। इसके पहले यह आयोजन दिल्ली और लखनऊ में हो चुका है। कॉरपोरेट लूट और सांप्रदायिक फासीवाद के विरोध में जारी यह सांस्कृतिक जन अभियान कडाके की ठंढ और शीतलहरी के बीच कविता की गर्मी पैदा करने वाला साबित हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हालैण्ड हाल में संपन्न आयोजन की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि व आलोचक प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार ने की। कल ही कवि हरिश्चन्द्र पाण्डेय का जन्मदिन भी था। उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर बधाइयां दी गई। कार्यक्रम का संचालन कवयित्री व सोशल एक्टिविस्ट सीमा आजाद ने किया। इस अवसर पर दिल्ली, लखनऊ, बनारस और इलाहाबाद के करीद डेढ दर्जन कवियों ने अपनी ताजा कविताओं का पाठ किया।

काश मुझे भी कोई हेमन्त दा मिल गये होते जिन्होंने डांट-फटकार कर पत्रकारिता में आने से मना कर दिया होता

पिछले कुछ दिनों से यह शेर बड़ी शिद्दत से याद आ रहा है-  ‘कभी लौट आएं तो पूछना नहीं देखना उन्हें गौर से, जिन्हें रास्ते में खबर हुई कि ये रास्ता कोई और है..’। एक कहानी भी याद आ रही है, बहुत पहले विख्यात संगीतकार हेमन्त कुमार की एक कहानी पढ़ी थी धर्मयुग में, शायद उनके निधन पर पत्रिका ने श्रद्धांजलि स्वरूप प्रकाशित की थी। कहानी का सार कुछ यूं था कि हेमन्त दा की कामवाली एक बार उनके पास अपने बेटे को लेकर आती है और उनसे अनुरोध करती है कि वे उसका गाना सुनकर उसे फिल्म नगरी में पांव जमाने के कुछ गुर बता दें। दादा उसका गाना सुनते हैं और फिर उसे फटकारते हुए भगा देते हैं। कामवाली हक्काबक्का रह जाती है, उसे भरोसा है कि उसका बेटा बहुत अच्छा नहीं तो भी ठीक-ठाक तो गाता ही है। दादा की फटकार का राज आखिर में खुलता है जब वह एक रोज यह बताते हैं कि वह नहीं चाहते थे कि उसका लड़का फिल्म नगरी के दलदल में आकर अपनी प्रतिभा और भविष्य का कबाड़ा करे। दादा आने वाले समय को देख रहे थे और नहीं चाहते थे कि कोई युवा केवल अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्म नगरी में संगीतकार बनने के संघर्ष से गुजरे। उन्होंने देखा था कि तमाम प्रतिभाशाली लोगों के साथ फिल्म नगरी में कैसा बर्ताव हुआ है।

डीआई पीआर में 4 पेज के अखबार को राज्यस्तरीय बनाने वाला कौन है?

: राजस्थान के डीआई पीआर में अखबारों की मान्यता का फर्जीवाड़ा : 4 पेज के अखबार को राज्यस्तरीय दर्जा, लाखों का चूना : जोधपुर। राजस्थान के सूचना एवं जन सम्पर्क निदेशालय के आला अधिकारी अखबारों की मान्यता की कार्यवाही मे बड़े स्तर पर घपला कर सरकार को चूना लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जोधपुर में फर्जी प्रिंट लाईन से छप रहे 4 पेज के अखबार दैनिक प्रतिनिधि का। दैनिक प्रतिनिधि का मालिक खुद को राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का रिश्तेदार बताता है। उक्त समाचार पत्र का एक ही संस्करण जोधपुर में छप  रहा है। इस चार पेज के अखबार के पीछे  प्रिन्ट लाईन में नियम तोड़ कर प्रिन्टिंग प्रेस के पते की सूचना तक दर्ज नहीं की जा रही हैं जबकि प्रेस एक्ट में मुद्रणालय के पूरे पते की सूचना आवश्यक रूप से दी जाती है। जिस भण्डारी ऑफसेट से यह अखबार छपना बताया जा रहा है इस नाम की कोई प्रिंन्टिंग प्रेस अस्तित्व में नही है।

2017 का विधानसभा चुनाव जातिवादी राजनीति के सहारे नहीं जीता जा सकेगा, अखिलेश यादव को अहसास हो गया

अजय कुमार, लखनऊ

एक वर्ष और बीत गया। समाजवादी सरकार ने करीब पौने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। 2014 सपा को काफी गहरे जख्म दे गया। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार ने धरती पुत्र मुलायम को हिला कर रख दिया। पार्टी पर अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है। अगर जल्द अखिलेश सरकार ने अपना खोया हुआ विश्वास हासिल नहीं किया तो 2017 की लड़ाई उसके लिये मुश्किल हो सकती है। अखिलेश के पास समय काफी कम है। भले ही लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के पश्चात समाजवादी सरकार ने अपनी नीति बदली ली है, लेकिन संगठन वाले उन्हें अभी भी पूरी आजादी के साथ काम नहीं करने दे रहे हैं। सीएम अखिलेश यादव अब मोदी की तरह विकास की बात करने लगे हैं लेकिन पार्टी में यह बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मुलायम अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहे हैं। निश्चित ही 2015 खत्म होते ही तमाम दलों के नेता चुनावी मोड में आ जायेंगे। भाजपा तो वैसे ही 2017 के विधान सभा चुनावों को लेकर काफी अधीर है, बसपा और कांग्रेस भी उम्मीद है कि समय के साफ रफ्तार पकड़ लेगी। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस ही नहीं सपा-बसपा भी 2014 में अर्श से फर्श पर आ गये।

यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के संरक्षण में अवैध खनन की लोकायुक्त को शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने भूतत्व और खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के सीधे संरक्षण में उत्तर प्रदेश में अवैध खनन कराये जाने और इसके माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित किये जाने के बारे में लोकायुक्त को शिकायत भेजी है. शिकायत में कहा गया है कि ओम शंकर द्विवेदी ने गायत्री प्रजापति के सम्बन्ध में जो शिकायत दी है उसे अपनी सम्पूर्णता में जांचने के लिए पूरे प्रदेश में किये जा रहे अबाध अवैध खनन की भी जांच नितांत अनिवार्य है क्योंकि श्री प्रजापति की संपत्ति अवैध खनन की कमाई से ही अर्जित की गयी है.

वर्षा, सुमन, पंडया को लाडली मीडिया अवॉर्ड

अहमदाबाद। राजस्थान पत्रिका के भीलवाड़ा संस्करण के रिपोर्टर भुवनेश पंडया, पत्रिका समूह के डेली न्यूज की रिपोर्टर सुमन कच्छवा एवं वर्षा भम्भाणी मिर्जा को वर्ष 2013-14 के लिए पश्चिम क्षेत्र हिंदी प्रिंट मीडिया बेस्ट कैंपेन का लाडली मीडिया अवार्ड प्रदान किया गया। पॉपुलेशन फर्स्ट और यूएनएफपीए के सहयोग से समारोह में 27 मीडियाकर्मियों को यह अवार्ड दिए गए। महात्मा गांधी श्रम संस्थान सभागार में आयोजित समारोह में गुजरात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अंकोलिया ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। अभिनेत्री डॉली ठाकुर भी समारोह में उपस्थित थीं।

NBT ऑनलाइन को चाहिए कॉपी एडिटर/सीनियर कॉपी एडिटर

नवभारतटाइम्स.कॉम को ट्रेनी, कॉपी एडिटर और सीनियर कॉपी एडिटर के पदों पर कुछ साथियों की ज़रूरत है। सीनियर कॉपी एडिटर के पद के लिए 3-4 साल और कॉपी एडिटर के लिए 1-2 साल तक किसी प्रतिष्ठित मीडिया समूह में काम का अनुभव हो। ट्रेनी के लिए अनुभव की बाध्यता नहीं है। जर्नलिज़म में डिप्लोमा या डिग्री भी ज़रूरी नहीं लेकिन आज की पत्रकारिता क्या है, इसकी समझ होनी आवश्यक है।

टीवी विज्ञापन का गिरता स्तर : क्या संपादकों के पास आंख दिमाग नहीं है?

आप टीवी खोल कर देखिए. टीवी का पत्रकार (एंकर) लोकत्रंत का रक्षक बन कर सामने खड़ा होगा. जो नैतिकता और इमानदारी का पुतला होगा. वह हर किसी से सवाल करेगा. उसे शर्मिंदा करेगा. कहेगा देश जानना चाहता है. आप जवाब दो. जवाब दो. अगर आपको उससे कोई सवाल पूछना हो या शिकायत करनी हो तो टी वी ब्रोडकास्टर एशोसिएशन को पत्र लिखें. जिस का पता नीचे पट्टी पर कभी कभी दिखलाया जाता है. अब उससे सवाल कौन पूछे?

ये संपादक लोग अपने चैनल के अंदर कर्मचारियों के चल रहे सतत् शोषण-उत्पीडऩ से अनजान क्यों बने रहते हैं

: मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट की नोटिस को चैनलों ने भी खबर आइटम बनाने की जहमत नहीं उठाई : ‘पी 7 चैनल के पत्रकार कर्मचारी लंबी लड़ाई के मूड में हैं।’ इस चैनल के पत्रकारों के जारी आंदोलन और उनकी तैयारियों की बाबत भड़ास पर प्रकाशित इस पंक्ति सरीखी अनेक पंक्तियों एवं फोटुओं-छवियों से पूरी तरह साफ हो जाता है कि इस चैनल के पत्रकार कर्मचारी अपने मालिक की बेईमानी, वादाखिलाफी, कर्मचारियों को उनका हक-पगार-सेलरी-बकाया-दूसरे लाभ देने के लिए किए गए समझौते के उलट आचरण-बर्ताव करने का दोटूक, फैसलाकुन, निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार-तत्पर-सक्रिय हो गए हैं। उनके रुख से साफ है कि वे किसी भी सूरत में झुकेंगे नहीं और अपना हक लेकर, अपनी मांगें पूरी करा कर रहेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार लेखराज नानवानी का निधन

रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के केशकाल निवासी वरिष्ठ पत्रकार लेखराज नानवानी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने स्वर्गीय श्री नानवानी के परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। ज्ञातव्य है कि श्री नानवानी का केशकाल में …

PTI को ढेर सारे पत्रकारों की जरूरत, अप्लाई करने के लिए आज आखिरी दिन

न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिल्ली और मुंबई में ढेर सारे पत्रकारों की जरूरत है. पीटीई को प्रिंसिपल कॉरेसपोंडेंट, प्रिंसिपल कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, प्रोबैशनरी जर्नलिस्ट आओर ट्रेनी जर्नलिस्ट की नियुक्ति करनी है. पीटीआई की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड करके आज 30 दिसंबर तक hrm@pti.in पर भेजा जा सकता है.

भारतीय-अमेरिकी फोटो रिपोर्टर राजन देवदास का निधन

वाशिंगटन। अमेरिका-भारत संबंधों के कई ऐतिहासिक क्षणों को अपने कैमरे में कैद कर चुके भारतीय मूल के जानेमाने फोटो-पत्रकार राजन देवदास का निधन हो गया है। पद्मश्री से सम्मानित देवदास का बीते शुक्रवार को ग्रेटर वाशिंगटन के हिब्य्रू होम में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।

क़ुर्बानी की निंदा पर मिस्र की जानी-मानी पत्रकार और कवयित्री फ़ातिमा नाउत पर मुक़दमा

मिस्र की जानी मानी पत्रकार और कवयित्री फ़ातिमा नाउत पर क़ुर्बानी की आलोचना के लिए मुक़दमा चलाया जाएगा. फ़ातिमा पर आरोप है कि उन्होंने भेड़ की क़ुर्बानी की आलोचना कर इस्लाम धर्म का अनादर किया है. बताया जाता है कि नाउत ने मुसलमानों के त्यौहार ईद-उल-अज़हा(जिसमें जानवरों की क़ुर्बानी दी जाती है) पर जानवरों की बलि दिए जाने की परंपरा को इंसान के हाथों अब तक का सबसे बड़ा संहार बताया है.

मधेपुरा के वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार बच्चन नहीं रहे

पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन दशक से जनहित में सेवा देने वाले मुरलीगंज के पत्रकार नवीन कुमार बच्चन अब हमारे बीच नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद बीती रात 47 वर्षीय नवीन कुमार बच्चन ने हरियाणा के वेदांता अस्पताल में अंतिम साँसे लीं. मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना के भतखोरा पंचायत ने मुसहरनिया निवासी नवीन कुमार बच्चन ने महज 18 वर्ष की उम्र से ही जनशक्ति से पत्रकारिता शुरू की थी. बाद में वे नवभारत टाइम्स में भी अपनी लंबी सेवा देने के बाद करीब डेढ़ दशक से दैनिक जागरण में कार्यरत थे.

क्या दिल्ली में पाए जाने वाला सरोकारी संपादक नाम का जीव विलुप्त हो गया है?

सुना है कि देश की राजधानी दिल्ली में सरोकारी संपादक नाम का कोई जीव पाया जाता था. आजकल यह जीव विलुप्त हो गया है क्या? वैसे सरोकारी संपादक नाम की प्रजाति के जीव मीडिया हाउसों को खोलने का ठेका खूब लेते हैं. मीडिया कर्मियों के हितों का ठेका लेने की डींगें भी इस प्रजाति के जीव हांकते पाये जाते हैं. लगता है सोशल मीडिया पर शेर की तरह दहाड़ने वाले बड़का सरोकारी संपादक लोग बेरोजगार मीडिया कर्मियों की दिहाडी में लगी आग से हाथ गरम कर रहे हैं. एक के बाद एक न्यूज टीवी चैनल बंद हो रहे हैं. जर्नलिस्ट और नॉन जर्नलिस्ट्स के साथ-साथ चैनलों में काम करने वाले सैकड़ो कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं.

इंडिया वांट्स टू नो, व्हाई मीडिया इज सो इनसेन्सिटिव अबाउट इट्स ओन पीपल! क्योंकि ‘सच ज़रूरी है’

‘सच ज़रूरी है’ की टैगलाइन के साथ ख़बरों के बाज़ार में कुछ सालों तक सच का कारोबार करने वाला न्यूज चैनल पी7 बंद हो गया। 400 से ज्यादा स्थाई कर्मचारी एक झटके में सड़क पर आ गए और आजकल वो अपने हक के लिए दफ्तर में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। वो लोग जिन्होंने इस चैनल को एक मुकाम पर पहुंचाने के लिए जी-जान लगाकर काम किया वही लोग आज मालिकान के सामने अपनी सैलरी और बकाया रकम के भुगतान के लिए धरने पर बैठने को मजबूर हैं। अपने ही मेहनत की कमाई पाने के लिए उन्हें कानून का सहारा लेना पड़ रहा है।

यौन उत्‍पीड़न के आरोप में सन टीवी का सीओओ प्रवीण गिरफ्तार

चेन्नई। सन टीवी के सीईओ प्रवीण को यौन उत्पीड़न के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सूर्या टीवी की एक पूर्व कर्मी की शिकायत हके आधार पर उन्‍हें गिरफ्तार किया गया है। यौन उत्पीड़न मामले में सन टीवी के किसी बड़े अधिकारी की यह दूसरी हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी है।

रमेशचंद्र अग्रवाल के नाम दैनिक भास्कर के एक पाठक का पत्र

मान्यवर, दैनिक भास्कर पत्र समूह के संपादक श्री रमेशचंद्र अग्रवाल का एक पत्र 26 दिेसंबर के अंक मे पूरे पहले पेज पर प्रकाशित हुआ है। इसमें टाइम्स आफ इंडिया को पछाड़ कर भास्कर के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार बनने का दावा किया गया है। पाठक का दर्द बयान करने वाला अपना पत्र आपको प्रेषित कर रहा हूं, भड़ास पर प्रकाशनार्थ।
सादर।                     
श्रीप्रकाश दीक्षित
एचआईजी-108,गोल्डन वैली हाईटस                                       
आशीर्वाद कालोनी के पीछे ,कोलार रोड,        
भोपाल-462042       

नेत्रपाल, धीरेंद्र, संजय, गजेंद्र, ओमपाल, गिरीश, सुरंजन, मीतू, शशांक समेत कई पत्रकार हुए सम्मानित

गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती पर आयोजित दसवें पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए 11 पत्रकारों समेत 46 को पुरस्कृत किया गया। उल्लेखनीय सेवाओं के लिए दो वरिष्ठ पत्रकारों व साहित्यकार यादव राव देशमुख व कुलदीप तलवार को सम्मानित किया। इसके बाद आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवियों ने देर शाम तक अपनी रचनाओं से खूब समां बांधा।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के डिप्टी रजिस्ट्रार राम किशोर वर्मा की ठगी की शिकायत

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के डिप्टी रजिस्ट्रार राम किशोर वर्मा द्वारा उन्नाव के कई लोगों से मुकदमों में मदद करने के नाम पर की गयी ठगी की चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड को शिकायत भेजी गयी है.  आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने ईमेल से भेजी शिकायत में कहा है कि उन्नाव के बृजेश कुमार, आसिफ खलिक, दुर्गेश कुमार सोनी और विवेक श्रीवास्तव ने उन्हें बताया कि मुकदमों के सिलसिले में संपर्क में आये श्री वर्मा ने मुकदमों में मदद के नाम पर बृजेश कुमार से आरटीजीएस से 98 हज़ार सहित 1.98 लाख, आसिफ खलिक से 80,000 और दुर्गेश सोनी से 1.36 लाख मुकदमे में मदद और 4 लाख रुपये गाजीपुर कोर्ट में भर्ती के नाम पर ठग लिए.

विनोद मेहता का आरोप- ”तरुण तेजपाल शुरू से ही इंटर्न और जूनियर लड़कियों से छेड़छाड़ करता था”

मशहूर पत्रकार विनोद मेहता की नई किताब ‘एडिटर अनप्लग्ड’ जल्द रिलीज होने वाली है. इस किताब का एक पेज पत्रकार अमन सेठी ने ट्वीट किया, जिसके बाद बवाल मच गया. इस पेज में विनोद मेहता ने तरुण तेजपाल के बारे में लिखा है कि वह आउटलुक मैग्जीन में जब काम करता था, तब भी अपनी सीनियर पोजीशन का फायदा इंटर्न और जूनियर लड़कियों से छेड़छाड़ करने में उठाता था. इस किताब और ताजा विवाद के बारे में अंग्रेजी अखबार डीएनए में खबर प्रकाशित हुई है. सबसे पहले अमन सेठी का ट्वीट और फिर अखबार में छपी खबर….

Aman Sethi ‏@Amannama
All I know is Tejpal possibly assaulted young interns while working on my team , says Vinod Mehta in his new book

अमरेश की सड़क हादसे में मौत हुई या उनकी हत्या की गई?

इलाहाबाद। क्या कौशांबी के युवा पत्रकार अमरेश मिश्र की बाइक में टक्कर मारने वाला वाहन पुलिस का था। बेकाबू वाहन की जोरदार टक्कर का नतीजा था अमरेश की मौत। फिलहाल, जो खबर छनकर बाहर आ रही है उससे से तो यही लग रहा है। सूत्रों का दावा है कि जिस वाहन से टक्कर लगी वो सफेद कलर की स्कार्पियो थी। उस पर दो दारोगा सवार थे। ऐसे में इस संदेह को भी बल मिलने लगा है कि कहीं जानबूझकर तो हादसे को अंजाम नहीं दे दिया गया।

तो IIT दिल्ली के प्रमुख रघुनाथ शिवगाँवकर ने इसलिए दिया इस्तीफा

Satyendra Ps : भाजपा और संघ के लुटेरे किसी भी सही आदमी को रहने नहीं देंगे। सुब्रहमन्यम स्वामी 1972 और 1991 के बीच पढाए का मेहनताना 70 लाख रुपये देने के लिए IIT दिल्ली के प्रमुख रघुनाथ शिवगाँवकर पर दबाव बनाए हुए थे। पढ़ाते क्या होंगे पता नहीं लेकिन केन्द्रीय संस्थानों में भुगतान को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती, सब जानते हैं! साथ ही रघुनाथ से कहा जा रहा था कि सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए iit कैम्पस में जगह दी जाए!

Dainik Hindustan Advt Scam : next hearing date 13 January

New Delhi : 200 crore Dainik Hindustan Government Advertisement  scandal, the Supreme Court has listed the Special Leave Petition (Criminal) No.1603/2013 (Shobhana Bhartia Vs State of Bihar & another) for  hearing on January thirteen, 2015 next. Meanwhile, the  Superintendent of Police,Munger(Bihar), Mr.Varun Kumar Sinha has submitted the Counter-Affidavit on behalf of the Bihar Government to Mr.Rudreshwar Singh, the counsel  for the Bihar Government in the Supreme Court in the Special Leave Petition (Criminal) No. 1603 of 2013 .Now, the Counsel for the Bihar Government, Mr. Rudreshwar Singh  has to  file the Counter-Affidavit  in the Supreme Court and has to argue on behalf of the Bihar Government in this case.

पत्रकार एवं फिल्म मेकर तुषार कांति राय का निधन

लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार, डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर एवं समाजसेवी तुषार कान्ति राय का निधन 28 दिसम्बर को लखनऊ में हो गया, वे 63 वर्ष के थे। वे द हिन्दू अखबार के संवाददाता रह चुके, वरिष्ठ पत्रकार दादा पी0के0राय के अनुज थे। टी0के0राय के निधन पर राजधानी के पत्रकारों  ने व उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित, महामंत्री रमेश चन्द जैन व लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला सहित संगठन के अनेक पदाधिकारियों ने शोक व्यक्त किया है।

अजीत अंजुम की बिटिया जिया ने मोदी की बजाय केजरी पर मुहर मारा (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : अजीत अंजुम ‘इंडिया टीवी’ चैनल में मैनेजिंग एडिटर हैं. इनकी एक प्यारी सी बिटिया है. नाम है- जिया. लगभग साढ़े आठ साल की होंगी. एक रोज यूं ही जिया ने अपने पापा से बातचीत के दौरान केजरीवाल और मोदी को लेकर जिक्र किया. अजीत अंजुम के भीतर का पत्रकार जगा और उन्होंने जिया से सहज भाव से बातचीत करते हुए सब कुछ मोबाइल में रिकार्ड कर लिया. जिया की मम्मी हैं गीताश्री जो खुद जानी-मानी महिला पत्रकार हैं. पत्रकार मां-पिता की बिटिया होने से उन्हें घर में बहस और विचार का माहौल मिलेगा ही. और, इस माहौल में अगर बच्चा अपनी कोई ओपीनियन बनाए तो वह सुनने जानने लायक होगा.

कविता पाठ करती दिखीं एंकर तनु शर्मा

Ankit Sharma : बीते दिनों देश के मशहूर चैनल इंडिया टीवी की पत्रकार तनु शर्मा ने आत्महत्या की कोशिश की थी. उन्होंने इंडिया टीवी प्रबंधन के द्वारा हुए मानसिक शोषण के चलते ये कदम उठाया था लेकिन ईश्वर की कृपा से आज भी वो हमारे बीच हैं, सकुशल हैं… हाल ही में उनको टीवी पर नहीं, लेकिन एक वीडियो में देखा, कविता पाठ करते हुए.

50 से ज्यादा मासूमों-गरीबों के हत्यारे ये बोडो वाले ‘आतंकवादी’ ना होकर ‘उग्रवादी’ बने रहते हैं!

Nadim S. Akhter : सिर्फ पाकिस्तान, कश्मीर, अमेरिका और मुंबई जैसी जगहों पर लोगों के मरने पर इस देश के लोगों का खून खौलता है. बाकी टाइम देश में शांति छाई रहती है. अमन-चैन कायम रहता है. मीडिया-सरकार-सोशल मीडिया, हर जगह. कोई शर्मिंदिगी नहीं जताता, कोई अफसोस नहीं करता, कोई कविता नहीं लिखता, कोई मोमबत्ती की फोटुक नहीं लगाता, कोई अपनी जातीय-मजहबी पहचान को लेकर पश्चाताप-संताप नहीं करता.

आपके एक और भारत रत्न हैं, जिनके पास संसद के लिए नहीं, लेकिन फेरारी कार की रेस के लिए वक्त होता है!

Nadim S. Akhter : कांग्रेस बीजेपी लेफ्ट राइट समाजवाद जनतावाद आमवाद और सारे वाद वाली पार्टियों ! जिस तरह भगवान, इंसान के चढ़ावे का मोहताज नहीं, आपके शिरनी-लड्डू-सोने के आभूषण-हलवे और फलों के प्रसाद का इच्छुक नहीं, उन्हें इसकी चाह नहीं-परवाह नहीं, ठीक उसी तरह… हमारे देश की महान विभूतियां तुम्हारे यानी राजसत्ता (जब तुम लोग इस पर काबिज होते हो) द्वारा प्रदत्त सम्मानों-पुरस्कारों-अलंकरणों की भूखी नहीं, उन्हें इसकी दरकार नहीं, जरूरत नहीं. वे जनता के दिल में हैं. वे देश के इतिहास में हैं. इतिहास लिखा जाएगा, फिर मिटा दिया जाएगा. फिर लिखा जाएगा और फिर बदल दिया जाएगा. फिर लिखा जाएगा और फिर ऐसी ही कोई कोशिश होगी…

यूपी में जंगल राज : आप लोग इस यादव के खिलाफ कुछ लिखते क्यों नहीं?

Yashwant Singh : एक मेरे उद्योगपित मित्र कल मिलने आए. बोले- यार कुछ लिखते क्यों नहीं आप लोग इस यादव के खिलाफ?

मैंने पूछा- किस यादव के खिलाफ? उनका पूरा नाम पता तो होगा?

इंडिया न्यूज के बस्ती जिले के रिपोर्टर सतीश श्रीवास्तव सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बस्ती। नगर थाना क्षेत्र के पोखरनी गांव में धर्मांतरण के नाम पर चैनल की टीआरपी बढ़ाने को लेकर दिखाई गई खबर को जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया. जांच कराने पर खबर और प्रकरण फर्जी पाया गया. इसको लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए आपसी सौहार्द बिगाड़ने के मामले में इंडिया न्यूज के रिपोर्टर सतीश श्रीवास्तव सहित पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया.

अंग्रेजी दैनिक द हितवाद के स्टेट हेड श्रीकांत साकालकर इसी 31 दिसंबर को कार्यमुक्त होंगे!

रायपुर से सूचना मिली है कि अंग्रेजी दैनिक द हितवाद के स्टेट हेड श्रीकांत साकालकर आगामी 31 दिसंबर 2014 को कार्य मुक्त हो रहे हैं। उनकी जगह कौन लेगा, ये अभी तय नहीं हो पाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीकांत का सेवानिवृत्ति के बाद का 3 साल का एक्सटेंशन 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।

पी7 के आंदोलनकारी पत्रकारों की इस छिपी प्रतिभा को देखिए

Yashwant Singh : आंदोलन अपने आप में एक बड़ा स्कूल होता है. इसमें शरीक होने वाले विभिन्न किस्म की ट्रेनिंग लर्निंग पाते हैं. सामूहिकता का एक महोत्सव-सा लगने लगता है आंदोलन. अलग-अलग घरों के लोग, अलग-अलग परिवेश के लोग कामन कॉज के तहत एकजुट एकसाथ होकर दिन-रात साथ-साथ गुजारते हैं और इस प्रक्रिया में बहुत कुछ नया सीखते सिखाते हैं. पी7 न्यूज चैनल के आफिस पर कब्जा जमाए युवा और प्रतिभावान मीडियाकर्मियों के धड़कते दिलों को देखना हो तो किसी दिन रात को बारह बजे के आसपास वहां पहुंच जाइए. संगीत का अखिल भारतीय कार्यक्रम शुरू मिलेगा.

नेशनल दुनिया जयपुर में सेलरी संकट, काम बंद करने की तैयारी

नेशनल दुनिया अखबार के सभी संस्करणों में वेतन का संकट खड़ा हो गया है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और जयपुर में पत्रकारों और अन्य मीडिया कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के संस्करणों में पहले से ही सेलरी कई-कई महीने देरी से मिल रही है. अब जयपुर संस्करण में भी यह समस्या शुरू हो गई है. जयपुर में नवंबर महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं मिली है, इधर दिसंबर भी बीतने जा रहा है.

नौकरी का झांसा देकर लड़कियों का एमएमएस बनाने वाला संपादक गिरफ्तार

लखनऊ : नौकरी का झांसा देकर लड़कियों का एमएमएस बनाने वाले एक मासिक पत्रिका के संपादक को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. ट्रांस गोमती के पुलिस अधीक्षक दिनेश यादव ने बताया कि गोमतीनगर में रहने वाली एक युवती ने अमित श्रीवास्तव नामक व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि यह व्यक्ति एक मासिक पत्रिका का संपादक है.

दैनिक भास्कर देश में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार

प्रिय पाठकों,

भास्कर के लाखों पाठक परिवारों को नमन के साथ, मुझे यह बताते हुए खुशी है कि आपका अपना अखबार दैनिक भास्कर अब देश का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार हो गया है। समाचार पत्रों की विश्वसनीय संस्था ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) ने अपनी जनवरी-जून 2014 की रिपोर्ट में यह प्रमाणित किया है कि किसी भी भाषा में निकलने वाले अखबारों में दैनिक भास्कर की प्रसार संख्या देश में सबसे ज्यादा है।

मीडिया का मजा

गांव-देहात में एक पुरानी कहावत है गरीब की लुगाई, गांव भर की भौजाई. शायद हमारे मीडिया का भी यही हाल हो चुका है. मीडिया गरीब की लुगाई भले ही न हो लेकिन गांव भर की भौजाई तो बन ही चुकी है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. मीडिया का जितना उपयोग बल्कि इसे दुरूपयोग कहें तो ज्यादा बेहतर है, हमारे देश में सब लोग अपने अपने स्तर पर कर रहे हैं, वह एक मिसाल है. आमिर खान की लगभग अर्थहीन फिल्म पीके में जिस तरह मीडिया का उपयोग किया गया है, वह इसी बात की तरफ इशारा करती है. पीके के पहले एक और फिल्म आयी थी और उसके चर्चे भी खूब हुये. आप भूल रहे हैं? उस फिल्म के नाम का पहला अक्षर भी पी से था अर्थात पीपलीलाईव. दोनों फिल्मों का खासतौर पर उल्लेख करना जरूरी पड़ता है क्योंकि दोनों फिल्में एक पत्रकार होने के नाते मुझे जख्म देती हैं. यह बात और साथियों के साथ भी होगी लेकिन वे कह नहीं रहे हैं या कहना नहीं चाहते हैं.

फर्जीवाड़े में पत्रकार जेल में

‘प्रदेश टुडे’ के ग्वालियर संस्करण के पत्रकार चंद्रेश गर्ग को पिछले दिनों एसटीएफ (स्पेशल टास्क फ़ोर्स) ने ग्वालियर में गिरफ्तार किया है। चंद्रेश पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी को व्यापम की एक प्रवेश परीक्षा में फर्जी तरीके से बैठाया था। पुलिस उन्हें 8 महीने से खोज रही थी। बाद में दबाव पड़ने पर …

सधे हुए कैरियरिस्ट होने के बाद भी अटल जी ने कुछ मामलों में असाधारण निर्णय क्षमता का परिचय दिया

: आश्चर्यजनक लेकिन सत्य अटल जी मेरे रूममेट : पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई के राजनीतिक सफरनामे का मैं बहुत कायल नहीं हूं लेकिन इसके बावजूद उन्हें भारत रत्न की घोषणा से मुझे अपार खुशी हुई जिसके पीछे व्यक्तिगत कारण है। लोग इसे मजाक समझेंगे कि अटल जी मेरे रूम मेट रहे हैं लेकिन किसी हद तक यह बात सही है। मुझे यह बात तब पता चली जब हसमत वारशी की पुण्यतिथि के आयोजन में अटल जी मुख्य अतिथि के रूप में भिंड पधारे। उस समय जनता पार्टी की सरकार थी और अटल जी विदेश मंत्री थे। हसमत वारशी श्रद्धांजलि समारोह के संयोजक थे। मेरे अग्रज और भिंड के उस समय के दिग्गज पत्रकार वर्तमान में मध्य प्रदेश उपजा के अध्यक्ष रामभुवन सिंह कुशवाह। उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम का सह संयोजक बनाया था।

पुस्तक समीक्षा : सतीश वर्मा की नई पुस्तक “कश्मीर – एक अंतहीन जंग”

एक अध्ययनशील पत्रकार जब लेखक की भूमिका में आता है तो तथ्य,अनुभव और विश्लेषण का सहज संयोजन सामने आता है । राष्ट्रीय सहारा को वरिष्ठ पत्रकार सतीश वर्मा की नई पुस्तक “कश्मीर – एक अंतहीन जंग” भी इसका अच्छा उदाहरण है । कई वर्षों से जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो चीफ के रूप में काम कर रहे सतीश वर्मा की यह दूसरी पुस्तक है । उनकी पहली पुस्तक “पाकिस्तान की हकीकत से रूबरू” पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर की हकीकत तक ले जाती है तो वहीं दूसरी पुस्तक  तमाम कश्मीर की कहानी है । कश्मीर के इतिहास से लेकर वर्तमान तक सतीश वर्मा तथ्यों,उद्धरणों और स्वंय की पत्रकारिता के अनुभवों को प्रस्तुत करते हैं । लगभग किस्सागोई की शैली में लिखी गई पुस्तक इन तत्वों के कारण आम पाठक के लिए काफी रोचक और पठनीय है। कश्मीर जैसे विवादित विषय पर बिना किसी पूर्वाग्रह और बोझिल विश्लेषण से बचते हुए लिखी गई यह पुस्तक जानकारियों को स्वाभाविक अंदाज में संप्रेषित करती है।  यह कश्मीर के विषय में आम लोगों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए उपयुक्त पुस्तक है जिसे एक पत्रकार ने अपने अध्ययन और अनुभव की गई सच्चाई के साथ लिखा है।

मायावती और अखिलेश दास के पैसों के आरोपों की जांच नहीं करेगा चुनाव आयोग

चुनाव आयोग बसपा अध्यक्ष मायावती तथा पूर्व राज्य सभा सांसद अखिलेश दास द्वारा लगाए गए आरोप-प्रत्यारोप की जांच नहीं करेगा. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने मायावती द्वारा दास पर राज्य सभा सीट के लिए 100 करोड़ देने और दास द्वारा मायावती पर पैसे ले कर लोक सभा और विधान सभा सीट बेचने के आरोपों के बारे में 06 नवम्बर को ईमेल पर शिकायत भेजी थी. उन्होंने इन आरोपों को धारा 171ई और 171एफ आईपीसी के तहत निर्वाचन अपराध बाताते हुए मायावती और दास से पूछताछ कर उनके तथा बसपा पर आपराधिक तथा निर्वाचन विधि में कार्यवाही की मांग की है.

गैर-आदिवासी और गैर-झारखंडी के हाथ में झारखंड की कमान

झारखंड में भाजपा की राजनीति कैसे सफल हुई और मोदी की राजनीति कितनी कारगर साबित हुई, इस पर हम चर्चा करेंगे लेकिन सबसे पहले प्रदेश में बनने वाले पहले गैर-आदिवासी और गैर-झारखंडी मुख्यमंत्री के बारे में कुछ जानकारी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले रघुबर दास के नाम पर सहमति जताई और इसके बाद अपने सिखाए पढाए दूतों के जरिए रांची में रघुबर के नाम की घोषणा करवा दी। रघुबर दास इस राज्य के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं। रघुबरदास के बारे में अखबारों में कई तरह की खबरें छप रही हैं। उनके व्यक्तित्व, उनके परिवार, उनकी शिक्षा दीक्षा, उनके खान पान और न जाने क्या क्या।

पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें तस्वीरें) : पार्ट 4

इस बार पी7 के आंदोलनकारी पत्रकार लंबी लड़ाई के मूड में आए हैं. इसीलिए उनके आंदोलन में कोई अफरातफरी और कोई उतावलापन नहीं है. सब कुछ शांति के साथ और प्लानिंग के साथ हो रहा है. एक आह्वान पर सभी पत्रकारों का आफिस पहुंच जाना और आफिस के मुख्य द्वारा से लेकर अंदर रिसेप्शन तक पर कब्जा कर लेना. फिर वहीं अनशन धरना शुरू कर देना. फिर आफिस के हर कोने पर हाथ से बनाए गए बैनर पोस्टर चस्पा कर देना. फिर श्रम विभाग से लेकर पुलिस, प्रशासन, भड़ास आदि को सूचित कर तस्वीरें सूचनाएं आदि शेयर करने लगना. खाने से लेकर सोने तक की व्यवस्था कर देना.

पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें तस्वीरें) : पार्ट 3

श्रम विभाग के पास ताकत बहुत है, बस वह ईमानदारी से अड़ जाए, डंट जाए. श्रम विभाग नोएडा में कई तेजतर्रार अधिकारियों के होने के कारण मीडिया से जुड़े मामलों पर इन दिनों काफी सक्रियता और तेजी दिखाई जा रही है. श्री न्यूज से लेकर भास्कर न्यूज और पी7 न्यूज तक में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों का प्रबंधन से सेलरी-बकाया आदि को लेकर विवाद है. इन चैनलों के मामले श्रम विभाग पहुंचे तो श्रम विभाग ने कड़ा रुख अपनाया और प्रबंधन पर सख्ती की.

आंदोलनकारी पत्रकारों के बीच बैठे श्रम विभाग, नोएडा के असिस्टेंट लेबर कमिश्नर शमीम अख्तर (मोबाइल से बात करते हुए).

पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें तस्वीरें) : पार्ट 2

दुनिया भर के अन्याय उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों की आवाज कौन उठाएगा? कोई नहीं. क्योंकि मीडिया हाउसेज के मालिक अपने पत्रकारों की आवाज को हमेशा कुचलते रहे हैं और उनकी आवाज को मीडिया माध्यमों से ब्लैकआउट करते रहे हैं. धन्य हो न्यू मीडिया और सोशल मीडिया की. इसके आ जाने से परंपरागत मीडिया माध्यमों की हेकड़ी, अकड़, दबंगई, मोनोपोली खत्म हुई है. आज फेसबुक ट्विटर ह्वाट्सएप ब्लाग वेबसाइट जैसे माध्यमों के जरिए पत्रकारों की आवाज उठने लगी है और मीडिया हाउसों के अंदर की बजबजाहट बाहर आने लगी है. पी7 चैनल के आंदोलनकारी पत्रकारों की बड़ी सीधी सी मांग है.

पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें वीडियो और तस्वीरें) : पार्ट 1

पत्रकारों का ऐसा एकजुट आंदोलन बहुत दिन बाद देखने को मिला. पिछली बार जब आंदोलन किया तो प्रबंधन झुका और लिखित समझौता कर सब कुछ देने का वादा किया. लेकिन तारीखें बीतने के बाद जब पता चला कि प्रबंधन झूठा निकला तो पत्रकारों ने दुबारा आंदोलन करने में तनिक भी देर न लगाई. ह्वाट्सएप पर इन आंदोलनकारी पत्रकारों का ग्रुप बना हुआ है. इस ग्रुप पर आंदोलन फिर से शुरू करने और आफिस नियत समय पर पहुंचने का आह्वान होते ही सब पत्रकार कल पी7 चैनल के नोएडा स्थित आफिस पहुंच गए. अंदर घुसकर रिसेप्शन समेत पूरे आफिस पर कब्जा जमा लिया और अनशन पर बैठ गए. लेबर डिपार्टमेंट की तरफ से तेजतर्रार और जनसरोकारी अधिकारी शमीम अख्तर मौके पर पहुंचे तो भड़ास की तरफ से यशवंत सिंह ने पी7 के आफिस जाकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया.

अपने हक के लिए चैनल के आफिस में अनशन करते पत्रकारों ने आफिस के भीतर ही रात गुजारी.

पत्रकार प्रवेश कुमारी और अजय पोरवाल को पितृ शोक

ऋषिकेश से सूचना है कि अमर उजाला की पत्रकार प्रवेश कुमारी के पिता हरपाल सिंह सोलंकी उम्र 64 वर्ष का मंगलवार तड़के निधन हो गया. वह करीब एक सप्ताह से अस्वस्थ चल रहे थे. उन्होंने राजकीय चिकित्सालय में अंतिम सांस ली. आवास विकास कालोनी वीरभद्र मार्ग निवासी हरपाल सिंह सोलंकी पेशे से निजी शिक्षक थे. वह अपने पीछे पत्नी शकुंतला देवी, एक पुत्र और पुत्री का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं.

दिल्ली में केजरीवाल का सीएम बनना इसलिए जरूरी है…

Yashwant Singh : दिल्ली में केजरीवाल का सीएम बनना इसलिए जरूरी है ताकि लोकतंत्र बचा रहे. कांग्रेस ने करप्शन के कारण तो वामपंथियों ने खुद के अहंकार की वजह से अपने आप को नष्ट कर लिया है. ऐसे में देश में कोई स्मार्ट और धारधार विपक्ष लगभग न के बराबर है. केजरीवाल और उनकी पार्टी के दिल्ली राज्य में बहुमत में आ जाने से इतना तो हम सबको संतोष रहेगा कि ये भाई और उनकी पार्टी कुछ न कुछ खुराफात करेगा, और वह खुराफात सच में जनहित में होगा.

मीडिया हाउसों ने तो पुरस्कारों को पीआर एक्सराइज का ज़रिया बना लिया है

Mukesh Kumar : कई लोगों ने पूछा है कि आपने भारत रत्न पर कुछ क्यों नहीं लिखा। मेरा जवाब ये है कि ये विषय मुझे लिखने लायक ही नहीं लगता। बरसों से मेरी मान्यता रही है कि ये इनाम ओ इकराम सत्ता के खेल के हिस्से हैं, इनका योग्यता और योगदान से कोई संबंध नहीं होता। भारत रत्न से लेकर पद्मश्री तक और साहित्य अकादमी पुरस्कारों सेलेकर छोटे-मोटे पुरस्कारों तक की अंदर की राजनीति को अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि ये पक्षपात, पूर्वाग्रहों और दुराग्रहों के अखाड़े हैंं।

टीआरपी : 51वां हफ्ता : आजतक के बेहद करीब पहुंच गया इंडिया टीवी, तरक्की की राह पर एबीपी न्यूज और न्यूज नेशन

इस साल के 51वें हफ्ते की टीआरपी आजतक और इंडिया टीवी दोनों के लिए नुकसानदायक रही. दोनों के शेयर में जबरदस्त गिरावट आई. इस गिरावट के बाद आजतक के बेहद करीब नजर आ रहा है इंडिया टीवी. बहुत मामूली सा फर्क है. एबीपी न्यूज ने ठीकठाक ग्रोथ की है. न्यूज नेशन लगातार तरक्की कर रहा है और यह जी न्यूज के गले तक पहुंच गया है. ऐसे ही बढ़ता रहा तो नंबर चार की जी न्यूज की कुर्सी हिल सकती है. एबीपी न्यूज नंबर तीन पर मजबूती से बना हुआ है और बढ़ान पर है. हिंदी व अंग्रेजी न्यूज चैनलों के विभिन्न पैरामीटर पर टीआरपी के आंकड़े इस प्रकार हैं…

पी7 चोर है… पी7 शर्म करो… पी7 प्रबंधन हॉय हॉय… (देखें अनशन स्थल की कुछ तस्वीरें)

पी7 चोर है… पी7 शर्म करो… पी7 प्रबंधन हॉय हॉय… जी हां, ऐसी ही कई तख्तियां लगाकर, आफिस की दीवारों पर चिपका कर अनशन पर बैठे हैं दर्जनों पत्रकार. जबर्दस्त ठंढ में और अपने बीवी-बच्चों को घर पर अकेला छोड़कर दर्जनों पत्रकार साथी खुद के साथ हुई धोखाधड़ी के खिलाफ नोएडा में पी7 आफिस में अनशन पर बैठे हैं. कहा भी जाता है कि अगर पत्रकार अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ नहीं लड़ सकता तो वह दुनिया में चल रहे शोषण उत्पीड़न के खिलाफ कलम किस नैतिकता से उठा सकता है. तो, दर्जनों पत्रकार साथियों ने नोएडा में स्थित पीएसीएल और पर्ल ग्रुप के न्यूज चैनल पी7 के आफिस में डेरा डाल दिया है. 
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मुकर गए चिटफंडिये भंगू के चेले, नाराज पत्रकारों ने सेलरी के लिए पी7 आफिस में फिर अनशन शुरू किया

जनता के अरबों-खरबों रुपये दबाए बैठी चिटफंड कंपनी पीएसीएल की तरफ से एक चैनल शुरू किया गया था, पी7 न्यूज नाम से. अब जबकि पीएसीएल और इसके मालिक भंगू पर सीबीआई, ईडी, आईटी, सेबी समेत कई एजेंसियों ने पूरी तरह शिकंजा कस दिया है, इस कंपनी के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने जनता का जमा धन लौटाने की बात तो छोड़िए, अपने कर्मचारियों तक का बकाया देने से इनकार करना शुरू कर दिया है. पी7 प्रबंधन ने एक बार फिर कर्मचारियों के साथ धोखा किया है.  पिछले दिनों हड़ताली कर्मियों और प्रबंधन के बीच हुए समझौते के मुताबिक प्रबंधन को कर्मचारियों को सैलरी 15 दिसंबर को देना था, लेकिन वो अब तक नहीं दिया है… इससे नाराज सौ से ज्यादा कर्मचारी आज से P7 ऑफिस कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं…

मजीठिया को लेकर दैनिक भास्कर मालिकान ने फैला रखी है अफवाह की बयार

मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों को क्रियान्वित न करने की कसम खाए बैठे दैनिक भास्कर के मालिकान-मैनेजमेंट सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ठेंगा-अंगूठा दिखाने पर आमादा दिखाई पड़ रहे हैं। उन्हें तो इसका भी खौफ-डर होता-लगता नहीं दिख रहा है कि यदि उन्होंने सर्वोच्च अदालत के आदेशानुसार मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक अपने कर्मचारियों-मुलाजिमों की सेलरी-पगार-वेतन-तनख्वाह नहीं बढ़ाई, नहीं दी तो उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है। भास्कर मालिकान तो यहां तक कहते सुने जा रहे हैं कि जो भी हो, बेशक उन्हें तिहाड़ की सलाखों के पीछे भेज दिया जाए, वे मुलाजिमों को मजीठिया के हिसाब से सेलरी कदापि नहीं देेंगे। वे तो सेलरी अपनी मर्जी के मुताबिक, अपने बनाए-नियत किए गए कानून-कायदे से ही देंगे। जिसको लेनी हो ले, जिसको नहीं लेनी हो अपना रास्ता पकड़े, कहीं और काम ढूंढ ले, तलाश ले, कर ले। हमें जरूरत होगी तो दूसरे कामगारों-कर्मचारियों को भर्ती कर लेंगे, रख लेेंगे। उनसे काम कराएंगे और पगार तो वही देंगे जो हम चाहेंगे। वैसे भी बाजार में बेरोजगारों, काम करने के चाहवानों-इच्छुकों, जरूरतमंदों की कमी थोड़े ही है। एक बुलावो, तेरह धावें। मनबढ़, अहंकारी, घमंडी, खुद को सत्ता-व्यवस्था-कानून-कायदे से ऊपर समझने वाले भास्कर के मालिकान इन सबके अलावा पैसे की कमी का रोना भी रो रहे हैं। 

हिंदी के वरिष्‍ठतम कवि आदरणीय नन्‍द चतुर्वेदी का निधन

Prem Chand Gandhi : एक दुखद सूचना… अभी-अभी समाचार मिला है कि हिंदी के वरिष्‍ठतम कवि आदरणीय नन्‍द चतुर्वेदी नहीं रहे। हिंदी के इस अप्रतिम कवि को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। नंद बाबू 92 वर्ष के युवकोचित कवि थे। उनसे जैसी प्रगाढ़ आत्‍मीयता मिली, वह उनके समकालीन कवियों में दुर्लभ थी। वे इस उम्र में भी फोन कर हालचाल पूछने वाले ऐसे कवि थे, जो मुख्‍यमंत्री को सीधे संबोधित कर कविता में अपनी जनता के दुख बता सकते थे…

लखनऊ में दलाल पत्रकारों की भीड़ के बीच अनूप गुप्ता होने का मतलब

Yashwant Singh : लखनऊ के जांबाज़ पत्रकार Anoop Gupta दिल्ली आये तो मुझे भी कुछ पल उनके साथ गुजारने का मौका मिला। अपनी मैगजीन ‘दृष्टांत’ के जरिये दलाल पत्रकारों, करप्ट मीडिया मालिकों और भ्रष्ट नौकरशाहों में खौफ का पर्याय बन चुका ये शख्स वर्तमान दौर में साहसी पत्रकारिता का प्रतीक है। करीब आधा दर्जन बार इन्हें मारने की कोशिशें हो चुकी हैं। दर्जनों मुकदमे झेल चुके हैं और यह क्रम जारी है।

बुविवि के पत्रकारिता संस्थान में पत्रकार लक्ष्मी नारायण का एकल काव्य पाठ

झांसी। सदियों तक मौन रहकर, ढेरों अन्याय सहकर, लाश बने जीते रहे हो, जहर ही पीते रहे हो, कहां तक दबते रहोगे, और कितना अब सहोगे, चुप रहो मत, कुछ तो बोलो ये पंक्तियां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार और पत्रकारिता संस्थान के सभागार में आयोेजित कालेज में कविता कार्यक्रम में ईटीवी के पत्रकार एवं युवा कवि लक्ष्मी नारायण शर्मा ने सुनाई। उनका एकल कविता पाठ यहां रखा गया था।

मोदी ने सफाई अभियान के लिए अरुण पुरी और रामोजी राव को नामित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी और ईनाडु ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव को स्वच्छ भारत अभियान के लिए नामित किया है. मोदी ने यह घोषणा अपनी बनारस यात्रा के दौरान की. अन्य जिन व्यक्तियों को नामित किया गया है उनके नाम हैं- नागालैंड के गवर्नर …

रेप केस प्रकरण में मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्‍यु के घर फरारी नोटिस चस्‍पा

मथुरा के पत्रकार कमलकांत उपमन्‍यु पर एमबीए की एक छात्रा के साथ बलात्‍कार किये जाने के आरोप में कल पुलिस ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कोर्ट से सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्यवाही करा ली है। पुलिस ने कल ही उपमन्‍यु के घर पर उसकी फरारी संबंधी सूचना का नोटिस भी चस्‍पा कर दिया है। पीड़िता के अधिवक्‍ता प्रदीप राजपूत द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रेप के आरोपी कमलकांत उपमन्‍यु के फरार हो जाने तथा पुलिस की गिरफ्त में न आने पर कल इस मामले की आई. ओ. महिला सब इंस्‍पेक्‍टर रीना ने संबंधित न्‍यायालय से सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्यवाही किये जाने की अनुमति लेकर आरोपी के घर उसका नोटिस चस्‍पा कर दिया।

रायपुर साहित्य महोत्सव को लेकर जनवादी लेखक संघ की ओर से बयान जारी

12-14 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री रमण सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने जिस साहित्य-महोत्सव का आयोजन किया, उसे जनवादी लेखक संघ असहमति का सम्मान करने के स्वांग और एक राजनीतिक छलावे के रूप में देखता है. जिस राज्य की सरकार सेना और पुलिस का इस्तेमाल कर विदेशी कॉर्पोरेट हितों की पूर्ति के लिए आदिवासियों का जघन्य दमन कर रही हो, जहां मानवाधिकारों की हालत बेहद चिंताजनक हो, जहां साधनहीन तबकों के प्रति सत्तासीनों की निंदनीय लापरवाही से अभी-अभी एक-के-बाद-एक मौतें हुई हों, उस राज्य का मुख्यमंत्री इवेंट-मैनेजमेंट की विशेषज्ञ जनसंपर्क-एजेंसिओं की मदद से आयोजित कराये गए भव्य साहित्योत्सव के द्वारा, वस्तुतः, बौद्धिक वर्ग के भीतर अपनी स्वीकृति और वैधता का वातावरण निर्मित करना चाहता है, साथ ही, लेखकों तथा जनवादी रुझान के बुद्धिजीवियों के बीच विभेद और बिखराव के अपने एजेंडे को पूरा करना चाहता है.

जिला जनसम्पर्क द्वारा किया जा रहा भेदभाव, पत्रकारों ने किया निंदा प्रस्ताव पारित

राजगढ़ (म.प्र.) जिले के सहायक जनसंपर्क अधिकारी द्वारा पत्रकारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जिसकी जिले के पत्रकारों ने कड़ी निंदा की है. जिले में आयोजित कार्यक्रमों से लेकर अन्य गतिविधियों में सहायक जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार द्वेदी द्वारा महज दो चार मुंह लगे पत्रकारों के अलावा बाकी के पत्रकारों से भेदभाव किया जा रहा है। कई मामलों में सूचना तक नहीं दी जाती। इसको लेकर जिले में संचालित गणेशशंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब जिलाध्यक्ष दिनेश जमींदार ने बताया कि पत्रकारों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचेगी तो किसी को नहीं बख्शा जाएगा, चाहें वो कोई अधिकारी हों या आम जन. उन्होंने बताया कि ज्यादातर पत्रकारों को कोई विशेष मानदेय नहीं दिया जाता है और न ही हम किसी शासकीय संस्था के कर्मचारी हैं फिर भी सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के माध्यम से प्रशासनिक गतिविधियों में भाग लेते हैं और उन्हें प्रकाशित कर समाज में जागरूकता लाने में अहम भूमिका निभाते हैं. सहायक जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा किए जा रहे भेदभाव की हम निंदा करते हैं.

‘गांव-गिरांव’ हिन्दी दैनिक का 8वां स्थापना दिवस

नौगढ़ (चन्दौली) : जनपद के प्रथम प्रकाशन गांव गिरांव हिन्दी दैनिक के 8वें स्थापना दिवस के अवसर पर नौगढ़ स्थित विकास खण्ड परिसर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय कवि सममेलन का उद्घाटन मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर मुख्य अतिथि अजवेन्द्र कश्यप ब्लाक प्रमुख नौगढ़, विशिष्ठ अतिथि समसुलहुदा सिद्व्की, वन क्षेत्राधिकारी नौगढ़, अशोक राय वन क्षेत्राधिकारी जयमोहिनी रेंज, रामकृष्ण मिश्र क्षेत्राधिकारी नक्सल क्षेत्र नौगढ़ ने किया। कविता पाठ का शुम्भारंभ सरस्वती वंदना से हुआ।

दूरदर्शन ने फिर से ओम थानवी को बुलाना शुरू कर दिया

Om Thanvi : मुद्दत बाद आज दूरदर्शन के कार्यक्रम में गया। चुनाव के नतीजों पर चर्चा थी। बीच में पहले भी कई बार बुलावा आया, पर मना करता रहा। आज तो और चैनलों पर भी जाना था। फिर भी अधिक इसरार पर हो आया। जाकर कहा तो वही जो सोचता हूँ! बहरहाल, पता चला कि कोई सरकारी निर्णय बुलाने न-बुलाने को लेकर नहीं रहा, कोई अधिकारी समाचार प्रभाग में आईं जो अपने किसी लाभ के लिए नई सरकार को इस तरह खुश करने की जुगत में थीं कि भाजपा या नरेंद्र मोदी के आलोचकों को वहां न फटकने दें!

Varanasi : This is one of the filthiest and most congested cities in the world

Jagdish Singh : I frequently c posts of my Benarasi friends praising Benaras. I fail to understand them. I have studied in BHU and lived in Benaras for quite sometime. I hardly found anything praiseworthy in this city. This is one of the filthiest and most congested cities in the world. People have no sense of cleanliness. They keep spitting all the time, majority are quite backward and ignorant, arrogant and full of blind faith, ritualistic, intolerant and they hero worship gunda type people.

‘The Hindu’ continues on the path of growth : N. Ram

N. Ram, Chairman, Kasturi &Sons Limited addressing at The Hindu Office & National Press Employees Union 58th Anniversary Function on Tuesday. From left, Rajiv C. Loachan, MD & CEO, Kasturi & Sons Limited , E. Gopal, President, Hindu Office National Press Employees Union and M. Kamalnathan, Union General Secretary are in the picture. Photo: R. RaguN. Ram, Chairman, Kasturi &Sons Limited addressing at The Hindu Office & National Press Employees Union 58th Anniversary Function on Tuesday. From left, Rajiv C. Loachan, MD & CEO, Kasturi & Sons Limited , E. Gopal, President, Hindu Office National Press Employees Union and M. Kamalnathan, Union General Secretary are in the picture. Photo: R. Ragu

“The Hindu enjoys credibility and goodwill of the people. We will continue along the path of growth,” said N. Ram, Chairman, Kasturi and Sons Limited (KSL). He was speaking at the 58 anniversary celebration of The Hindu Office and National Press Employees’ Union here on Tuesday. “We have to increase revenues in an ethical manner and reduce expenses without harming people,” said Mr. Ram

‘ओएमजी’ के आस-पास भी नहीं फटक सकी ‘पीके’

तीन दिन पहले हमने आमिर खान की फिल्म पीके देखी। उसी दिन इस पर लिखने का मन था, पर अचानक हमारे इंटरनेट ने बेवफाई कर दी और तीन के लिए वह मौत के आगोश में चला गया। अब जाकर उनका पुनर्जन्म हुआ है और हमें समय मिला है तो सोचा चलो यार उस दिन की कसर पूरी कर ली जाए। पीके को लेकर लंबा विवाद प्रारंभ हो गया है। वैसे तो इस फिल्म को लेकर पहले से ही आमिर की पहली तस्वीर को लेकर  विवाद हुआ है, लेकिन फिल्म देखने के बाद जहां लगा कि उस तस्वीर को लेकर ऐसा विवाद करना बेमानी है, वहीं इस बात को लेकर अफसोस हुआ कि आमिर की यह फिल्म परेश रावल की फिल्म ओ माय गाड के आस-पास भी नहीं फटक सकी।

विजय केडिया और राजाराम तिवारी के बारे में सूचनाएं

छत्तीसगढ़ से दो सूचनाएं हैं. पहली रायगढ़ से है. छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल ने पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार विजय केडिया को राज्य स्तरीय अग्र-विभूति पुरस्कार २०१४ से सम्मानित किया. इस  परस्कार में प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और ग्यारह हजार रुपये नगद शामिल है. यह पुस्कार केडिया को अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन नई दिल्ली की राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक और छत्तीसगढ़ अग्रवाल सम्मेलन के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान रायपुर में प्रदान किया गया. 1990 से पत्रकारिता में सक्रिय केडिया छत्तीसगढ़ में नेशनल मीडिया के एकमात्र अग्रवाल  पत्रकार हैं और इनके पिताजी स्व. ओम प्रकाश केडिया भी आजीवन श्रमजीवी पत्रकार थे.

15 वर्षों से अमर उजाला में सेवारत मयंक मिश्रा ने सिटी चीफ पद से इस्तीफा दिया

अमर उजाला, चंडीगढ़ से सूचना है कि सिटी चीफ यानि चीफ रिपोर्टर मयंक मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है. वे करीब पंद्रह वर्षों से अमर उजाला के साथ जुड़े हुए थे. मयंक की अमर उजाला चंडीगढ़ को स्थापित करने और मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका है. वे करीब पांच वर्षों से सिटी चीफ के बतौर …

ईटीवी के सीनियर एडिटर बृजेश मिश्र के बड़े भाई थे अमरेश मिश्रा

हिन्दुस्तान अखबार में प्रतापगढ जिले के ब्यूरो चीफ अमरेश मिश्रा की सड़क हादसे में मौत के बाद उनके जानने वाले स्तब्ध हैं. प्रतापगढ के लालगंज इलाके के अजहरा गावं में सड़क हादसा कोहरे के कारण हुआ. अमरेश कार से कौशाम्बी जिले स्थित अपने घर जा रहे थे. पता चला है कि अमरेश मिश्रा ईटीवी के सीनियर एडिटर और यूपी के स्टेट हेड बृजेश मिश्र के बड़े भाई थे. अमरेश उच्चकोटि के पत्रकार थे. बेहद खुशमिजाज शख्स थे. उनके अचानक चले जाने से पत्रकार जगत स्तब्ध है.

धर्म परिवर्तन की झूठी खबर चलाने वाले संवाददाता पर मुकदमा दर्ज

बस्ती : उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर कोतवाली में धर्म परिवर्तन की झूठी खबर चलाने वाले एक खबरिया चैनल के संवाददाता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार पोखरनी निवासी एक व्यक्ति द्वारा हिन्दू धर्म छोड़कर अन्य दूसरा धर्म ग्रहण कर लिए जाने संबंधी समाचार एक टीवी चैनल द्वारा 19 दिसम्बर को …

Doordarshan National to commemorate “Good Governance Day” with niche documentaries

New Delhi : Doordarshan National will celebrate Dec 25th as the birth anniversary of two exemplary personalities of the nation; Shri Atal Bihari Vajpayee and Shri Madan Mohan Malviya. Following the Prime Minister’s declaration of observing 25th December as “Good Governance Day”, the public broadcaster has lined up several special documentaries for telecast.

नूतन ठाकुर के पीएचडी शोध ग्रन्थ पर विचार गोष्ठी : धर्मान्तरण के खिलाफ थे प्रेमचंद

24 दिसंबर को सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर के पी एचडी शोध ग्रन्थ “प्रेमचंद साहित्य में धर्मान्तरण की समस्या” पर जवाहर भवन में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. डॉ ठाकुर ने बताया कि प्रेमचंद ने विक्रमादित्य का तेगा, खून सफ़ेद, जिहाद, मन्त्र, क्षमा, मंदिर और मस्जिद सहित कई कहानियों और कायाकल्प उपन्यास में इस समस्या पर दृष्टि डाली थी. आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद इस समस्या की समाज में उपस्थिति से बखूबी वाकिफ थे और वे इसके मानवीय पहलू के प्रति अत्यंत संवेदनशील थे.

जम्मू के अंग्रेजी अखबार Daily Excelsior से भड़के न्यूजपेपर वेंडर

Jammu Province Newspaper Vendor Association (JPNVA) are working for the welfare of newspaper vendor. Now from the last three years the leading english newspaper “Daily Excelsior”  published from Jammu is giving us assurance for the enhancement of commission of newspaper vendors but they did not do so.

भय दिखाकर वसूली करने वाले इस फर्जी पत्रकार की शक्ल याद रखिए, ये न तो दैनिक जागरण में है और न के. न्यूज में

सेवा में,
प्रभारी, साइबर सेल,
हजरतगंज,
जनपद लखनऊ

विषय- कथित पत्रकार रणजीत सिंह राठौड़, जनपद लखनऊ विषयक

महोदय,

कृपया निवेदन है कि मुझे कतिपय विश्वस्त सूत्रों द्वारा यह बताया गया कि रणजीत सिंह राठौड़ नाम के एक व्यक्ति स्वयं को पत्रकार बता कर ना सिर्फ तमाम लोगों पर गलत-सही रौब दिखा रहा है बल्कि वह इसके जरिये कई सरकारी कर्मियों को भय दिखा कर उनसे वसूली भी कर रहा है. मुझे जब इस बारे में विश्वास हो गया कि ये शख्स फर्जी है, तो इस प्रकरण में कार्यवाही कराने के लिए आवेदन कर रहा हूं.

फर्जी पत्रकार ने अपने फेसबुक वॉल पर खुद की यही फोटो डाल रखी है

Short film ‘Ek Bharatiya Aatma’ by Journalism University gets PRSI Award

: The film was adjudged as the ‘Best Corporate Film’ by PRSI at 36th All India Public Relations Conference held at Jaipur : Bhopal : A short film made by Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, ‘Ek Bharatiya Aatma’ was adjudged as the ‘Best Corporate Film’ at 36th All India Public Relations Conference held at Jaipur and was awarded with Public Relations Society of India (PRSI) award. The university has made a film on Makhanlal Chaturvedi’s life and the educational and academic activities of the university titled, ‘Ek Bharatiya Aatma’. The conference was organized at Jaipur from December 19 to 21. The award, on the university’s behalf, was received by the head of Advertising and Public Relations Department, Dr Pavitra Shrivastava and head of Management Department Dr Avinash Bajpai.

डीडी न्यूज वालों की जय हो, अबकी मोदी बंदर कथा

डीडी न्यूज वाले लगातार गलती पर गलती करते जा रहे हैं. ताजा मामला भी ट्वीट से जुड़ा है. डीडी न्यूज की तरफ से ट्वीट किया गया- “A man dressed as Santa Claus feeds monkeys ahead of Christmas”. लेकिन इस कैप्शन के साथ जो तस्वीर लगाई गई उसमें नरेंद्र मोदी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं और बैठक में Amit Shah, Arun Jaitley, Sushma Swaraj और Rajnath Singh हैं. लोग सोच में पड़ गए कि आखिर इस तस्वीर में क्या मोदी सांता हैं और बंदर बाकी लोग?

Vicious Conspiracy of the Sangh Parivar to fan Communal Tensions in the North-East Delhi

The thumping electoral victory of Narendra Modi led BJP in this Lok Sabha polls has undoubtedly given fresh lease of life to the communal fascist forces in India. Needless to mention that this fascist machinery remains at work even when not in power. However, of late, the fascist brigade, at the helm of which is Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), has tried to enforce its agenda of polarisation along communal lines throughout the country, both intensively as well as extensively. Be it the Trilokpuri riots in Delhi or the frenzy surrounding the all concocted ‘love jihad’; burning down of a church in North East Delhi or the recent ‘ghar wapasi’ (conversion) campaigns, the fascist engine has been running incessantly and spewing the communal venom. The latest in line of their attacks is their unwarrantable as well as unconstitutional claim over public spaces.

डीडी न्यूज वालों का सामान्य ज्ञान देखिए, राजनाथ सिंह को भाजपा अध्यक्ष बता दिया

दूरदर्शन वाले सुधरेंगे नहीं. डीडी न्यूज की तरफ से झारखंड इलेक्शन को लेकर जो ट्वीट किया गया है उसमें राजनाथ सिंह को भाजपा अध्यक्ष बताया गया है. ट्विटर का स्क्रीनशाट देखिए.

युवा महिला पत्रकार पर संपादक महोदय की इतनी मेहरबानी क्यों!

मामला दैनिक भास्कर का है. इस अखबार के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के रंगीन किस्से अभी थमे भी नहीं कि एक संपादक महोदय का किस्सा सामने आ गया है. इस अखबार में काम कर रही एक कन्या और एडिटर के बीच चौंकाने वाली कॉल डिटेल्स पूरे समूह में चर्चा का विषय बन गई है. जिन संपादक महोदय की बात हो रही है, वे दूसरे संस्करणों के संपादकों और दूसरे लोगों के फोन कॉल्स या एसएमएस का जवाब देने में रुचि नहीं दिखाते लेकिन स्वयंभू ओजस्वी संपादक उक्त कन्या के साथ देर रात से लगभग सुबह तक लगातार दो-दो तीन-तीन घंटे फोन पर बात करते रहते हैं.

सपा सरकार विज्ञापनों के जरिए ही उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रही है

मीडिया संस्थानों में विज्ञापनों का जोर चलता है। विज्ञापन देने वाला उनके लिए देवता होते हैं। मैंने छोटे कस्बों की किराना की दुकानें में लिखा देखा है ‘ग्राहक भगवान का रूप होता है’। यूपी में यही दिखाई दे रहा है। यूपी सरकार ने मीडिया संस्थानों को जब से विज्ञापन उड़ेलना शुरू किया है तब से मीडिया वालों के लिए अखिलेश और नेताजी की सरकार भगवान का रूप बन गई। ऐसे में कोई लखनऊ शहर में अपनी जायज मांग करता है तो उसे पीटा जाता है, लेकिन मीडिया के लिए यह घटना या तो खबर नहीं बनती या संक्षेप में समेटकर पत्रकारिता कर्म की इतिश्री कर ली जाती है। यह सब पिछले कुछ महीनों से ही सतह पर आया है।

सुभाष चंद्रा को औकात में ले आए जेटली, जी ग्रुप वालों से 600 करोड़ रुपये वसूलने के आदेश

जी ग्रुप वाले डीटीएच फील्ड में डिश टीवी नाम से कंपनी चलाते हैं. इस डीटीएच कंपनी की कमाई यानि ग्रास प्राफिट का दस परसेंट इन्हें भारत सरकार को देना होता है. लेकिन जी ग्रुप वाले 2006 से यह दस परसेंट रकम सरकार को देने में आनाकानी कर रहे हैं. कोई न कोई बहाना बना कर, विवाद खड़ा कर, कोर्ट-ट्रिब्यूनल जाकर पैसा देने को टाल देते हैं. इस तरह यह रकम अब तक 600 करोड़ रुपये हो चुकी है.

चरखा की लेखिका निखत परवीन को लाडली मीडिया अवार्ड

नई दिल्ली : यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड, इडिया (UNFPA) की ओर से मीडिया एवं जनसंचार में काम करने वाले पत्रकारों को औरतों और उनके अधिकारों से संबंधित समाज में जागरूकता लाने के लिए हर साल लाडली मीडिया अवार्ड दिया जाता है। तकरीबन हर साल चरखा के हिंदुस्तान में फैले ग्रामीण लेखक अपने कौशल और चरखा के मार्गदर्शन के बाद यह अवार्ड हासिल करते हैं। इस बार बिहार की राजधानी पटना से ताल्लुक रखने वाली निखत परवीन को यह अवार्ड उनके ज़रिए लिखे गए लेख ‘‘अगर शिक्षित होती तो हाथ में झाड़ू के बजाय कलम होती’’ की वजह से हासिल हुआ है।

इस पीके (महुआ चैनल के मालिक) को तरह-तरह की चोरियों के चक्कर में चार साल कैद की सजा

नई दिल्ली: महुआ चैनल के मालिक पीके तिवारी यानि प्रबोध कुमार तिवारी को सात साल का अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने के लिए दिल्ली की एक अदालत ने चार साल के कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने इसे आर्थिक अपराध बताते हुए कहा कि यह कर चोरी और काले धन के दायरे में आता है.

नार्थ इस्ट के चैनल में काम करने वाली महिला पत्रकार ने दूसरे चैनल के पत्रकार पर लगाया आरोप

खबर है कि नार्थ इस्ट के चैनल DY365 के दिल्ली ब्यूरो में कार्यरत एक महिला पत्रकार ने नार्थ इस्ट के एक दूसरे चैनल ‘न्यूज लाइव’ के पत्रकार दीक्षित शर्मा के खिलाफ एफआईआर कराई है. महिला पत्रकार ने लिखित शिकायत में कहा है कि आरोपी पत्रकार उनका मौखिक उत्पीड़न करता था. सूत्रों का कहना है कि …

रमेश चंद और बीनू मिश्रा को डेस्क पर भेजा गया, वेद रत्न शुक्ला का इस्तीफा

राष्ट्रीय सहारा,  गोरखपुर से खबर है कि स्थानीय संपादक अनिल पांडे ने स्टार रिपोर्टर कहे जाने वाले रमेश चंद व बीनू मिश्रा से रिपोर्टिंग का काम छीन कर उन्हें डेस्क पर बैठा दिया है. बडी सेलरी वाले ये दोनों रिपोर्टर बैठ कर केवल वेतन उठा रहे हैं. संस्थान में बड़ी सेलरी वाले ऐसे दर्जनों लोग हैं जिनके पास कोई काम ही नहीं है. संकट से जूझ रहा सहारा अब कई बड़ी सेलरी वाले लोगों को बाहर करने के बहाने तलाश रहा है.

मोदी जी को चिट्ठी : न्यूज़ चैनल के इनामी बदमाश मालिक को हवाई जहाज उड़ाने का NOC कैसे मिला?

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी

भारत सरकार, नई दिल्ली

विषय : न्यूज़ चैनल के इनामी बदमाश मालिक को हवाई जहाज उड़ाने का NOC कैसे मिला !

महोदय,

एक न्यूज एंकर की टिप्पणी के बहाने

टीवी देखता नहीं लेकिन इंटरनेट पर लाइव टीवी अभी-अभी देखा. नजर पड़ गई तो पलभर के लिए ठहर गया. एक बड़े न्यूज चैनल की महिला एंकर की टिप्पणी सुनिए— “नीतीश बाबू को भी क्या हो गया है. कहते रहते हैं ऐसा होता तो वैसा होता… और मोदी नाम की तकलीफ तो उनकी पेशानी पर परमानेंट जगह पा चुकी है.”

चलिए, न्यूज के साथ व्यूज का कॉकटेल रंग जमा रहा है. और एंकरिंग करते वक्त लोग ये भूल जाते हैं कि ये जो लालू हैं, नीतीश हैं, नरेंद्र मोदी हैं, वो स्टूडियो में बैठकर और अखबार-मैगजीन पढ़कर ज्ञान नहीं बांचते. सब के सब जमीन से उठे हैं, जमीन पर घूमे हैं, तभी आज हेलिकॉप्टर पर उड़ रहे हैं.

फर्जी कानपुर प्रेस क्लब का पंजीकरण हुआ रद्द

कानपुर प्रेस क्लब के नाम पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराने वाले जालसाजों का पर्दाफाश. जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज. फर्जी रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया. श्याम नगर में बनाया गया था फर्जी प्रेस क्लब. क्लब के महामंत्री का पता भी निकला फर्जी. दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की तैयारी.

हिंदुस्तान के संवाददाता को वाहन चोरी के मामले में जेल

मेरठ जनपद के भावनपुर और इंचौली थाने से रिपोर्टिंग करने वाले संवाददाता प्रेम शकंर प्रसाद (निवासी गंगानगर, एफ ब्लॉक, मेरठ) को पुलिस ने वाहन चोरी व बरामदगी में जेल भेज दिया। हिंदुस्तान के कई वरिष्ठों ने मामला दबाने के लिए पुलिस को पटाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन आखिरकार प्रेम को जेल जाना पड़ा। इस प्रकरण की अमर उजाला में छपी खबर इस प्रकार है…

DPMI में पत्रकारिता के नाम पर छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़

दिल्ली में एक ऐसा मीडिया इंस्टीट्यूट है जो गरीब तबके के बच्चों से महंगी फीस लेकर पत्रकारिता की पढ़ाई करवाता है लेकिन फेसिलिटी के नाम पर कुछ नहीं देता है. DPMI यानि Delhi Paramedical & Management Institute दिल्ली के न्यू अशोक नगर में स्थित है. इसमें मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और एविएशन की पढ़ाई होती है. इसी के साथ यहां पत्रकारिता की भी पढ़ाई कराई जाती है. दाखिला लेते समय बच्चों से बड़ी-बड़ी बाते की जाती हैं। लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया जाता। अच्छे शिक्षकों को यह कह कर निकाल दिया जाता है कि बच्चे उनसे पढ़ना नहीं चाहते। 

ओम द्विवेदी, शीतल गुप्ता और अतुल शाह के बारे में सूचनाएं

पत्रिका इंदौर में चंद दिनों पहले नई दुनिया की व्यवस्थाओं से परेशान सीनियर सब एडिटर ओम द्विवेदी को लाया गया था. लेकिन नई दुनिया में स्टेट एडिटर आनंद पाण्डेय के कमान सँभालते ही ओम द्विवेदी को वापस बुला लिया गया. ओम द्विवेदी को नई दुनिया में 5000 रुपये का ग्रोथ मिला है।

आजतक वाले फ्रीलांसर कैमरामैन का जबरदस्त शोषण कर रहे हैं

मैं आजतक न्यूज चैनल में फ्रीलांसर कैमरामैन के रूप में काम करता था. पहले आजतक में आठ घंटे काम करने पर पांच सौ रुपये मिलता था और बारह घंटे हो जाने पर डबल यानि हजार रुपये मिल जाते थे. अब आजतक ने रेट एक हजार रुपये कर दिया है लेकिन काम कराने के घंटों की कोई सीमा नहीं है. अब ये हजार रुपये देकर पंद्रह-पंद्रह घंटे काम कराते हैं और जिस किसी ने काम करने से मना किया उसे बुलाना और काम देना बंद कर देते हैं.

प्यार नहीं, आपकी पॉलिटिक्स कुछ और है बॉस… प्यार है तो धर्मांतरण की जरूरत क्यों?

हाल ही में आया इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला न्याय व तर्क के हर पहलू पर फिट बैठता है. कितनी बेहतरीन बात कही न्यायालय ने… अगर धर्म में आस्था ही नहीं, तो धर्म परिवर्तन क्यों? सही बात है, इसे तो धर्मगुरु भी मानेंगे कि धर्म को एक दांव की तरह तो नहीं इस्तमाल किया जा सकता न कि शादी करनी हो या तालाक लेना हो तो धर्म का दांव खेल दिया. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिन मामलों की सुनवाई करते हुए फैसला दिया, आईये उन पर गौर करते हैं. दरअसल एक ही विषय पर पांच अलग-अलग याचिकाएं न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गईं. इन सभी में हिन्दू लड़कियों ने मुसलमान लड़कों से शादी करने के खातिर इस्लाम कुबूल किया फिर निकाह किया व न्यायालय के समक्ष अपनी शादी को वैधता देने और सुरक्षा की मांग की. सभी याचिकाकर्ताओं ने मजिस्ट्रेट के समक्ष जो बयान दिए थे उनकी विषय वस्तु कमोबेश एक ही थी.

आईएएस अफसर जावेद उस्मानी के 22 लाख रुपये माफ किए जाने का विरोध

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु पूर्व में अध्ययन अवकाश के लिए भरे गए बांड के 22 लाख रुपए माफ कराने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है. सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार को भेजे प्रत्यावेदन में उन्होंने कहा है कि श्री उस्मानी एक बहुत ही सफल आईएएस अफसर रहे जो लगातार अपने कैरियर को संवारने में लगे रहे और उनका अपने कैरियर के अलावा कोई भी विशिष्ट सामाजिक सारोकार नहीं रहा. उन्हें विदेश में वर्ल्ड बैंक सहित कई नियुक्तियां मिलीं जिसमे वेतन के अलावा बाहरी करेंसी में भारी भत्ते मिलते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ में मजीठिया पर मैनेजमेंट का रवैया : दिलेरी की पत्रकारिता का परचम और कर्मचारियों के पेट पर लात

मस्तक यानी मास्टहेड पर अंकित है journalism of courage । मतलब दिलेरी, धैर्य, निर्भयता, पराक्रम, प्रताप, वीरता, शौर्य, शूरता, साहस, हिम्मत की पत्रकारिता। इंडियन एक्सप्रेस अखबार समूह इन्हीं शब्दों को अपने ध्वज-पताके-परचम पर दर्ज करवा कर उसे उठाए-लहराए चल रहा है, चलता जा रहा है। इसी को अपने हक में भुना रहा है, भुनाता रहा है और आगे भी भुनाते रहने की मंशा बांधे बैठा है। एक लिहाज से यह ठीक भी है। व्यवसाय, कारोबार, धंधे का अंतिम लक्ष्य तो लाभ-फायदा-मुनाफा कमाना ही तो होता है! लेकिन सवाल है कि इसे करने वाला है कौन? आदमी, मनुष्य, इंसान? या कोई और?

क्रिकेट में डीएम टीम ने मीडिया टीम को हराया

दिल्ली : इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन और बीवीएम स्कूल ने मीडिया और डीएम ईस्ट के बीच एक क्रिकेट का फ्रेंडली मैच रखा, जिसमें मीडिया की टीम के कप्तान चिराग गोठी और डीएम कुनाल के बीच टास हुआ. मीडिया ने टास जीता और पहले बैटिंग की. मीडिया की टीम ने डीएम ईलेवन के सामने 20 ओवर में 3 विकेट गंवाकर 253 रन की चुनौती दी.

रक्तिम दास नेटवर्क18 में ईवीपी बने

रक्तिम दास के बारे में सूचना है कि उन्होंने नेटवर्क18 में कार्पोरेट वाइस प्रेसीडेंट के रूप में ज्वाइन किया है. वे इसके पहले न्यूज एक्स में प्रेसीडेंट हुआ करते थे. रक्तिम नेटवर्क18 के सीओओ आलोक अग्रवाल को रिपोर्ट करेंगे. रक्तिम जी मीडिया में सीनियर वीपी और बिजनेस हेड रह चुके हैं.

भूमि कारोबारी रविन्द्र कुमार बने जनसंदेश टाइम्स, बनारस के संपादक

अरबों के एनआरएचएम घोटाले में जेल की हवा खा रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के कृपा पात्र अखबार जनसंदेश टाइम्‍स में अंदरखाने का खेल निराला है। परत दर परत धोखाधड़ी की बुनियाद पर खड़े बनारस में इस अखबार की प्रिंट लाइन में 21 दिसंबर को संपादक और मुद्रण का विवरण बदल गया। पहले अखबार की प्रिंट लाइन में संपादक के रूप में एके लारी और मुद्रण स्थान बून एक्जिम प्रा. लि., जीटी रोड, रोहनिया था। प्रिंट लाइन में नये संपादक के रूप में शहर के भूमि कारोबारी रविन्‍द्र कुमार का नाम दर्ज हो गया है।

यूपी में जंगल राज : किसानों को लाठी गोली, पत्रकार रवि सिंह पर मुकदमा

गोरखपुर । महराजगंज जिले के निचलौल तहसील के बेदौली गांव में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लाठी-गोली चलाकर तीन दर्जन किसानों को उजाड़ने की कार्रवाई की चौतरफा भर्त्सना हो रही है। इस घटना में निचलौल के पत्रकार रवि सिंह के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों में मुकदमा दर्ज करने से पत्रकार संगठन बेहद आक्रोशित हैं। महराजगंज के एक दर्जन से अधिक पत्रकारों ने डीएम-एसपी से मिलकर पत्रकार रवि सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने पर तीव्र आक्रोश जताया और तत्काल मुकदमा वापस लेने की मांग की। गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब ने भी बैठक कर पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की भर्त्सना की। प्रेस क्लब के पदाधिकारी इस मुद्दे को लेकर कमिश्नर और डीआईजी से मिले।

सारधा घोटाला : भारत के छह राज्यों में जाल, जनता को लूट कर यूं हो जाते हैं मालामाल

कोलकाता : सारधा ग्रुप की नींव वर्ष 2006 में रखी गयी थी. मां सारधा के नाम पर इसका नामकरण हुआ था. हर पोंजी स्कीम की तरह इसमें भी गगनचुंबी मुनाफे या रिटर्न का वादा किया गया था. राज्य भर में एजेंटों का बेहद मजबूत तंत्र तैयार करने के लिए एजेंटों को 25 से 40 फीसदी कमीशन दिया जाता था अर्थात यदि कोई एजेंट किसी ग्राहक से 100 रुपये लाता था तो उसे 25 से 40 रुपये मिल जाते थे. इससे एजेंटों का ऐसा व्यापक तंत्र तैयार हुआ कि बंगाल के घर-घर में उसकी पैठ हो गयी. रेगुलेटरी संस्थाओं की नजरों से बचने के लिए ग्रुप ने करीब 200 कंपनियों का समूह तैयार किया. शुरुआत में कंपनी ने सिक्योर्ड डिबेंचर तथा रेडीमेबल प्रीफरेंशियल बॉन्ड जारी करके पैसे उगाहे थे.

के. न्यूज के जिला संवाददाताओं को लाख रुपये महीने वसूली का फरमान!

कानपुर से चलने वाले के. न्यूज़ चैनल के अधिकारियों ने यूपी के जिला संवाददाताओं को तुगलकी फरमान सुना दिया है। पिछले रविवार को कानपुर हेड आफिस में यूपी के सभी जिलों के रिपोर्टरों को मीटिंग के लिए बुलाया गया था। तब सोचा ये गया था कि शायद नए लोगों के आने के बाद चैनल कुछ अच्छा करेगा, तभी बुलाया गया है। लेकिन वहां जाने के बाद तो तस्वीर दूसरी ही निकली।

सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी ममता बनर्जी हैं : कुणाल घोष

तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने अदालत में अपनी गवाही के दौरान आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं। सारदा मीडिया करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले में फंसे सारदा समूह की एक शाखा है। घोष को सोमवार को जब यहां बैंकशाल अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘‘यदि किसी ने सारदा मीडिया से सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वह मुख्यमंत्री हैं।’’

‘अखबार हॉकर्स’ गलत शब्द, ‘अखबार दूत’ नाम दिया जाए

अशोकनगर : समाचार पत्र हॉकरों को उनका हक मिलना चाहए। शासन या तो उन्हें जनसम्पर्क नीतियों में शामिल करे अथवा श्रम विभाग अपनी नीतियों के तहत उन्हें सुविधाए प्रदान करे। यह बात पत्रकार देवेन्ध ताम्रकार ने अखबार हॉकर्स यूनियन के द्वारा आयोजित बैठक में जिलेभर के हॉकर्स को संबोधित करते हुए कही। समाचार पत्र के हॉकर्स सुबह से उठकर घर-घर समाचार पत्र पहुंचाने का काम करते हैं। तभी कहीं जाकर लोगों तक अखबारों की खबरें पहुंच पाती हैं।

सड़क हादसे में हिंदुस्‍तान के पत्रकार अमरेश मिश्र की मौत

इलाहाबाद यूनिट के अंतर्गत आने वाले प्रतापगढ़ जिले में तैनात हिन्दुस्तान’ के पत्रकार अमरेश मिश्र की सोमवार रात सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा प्रतापगढ़ के लालगंज अझारा में रात तकरीबन आठ बजे हुआ। अमरेश प्रतापगढ़ कार्यालय से काम निपटाकर बाइक से कौशाम्बी स्थित अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल अमरेश काफी समय पर सड़क पर ही पड़े रहे। बाद में सड़क किनारे तड़प रहे अमरेश को एक एंबुलेंस चालक ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस उन्हें अस्पताल ले गई।

आईएएनएस हिंदी को चाहिए सब एडिटर, सीनियर सब एडिटर… करें आवेदन

समाचार एजेंसी आईएएनएस हिंदी को सब एडिटर और सीनियर सब एडिटर चाहिए.  उपसंपादक और वरिष्ठ उपसंपादक पद के लिए अनिवार्य योग्यता इस प्रकार है…

आज ये कहना कि वे हमारे माल हैं, आरएसएस की बेहयाई है

सांप्रदायिकता पूंजीवाद और औद्योगिक सभ्यता की देन है। बाजार हथियाने के लिए बाजारवादी शक्तियां सांप्रदायिकता का हथकंडा अपनाती हैं। अपनी सांप्रदाकियता की धार को तेज करने के लिए वे अतीत को भी सांप्रदायिक बनाने का कुत्सित प्रयास करती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि सामंती काल में भी मंदिर-मस्जिद ढहाए गए पर उसके पीछे सोच सांप्रदायिक नहीं विजित नरेश के सारे प्रतीकों को ध्वस्त करना था। हिंदू शासकों ने भी जब कोई राज्य जीता तो वहां के मंदिर तोड़े और पठानों व मुगलों ने भी जब कोई मुस्लिम राजा को हराया तब मस्जिदें भी तोड़ीं।

मध्यप्रदेश में ‘जनसंपर्क’ विभाग को बंद करने की तैयारी!

: 58 पेज का टेंडर जारी : अखबार एवं टीवी चैनल मालिकों को करनी पड़ेगी चरण वंदना : मध्य प्रदेश सरकार का जनसंपर्क विभाग सरकार की उपलब्धियों और योजनाओ के प्रचार प्रसार का कार्य करता है। इसके अलावा जनता के बीच से आ रहे फीडबैक से सरकार को अवगत करने का कार्य भी यही विभाग करता है। लेकिन, कुछ अधिकारियो ने जनसंपर्क विभाग को बंद करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए जनसंपर्क विभाग के उपक्रम म. प्र. माध्यम ने बकायदा टेंडर जारी कर दिए है। सरकार की ब्रांडिंग, पीआर और विज्ञापन प्रदान करने का काम अब तक जनसंपर्क विभाग ही करता आया है। इस टेंडर के अखबार, टीवी चैनल, रेडियो और वेब साइट मालिको को विज्ञापन के लिए इन कंपनियों की चरण वंदना करनी पड़ेगी।

दीपक चौरसिया के पिता का देहावसान, अंत्येष्टि शाम 4 बजे लोधी रोड श्मसान घाट पर

Awadhesh Kumar : मित्रों, एक अत्यंत दुखद खबर है। इंडिया न्यूज के मुख्य संपादक श्री दीपक चौरसिया के पिता जी का देहावसान हो गया है। उनकी अंत्येष्टि शाम 4 बजे लोधी रोड श्मसान घाट पर होगा। मेरी ओर से उनको विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। दीपक जी एवं उनके परिवार को इस आघात से उबरने की अंतःशक्ति मिले। चाहे जिस परिस्थिति में हो पिता का जाना जीवन की अपूरणीय क्षति होती है। हालांकि हम सबका हस्र भी यही होना है, क्योंकि मृत्यु ही एकमात्र सत्य है, फिर भी मनुष्य होने के नाते उसका आघात तो झेलना ही पड़ता है।

वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार के फेसबुक वॉल से.

पहले उत्तर देने वाला विद्वान समझा जाता था, अब ज्यादा प्रश्न पूछने वाला

भोपाल। पत्रकारिता में सुपर वैल्यू को छोड़ते हुए ईगो वैल्यू के मामले सबसे ज्यादा आगे आ रहे हैं। पहले उत्तर देने वाला विद्वान समझा जाता था, लेकिन अब जो सबसे ज्यादा प्रश्न पूछता है वो विद्वान निकलकर आता है। प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि खबर दोनों पक्षों को देखकर दिखाई या लिखी जानी चाहिए। उसमें एकपक्षीय का भाव नहीं होना चाहिए। वस्तुनिष्ठता पत्रकारिता का एक बड़ा मूल्य है।

विनोद कापड़ी की फिल्म को लेकर परेशान तमाम अशुभचिंतकों और विघ्नसंतोषियों के लिए कुछ जरूरी खबरें…

Ajit Anjum : विनोद कापड़ी की फ़िल्म को लेकर परेशान तमाम अशुभचिंतकों और विघ्नसंतोषियों के लिए ये ज़रूरी ख़बर है. विनोद की फ़िल्म को FOX STAR रिलीज़ करेगा, स्टार इंडिया ने सेटेलाइट का अधिकार ख़रीद लिया है, ये कम बड़ी उपलब्धि नहीं है. न्यूज़रूम से निकलकर फ़िल्म बना लेना उसकी क्रिएटिविटी का एक मुक़ाम है. मैं विनोद कापड़ी को क़रीब बीस सालों से जानता हूँ. क़रीब दस साल तक दूर-दूर से सिर्फ़ उनके काम के बारे में सुनकर और देखकर जानता रहा.

‘दिव्य हिमाचल’ को पचास करोड़ रुपये में टेकओवर करेगा ‘दैनिक हिंदुस्तान’

हिमाचल प्रदेश का अपना अखबार दिव्य हिमाचल दैनिक हिंदोस्तान के हाथों बिकने जा रहा है। दिव्य हिमाचल के मालिक भानू धमीजा पहले दैनिक भास्कर को अपना अखबार बेचने की कोशिश कर चुके हैं, मगर बीच में कंपनी के बाकी निदेशकों के आड़े आने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए थे। अब दिव्य हिमाचल पर उनकी पकड़ मजबूत है और उन्हें अखबार बेचने से रोकने वाले अधिकतर लोग बाहर किए जा चुके हैं।

दूसरों को नैतिकता सिखाने वाला विनीत कुमार लिफाफा और एयर टिकट पाकर ‘हत्यारी’ रमन सिंह सरकार के पीआर कंपेन का हिस्सा बन गया

Yashwant Singh : दलालों रंडियों से क्या बहस करना. जो एयर टिकट और लिफाफा देखकर कहीं भी मुंह मारने पहुंच जाते हैं. वैसे तो ये रोना रोते हैं कि वो देखो सहारा जैसा चोर स्पांसर कर रहा है स्पोर्ट्स टीम को… और फलाने जगह कितना बड़ा अनैतिक काम हो गया…लेकिन पच्चीस हजार रुपये के पैकेट और एयर टिकट ने इनकी आंखों कानों को रमन सिंह सरकार और उनके संरक्षित प्रशासन द्वारा चूहा मार दवा खिलाकर मारी गईं सैकड़ों महिलाओं की चीखों को सुनने से मना कर दिया..

कटिहार में पत्रकारों की आपसी खेमेबंदी, ईटीवी के पत्रकार समेत दो के खिलाफ एफआईआर

कटिहार में पत्रकारों के बीच इन दिनों जबरदस्त खेमेबंदी है. नए घटनाक्रम के तहत पता चला है कि कटिहार के ईटीवी के पत्रकार मुकेश सिन्हा और वरिष्ठ पत्रकार राजरत्न कमल पर कटिहार पुलिस ने दलित उत्पीड़न एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. ये मामला कटिहार के ही एक पत्रकार रतन कुमार पासवान ने कटिहार के एससी-एसटी थाने में दर्ज कराया है. आरोप के मुताबिक इस घटना की मुख्य वजह 25 दिसंबर को पुलिस बनाम पत्रकार के बीच होने वाली एक मैत्री क्रिकेट है.

पत्रकार सचिन जैन ने 10,000 रुपये में एफआईआर कराने का जिम्मा लिया और दो घंटे में करा भी दिया!

कुलदीप कुमार (शिव कॉलोनी रादोंर, जिला यमुना नगर, हरियाणा) ने थाना चिलकाना (सहारनपुर) में एक कथित पत्रकार के माध्यम से की जाने वाली दलाली के सम्बन्ध में आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को शिकायत भेज कर मदद मांगी जिस पर श्री ठाकुर ने डीजीपी यूपी से जांच करा कर कार्यवाही की मांग की है. कुलदीप कुमार ने 10 अगस्त 2014 को थानाध्यक्ष चिलकाना को 800 ट्राली बिल्डिंग मटेरियल की चोरी की लिखित शिकायत दी ताकि एफआईआर दर्ज हो लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. 18 सितम्बर को उन्हें एक कथित पत्रकार सचिन जैन मिला जिसने 10,000 रुपये में एफआईआर कराने का जिम्मा लिया और 2 घंटे में एफआईआर संख्या 218/2014 धारा 379/506 आईपीसी दर्ज हो गया.

आज़म खान के अनुयायी सचिव एसपी सिंह को हटाने की मांग

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रिटायर्ड आईएएस श्रीप्रकाश सिंह को सेवानिवृत्ति के बाद विभिन्न विभागों के सचिव पद की नियुक्ति से हटाये जाने की मांग की है. डॉ ठाकुर ने कहा है कि कागज़ पर श्री सिंह विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) हैं पर वरिष्ठ मंत्री आज़म खान के दवाब में सभी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए उन्हें अल्पसंख्यक और नगर विकास विभाग के सचिव के साथ सुडा और उत्‍तर प्रदेश राज्‍य गंगा नदी संरक्षण प्राधि‍करण का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया है.

ओम थानवी ने रायपुर साहित्‍य महोत्‍सव में कुछ लेखकों के जाने को डिफेंड किया!

Abhishek Srivastava : {”जो बुद्धिजीवी रायपुर में लेखकों के जाने भर को मुद्दा बना रहे हैं, क्या वे बुद्धिजगत में एक किस्म का खापवाद प्रतिपादित नहीं कर रहे?” – Om Thanvi} …आइए, ज़रा जांचते हैं कि साहित्‍य में खाप कैसे बनता है। आज ओम थानवी ने रायपुर साहित्‍य महोत्‍सव में कुछ लेखकों के जाने को डिफेंड करते हुए एक स्‍टेटस लिखा। इसे Maitreyi Pushpa और Purushottam Agrawal समेत कुछ लोगों ने साझा किया। यह मोर्चे की पहली पोजीशन है। मोर्चे की दूसरी सीमा पर डटे Vineet Kumar और Prabhat Ranjan ने महोत्‍सव की तस्‍वीर और भाषण पोस्‍ट किए। यह प्रचार मूल्‍य है। मोर्चे की तीसरी पोजीशन जनसत्‍ता में खोली गई जहां Ashok Vajpeyi ने महोत्‍सव में लेखकों को मिली आज़ादी पर एक निरपेक्ष सी दिखने वाली टिप्‍पणी ‘कभी-कभार’ में की। यह नेतृत्‍व की पोजीशन है, बिलकुल निरपेक्ष और धवलकेशी।

वरिष्ठ पत्रकार पी. साइनाथ की बहुप्रतीक्षित वेबसाइट ‘परी’ लांच

भारत के जाने-माने पत्रकार पी. साईनाथ ने अपनी बहुप्रतीक्षित वेबसाइट लांच कर दी है. यह वेबसाइट ग्रामीण भारत के दुखों-सुखों पर केंद्रित है. पीपल्स आर्काइव आफ रुरल इंडिया यानि ‘परी’ नामक इस वेबसाइट तक RuralIndiaOnline.org के जरिए पहुंचा जा सकता है.