छोटी-सी भेंट में जाने-माने साहित्यकार प्रयाग शुक्ल ने दो पत्रकारों को तगड़ा सबक याद करा दिया!

Rajesh Agrawal : युवा पत्रकार विकास शर्मा और कुछ मित्रों के साथ एक कांफ्रेंस के सिलसिले में कुछ दिन पहले दिल्ली में था। नेशनल ड्रामा स्कूल के परिसर में मैं और विकास घूम रहे थे। कला-समीक्षक, कहानीकार और कवि, कई पुरस्कारों-सम्मानों से अलंकृत प्रयाग शुक्ल भीतर प्रवेश करते हुए दिखे। मैं तो उन्हें पहचानता नहीं था, पर विकास की मुलाकात कभी उनसे हुई थी। देश के जाने-माने लोग बिना भीड़ के दिखें तो पत्रकार स्वाभाविक रूप से उन्हें लपक लेने की कोशिश करता है। विकास ने आगे बढ़कर प्रणाम किया। उन्हें याद दिलाया कि किन-किन और जगहों पर वह पहले उनसे मिल चुका है। शुक्ल जी को कुछ याद आ भी रहा था या नहीं, यह तो पता नहीं पर उन्होंने औपचारिकता निभाई और विकास को आशीर्वाद देते हुए उनका हाल पूछा।

प्रयाग शुक्ल

‘कलम के धनी यशवंत ने एक साधारण व्यक्ति की मृत्यु की असाधारण व्याख्या की!’

भड़ास के एडिटर यशवंत अपने गांव गए तो सबसे गरीब ब्राह्मण परिवार के सबसे बेटे बिग्गन महराज की असमय मौत के घटनाक्रम को सुन-देख कर उन्होंने एक श्रद्धांजलि पोस्ट फेसबुक पर लिख दी और बाद में उसे भड़ास पर भी अपलोड करा दिया. इस श्रद्धांजलि पोस्ट को बड़े पैमाने पर पसंद किया गया और सैकड़ों लाइक कमेंट्स मिले. आइए इस स्टोरी पर आए कुछ चुनिंदा कमेंट्स पढ़ते हैं. मूल स्टोरी नीचे बिलकुल लास्ट में, कमेंट खत्म होने के बाद है, ‘श्रद्धांजलि : दोस्त, अगले जनम अमीर घर ही आना!‘ शीर्षक से.

रांची एक्सप्रेस अखबार में मीडियाकर्मियों का शोषण, स्टाफ चिंतिंत

रांची एक्सप्रेस का नया प्रबंधन अपने स्टाफ के साथ तानाशाही भरा रवैया अपना रहा है. यहां के स्टाफ को दो माह बाद सेलरी दिया जाना आम बात हो गयी है. दो माह बाद भी कुछ स्टाफ को सेलरी दी जाती है, कुछ को नहीं. शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है. स्टाफ को प्रबंधन द्वारा न तो कोई आईडी दिया गया है, न ही पीएफ की सुविधा. ऐसे में कई स्टाफ लेबर कोर्ट में जाने वाले हैं.

योगी को तेल लगाने में ईटीवी वाले यूपी को 25 घंटे बिजली दिलाने लगे!

इसे ‘जल्दबाज़ी जो न कराए’ तभी कहा जाएगा जब यह मानवीय गलती हो. यानि 24 घंटे की जगह 25 घंटे गलती से टाइप हो गया हो. पर अगर जानबूझ कर 25 घंटे लिखा और दिखाया गया है तो इसका मतलब साफ है कि ईटीवी समूह योगी को तेल लगाने के चक्कर में खुद को अनपढ़-गंवार चैनल साबित करने से भी गुरेज नहीं कर रहा है.

यूपी के नए मुख्य सचिव राजीव कुमार के बुलंदशहर और लखनऊ कनेक्शन के बारे में जानिए

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने नवनियुक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार से प्रदेश के सूरत-ए-हाल और उनकी प्राथमिकताओं के बारे में बात की…

राजीव कुमार, यूपी के नए मुख्य सचिव

लखनऊ : इंजीनियर बाप के ब्यूरोक्रेट्स बेटे यानी 1981 बैच के आईएएस राजीव कुमार प्रथम के रूप में उत्तर प्रदेश को 51वां नया मुख्य सचिव मिल गया है। अभी तक पूर्ववर्ती सरकार की पंसद के मुख्य सचिव राहुल भटनागर से काम चला रही योगी सरकार ने अपनी पसंद का मुख्य सचिव चुनने में सौ दिन से अधिक का समय लगा दिया। प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके मृदुभाषी, काम के प्रति गंभीर और सादगी के प्रतीक राजीव कुमार को दिल्ली से बुलाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्हें इस कसौटी पर खरा उतरने के लिये सीमित समय में अधिकतम प्रयास करने होंगे।

डीएवीपी की नीतियों के कारण ‘तरुणमित्र’ अखबार में छंटनी, 20 से ज्यादा हुए बेरोजगार

लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक तरुणमित्र ने आर्थिक दबाव के कारण 20 से अधिक मीडिया कर्मियों को नमस्ते कह दिया है. डीएवीपी ने फाइलों में छपने वाले समाचार पत्रों को हटाने के चक्कर में उन अखबारों को भी पैनल से हटा​ दिया है, जहां सैकड़ों मीडियाकर्मियों की रोजी रोटी जुड़ी हुई थी.

हिसार के आकस्मिक प्रस्तोताओं और उद्घोषकों की जिद से झुका आकाशवाणी प्रशासन, वार्ता के बाद आंदोलन खत्म

हिसार : आकाशवाणी आकस्मिक प्रस्तोता संघ के बैनर तले लिखित व स्वर परीक्षा को लेकर जारी आंदेालन बुधवार को दोनों पक्षों की सहमति के बाद वापस ले लिया गया। परीक्षा शुरू होने के बाद जब आंदोलनरत कर्मचारियों का जुलूस धरना स्थल से सीआर लॉ कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। वहीं पुलिस प्रशासन ने आंदेालनकारियों को धारा 144 का हवाला देते हुए रोक दिया। जिससे आंदोलनकारी में और गुस्सा देखने को मिला।

अमानवीयता की हद : बीमार पिता की सेवा न कर सके इसलिए नवज्योति प्रबंधन ने मीडियाकर्मी का तबादला कर दिया!

राजस्थान : नवज्योति अखबार से खबर है कि प्रबंधन ने बेहद अमानवीय रवैया अख्तियार करते हुए एक मीडियाकर्मी का तबादला इसलिए उसके घर से दूर कर दिया ताकि वह अपने बीमार पिता की सेवा न कर सके और फिर मजबूरी में नौकरी छोड़ कर वापस घर लौट आए. बात हो रही है सुदेश शर्मा की. अजमेर से प्रकाशित नवज्योति अखबार के प्रबंधन ने सुदेश का तबादला कोटा कर दिया. यह तबादला तब किया जब सुदेश के पिता को ब्रेन हैमरेज हुआ.

(आखिरी पार्ट 5) मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी अनुवाद पढ़ें

26. अधिनियम के प्रावधानों में या वेजबोर्ड अवार्ड की शर्तों में ऐसा कुछ नहीं है, जो हमें अवार्ड के लाभ देने के लिए अनुबंध या ठेका कर्मचारियों को छोड़ कर, नियमित कर्मचारियों तक सीमित करेगा। इस संबंध में हमने अधिनियम की धारा  2(सी), 2(एफ) और 2(डीडी) में परिभाषित समाचारपत्र कर्मचारी, श्रमजीवी पत्रकार और गैरपत्रकार कर्मचारियों की परिभाषा पर ध्यान दिया है। जहां तक वेरिएबल-पे का संबंध है, इस पर पहले ही उपरोक्त पैरा 7 में ध्यान दिया गया है और सारगर्भित किया गया है, जब यह न्यायालय वेरिएवल-पे की अवधारणा पर चर्चा की, तो विचार किया कि इस राहत का मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड में उचित और न्यायसंगत निरुपण किया गया है। इसलिए वेरिएबल-पे के संबंध में कोई अन्य विचार लेकर इस लाभ को दबाने/रोकने का कोई प्रश्र नहीं उठता है। वास्तव में अवार्ड के प्रासंगिक भाग का एक पठन यह दर्शाता है कि वेरिएबल-पे की अवधारणा, जो अवार्ड में लागू की गई थी, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में निहित ग्रेड-पे से ली गई है और इसका उद्देश्य अधिनियम के दायरे में आने वाले श्रमजीवी पत्रकार और गैरपत्रकार कर्मचारियों को याथासंभव केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समतुल्य लाना है। जहां तक कि भारी नकदी हानि की बात है, हमारा मानना है कि बिलकुल वही भाव स्वयं इंगित करता है कि वह वित्तीय कठिनाइयों से अलग है और इस तरह की हानि प्रकृति में पंगु होने की सीमा से अलग, अवार्ड में निर्धारित समय की अवधि के अनुरुप होने चाहिए। यह तथ्यात्मक सवाल है जिसे केस टू केस या मामला दर मामला निर्धारित किया जाना चाहिए।

बचपन के मित्र बिग्गन महाराज के गुजरने पर यशवंत ने यूं दी श्रद्धांजलि : ‘दोस्त, अगले जनम अमीर घर ही आना!’

Yashwant Singh : गांव आया हुआ हूं. कल शाम होते-होते बिग्गन महाराज के गुजर जाने की खबर आई. जिस मंदिर में पुजारी थे, वहीं उनकी लाश मिली. उनके दो छोटे भाई भागे. मंदिर में अकेले चिरनिद्रा में लेटे बड़े भाई को लाद लाए. तख्त पर लिटाकर चद्दर ओढ़ाने के बाद अगल-बगल अगरबत्ती धूप दशांग जला दिया गया. देर रात तक बिग्गन महाराज के शव के पास मैं भी बैठा रहा. वहां उनके दोनों सगे भाइयों के अलावा तीन-चार गांव वाले ही दिखे.

दिल्ली में मैकडॉनल्ड्स के 43 रेस्तरां बंद

सड़क पर खड़े हाेकर पाव-भाजी खाने वाले युवाआें काे खींच कर रेस्तरां के अंदर बर्गर खाने पर मजबूर करने वाले अमेरिकन फास्ट फूड कंपनी के दिल्ली में चल रहे 55 में से 43 मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां आज से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए। इसके लिए चलते उसके 1700 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। यह नाैबत मैकडॉनल्ड्स और उसके 50:50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले जॉइंट वेंचर कनॉट प्लाजा रेस्ट्रान्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CPRL) के बीच चल रहे अंतरकलह का परिणाम है। देश में कुल 168 रेस्ट्रॉन्ट्स ऑपरेट करने वाली सीपीआरएल के फॉर्मर एमडी विक्रम बख्शी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताय़ा है।

आई नेक्स्ट गोरखपुर में फिर शुरू हुई राजनीति, पिट गया लेआउट डिजाइनर

गोरखपुर। आई नेक्स्ट गोरखपुर में एक बार फिर राजनीति चरम पर है। उप संपादक उपेंद्र शुक्ला को निकालने के बाद इस बार एडिटोरियल इंचार्ज दीपक मिश्रा ने लेआउट टीम को आपस में लड़ा दिया। इसमें दो लेआउट डिजाइनर आपस में भिड़ गए और इंचार्ज संतोष कुमार गिरी पिट गए। मामला संस्था के उच्चाधिकारियों तक पहुँचते ही उसे दबाने की कोशिश शुरू हो गई है।

मजीठिया को लेकर ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ की उठी मांग

काशी पत्रकार संघ में हुई बैठक, पूर्वांचल सम्मेलन में तय होगी आंदोलन की रूप रेखा, सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष का निर्णय

वाराणसी : काशी पत्रकार संघ और समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन की संयुक्त बैठक रविवार 25 जून को पराड़कर स्मृति भवन में हुयी। इसमें मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में हुए फैसले पर विस्तार से चर्चा हुयी। साथ ही यह निर्णय हुआ कि मजीठिया मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कराने के लिए पुरजोर आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए शासन-प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जायेगा। ताकि फास्ट ट्रैक कोर्ट बनने से पत्रकारों को शीघ्र ही न्याय प्राप्त हो सके।

चक्काजाम का कवरेज कर रहे पत्रकार को जान से मारने की कोशिश

जांजगीर-चांपा : पिकअप की चपेट में आकर मोटर सायकल सवार की मौत हो जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दुर्घटनाकारित वाहन में आग लगा दी. समाचार संकलन कर रहे दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संवाददाता चैतन्य बु़द्ध से मारपीट करते हुए जान से मारने की कोशिश की. इन्हें मालखरौदा थाना प्रभारी केपी गुप्ता एवं स्टाफ के द्वारा आंदोलनकारियों से सुरक्षित बचाया गया.

ईटीवी में तबादले : शोभित इलाहाबाद और अख्तर लखनऊ पहुंचे, चार स्ट्रिंगर्स भी इधर-उधर हुए

विधानसभा चुनावों में अपने पत्रकारों को प्रमोशन का लॉलीपोप देकर रोकने वाले ईटीवी ने अब छंटाई का डंडा चलाना शुरू कर दिया है। आज ईटीवी ने आधा दर्जन रिपोर्टर्स और स्ट्रिंगर्स के तबादले कर दिये हैं। कईयों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है तो कई ऐसे भी हैं जिन्हें गैर-महत्वपूर्ण जगहों पर भेजकर नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। आगरा में कार्यरत रिपोर्टर शोभित चतुर्वेदी को इलाहाबाद भेजा गया है और इलाहाबाद में टूएमवी इंचार्ज अख्तर हुसैन की नई पोस्टिंग लखनऊ में असाइनमेंट पर की गयी है।

एलडीए वीसी पीएन सिंह पर कसा शिकंजा, राजीव कुमार बने नए मुख्य सचिव

आईएएस अफसर अनुराग तिवारी केस में एलडीए वीसी पीएन सिंह पर कसा शिकंजा… आज हौंकेगी सीबीआई… करेगी वीसी पीएन सिंह के करीबी अफसरों से पूछताछ… शाम 4 बजे पूछताछ के लिए सीबीआई ने कार्यालय बुलाया… Lda के चार कर्मचारियों से आज होगी पूछताछ… व्यवस्थाधिकारी अशोक पाल सिंह, वीसी के पीएसओ विशाल, ड्राइवर सुभाष, उतबीर हसन से होगी पूछताछ.. सभी lda कर्मचारियों पर सीबीआई सख्त… अनुराग तिवारी की मौत के मामले में सबूत तलाशेगी सीबीआई… पिएँ सिंह भी हैं राडार पे… मौत के दिन वीसी पीएन सिंह के साथ एक ही कमरे में रुके थे अनुराग तिवारी…

ईटीवी के सीनियर एंकर रवि मिश्रा संभालेंगे नोएडा ऑफिस में जिम्मेवारी

न्यूज़18 के ETV नेटवर्क के सीनियर एंकर रवि मिश्रा का तबादला दिल्ली /एनसीआर कर दिया गया है. 2015 से वो ETV मुख्यालय हैदराबाद से अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनकी जिम्मेदारियों में इज़ाफ़ा करते हुए उनको उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की खबरों के दिल्ली में होने वाले हर डेवलपमेन्ट को नेटवर्क के लिए लिए उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गयी है.

ये देखो मोदी का मंत्री खुलेआम मूत रहा है!

मोदी का मंत्री सुरक्षा बलों के घेरे में खुलेआम मूत कर स्वच्छ भारत अभियान को कलंकित कर गया…

कृषि मंत्री राधा मोहन जी को लघुशंका लगी तो अपने इर्द-गिर्द सिक्योरिटी तैनात करके एक जगह पर खुलेआम खड़े-खड़े मंत्री ही शुरू हो गये… अब आप बताईये ऐसे मे मोदी जी और अमिताभ बच्चन जी की बातें याद रखें कि खुलें मे शौच या लघुशंका ना करें या फिर अपना आराम देखें.. बंदूक़ों के साये मे खुले में यह करने का आनंद मंत्री जी से अच्छा भला और कौन समझ सकता है…

इंडिया टीवी का महापतन, न्यूज18इंडिया से भी पिटा, जी न्यूज को सर्वाधिक फायदा

इस साल के 25वें हफ्ते की हिंदी न्यूज चैनलों की टीआरपी देखने से पता चलता है कि मोदी के ‘अच्छे दिनों’ में इंडिया टीवी के भयंकर ‘बुरे दिन’ चल रहे हैं. यह चैनल न्यूज18इंडिया से भी पीछे खिसक गया है. न्यूज18इंडिया चौथे नंबर का चैनल बन गया है. जी न्यूज लगातार दो नंबर पर कायम है और इस हफ्ते उसने सबसे ज्यादा लाभ टीआरपी में हासिल किया है. आजतक न्यूज चैनल के लिए जी न्यूज खतरा बनने की ओर है.

अमर उजाला में संपादक लेवल पर फेरबदल : दिनेश जुयाल होंगे रिटायर… विनीत सक्सेना, रवींद्र श्रीवास्तव और राकेश भट्ट को नई जिम्मेदारियां

दिनेश जुयाल

अमर उजाला में कई बदलाव हुए हैं. बरेली के संपादक दिनेश जुयाल कल यानि 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनकी जगह नया संपादक विनीत सक्सेना को बनाया गया है. विनीत अभी तक अमर उजाला मुरादाबाद के संपादक हुआ करते थे. मुरादाबाद का प्रभार रवींद्र श्रीवास्तव को दिया जा रहा है जो जम्मू के संपादक थे. जम्मू में संपादक पद पर राकेश भट्ट आसीन होंगे जो अभी तक अमर उजाला दिल्ली मेट्रो के संपादक हुआ करते थे.

कर्नाटक विधानसभा ने बेंगलूरु के दो पत्रकारों को साल-साल भर की सजा दे दी

Congress + BJP = पत्रकारों पर हमला : कर्नाटक विधानसभा ने बेंगलूरु के दो पत्रकारों को साल-साल भर की सजा दे दी है और 10-10 हजार रु. जुर्माना कर दिया है। यह सजा विधानसभा की एक विशेषाधिकार समिति की सलाह पर अध्यक्ष ने दी है। विधानसभाएं ऐसी सजा जरुर दे सकती हैं।

वाशिंद्र मिश्र ने न्यूज़18इंडिया और सुमेरा खान ने ज़ी हिंदुस्तान ज्वाइन किया

जी ग्रुप को अलविदा कहने वाले वाशिंद्र मिश्र ने नई पारी की शुरुआत न्यूज़18इंडिया चैनल के साथ की है। उन्हें कंसल्टिंग एडिटर बनाया गया है। वाशिंद्र लम्बे समय तक जी ग्रुप के यूपी चैनल के संपादक रहे। उधर एबीपी न्यूज में कार्यरत सुमेरा खान के बारे में खबर है कि उन्होंने चैनल को टाटा बाय बाय बोल दिया है। वे जी हिंदुस्तान चैनल से जुड़ गई हैं। 

एस.पी. सिंह स्मृति संस्मरण : ये थीं ख़बरें आजतक, इंतज़ार कीजिए कल तक!

भारत में टीवी पत्रकारिता के आधारस्तंभ और ‘आजतक’ के संस्थापक संपादक स्व. सुरेंद्र प्रताप सिंह (एसपी सिंह) की आज 20वीं पुण्यतिथि है, उन जैसे श्रेष्ठ पत्रकार को याद करना बहुत जरूरी है। आजतक 1995 में शुरू हुआ था और मैं इसी साल दिल्ली आया था बीएसएफ पॉलिटेक्निक से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने। शाम के समय अधिकांश छात्र recreation room में इकट्ठे होते थे जहां वो शतरंज, कैरमबोर्ड आदि खेलते थे, समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं पढ़ते थे और टीवी पर फिल्म, धारावाहिक आदि देखते थे। मेरी खेल और फिल्म में कम रुचि थी। मैं अधिकांश समय समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं पढ़ने में ही बिताता था।

मुकेश अंबानी अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के कारोबार को लील गए!

तकनीक के तेवर रिश्तों को तहस नहस कर रहे हैं। मुकेश अंबाजी और अनिल अंबानी को ही देख लीजिए। दोनों भाई हैं। सगे भाई। धीरूभाई अंबानी के स्वर्ग सिधारते ही रिश्तों में दूरियां आ गई थी, और दोनों मन से बहुत दूर हो गए। फिर मोबाइल फोन के जिस धंधे में अनिल अंबानी थे, उसी मोबाइल की दुनिया में कदम रखते ही मुकेश अंबानी ऐसा भूचाल ले आए कि उनके स्मार्टफोन और फ्री डेटा से अनिल अंबानी की दुनिया न केवल हिलने लगी, बल्कि गश खाकर धराशायी हो गई। इन दिनों अनिल अंबानी की नींद उड़ी हुई है। वे धंधा समेटने की फिराक में है। वैसे भी वे कोई मुनाफे का धंधा नहीं कर रहे हैं। भारी कर्ज का बोझ उनके सर पर है और बहुत आसानी से इससे उबरने की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है।

योगी राज में भी अवैध खनन जारी, न्यायालय के आदेशों की हो रही अवहेलना

सोनभद्र 27 जून 2017 : योगी सरकार का सौ दिन का कार्यकाल प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी का रहा है। प्रदेश में सपा-बसपा के समय से जारी वीआईपी लूट के अवैध खनन के खिलाफ जनता के गुस्से का लाभ लेकर भाजपा गठबंधन ने जनपद की चारों सीटों पर विजय प्राप्त की थी। पर आज योगी राज में जनता ने देखा कि उसके साथ धोखा हुआ है। वीआईपी का रेट पहले से तीन गुना हो गया। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बाद भी सत्ता के संरक्षण में खननकर्ता नदी में पोकलैन मशीन लगाकर खनन करा रहे है, नदियों की धार को रोककर पुल बना दिए गए है, नदी के पेटे से 20 मीटर तक खनन कराया जा रहा है। यहां तक कि सेंचुरी एरिया में खनन हो रहा है। इसके खिलाफ स्वराज अभियान रिपोर्ट तैयार कर रहा है जिसे सीबीआई के निदेशक को दिया जायेगा और सुप्रीम कोर्ट में जारी याचिका में पूरक याचिका भी दाखिल की जायेगी। यह बातें आज राबर्ट्सगंज सिंचाई विभाग डाक बंगले में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वराज अभियान की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहीं।

देश में 8 साल में मात्र 10 आईएएस पर विभागीय कार्यवाही, आरटीआई से हुआ खुलासा

कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के जन सूचना अधिकारी के श्रीनिवासन द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना दिनांक 22 जून 2017 से यह तथ्य सामने आया है कि पिछले 08 सालों में पूरे देश में मात्र 08 आईएएस अफसरों पर वृहत दंड तथा 02 आईएएस अफसर पर लघु दंड, अर्थात कुल 10 अफसरों पर विभिन्न दंड हेतु विभागीय कार्यवाही की गयी है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लौटाने वाले चीन की वस्तुओं का करें बहिष्कार : विहिप

नई दिल्ली। जून 27, 2017. कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन द्वारा रोके जाने पर विश्व हिन्दू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उसका कहना है कि नाथू ला बोर्डर से जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन द्वारा रोके जाने से सभी स्तब्ध थे. अभी तक लगता था कि इसके पीछे शायद प्राकृतिक विपदा ही मुख्य कारण रही होगी. परन्तु चीनी अधिकारियों द्वारा किए गए पत्र व्यवहार तथा जारी बयानों से अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस महत्वपूर्ण यात्रा के रोकने का एक मात्र कारण क्षेत्रीय विस्तार की अमिट भूख व दादागिरी ही है.

अकाशवाणी हिसार के कैज़ुअल एनाउंसर आमरण अनशन पर

कर्मियों के साथ उनके परिजनों ने भी धरना स्थल पर जमाया डेरा, आमरण अनशन के तीसरे दिन व धरने के छह दिन विभिन्न जन संगठनों ने दिया समर्थन

हिसार : आकाशवाणी प्रस्तोता संघ के बैनर तले आकाशवाणी के गेट पर दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने पर अब आंदोलनरत कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिजनों ने भी डेरा जमा लिया है। उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि जब तक आकस्मिक प्रस्तोताओं को पूर्णत: न्याय नहीं मिल जाता, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।

सौ दिन का योगी राज : ठाकुर लॉबी काफी सशक्त हुई, अफसर बेलगाम हुए!

अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सौ दिन पुरानी हो चुकी है। 22 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश की शक्ल-सूरत बदलने के लिये सौ दिन का कार्यकाल ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ जैसा है। सौ दिन में किसी सरकार से चमत्कार की उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन कुछ मुद्दों पर तो उंगली उठाई ही जा सकती हैं। इस लिहाज से योगी सरकार के सौ दिनों का कार्यकाल कई संतोषजनक भले लगे लेकिन पूर्ववर्ती बीजेपी सरकारों से कमतर नजर आता़ गया। योगी के सत्ता संभालने के बाद जब यह उम्मीद की जा रही थी कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार आयेगा तब अचानक कानून व्यवस्था अखिलेश काल से भी बुरे दौर में पहुंच गई। जिस जनता ने अखिलेश राज में प्रदेश में व्याप्त जंगलराज के चलते सत्ता से नीचे उतार दिया था, वही जनता यह सोचने को मजबूर हो गई कि कहीं उसका फैसला गलत तो नहीं था। हर तरह के अपराध में इजाफा हो गया था। छोटी-छोटी आपराधिक घटनाओं की बात तो दूर थी, खून-खराबा, दंगा-फसाद, लूटपाट, गैंगरेप जैसे जघन्य अपराधो ंसे अखबार के पन्ने रगे मिल रहे थे। यह सब तब हो रहा था जब सीएम योगी अपराधियों को उलटा लटका कर सीधा करने के दावे कह रहे थे।

पत्रकार सागर शर्मा की आने वाली किताब ‘इंतेहा’ दो प्रेमियों की मर्मस्पर्शी प्रेम कहानी पर आधारित है

दो प्रेमियों की मर्मस्पर्शी प्रेम कहानी “इंतेहा” का पोस्टर जुलाई माह आखरी हफ्ते में राष्ट्रीय राजधानी में लॉन्च किया जा रहा है। ये एक ऐसी कहानी है जिसमें मुख्य पात्र दोनों प्रेमी जोड़े समाज की कई दुश्वारियों की बदौलत घुटने टेकने पर मजबूर हो जाते हैं। कहानी में प्रेम, त्याग और इंसानियत के गिरते स्तर को बखूबी कलम के जरिये उतारा गया है। कहानी मुख्य रूप से समीर (काल्पनिक नाम) के इर्द गिर्द घूमती है जो समाज की कई ऐसी कुरीतियो का शिकार होता है जिनकी उसके जीवन में “इंतेहा”हो जाती है। कई रिश्तों के खोने के बाद भी कोई शख्स कैसे अपना धैर्य और आत्मविश्वास बरकार रख पाता है और वह किसी का बुरा नही चाहता यह इस कहानी के पात्र का सबसे अच्छा और मानवीय पहलू है। चाहे वह कितने भी दुख तक़लीफ़ से क्यों ना गुज़रा हो लेकिन फिर भी उसने अमानवीय व्यवहार न तो अपनी प्रेमिका के साथ किया न ही किसी और के साथ उसने कभी कोई अशोभनीय बर्ताव किया।

तब सुरेंद्र प्रताप सिंह ने समझाया- पत्रकारिता में तुम कुंठित हो जाओगे!

जाने वाले हो सके तो लौट के आना… बड़े ग़ौर से सुन रहा था ज़माना तुमको, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते…ये शब्द मेरे पिता जी के हैं। पापा की मौत के बाद उनके मुंह से यही निकला था। हो सकता है कि ये वाक्य लोगों को थोड़ा उलझा दे। मेरे पिताजी तीन भाई थे। सबसे बड़े नरेंद्र प्रताप, फिर सुरेंद्र प्रताप और सबसे छोटे सत्येंद्र प्रताप। मेरे पिताजी के दो बेटे हुए। सबसे बड़ा मैं और उसके बाद एक छोटा भाई।

(पार्ट 4) मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी अनुवाद पढ़ें

22. प्रत्युत्तर में दायर किए गए विभिन्न शपथपत्रों में समाचारपत्र प्रतिष्ठानों द्वारा अपनाए गए स्टैंड/कदम से, समय-समय पर विभिन्न राज्यों के श्रम आयुक्तों द्वारा दायर की गई रिपोर्टों में किए गए बयानों से, और साथ ही दायर की गई लिखित दलीलों से और आगे दखी गई मौखिक प्रस्तुतियों से यह स्पष्ट होता है कि संबंधित समाचारपत्र प्रतिष्ठानों ने मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड हिस्से में या नहीं कार्यान्वित किया है, इसके तहत क्या इन समाचारपत्र संस्थानों ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत और अधिसूचित मजीठिया वेजबोर्ड, जिसे दी गई चुनौती को इस न्यायालय द्वारा रिट पेटिशन नंबर 246 आफ 2011 में दिनांक 07.02.2014 के फैसले/जजमेेंट में निरस्त कर दिया गया है, की गुंजाईश और दायरे को माना है। दृढ़मत है कि अवार्ड के गैर-कार्यान्वयन या आंशिक कार्यान्वयन को लेकर जो आरोप है, जैसा कि हो सकता है, स्पष्ट रूप से विशेष तौर पर संबंधित समाचारपत्र संस्थानों की अवार्ड की समझ से उपजा है, यह हमारा विचारणीय नजरिया है कि संबंधित प्रतिष्ठानों को रिट पेटिशन नंबर 246 आफ 2011 में दिनांक 07.02.2014 को दिए गए फैसले/जजमेेंट की जानबूझकर अव्हेलना का जिम्मेवार नहीं ठहरया जा सकता है। अच्छा रहेगा, कथित चूक को बदल कर इस न्यायालय द्वारा बरकरार रखे गए अवार्ड की गलत समझ के तौर पर जगह दी जाए। इसे जानबूझकर की गई चूक नहीं माना जाएगा, ताकि न्यायालय की अवमानना अधिनियम,1971 की धारा 2बी में परिभाषित सिविल अवमानना के उत्तरदायित्व को अकर्षित किया जा सके। यद्यपि कथित चूक हमारे लिए स्पष्टत: साक्ष्य है,किसी भी समाचारपत्र प्रतिष्ठान को जानबूझकर या इरादतन ऐसा करने के विचार की गैरमौजूदगी में अवमानना का उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। दूसरी ओर वे अवार्ड को इसकी उचित भावना और प्रभाव में, इस रोशनी के साथ कि हम अब क्या राय/समझौता प्रस्तावित करते हैं, लागू करने का एक और अवसर पाने के हकदार हैं।

प्रभासाक्षी का नया अवतार पेश! अब खबरों को पढ़ें देखें सुनें, नये अंदाज़ में

भारत का प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम आज से नये अंदाज में पाठकों के लिए उपलब्ध हो गया। प्रभासाक्षी के प्रधान संपादक श्री गौतम आर. मोरारका ने मुंबई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नये पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रभासाक्षी की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि खबरों को ‘पढ़ने, देखने, सुनने और सोशल मीडिया मंचों पर शेयर करने का नया अनुभव प्राप्त कराता प्रभासाक्षी का यह नया ‘लुक’ तकनीकी लिहाज से अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है। श्री मोरारका ने कहा, ”इंटरनेट पर हिंदी पाठकों का पिछले 15 सालों से दिल जीत रहे प्रभासाक्षी.कॉम का डेस्कटॉप वर्जन मोबाइल फोन पर भी आसानी से और तीव्र गति से खुल सकेगा। पाठक हालाँकि चाहें तो गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से प्रभासाक्षी का मोबाइल एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।”

सन्मार्ग, कोलकाता वालों ने मुझे ठग लिया!

आदरणीय यशवंत जी
सादर अभिवादन

तकरीबन डेढ़ महीना पहले मैं कोलकाता स्थित सन्मार्ग अखबार में इंटरव्यू देने गया था। एचआर हेड से मेरी बात 35 हजार रुपये की हुई थी और उसने कहा था कि कंपनी आपको आने-जाने का किराया देगी। खैर, टेस्ट के उपरांत वहाँ कोई सुरेंद्र सिंह थे, जिन्होंने कहा कि 25 हजार रुपये देंगे करना हो तो बताओ। मैंने कहा मेरे लिए इस धनराशि पर काम करना संभव नहीं, और वापस हिसार लौट आया। उस समय एचआर के सज्जन ने कहा था कि किराए का पैसा सुरेंद्र सिंह दिलवा देंगे।

वाह रे हिन्दुस्तान, मदद की विधायक ने, नाम छाप दिया पूर्व विधायक का

लगता है, मजीठिया ना मिलने से हिन्दुस्तान बरेली में लोग डिप्रेशन में हैं। तभी तो इन दिनों अखबार में क्या छप रहा,  इसका किसी को होश नहीं है। सब के सब भांग खाकर आँख मूंद कर बैठे हैं। हिन्दुस्तान बरेली यूनिट के बदायूं संस्करण में 26 जून के अंक में लीड में छपी खबर की मेन हेडिंग के ऊपर लगा शोल्डर हेडिंग ”सदर विधायक आबिद रजा ने निधि के धन को खर्च करने की शुरुआत की” गलत है।

भड़ासी चुटकुला : मजीठिया, मंदी, महंगाई और मीडियाकर्मी

पत्रकार (सिटी इंचार्ज से) – सर, कल से मैं सात बजे घर चला जाऊंगा.. सिटी इंचार्ज :- क्यों? पत्रकार :- आपकी नौकरी से घर का गुजारा नहीं चलता, रात को 4-6 घँटे बैटरी रिक्शा चलाता हूँ इसलिए… सिटी इंचार्ज (भावुक हो कर) – कभी भूख लगे तो मेरे पास आ जाना, मैं भी रात को …

‘टाइम मशीन’ पर सवार यशवंत ने ये जो देखा-महसूसा!

Yashwant Singh : कल शाम कामधाम निपटा कर टहलने निकला तो मन में आने वाले खयाल में क्वालिटेटिव चेंज / ग्रोथ देख पा रहा था. लगा जैसे अपन तो इस दुनिया के आदमी ही नहीं. जैसे किसी ‘टाइम मशीन’ पर सवार हो गया था. अगल-बगल दिख रही चुपचाप खड़ी कारों, मकानों, पेड़ों, सूनी सड़कों, गलियों से रूबरू होते गुजरते सोचने लगा कि मान लो यह सब जलमग्न हो जाए, किसी महा प्रलय के चलते तो मछलियां इन्हीं कारों में अपना घर बसाएंगी और ये बहुत गहरे दबे पेड़ नई सभ्यताओं के लिए कोयला तेल आदि का भंडार बनेंगे… मतलब, कुछ भी बेकार नहीं जाना है.. सब रीसाइकिल होना है…

केंद की मोदी व उत्तर प्रदेश की योगी सरकारें हाथ धोकर पत्रकारों के पीछे पड़ी हैं!

पत्रकारों के आवास आवंटन निरस्तीकरण का आदेश वापस ले योगी सरकार… सर्वविदित है केन्द्र की मोदी सरकार ने लघु-मध्यम समाचार पत्रो के प्रकाशन पर RNI एवम् DAVP के माध्यम से शिकंजा कसकर पत्रकारों के लिए कब्र खोद दी है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पत्रकारों को आवास आवंटन में अखिलेश सरकार के फैसले को  जबरन पत्रकारों पर थोप दिया है। जिसके परिणामस्वरूप पत्रकार घर से बाहर सड़क पर आकर दर-दर भटकने को मजबूर हो जायेंगे। लोकतन्त्र के सजग प्रहरियों का उत्पीड़न करना क्या न्याय संगत है?

ईमानदार जज जेल में, भ्रष्टाचारी बाहर!

सुप्रीम कोर्ट देश की सबसे बड़ी अदालत है, इसलिए उसका फ़ैसला सर्वोच्च और सर्वमान्य है। चूंकि भारत में अदालतों को अदालत की अवमानना यानी कॉन्टेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट की नोटिस जारी करने का विशेष अधिकार यानी प्रीवीलेज हासिल है, इसलिए कोई आदमी या अधिकारी तो दूर न्यायिक संस्था से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़ा व्यक्ति भी अदालत के फैसले पर टीका-टिप्पणी नहीं कर सकता। इसके बावजूद निचली अदालत से लेकर देश की सबसे बड़ी न्याय पंचायत तक, कई फ़ैसले ऐसे आ जाते हैं, जो आम आदमी को हज़म नहीं होते। वे फ़ैसले आम आदमी को बेचैन करते हैं। मसलन, किसी भ्रष्टाचारी का जोड़-तोड़ करके निर्दोष रिहा हो जाना या किसी ईमानदार का जेल चले जाना या कोई ऐसा फैसला जो अपेक्षित न हो।

इंडिया टीवी में जबरदस्त उथल-पुथल, संत प्रसाद का इस्तीफा

इंडिया टीवी चैनल की टीआरपी लगातार गिरने से चैनल में हड़कंप मचा हुआ है. रजत शर्मा एंड कंपनी धांय-धूंय पर आमादा दिख रही है. सबसे भारी दबाव में अजीत अंजुम हैं. अंजुम जी के खासमखास आउटपुट हेड संत प्रसाद ने इस्तीफा दे दिया है. अब अंजुम पर दबाव है कि हफ्ते-दो हफ्ते में टीआरपी दुरुस्त करो वरना जाओ. बताया जा रहा है कि अजीत अंजुम ने अपने खास लोगों को इशारा कर दिया है कि जो अपनी जहां व्यवस्था कर पा रहा हो, कर ले.

मोदी-योगी राज में चोरी और चोरों का बोलबाला!

Yashwant Singh : अभी टिकट बुक कर रहा था, तत्काल में। प्रभु की साइट हैंग होती रही बार बार। paytm ने अलग से पैसा लिया और सरकार ने अलग से टैक्स वसूला, ऑनलाइन पेमेंट पर। ये साले भजपईये तो कांग्रेसियों से भी बड़े चोट्टे हैं। इनको रोज सुबह जूता भिगो कर पीटना चाहिए। मुस्लिम गाय गोबर पाकिस्तान राष्ट्रवाद के फर्जी मुद्दों पर देश को बांट कर खुद दोनों हाथ से लूटने में लगे हैं। ये लुटेरे खटमल की माफिक जनता का खून पी रहे हैं, थू सालों।

मालिक के तलुवे चाटने वाले आज के संपादकों को अगर किसी में स्पार्क दिख गया तो वे कसाई हो जायेंगे!

…जब संपादक राजेंद्र माथुर ने ब्यूरो चीफ पद पर तैनाती करते हुए रामशरण जोशी की तनख्वाह अपने से ज्यादा तय कर दी थी!

Raghvendra Dubey : एक स्टेट हेड (राज्य संपादक) की बहुत खिंचाई तो इसलिए नहीं करुंगा क्योंकि उन्होंने मुझे मौका दिया। अपने मन का लिखने-पढ़ने का। ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि मैंने उन्हें ‘अकबर’ कहना और प्रचारित करना शुरू किया जो नवरत्न पाल सकता था। उन पर जिल्ले इलाही होने का नशा चढ़ता गया और मैं अपनी वाली करता गया।

(मुगल बादशाहों ने अपने रुतबे के लिये यह संबोधन इज़ाद किया था)

अंग्रेजी अखबार के वो संपादक अपने सामने महिला पत्रकार को बिठाकर देर तक क्लीवेज निहारते थे!

पत्रकार और पत्रकारिता दोनों मरेगी… मोटाएगा मालिक… इसीलिये उसने निष्ठावान, आज्ञाकारी और मूढ़ संपादकों की नियुक्तियां की हैं!

Raghvendra Dubey : अपने नाम के आगे से जाति सूचक शब्द तो उन्होंने हटा लिया लेकिन, मोटी खाल में छिपा जनेऊ, जब-तब सही मौके पर दिख ही जाता है। सांस्कृतिक प्रिवलेज्ड वे, पूंजी के एजेंट हैं और दलाली में माहिर। उनकी जिंदगी का हर क्षण उत्सव है। शाम की तरंगित बैठकों में वे छत की ओर देख कर कहते हैं– …जिंदगी मुझ पर बहुत मेहरबान रही। मुझे जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है।

मैं संपादक विनोद शुक्ल के लिए थोड़ी बेहतर नस्ल के कुत्ते से ज्यादा कुछ नहीं था : राघवेंद्र दुबे

Raghvendra Dubey : रामेश्वर पाण्डेय ‘काका’ की 10 जून की एक पोस्ट याद आयी। उन्होंने लिखा है– 1) मालिक ने कहा हम पर हमला हुआ है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। हम मुट्ठियां ताने मैदान में। 2) मालिक ने कहा राष्ट्रविरोधी ताकतें सर उठा रही हैं। हम मुट्ठियां ताने मैदान में।

सात दशकों की ‘निर्भीक पत्रकारिता’ वाले अमर उजाला को अब डर लगता है!

एक खलनायक संत से ब्रेकिंग न्यूज़ में 7 दशकों की ‘निर्भीक पत्रकारिता’ वाले अमर उजाला को डर लगता है… कहते हैं मीडिया ना सच दिखाता है ना झूठ दिखाता है.. वो जो हो, वो ही दिखाता है. पर आज स्थिति बहुत ही भयावह है। जो कुछ मुझे लगा और मैने देखा, शायद आपने भी वही देखा हो. रामपाल पर आरोप लगे. बरवाला आश्रम में हुडदंग को हमने देखा. आपने भी. पर क्या आपने देखा की अगले ही दिन लगातार बिना रुके न्यूज़ आती रही.

ये नाग-नागिन सरेआम निर्भय होकर डांस कर रहे हैं या सेक्स! (देखें वीडियो)

अभी तक आपने रील लाइफ में नाग नागिन को डांस करते हुए देखा होगा लेकिन रीयल लाइफ में आज हम आपको नागिन नागिन का डांस दिखाते हैं. सुबह-सुबह मौसम अच्छा था जिसकी वजह से नाग-नागिन बाहर निकले और एक दूसरे से लिपट कर जमकर झूम कर नाचने लगे.

अलीगढ़ के एसएसपी राजेश पांडेय की इस संवेदनशीलता को आप भी सलाम कहेंगे

आमतौर पर पुलिस महकमे से जुड़े लोगों को रुखा-सूखा और कठोर भाव-भंगिमाओं वाला आदमी माना जाता है. लेकिन इन्हीं के बीच बहुतेरे ऐसे शख्स पाए जाते हैं जिनके भीतर न सिर्फ भरपूर संवेदनशीलता होती है बल्कि वे अपने समय के साहित्य से लेकर कला और जनसरोकारों से बेहद नजदीक से जुड़े होते हैं.

अखबार कोई भी हो, सबका हाल एक जैसा है

वैसे तो टीवी, मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा होने के कारण मुझे अखबार मंगाने-पढ़ने की जरूरत नहीं महसूस होती है। लेकिन आदतन एक अंग्रेजी एवं एक हिन्दी का अखबार मंगाता हूं। अखबार के पेज सिर्फ इस आस में पलटता हूं कि शायद मेरे पढ़ने लायक या फिर मेरी जानकारी बढ़ाने वाली कोई खबर मिल जाये। …

अगर तीन महीने तक मजीठिया का लाभ नहीं दिया तो सुप्रीम कोर्ट फिर जाने का रास्ता खुला है

7-2-2014 को मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया था, उसका कई हिस्सा इस बार भी दुहाराया गया है। ताजे आदेश में स्पष्ट लिखा है कि एक साल के अंदर 4 किश्तों में वर्कर के बकाया राशि का भुगतान मालिकान करें. यानि इस आर्डर के मुताबिक तीन माह बाद अगर वर्कर …

मैंने मोदी को वोट दिया था पर अब लगता है देश की लुटिया डूबने वाली है!

वैसे तो किसी भी देश में एक साथ कई नाम ऐसे होते हैं जो चर्चित होते हैं लेकिन इस समय देश में यदि कोई नाम सबसे ज्यादा चर्चित है तो वह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि टॉप टेन चर्चित नामों की लिस्ट बनाने के लिए कहा जाए तो एक से दस नंबर तक नरेंद्र मोदी का ही नाम लिखना पड़ेगा। दूसरा नाम वास्तव में ग्यारहवें नंबर पर आएगा। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा लोकप्रियता देश के लिए जितनी अच्छी है उतनी ही बुरी भी है।

(पार्ट थ्री) मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी अनुवाद पढ़ें

16. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि अधिनियम की धारा 12 के तहत केंद्र सरकार द्वारा सिफारिशों को स्वीकार करने और अधिसूचना जारी किए जाने के बाद श्रमजीवी पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारी मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड के तहत अपना वेतन/मजदूरी प्राप्त करने के हकदार हैं। यह, अवमानना याचिकाकर्ताओं के अनुसार, अधिनियम की धारा 16 के साथ धारा 13 के प्रावधानों से होता है, इन प्रावधानों के तहत वेजबोर्ड की सिफारिशें, अधिनियम की धारा 12 के तहत केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित होने पर, सभी मौजूदा अनंबधों के साथ श्रमजीवी पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों की सेवा की शर्तों को नियंत्रित करने वाले विशिष्ट अनुबंध/ठेका व्यवस्था को अधिलंघित  (Supersedes) करती है या इसकी जगह लेती है।

जागरण प्रबंधन को करारा तमाचा, दो पत्रकारों ने लेबर डिपार्टमेंट से अपना तबादला रुकवा लिया

मजीठिया वेज बोर्ड के लाभ मांगने पर दैनिक जागरण आगरा के प्रबंधन ने दो पत्रकारों का दूरदराज के इलाकों में तबादला करने का फरमान जारी कर दिया. इसके बाद दोनों पत्रकारों लेबर डिपार्टमेंट गए और अब लेबर डिपार्टमेंट ने इनका तबादला रोक दिया है. इन दो पत्रकारों के नाम हैं सुनयन शर्मा और रूपेश कुमार सिंह. दैनिक जागरण आगरा में सुनयन चीफ सब एडिटर हैं तो रूपेश डिप्टी चीफ सब एडिटर.

सिर पटकते ही रुक गई कुल्हाड़ी, बच गई पीपल की जान (देखें तस्वीरें)

सामाजिक कार्यकर्ताओं का गाजीपुर के औरिहार रेलवे स्टेशन पर पीपल के वृक्ष को बचाने के लिए अनोखा पहल… विदेशों से वृक्षों के प्लांटेशन का गुण सीखे भारत सरकार… पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जाने माने समाजसेवी और राजनेता बृजभूषण दुबे एक रोज ट्रेन से लौट रहे थे तो देखा कि कुछ लोग एक पीपल के पेड़ को काटने में जुटे हैं. वो फौरन ट्रेन से उतरे और जाकर कुल्हाड़ी के नीचे अपनी गर्दन रख दी कि पहले मेरा सिर काटो फिर इस पवित्र और पर्यावरण हितैषी वृक्ष को काटना. आखिरकार उनके प्रयासों से पेड़ की जान बच सकी.

मीडिया मालिकों के इस मुखबिर को भड़ास वालों ने दिया करारा जवाब

मजीठिया क्रांतिकारियों… सावधान… मीडिया मालिकों के मुखबिर नए नए रूप में टहलने लगे हैं… ऐसे ही एक मुखबिर ने भड़ास4मीडिया को झांस में लेने के लिए फर्जी आईडी से मीडिया हेल्पर बनने का दावा करते हुए इस उम्मीद से मेल भेजा कि भड़ास पर अच्छे खासे तरीके से छप जाएगा लेकिन भड़ास वालों ने इस मुखबिर की नीयत जान ली और इसे दिया करारा जवाब…

भ्रष्ट और चापलूस अफसरों ने सीएम योगी के हाथों आईएएस एनपी सिंह और आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे के करियर का कत्ल करा दिया!

सुभाष चंद्र दुबे तो लगता है जैसे अपनी किस्मत में लिखाकर आए हैं कि वे सस्पेंड ज्यादा रहेंगे, पोस्टेड कम. सुल्तानपुर के एक साधारण किसान परिवार के तेजस्वीय युवक सुभाष चंद्र दुबे जब आईपीएस अफसर बने तो उनने समाज और जनता के हित में काम करने की कसम ली. समझदार किस्म के आईपीएस तो कसमें वादे प्यार वफा को हवा में उड़ाकर बस सत्ता संरक्षण का पाठ पढ़ लेते हैं और दनादन तरक्की प्रमोशन पोस्टिंग पाते रहते हैं. पर सुभाष दुबे ने कसम दिल से खाई थी और इसे निभाने के लिए अड़े रहे तो नतीजा उनके सामने है. वह अखिलेश राज में बेईमान अफसरों और भ्रष्ट सत्ताधारी नेताओं की साजिशों के शिकार होते रहे, बिना गल्ती सस्पेंड होते रहे.

यूपी के दागी चीफ सेक्रेट्री की विदाई तय, केंद्र से लौटे राजीव कुमार सिंह को मिलेगी जिम्मेदारी

यूपी के दागी नौकरशाह और चीफ सेक्रेट्री राहुल भटनागर ने भाजपा राज में भी कई महीने तक निर्विरोध बैटिंग कर ली, यह उनके करियर की प्रमुख उपलब्धियों में से एक माना जाना चाहिए. जिस राहुल भटनागर के कार्यकाल में और जिस राहुल भटनोगर के अनुमोदन से यूपी में दर्जनों गोलमाल हुए, वही राहुल भटनागर आज भी खुद को पाक साफ दिखाकर मुख्य सचिव की कुर्सी हथियाए हुए हैं.

आप बाल-बाल बच गए हैं सर और इस वजह से हम प्यादे भी आपकी लात खाने से बाल-बाल बचे!

19 जून को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो मजीठिया वेज बोर्ड का फैसला सुनाया था, उसमें मालिकान तो बाल-बाल बचे ही, मालिकानों के खास प्यादे भी बाल बाल बचे और ईश्वर को धन्यवाद किया. 19 को माननीय सुप्रीम कोर्ट की मीडिया पार्क में देश के तमाम मीडिया कर्मी आये हुए थे। सभी अपने अपने तर्कों से लैस थे। हर कोई अपनी बात को सच साबित करने में जुटा था। अभी दोपहर के बाद का 3 बजकर 20 मिनट हुआ था, देखा की कोर्ट के में गेट से सबसे पहले दैनिक जागरण के एक वकील और 2 प्यादे ऐसे बाहर निकले जैसे उनकी जान कोर्ट ने बख्श दी हो। तीनों के चेहरे पर बाल बाल बचने का भाव स्पष्ट दिख रहा था। वे सब यही सोचते आगे भाग रहे थे, क़ि यह खबर जल्दी से संजय गुप्ता को दें कि आप बाल बाल बच गए हैं सर और आपके बाल बाल बचने के साथ ही हम सब आपके प्यादे भी आपकी लात खाने से बाल बाल बचे।

नरेंद्र मोदी कहीं भाजपा के बहादुर शाह जफर यानी अंतिम प्रधानमंत्री तो नहीं साबित होने जा रहे हैं!

Ashwini Kumar Srivastava : देश के तकरीबन हर हिस्से से आ रहीं अराजकता की खबरें अब लोगों के जेहन में यह सवाल उठाने लग गई हैं कि नरेंद्र मोदी कहीं भाजपा के बहादुर शाह जफर यानी अंतिम प्रधानमंत्री तो नहीं साबित होने वाले हैं… जिन्हें इतिहास का ज्ञान होगा, वह जानते होंगे कि साढ़े तीन सौ बरस तक समूचे हिंदुस्तान पर हुकूमत करने वाले मुगल साम्राज्य के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर के समय में पूरा देश तो बहुत दूर की बात थी, दिल्ली और उसके आसपास ही मुगलिया कानून को मानने वाले नहीं रह गए थे…

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखने की मोदी की दोगली नीति पर भाजपाई चुप क्यों हैं?

Yashwant Singh : ये तो सरासर मोदी की दोगली नीती है. देश को एक कर ढांचे में लाने की वकालत करने वाले मोदी आखिर पेट्रोल डीजल को जीएसटी से क्यों बाहर रखे हुए हैं. ये तर्क बेमानी है कि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल से भारी टैक्स से काफी पैसा पाती हैं, जिसे वह खोना नहीं चाहतीं.

शराब पीकर हंगामा करने वाला मिड डे का क्राईम रिपोर्टर शिवादेवनाथ महिला मित्र समेत अरेस्ट

मुंबई के प्रसिद्ध अंग्रेजी समाचार पत्र मिड डे के क्राईम रिपोर्टर शिवादेवनाथ को मुंबई पुलिस ने शराब पीकर पुलिस स्टेशन में हंगामा करने और वाद विवाद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शिवादेवनाथ की महिला मित्र को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मिड डे अंग्रेजी समाचार पत्र का क्राईम रिपोर्टर शिवादेवनाथ और उसकी महिला मित्र शनिवार की रात मालाड में खाना खाने के बाद रिक्शा से घर जा रहे थे।

आगरा-मथुरा के वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल का निधन

मथुरा के नियति हास्पीटल में आज सुबह करीब सवा आठ बजे वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल जी ने आंखें मूंद ली। उन्होंने आज अखबार में लंबे समय तक क्राइम रिपोर्टर और फिर सिटी इंचार्ज के तौर पर सेवा दी। इससे पहले उन्होंने विकासशील भारत में बतौर क्राइम रिपोर्टर काम किया। आज अखबार छोड़ने के बाद वे डीएलए से जुड़ गए। यहां उन्होंने बतौर सीनियर क्राइम रिपोर्टर काम किया।

आनंद मिश्र बनाए गए अमर उजाला हरदोई के ब्यूरो चीफ

हरदोई से सूचना है कि आनंद मिश्र को नया ब्यूरो चीफ बनाया गया है. इसके पहले ब्यूरो चीफ पद पर विपिन शुक्ला हुआ करते थे जिन्होंने जिले में अमर उजाला को काफी आगे तक पहुंचाया. दो अख़बारों यानि हिंदुस्तान और दैनिक जागरण में पहले से ही स्थानीय ब्यूरो चीफ थे. अब तीसरे बड़े अखबार में भी स्थानीय ब्यूरो चीफ स्थापित हो गए हैं.

यूपी प्रेस क्लब : बहुत कुछ है जो परदादारी है

प्रिय साथियों,

सबसे पहले आभार उनका जो यूपी प्रेस क्लब के लिए आवाज उठाने पर मुझे मिले धमकियों के मद्देनजर मेरे साथ खड़े हुए। वरिष्ठ, समकालीन और जूनियर बहुत से पत्रकार साथियों ने फोन कर मेरा समर्थन किया और मदद में साथ रहने की बात कही। मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति, जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन आदि संगठनों ने बयान जारी धमकी की भर्त्सना की।

भटके मुस्लिम युवकों को सुधारने के लिए यूपी एटीएस का ‘डी-रेडिक्लाइजेशन’ अभियान!

संजय सक्सेना, लखनऊ

युवा अवस्था में भटकाव लाजिमी है। कभी गलत संगत तो कभी बिगड़ी सोच के कारण युवा अपने मार्ग से भटक जाता है। ऐसा नहीं है कि पूरा युवा समाज ही भटकाव से जूझ रहा हो, ऐसे युवा भी हैं जो अपनी स्पष्ट और लक्ष्य भेदी सोच के कारण सही राह पर चलते हुए अपने कुल और देश का नाम रोशन करते हैं, लेकिन इससे इत्तर कड़वी सच्चाई तो यही है कि भटकने वाले युवाओं का ग्राफ काफी ऊपर है। शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जो दावे के साथ कह सके कि उसकी जिंदगी में भटकाव वाला मोड़ कभी नहीं आया। हॉ,सच्चाई यह भी है कि समय के साथ परिपक्त होने पर कुछ युवा संभल जाते हैं और जो नहीं संभल पाते हैं, उनके पास ठोकरे खाने के अलावा कुछ नहीं बचता है। ऐसे भटके हुए युवा घर-परिवार के लिये तो मुश्किलें पैदा करते ही हैं समाज को भी इनसे खतरा रहता है। समाज में जो अपराध बढ़ रहा है उसके पीछे ऐसे ही भटके हुए युवा हैं, जिस देश की 65 प्रतिशत आबादी युवा हो, अगर वह गलत रास्ते पर चल पड़े तो उस देश को कोई बचा नहीं सकता है। यह बात हम-आप सोचते और समझते तो हैं, लेकिन इससे निपटने के लिये कभी उपाय नहीं तलाशे गये। अगर तलाशे भी गये तो वह सीमित  और कमजोर थे।

इस्तीफा देने को मजबूर करने पर मीडियाकर्मी ने भास्कर प्रबंधन की लेबर आफिस में शिकायत की!

अन्यथा पेमेंट और ग्रेच्यूटी रोकने की धमकी देता है…

जिद से दुनिया बदलने वाले दैनिक भास्कर के बिलासपुर प्रबंधन द्वारा एक मीडियाकर्मी से जबरन इस्तीफा लेने का केस सामने आया है। यह हम उस शिकायत पत्र के आधार पर कह रहे हैं जो सहायक श्रमायुक्त, बिलासपुर को पीड़ित द्वारा दिया गया है। इस शिकायत पर सहायक श्रमायुक्त कार्यालय से जवाब तलब हेतु नोटिस भी जारी किया गया है।

Trade Union Movement has the capacity to defeat communal forces

On 14th May, Indore units of CPI and CPI (M) observed the death anniversaries of two of our Comrades of Indore. Comrade Homi Daji, former National General Secretary of AITUC, ex MP, and veteran of CPI, and Com. Jagannath Bharti of CITU and CPI (M). The meeting was chaired by another veteran Comrade Perin Daji and senior advocate Anand Mohan Mathur.

(पार्ट टू) मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी अनुवाद पढ़ें

11. इस चरण में मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड के खंड 20जे, जो मौजूदा कार्यवाही में विवाद के मुख्य क्षेत्रों में से एक है, पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा सकता है।

“20जे संशोधित वेतनमानसभी कर्मचारियों पर 1 जुलाई 2010 से लागू होगा। हालांकि यदि कोई कर्मचारी इन अनुशंसाओं के प्रवर्तन के लिए अधिनियम की धारा 12 के तहत सरकारी अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन हफ्तों के भीतर अपने मौजूदा वेतनमान और वर्तमान परिलब्धियों/प्रतिभूतियों को बनाए रखने का विकल्प चुनता है, तो वह अपने मौजूदा वेतनमान तथा ऐसी परिलब्धियों को बनाए रखने का पात्र होगा।”

”बकवास 7×24” चैनल, चीखू ऐंकर और एक गधे का लाइव इंटरव्यू

विनय श्रीकर देश के सबसे लोकप्रिय खबरिया चैनल ”बकवास 7×24” का चीखू ऐंकर पर्दे पर आता है और इस खास कार्यक्रम के बारे में बताता है। ऐंकर– आज हम अपने दर्शकों को दिखाने जा रहे हैं एक ऐसा लाइव इंटरव्यू, जिसको देख कर वे हमारे चैनल के बारे में बरबस कह उठेंगे कि ऐसा कार्यक्रम …

कुतुब मीनार देख कर लौटे यशवंत ने अपलोड की ये दो मजेदार तस्वीरें!

Yashwant Singh : दिल्ली में रहते नौ-दस साल हो गए लेकिन कुतुब मीनार कभी न देख पाया. एक रोज सुबह के वक्त मय कुनबा वहां के लिए कूच कर गया. कई फोटो वीडियो ले आया जिनमें से दो मजेदार तस्वीरें पब्लिश कर रहा हूं.

स्मृति शेष : दिनेश ग्रोवर जितना मजेदार और जिन्दादिल इंसान कम ही देखा है

बड़ी ही मजेदार थी दिनेश ग्रोवर की जिन्दादिली…  बहुत साल पहले की बात है। वयोवृद्ध पत्रकार एवं कवि-लेखक इब्बार रब्बी राजेन्द्र यादव की साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ में संपादन सहायक के तौर पर अवैतनिक सेवा दे रहे थे। रब्बी जी नवभारत टाइम्स से रिटायर हो चुके थे और आर्थिक रूप से परेशान चल रहे थे। रब्बी …

माखनलाल पत्रकारिता विवि के प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने भी लिख दी मोदी पर किताब

पुस्तक ‘मोदी युग’ का शीर्षक देखकर प्रथम दृष्टया लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्तुति में धड़ाधड़ प्रकाशित हो रही पुस्तकों में एक कड़ी और जुड़ गई। अल्पजीवी पत्र-पत्रिकाओं के लेखों के साथ ही एक के बाद एक सामने आ रही पुस्तकों में मोदी सरकार की जो अखंड वंदना चल रही है, वो अब उबाऊ …

मजीठिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी अनुवाद पढ़ें (पार्ट वन)

अखबार प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमजीवी पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मियों को मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार वेतनमान न दिए जाने और माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश न मानने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई 83 अवमानना याचिकाओं और तीन रिट पेटिशनों का निपटारा करते हुए 19 जून, 2017 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, उसे कुछ कर्मचारी साथी मालिकों के पक्ष में बताकर निराशा का माहौल पैदा करने में जुटे हुए हैं। हालांकि इस निर्णय में मालिकों के पक्ष में सिर्फ एक ही बात गई है, वो यह है कि कोर्ट ने इनके खिलाफ अवमानना को स्वीकार नहीं किया है और जिन अखबार मालिकों ने मजीठिया वेजबोर्ड अधूरा लागू किया है और जिनने नहीं लागू किया है उन्हें एक और मौका दिया गया है।

सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता ने पत्रकार को दी जान से मारने की धमकी (सुनें टेप)

सत्ता के नशे में मदहोश भाजयुमो जिलाध्यक्ष सवाई कुमावत ने पत्रकार तरुण मुखी को दी जान से मारने की धमकी.. पत्रकार ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर सवाई कुमावत के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने और खुद को सुरक्षा दिए जाने की मांग की…

बुरे फंसे अखबार मालिक, सुप्रीम कोर्ट ने बचने के सभी दरवाजे बंद किए

अखबार मालिक एक साल में नहीं सुधरे तो मीडियाकर्मियों के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का मार्ग खुलेगा… जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 19 जून 2017 को दिए गए फैसले को अगर गंभीरता से पढ़ें तो माननीय सुप्रीमकोर्ट ने अखबार मालिकों को बचाया नहीं है बल्कि उन खांचों को बंद कर दिया है जिनसे निकलकर वे बच निकलते थे। अब अखबार मालिकों ने एक साल के अंदर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया तो मीडियाकर्मी फिर उनके खिलाफ अवमानना का सुप्रीमकोर्ट में केस लगा सकते हैं।

पुराने नोटों को बदलने का धंधा बंद न होने के पीछे बहुत बड़ा झोल है!

Mukesh Aseem : महाराष्ट्र-गुजरात में सभी दलों के नेता बहुत सारे कोआपरेटिव बैंक चलाते हैं जिनके बारे में रिजर्व बैंक का मत रहा है कि ये भ्रष्टाचार, काला धन, मनी लॉन्डरिंग, आदि तमाम किस्म की चोरी-स्कैम के केंद्र हैं| नोटबंदी में भी ऐसी शिकायतें खूब आईं| गुजरात में तो ये बीजेपी के नियंत्रण में ज्यादा हैं, खुद अमित शाह से लेकर सब बड़े नेता इनके डायरेक्टर हैं| इसलिए वहाँ तो रिजर्व बैंक कुछ नहीं बोला लेकिन महाराष्ट्र में इनमें से ज़्यादा कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के कण्ट्रोल में हैं, बीजेपी के कम हैं| यहाँ भी इनके पास 2770 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे| रिजर्व बैंक ने इन्हें लेने से मना कर दिया था क्योंकि इनके जमाकर्ताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं था|

नेपाल में बाबा रामदेव के छह प्रोडक्ट लैब टेस्ट में फेल, हटाने के निर्देश

बाबा से व्यापारी बने रामदेव की दिव्य फार्मेसी के 6 उत्पादों को नेपाल सरकार ने बाजार से हटा लेने के निर्देश जारी किये हैं. इस बाबत बाकायदा अख़बारों में नोटिस निकालकर इन्हें बेचने पर रोक लगाई गई है. वज़ह है इन प्रोडक्ट्स का जीवाणु टेस्ट में असफल होना. इससे पहले भारत में भारतीय सेना के लैब टेस्ट में रामदेव के प्रोडक्ट फेल होने से सेना ने अपनी कैंटीन से प्रोडक्ट्स हटा लिए थे और बिक्री पर रोक लगा दी थी.

हिंदू राजाओं पर विजय के प्रतीक के रूप में निर्मित है कुतुब मीनार! (देखें वीडियो)

कुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली में स्थित है. यह ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास 14.3 मीटर है जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है. इसमें 379 सीढियां हैं. कहा जाता है कि दिल्‍ली के अंतिम हिन्‍दू शासक की हार के तत्‍काल बाद 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार को बनवाया. कुतुब मीनार पुरातन दिल्ली शहर, ढिल्लिका के प्राचीन किले लालकोट के अवशेषों पर बनी है. ढिल्लिका अन्तिम हिन्दू राजाओं तोमर और चौहान की राजधानी थी.

डिजिटल मीडिया को श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के दायरे में लाने की तैयारी!

Reetu Kalsi : श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 की धारा 6 के तहत काम के समय का प्रावधान है। चार सप्ताहों में 144 घंटों से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। सात दिन में एक दिन (24 घंटे) का विश्राम। वैसे धारा 7 के तहत काम के घंटों का प्रावधान संपादक पर लागू नहीं होता। लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों से दिन की पारी में 6 घंटे से ज्यादा व रात्रि की पारी में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। दिन में चार घंटे में एक घंटे का विश्राम व रात्रि में तीन घंटे में आधे घंटे का विश्राम दिया जायेगा। पता नहीं यह अधिनियम कहां पर लागू है! सुनने में आया है कुछ मीडिया कंपनियां पत्रकारों से 9 घंटे काम लेने लगी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर बता दिया- इस देश में न्याय ले पाना अब मीडियाकर्मी के भी बूते की बात नहीं!

Ashwini Kumar Srivastava :  बहुत ही अफसोसनाक और लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बजने जैसी खबर है यह। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह कानून के साथ खिलवाड़ करने और पत्रकारों के हक को मारने के मीडिया मालिकों / धन्ना सेठों के दुस्साहस को प्रश्रय दिया है, उससे अब मीडिया का रहा-सहा दम भी निकल …

एक साल पूरा होने पर हम तीनों को ‘नवां जमाना’ अखबार ने बिना नोटिस द‍िए राम-राम कह दिया!

Reetu Kalsi : सन 2008 की बात है एक दिन मैं और नवराही जी नवां जमाना अखबार के दफ्तर गए, पहले भी अक्सर जाना होता था पर उस दिन हम जस मंड जी से मिले। वे नए नए मैनेजिंग ट्रस्‍टी बने थे नवां जमाना समाचार पत्र के। मैं उस वक्त अमर उजाला में काम कर रही थी। जस मंड अखबार को नई उचाईयां दिलाना चाहते थे। तकरीबन पहले भी इस पर चर्चा करते थे कि कैसे अखबार को और अच्छा बनाया जाए। विज्ञापन कैसे मिल सकते हैं वगैरह वगैरह … तो उस दिन जस मंड जी ने बातो बातों में मुझे नवां जमाना जॉइन करने का ऑफर दे दिया।

‘रामायण’ सीरियल में रावण का रोल अमरीश पुरी को देना चाहते थे रामानन्द सागर!

Amitaabh Srivastava : रामानन्द सागर अमरीश पुरी को अपने सीरियल रामायण में रावण का रोल देना चाहते थे। दरअसल जब रामानन्द सागर दूरदर्शन के लिए सीरियल बना रहे थे तो उन्हें रावण जैसे पौराणिक खलनायक के किरदार के लिए एक बहुत दमदार अभिनेता की तलाश थी। उनकी निगाह अमरीश पुरी पर जाकर रुकी जो बापू की फ़िल्म हम पाँच में दुर्योधन जैसे विलेन के किरदार में अपनी छाप छोड़ चुके थे। उस फ़िल्म में काम करने वाले हर एक्टर को उसकी सफलता से फ़ायदा हुआ लेकिन सबसे ज़्यादा माँग बढ़ी फ़िल्म के हीरो मिथुन चक्रवर्ती और विलेन अमरीश पुरी की।

चौथी दुनिया प्रबंधन और नोएडा पुलिस के लोग हक के लिए लड़ रहे एक पत्रकार को धमका रहे (सुनिए टेप)

चौथी दुनिया की स्थिति बदतर होती जा रही है। कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं दिया जाता है। किसी भी समय किसी भी पत्रकार को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। बिना किसी नोटिस। दैनिक कर्मचारियों की तरह पत्रकार को एक दिन के भीतर हटा दिया जाता है और उसे उसी दिन तक का वेतन दिया जाता है, जिस दिन उसे हटाया गया है। उस उस महीने का भी पूरा वेतन नहीं दिया जाता जिस महीने में उसे हटाया गया है। कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक पत्रकार के साथ किया गया।

रजत शर्मा, कार्तिक शर्मा और अनुराधा प्रसाद के न्यूज चैनलों की लंका लगी, जी न्यूज का जलवा बरकरार

रजत शर्मा आजकल काफी परेशान होंगे. उनका इंडिया टीवी चार नंबर पर जो लुढ़का पड़ा है. उनसे ज्यादा परेशान अजीत अंजुम होंगे, जो चैनल के इंप्लाई हैं और मैनेजिंग एडिटर पद पर कार्यरत हैं. आखिर टीआरपी बढ़ने और गिरने दोनों का श्रेय उनको जो जाता है. यही कारण है कि पिछले कई दिनों से यह अफवाह फैली हुई है कि अजीत अंजुम ने इंडिया टीवी से इस्तीफा दे दिया.

एम्स दिल्ली में एडमिट झारखण्ड के वरिष्ठ पत्रकार फैसल अनुराग को मानसिक और आर्थिक मदद की जरूरत

झारखण्ड के वरिष्ठ पत्रकार फैसल अनुराग जी, दिल्ली के एम्स अस्पताल में किडनी रोग से पीड़ित अपने इलाज के लिए अकेले ज़िन्दगी की जंग लड़ रहे है। ये जानकारी मुझे संतोष मानव जी (पूर्व संपादक – हरिभूम एवं दैनिक भास्कर) के फेसबुक वाल से प्राप्त हुई। संतोष सर के द्वारा ये जानकारी पोस्ट करने के …

न्याय की जहां से आस थी, वह मंदिर बाजार हो गया….!

मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट से आए हालिया फैसले को लेकर बरेली के मजीठिया क्रांतिकारी मनोज शर्मा एडवोकेट की कविता पेश-ए-खिदमत है…

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साइड इफेक्ट : मज़ाकिया मूड में आ गए ‘झींगुर’!

धर्मेंद्र प्रताप सिंह मैं कुछ निजी कार्यों में उलझा हुआ हूँ. सो, अपनी इस व्यस्तता के कारण मजीठिया वेज बोर्ड पर आये माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मैंने कोई ‘धांसू’ प्रतिक्रिया क्या नहीं दी, कंपनी के कुछ चमचेनुमा ‘झींगुर’ मज़ाकिया मूड में आ गए लगते हैं! हालांकि इनमें से किसी का नंबर बढ़ने …

मीडियाकर्मियों के हित में है सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश!

”सुप्रीम कोर्ट द्वारा जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के संबंध में सोमवार, 19 जून 2017 को दिये गये फैसले का मैं स्वागत करता हूं। यह निर्णय पूरी तरह से कर्मचारियों के पक्ष में दिया गया फैसला है। इतना ही नहीं इस फैसले ठेके पर काम करने वाले पत्रकारों (कांट्रेक्टचुअल जर्नालिस्ट) को भी फायदा होगा।” यह कहना है समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार अजय मुखर्जी का।

एडवोकेट अजय मुखर्जी

मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार सुमंत मिश्र को तरुण कला मंच सम्मान

मुंबई : वरिष्ठ पत्रकार सुमंत मिश्र को वर्ष २०१७ का तरुण कला मंच सम्मान प्रसिद्ध आध्यात्मिक सद्गुरु साक्षी रामकृपाल जी के हाथों मिला।  मुंबई के अँधेरी लिंक रोड स्थित भक्ति वेदांत मिशन स्कूल के सभागृह  में दिए गए सम्मान समारोह में नवनीत डायजेस्ट के संपादक श्री विश्वनाथ सचदेव, तरुण कला मंच के अध्यक्ष श्री चित्रसेन सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्री लालजी मिश्र, मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्रीइंदु, प्रकाश तिवारी, व्यवसाई जेपी सिंह आदि उपस्थित थे।

बाघों की मौत के लिए फिर मोदी होंगे जिम्मेदार?

सतपुड़ा से लेकर रणथंभौर के जंगलों से बुरी खबर आ रही है। आखिर जिस बात का डर था, वही हुआ। इतिहास में पहली बार मानसून में भी बाघों के घरों में इंसान टूरिस्ट के रुप में दखल देंगे। ये सब सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए सरकारें कर रही हैं। मप्र से लेकर राजस्थान तक की भाजपा सरकार जंगलों से ज्यादा से ज्यादा कमाई करना चाहती है। इन्हें न तो जंगलों की चिंता है और न ही बाघ की। खबर है कि रणथंभौर के नेशनल पार्क को अब साल भर के लिए खोल दिया जाएगा।

आडवाणी पर राम का कोप हुआ, और कुछ नहीं….!

अनेहस शाश्वत (वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ) हो सकता है आर एस एस बहुत ही देशभक्त और काबिल लोगों का संगठन हो, लेकिन इतना तय है यह एक बंद सा संगठन है, जिसके बारे में जानकारी बहुत स्पष्ट नहीं है. जो लोग इससे जुड़े हैं वे ही इसके बारे में कायदे से जानते हैं. आडवाणी लम्बे समय …

Probe police attack on journalists in Amaravati

Based on reports reaching here, the Mumbai Press Club demands an impartial inquiry into the arrest of Prashant Kamble, an award winning journalist, and Abhijit Tiwari, a local scribe. The two have alleged that they were beaten and arrested while reporting a suicide of a local girl in Chandur Railway in Amravati district early this week.

वेबसाइट की आड़ में पत्रकार बनाने का गंदा धंधा

”पत्रकार बनने का सुनहरा मौका। आवश्यकता है देश के हर जिले में रिपोर्टर, कैमरामैन और ब्यूरो की… दिए गए नम्बर पर जल्द से जल्द सम्पर्क करें।” ये मै नहीं कह रहा हूं। आज कल धड़ल्ले से खुल रही न्यूज वेबसाइट कह रही हैं। सोशल मीडिया पर मज़ाक बनाकर रख दिया है। जिधर देखो आवश्यकता है। पता नहीं इनको कितनी आवश्यकता होती है। काफी दिनों से whatsaap के ग्रुप में संदेश देख रहा था। ”आवश्यकता है देश के हर जिले में रिपोर्टर, कैमरामैन की।” मैने भी सोचा चलों आवश्यकता की पूर्ति की जाए। तुरंत चैट पर बात करना शुरू कर दिया। मुझे आप के वेब चैनल में रिपोर्टिग करनी है। जवाब आया, अभी किस न्यूज पेपर में हैं, मेरा जवाब था कहीं नहीं बस स्वतंत्र पत्रकार हूं।

इनाडु डिजिटल के एमडी, जीएम, एचआर और डेस्क इंचार्ज को लीगल नोटिस

सेवा में

१. श्रीमान मैनेजिंग डायरेक्टर
किरन राव

२. श्रीमान जनरल मैनेजर
प्रसनजीत राय

३. श्रीमान डेस्क इंचार्ज
अजीज अहमद खान

५. श्रीमान एग्जीक्यूटिव एचआर​
मुरलीधर बंदारू

एसपी २ बिल्डिंग, फोर्थ फ्लोर
हिंदी डेस्क​, ईनाडु डिजिटल
रामोजी फिल्म सिटी
हैदराबाद
तेलंगाना
५०१५१२

कुलदीप राघव ने अमर उजाला को कहा अलवि‍दा, दैनि‍क भास्‍कर से जुड़े

पांच साल से अधि‍क समय तक अमर उजाला से जुड़े रहे युवा पत्रकार कुलदीप सि‍ह राघव ने अमर उजाला को अलवि‍दा कह दि‍या. अब कुलदीप दैनि‍क भास्‍कर की डि‍जि‍टल वि‍ग का हि‍स्‍सा होंगे. अमर उजाला अखबार में कुलदीप पि‍छले दो साल से एंटरटेनमेंट के साथ साथ टेक और करि‍यर हेड करते थे. इससे पहले वो …

51 पत्रकार व 15 समाजसेवी सम्मानित हुए ”इम्वा अवार्ड 2017” से

नई दिल्ली। इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में पूरे भारतवर्ष से 51 चुनिंदा पत्रकारों व 15 समाजसेवियों को विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान देने पर सम्मानित किया गया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक राजीव निशाना ने बताया कि एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली नगर पालिका भवन में आयोजित भव्य समारोह में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल, और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सुश्री कृष्णा राज, एनडीएमसी के वाइस चेयरमेन श्री करण सिंह तंवर, गुरू कुमारन स्वामी, सरदार तलवंत सिंह-(जिला जज मुख्यालय) श्री भैरो सिंह गुर्जर (अतिरिक्त आयुक्त यातायात) रोहित पुरी, मनोज मलिक (लवली पब्लिक स्कूल), लाफ्टर फेम राजीव मल्होत्रा, प्रेम भाटिया , हरप्रीत मंगत (पंजाबी गायक) श्रेया बासु (वायस आफ इंडिया फेम)  के अलावा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेश झा, मिताली चंदौला, महेश चन्द्रा, सुनील बाल्यान, विजय शर्मा, अजय सेठी, रविन्द्र सिंह, वीरेंद्र डेढा, संजय गुप्ता व मास्टर दिव्यांशु ने शिरकत की।

मुंबई की वरिष्ठ फिल्म पत्रकार पिरोज वाडिया का निधन

SAD DEMISE OF SENIOR JOURNALIST PIROJ WADIA

Dear Member,

With great sorrow and regret we have to inform you that Piroj Wadia, a senior film journalist and Press Club member passed away today in Mumbai after a brief illness. Piroj, aged 67 was in journalism for almost four decades with Free Press Journal, The Daily, Indian Express and Cine Blitz.

न्याय मांगने वालों को याचिकाएं वापस ले लेनी चाहिए क्योंकि अदालतें मनी मैन लोगों के लिए हैं!

वाह सुप्रीम कोर्ट के जज ने अपने आप जान लिया है वे ना समझदार हैं… देश की न्यायपालिका पर नहीं ऐसे गरीब लोगों पर तरस आती है जो इस पर विश्वास करते हैं और यहां न्याय मांगने की भूल कर बैठते है। दरअसल कोर्ट बड़े लोगों के लिए है आम लोगों का गुस्सा सरकार पर या पूंजीपतियों के खिलाफ ना भड़के इसके लिए अंग्रेजों ने कोर्ट बनाया। मजीठिया वेज वोर्ड के फैसले को देखकर भ्ज्ञी ऐसा ही लगता है।

यही फैसला सुनाना था तो इतना ड्रामा क्यों किया जज साहब!

खोदा पहाड़ निकली चुहिया वो भी मरी हुई… कुछ ऐसा ही हाल पत्रकारों के लिए गठित वेजबोर्ड मजीठिया का है। इसके पहले गठित सभी आयोग की सिफारिशें औंधे मुंह गिरी हैं। लगभग सभी में अखबार के मालिकानों ने अपनी माली हालत खस्ता होने का रोना रोकर आयोग की सिफारिशों को रद्दी की टोकरी में डलवाया है। हां यह अलग बात थी कि इस आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए अखबारकर्मियों ने आर पार की लड़ाई लड़ी है।

कोर्ट के फैसले से निराश न हों मजीठिया क्रांतिकारी, लेबर कोर्ट के जरिए लेंगे अपना हक

मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलेगा और जरूर मिलेगा, लेकिन सिर्फ क्रांतिकारियों को ही. उन पत्रकार साथियों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ अवश्य मिलेगा जिन्होंने रिस्क लेकर इस लड़ाई में कूदने का साहस किया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट का 19 जून 2017 का फैसले सकारात्मक तरीके से स्वीकार किया जाना चाहिए। हालांकि इस मामले में माननीय कोर्ट ने वह सख्त फैसला नहीं दिया जिसकी अपेक्षा पत्रकारों ने की थी। माननीय कोर्ट ने मीडिया मालिकान को सिर्फ संदेह का लाभ देते हुये उन्हें वेज बोर्ड के कार्यान्वयन का एक और मौका दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश एचटी प्रबंधन ने सेलरी बढ़ाने का लालीपॉप दिया

मित्रों, मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अड़ियल मीडिया प्रबंधनों में हड़कम्प मच गया है। फैसले के इंतजार में ही इस बार हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका व अमर उजाला सहित कई बड़े अखबारों के कर्मचारियों को न तो इंक्रीमेंट मिला और न ही एप्रेजल भरवाये गये। यदि कुछ जगह एप्रेजल भरवाये गये तो उनपर कार्यवाही नहीं हुई और कर्मचारियों के वेतन में कुछ बढ़ोतरी हुई तो सिर्फ उनकी वेतन विसंगतियों का अंतर तनिक कम करने के लिए।

हिंदुस्तान बदायूं के ब्यूरो चीफ पद से जगमोहन कार्यमुक्त

बरेली से खबर है कि हिंदुस्तान ने बदायूं के ब्यूरो चीफ जगमोहन शर्मा को कार्यमुक्त कर दिया है। जोनल संपादक की मासिक बैठक के बाद उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया। बताया जाता है कि हिंदुस्तान के प्रबंधन को बीते एक साल से जगमोहन के खिलाफ शिकायतें मिल रहीं थीं।

उप्र के दलित नेता को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर मोदी ने सबको चौंकाया

शायद यही राजनीति की नरेंद्र मोदी शैली है। राष्ट्रपति पद के लिए अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले श्री रामनाथ कोविंद का चयन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर बता दिया है कि जहां के कयास लगाने भी मुश्किल हों, वे वहां से भी उम्मीदवार खोज लाते हैं। बिहार के राज्यपाल और अरसे से भाजपा-संघ की राजनीति में सक्रिय रामनाथ कोविंद पार्टी के उन कार्यकर्ताओं में हैं, जिन्होंने खामोशी से काम किया है। यानि जड़ों से जुड़ा एक ऐसा नेता जिसके आसपास चमक-दमक नहीं है, पर पार्टी के अंतरंग में वे सम्मानित व्यक्ति हैं। यहीं नरेंद्र मोदी एक कार्यकर्ता का सम्मान सुरक्षित करते हुए दिखते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया को लेकर मीडियाकर्मियों की लड़ाई को लेबर कोर्टों के हवाले किया

सुप्रीम कोर्ट ने दिया साफ संदेश- ”मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लेबर कोर्ट में लड़िए”. मजीठिया वेज बोर्ड लागू नहीं करने पर दायर अवमानना याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज जो फैसला सुनाया है उसका स्पष्ट मतलब यही है कि आगे से इस मामले में कोई भी सुप्रीम कोर्ट न आए और जिसे अपना हक चाहिए वह लेबर कोर्ट जाए. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजन गोगोई व जस्टिस नवीन सिन्हा की खंडपीठ से मीडियाकर्मियों ने जो उम्मीद लगाई थी, वह दोपहर तीन बजे के बाद मुंह के बल धड़ाम से गिरी. दोनों जजों ने फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि वेजबोर्ड से जुड़े मामले संबंधित लेबर कोर्टों में सुने जाएंगे. वेज बोर्ड के हिसाब से एरियर समेत वेतन भत्ते संबंधित मामले लेबर कोर्ट या अन्य कोर्ट में ही तय किए जाएं. संबंधित कोर्ट इन पर जल्दी से जल्दी फैसला लें.

एनडीटीवी ने मजीठिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भ्रामक खबर चलाई

एनडीटीवी ने मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर केवल मीठी मीठी खबर ही अपने यहां चलाई ताकि मीडियाकर्मियों को फर्जी खुशी दी जा सके. भड़ास में जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सारांश प्रकाशित कर इसे एक तरह से मीडियाकर्मियों की हार और मीडिया मालिकों की जीत बताया गया तो देश भर के मीडियाकर्मी कनफ्यूज हो गए. वे चर्चा करने लगे कि किस खबर को सच मानें? एनडीटीवी की या भड़ास की? एनडीटीवी ने जोर शोर से टीवी पर दिखाया कि सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया लागू करने के निर्देश दिए हैं. कोई उनसे पूछे कि भइया मजीठिया लागू करने का निर्देश कोई नया थोड़े है और न ही यह नया है कि ठेके वालों को भी मजीठिया का लाभ दिया जाए.

(आज हुए फैसले पर एक वेबसाइट पर छपी मीठी-मीठी खबर)

मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई मीडियाकर्मी हारे, मीडिया मालिकों के पक्ष में खड़ा हो गया सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के प्रिंट मीडिया के कर्मियों को निराश किया है। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में आज दिए फैसले में सारे चोर मीडिया मालिक साफ साफ बच गए। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी मीडिया मालिक को अवमानना का दोषी नहीं माना। वेजबोर्ड के लिए लड़ने वाले पत्रकारों को लेबर कोर्ट जाने और   रिकवरी इशू कराने की सलाह दे डाली।

जीएसटी : 5% से सीधे 28% टैक्स स्लैब के डर में ग्रेनाइट स्टोन व्यवसायी, 20 लाख परिवारों पर रोजगार जाने का खतरा

नई दिल्ली, June 19, 2017-  जीएसटी के हाईटैक्स स्लैब में रखी ग्रेनाइट/स्टोन इंडस्ट्रीज व्यापारियों में नयी कर प्रणाली को लेकर बेहद डर का माहौल है। वर्तमान में मात्र 5 पर्सेंट टैक्स अदा कर रहे मार्बल, ग्रेनाइट,स्टोन व टाइल व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा निर्धारित 28 पर्सेंट की टैक्स रेट नोटबंदी के बाद पहले से मंद पड़े व्यवसाय को और मुश्किल में ला देगी। पिछले कई दिनों से फिग्सी यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन ग्रेनाइट एंड स्टोन इंडस्ट्री के व्यापारी दिल्ली में डटे हैं। व्यापारियों ने सरकार से गुजारिश की है कि जीएसटी रेट को रिकंसीडर (पुनर्विचार) किया जाए।

मजीठिया वेज बोर्ड : काशी में कटी पहली 50 लाख की आरसी

बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी से एक बड़ी खबर आ रही है। यहाँ नार्दन इंडिया पत्रिका यानि एनआईपी के खिलाफ मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 50 लाख की रिकवरी सार्टफिकेट जारी की गयी है। यहाँ मजीठिया की लड़ाई की अगुवाई करने वाले समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन को पहली बड़ी सफलता मिली है।

मजीठिया पर आज आएगा कोर्ट का फैसला, जागरणकर्मियों ने बैठक कर एकजुटता दिखाई

आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेतन आयोग को लेकर फैसला आना है। इस वेतन आयोग के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी 2014 को अपना फैसला सुनाया था और अख़बार मालिकानों से स्पष्ट कहा था कि वर्कर की राशि एक साल में 4 किश्तों में दें, लेकिन मालिकान 20 जे का बहाना बनाते …

हिन्दुस्तान का सालाना सकल राजस्व 1294 करोड़, फिर भी छठी कैटेगिरी

हिन्दुस्तान समाचार पत्र लगातार झूठ पर झूठ बोलने पर आमादा है। हिन्दुस्तान ने मजीठिया का लाभ देने से बचने के लिए अपने को गलत व मनमाने तरीके से 6वीं कैटेगिरी में दर्शाया है जबकि ये अखबार नंबर वन कैटेगिरी में आता है। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के संबंध में भारत सरकार से जारी गजट के पृष्ठ संख्या 11 पर खंड 2 के उपखंड (क) में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि किसी भी समाचार पत्र प्रतिष्ठान की विभिन्न इकाइयों/शाखाओं/कंपनियों को समाचार पत्र की एकल इकाई ही माना जाएगा, चाहे उनके नाम अलग-अलग ही क्यों न हों।

85 से 95 परसेंट कमीशन पर अब भी बदले जा रहे हैं पुराने नोट!

Yashwant Singh : 2019 के लोकसभा चुनाव में मीडिया पर जितना पैसा बरसने वाला है, उतना कभी न बरसा होगा… कई लाख करोड़ का बजट है भाई…. मोदी सरकार भला कैसे न लौटेगी… और हां, नोट अब भी बदले जा रहे हैं.. 85 परसेंट से लेकर 95 परसेंट के रेट पर… यानि पुराना नोट लाओ और उसका पंद्रह से पांच परसेंट तक नया ले जाओ…. लाखों करोड़ रुपये का गड़बड़झाला है ये नोटबंदी… उपर से कहते हैं कि न खाउंगा न खाने दूंगा…

हिंदुस्तान, बरेली में वेतन को लेकर फर्जीवाड़ा, खुलासे से कर्मचारियों में हड़कंप

बरेली से बड़ी खबर आ रही है, हिंदुस्तान बरेली में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों से बचने के लिए कंपनी की चेयरपर्सन शोभना भरतिया को डुबोने पर आमादा अफसरों की चौकड़ी ने कर्मचारियों के वेतन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। इसका खुलासा जनसूचना अधिकार के तहत डीएलसी बरेली ने मजीठिया क्रांतिकारी निर्मल कान्त शुक्ला को दी गई सूचनाओं में किया है। जनसूचना के तहत मिली जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान बरेली ने खुद को अमर उजाला से भी एक पायदान नीचे जाकर छठी कैटेगिरी में होना बताया है। कहा कि वह तो कर्मचारियों को मजीठिया से कही अधिक वेतन हर माह दे रहे हैं।

ब्रजेश मिश्र ने ‘नेशनल वायस’ से नाता तोड़ अब ‘भारत समाचार’ चैनल लांच किया

कल भड़ास में खबर छपी कि ब्रजेश मिश्र और नेशनल वायस के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है और आज दूसरी खबर सामने आ गई कि ब्रजेश मिश्र ने नेशनल वायस चैनल से नाता तोड़ लिया है और भारत समाचार नाम से नया चैनल लांच कर दिया है. ब्रजेश मिश्र को अब आप देखेंगे ‘भारत समाचार’ चैनल पर. ‘नेशनल वायस’ को अलविदा करने की बड़ी वजह इस चैनल का मालिकाना हक ब्रजेश मिश्र को न सौंपा जाना था.

डीएनए से भास्कर समूह की छुट्टी, जी ग्रुप ने किया टेकओवर, जगदीश चंद्रा देखेंगे सारे एडिशन्स

Zee Group Takes over DNA Jaipur and Ahmedabad Editions… Zee ग्रुप का हुआ DNA जयपुर और अहमदाबाद अखबार… डीबी कोर्प लिमिटेड से ले लिया गया प्रकाशन का जिम्मा..

(जयपुर DNA का कार्यभार सँभालने के दौरान डीएनए सीईओ जगदीश चन्द्र केक काटते हुए. साथ में हैं डीएनए जयपुर एडिटर सिद्धार्थ बोस, भास्कर के स्टेट एडिटर LP पन्त.)

भास्कर पर भारी पड़े पत्रकार धर्मेंद्र : कामगार आयुक्त ने भास्कर प्रबंधन को बकाया एरियर देने का निर्देश दिया

मजीठिया के अनुसार बकाया नहीं देने पर हो सकती है कुर्की…

(दैनिक भास्कर मुंबई के जुझारू पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह)

मुंबई के दैनिक भास्कर अखबार से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह सहित दो महिला कर्मचारियों के मामले में पहली बार कामगार आयुक्त महाराष्ट्र के कार्यालय ने लंबी सुनवाई के बाद डीबी कॉर्प को साफ़ निर्देश देते हुए नोटिस भेजा है कि पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह, कर्मचारी लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख का जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाये का दावा सही है और आपको निर्देश दिया जाता है कि आप इन तीनों कर्मचारियों का बकाया राशि का जल्द भुगतान करें अन्यथा आपके खिलाफ वसूली आदेश जिलाधिकारी को निर्गत कर दिया जाएगा।

‘दलित दस्तक’ के पांच साल पूरे होने पर 24 जून को कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचिए

“दलित दस्तक” मैग्जीन ने अपने प्रकाशन के पांच वर्ष पूरे कर लिए हैं। मैग्जीन के संस्थापक और संपादक अशोक दास का कहना है- ”पांच साल पूरा होना हमारे लिए एक विशेष मौका है। इसी मौके पर हम आगामी 24 जून, 2017 को कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं। आप सभी से निवेदन है कि कृपया इस मौके पर पहुंच कर हमारा उत्साहवर्धन करें और बहुजन मीडिया की स्थापना में मदद करें।”

मजीठिया प्रगति रिपोर्ट पर श्रम शक्ति भवन दिल्ली में आयोजित शीर्ष बैठक से पहले जुझारू मीडियाकर्मियों ने सौंपा ज्ञापन

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले आयोजित इस बैठक के निकाले जा रहे हैं कई मायने

नई दिल्‍ली, (शुक्रवार, 17 जून, 2017)। श्रम शक्ति भवन नई दिल्‍ली में कल मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों को लेकर आहूत बैठक के मद्देनजर कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दैनिक जागरण, भास्‍कर, राजस्‍थान पत्रिका व अन्‍य अखबारों के प्रतिधिनियों को भी वार्ता में शामिल होने करने का अनुरोध किया गया। जिससे उत्‍पीड़न के शिकार हजारों अखबार कर्मियों का पक्ष रखा जा सके। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले आयोजित इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

मोदी राज में भारतीय मीडिया में नए तरह का खौफ, पत्रकार दबाव में : न्यूयार्क टाइम्स

भारत में मीडिया पर मोदी राज के खौफ को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाएं शुरू हो गई हैं. न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि 2014 में जबसे मोदी ने सत्ता संभाली, भारत के पत्रकारों को काफी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. न्यूयार्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकालमें भारत के मीडिया में एक नए तरह का खौफ है. इन छापों ने भारतीय मीडिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.

प्रभातम की जगह इंडिया रिपोर्ट कार्ड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को काम देने पर उठे सवाल

झारखंड के भाजपाई सीएम के दामन पर दाग दिखाया जाने लगा है. प्रभातम नामक कंपनी की जगह इंडिया रिपोर्ट कार्ड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को काम दिए जाने पर सवाल उठाया जा रहा है. इस बाबत कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. इसका खुलासा एक अखबार ने किया है. पूरे मामले को जानने के लिए अखबार में छपी खबर को पढ़ें.. कटिंग नीचे दी जा रही है… वैसे पहली नजर में ये खबर प्रभातम को ठेका न मिलने पर लाबिंग के तहत छपवाई गई खबर लग रही है क्योंकि खबर में कंटेंट के नाम पर कुछ खास नहीं है…

दो मीडिया हाउसों के एचआर की कहानी- ”किसी की पैरवी है आपके पास?”

Hi all,

Although I didn’t want to share with you but now I feel it is must to share that how people from Hr Department waste job seeker candidates time. I guess they believe that they are equal to God and all job seekers are beggars.

ब्रजेश मिश्रा और ‘नेशनल वायस’ के बीच सब कुछ ‘स्मूथ’ है?

यूपी के चर्चित टीवी पत्रकार और एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्र : नई राह की तैयारी…?  (फाइल फोटो)

‘नेशनल वायस’ चैनल के एडिटर इन चीफ हैं ब्रजेश मिश्रा. जाहिर है, सब कुछ स्मूथ ही रहना चाहिए. लेकिन आजकल लखनऊ के गलियारों में यह खबर उड़ती हुई पाई जा रही है कि ‘नेशनल वायस’ के दुर्दिन शुरू होने वाले हैं क्योंकि ब्रजेश मिश्रा इस चैनल से खुद को अलग करने की सोच रहे हैं. वजह बताया जा रहा है ‘नेशनल वायस’ के असली मालिक अतुल गुप्ता हैं जो स्कैन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को संचालित करते हैं. इसी कंपनी के अधीन नेशनल वायस चैनल है.

भड़ास संपादक की ताजा पोस्ट : रिपब्लिक टीवी वाले कटहे कुक्कुर की तरह गैर-भाजपाई नेताओं के पीछे भों-भों करते भाग रहे

Yashwant Singh : भाजपा वित्त पोषित रिपब्लिक टीवी वाले कटहे कुक्कुर की तरह गैर-भाजपाई नेताओं के पीछे भों भों करते टहल रहे हैं. मेरा उपरोक्त वाक्य यह बताने के लिए काफी है कि मीडिया यानि चौथा खंभा आजकल सियासी आधार पर बंट गया है. भाजपाई मीडिया, कांग्रेसी मीडिया, मुस्लिम परस्त मीडिया, हिंदूवादी मीडिया. इन सभी का एक ही मकसद, सबसे बड़ा बाजारू यानि कारपोरेट मीडिया बनना.

मीडिया से सावधान रहने का वक्त आ गया है!

Dinesh Choudhary : कथित पत्रकारों के साथ लालू यादव की क्या झड़प हुई है, मुझे नहीं मालूम। लालू बहुत डिप्लोमेटिक हैं और प्रेस से भागते भी नहीं। भागने वाले तो 3 साल से भाग रहे हैं। लालू मुलायम की तरह ढुलमुल भी नहीं रहे और उनका स्टैंड हमेशा बहुत साफ़ रहा। पर थोड़ी बात आज की पत्रकारिता पर करनी है, जो बहुत थोड़ी बची हुई है।

मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर त्रिपक्षीय कमेटी दिल्ली, बिहार, हरियाणा समेत कई राज्यों ने नहीं गठित की

देश भर के प्रिंट मीडिया कर्मियों के वेतन, एरियर और प्रमोशन के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में त्रिपक्षीय समिति गठित करने का आदेश दिया गया था मगर देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में त्रिपक्षीय कमेटी का गठन नहीं किया गया। जिन राज्यों में त्रिपक्षीय कमेटी का गठन नहीं किया गया …