नई दिल्ली। आदरणीय साथियों, पिछले डेढ़ वर्ष से मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर प्रिंट मीडिया संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी अखबार मालिकानों के घोर अत्याचार के बावजूद अपना जायज हक़ लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अखबार मालिकान ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चलकर कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने को तैयार नहीं हैं। देश भर के अखबारों में कार्यरत साथियों, ये अखबार मालिकान किसी के सगे नहीं हैं। हर वह शख्स इस बात को जानता है जो प्रिंट मीडिया संस्थानों में काम कर चुका है। हालांकि, सभी ऐसे नहीं हैं और कुछ मालिकानों ने अपने कर्मचारियों को आगे बढ़कर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों का लाभ दिया है। ऐसा करके उन्होंने कर्मचारियों का दिल जीत लिया है।
Month: October 2015
बोनस पाना सभी पत्रकारों का हक
अब तक सिर्फ दीपावली पर मिठाई का डिब्बा या कभी वो भी नहीं को लेकर संतुष्ठ होने वाले देश भर के पत्रकारों के लिये एक अच्छी खबर आयी है। बोनस पर भी पत्रकारों का हक है । मुंबई के कामगार आयुक्त कार्यालय के राज्य जनमाहिती अधिकारी ने मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह द्वारा ११ सितंबर २०१५ को आरटीआई के जरिये मांगी गयी एक सूचना पर जो जानकारी उपलब्ध करायी है उसमें यह पुरी संभावना बनती है कि पत्रकारों का भी बोनस पर हक है।
नेटवर्क18 से उमेश उपाध्याय का सूर्य अस्त, पढ़ें आंतरिक मेल
उमेश उपाध्याय की नेटवर्क18 से विदाई हो गई है. उन्हें अब मुकेश अंबानी की मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) में वापस बुला लिया गया है. इस बाबत एडिटर इन चीफ राहुल जोशी ने एक इनटरनल मेल जारी कर सबको सूचित किया है. राहुल जोशी के आने के बाद से यह माना जा रहा था कि देर सबेर उमेश उपाध्याय की विदाई होगी. अब हुआ यही है.
यशवंत जी, आपका ब्लाग कुछ समय से अरविन्द केजरीवाल, ABP न्यूज़ और ND टीवी का मुखपत्र बन गया है!
प्रिय यशवंत जी।
मैं लंबे समय से आपका भड़ास4मीडिया ब्लॉग पढ़ रहा हूँ। पहले मुझे ये अच्छा लगता था क्यों की आप मीडिया में फैली बुराइयों को सामने लाते थे। लेकिन कुछ समय से देख रहा हूँ की आपका ये ब्लॉग अरविन्द केजरीवाल, ABP न्यूज़ और ND टीवी का मुखपत्र बन गया है।
कंजूस-मक्खीचूस और संविधान-कानून विरोधी मालिकों के खिलाफ दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने नोएडा के फिल्म सिटी में किया जोरदार प्रदर्शन
नई दिल्ली। दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे 350 से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किये जाने के विरोध में सोमवार को नोएडा स्थित फिल्म सिटी में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी भी की। कर्मचारियों ने कहा कि वे जागरण प्रबंधन की गुंडागर्दी का मुंहतोड़ जवाब देंगे। कर्मचारियों को नारेबाजी करते देख सभी मीडिया संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी बाहर निकल आये और उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए जागरण कर्मचारियों की हौसला अफजाई की।
रिपोर्टर बनाने के लिए तीस हजार रुपये वसूल रहा है ये चैनल.. देखें प्रमाण
हाल में ही लांच होने जा रहे एक टीवी चैनल रिपोर्टर्स की भर्ती करने के नाम पर लोगों से 30000 रुपए वसूल रहा है. कायदे से तो चैनल को रिपोर्टरों को सेलरी देने का प्रस्ताव करना चाहिए लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बहाई जा रही है. चैनल खुद रिपोर्टरों से तीस हजार रुपये जमा करने को कह रहा है. इस अवैध वसूली के शिकार होते होते बचे किशोर सोलंकी. इन्होंने अपनो बायोडाटा कंपनी को भेजा. वहां से जवाब में जो मेल आया, उसे पढ़कर ये दंग रह गए. इसमें तीस हजार रुपये जमा करने को कहा गया था. किशोर ने पूरा पत्राचार भड़ास के पास भेजा है, जिसे नीचे दिया जा रहा है. नीचे वो मेल है जो चैनल की तरफ से किन्हीं सुहैल खान और कुणाल सिंह ने भेजा है…
हरियाणा के सीएम के मीडिया मैनेजरों की कुर्सी खतरे में
चंडीगढ़। हरियाणा में नई सरकार के सामने चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि छोटी छोटी बातों को भी मीडिया में बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है, जिसके चलते सरकार की पूरी तरह से किरकरी हो रही है। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर अपने मीडिया मैनेजरों से खफा बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली का प्रबंधन भी बार बार हो रही सरकार की बदनामी से बेहद खफा है।
लौट के भूपेंद्र चौबे सीएनएन-आईबीएन आए, संतोष तिवारी सहारा छोड़ न्यूज वर्ल्ड इंडिया पहुंचे
सीएनएन-आईबीएन के एग्जिक्यूटिव एडिटर का पद छोड़ने के एक साल बाद भूपेंद्र चौबे को नेटवर्क में फिर वही जिम्मेदारी मिली है. एनडीटीवी से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले चौबे 12 वर्षों से अधिक समय से टीवी के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं. राजनीतिक पत्रकार के रूप में उन्होंने अपनी ठीकठाक जगह बनाई है. उन्होंने सीएनएन-आईबीएन के लिए ‘Politically Correct’ नाम से ब्लॉग भी तैयार किया है.
सेल्स स्टाफ निकाल रहे मुंबई का हिंदुस्तान टाइम्स अखबार! (जानिये मुंबई के मीडिया प्रतिष्ठानों का हाल)
मुंबई के समाचार पत्र प्रतिष्ठानों में भी गजब का झोल चल रहा है। यह झोल ऐसा कि किसी का भी दिमाग चकरा जाये। मुंबई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय से यह जानकारी मांगा कि मुंबई में कौन कौन से समाचार पत्रों में कितने कर्मचारी काम करते हैं तो १८ अक्टूबर २०१५ को श्रम आयुक्त कार्यालय मुंबई सिटी की तरफ से जो जवाब भेजा गया है उसमें मुंबई के सबसे बड़े समाचार पत्र समूह बेनमट कोलमन एंड कंपनी को कर्मचारियों की संख्या के मामले में काफी पीछे बताया गया है। बेनमेट कोलमन एंड कंपनी में कुल कर्मचारियों की संख्या ३१३ बतायी गयी। वहीं नंबर वन पर रही श्री अंबिका प्रिंटर्स एंड पब्लीकेशन। श्री अंबिका प्रिंटर्स एंड पब्लीकेशन में बेनमट कोलमन से दुगुना से भी ज्यादा ६४९ कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं हिन्दुस्तान टाईम्स के बारे में सूचना दी गयी कि हिन्दुस्तान टाईम्स में ४१३ कर्मचारी हैं जो सेल्स स्टाफ हैं।
पुण्य प्रसून बाजपेयी का विश्लेषण- मीडिया हाउसों की साख खबरों से इतर टर्न ओवर पर टिक गई है!
: सत्ता से दो दो हाथ करते करते मीडिया कैसे सत्ता के साथ खडा हो गया : अमेरिका में रुपर्ट मर्डोक प्रधानमंत्री मोदी से मिले तो मड्रोक ने मोदी को आजादी के बाद से भारत का सबसे शानदार पीएम करार दे दिया। मड्रोक अब अमेरिकी राजनीति को भी प्रभावित कर रहे है। ओबामा पर अश्वेत प्रेसीडेंट न मानने के मड्रोक के बयान पर बवाल मचा ही हुआ है। अमेरिका में अपने न्यूज़ चैनल को चलाने के लिये मड्रोक आस्ट्रेलियाई नागरिकता छोड़ अमेरिकी नागरिक बन चुके है, तो क्या मीडिया टाइकून इस भूमिका में आ चुके हैं कि वह सीधे सरकार और सियासत को प्रभावित कर सके या कहे राजनीतिक तौर पर सक्रिय ना होते हुये भी राजनीतिक खिलाडियों के लिये काम कर सके।
वे मजीठिया से क्यों डरे?
आज मीडिया जगत में चहुंओर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लेकर
वाद-प्रतिवाद का माहौल बना हुआ है? सिर्फ अपनी बेड़ियों को ही अपनी नियति
मान चुके समाचार पत्रों के अधिकतर कर्मचारी कभी दबे स्वरों में तो कभी
खुले रूप में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने के सुप्रीम कोर्ट
के दिए गए आदेश ज्यों के त्यों लागू होने को असंभव मानते हैं।
टाइम स्पेंट के लिहाज से दूरदर्शन है सबसे ज्यादा देखे जाने वाला हिंदी चैनल!
सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन का दावा है कि अगर हर चैनल पर दर्शकों के खर्च किए गए समय का आकलन किया जाए तो वह सबसे ज्यादा देखे जाने वाले हिंदी चैनल है। दूरदर्शन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ब्रॉडकास्ट ऑडियेंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) ने पहली बार दीर्घप्रतीक्षित अखिल भारतीय दर्शक डाटा जारी किया है जिसमें यह ‘ऐतिहासिक विकास’ हुआ है। जारी किए गए वक्तव्य के मुताबिक ‘बीएआरसी रेटिंग क अनुसार सप्ताह 41 में नेटवर्क के मुख्य चैनल डीडी नेशनल ने 51 मिनट का प्रति दर्शक व्यतीत औसत समय दर्ज कराया है जो हिंदी जीईसी में सर्वाधिक हे।’
एमडी के बेटे ने महिला पत्रकार को नशीली चाकलेट खिलाकर किया रेप
दिल्ली के वसंत विहार इलाके के एक मसाज पार्लर में नामी ऑटो मोबाइल कंपनी के एमडी के बेटे पर रेप का आरोप लगा। आरोप लगाने वाली युवती एक टीवी न्यूज चैनल में बतौर प्रोड्यूसर कार्यरत है। पीड़िता का साथ देने वाली एक समाज सेवी महिला ने भी आरोपी के पिता पर फोन पर धमकी देने का आरोप लगया है। आरोपी युवक का नाम हरकीरत बताया जाता है।
मजीठिया मामले में मीडियाकर्मी बिलकुल न डरें, बेझिझक शिकायत करें : श्रम उपायुक्त मुंबई
: मुंबई में पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल श्रम आयुक्त से मिला : ब्यूरो कार्यालयों को नोटिस भेजी जाएगी : पत्रकार गुप्त रूप से भी कर सकते हैं शिकायत : वर्ष २००७- ८, ८-९ और २००९- १० का टर्नओवर समाचार पत्र प्रतिष्ठानों को देना अनिवार्य होगा… :
मुंबई के पत्रकारों का एक प्रतिनिधी मंडल यहां बांद्रा कुर्ला काम्पलेक्स में बने श्रम आयुक्त कार्यालय में श्रम उपायुक्त श्रीमती शिरिन एस लोखंडे से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। लगभग एक दर्जन से ज्यादा पत्रकारों में वे पत्रकार भी शामिल थे जिनके ब्यूरो कार्यालय मुंबई में हैं। इस बैठक का नेतृत्व पत्रकारों की तरफ से मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह ने किया। इस अवसर पर श्रम उपायुक्त श्रीमती लोखंडे ने पत्रकारों की बातों को काफी गंभीरता से समझा और मजिठिया मामले को देख रहे अधिकारियों को भी इस बैठक में बुलाया और स्पष्ट तौर पर कहा कि वर्ष २००७-८, ८-९ और २००९-१० का सकल राजस्व समाचार पत्र प्रतिष्ठानों को देने के लिये एक पत्र लिखा जाये और इसी आधार पर मजिठिया मामले में गड़ना की जायेगी।
पत्रकार हत्या और हमले के खिलाफ गया से गाजीपुर तक के मीडियाकर्मी आक्रोशित, प्रदर्शन कर जताया विरोध
शेखपुरा । बिहार के गया जिले के पत्रकार मिथलेश पाण्डेय एवं सीतामढ़ी के पत्रकार की हत्या के विरोध में शेखपुरा जिला के श्रमजीवी पत्रकार संघ के पत्रकारो ने विरोध मार्च निकाला। हाथ में काली पट्टी लगा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया। पत्रकारों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा एवं नौकरी देने की मांग की। विरोध मार्च में संघ के महासचिव राष्ट्रीय सहारा पत्रकार नवीन सिंह, दीपक कुमार, कौशल किशोर, सतेंद्र शर्मा, हिंदुस्तान दैनिक से अरुण साथी, संजय मेहता, दैनिक जागरण से अरविंद कुमार, प्रसार भारती से निरंजन कुमार, सहारा चैनल से निवास कुमार, आर्यन न्यूज़ से शैलेन्द्र पाण्डेय, जी पुरवैया से चन्दन कुमार, etv से अजित कुमार, रोहित कुमार, प्रभात खबर से रंजीत कुमार, कौमी तंजीम से शाम्बिल हैदर सहित अन्य शामिल हुए।
Modi and his diplomacy
By Prasoon Shukla (CEO & Editor-in-Chief, News Express)
The diplomacy of Prime Minister Narendra Modi is paying dividends. Increasingly ostracized leader, Russian President Vladimir Putin met Modi at Hyderabad House, Thursday, marking the beginning of Annual India-Russia Summit. United States President Barrack Obama is arriving New Delhi on the occasion of Republic Day. In fact, both Moscow and the United States are looking to revitalize relations and foster economic ties with India. This is the Modi’s diplomatic success and such enthusiasm has probably never been witnessed earlier.
बरेली से संजीव द्विवेदी ने सांध्य दैनिक ‘दो टूक’ निकाला… पंकज अग्रवाल, संदीप सिंह समेत कई जुड़े
बरेली से खबर है कि यहां हिन्दुस्तान समाचार पत्र को छोडकर कुछ दिन घर बैठने के बाद संजीव द्विवेदी ने अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर सांध्य दैनिक दो टूक निकाल दिया है। हालांकि अभी ‘दो टूक’ का विधिवत लोकार्पण नहीं हुआ है, लेकिन चौपला रोड पर इसके कार्यालय का केन्द्रीय मंत्री एवं बरेली के सांसद संतोश गंगवार ने फीता काटकर उदघाटन कर दिया है।
ज़ी मरुधरा चैनल ने पिछले 2 महीनों से अवार्ड बेचने का नया धंधा शुरू किया है
लोगों से भरे पाँच सितारा होटल की लॉबी में एक के बाद एक कई डॉक्टरों को अवार्ड दिया जाता है पर कोई भी व्यक्ति ताली नहीं बजा रहा है। यह नज़ारा था हाल ही में एक स्थानीय चैनल द्वारा आयोजित हेल्थ अवार्ड शो का। कारण था कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को पता था कि ये सभी अवार्ड पैसे ले कर के बेचे गए हैं। पुरस्कार देने वाले और पाने वाले सभी को पता था कि स्क्रीन पर चल रहे विज्ञापन की तरह अवार्ड भी पैकेज डील का हिस्सा है। यहाँ तक कि कार्यक्रम में शिरकत करने आये मंत्री साब को भी सारा माज़रा समझ आ गया और उन्होंने अफ़सोस जताया कि वो अनजाने में ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बने।
मजीठिया वेज बोर्ड : जानिए नया डीए… साथ ही इन बातों का रखें ध्यान..
साथियों, मजीठिया के अनुसार जुलाई 2015 से दिसंबर 2015 तक का नया डीए 87/167 है। इससे पहले जनवरी 2015 से जून 2015 तक का डीए 80/167 था। सभी ग्रेड के समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में डीए की गणना एक सी होती है। डीए के इस 7 अंक के अंतर से आपके वेतन पर क्या फर्क पड़ता है यह हम आपको निम्न उदाहरण से बता रहे हैं…
रणविजय सिंह पर गिरी गाज, समूह संपादक के पद से हटाकर लखनऊ ओपी श्रीवास्तव के अधीन अटैच किए गए
एक बड़ी खबर सहारा मीडिया से आ रही है. बताया जा रहा है कि यहां समूह संपादक के रूप में कार्यरत रणविजय सिंह को न सिर्फ पद से हटाया गया है बल्कि सहारा मीडिया के भी बाहर कर दिया गया है. चर्चा के मुताबिक रणविजय को लखनऊ स्थित सहारा मुख्यालय के आफिस में निदेशक के बतौर कार्यरत ओपी श्रीवास्तव के अधीन अटैच किया गया है.
प्रबंधन के हथकंडों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दैनिक जागरणकर्मी हुए तैयार, देखें बैठक की फोटो
नई दिल्ली। दैनिक जागरण की गुंडागर्दी का कर्मचारी मुंहतोड़ जवाब देंगे। शनिवार को दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने बैठक कर मजीठिया के लिए चल रहे आंदोलन की रणनीति के बारे में चर्चा की। बैठक में कर्मचारियों ने कहा कि मजीठिया की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को और धार दी जाएगी। कर्मचारियों ने कहा कि प्रबंधन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रदीप कुमार सिंह जी के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगाकर नीच हरकत कर रहा है।
पगला बाबा ने पत्रकार का सवाल सुनते ही पहले लाठियों से पीटा, फिर कुत्ते छोड़ दिए
मीरजापुर के विंध्याचल क्षेत्र में तुलसी तलैया स्थित पगला बाबा आश्रम में समाचार कवरेज के लिए गए टीवी चैनल के पत्रकार व कैमरा मैन पर बाबा ने लाठी से हमला करने के साथ पालतू कुत्ते छोड़ दिए… हमले में लहूलुहान पत्रकार व कैमरा मैन ने थाने में तहरीर दी है…
कानपुर से संचालित होने वाले के. न्यूज चैनल का सच : ”खुद कमाओ और हमे भी लाकर दो, तब हम जानेंगे तुम रिपोर्टर हो!”
: काम करवा कर वेतन नहीं देते है ‘के. न्यूज’ वाले : के. न्यूज की कहानी यहां नौ महीने तक काम करने वाले बनारस के मीडियाकर्मी प्रहलाद गुप्ता की जुबानी :
वाराणसी। चिल्ला-चिल्ला कर झूठ को बेनकाब करने का दावा करने वाले चैनलों का भीतरी सच क्या है? क्या है इनकी हकीकत? कैसे ये अपने यहां काम करने वालो का शोषण करते हैं? मेरा दावा है, चैनलों पर ऐसी कोई बेक्रिंग न्यूज कभी नहीं दिखेगी। कानपुर से संचालित होने वाले रीजनल चैनल ‘के.न्यूज’ के साथ काम कर के मुझे यही सबक मिला कि सच का दम भरने वाले इन चैनलों का भीतरी चेहरा कितना बदसूरत है।
नितिन दुबे और देव गुप्ता की नई पारी
देव गुप्ता ने हिंदुस्तान अखबार मीरजापुर में ज्वाइन किया है. वे पहले जनसंदेश में कार्यरत थे. युवा पत्रकार देव गुप्ता ने हिंदी पायनियर अखबार से 2010 में पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद जनसंदेश टाइम्स में काम करते हुए एनआरएचएम घोटाले के आरोपी और जन संदेश टाइम्स अखबार के मालिक बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ खबर लिखा था. वो भी उस दौरान जिस समय बाबू सिंह कुशवाहा जेल में थे और उनके समर्थक जन अधिकार मंच के बैनर तले यात्रा निकाल रहे थे. जनसंदेश में हर जिले में यात्रा की बड़ी खबर छप रही थी. उस दौरान देव गुप्ता ने बाबू सिंह के खिलाफ जनसंदेश टाइम्स में खबर छापी जिस पर कंपनी ने उनको साल भर का वेतन नहीं दिया. इससे तंग आकर देव को जनसंदेश छोडना पडा. अब वह अपनी नई पारी हिंदुस्तान अखबार के साथ शुरू कर रहे हैं.
बिहार में बदमाशों ने घर में घुसकर की पत्रकार की हत्या
गया। परैया थाना के कस्था गांव में बेहरमी से पत्रकार मिथिलेश पांडेय की हत्या कर दी गई। दो अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। मृतक पत्रकार के परिजनों ने बताया कि मिथिलेश शनिवार शाम को अपना काम खत्म कर घर लौटे तभी दो हमलावरों ने घर में घुसकर गोली मार दी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। परिजनों का कहना है कि पत्रकार होने के नाते अक्सर उन्हें धमकियां मिलती रहती थीं। इसकी शिकायत पुलिस से भी की गई थी। पुलिस ने इस वारदात की गुत्थी सुलझाने में जुटी है।
भास्कर चंडीगढ़ के संपादक अंकित शुक्ला का ट्रांसफर, सहारा दिल्ली के रिपोर्टर संजय सिंह का इस्तीफा
दैनिक भास्कर चंडीगढ़ के स्थानीय संपादक अंकित शुक्ला का तबादला भोपाल के लिए कर दिया गया है. दैनिक भास्कर के भोपाल मुख्यालय में अंकित शुक्ला को नई जिम्मेदारी दी जाएगा. उन्हें क्या नया दायित्व मिलेगा, इसके बारे में खुलासा नहीं हो पाया है. अंकित करीब पांच वर्षों से दैनिक भास्कर चंडीगढ़ में कार्यरत थे. वे इसके पहले टाइम्स आफ इंडिया, आई-नेक्स्ट आदि संस्थानों में काम कर चुके हैं.
हिंदुस्तान लखनऊ से दो खबरें : आरोप लगाने वाली महिला मीडियाकर्मी को ही दोषी मान लिया प्रबंधन ने!
हिन्दुस्तान लखनऊ में नवीन जोशी खेमे का सफाई अभियान जारी है… इस बार निशाना बने हैं रंजीव …रंजीव हिन्दुस्तान लखनऊ में नवीन जोशी के समय ब्यूरो प्रभारी थे और सपा बीट देखते थे… सत्ता बदलने के 2 महीने के भीतर ही इन्हें ब्यूरो से हटाकर डेस्क पर बैठा दिया गया था… अब बाहर का रास्ता दिखा गया है… नवीन जोशी के जाने के बाद अब तक 2 दर्जन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है… इनमें 3 संपादक भी शामिल हैं… हाल ही में गोरखपुर संपादक दिनेश पाठक को निकाला गया था… आने वाले दिनों में स्थानीय ब्यूरो में बड़े पैमाने पर भी फेरबदल की तैयारी चल रही है… शशिशेखर के निशाने पर 2 संपादक भी हैं…
ग्रामीण इलाकों से टीआरपी आते ही डीडी नेशनल में आया जबरदस्त उछाल
DD National sees major surge in the ratings as BARC releases rural data
New Delhi, 24th Oct: The public broadcaster, Doordarshan has emerged as the most watched channel in terms of time spent per viewer and has left behind the top touted GEC’s. DD National, the flagship channel of the network, registered an Average Time Spent of 51 Min per viewer, highest among Hindi GEC’s, in the week 41 as per BARC ratings. This indicates that after tuning to the channel, viewers preferred to continuously watch the channel for a longer duration of time rather than frequently switching the channels, as compared to other GEC’s.
टाइम्स नाऊ पर अरनब ने वित्त मंत्री और पूर्व मुख्य न्यायाधीश को आमने-सामने तर्क युद्ध के लिए बिठा दिया
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा पिछले सप्ताह एनजेएसी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिये जाने के बाद पहली बार केंद्र सरकार की किसी कद्दावर शख्सियत व न्यायपालिका के शीर्ष पर रही शख्सियत ने आमने सामने टीवी पर बहस की है. अंगरेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के प्रस्तोता अरिंदम गोस्वामी के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने यह बहस की है, जिसमें दोनों ने अपनी-अपनी संस्थाओं (जिनसे वे जुड़े रहे हैं) के पक्ष में जोरदार दलील दी है अौर एक-दूसरे के फैसलों पर आपत्ति दर्ज करायी है.
एफबी लव दोस्ती धोखा : देखिए मुंबई की एक न्यूज एंकर के साथ मेरठ में क्या हो गया
मेरठ में मुंबई में कार्यरत एक न्यूज चैनल की एंकर के साथ एक युवक ने कई माह दुष्कर्म करने के बाद धोखाधड़ी की है। पीड़िता ने मेरठ के थाना परतापुर में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। मेरठ में पीडि़ता के साथ थाना में भी पुलिस के सामने मारपीट की गई। मुंबई में मलाड के एकतानगर निवासी एक न्यूज चैनल की एंकर चार महीने पहले फेसबुक पर मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी युवक गौरव के संपर्क में आई।
पांच लेखक संगठनों ने साहित्य अकादमी के कार्यकारी मंडल द्वारा जारी बयान की आलोचना की, पढ़ें पूरी प्रेस विज्ञप्ति
कल दिनांक 23.10.2015 को साहित्य अकादमी के कार्यकारी मंडल ने लेखकों-कलाकारों के ज़बरदस्त विरोध के दवाब में जो प्रस्ताव पारित किया है, वह न सिर्फ़ चिंताजनक रूप से अपर्याप्त, बल्कि ग़लतबयानी का एक निर्लज्ज नमूना भी है. पांच लेखक-संगठनों — जलेस, जसम, प्रलेस, दलेस और साहित्य-संवाद — के आह्वान पर लेखकों, पाठकों और संस्कृतिकर्मियों का जो बड़ा समुदाय मौक़े पर मौन जुलूस की शक्ल में पहुंचा था, उसके द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में चार मांगें रखी गयी थीं. उनमें से दो मांगों को साफ़ दरकिनार कर दिया गया. एक यह कि “कार्यकारी मंडल अकादमी के अध्यक्ष श्री तिवारी के उस रवैये के निंदा स्पष्ट शब्दों में करे जो उनके साक्षात्कारों और बयानों में सामने आया है.”
मुनव्वर राणा साहब, मोदी आपके बड़े भाई कब से हैं, सीएम टाइम से या पीएम बनने पर!
Vishnu Nagar : मुनव्वर राणा साहब, आपने तो पूरी लेखक बिरादरी को शर्मिंदा कर दिया। किसी ने आपका गला नहीं पकड़ा था कि आप साहित्य अकादमी सम्मान जाइए और लौटाइए। आपने लौटाने से मना करते-करते आखिर बड़े नाटकीय ढँग से एक टीवी चैनल पर आकर उसे लौटा दिया। फिर आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय माँगा और प्रधानमंत्री कार्यालय से कहा कि पुरस्कार लौटानेवाले और लेखकों को भी मिलने के लिए बुलाया जाए। चलो यहाँ तक भी ठीक था। हालांकि प्रधानमंत्री से मिलना ही था आपको तो नाटक रचने से पहले मिल लेते। चलो यहाँ तक भी मान लेते हैं कि कोई बात नहीं, चलता है।
साहित्य अकादमी की बैठक से पहले साहित्यकारों ने किया शांति मार्च
नयी दिल्ली : कई लेखकों के सम्मान लौटाने के बाद साहित्य अकादमी ने अपनी आपात बैठक बुलायी है. लेकिन साहित्यकारों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. एमएम कलबुर्गी और दादरी मामले का बैनर पोस्टर हाथों में लिए सैकड़ो लेखक और साहित्यकार आज दिल्ली में मौन जुलूस निकाल रहे हैं. जुलूस सफदर हाशमी रोड से शुरू होकर साहित्य अकादमी रवींद्र भवन तक गया, जिसमें बड़ी संख्या में लेखकों और संस्कृतकर्मियों के हिस्सा लिया. सभी के हाथों में बैनर पोस्टर थे जो देश में संप्रदाय के नाम पर हिंसा के विरोध में थे.
टीआरपी : 41वां सप्ताह : आजतक फिर नंबर वन, एनडीटीवी ठिकाने लगा, न्यूज नेशन ने जी न्यूज को पीटा
41वें सप्ताह की टीआरपी में कई उलटफेर देखने को मिल रहे हैं. आजतक लगातार पिट रहा था लेकिन अबकी वह फिर नंबर एक पर आ गया है, लेकिन बहुत थोड़े ही फासले से. नंबर एक आजतक और नंबर दो इंडिया टीवी के बीच बस 0.4 का फासला है. जी न्यूज नंबर दो पर हुआ करता था लेकिन यह ऐसा नीचे गिरा कि सीधे पांचवें पोजीशन पर जाकर रुका.
जानिये मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों / मीडिया प्रतिष्ठानों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू है और किन-किन ने नहीं लागू किया है
: आरटीआई से हुआ खुलासा : दिन रात कड़ी मेहनत कर समाचार पत्र और प्रतिष्ठान के लिये जी-जान लगा देने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों के मामले में आरटीआई के जरिये अब तक का एक बड़ा खुलासा हुआ है जो किसी राज्य के पत्रकारों के लिये उर्जा का काम कर सकता है। मुंबई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी एकत्र किया है कि मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू किया गया है और कौन-कौन से समाचार पत्रो में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू की गयी है। अगर नहीं लागू की गयी है तो उसका कारण क्या है। इस दौरान काफी चौकाने वाले तथ्य भी सामने आये हैं। कई समाचार पत्रों ने मजीठिया जहां पूरी तरह लागू कर दिया, ऐसा दर्शाया है, वहीं कई समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने या तो इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है या फिर आंशिक तौर पर लागू किया है। मुंबई के कई बड़े समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड इसलिये नहीं लागू किया क्योंकि इसके पीछे वित्तीय कारण थे।
सनातन धर्मी मानसिकता वाला दैनिक जागरण संकिसा बौद्ध स्तूप को टीला लिखता है ताकि बौद्ध अनुयायी अपमानित हो सकें
: संकिसा बौद्ध महोत्सव की झूठी खबर छापने से बौद्ध अनुयायियों में रोष : फर्रूखाबाद। विश्व प्रसिद्ध संकिसा बौद्ध पर्यटक स्थल पर आयोजित विशाल महोत्सव के बारे में दैनिक जागरण द्वारा झूठी खबर छापे जाने से बौद्ध अनुयायियों में रोष व्याप्त हो गया है। कानपुर से प्रकाशित दैनिक जागरण के फर्रूखाबाद संस्करण के आज 23 अक्टूबर के समाचार पत्र के पेज नम्बर 2 पर (बयानबाजी से संकिसा में माहौल गर्माया शीर्षक) समाचार प्रकाशित किया गया है। खबर धम्मा लोको बुद्ध बिहार के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य के हवाले से प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य एस अश्वघोष 26 अक्टूबर को अशोक स्तम्भ का अनावरण करेंगे।
साथियों, मुनव्वर राना से बच कर रहिए!
Mohammad Anas : मशहूर क्रांतिकारी शायर और गजब की अदा से अशआर पढ़ने वाले मुनव्वर राना साहब ने कहा है कि अगर नरेंद्र भाई मोदी कहेंगे तो वे उनका जूता भी उठाने को तैयार हैं। ये लीजिए, एक और जीतनराम मांझी आपके सामने आ गए। इट्स ओके राना साहब, चिल कीजिए। हो जाता है। लेकिन हम लोगों से यह नहीं हो पाता है इसलिए आप पर हम लोग तो बात करेंगे। तो साथियों, मुनव्वर राना से बच कर रहिए। टीवी ने उन्हें अब तक के साहित्यिक प्रतिरोध का हीरो बना दिया है। यह जानबूझ कर किया गया है क्योंकि हममें से ज्यादातर लोग जानते हैं कि भाजपा से उनके बहुत करीबी रिश्ते रहे हैं। इस बार उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड मोदी सरकार के कहने पर मिला था।
मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार… पढ़िए एक युवा ने क्यों कर लिया सुसाइड
Vinod Sirohi : जरूर शेयर करें —मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार — आप पर कोई बंदिश नहीं है आप इस मैसेज को बिना पढ़े डिलीट कर सकते हैं। अगर आप पढ़ना चाहें तो पूरा पढ़ें और पढ़ने के बाद 5 लोगों को जरूर भेजें।
मेरा नाम राहुल है। मैं हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना का रहने वाला हूँ। आप भी मेरी तरह इंसान हैं लेकिन आप में और मुझमें फर्क ये है कि आप जिन्दा हैं और मैंने 19 अगस्त, 2015 को रेल के नीचे कटकर आत्महत्या कर ली।
एबीपी न्यूज़ पर संबित पात्रा के साथ राकेश सिन्हा ने तो मुनव्वर राना और अतुल अंजान को लगभग नोंच डाला था!
Sheetal P Singh : प्रो. राकेश सिन्हा ने आज RSS के ९० साल के होने और उसके राजनीतिक मंच के दिल्ली के तख़्त पर आसीत रहने के दिन गर्वोक्ति ज़ाहिर की है कि अब उनकी विचारधारा ही चलेगी और दिनोंदिन और बढ़ेगी, दुनिया इसे मान रही है, विश्व गुरू, आदि अनादि! टीवी की संध्या बहसों में वे पिछले कुछ वर्षों में संघ के विचारक के तौर पर स्थापित हैं, वामपंथ सेक्युलरिज़्म और भौतिकवाद को गया गुज़रा, इतिहास के “कूरेदान” में पड़ा मान कर ख़ारिज कर दिया करते हैं! हाल ही में एबीपी न्यूज़ पर मुनव्वर राना और अतुल कुमार अंजान को तो संबित पात्रा के साथ उन्होंने लगभग नोंच डाला था, कई बार लगा हाथापाई अब हुई तब हुई।
जब भैरोंसिंह शेखावत ने पत्रकार जयशंकर गुप्ता से पूछा था- ‘मैं स्वयं भी तो संघ का ही स्वयंसेवक हूं, आप लोग हममें भेद कैसे कर सकते हैं’
Jaishankar Gupta : बात पुरानी है, तब की जब हम इंडिया टुडे के साथ थे और पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री। हमारा राजस्थान में आना जाना और ठाकर साहब (भैरोंसिंह शेखावत) से मिलना जुलना लगा रहता था। उस समय भाजपा में एक लाबी खासतौर से संघ से जुडे कुछ नेताओं की मंडली लगातार उनके विरुद्ध सक्रिय रहती थी। एक दिन भोजन पर हम ठाकर साहब के साथ थे। बात बात में उन्होंने पूछ लिया ”आप लोग अक्सर लिखते रहते हैं मेरे विरुद्ध संघ की लॉबी सक्रिय है। मैं स्वयं भी तो संघ का ही स्वयंसेवक हूं। आप लोग हममें भेद कैसे कर सकते हैं।”
मानसी खुर्शीद ने teennews1.com लॉन्च किया
टीवी और अखबार में काम कर चुकीं मानसी खुर्शीद ने हाल ही में आज के युवाओं की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए teennews1.com नाम से एक वेबसाइट को लॉन्च किया है… इस पोर्टल पर टीनएजर्स से जुड़े हर मुद्दे को उजागर किया जा रहा है.. इसमें टीनएजर्स की सेहत, एजुकेशन, कॅरियर, उनकी पर्सनल और …
श्रुति सेठ, कविता कृष्णन, शर्मिला टैगोर, शोभा डे आदि को रंडी, वेश्या, चरित्रहीन कहने वाले ये लोग कौन हैं?
Krishna Kant : भारतीय सवर्ण मर्द के पास महिला की बात का जवाब नहीं होता तो तुरंत चरित्र हनन पर उतर आता है. यह पाखंडी समाज है इसलिए किसी का भी चरित्र हनन बहुत कारगर हथियार है. प्राय: पति जब पत्नी से हारता है तो लांछन लगा देता है. कोई किसी से हारता है तो उसके चरित्र पर कीचड़ उचाल देता है. सोशल मीडिया पर महिलाओं को गालियां देने वाले कौन लोग हैं?
‘दृष्टांत’ मैग्जीन के संपादक अनूप गुप्ता के खिलाफ लखनऊ में नया मुकदमा
लखनऊ से प्रकाशित क्रांतिकारी मैग्जीन ‘दृष्टांत’ के संपादक अनूप गुप्ता के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दिया गया है. यह एफआईआर मैग्जीन के पंजीकरण हेतु फर्जी दस्तावेजों के लगाने से संबंधित है. वहीं अनूप गुप्ता का कहनाा है कि भ्रष्ट नौकरशाहों से लेकर भ्रष्ट नेताओं और भ्रष्ट मंत्रियों की पोल लगातार खोलने के कारण …
यूपी-उत्तराखंड में ईटीवी बना नंबर वन, जी संगम नंबर दो पर पहुंचा
इस साल के 42वें हफ्ते की टीआरपी के अनुसार यूपी और उत्तराखंड में ईटीवी नंबर वन हो गया है. इस चैनल का पूरे मार्केट पर 33 प्रतिशत कब्जा है. वहीं पिछली दफे नंबर वन पर रहने वाले जी संगम को नंबर दो पर खिसक कर संतोष करना पड़ रहा है. जी संगम का मार्केट शेयर 29 प्रतिशत है. समाचार प्लस तीसरे, न्यूज स्टेट चौथे और इंडिया न्यूज पांचवें स्थान पर हैं.
आईबीएन7 ने अमित शाह को उप राष्ट्रपति घोषित कर दिया!
हमारे हिंदी न्यूज चैनल जो न कर दिखाएं, वो कम है. आईबीएन7 न्यूज चैनल ने कल चैनल पर अमित शाह को उपराष्ट्रपति घोषित कर दिया. ऐसा चैनल की स्क्रीन पर चलने वाली पट्टी पर लिखाा हुआ आया जिसे एक सुधी दर्शक ने पकड़ लिया और मोबाइल से फोटो खींचकर भड़ास के पास भेज दिया. देखें आप भी उस तस्वीर को. नीचे की तस्वीर में बिलकुल नीचे लिखा हुआ है- ‘कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति अमित शाह भी पहुंचे’.
मुख्यमंत्री हरीश रावत को पीसी तिवारी से डर क्यों लगता है!
गैरसैंण : उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी को कहीं जाने से रोकने के लिए एक साल में यह दूसरी गिरफ्तारी है। गत वर्ष 10 अक्टूबर को खूंट में भारत रत्न पं गोविन्द बल्लभ पंत जयंती पर जाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था प्रशासन ने इसे केवल रोके रखने की कार्यवाही बताया था, संभवतः आज भी प्रशासन का तर्क रोकना ही होगा। खूंट में विरोध कार्यक्रम नहीं था बावजूद इसके उन्हें इसलिए रोका गया कि क्योंकि वहां मुख्यमंत्री को आना था। नैनीसार में भी मुख्यमंत्री को आना था इसलिए गिरफ्तारी हुई।
‘यूट्यूब’ के बाद अब ‘यूट्यूब रेड’ लेकिन यह फ्री नहीं, देने होंगे पैसे
गूगल ने काफी पहले यूट्यूब पेड सर्विस शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे आधिकारिक रूप से शुरू किया जा रहा है। इसी के साथ यूट्यूब म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप भी लॉन्च करेगा। यूट्यूब रेड उन यूजर्स के लिए शुरू किया गया है, जो एक निश्चित रकम का भुगतान करके इस सेवा का उपयोग करना चाहते हैं। अब यूजर्स के पास रेगुलर यूट्यूब के साथ ही पेड वर्जन की सुविधा भी रहेगी। फ्री वर्जन में वीडियो के साथ-साथ आपको विज्ञापन भी दिखाई देते हैं। जबकि रेड सर्विस में ऐसा नहीं होगा।
बाजार के आगे नतमस्तक मध्य प्रदेश के अखबार मर्यादा और गरिमा भूल बैठे
मध्य प्रदेश के हिन्दी अखबारों पर बाजार इस कदर हावी है कि लगता है उन्होंने मर्यादा, शुचिता, नैतिकता और गरिमा को करीब-करीब तिलांजलि ही दे दी है। नईदुनिया और पत्रिका में पहले पेज पर सबसे ऊपर छपे विज्ञापन पर नजर दौड़ाने पर आप मेरे विचारों से सहमत हो जाएंगे। सुखद आश्चर्य कि इस विज्ञापन के दैनिक भास्कर म दर्शन नहीं हुए.. नईदुनिया जब शबाब पर था और पूरे अविभाजित मध्यप्रदेश में उसकी तूती बोलती थी तब उसमें पहले पेज पर क्वार्टर पेज (आधे पेज के आधे से भी कम) विज्ञापन ही छापने का नियम था.. फिर जैसे-जैसे अखबार पतन की तरफ अग्रसर हुआ उसमे पहले पेज पर गले-गले तक विज्ञापन छपने लगे.. कई अश्लील विज्ञापन भी लगने लगे…
तांत्रिक की सलाह पर एक रीजनल चैनल ने बदला लुक एंड फील!
यूपी-उत्तराखंड में दिनों दिन गर्त में जा रहे एक रीजनल चैनल ने एक टोटका आजमाया है। टीआरपी लिस्ट में पिछले कई हफ्तों से धराशाई इस चैनल ने अपना जो लुक एंड फील बदल दिया है उसके लेकर चर्चा जोरों पर है कि चैनल के सीईओ के पर्सनल तांत्रिक पंडित दिवाकर शर्मा के कहने पर ऐसा किया गया है। तांत्रिक दिवाकर शर्मा खुद को असम के माँ कामाख्या मंदिर और कलकत्ता की दक्षिणमुखी माँ काली का भक्त बताते हैं तथा खूनी प्रतिशोधात्मक पद्धति ‘मारक मुठिया’ विद्या के विशेषज्ञ हैं।
भाजपाई कब तक मुसलमानों और दलितों के लिए कुत्ता और कुत्ते के बच्चे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहेंगे?
(मोहम्मद अनस)
Mohammad Anas : हरियाणा में दो दलित बच्चों को जिंदा जलाए जाने पर रक्षा राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा, ‘कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो सरकार ज़िम्मेदार नहीं होती।’ मंत्री जी कुत्ते के मारने पर किसी ने सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया, हम सब तो इंसानियत की हिफाजत करने में जानबूझ कर पीछे रहने वाली सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब खत्म होगा हिंसा का सिलसिला। आखिर कब तक मुसलमानों और दलितों के लिए कुत्ता और कुत्ते के बच्चे का शब्द इस्तेमाल करते रहेंगे भाजपाई?
वीरेन डंगवाल स्मरण : वीरेन कविता को इतना पवित्र मानता है कि अक्सर उसे लिखता ही नहीं है…
Pankaj Chaturvedi : उत्सवधर्मिता तुम्हें रास नहीं आती थी। तुम अपनी डायरी के पहले पन्ने पर ‘धम्मपद’ में संरक्षित बुद्ध का यह वचन लिखते थे : ”को नु हासो किमानन्दो, निच्चं पज्जलिते सति”—-यानी कैसी हँसी, कैसा आनन्द, जब सब कुछ निरन्तर जल रहा है। इसलिए जो तुम्हारा मस्ती-भरा अंदाज़ दिखता था, वह तुम थे नहीं! वह एक आवरण था, जिसमें तुम अपने अंतस की आभा छिपाये थे। जैसा कि ‘प्रसाद’ कहते हैं—-”एक परदा यह झीना नील छिपाये है जिसमें सुख गात।” असद ज़ैदी ने ठीक लिखा है कि उनकी नहूसत और तुम्हारी चपलता दरअसल एक ही धातु से निर्मित थी।
पुण्य प्रसून बाजपेयी का विश्लेषण- आखिर मुनव्वर राणा को लेकर संघ परेशान क्यों है?
: मुनव्वर राणा का दर्द और संघ परिवार की मुश्किल : ”आप सम्मान वापस लौटाने के अपने एलान को वापस तो लीजिये। एक संवाद तो बनाइये। सरकार की तरफ से मैं आपसे कह रहा हूं कि आप सम्मान लौटाने को वापस लीजिये, देश में एक अच्छे माहौल की दिशा में यह बड़ा कदम होगा। आप पहले सम्मान लौटाने को वापस तो लीजिये। यहीं न्यूज चैनल की बहस के बीच में आप कह दीजिये। देश में बहुत सारे लोग देख रहे हैं। आप कहिए इससे देश में अच्छा माहौल बनेगा।” 19 अक्टूबर को आजतक पर हो रही बहस के बीच में जब संघ विचारक राकेश सिन्हा ने उर्दू के मशहू शायर मुनव्वर राणा से अकादमी सम्मान वापस लौटाने के एलान को वापस लेने की गुहार बार बार लगायी तब हो सकता है जो भी देख रहा हो उसके जहन में मेरी तरह ही यह सवाल जरूर उठा होगा कि चौबीस घंटे पहले ही तो मुनव्वर राणा ने एक दूसरे न्यूज चैनल एबीपी न्यूज पर बीच बहस में अकादमी सम्मान लौटाने का एलान किया था तो यही संघ विचारक बाकायदा पिल पड़े थे। ना जाने कैसे कैसे आरोप किस किस तरह जड़ दिये।
सेन्ट्रल प्रेस एक्रेडेशन कमेटी में श्याम बाबू समेत 11 पत्रकार मनोनीत
सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार ने दो वर्षीय सेन्ट्रल प्रेस एक्रेडेशन कमेटी (सीपीएसी) का गठन करते हुए उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण झांसी के प्रदेश मुख्यालय के विशेष संवाददाता श्याम बाबू को सदस्य मनोनीत किया है। 12 सदस्यीय कमेटी में इनके अलावा दस अन्य सदस्यों को कमेटी के लिए अलग से नामित किया गया है। सूचना प्रसारण मंत्री अरूण जेटली द्वारा गठित कमेटी का पदेन अध्यक्ष फ्रेंक नरोन्हना (महानिदेशक, प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया) को बनाया गया है।
यूपी उत्तराखंड : जी संगम नंबर 1, ईटीवी नंबर 2, न्यूज स्टेट नंबर 3 पर, समाचार प्लस गया गर्त में
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के रीजनल न्यूज चैनलों की बात करें तो 40वें हफ्ते की टीआरपी के हिसाब से जी संगम नंबर एक पर है. कुल 37 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ यह चैनल ईटीवी से आगे निकल गया है. बताया जाता है कि ईटीवी डीडी डायरेक्ट डीटीएच पर नहीं है, जी संगम इस बड़े प्लेटफार्म पर मौजूद है जिसके कारण जी संगम को काफी फायदा मिला और वह टीआरपी में नंबर वन बन गया है.
अमरोहा में यूएनआई के पत्रकार से डीआईजी ओमकार सिंह और एएसपी विजय गौतम ने की बदतमीजी
सेवा में
श्री मनोहर सिंह
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस
महोदय,
कृपया अवगत हो दिनांक 20 अक्टूबर 2015, समय 12.43 अपराह्न, स्थान कोतवाली डिडौली जिला अमरोहा में ग्राम पतेई खालसा में हुये सांप्रदायिक तनाव के दृष्टिगत कमिश्नर व डीआईजी मुरादाबाद अपने अधीनस्थ जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक अमरोहा को संग लेकर एक दर्जन लोगों के साथ कोतवाली के खुले प्रांगण में पीपल के पेड़ के नीचे खुली बैठक कर रहे थे, जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक अमरोहा विजय गौतम व अन्य स्टाफ भी मौजूद था।
दैनिक जागरण कर्मियों ने अपने मालिक और संपादक संजय गुप्ता के आवास के बाहर प्रदर्शन कर अपना हक मांगा
नई दिल्ली। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने बुधवार को अखबार के मालिक संजय गुप्ता के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने महारानी बाग से लेकर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी तक जुलूस निकाला और संजय गुप्ता के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
दहेज के लिए मारी गई पत्रकार किरन को न्याय मिलता दिख नहीं रहा
25 सितंबर 2015 को देहरादून निवासी पत्रकार किरन की दहेज के कारण हत्या कर दी गई थी। दबंग परिवार वालों तथा एक बड़े अधिकारी के सहयोग के कारण पुलिस किरन की दहेज हत्या को आत्महत्या में बदल रही थी। शुरू में डालनवाला पुलिस का रवैया भी आरोपियों की मददगार का रहा। पुलिस की हीलाहवाली के कारण दहेज हत्या के आरोपी किरन का पति राबिन जोशी व मामले में संलिप्त उसके परिवार के सदस्य भागने में कामयाब रहे।
बदतमीज और क्रूर जागरण प्रबंधन के खिलाफ जाने-माने वकील परमानंद पांडेय ने पीएम मोदी को पत्र भेजा
Shri Narendra Modi
Hon’ble Prime Minister of India
New Delhi
Sub.: Exploitation, victimization and harassment of the Dainik Jagran employees
Hon’ble Pradhan Mantri ji,
We write to you with pain and anguish over the exploitation and victimization of newspaper employees by their proprietors that has crossed all limits. The saddest part of it is that the Governments- Central as well as the States- have become the mute spectators to this sordid state-of-affairs.
अरविंद केजरीवाल ने किस्सा सुनाने के बहाने कह दिया- ”टीवी चैनल वालों को तो मोदी ने खरीद रखा है”
Arvind Kejriwal : अभी अभी बिहार गए हुए एक रिपोर्टर से बात हुई। उसने एक बड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाया। रिपोर्टर ने बिहार के एक गाँव में एक रिक्शा वाले से बात की। दोनों के बीच हुई बात इस प्रकार है –
‘जी संगम’ का नाम फिर बदला, अबकी ‘इंडिया 24×7’ हुआ
जी ग्रुप वाले कुछ न कुछ करते रहते हैं. कुछ नहीं मिलेगा तो चैनल का नाम ही कई बार बदल डालेंगे. पहले जी न्यूज यूपी उत्तराखंड था चैनल का नाम. फिर इसे बदल कर जी संगम किया गया. अब नया नाम ‘इंडिया 24×7’ रख दिया है. ये नया नाम कई उन न्यूज चैनलों से मिलता …
सहारा मीडिया में सांकेतिक हड़ताल आज से, सहाराश्री ने कर्मियों को भेजी चिट्ठी
सहारा मीडिया में नई बनी यूनियन ने कई राउंड वार्ता बेनतीजा रहने और प्रबंधन के उदासीन रवैये से मजबूर होकर सेलरी व बकाया के लिए फिर से आंदोलन की राह पर चलने का फैसला किया है. इसके तहत 21 अक्टूबर यानि आज से अखबार का एक एडिशन छापने और चैनलों पर एक लाइव बुलेटिन चलाने का फैसला किया गया है. सहारा कर्मी अब सांकेतिक रूप से ही काम करेंगे. सहारा मीडिया में पिछले आठ महीनों से सेलरी संकट है.
अजय पांडेय ने दैनिक जागरण और अजय शुक्ला ने आज समाज छोड़ा, एक ने ट्रिब्यून और दूसरे ने हिंदुस्तान ज्वाइन किया
दैनिक जागरण के दिल्ली राज्य ब्यूरो के प्रभारी अजय पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अजय पांडेय पूर्व में हिंदुस्तान और नई दुनिया में काम कर चुके हैं। वे दैनिक जागरण में दिल्ली सरकार देख रहे थे। अजय पांडेय के नौकरी छोड़ने से दैनिक जागरण को भारी क्षति पहुंच सकती है। बताया जा रहा है कि वे अपनी अगली पारी ट्रिब्यून के हिंदी अखबार के साथ शुरू करने जा रहे हैं और जहां उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यूपी के जंगलराज की नई कहानी : अमिताभ, जया और अभिषेक बच्चन को यूपी सरकार हर माह देगी डेढ़ लाख रुपये!
Surya Pratap Singh IAS : अमिताभ बच्चन, जया व अभिषेक को यूपी सरकार देगी 50,000 रुपये की पेंशन… यानि इस परिवार को हर महीने डेढ़ लाख रुपये… पेंशन के नाम पर…क्या मजाक है…. मुख्यमंत्री के गाँव ‘सैफई’ के प्रधान दर्शन सिंह यादव को भी इस वर्ष यश भारती पुरस्कार मिला है… उसके प्रभाव ने यह निर्णय करा दिया… सरकारी खजाने का मज़ाक बना कर रख दिया है.. लुटाओ, जितना लुटा सकते हो… चुनाव तक…
लखनऊ के एक अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती ठुमरी गायिका जरीना बेगम को मदद की सख्त जरूरत
Vineet Kumar : लखनऊ के वाशिंदे, संगीत के कद्रदान, आप कुछ तो कीजिए.. ”अम्मा आपको बहुत दुआएं देतीं हैं भैया, बहुत याद करती हैं..फिर जल्दी आना मिलने लखनऊ…” रुबीना दीदी ने फोन पर जब इतना कहा तो अपने आप आखों में आंसू छलक आए..फफककर रो पड़ा. ज़रीना बेगम, ये नास्तिक आपके लिए प्रार्थना भी नहीं कर सकता. वो पहली मुलाकात में बस आपको एकटक देखता रहा..चेहरे की झुर्रियों में आपकी ठुमरी, रियाज़ और बेगम अख़्तर का अक्स पढ़ता रहा. आप कितना कुछ बोलना चाहती थीं हमसे लेकिन बेबस नज़र आयीं..आपके लड़के ने हमें बताया- अम्मा के आगे अभी तबला-हारमोनियम देय दो तो गाने लग जांगी…फिर कहने लगे,अम्मा ठीके थीं,जब पता पड़ा कि बिजली बिल जमा नहीं करने पर ये घर नीलाम हो जागा तो चिंता में घुलने लगीं.
‘पांच्यजन्य’ के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
पांच्यजन्य जिसे अभी तक आरएसएस (संघ) का मुखपत्र कहा जाता था, लेकिन अब संघ इससे साफ़ मुकर रहा है, इसमें विनय कृष्ण चतुर्वेदी उर्फ तुफैल चतुर्वेदी नामक लेखक लिखते हैं कि “वेद का आदेश है कि गोहत्या करने वाले के प्राण ले लो। हममें से बहुत लोगों के लिए तो यह जीवन-मरण का प्रश्न है।” इसका सीधा सा मतलब यही है कि वर्तमान भारत में पांच्यजन्य द्वारा वैदिक विधि के मनमाने प्रावधानों को लागू किये जाने का समर्थन किया जा रहा है। वेद किसने, कब और क्यों लिखे, यह जुदा विषय है, लेकिन भारत का संविधान लागू होने के बाद वैदिक कानूनों को लागू करने और वैदिक विधियों के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर वेदों के अनुसार सजा देने की बात का खुल्लमखुल्ला समर्थन इस आलेख में किया गया है।
लेखकों, पाठकों और संस्कृतिकर्मियों का मौन जुलूस, 23 अक्टूबर को सुबह 9:45 बजे, श्री राम सेन्टर, सफ़दर हाशमी मार्ग से साहित्य अकादमी, रवीन्द्र भवन तक
जैसा कि हम जानते हैं, 23 तारीख़ को साहित्य अकादमी की कार्यकारिणी की एक आपात बैठक सुबह 10:30 बजे होनेवाली है. इस मौक़े पर हमें वहाँ उपस्थित होकर यह मांग करनी चाहिए कि अकादमी बढ़ती हुई हिंसक असहिष्णुता के ख़िलाफ़ अपना मत प्रकट करे और अकादमी-पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ लेखक प्रो. एम. एम. कलबुर्गी की हत्या की निंदा करते हुए दिल्ली में शोक-सभा आयोजित करने का फ़ैसला ले. इसके लिए हम 9:30 बजे सुबह सफ़दर हाशमी मार्ग पर इकट्ठा होंगे और 9:45 पर एक मौन जुलूस की शक्ल में रवीन्द्र भवन की ओर बढ़ेंगे जो साहित्य अकादमी का मुख्यालय है. हम लेखक-पाठक-संस्कृतिकर्मी साथियों से अपील करते हैं कि आइये और इस कारवां को आगे बढ़ाइए.
मुरली मनोहर प्रसाद सिंह
अशोक भौमिक
अली जावेद
हीरालाल राजस्थानी
अनीता भारती
संपर्क के लिए: 9953056075, 9818577833, 9968855296, 9811577426
Outlook Hindi को पूरे सम्मान के साथ यह चेक एक पत्र के साथ वापिस कर रहा हूं
Siddhant Mohan : बीते अप्रैल में हुए ‘संकटमोचन संगीत समारोह’ के लिए मैंने आउटलुक पत्रिका के चन्द्र प्रकाश, फिर बाद में आकांक्षा पारे के कहने पर समारोह पर एक लेख लिखा था और ग़ुलाम अली खान साहब का इंटरव्यू भी किया था. बीच में कई दफा एकाउंट नंबर पूछने, नाम की स्पेलिंग कन्फर्म करने के लिए फोन आए. कुछेक बार एचआर डिपार्टमेंट से, कुछेक बार आकांक्षा जी से. कई बार एसएमएस से डीटेल भी मांगे गए. अप्रैल में किए इस काम के जवाब में मुझे कल यानी 20 मई को(छः महीने से भी ज्यादा वक़्त बाद) चेक मिला. 720 रूपए का. नाम की स्पेलिंग गलत.
ओपी सक्सेना बने दैनिक प्रभात मेरठ के संपादक, विनोद हिंदुस्तान दिल्ली से जुड़े
मेरठ से निकलने वाले हिंदी दैनिक प्रभात के नए संपादक ओपी सक्सेना बनाए गए हैं. इसके पहले संपादक श्रीकांत अस्थाना हुआ करते थे. श्रीकांत को अब सुभारती मीडिया संस्थान का प्रभार दिया गया है. ओपी सक्सेना इसके पहले लंबे समय तक दैनिक जागरण मेरठ से संबद्ध हुआ करते थे. ओपी सक्सेना का नाम दैनिक प्रभात की प्रिंट लाइन में जाने लगा है.
बर्बाद फसल दिखाने आई गरीब महिला को हड़का रहे इस कलेक्टर ने चार जूते मारने लायक काम किया है या नहीं? (देखें वीडियो)
एबीपी न्यूज में स्पेशल करेस्पांडेंट ब्रजेश राजपूत ने एक वीडियो फेसबुक पर शेयर किया है. साथ ही यह भी बताया है कि इस वीडियो के एबीपी न्यूज पर चलने के फौरन बाद वीडियो में दिख रहे खलनायक अफसर के ट्रांसफर का आदेश आ गया. वीडियो में खलनायक अफसर एक गरीब किसान महिला को हड़का रहा है. यह किसान महिला जनसुनवाई में अपनी सूखी फसल दिखाने लाई थी और फसल दिखाते ही अफसर इस महिला पर बिगड़ पड़ा.
मोआवादी कनेक्शन बताकर गिरफ्तार किए गए पत्रकार संतोष यादव ने दी पुलिस को चुनौती- नार्को टेस्ट कराओ और रिजल्ट पब्लिक में लाओ
छत्तीसगढ़ में पुलिस दमन चरम पर है. पत्रकारों तक को बख्शा नहीं जा रहा है. संतोष यादव नामक पत्रकार को माओवादी कनेक्शन के नाम पर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. हर तरफ से इसका विरोध हो रहा है लेकिन प्रदेश सरकार और पुलिस कान में तेल डाले सो रही है. नक्सलवाद उन्मूलन के नाम पर आने वाले लंबे चौड़े बजट के बंदरबाट के जरिए बड़े नेता और अफसर चैन की बंशी बजा रहे हैं और ग्राउंड लेवल पर आम निर्दोष जन माओवादी-नक्सलवादी बताकर जेल में ठूंसे जा रहे हैं. पत्रकार संतोष यादव ने जेल में मिलने गए अपने भाई के जरिए मीडिया वालों को खबर की है कि पुलिस अगर चाहे तो उसका नार्को टेस्ट करा सकती है लेकिन इसके रिजल्ट को पब्लिक करना होगा ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इस बारे में द हिंदू अखबार में जो खबर प्रकाशित हुई है, उसे पढ़ें>>
हिंदी साहित्य जगत में नया प्रयास : फोन करें और अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करें…
जी हाँ! सहज, सरल, सुंदर. रचनाकार www.Rachanakar.org लगातार पिछले 11 वर्षों से हिंदी साहित्य की अंतहीन सामग्री को इंटरनेट पर प्रस्तुत करने में जुटा है. रचनाकार के रचनाकारों और पाठकों का निरंतर सहयोग के बगैर यह असंभव था, जिसके लिए हम आभारी हैं. अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए, नवीन, उन्नत टेक्नॉलाज़ी का लाभ उठाते हुए, वाचिक रचना प्रकाशन को और अधिक सहज सरल बनाया जा रहा है. वैसे भी, आने वाला समय स्मार्ट टीवी का होगा, स्मार्ट उपकरणों का होगा, जिसमें रचनाओं का पठन-पाठन दृश्य-श्रव्य माध्यम से अधिक होगा. अब आप केवल एक फ़ोन कॉल कर अपना जीवंत रचना पाठ (लाइव ऑडियो पॉडकास्ट के रूप में) प्रकाशित कर सकते हैं. यानी आप फोन पर ही अपनी रचना का पाठ कर सकते हैं, और उसे रेकार्ड कर यूट्यूब अथवा अन्य पॉडकास्ट सेवा में प्रकाशित कर सकते हैं.
समाचार एजेंसी रायटर से मोदी सरकार का एक मंत्रालय नाखुश, कार्रवाई करने का ऐलान
Reuters, had sought a discussion with the Minister for Women and Child Development on the issue of budgetary allocations for the ICDS programme of the Ministry. The Minister had stated that the government has accepted the recommendations of the Finance Commission on increased devolution of funds to the States in the hope that the states will be able to commit necessary additional resources for meeting the objectives of the social sector schemes.
जगदलपुर के वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मीनारायण मुदलियार का निधन
रायपुर। जगदलपुर के वरिष्ठ पत्रकार व छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मीनारायण मुदलियार (80 वर्ष) का सोमवार 19 अक्टूबर को निधन हो गया. अंतिम संस्कार मंगलवार, 20 अक्टूबर को जगदलपुर में किया जाएगा. श्री मुदलियार के निधन पर आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजेश चौबे, छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरविंद अवस्थी, …
शुक्र मनाइए सुधीर चौधरी सरकार के मीडिया सलाहकार नहीं हुए अन्यथा पुरस्कार लौटाने वाले तिहाड़ जेल में होते!
Vineet Kumar : जिस संपादक/एंकर को सलाखों के पीछे होना चाहिए उसे मालिक ने प्राइम टाइम में देश की डीएनए टेस्ट करने के लिए बिठा दिया है. ऐसे में जाहिर है कि वो पत्रकारिता नहीं, शोले के डायलॉग बोलेगा. शुक्र मनाइए कि ऐसा संपादक अभी तक मीडिया सलाहकार नहीं हुआ है..नहीं तो उलटे पुरस्कार लौटानेवाले लेखक तिहाड़ जेल में होते. उनपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाता.
उस लड़की ने इंडिया टुडे टीवी की डिप्टी एडिटर प्रीति चौधरी से पलट कर पूछ लिया- आप जहां से आईं हैं, वो महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
Vineet Kumar : इंडिया टुडे टेलीविजन की डिप्टी एडिटर प्रीति चौधरी ने अपनी खास रिपोर्ट हाफ बिहार में सतरह-अठारह साल की एक लड़की से सवाल किया- आपको लगता है कि बिहार लड़कियों के लिए सुरक्षित जगह है? जाहिर है प्रीति चौधरी का सवाल करने का अंदाज ऑथिरिटेरियन था जैसा कि आमतौर पर टीवी के पत्रकार ठसक से पूछते हैं. हालांकि प्रीति चौधरी के इस शो की विजुअल्स और कैमरा वर्क पर गौर करें तो फ्रेम दर फ्रेम रवीश कुमार के शो ये जो हमारा बिहार है से मिलाने की कोशिश है.
हे टीवी मीडिया के महंतों, अब बताओ साहित्य कौन देख रहा है जो प्राइम टाइम में ताने हुए हो
Vineet Kumar : मुझे फिलहाल मीडिया के उन सारे महंतों का चेहरा याद आ रहा है जो उपहास उड़ाते हुए पूछते थे- अब कौन पढ़ता है साहित्य, कौन देखेगा साहित्य की खबर? अभी कौन देख रहा है जनाब जो प्राइम टाइम में ताने हुए हो..सीधे पैनल डिस्कशन पर उतरने से पहले दो मिनट की पैकेज तो लगा दो..पता तो चले काशीनाथ सिंह कौन हैं, मुन्नवर राणा कौन है, उदय प्रकाश किस पेशे से आते हैं?
ये बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती कि हम मेहनत से, बिना किसी से प्रभावित हुए काम करें और आप हमें दलाल बताएं : रवीश कुमार
Vineet Kumar : मैं तो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को सुझाव देना चाहता हूं कि आप ये बिल्कुल स्पष्ट कर दो कि कौन बीजेपी का पत्रकार है, उसके लिए काम कर रहा है, कौन कांग्रेस के लिए या किसी दूसरी पार्टी के लिए. सारा झंझट ही खत्म हो जाएगा. कम से कम लोगों के सामने चीजें स्पष्ट तो होंगी… लेकिन ये बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती कि हम मेहनत से, बिना किसी से प्रभावित हुए काम करें और आप हमें दलाल बताएं.
DUJ: On Guard Against Attacks on Journalists & Writers
On the eve of the emergency meeting of the Sahitya Kala Akademi Executive Board on October 23, 2015 the Delhi Union of Journalists appeals to the Akademi to take serious note of the protests by over 40 of its Award winning writers . The Akademi must redress its grave omission in not condemning and demanding action on the murders of writers, rationalists and thinkers in recent months.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी को साजिशन फंसाया
अलीगढ़ : शिक्षा के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुछ महीनों से राजनीति ज्यादा ही गर्माई हुई है। कहीं छात्रों का धरना चल रहा है तो कहीं विभिन्न राजनीतिक संगठन अमुवि पर अपने ब्यान देकर अमुवि की राजनीति को गर्माये हुये हैं। अमुवि की इस तरह की खबरों की कवरेज कर रहे फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी के खिलाफ अमुवि प्रशासन ने तहरीर देकर फंसाने का प्रयास किया है।
प्लीज, लेखकों-साहित्यकारों को अपमानित मत कीजिए…
आजकल साहित्य और साहित्यकारों में हलचल मची हुई है। लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए किए गए अब तक के सभी प्रयासों में साहित्य और साहित्यकारों की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता है। इसके साथ ही साहित्यकारों का आचार-व्यवहार लंबे समय से सरकार और आलोचकों के निशाने पर रहा है। पिछले दिनों लगातार घट रहीं असंवेदनशील घटनाओं के चलते साहित्यकारों का एक बड़ा वर्ग संभवतः व्यथित होकर सीधे सीधे बगावत पर उतर आया। इस बगावत के सुरों के बीच इक्का दुक्का लोगों ने शुरुआती तौर पर साहित्य अकादमी के सम्मान की वापसी की शुरुआत की। अब इसकी सूची बढ़ती जा रही है। एक दूसरे की देखा-देखी साहित्यकार इस सम्मान को वापस कर सरकार को एक नसीहत भी देने की कोशिश कर रहे हैं।
मुंबई के पत्रकारों के लिए नवभारत टाइम्स में मौका, 23 तक अप्लाई करें
मुंबई के उन पत्रकारों जिन्हें हिंदी ठीकठाक आती हो और मराठी / इंग्लिश के जानकार हों, के लिए नवभारत टाइम्स अखबार में वैकेंसी है. 23 तक अप्लाई कर सकते हैं. नभाटा मुंबई में छपे विज्ञापन के मुताबिक अखबार को अपनी संपादकीय टीम के लिए युवा और स्मार्ट पत्रकारों की तलाश है. अखबार को कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, संवाददाता, वरिष्ठ संवाददाता और ग्राफिक डिजाइनर की तलाश है.
जो व्यक्ति एक पत्रकार के रूप में जानने में लगा रहता है वह सफलता की परवाह नहीं करता : राम बहादुर राय
: स्पष्ट अभिव्यक्ति ही सरोकार की पत्रकारिता- स्वामी निरंजनानंद : आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र की पुण्यतिथि पर सम्मान समारोह सह संगोष्ठी : बिहार के चर्चित पत्रकार आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र की पुण्यतिथि पर लक्ष्मीकांत मिश्र मेमोरियल फाउंडेशन नई दिल्ली और पत्रकार समूह मुंगेर द्वारा आयोजित समारोह में ‘महात्मा गांधी और स्वामी सत्यानंद के विचारों के परिप्रेक्ष्य में पत्रकारिता के सरोकार’ विषय पर संगोष्ठी चर्चा में रही. इस संगोष्ठी की अहमियत इसलिए है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार हमले हो रहे हैं और लेखक पुरस्कार लौटा रहे हैं. बिहार में पत्रकारों के लिए घोषित सरकारी पुरस्कार फाइलों के बस्ते में धूल फांक रहा है. ऐसे समय में एक पत्रकार की याद में आयोजित विमर्श में पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं को लेकर समग्रता में बात हुई. कार्यक्रम में पांच लोगों को पुरस्कृत तथा सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलित कर किया.
एक जनपक्षधर आईपीएस के सामने बौनी साबित हो गई देश के सबसे बड़े सूबे की पूर्ण बहुमत वाली सरकार
इसे कहते हैं जनपक्षधरता की ताकत. लोग कहते हैं कि अगर आप नियम कानून पर चलेंगे, ईमानदारी व सत्य की वकालत करेंगे, आम जन के हितों को देखकर काम करेंगे तो आजकल का भ्रष्ट सिस्टम आपको कहीं का नहीं छोड़ेगा. लेकिन बात जब अमिताभ ठाकुर जैसे आईपीएस की हो तो लगता है कि नहीं, अब भी लड़ने वाले लोग अकेले होकर भी पूरे सिस्टम को अपने सामने झुकने, बौना दिखने के लिए मजबूर कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों और भ्रष्ट नीतियों की पोल खोलने वाले जनपक्षधर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को यूपी की पूर्ण बहुमत वाली सपा सरकार लाख कोशिश करके भी अरेस्ट नहीं कर पा रही है.
दैनिक जागरण के क्रूर उत्पीड़न के शिकार होकर अधनंगे हो चुके इन सैकड़ो मीडियाकर्मियों को आपके समर्थन की जरूरत है
Yashwant Singh : अदभुत वक्त है ये. अदभुत सरकार है ये. ताकतवर लोगों, कट्टर लोगों, पूंजीवादी लोगों, बाहुबली लोगों का राज चल रहा है. सरकार जनता के मसलों पर चुप है. महंगाई पर चुप है, उत्पीड़न पर चुप है, शोषण पर चुप है. बस केवल जो अनर्गल मुद्दे हैं, उनको हवा दी जा रही है, अनर्गल मुद्दों के आधार पर जनता का बंटवारा किया जा रहा है. मोदी से मीडिया वालों को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर कांग्रसी अराजकता का दौर जो खत्म हुआ था. लेकिन मोदी ने मीडिया वालों को यूं निराश किया और अराजकता की ऐसी कहानी लिखनी शुरू की है कि सब सकते में है.
दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने निलंबन वापसी और वेज बोर्ड लागू कराने के लिए अर्धनग्न होकर इंडिया गेट पर किया प्रदर्शन (देखें तस्वीरें)
नई दिल्ली। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने रविवार को इंडिया गेट पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने वहां उपस्थित लोगों को दैनिक जागरण के मालिकानों द्वारा की जा रही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के बारे में बताया। कर्मचारियों ने जागरण के मलिकानों द्वारा अपना हक़ मांगने पर बाहर किये गए 400 से अधिक कर्मचारियों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी।
अरनब गोस्वामी ने अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित किया
Abhishek Srivastava : टाइम्स नाउ के अरनब गोस्वामी आज बिहार चुनाव पर अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित कर रहे थे। अरनब शायद एबीपी न्यूज़ नहीं देखते, वरना वे इस निष्कर्ष पर पहुंचते कि संघ में एक भी आदमी सोचने वाला नहीं है। शाम को जब मुनव्वर राणा ने एबीपी के लाइव शो में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया, तब सिन्हाजी ने खीझ में कह डाला कि इस पुरस्कार वापसी के पीछे प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच हैं। अव्वल तो उदय प्रकाश से लेकर नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी लगायत तमाम लेखक इनमें से किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं।
कृष्ण कांत की नई पारी, दीपक मिश्रा का तबादला, इरशाद की नौकरी गई
युवा पत्रकार कृष्ण कांत ने नई पारी की शुरुआत तहलका मैग्जीन के साथ की है. इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक के जरिए अपने जानने वालों को दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि तहलका पत्रिका का ताजा अंक दादरी की घटना, लेखकों की हत्या, बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता को लेकर लेखकों के विरोध पर केंद्रित है. इस अंक में दादरी की घटना पर तीन स्टोरी के अलावा उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी, असगर वजाहत, सुभाष गाताडे, अपूर्वानंद, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, अनिल यादव, शीबा असलम फहमी, गिरिजाशंकर, मैथ्यू सैमुअल और राकेश सिन्हा के लेख हैं.
एबीपी न्यूज के तमाशेबाजों ने डरा कर रख दिया…
आलोक कुमार : एबीपी न्यूज के तमाशेबाजों ने डरा कर रख दिया। शो हिट कराने के लिए मेरे प्रिय शायर मुनव्वर राना को निशाने पर ले लिया। हमारे दौर के सबसे संवेदनशील रचनाकार मुनव्वर को एवीपी वालों ने “निशान ए साहित्य अकादमी” और सम्मान की एक लाख रूपए की राशि के साथ आने को राजी कर लिया था। लाइव शो में गजब का डायलॉग बोलकर मुनव्वर साब ने सम्मान वापसी का एलान कर दिया। यह हमारे इर्द गिर्द बढती असहिष्णुता पर जबरदस्त तमाचा है। मैं अंदर से हिल गया हूं और सचमुच लगा रहा है कि अब अति हो गई है। सरकार को सम्मान लौटाने वालों के साथ तत्काल संवाद कायम करना चाहिए। इसके लिए साहित्यकारों की संवेदना की इज्जत करने वाले व्यक्ति को सामने करना चाहिए। वरना हमारी शानदार पहचान को घातक चोट लगने का सिलसिला जारी रहेगा।
दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में बाउंसर लगा दिए गए!
Fourth Pillar : अब इनकी इज्जत होगी बाउंसरों के हवाले… इज्जत बहुत बड़ी बात होती है। आम आदमी कमाता है इज्जत के लिए। कहा जाता है कि आम आदमी की इज्जत लाख रुपये की होती है। अखबार मालिकों की तो करोड़ों में आंकी जाएगी। लेकिन दैनिक जागरण प्रबंधन ने पैसे के लिए अपनी इज्जत को दांव पर लगा दिया है। अखबार की प्रोफाइल और छवि दोनों खराब हो गई है, फिर भी संजय गुप्ता साहब मस्त हैं। उन्हें शायद यह नहीं पता है कि वह उसी छवि की रोटी खा रहे हैं। कहावत तो वही चरितार्थ हो रही है कि चमड़ी भले ही चली जाए पर दमड़ी न जाए। दमड़ी से आशय मजीठिया वेतनमान से है।
एबीपी न्यूज के लाइव शो में मुनव्वर राणा ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया
दिनेशराय द्विवेदी : एबीपी न्यूज के लाइव शो में भाजपा, संघ और सरकार के प्रतिनिधियों ने अपने व्यवहार से सिद्ध कर दिया कि साहित्यकारों द्वारा अकादमी पुरस्कार लौटाना इस वक्त की सख्त जरूरत थी।
सांप्रदायिकता की वजह ये राजनीति के ठेकेदार हैं, जिनमें बीजेपी सबसे ऊपर है : असीम त्रिवेदी
युवा कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी अपने कार्टून्स के जरिए भारत की स्थिति को उकेरते रहे हैं. कुछ कार्टून्स को विवादित माना गया और इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इस पूरी परिघटना के कारण असीम त्रिवेदी काफी चर्चित हुए. यूपी में शुक्लागंज के रहने वाले असीम राजनीति और समाज के बारे में किस तरह से सोचते हैं, इसको लेकर उनसे युवा पत्रकार हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’ ने बातचीत की.
जागरण कर्मियों का आंदोलन जारी, दूसरे दिन भी बैनर-पोस्टर के साथ बैठे धरने पर (देखें तस्वीर)
दैनिक जागरण धर्मशाला यूनिट के आंदोलनकारी जागरणकर्मियों ने दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा. मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी देने, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्गत आदेशों को मानने, कर्मचारियों को बहाल करने संबंधी कई मांगों को लेकर दैनिक जागरण धर्मशाला के मीडियाकर्मी इन दिनों हड़ताल पर चल रहे हैं. यह हड़ताल नोएडा से लेकर हिसार, पानीपत, जम्मू, जालंधर, धर्मशाला आदि जगहों पर है. प्रबंधन जैसे तैसे अखबार छाप पा रहा है.
लाइव इंडिया चैनल की मूल कंपनी समृद्ध जीवन व इसके डायरेक्टरों पर मुंबई स्टाक एक्सचेंज और नेशनल स्टाक एक्सचेंज ने लगाई पाबंदी
एक बड़ी खबर ये है कि लाइव इंडिया चैनल संचालित करने वाली चिटफंड कंपनी समृद्ध जीवन और इसके डायरेक्टरों पर मुंबई स्टाक एक्सचेंज व नेशनल स्टाक एक्सचेंज ने पाबंदी लगा दी है. इस पाबंदी के बाद कंपनी अगर किसी किस्म का कारोबार या निवेश कराती है तो उसे अवैध माना जाएगा. ज्ञात हो कि समृद्ध जीवन कंपनी के नाम पर इसके मालिकों ने देश भर की जनता को हसीन सपने दिखाकर अरबों खरबों रुपये लूटे हैं और इस लूट को शादी ब्याह के नाम पर पैसे की तरह बहाया है. मुंबई स्टाक एक्सचेंज और नेशनल स्टाक एक्सचेंज द्वारा पाबंदी लगाने से संबंधित दस्तावेज नीचे दिए जा रहे हैं.
‘समाचार प्लस’ चैनल ने मुझ स्ट्रिंगर का छह महीने का पैसा मार लिया!
समाचार प्लस चैनल की रीयल्टी. पत्रकारों का शोषण करने वाला चैनल. न्यूनतम वेतन से भी कम देने वाला चैनल. छ माह की तनख्वाह खा जाने वाला चैनल. असभ्य और बदमिजाज एडिटर वाला चैनल. अपनी बात से बार बार पलटने वाले सम्पादक. स्ट्रिगरों का हक मारने वाले. खबर के लिए चौबीस घण्टे फोन करने वाले. वेतन के लिए फोन नहीं उठाने वाले. रोज शाम राजस्थान की जनता को ज्ञान बॉटने वाले सम्पादक महोदय. एक स्ट्रिगर के सवालों का जवाब नहीं दे पाते. राजस्थान के दर्जनों पत्रकारों के मेहनत के पैसे खा जाने वाले. पत्रकारो को आईडी कार्ड नहीं देने वाले. ऐसा चैनल जिसमे एकाउण्ट और एचआर डिपार्टमेन्ट नहीं हो. गेजुएट, पोस्ट गेजुएट और बीजेएमसी पास युवाओं को मजदूर से कम वेतन देने वाले, वह भी चार माह की देरी से. ये सब करता है समाचार प्लस चैनल.
…तब हमारा ब्रह्माण्ड लिंग नुमा सुरंग में धंसते हुए निकटवर्ती ब्रह्माण्ड में समाहित हो जाएगा!
(विजय सिंह ठकुराय)
अब बात ब्रह्माण्ड के अंत से लेकर आरम्भ तक की. THE BEGINNING OF EVERYTHING. लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व ब्रह्माण्ड में समय और काल की अवधारणा शून्य थी. भौतिकी के नियम अस्तित्व में नहीं थे. दृश्य ब्रह्माण्ड का समस्त पदार्थ अपने फंडामेंटल स्वरुप (क्वार्क-ग्लुआन प्लाज़्मा) के रूप में एक पिन पॉइंट के आकार के द्रव्यमान (10^-26 मीटर) में सिमटा हुआ था. और एक विस्फोट हुआ.
13 अप्रैल 2029 की सुबह धरतीवासियों की जिंदगी की आखिरी सुबह होगी अगर 350 मीटर लंबा उल्का पिंड टकरा गया
(विजय सिंह ठकुराय)
महाप्रलय… क़यामत… डूम्स डे… THE END OF EVERYTHING… 13 अप्रैल-2029… हो सकता है… इस दिन की सुबह आपकी जिन्दगी की आखिरी सुबह हो.. APOSPHIS नामक 350 मीटर लम्बा उल्का पिंड 13 अप्रैल 2029 को, आज से ठीक 14 साल बाद, पृथ्वी की तरफ आएगा और 97.3% चांस है कि पृथ्वी की ग्रेविटी के कारण इस उल्कापिंड की कक्षा विचलित हो जाने के कारण ये पृथ्वी से 29470 km की दूरी से निकल जाएगा… इतनी कम दूरी होने के कारण आप “अपनी मौत के सामान” को नंगी आँखों से आसमान में जाते हुए देख सेल्फी ले पाएंगे लेकिन… 2.7% चांसेज है कि (हमारी कैलकुलेशन गलत हो सकती है) टकरा जाए और अगर ऐसा हुआ तो अगले क्षण की तुलना आप उस तबाही से कर सकते हैं जो “हिरोशिमा और नागासाकी” पर गिराए आणविक बम जैसे 65000 बम एक साथ पृथ्वी पर गिरा देने से आयेंगे… 2.7% यानि 1 in 37 chance… लेकिन मायूस होने की जरूरत नहीं….
हां, मैंने विजिलेंस विभाग के डायरेक्टर भानु प्रताप सिंह को चोर और बेइमान कहा : अमिताभ ठाकुर
Amitabh Thakur : यदि आप मुझे अरेस्ट करते हैं तो यकीन मानिये अगले साल मुख्यमंत्री हो जाऊँगा. (विजिलेंस विभाग द्वारा मेरे घर 13 अक्टूबर के छापे के दौरान मेरे शब्द, जैसा विजिलेंस ने उस समय किये गए वीडियो रिकॉर्डिंग में कोर्ट में पेश किया है)। विजिलेंस विभाग द्वारा मेरे घर छापे के दौरान उनके द्वारा की गयी वीडियो रिकॉर्डिंग के अंश न्यायालय में पेश किये हैं जिसके अनुसार पूरे छापे के दौरान मैं विजिलेंस अफसरों के सामने लगातार उनके निदेशक भानु प्रताप सिंह को चोर और बेईमान कह रहा हूँ और उन पर यह आरोप लगा रहा हूँ कि वे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कहने पर यह सब कर रहे हैं.
भाजपा नेता ने महिला पत्रकार से कहा- तुम्हारा कोई रेप कर दे तो हम क्या कर सकते हैं!
दिल्ली में दो बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद भाजपा नेताओं के विवादास्पद बयान आए हैं. भाजपा नेता श्याम जाजू के बाद कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा ने एक पत्रकार को एक ऐसा बयान दिया है जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. बेंगलोर में एक महिला पत्रकार कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम ईश्वरप्पा से दिल्ली में दो बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटना पर प्रतिक्रिया मांग रही थी.
टीआरपी में फिसड्डी ‘आजतक’ अब फेसबुक लाइक्स में नंबर वन होने का दावा करने लगा
आजतक न्यूज चैनल को खुद को नंबर वन चैनल बताने का रोग लग चुका है. कंटेंट के स्तर पर दिनों दिन गर्त में जा रहा यह न्यूज चैनल टीआरपी में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है लेकिन खुद को नंबर वन बताने का जुमला छोड़ने का नाम नहीं ले रहा. अब वह फेसबुक लाइक्स के मामले में एक करोड़ का दावा करके खुद को नंबर वन बताने लगा है. इस बाबत आजतक न्यूज चैनल ने खुद की वेबसाइट पर लंबा चौड़ा स्व-प्रचार प्रकाशित किया है.
चंदौली का हेमंत हत्याकाण्ड : पत्रकारिता बनाम गजब छीछालेदर
: टीवी-24 ने हेमंत को अपना यूपी प्रमुख का ऐलान किया : अनाम से सदुलपुर टाइम्सं का भी यूपी रिपोर्टर था हेमंत : परिवारीजनों को दी गयी पांच लाख रूपयों की आर्थिक मदद : चंदौली : यह मत समझिये कि चंदौली जैसे जिलों के छोटे-मोटे पत्रकार ही गड़बड़ी करते हैं। यूपी से लेकर दिल्ली तक के आला पत्रकार भी ऐसी-ऐसी करतूतें-दलाली करते मिल जाएंगे कि आप दांतों के तले उंगलियां दबा लें। नजीर है चंदौली के हेमंत यादव का मामला, जो लेखपाल और सिपाही से उगाही के लिए तहसीलदार, सीओ, चौकी प्रभारी और थानाध्यक्ष के दावा ही मंडराता रहता था। लेकिन जैसे ही हेमंत की हत्या हुई, दिल्ली के एक न्यूज चैनल ने उसे अपना यूपी प्रभारी होने का दावा कर लिया। टीवी-24 नाम के इस चैनल ने हेमंत की हत्या के बाद जो प्रमाणपत्र जारी किया है, उसमें हेमंत को पूरे प्रदेश में संवाददाताओं की नियुक्ति का अधिकार देने के साथ ही साथ उसे विज्ञापन का भी पूरा जिम्मा भी थमा दिया है।
पुलिस का दावा- चंदौली के पत्रकार हेमंत यादव के हत्यारे उनके परिजन ही, चार गिरफ्तार
चंदौली में हुई टीवी-24 के पत्रकार हेमंत यादव की हत्या में चंदौली क्राइम ब्रांच ने दावा किया है कि उसने हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि हेमंत की हत्या पारिवारिक कलह के चलते हुई. पुलिस के मुताबिक धीना थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद 4 लोग गिरफ्त में आये हैं जिनके पास से तीन असलहे, हत्या में प्रयुक्त बाइक, हेमंत का आईडी कार्ड बरामद हुआ है.
कोर्ट ने भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार दिनेश कुमार को सुरक्षा देने का आदेश दिया
बिलासपुर । हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार और जनहित के मुद्दों को उजागर करने वाले पत्रकार को सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उसके खिलाफ चल रहे मुकदमों में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि जीवन और शरीर की सुरक्षा का अधिकार सभी को है। इस आधार पर पत्रकार को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश दिया है। दुर्ग के मालवीय नगर निवासी दिनेश कुमार पिछले 15 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे हैं। वे भ्रष्टाचार, जनहित के मुद्दों को प्रमुखता के साथ अखबारों में प्रकाशित करते रहे हैं।
अवॉर्ड लौटाने वालों को ‘थके हुए लोगों’ की संज्ञा देने वाले शायर मुनव्वर राणा सोशल मीडिया पर घिरे
Mohammad Anas : ऊर्दू मुशायरों के मंच से देश के बिगड़ते हाल पर, मुसलमानों के साथ नाइंसाफी पर शाइरी करने वाले और साहित्य अकादमी अवार्ड पाने वाले मुनव्वर राना साहब ने अभी तक अपना मुंह क्यों बंद कर रखा है? क्या उनके लिए इंसानी जान सिर्फ शाइरी के अशआर और नोटों की गड्डियां हैं या फिर विरोध का प्रतीक भी। पनसारे, दाभोलकर और कलाबुर्गी की हत्या पर तो वे चुप रहे क्या वे अख्लाक़ की हत्या पर भी खामोशी अख्तियार करे रहेंगे जबकि उनको पता है कि एक बड़ी साज़िश के तहत मुसलमानों को इस मुल्क में परेशान किया जा रहा है।
Dainik Jagran Govt Advertisement Scandal Case reaches Patna High Court
By ShriKrishna Prasad
: RTI activist, Raman Kr.Yadav files the Revision Petition to quash the A.D.J(V) ‘s order of Muzaffarpur court : New Delhi, Oct. 16. An R.T.I activist, Raman Kumar Yadav, son of Sri Dev Narayan Yadav, a resident of Safi Daudi Market, Motijheel, P.S-Town, District-Muzaffarpur, State-Bihar, has filed a Criminal Revision Petition, bearing No. 965 of 2014, in the Patna High Court, and has prayed to the court to quash the impugned order of the Additional District & Sessions Judge of Muzaffarpur in the Criminal Revision Petition No. 188 of 2013 , dated 21 June, 2014.
लाइव शो के दौरान रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में खाता होने संबंधी सवाल पूछने वाले ‘बंसल न्यूज’ के पत्रकार पर गिरी गाज
रायपुर से एक बड़ी खबर आ रही है. बंसल न्यूज नाम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल में काम करने वाले पत्रकार मोहन तिवारी को छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह से उनके बेटे का विदेशी बैंक में एकाउंट होने संबंधी खबर पूछना काफी महंगा पड़ गया. सरकार ने बंसल न्यूज का विज्ञापन रोक दिया और बंसल न्यूज ने मोहन तिवारी को छुट्टी पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि मुश्किल सवाल से अचकचाए रमन सिंह ने बाद में पत्रकार को चैनल से हटवा दिया. रमन सिंह के इशारे पर डीपीआर ने चैनल का विज्ञापन बंद कर दिया.
हे अफसरों! हे कर्मचारियों! इन तस्वीरों को देखिए और सोचिए, क्या आप भी इसी तरह रेंगते हुए जीवन तो नहीं बिता रहे!
कुछ दिनों पहले ये तस्वीरें और इनसे संबंधित खबर इंटरनेट पर देख पढ़ कर शाक्ड रह गया. चीन में टारगेट न पूरा करने पर कर्मचारियों को घुटने के बल रेंगने चलने को कहा गया. यह सब पब्लिकली किया गया. कर्मचारी नौकरी बचाए रखने के चक्कर में न सिर्फ सार्वजनिक तौर पर घुटने पर रेंगे बल्कि लोगों ने जब इसकी तस्वीरें खींची तो प्रतिरोध तक नहीं किया. कई कर्मचारियों के आंसू निकल गए. उन्हें कोई दूसरा कर्मचारी सांत्वना देने लगा. ये सब कुछ तस्वीरों में कैद है. इन तस्वीरों को इंटरनेट पर खबर के साथ ज्यादातर पोर्टलों चैनलों ने प्रसारित प्रकाशित किया.
इंडिया टीवी और जी न्यूज के अच्छे दिन आ गए, टीआरपी में एक हुआ नंबर वन, दूसरा दो नंबर पर
नरेंद्र मोदी की सरकार आते ही अच्छे दिन भले किसी के आए हों या न आए हों, इंडिया टीवी और जी न्यूज के तो आ ही गए. दिन रात मोदी भक्ति में लीन इन न्यूज चैनलों की टीआरपी ने इन्हें क्रमश: नंबर एक और नंबर दो का पायदान दिला ही दिया. पिछले कई हफ्तों से ये दोनों चैनल नंबर एक या दो पर हैं. आजतक जो हमेशा नंबर वन होने का दावा करता रहता है, इन दिनों नंबर तीन पर सांसें ले रहा है. आजतक के लिए ये बहुत बड़ा झटका है.
चंदौली-कांड: पुलिस, प्रधान, दलाल व पत्रकार की करतूत है हेमन्त की हत्या
: चंदौली में जितने दारोगा, उससे छह गुना पत्रकार : हत्या का मामला खोलने के बजाय सिर्फ मटरगश्ती कर रही है पुलिस, सिर्फ वादा : बात-बात पर वसूली करते हैं चंदौली के पराडकर-वंशज : चंदौली : 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक हेमंत यादव के हत्यारों को नहीं खोज पायी है। हां, पिछले छह दिनों से पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को हवालात में बंद रखा है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पाया। हैरत की बात है कि इस हत्या को लेकर चंदौली के एक बड़े पत्रकार संगठन उपजा में जबर्दस्त उठापटक शुरू हो चुकी है। यहां के एक बड़े पदाधिकारी विनय वर्मा ने उपजा से इस्तीफा दे दिया है। हत्या और उसकी साजिश की तपिश इस संगठन के मौजूदा अध्यक्ष दीपक सिंह का चेहरा झुलसा रही है।
मुनादी से महानाद तक!
किसने सोचा था की सहारा ढूंढने की उम्र वाले कलमकार सवा सौ करोड़ अवाम वाले इस नौजवान देश का इतना मज़बूत सहारा बनेंगे? शशदर हम जब नाउम्मीदी के दलदल में बेरोक धंस रहे थे, जब जंतर-मंतर में हमारे गले सूख गए थे, जब हुकूमत से शह पाये हत्यारे-गिरोह इस मिटटी के पंसारों की दोनों आँखों के बीच नली रख दाग़ रहे थे, जब सत्ता के अभयदान प्राप्त हमारे दाभोल्करों को सुबह सवेरे गोली मार रहे थे, जब किसी भी बेचारे को घर-बिस्तर से खींच कर कुचल कुचल के मारा जा रहा था, और ऐलान हो रहा था की मौत का ये नंगा नाच जारी रहेगा, जब सीनाजोरी सबसे निर्लज्ज अवस्था में आँख में आँख डाले खड़ी थी, जब अँधेरा सबसे ज़्यादा घना हो चला था, तभी अवाम के कलमकारों ने उम्मीद की डोर थाम ली। 2010 में ‘साहित्य और मीडिया’ पर अविनाश दास द्वारा मोहल्ला डॉट कॉम के मंच से आयोजित ‘बहसतलब’ गोष्ठी में हिंदी साहित्यकार राजेंद्र यादव ने कहा था की ‘साहित्यकार बेहतर प्रवक्ता हो सकते हैं समाज के’. आज साहित्यकार प्रवक्ता से आगे जा कर कर्णधार हो गए इस गरु दौर के.
पढ़िए ‘दृष्टांत’ मैग्जीन की कवर स्टोरी : काशी का कलंक
लखनऊ से निकलने वाली चर्चित मैग्जीन ‘दृष्टांत’ की कवर स्टोरी इस बार भी यूपी के बदनाम आईएएस नवनीत सहगल पर केंद्रित है. यह नौकरशाह मायावती का भी प्रिय रहा है और इन दिनों अखिलेश यादव का भी प्रिय अफसर है. ‘दृष्टांत’ मैग्जीन के संपादक अनूप गुप्ता ने अबकी कवर स्टोरी में बनारस के विश्वनाथ मंदिर को लेकर बताया है कि किस तरह सौ करोड़ हिंदुओं की आस्था के इस प्रतीक का सौदा नवनीत सहगल ने मुंबई की एक कंपनी के साथ कर लिया था. पूरी कवर स्टोरी नीचे प्रकाशित है>>
पत्रकार हेमन्त यादव के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पत्रकारों ने की महापंचायत
: पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये व एक नौकरी दे सरकार : यूपी के मुगलसराय में चंदौली जिले के पत्रकारों की एक महापंचायत आयोजित की गयी। महापंचायत में विगत दिनों हुई पत्रकार हेमंत यादव की हत्या के बाद हत्यारों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को बीस लाख रुपये का मुआवजा और एक नौकरी दिलाने की मांग पर चर्चा की गयी। तत्पश्चात पत्रकारों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर एक मौन जुलुस निकाला जिसके जरिये शासन प्रशासन के उपेक्षित रवैये के खिलाफ चेतावनी दी गयी।
एमआरयूसी में नियुक्तियां : राधेश नए सीईओ, चेयरमैन आई वेकेंट और वाइस चेयरमैन संजय त्रिपाठी बने
मीडिया रिसर्च काउंसिल यानि एमआरयूसी की सीईओ शाश्वती सरदार ने पांच वर्षों की अपनी लंबी पारी के बाद इस्तीफा दे दिया है. उनकी जगह राधेश उचिल को नया सीईओ बनाया गया है. साथ ही संस्थान को नया चेयरमैन और नया वाइस चेयरमैन भी मिला है. आई वेंकट जो उषोदया इंटरप्राइजेज के एमडी हैं, एमआरयूसी के नए चेयरमैन नामित किए गए हैं. उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा. अभी तक ग्रुप एम साउथ एशिया के सीईओ सीवीएल श्रीनिवास चेयरमैन हुआ करते थे.
अक्टूबर में शुरू होने वाले डीडी नेशनल के चार नए शो IPS DIARY , MASHAAL , Albeli और Sur Sagar के बारे में जानें
Doordarshan National to further strengthen its prime time with a new Bouquet of TV Shows in October
New Delhi, 15th Oct: Fulfilling its promise to bring in new content with absolutely new shows of different genres, Doordarshan National, this October, brings a spate of new shows – from a daily soap, two crime shows and a scintillating weekend music reality show.
धर्मशाला जिला मुख्यालय में दैनिक जागरण के खिलाफ निकला जुलूस, लगे नारे (देखें तस्वीरें)
धर्मशाला, 15 अक्तूबर। मजीठिया वेज बोर्ड के तहत वेतनमान व एरियर की मांग करने पर दैनिक जागरण से सस्पेंड किए गए धर्मशाला यूनिट के कर्मियों ने आज जिला मुख्यालय में रैली निकाल कर दैनिक जागरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जगरण प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाने पर सस्पेंड किए गए 18 कर्मियों ने पहले दैनिक जागरण की पठानकोट-मनाली एनएच किनारे शाहपुर के बनोई में स्थित प्रेस के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। वीरवार को वे जिला मुख्यालय में पहुंचे और यहां दैनिक जागरण के मालिक संजय गुप्ता और प्रबंधन के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर जमकर नारेबाजी की।
दबंग दुनिया में कीर्ति राणा और ईशान अवस्थी संपादक बने, राजेंद्र तिवारी समेत तीन ने दिया इस्तीफा
दबंग दुनिया से खबर है कि कुछ लोगों ने की नई नियुक्ति हुई है और कइयों ने इस्तीफा दिया है. वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा उज्जैन के संपादक बनाए गए हैं. ईशान अवस्थी को इंदौर एडिशन का एडिटर बनाया गया है. वहीं दबंग दुनिया जबलपुर से पत्रकार राजेन्द्र तिवारी, अनंत चतुर्वेदी लीगल रिपोर्टर तथा पेज डिजाइनर मुकेश झारिया ने मैनेजमैंट के रवैये से तंग आकर नौकरी छोड़ दी है.
पांच लेखक संगठनों ने लेखकों की ओर से जारी प्रतिरोध पर जारी किया साझा बयान और आगामी कार्यक्रमों की सूचना
आज़ादी और विवेक के पक्ष में : प्रलेस, जलेस, जसम, दलेस और साहित्य-संवाद का साझा बयान
देश में लगातार बढ़ती हुई हिंसक असहिष्णुता और कट्टरपंथ के ख़िलाफ़ पिछले कुछ समय से जारी लेखकों के प्रतिरोध ने एक ऐतिहासिक रूप ले लिया है. 31 अगस्त को प्रोफेसर मल्लेशप्पा मादिवलप्पा कलबुर्गी की हत्या के बाद यह प्रतिरोध अनेक रूपों में प्रकट हुआ है. धरने-प्रदर्शन, विरोध-मार्च और विरोध-सभाएं जारी हैं. इनके अलावा बड़ी संख्या में लेखकों ने साहित्य अकादमी से मिले अपने पुरस्कार विरोधस्वरूप लौटा दिए हैं. कइयों ने अकादमी की कार्यकारिणी से इस्तीफ़ा दिया है. कुछ ने विरोध-पत्र लिखे हैं. कई और लेखकों ने वक्तव्य दे कर और दीगर तरीक़ों से इस प्रतिरोध में शिरकत की है.
आईपीएस संजीव भट्ट प्रकरण में जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सुप्रीम कोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए हल्ला बोला
The decision of the Supreme Court in Sanjiv Bhatt’s case violates its own earlier verdicts
Markandey Katju : The Supreme Court has flouted its own earlier verdicts.. The decision of the Supreme Court in Sanjiv Bhatt’s case violates its own earlier verdicts. An upright police officer who bravely took on the crooked Establishment and exposed its misdeeds, has been castigated by the Court in sweeping language which seems calculated to please the ruling party. The Court observed that Sanjiv Bhatt had not come with clean hands, had not acted bona fide, and described him as ‘a tool in the hands of rival parties, activists and vested interests’.
वरिष्ठ पत्रकार पारस नाथ सिंह नहीं रहे
पटना : वरिष्ठ पत्रकार पारस नाथ सिंह नहीं रहे. बुधवार की सुबह अपने पैतृक गांव पटना जिले के तारणपुर में उन्होंने अंतिम सांस लीं. 101 वर्षीय पारसनाथ सिंह ने पत्रकारिता जगत के स्तंभ माने जानेवाले विष्णुराव पराडकर के साथ काम किया था. पराडकर के साथ काम करनेवाले वह देश के अकेले पत्रकार रह गये थे. उनका अंतिम संस्कार बुधवार की दोपहर गुलबी घाट पर कर गया. छोटे बेटे हिमांशु शेखर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी.
घोटाले की खबर दिखाने वाले न्यूज चैनलों पर केजरीवाल सरकार 500 करोड़ तक की मानहानि का दावा ठोकेगी!
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पिछले दिनों प्याज को लेकर खबर दिखाने वाले टीवी चैनलों पर मानहानि का दावा करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार संबंधित टीवी चैनल पर 500 करोड़ रुपए तक का मानहानि का दावा कर सकती है। उक्त चैनल के संबंध में दिल्ली सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर विज्ञापन भी जारी किए थे। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि कुछ न्यूज चैनल व समाचार पत्र खबरों की पुष्टि किए बिना सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
मैं इन दिनों घोर अंतर्द्वन्द से गुज़र रहा हूँ, भीतर से बेचैन हूँ : रवीश कुमार
इक छोटी सी इल्तज़ा है आपसे
दोस्तों
मैं सोशल मीडिया से किसी के डर के कारण नहीं गया हूँ। मैं ऐसा न अपने साथ कर सकता हूँ और न आपके साथ। यह बात दिमाग़ से निकाल दीजिये कि चार लोग हैंडल बनाकर इधर उधर टैग कर कुछ लिख देंगे तो मैं डर जाऊँगा। मैं सिर्फ इसी बात को लेकर डरा रहता हूँ कि मुझसे कोई ग़लती न हो जाए और हो भी गई तो जान नहीं देने वाला। कुछ लोग और समूह हैं जो मुझसे डरते हैं। मेरी किसी रिपोर्ट या लिखावट से इतना डर जाते हैं कि इन्हें लगता है कि कहीं दुनिया ने उस पर यक़ीन कर लिया तो क्या होगा। ऐसा न हो सकता है और न किसी पत्रकार को यह मुगालता पालना चाहिए। पर उनका दाँव बहुत ज्यादा है इसलिए वे डर कर मुझे डराने के नाम पर अनाप शनाप लिखते हैं। तो उस तरफ डरपोकों की फौज है जो दिन रात अफवाह फैला रही है। ट्वीटर और फेसबुक पर नक़ली पेज बनाकर सांप्रदायिक किस्म के भी अफवाह फैलाये जा रहे हैं।
जो व्यक्ति अपने पेशे से गद्दारी करके जेलयात्रा कर चुका है वह साहित्यकारों को उपदेश दे रहा है!
जी न्यूज के एडिटर सुधीर चौधरी ने लेखकों को जो नसीहत व सलाह दी है, उसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी भड़क गए हैं. घनघोर भाजपाई पत्रकारिता करने वाले सुधीर चौधरी को एक्स कैटगरी सुरक्षा भी मोदी सरकार ने दी है. इसके बाद तो सुधीर को जो जी में आता है, जी न्यूज पर लाइव बक देते हैं. उनकी इस बकबक से जी ग्रुप समेत समस्त मीडिया जगत की इज्जत तार तार हो रही है. लेकिन आजकल सेटिंग गेटिंग रेवेन्यू रिलेशन के चक्कर में कौन पत्रकारिता व नैतिकता को देखता है. हां, सोशल मीडिया पर लोग अपने अपने तरीके से भड़ास निकाल कर अपनी प्रतिरोध जरूर दर्ज करा देते हैं. पढ़िए, सुधीर चौधरी ने क्या सलाह दी और उसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग क्या क्या लिख रहे हैं, कुछ चुनिंदा स्टेटस व कमेंट्स नीचे पेश है. -एडिटर, भड़ास4मीडिया
शोभना भरतिया, शशि शेखर समेत कई शीर्ष ‘हिंदुस्तानियों’ की धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 3 नवंबर को
Supreme court will hear Shobhana Bhartia’s SLP on 3 Nov
Chairperson Shobhana Bhartia, Journalists Shashi Shekhar, Akku Srivastawa, Binod Bandhu and Publisher Amit Chopra are named accused persons in the Munger (Bihar) Kotwali P. S Case No. 445/2011, u/s 8(B),14 & 15 of the Press and Registration of Books Act, 1867 and Sections 420, 471 and 476 of IPC in the Rs.200 crore Dainik Hindustan Government Advertisement Scam of Bihar.
हिदी न्यूज चैनलों में बस रवीश और एनडीटीवी ही उम्मीद हैं!
Naveen Sinha : रविश का चुनाव के समय बिहार जाना और बिहार को नए नजरिये से देखना। ndtv पर रविश का ‘ये जो बिहार है’ एक बार पुनः उनको अलग कर रहा है भीड़ से। बिहार की लडकियों की साइकिल शक्ति को एक नए रूप में आज दुनिया को रविश ने दिखाया। कार्यक्रम के बीच एक जगह उन्होंने अंग्रेजी की बड़ी जोरदार वकालत की जो एक बिहारी के रूप में शायद उनके भी संघर्ष के दिनों का दर्द रहा होगा।
सलाम रवीश कुमार, बिहार के सामाजिक परिवर्तन की कहानी देश के सामने रखने के लिए
Nachiketa Desai : सलाम रवीश कुमार! बिहार के सामाजिक परिवर्तन की कहानी देश के सामने रख रहे हैं. आज के कार्यक्रम ‘ये जो मेरा बिहार है’ में रवीश ने दिखाया कैसे नितीश कुमार ने बिहार की लड़कियों को मुफ्त में साइकिल दे कर बिहार की लड़कियों को आज़ादी दिलाई, उड़ान भरने का सपना दिखाया.